मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009

देश का हर गांव खेलों से जुड़ जाएगा,

प्रदेश के 14 ब्लाकों की 982 पंचायतों में केन्द्र सरकार की एक योजना पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान योजना यानी पाइका के माध्यम से खिलाड़ी लइका तैयार करने की दिशा में खेल विभाग ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। पहले चरण में सभी जिलों में ऐसी पंचायतॊ को चिंहित करने का काम हो रहा है जहां पर खेल योजनाओं को प्रारंभ किया जाना है। इन योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार पैसों की बरसात करने वाली है। केन्द्र सरकार की मदद से सबसे पहले प्रदेश की 10 प्रतिशत पंचायतों को खेलों से जोड़ा जाएगा। इस दस साल की योजना में प्रदेश की सभी पंचायतों में खेलों का विकास होगा और छत्तीसगढ़ ही नहीं देश का हर गांव खेलों से जुड़ जाएगा। प्रदेश की खेल नीति में यूं तो पहले से ही पंचायत स्तर पर खेलों को बढ़ाने की बात है, और इस दिशा में पिछले आठ सालों से कुछ न कुछ काम हो ही रहा है, लेकिन इस साल अचानक केन्द्र सरकार ने जो योजना पूरे देश के लिए प्रारंभ की है, उस योजना से अब प्रदेश में पंचायत स्तर पर खेलों को बढ़ाने की दिशा में काफी तेजी से काम होगा। पहले चरण में केन्द्र की योजना को लागू करने के लिए खेल विभाग ने काम प्रारंभ कर दिया है। योजना को लागू करने के लिए खेल संचालक ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एक पत्र जारी करके उनसे अपने जिले के ऐसे ब्लाकॊं और पंचायतों की जानकारी मांग है जिनको खेलों के लिए विकसित किया जाए सके। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि पहले चरण में 982 पंचायतों को चिंहित किया जा रहा है। इनको चिंहित करने का काम अंतिम चरण में है। इन पंचायतों और ब्लाकों को इस माह के अंत तक चिंहित कर लिया जाएगा। इसके बाद एक योजना बनाकर केन्द्र सरकार के पास भेजी जाएगी। क्या है पाइका योजना सबसे पहले पाइका के बारे में जानना जरूरी है कि आखिर यह योजना क्या है। इस योजना के बारे में खुलासा करते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार देश भर में हर गांव को खेलों से जोड़ने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान योजना (पाइका) नाम से एक नई योजना प्रारंभ की है। यह योजना 10 साल की है। पहले साल में देश के हर राज्य की 10 प्रतिशत पंचायतों को इसमें शामिल किया जा रहा है। हर साल इसी के हिसाब से नई पंचायतों को जोड़ा जाएगा। दस साल के अंदर पूरे देश के गांवों को खेलों से जोड़ दिया जाएगा। जिन पंचायतों को पहले साल में योजना में शामिल किया जाएगा वहां के लिए पूरी तरह से योजना बनाकर हर राज्य को केन्द्र को भेजना होगा। इन योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार आर्थिक मदद करेगी। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को सुलभ बनाने के साथ गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करना है। हर साल 10 प्रतिशत के हिसाब के योजना में पंचायतों को शामिल किया जाएगा और 10 साल होते-होते सभी पंचायतें इस योजना से जुड़ जाएगी और देश के हर गांव में जहां खेल मैदान होंगे, वहीं वहां की प्रतिभाओं को ब्लाक स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर खेलने जाने का मौका मिलने लगेगा। भरपूर आर्थिक मदद मिलेगी पाइका को राज्य में लागू करने के लिए केन्द्र सरकार से भरपूर आर्थिक मदद मिलेगी। सबसे पहले चिंहित गांवों में मैदान के लिए एक-एक लाख की राशि दी जाएगी। इस राशि का 75 प्रतिशत अंश केन्द्र से और 25 प्रतिशत राज्य सरकार से मिलेगा। प्रदेश में उन मैदानों को चिंहित किया जा रहा है, जहां पर पहले से कुछ सुविधाएं हैं। इस बारे में खेल संचालक का कहना है कि एक लाख की राशि में मैदान को पूरी तरह से विकसित करना संभव नहीं है। ऐसे में यह जरूरी है कि उन्हीं मैदानों को शामिल किया जाए जहां पर एक लाख की राशि के अंदर मैदान इस लायक हो सकें कि वहां पर खेल हो सके। खेल मैदानों को बनाने के लिए केन्द्र सरकार की रोजगार गारंटी योजना की भी मदद लेने की बात की जा रही है। इसके अलावा पंचायतों के साथ जनसहयोग का भी सहारा लिया जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि जिन पंचायतों में हाई स्कूल हैं और वहां पर मैदान हैं उनको चिंहित करने का काम किया जा रहा है। मैदानों के लिए जो एक लाख की राशि मिलेगी उस राशि का उपयोग बाऊंडी बनवाने, गोल पोस्ट लगाने जैसे कामॊ में किया जाएगा। हर गांव को खेल सामान लेने के लिए केन्द्र सरकार हर साल 10 हजार रुपए देगी। इसी तरह से हर ब्लाक को 20 हजार की राशि दी जाएगी। यह राशि पांच साल तक केन्द्र सरकार देगी इसके बाद यह राशि राज्य सरकार को देनी होगी। राज्य चैंपियनशिप के लिए मिलेंगे पांच लाख पाइका में खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाएं दिखाने के लिए गांव के स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियनशिप का आयोजन करने की योजना है। इसके तरह गांवों के खिलाड़ियों को सबसे पहले ब्लाक स्तर पर चैंपियनशिप के लिए 50 हजार का अनुदान दिया जाएगा। इसके आगे जिले के आयोजन के लिए तीन लाख रुपए मिलेंगे। राय चैंपियनशिप के लिए पांच लाख की राशि केन्द्र सरकार देगी। इन सभी आयोजनों में पूरी राशि केन्द्र सरकार ही देगी। इन आयोजनों में पुरस्कार की राशि भी दी जाएगी। हर ब्लाक के आयोजन के लिए 45 हजार की राशि बतौर इनाम दी जाएगी। जिले के आयोजन के लिए इनाम की राशि 90 हजार की होगी। पाइका को पंचायतों में अच्छी तरह से लागू करने के लिए हर पंचायत और ब्लाक में एक क्रीड़ा श्री नाम से एक-एक खेल का जानकार नियुक्ति किया जाएगा। पंचायत में इस क्रीड़ा श्री को पांच सौ रुपए और बाल्क में एक हजार का मानदेय मिलेगा। जिन खेलों की चैंपियनशिप करवाई जाएगी उनमें ग्रामीण खेलों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी। इन खेलों में एथटलेटिक्स, खो-खो, कबड्डी, तीरंदाजी, रस्साकशी, कुश्ती, फुटबॉल, वालाबॉल, वेटलिफ्टिग और हॉकी शामिल हैं। इन खेलों की जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन होता है।

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