साई सेंटर की सीवर लाइन को दो माह बाद भी नगर निगम द्वार ठीक न कर पाने के बाद सेंटर के खिलाड़ियों की परेशानी को देखते हुए एक खेल संघ और खिलाड़ी ही लाइन ठीक करवाने में जुट गए। पहले ही दिन दो बड़े चेंबर से भारी मात्रा में कचरा निकाला गया है।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के आउटडोर स्टेडियम के कमरों से जुड़े लेट-बाथ की सीवर लाइन को ठीक करवाने के लिए मंगलवार की सुबह से ही एक खेल संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी स्वीपरों की टीम को लेकर पहुंचे और शाम तक खड़े होकर सफाई करवाते रहे। दो बड़े चेंबरों से भारी मात्रा में मलमा निकाला गया। इतना काम करने के बाद भी खेल संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी चाहते हैं कि उनका नाम न लिखा जाए। सभी ने एक स्वर में कहा कि जो काम निगम को करना चाहिए, वो हमें इसलिए करना पड़ा क्योंकि दस साल के इंतजार के बाद राजधानी को साई सेंटर की सौगात मिली है। इस सेंटर में रहने वाले खिलाड़ी पिछले एक सप्ताह से परेशान हैं, उनको लेट-बाथ चोक होने के कारण बाहर जाना पड़ रहा है।
निगम दो माह में नहीं कर पाया ठीक
साई सेंटर के 6 जून से आरंभ होने से पहले ही निगम से साई के अधिकारीं लेट-बाथ की सीवर लाइन को ठीक करने का आग्रह करते रहे हैं। पूर्व में सेंटर का प्रारंभ 21 मई से होना था, लेकिन सीवर लाइन ठीक न होने के कारण इसकी तिथि 6 जून की गई थी। 6 जून से पहले सीवर लाइन को ठीक करने की बात स्टेडियम के प्रभारी इंजीनियर राजेश शर्मा ने की थी, लेकिन लाइन ठीक नहीं हो पाई। अस्थाई तौर पर लेट-बाथ को ठीक किया गया था, लेकिन एक सप्ताह में ही लेट-बाथ फिर से चोक हो गया। इसको ठीक करने के लिए साई के अधिकारी निगम के अधिकारियों से लगातार मांग करते रहे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। साई सेंटर में रहने वाले खिलाड़ियों की परेशानियों को देखते हुए एक खेल संघ के साथ खिलाड़ियों ने ही सीवर लाइन को ठीक करने का जिम्मा उठाया है।
शासन-प्रशासन को ध्यान देना चाहिए
वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान कहते हैं कि आउटडोर स्टेडियम को साई को दे तो दिया गया है, लेकिन स्टेडियम की अव्यवस्था को ठीक करने के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आने वाले समय में प्रदेश में 37वें राष्ट्रीय खेल होने हैं, ऐसे में जिस सेंटर में पदक विजेता खिलाड़ी तैयार होने हैं, उस सेंटर पर ही ध्यान नहीं दिया जाएगा तो उस सेंटर में खिलाड़ी कैसे आना पसंद करेंगे।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के आउटडोर स्टेडियम के कमरों से जुड़े लेट-बाथ की सीवर लाइन को ठीक करवाने के लिए मंगलवार की सुबह से ही एक खेल संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी स्वीपरों की टीम को लेकर पहुंचे और शाम तक खड़े होकर सफाई करवाते रहे। दो बड़े चेंबरों से भारी मात्रा में मलमा निकाला गया। इतना काम करने के बाद भी खेल संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी चाहते हैं कि उनका नाम न लिखा जाए। सभी ने एक स्वर में कहा कि जो काम निगम को करना चाहिए, वो हमें इसलिए करना पड़ा क्योंकि दस साल के इंतजार के बाद राजधानी को साई सेंटर की सौगात मिली है। इस सेंटर में रहने वाले खिलाड़ी पिछले एक सप्ताह से परेशान हैं, उनको लेट-बाथ चोक होने के कारण बाहर जाना पड़ रहा है।
निगम दो माह में नहीं कर पाया ठीक
साई सेंटर के 6 जून से आरंभ होने से पहले ही निगम से साई के अधिकारीं लेट-बाथ की सीवर लाइन को ठीक करने का आग्रह करते रहे हैं। पूर्व में सेंटर का प्रारंभ 21 मई से होना था, लेकिन सीवर लाइन ठीक न होने के कारण इसकी तिथि 6 जून की गई थी। 6 जून से पहले सीवर लाइन को ठीक करने की बात स्टेडियम के प्रभारी इंजीनियर राजेश शर्मा ने की थी, लेकिन लाइन ठीक नहीं हो पाई। अस्थाई तौर पर लेट-बाथ को ठीक किया गया था, लेकिन एक सप्ताह में ही लेट-बाथ फिर से चोक हो गया। इसको ठीक करने के लिए साई के अधिकारी निगम के अधिकारियों से लगातार मांग करते रहे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। साई सेंटर में रहने वाले खिलाड़ियों की परेशानियों को देखते हुए एक खेल संघ के साथ खिलाड़ियों ने ही सीवर लाइन को ठीक करने का जिम्मा उठाया है।
शासन-प्रशासन को ध्यान देना चाहिए
वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान कहते हैं कि आउटडोर स्टेडियम को साई को दे तो दिया गया है, लेकिन स्टेडियम की अव्यवस्था को ठीक करने के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आने वाले समय में प्रदेश में 37वें राष्ट्रीय खेल होने हैं, ऐसे में जिस सेंटर में पदक विजेता खिलाड़ी तैयार होने हैं, उस सेंटर पर ही ध्यान नहीं दिया जाएगा तो उस सेंटर में खिलाड़ी कैसे आना पसंद करेंगे।
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