भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के छह सप्ताह के प्रमाणपत्र कोर्स के अंतिम चरण में छत्तीसगढ़ के 65 प्रतियोगी अगले सप्ताह परीक्षा देंगे। छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों को साई ने विशेष मौका दिया है। यह मौका छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए दिया गया है।
खेल विभाग की पहल पर प्रदेश के आदिमजाति कल्याण विभाग के स्कूलों के करीब 50 खेल शिक्षकों के साथ खेलों से जुड़े अन्य 15 लोगों को साई
के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय में प्रमाणपत्र कोर्स के लिए पिछले माह भेजा गया था। इन प्रतियोगियों के बारे में साई में पहले यह आपति सामने आई की ये बीपीएड किए हुए हैं और कोर्स के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसे में क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने सभी का खेल का बैकगाऊंड मंगाया और पटियाला में खबर करने के साथ वहां बताया गया कि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए इनको तैयार किया जा रहा है और इनका सारा खर्च खेल विभाग उठा रहा है।
आरके नायडु ने संपर्क करने पर बताया कि छत्तीसगढ़ के किसी भी प्रतियोगी को बाहर नहीं किया गया है और सभी अगले सप्ताह परीक्षा देने वाले हैं। परीक्षा देने के बाद जो परीक्षा में पास होंगे उनको प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि साई के अपने नियम हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों की स्थिति को देखते हुए उनको विशेष मौका दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैसे भी जो प्रतियोगी आए हैं, सभी किसी न किसी स्कूल में 18 से 20 साल से नौकरी कर रहे हैं, किसी का भी मकसद नौकरी पाना नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में मदद करना है। इस मकसद को देखते हुए ही छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों को विशेष मौका दिया गया है।
खेल विभाग की पहल पर प्रदेश के आदिमजाति कल्याण विभाग के स्कूलों के करीब 50 खेल शिक्षकों के साथ खेलों से जुड़े अन्य 15 लोगों को साई
के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय में प्रमाणपत्र कोर्स के लिए पिछले माह भेजा गया था। इन प्रतियोगियों के बारे में साई में पहले यह आपति सामने आई की ये बीपीएड किए हुए हैं और कोर्स के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसे में क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने सभी का खेल का बैकगाऊंड मंगाया और पटियाला में खबर करने के साथ वहां बताया गया कि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए इनको तैयार किया जा रहा है और इनका सारा खर्च खेल विभाग उठा रहा है।
आरके नायडु ने संपर्क करने पर बताया कि छत्तीसगढ़ के किसी भी प्रतियोगी को बाहर नहीं किया गया है और सभी अगले सप्ताह परीक्षा देने वाले हैं। परीक्षा देने के बाद जो परीक्षा में पास होंगे उनको प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि साई के अपने नियम हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों की स्थिति को देखते हुए उनको विशेष मौका दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैसे भी जो प्रतियोगी आए हैं, सभी किसी न किसी स्कूल में 18 से 20 साल से नौकरी कर रहे हैं, किसी का भी मकसद नौकरी पाना नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में मदद करना है। इस मकसद को देखते हुए ही छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों को विशेष मौका दिया गया है।
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