प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा साइंस कॉलेज मैदान में हॉकी और वालीबॉल के दो-दो मैदान बनाने का प्रस्ताव खेल मंत्रालय को भेजा जा रहा है। इसी के साथ तीरंदाजी के लिए एक सेड भी बनाने की योजना है। इन तीनों खेलों के प्रशिक्षक खेल विभाग ने नियुक्त किए हैं। वैसे तीरंदाजी और हॉकी का प्रशिक्षण प्रारंभ भी कर दिया गया है।
खेल संचालनालय में हॉकी के दो प्रशिक्षक राकेश टोपो और रश्मि तिर्की के साथ वालीबॉल के एक प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह की नियुक्ति की गई है। इसके पहले तीरंदाजी के कोच टेकलाल पुर्रे की नियुक्ति की गई थी। इन प्रशिक्षकों को नियमित मैदान दिलाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की योजना खेल संचालक जीपी सिंह ने बनाई है। इस योजना की पहली कड़ी में पिछले एक माह से तीरंदाजी का नियमित प्रशिक्षण केंद्र भी चलाया जा रहा है। इन केंद्र में 50 बच्चे प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। इन केन्द्र के बाद अब हॉकी के दो मैदान बनाने के साथ वालीबॉल के भी दो मैदान बनाने के लिए खेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। हॉकी मैदान में करीब ढाई फीट की दीवाल भी खड़ी करने की योजना है ताकि बॉल बाहर न जा सके। वालीबॉल मैदान में बॉल को बाहर जाने से रोकने के लिए नेट लगाने की योजना है। वैसे अभी हॉकी की कोच रश्मि तिर्की ने बिना मैदान के ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना भी प्रारंभ कर दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि जब तक साइंस कॉलेज में एस्ट्रो टर्फ न लग जाए तब तक खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए मैदान दिलाने की योजना है। हमारे पास जब दो प्रशिक्षक आ गए हैं तो उसका फायदा खिलाड़ियों को मिलना ही चाहिए। वे कहते हैं कि एस्ट्रो टर्फ लगने के बाद हॉकी अकादमी भी प्रारंभ की जाएगी। हॉकी और वालीबॉल मैदान के सथ तीरंदाजी के लिए एक सेड बनाने का भी प्रस्ताव है ताकि बारिश में भी नियमित अभ्यास जारी रह सके।
खेल संचालनालय में हॉकी के दो प्रशिक्षक राकेश टोपो और रश्मि तिर्की के साथ वालीबॉल के एक प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह की नियुक्ति की गई है। इसके पहले तीरंदाजी के कोच टेकलाल पुर्रे की नियुक्ति की गई थी। इन प्रशिक्षकों को नियमित मैदान दिलाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की योजना खेल संचालक जीपी सिंह ने बनाई है। इस योजना की पहली कड़ी में पिछले एक माह से तीरंदाजी का नियमित प्रशिक्षण केंद्र भी चलाया जा रहा है। इन केंद्र में 50 बच्चे प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। इन केन्द्र के बाद अब हॉकी के दो मैदान बनाने के साथ वालीबॉल के भी दो मैदान बनाने के लिए खेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। हॉकी मैदान में करीब ढाई फीट की दीवाल भी खड़ी करने की योजना है ताकि बॉल बाहर न जा सके। वालीबॉल मैदान में बॉल को बाहर जाने से रोकने के लिए नेट लगाने की योजना है। वैसे अभी हॉकी की कोच रश्मि तिर्की ने बिना मैदान के ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना भी प्रारंभ कर दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि जब तक साइंस कॉलेज में एस्ट्रो टर्फ न लग जाए तब तक खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए मैदान दिलाने की योजना है। हमारे पास जब दो प्रशिक्षक आ गए हैं तो उसका फायदा खिलाड़ियों को मिलना ही चाहिए। वे कहते हैं कि एस्ट्रो टर्फ लगने के बाद हॉकी अकादमी भी प्रारंभ की जाएगी। हॉकी और वालीबॉल मैदान के सथ तीरंदाजी के लिए एक सेड बनाने का भी प्रस्ताव है ताकि बारिश में भी नियमित अभ्यास जारी रह सके।
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