बुधवार, 15 जून 2011

जिलों में ही तय होंगे खेलवृत्ति के खिलाड़ी

प्रदेश के खिलाड़ियों को मिलने वाली खेलवृत्ति के साथ नकद राशि पुरस्कारों के पात्र खिलाड़ियों के चयन का जिम्मा अब सीधे जिला खेल अधिकारियों को दिया गया है। पूर्व में सभी जिलों से आवेदनों को खेल संचालनालय भेज दिया जाता था, जहां पर खिलाड़ियों की चयन किया जाता था।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक ओपी शर्मा ने बताया कि खेलवृति के लिए खिलाड़ियों के चयन का अधिकार सभी जिलों के खेल अधिकारियों को दिया गया है। इसी के साथ नकद राशि पुरस्कार में मिलने वाले खेल शिखर, खेल गौरव और खेल अंकुर के पात्र खिलाड़ियों का भी चयन जिला खेल अधिकारी करेंगे। खेल शिखर पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर वर्ग में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। इस पुरस्कार में स्वर्ण विजेताओं को 25 हजार, रजत विजेताओं को 20 हजार, और कांस्य विजेतओं को 10 हजार की राशि दी जाती है। जूनियर खिलाड़ियों के खेल गौरव में स्वर्ण विजेताओं को 15 हजार, रजत विजेताओं को 10 हजार और कांस्य विजेताओं को सात हजार की राशि मिलती है। सब जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण जीतने वालों को 10 हजार, रजत जीतने वालों को पांच हजार और कांस्य जीतने वालों को चार हजार की राशि मिलती है।
खेलवृत्ति में जिला स्तर पर सब जूनियर खिलाड़ियों को 18 सौ, जूनियर खिलाड़ियों को 24 सौ, सीनियर खिलाड़ियों को तीन हजार की राशि दी जाती है। राज्य स्तर के पदक विजेताओं को सब जूनियर में 24 सौ, जूनियर में तीन हजार और सीनियर में तीन हजार छह सौ की राशि दी जाती है। खेलवृत्ति के लिए एक जिले में 25 खिलाड़ियों की संख्या तय है। वैसे खेल संचालक को अधिकार है कि वे इस संख्या को वे प्रतिभाओं के हिसाब से बढ़ा भी सकते हैं।
उपसंचालक ने बताया कि अब सभी जिलों में खेलवृति और नकद राशि पुरस्कारों के आवेदनों की छटनी होगी और पात्र खिलाड़ियों की सूची खेल संचालनालय भेजी जाएगी। इस सूची के आधार पर संचालनालय जिलों को राशि आबंटित करेगा।




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