गुरुवार, 31 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़ पहले मैच में ही हारा

राष्ट्रीय जूनियर और यूथ टेबल टेनिस के पहले मुकाबले में ही मेजबान छत्तीसगढ़ पूल एफ में नार्थ बंगाल से सीधे सेटों में मात खा गया। पहले दिन जूनियर वर्ग में बालक और बालिकाओं के मैच खेले गए।
राजधानी में पहली बार खेली जा रही इस राष्ट्रीय स्पर्धा में पहले दिन सुबह से ही टीम गेम के मुकाबले प्रारंभ हुए। मुकाबलों का आगाज जूनियर वर्ग में बालिका वर्ग से हुआ। यहां पर मेजबान का जब पहले मैच में नार्थ बंगाल से मुकाबला हुआ तो उसे यहां पर तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा। अब मेजबान को अपने दूसरे मैच में चंडीगढ़ से जीतना ही होगा, अगर इस मैच में भी मेजबान को हार मिलती है तो उसको नाकआउट चक्र में प्रवेश नहीं मिल पाएगा।

आज खेले गए अन्य मुकाबलों में बालिका वर्ग में बंगाल ने उत्तरांचल को ३-०, दिल्ली ने हिमाचल प्रदेश को ३-०, पांडिटेरी ने कर्नाटक को कड़े मुकाबले में ३-१ से, केरला ने मेघालय को ३-० से तमिलनाडु ने पंजाब को ३-० से मप्र ने त्रिपुरा को ३-० से उड़ीसा ने मणिपुर को ३-० से, उत्तर प्रदेश ने जम्मू-कश्मीर को ३-० से महाराष्ट्र बी ने कड़े मुकाबले में हरियाणा को ३-१ को ३-२ से मात दी।

जूनियर बालक वर्ग में पेट्रोलियम बोर्ड ने पहले मैच में मिजोरम को ३-०, नार्थ बंगाल ने पांडिचेरी को ३-०, हरियणा ने त्रिपुरा को ३-० और तमिलनाडु ने बिहार को ३-० से हराया।
टीम मुकाबलों के बाद होने वाले व्यक्तिगत मुकाबलों में ही रोचक मुकाबले देखने को मिलेंगे। इन मुकाबलों में यूथ के बालिका वर्ग में सबकी नजरें ओलंपियन नेहा अग्रवाल खेल पर होंगी। इसी के साथ कामनवेल्थ के विजेता जी। सत्येन पर भी नजरें रहेंगी। इन खिलाडिय़ों के साछ कई आरै अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय खिलाड़ी खिताब के लिए जोर आजमाइश करेंगे। स्पर्धा में ३१ राज्यों के करीब ६०० खिलाड़ी और कोच, अधिकारी भाग ले रहे हैं। सभी राज्यों की टीम आ चुकी हैं। स्पर्धा में दूसरे दिनों मुकाबलों के साथ शाम को देश भर से आए खिलाडिय़ों के लिए पुराने साल की विदाई और नए साल के स्वागत में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया है।

बुधवार, 30 दिसंबर 2009

राष्ट्रीय टेबल टेनिस में खेलने राजधानी पहुंचे खिलाड़ी

राष्ट्रीय जूनियर और यूथ टेबल टेनिस में खेलने के लिए दो दर्जन राज्यों की टीमें राजधानी रायपुर पहुंच चुकी हंै। अब इन टीमों के बीच ३० दिसंबर की सुबह ८ बजे से ही मुकाबले प्रारंभ हो जाएंगे। स्पर्धा का उद्घाटन ११ बजे मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह करेंगे। स्पर्धा के लिए सप्रे स्कूल के टेबल टेनिस हॉल के साथ बैडमिंटन हॉल को भी तैयार कर लिया गया है।

प्रदेश टेबल टेनिस संघ द्वारा पहली बार राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। यह स्पर्धा दो वर्गों में हो रही है। जूनियर के साथ यूथ वर्ग में होने वाली इस चैंपियनशिप की पूरी तैयारी कर ली गई है। सप्रे स्कूल के टेबल टेनिस हॉल में जहां ६ टेबलें लगाईं गईं हैं, वहीं इस हॉल से लगे बैडङ्क्षमटन हॉल में भी ६ टेबलें लगाकर हॉल को तैयार किया गया है। इस हॉल में नया मैट लगाने के साथ सभी नई टेबलें लगाईं गर्इं हैं। दोनों हॉल में मुकाबले ३० दिसंबर से प्रारंभ होंगे। स्पर्धा में पहले दिन टीम गेम के मुकाबले होंगे। टीम गेम में यूथ बालक वर्ग में जहां ३२ टीमें खेल रही हैं, वहीं बालिका वर्ग में २९ टीमें मैदान में हैं। जूनियर वर्ग में बालक वर्ग में ३१ टीमें औैर बालिका वर्ग में २८ टीमें मैदान में हैं। सभी वर्गों में टीमों को ८-८ वर्गों में बांटा गया है। हर वर्ग से लीग मुकाबलों के बाद दो-दो टीमें निकलेंगी जो नाकआउट वर्ग में पहुंचेंगी। यहां प्रीक्वार्टर से मुकाबले प्रारंभ होंगे।

जहां तक मेजबान टीम का सवाल है तो उसके लिए दोनों वर्गों में प्रीक्वार्टर फाइनल में पहुंचने की संभावना है। यूथ बालक वर्ग में मेजबान टीम एफ वर्ग में रखी गई है। इस वर्ग में छत्तीसगढ़ के साथ गोवा, उत्तरांचल और नार्थ बंगाल की टीमें हैं। एक बंगाल की टीम ही मजबूत है। बालिका वर्ग में छत्तीसगढ़ के साथ महाराष्ट्र बी भी है, यहीं टीम सबसे ज्यादा मजबूत हैं। इसके अलावा ङाारखंड और त्रिपुरा की टीमें हैं। इन टीमों से जीतना मेजबान के लिए ज्यादा कठिन नहीं होगा। जूनियर वर्ग के बालक वर्ग में मेजबान टीम को पेट्रोलियम की एक टीम से कड़ा मुकाबला करना होगा। इस वर्ग में एक और टीम मिजोरम है। यहां पर तीन टीमें ही हैं, अगर मेजबान टीम मिजोरम से जीत जाती है तो उसका प्रीक्वार्टर फाइनल में स्थान पक्का हो जाएगा। बालिका वर्ग में छत्तीसगढ़ को नार्थ बंगाल और चंडीगढ़ में से एक टीम को मात देनी ही होगी। इस जीत के बिना उसका नाकआउट चक्र में पहुंचना संभव नहीं होगा।

विजेता खिलाडिय़ों के लिए नकद इनाम भी

स्पर्धा में विजेता खिलाडिय़ों के लिए नकद इनाम रखा गया है। क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले खिलाडिय़ों को नकद राशि मिलेगी। यूथ वर्ग के बालक वर्ग में विजेता को ४१ हजार आठ सौ, उपविजेता को २० हजार नौ सौ रुपए, सेमीफाइनल में पहुंचने वालों को १० हजार चार सौ पचास रुपए, क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले हर खिलाड़ी को पांच हजार दो सौ पच्चीस रुपए। यूथ बालिका वर्ग के साथ जूनियर बालक वर्ग के विजेता को ३६ हजार, उपविजेता को १८ हजार, सेमीफाइनल में पहुंचने वालों को ९-९ हजार, क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले हर खिलाड़ी को चार हजार पांच सौ रुपए मिलेंगे। जूनियर बालिका वर्ग में विजेता को ३० हजार, उपविजेता को १५ हजार, सेमीफाइनल में पहुंचने वालों को सात हजार पांच सौ और क्वार्टर फाइनल के हर खिलाड़ी को तीन हजार सात सौ पचास रुपए की राशि दी जाएगी। खिलाडिय़ों को कुल तीन लाख ५९ हजार पांच सौ रुपए की राशि बांटी जाएगी।

वरीयता प्राप्त खिलाड़ी

स्पर्धा में टीम मुकाबलों के बाद होने वाले व्यक्तिगत मुकाबलों के लिए पहले चार खिलाडिय़ों को हर वर्ग में वरीयता दी गई है। इस वरीयता के मुताबिक यूथ बालक वर्ग में तमिलनाडु के जी। सत्ययन पहले स्थान पर हैं। दूसरे स्थान पर नार्थ बंगाल के सौम्यजीत घोष, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र के सुनील शेट्ठी, चौथे स्थान पर गुजरात के हरमीत देसाई हैं। बालिका वर्ग में महाराष्ट्र की पूजा सहस्त्रबुद्धे पहले स्थान पर, दूसरे स्थान पर नार्थ बंगाल की अंकिता दास, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र की मल्लिका भंडारकर, चौथे स्थान पर दिव्या देशपांडे हैं।

जूनियर बालकों में गुजरात के हरप्रीत देसाई पहले स्थान पर, तमिलनाडु के जी. सत्ययन दूसरे स्थान पर, महाराष्ट्र के सन्मय परांजपे तीसरे स्थान पर और तमिलनाडु के सुष्मित श्रीराम चौथे स्थान पर हैं। बालिका वर्ग में मल्लिका भंडारकर (महाराष्ट्र) पहले, अंकिता दास (नार्थ बंगाल) दूसरे, नीय स्नेहा (तमिलनाडु) तीसरे और मोनिका बत्रा (दिल्ली) चौथे स्थान पर हैं।

देश की नामी फुटबॉल टीमें आएंगी रायपुर

शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा पहली बार अखिल भारतीय फुटबॉल स्पर्धा का आयोजन राजधानी रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में ३१ दिसंबर से किया गया है। इस स्पर्धा में देश की कई नामी टीमें खेलने आएंगी। स्पर्धा में अब तक दो दर्जन टीमों के आने की सहमति मिल गई है।
यह जानकारी देते हुए शेरा क्रीड़ा समिति के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि अपने राज्य में फुटबॉल के विकास के लिए इस स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के इस ३४ साल पुराने क्लब ने वैसे भी फुटबॉल के विकास में लगातार काम किया है। इस क्लब ने ही पहली बार राजधानी में फुटबॉल स्कूल भी खोला है। इस स्कूल में ५५ खिलाडिय़ों को नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अखिल भारतीय स्पर्धा से खिलाडिय़ों को प्रेरणा मिले इसको ध्यान में रखते हुए देश की नामी टीमों को बुलाया गया है। जिन टीमों के आने की मंजूरी मिल चुकी हैं, उनमें टाटा स्टील बोकारो, नार्थ सेंट्रल रेलवे इलाहाबाद, बिहार एकादश पटना, तालतला कोलकाता, ईस्टर्न इंडिया फुटबॉल क्लब मुंबई, मोहम्मडन स्पोर्टिंग कोलकाता, डीएसए सराईकेला, ११वीं बटालियन लखनऊ, अमेटी युनाईटेड दिल्ली, एयरफोसज्ञ दिल्ली, लक्की स्पोट्र्स अकोला, शाने बंगाल कोरिया, रब्बान क्लब कामठी, नागपुर अकादमी नागपुर, राजहरा
माइंस राजहरा, रोवर्स क्लब भिलाई, भिलाई ब्रदर्स भिलाई, डीएफए रायपुर और एसईसी रेलवे नागपुर शामिल हैं।
स्पर्धा का उद्घाटन ३१ दिसंबर को १.३० बजे होगा। पहले दिन जहां छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की महिला टीमों के बीच प्रदर्शन मैच होगा, वहीं एक मात्र मैच रोवर्स क्लब भिलाई और अमेटी युनाईटेड दिल्ली के बीच खेला जाएगा। स्पर्धा में रोज दो मैच खेले जाएंगे। सारे मुकाबले स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के नए आउटडोर स्टेडियम में होंगे।

आयोजन को बनाएंगे यादगार

राष्ट्रीय जूनियर और यूथ टेबल टेनिस स्पर्धा को यादगार बनाने की बात करते हुए आयोजन समिति के चेयरमैन और शहर विधायक कुलदीप जुनेजा के साथ प्रदेश टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष शरद शुक्ला और महासचिव अमिताभ शुक्ला ने कहा कि स्पर्धा की पूरी तैयारी कर ली गई है। बाहर से आने वाले सभी खिलाडिय़ों के रहने और खाने की अच्छी व्यवस्था की गई है। इन्होंने एक स्वर में कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार होने वाले इस आयोजन को इस तरह से यादगार बनाने चाहते हैं कि देश भर से आए खिलाड़ी इस आयोजन को ताउम्र भूल न सके। इन्होंने बताया कि पहली बार राज्य में स्पर्धा का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैट पर किया जा रहा है। ये मैट बैडमिंटन हॉल में भी लगाए जा रहे हैं।
स्पर्धा के मुख्य रेफरी गणेशन ने बताया कि स्पर्धा में शामिल ३२ टीमों के बीच पहले लीग मुकाबले होंगे। टीमों को ८ पूलों में बांटा गया है। हर पूल से दो-दो टीमें निकलेंगी जिनके बीच नाकआउट मुकाबले होंगे। मेजबान छत्तीसगढ़ को यूथ वर्ग के बालक वर्ग में एफ पूल में रखा गया है। इस पूल में नार्थ बंगाल, गोवा और उत्तरांचल की टीमें हैं। बालिका वर्ग में मेजबान टीम पूल एफ में है लेकिन यहां पर उसके साथ महाराष्ट्र की बी टीम के साथ ङाारखंड और त्रिपुरा की टीमें हैं। जूनियर वर्ग के बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ को पूल ए में पीएसपीबी-ए और मिजोरम के साथ रखा गया है। बालिका वर्ग में मेजबान को पूल डी में नार्थ बंगाल और चंडीगढ़ के साथ रखा गया है।

प्रदेश की टीम घोषित: स्पर्धा के लिए आज प्रशिक्षण शिविर के समापन के साथ ही टीम घोषित कर दी गई। इस टीम को खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिए गए ट्रेक शूट दिए गए।
टीम इस प्रकार है- जूनियर बालक- सौमित्र तिवारी, के. साई प्रशांत, अनुराग वर्मा, भावेश आप्टे, मेहुल सिंह, के. साई प्रशांत (जूनियर), दिव्यम पेंढारकर, सागर दास गुप्ता।
बालिका टीम- सुरभि मोदी, सृष्टि तिवारी, प्रतीक्षा जैन, रेणुका साहू, साक्षी वर्मा, प्रियंका सिंह, एश्वर्या चौरसिया, निष्ठा एन. जयंत।
यूथ बालक- अंशुमान राय, सागर घाटगे, कुणाल देव, अभिनव शर्मा, स्वप्निल राय, आदित्य कुलकर्णी, सौमित्र तिवारी, भावेश आप्टे।
बालिका टीम- सुरभि मोदी, पायस हंसापुरे, प्रियल गोरे, नेहा सिंह, सृष्टि तिवारी, ममता बांधे, मधुर चन्द्राकर, अनिता अग्रवाल।
कोच विनय बैसवाड़े और मैनेजर रूपेन्द्र सिंह चौहान हैं।

मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

मेजबान को विश्वास-ये सितारे करेंगे कुछ खास


राष्ट्रीय टेबल टेनिस में छत्तीसगढ़ के इन खिलाडिय़ों पर रहेंगी नजरें


राष्ट्रीय जूनियर के साथ यूथ टेबल टेनिस चैंपियनशिप में खेलने वाले छत्तीसगढ़ के २७ खिलाडिय़ों में से करीब आधा दर्जन खिलाडिय़ों से मेजबान को उम्मीद है कि ये सितारे स्पर्धा में कुछ खास करके राज्य का नाम रौशन करेंगे। ये सितारे भी अपने खेल का जलवा दिखाने को बेताब हैं और २१ दिनों के प्रशिक्षण के बाद एक स्वर में कहते हैं कि जरूर हम अपने राज्य के लिए कुछ खास करने की मानसिकता के साथ ही मुकाबलों में उतरेंगे।
राजधानी रायपुर में बस दो दिनों बाद ही देश भर के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी जूनियर वर्ग के साथ यूथ वर्ग के बालकों के साथ बालिका वर्ग के खिताब के लिए मैदान में उतरेंगे। एक तरफ जहां देश भर के खिलाडिय़ों के लिए सप्रे टेबल टेनिस हॉल के साथ बैडमिंटन हॉल को भी सजाया जा रहा है, वहीं अपने राज्य के २७ खिलाडिय़ों को इस जंग के लिए तैयार करने का काम राष्ट्रीय खिलाड़ी विनय बैसवाड़े ने किया है। खिलाडिय़ों को इस तरह से तैयार किया गया है कि ये कुछ कमाल दिखाएं और राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने का काम करें। जिन सितारों से छत्तीसगढ़ को उम्मीद है, उनसे हरिभूमि ने खास बात करके जानने का प्रयास किया है कि वे किस मानसिकता के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में हैं और इसके लिए उनकी क्या तैयारी है।
सुरभि मोदी:- बालिका वर्ग में मेजबान छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी उम्मीद २० बार राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेल चुकीं सुरभि मोदी हैं। सुरभि जूनियर के साथ यूथ वर्ग में भी राज्य के लिए खेलेंगी। पूछने पर वह बताती हैं कि हमारी तैयारी है तो जोरदार। २१ दिनों तक गहन प्रशिक्षण भी लिया है। वह बताती हैं कि पिछले साल सूरत में वह जूनियर वर्ग में क्वालीफाइंग चक्र पार करने में सफल रही थीं। इसी के साथ यूथ वर्ग में वह प्रीक्वार्टर तक पहुंचने में कामयाब रही थी। अपने राज्य की मेजबानी में क्या लक्ष्य है के सवाल पर वह कहती हैं कि लक्ष्य तो अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करने का है। वैसे दोनों वर्गों में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने का प्रयास होगा। वह कहती हैं कि जिस तरह से स्पर्धा में साल भर अभ्यास करने वाले खिलाड़ी खेलते हैं उनके रहते क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना भी आसान नहीं होता है। वह कहती हैं कि साल भर अभ्यास के बाद ही किसी पदक की उम्मीद की जा सकती है। इसी के साथ बाहर से प्रशिक्षक बुलाकर खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देना होगा।
सागर घाटगे:- यूथ वर्ग में मेजबान की उम्मीद सागर घाटगे बताते हैं कि उनकी तैयारी भी क्वार्टर फाइनल तक जाने की है। पिछले साल सूरत में वे प्रीक्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। प्रशिक्षण के लिए बाहर से कोच बुलाने के पक्षधर सागर भी कहते हैं कि यह बात ठीक है कि अपने राज्य के विनय बैसवोड़े बहुत अच्छे खिलाड़ी और प्रशिक्षक हैं, पर अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच को अगर बुलाया जाए तो खेल में और निखार आएगा। वे बताते हैं कि प्रशिक्षण में विशेष रूप से फिटनेस पर ध्यान दिया गया है।
सैमित्र तिवारी:- जूनियर के साथ यूथ में भी राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले इस खिलाड़ी का कहना है कि टीम गेम में राज्य की टीम को क्वार्टर फाइनल तक पहुंचाने के साथ व्यक्तिगत मुकाबलों में भी क्वार्टर फाइनल तक खेलना लक्ष्य है। इसके लिए जोरदार तैयारी की है। २००७ में सब जूनियर वर्ग में देश के १९वें नंबर के खिलाड़ी रहे इस खिलाड़ी ने बताया कि वे पिछले साल सूरत की यूथ चैंपियनशिप में पहले चक्र में हार गए थे। इसी के साथ इंदौर की जूनियर स्पर्धा में भी वे पहले चक्र में हारे थे। लेकिन इस बार वे चूकना नहीं चाहते हैं। सौमित्र का भी मानना है कि अच्छे प्रदर्शन के लिए साल पर प्रशिक्षण मिलना जरूरी है।
अंशुमन राय:- यूथ वर्ग में राज्य के नंबर वन इस खिलाड़ी का कहना है कि कोच और अनुभव की कमी के कारण ही हम लोग प्रीक्वार्टर तक पहुंच कर रूक जाते हैं। वे कहते हैं कि इस बार उनका मकसद प्रीक्वार्टर फाइनल से आगे जाने का है। वे बताते हैं कि उनका यह तीसरा यूथ नेशनल है। २००७ में स्कूल नेशनल में कांस्य पदक जीतने वाले इस खिलाड़ी को ओपन वर्ग में पदक न जीत पाने का मलाल है, लेकिन उनको मालूम है कि यहां पर पदक तक पहुंचना आसान नहीं है। वे कहते हैं कि जब २१ दिनों के प्रशिक्षण शिविर से खेल में २० से २५ प्रतिशत निखार आया है तो यह बात तय है कि अगर हम लोगों को साल भर प्रशिक्षण मिले तो हम लोग पदक तक पहुंच सकते हैं।
कुणाल देव:- स्कूल नेशनल में छठा स्थान पाने वाले इस खिलाड़ी को पहली बार यूथ वर्ग में राज्य के लिए खेलने का मौका मिला है। पहली बार खेलने से उत्साहित कुणाल कहते हैं कि वे राज्य की टीम को अपने साथी खिलाडिय़ों के साथ क्वार्टर फाइनल तक ले जाने का पूरा प्रयास करेंगे।
बाहर से कोच बुलाना जरूरी है- विनय
प्रदेश के खिलाडिय़ों को तैयार करने वाले राष्ट्रीय खिलाड़ी विनय बैसवाड़े भी इस बात को मानते हैं कि बाहर से कोच बुलाए बिना प्रदेश के खिलाड़ी पदक तक नहीं पहुंच सकते हैं। वे कहते हैं कि यह जूनियर टीम है, ऐसे में मेरे पास जो भी राष्ट्रीय स्तर का अनुभव रहा है उनके दम पर मैंने खिलाडिय़ों को तैयार किया है। खिलाडिय़ों ने मेहनत की है। उन्होंने बताया कि सुबह के सत्र में फिजिकल के साथ अभ्यास करवाया गया। शाम के सत्र में टीमें बनाकर मैच करवाएं गए। खिलाडिय़ों को तीन वर्गों ंमें बांटा गया था जो खिलाड़ी जीतते थे, उनको खेल के हिसाब से इन वर्गों मेंं रखा जाता था। उन्होंने पूछने पर बताया कि जिन खिलाडिय़ों से बत की गई है, उनसे ही राज्य को सबसे ज्यादा उम्मीद है।

सोमवार, 28 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़ की खिताबी जीत

राष्ट्रीय सीनियर हैंडबॉल में छत्तीसगढ़ की टीम ने जोरदार खेल दिखाते हुए खिताबी मुकाबले में सेना को मात देकर ६ साल बाद खिताब जीता। इसके पहले छत्तीसगढ़ के हाथ २००३ में खिताब लगा था।
कोलकाता में खेली गई इस चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का फाइनल में सेना की मजबूत टीम से मुकाबला हुआ। कांटे के इस मुकाबले में पहले हॉफ में दोनों टीमें १५-१५ की बराबरी पर थीं। इस हॉफ में काफी उतार-चढ़ाव वाला मुकाबला हुआ। दूसरे हॉफ में फिर से कांटे का मुकाबला शुरू हुआ। मैच के अंत तक यह कहना मुश्किल था कि बाजी किसके हाथ लगेगी। कभी छत्तीसगढ़ की टीम एक-दो अंकों से आगे हो जाती तो कभी सेना की टीम। अंत में छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने जोरदार प्रदर्शन किया और महज दो अंकों से मुकाबला अपने नाम कर लिया। छत्तीसगढ़ को २९-२७ से जीत मिली। इस जीत के साथ ही छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी मैदान में दौड़ पड़े और अपने खिलाडिय़ों को बधाई देने लगे।
छत्तीसगढ़ हैंडबॉल संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ को २००३ के बाद खिताब जीतने का मौका मिला है। छत्तीसगढ़ बनते ही छत्तीसगढ़ की पुरुष टीम ने २००१ में खिताब जीता था। इसके एक साल बाद फिर से २००३ में खिताब मिला। लेकिन इसके बाद टीम फाइनल में तो पहुंच जाती थी, लेकिन खिताब हाथ से फिसल जाता था, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों खिताब को हाथ से जाने नहीं दिया और खिताब अपने नाम कर लिया। श्री खान ने कहा कि छत्तीसगढ़ की खिताब जीतने की राह में वापसी इस लिहाज से भी अच्छी है कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। यह खेल यहां पर २०१३-१४ में होने हैं। इसी के साथ ङाारखंड के राष्ट्रीय खेलों में भी छत्तीसगढ़ को खेलने का मौका मिलेगा। यह खेल कई बार स्थगित हो चुके हैं, इनका आयोजन संभवत: अगले साल होगा।
श्री खान ने बताया कि कोलकाता की स्पर्धा के लिए चुनी गई टीम का को भिलाई में गहन प्रशिक्षण दिया गया था। टीम को निखारने के बाद यहां से भेजा गया। टीम से किसी ने किसी पदक की उम्मीद भी थी, लेकिन टीम स्वर्ण पदक जीतने का कमाल करेगी इसकी उम्मीद कम थी।
टीम इस प्रकार है- अनिल कौशिक, अनिल निर्मलकर, कुणाल, बीनू वासू, फिरोद अहमद खान, जफर हुसैन, एस. नागेश, एसएन दुबे, शरद तकावले, विश्वजीत कलीटा, ज्योति कुमार, आनंद एनएस, प्रेम कुमार, अनिल कुमार, मो. इमरान। प्रशिक्षक शेख मौला और प्रबंधक बशीर अहमद खान हैं।

राष्ट्रीय टेबल टेनिस की तैयारी अंतिम चरण में

राष्ट्रीय जूनियर और यूथ टेबल टेनिस में खेलने के लिए देश भर के खिलाडिय़ों के आना २८ दिसंबर से प्रारंभ हो जाएगा। इस स्पर्धा की तैयारी में प्रदेश का टेबल टेनिस संघ जुटा हुआ है। यह स्पर्धा ३० दिसंबर से सप्रे स्कूल के टेबल टेनिस हॉल में प्रारंभ होगी। इस स्पर्धा में खेलने के लिए ओलंपियन नेहा अग्रवाल के साथ देश के कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी रायपुर आएंगे।

राजधानी रायपुर में पहली बार होने वाली राष्ट्रीय टेबल-टेनिस को लेकर प्रदेश संघ के पदाधिकारियों में भारी उत्साह है। सप्रे टेबल टेनिस हॉल के साथ बैडमिंटन हॉल में भी मुकाबलों के लिए टेबल लगाने का काम चल रहा है। प्रदेश टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष शरद शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। वैसे इसके पहले दो बार सेंट्रल इंडिया स्पर्धा का आयोजन किया गया है, लेकिन राष्ट्रीय स्पर्धा पहली बार हो रही है। इस स्पर्धा के लिए १२ टेबलों पर मुकाबले होंगे।
इस स्पर्धा में ओलंपियन नेहा अग्रवाल के साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जी। सत्येन, अमन बाल्गो, राज मंडल, सौम्यजीत घोष, अंकिता दास, दिव्यादेशपांडे सहित कई खिलाड़ी आएंगे। स्पर्धा में ३२ टीमें आएंगी। भारतीय टेबल टेनिस संघ ने जो जानकारी यहां भेजी है, उसके मुताबिक यूथ वर्ग में बालक वर्ग की ३२ और बालिका वर्ग की २९ टीमें खेलने आएंगी। जूनियर वर्ग में बालकों की ३१ और बालिकाओं की २८ टीमेंं आएंगी। इन टीमों में राज्यों की टीमों के साथ रेलवे और पेट्रोलियम की टीमें भी शामिल होंगी। प्रदेश संघ के महासचिव अभिताभ शुक्ला ने बताया कि स्पर्धा में महाराष्ट्र की दो टीमों भाग लेंगी। इसी तरह सं बंगाल की भी दो टीमें रहेंगी। उन्होंने बताया कि स्पर्घा में शामिल होने के लिए २८ दिसंबर से ही टीमें आने लगेंगी। चेन्नई में खेली गई कैडेट और सब जूनियर स्पर्धा के कई खिलाड़ी जूनियर वर्ग में खेलेंगे ऐसे में वहां से भी खिलाड़ी सीधे यहां आ रहे हैं।


हर राज्य से बालक-बालिका वर्ग में चार-चार खिलाडिय़ों को भाग लेने की स्वीकृति रहती है, लेकिन छत्तीसगढ़ को मेजबान होने के कारण हर वर्ग में ८-८ खिलाड़ी शामिल करने की मंजूरी दी गई है। छत्तीसगढ़ के ३२ खिलाड़ी स्पर्धा में भाग लेंगे। एक सवाल के जवाब में शरद शुक्ला ने बताया कि स्पर्धा पर करीब ३४ लाख खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों के रहने और खाने की व्यवस्था संघ करेगा। खिलाडिय़ों के लिए ३१ दिसंबर की रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

शनिवार, 26 दिसंबर 2009

राष्ट्रीय अकादमी में मिलेगा मौका

मेजबान छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय अंडर १९ क्रिकेट का खिताब जीतकर अपने खिलाडिय़ों के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का रास्ता खोल दिया है। स्पर्धा में अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के खिलाडिय़ों की जानकारी लेकर यहां से अकादमी के प्रमुख पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप पाटिल के साथ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी लौटे हैं।

सात राज्यों के एसोसिएट सदस्यों के बीच खेली गई अंडर १९ साल की चैंपियनशिप में खिताब मेजबान छत्तीसगढ़ के हाथ लगा। इस पूरी स्पर्धा में मेजबान टीम के सामने कोई भी टीम ठहर नहीं सकी। बिहार की जिस टीम से छत्तीसगढ़ का फाइनल में सामना हुआ, वह टीम भी मेजबान के सामने बौनी साबित हुई। पहले लीग मैच में फिर फाइनल में भी बिहार को छत्तीसगढ़ ने आसानी से मात दी। स्पर्धा में छत्तीसगढ़ के कई खिलाड़ी जिनमें कप्तान प्रखर राय के साथ विशाल कुशवाहा, वी. नीतिश राय और विकेट कीपर बल्लेबाज इयान कास्टर शामिल हैं, के साथ कोरिया जैसे आदिवासी जिले से निकले स्पिनर अखंड प्रताप सिंह भी शामिल हैं, ने अपने खेल के दम पर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। फाइनल मैच में उपस्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख संदीप पाटिल छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों के खेल से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए। उन्होंने मैच के बाद सभी से परिचय भी प्राप्त किया। उनको छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कैसे उनकी टीम में कोरिया जैसे जिले का भी एक ऐेसा खिलाड़ी शामिल है जिनके पास सुविधाएं नहीं हैं। इसी के साथ उनको बताया गया कि छत्तीसगढ़ में क्रिकेट पर ग्रामीण अंचल में खासा ध्यान दिया जा रहा है। श्री पाटिल के साथ राष्ट्रीय अकादमी के अजय ङाा भी आए थे। उन्होंने भी प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों के बारे में जानकारी ली और उनसे मुलाकात की।
इधर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सह सचिव संजय जगदाले ने भी खिलाडिय़ों से मिलने के साथ बताया कि इन खिलाडिय़ों को जरूर राष्ट्रीय अकादमी में जाने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस अकादमी में देेश के हर राज्य के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को मौका दिया जाता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की टीम ने खिताब जीतकर साबित कर दिया है कि यहां पर प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्होंने प्रदेश संघ की तारीफ करते हुए कहा कि आज अगर छत्तीसगढ़ की टीम को खिताब जीतने का मौका मिला है, तो उसके पीछे संघ के साथ जुड़े वे खिलाड़ी हैं जो मप्र के समय से संघ से जुड़े हैं। छत्तीसगढ़ के संघ में ज्यादातर पदाधिकारी खिलाड़ी रहे हैं, ऐसे में संघ की योजनाएं सही बन रही हैं और सफलता मिल रही है। उन्होंने पूछने पर कहा कि अगर छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों में प्रतिभा होगी तो उनको मप्र की रणजी टीम से जरूर खेलने का मौका मिल सकता है। श्री जगदाले ने कहा कि जहां छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय अकादमी में मौका मिलेगा, वहीं यहां के प्रशिक्षकों को भी इस अकादमी में निखारने का काम किया जाएगा, ताकि ये प्रशिक्षक प्रदेश के खिलाडिय़ों को तैयार कर सकें।
प्रदेश के खिलाड़ी और संघ के पदाधिकारी जहां इस बात से उत्साहित हैं कि उनके खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय अकादमी में जाने का मौका मिलेगा, वहीं इस बात से जरूर उनमें कुछ निराशा है कि बीसीसीआई के सीएओ रत्नाकर सेट्ठी से कह दिया है कि छत्तीसगढ़ में पांच साल से पहले अंतरराष्ट्रीय मैच संभव नहीं है, साथ ही पांच साल बाद ही छत्तीसगढ़ की रणजी टीम बन पाएगी। ऐसे में सभी का ध्यान अंडर १९ साल के बाद अंडर २२ साल की टीम पर है। अब इस टीम को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने की मान्यता दिलाने का पहला मकसद है। वैसे अंडर १९ की टीम के अच्छे प्रदर्शन के बाद यह उम्मीद है कि अंडर २२ में बहुत जल्द छत्तीसगढ़ को मौका मिल सकता है। वैसे प्रदेश संघ के पदाधिकारी कल उस समय बहुत ज्यादा खुश हो गए थे जब विकेटों के साथ मैदान की तारीफ संदीप पाटिल ने की थी। ऐसे में सबको उम्मीद लग रही थी कि यहां जल्द ही कोई अंतरराष्ट्रीय मैच होगा, लेकिन सारी उम्मीद पर श्री सेट्ठी के बयान के बाद पानी फिर गया। लेकिन फिर भी संघ के पदाधिकारी उत्साहित हैं और सबकी नजरें एक बार फिर से आईपीएल पर गई है, ताकि अंतरराष्ट्रीय मैच ना सही अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को जरूर प्रदेश के खेल प्रेमियों के सामने लाया जा सके।

शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

पांच साल अंतरराष्ट्रीय मैच संभव नहीं

अंडर १९ साल राष्ट्रीय क्रिकेट के समापन समारोह में पहुंचे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सीएओ रत्नाकर सेट्ठी से साफ कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बना लेना ही अंतरराष्ट्रीय मैच मिलने का पैमाना नहीं होता है। यहां पांच साल तक कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हो सकता है। पहले स्थाई मान्यता मिलेगी इसी के बाद रोटेशन में मौका आने पर मैच मिल पाएगा।
नए स्टेडियम में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि छत्तीसगढ़ में इतना अच्छा स्टेडियम बना है। लेकिन जो लोग भी ऐसा सोचते हैं कि महज स्टेडियम बना लेने से ही अंतरराष्ट्रीय मैच मिल जाएगा तो मैं उनको बता देना चाहता हूं कि बीसीसीआई के नियमों के विपरीत कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने खुलासा किया कि छत्तीसगढ़ का अभी एसोसिएशट सदस्यता मिली है, उसको अभी स्थाई सदस्य बनने में पांच साल का समय लगेगा। पांच साल बाद जब स्थाई सदस्यता मिलेगी तभी जहां अंतरराष्ट्रीय मैच का मिलना संभव होगा, वहीं रणजी की टीम बन पाएगी। रणजी की मेजबानी जरूर मिल सकती है। और जहां तक आईपीएल का सवाल है तो इससे बीसीसीआई को मतलब नहीं है। आईपीएल की कमेटी चाहे तो मैच दे सकती है।
इधर बीसीसीआई के सह सचिव संजय जगदाले ने कहा कि यहां खेली गई अंडर १९ साल स्पर्धा का यही फायदा हो सकता है कि यहां के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में जाने का मौका मिल सकता है। बीसीसीआई का काम करने का अपना तरीका है। रोटेशन में जब छत्तीसगढ़ का नंबर आएगा तभी कोई अंतरराष्ट्रीय मैच मिल पाएगा, इसमें कितना भी समय लग सकता है।

गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़ की खिताबी जीत


बिहार को सात विकेट से दी मात

अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट के फाइनल में मेजबान छत्तीसगढ़ ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए बिहार को सात विकेट से मात देकर खिताब जीत लिया। टॉस हारने के बाद छत्तीसगढ़ ने बिहार की पारी को महज १०५ रनों पर समेट दिया। इसके बाद जीत का लक्ष्य १८वें ओवर में ही प्राप्त कर लिया।

नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में टॉस जीतने के बाद पहले खेलने मैदान में उतरी बिहार की टीम के बल्लेबाज छत्तीसगढ़ के गेंदबाजों के सामने ठहर ही नहीं सके। बिहार के तीन बल्लेबाज ही दहाई के अंकों तक पहुंच सके। रविशंकर ने सबसे ज्यादा २४ रन बनाए। उन्होंने ५३ गेंदों का सामना किया और तीन चौके लगाए। किश्लय शर्मा ने १६ और विकास रंजन ने १३ रन बनाए। बिहार की पारी में सबसे ज्यादा २५ रनों का योगदान अतिरिक्त रनों का रहा। छत्तीसगढ़ के प्रतीक राज ने ८ ओवरों में १८ रन देकर तीन विकेट लिए। प्रखर राय और सन्नी दास को २-२ विकेट मिले।

१०६ रनों की चुनौती को मेजबान टीम ने तीन विकेट खोकर ही १८ वें ओवर में प्राप्त कर लिया। विकेट कीपर बल्लेबाज इयान कास्टर ने अपना जलवा कायम रखते हुए ५६ गेंदों में ५६ रनों की पारी खेली। इसमें सात चौके और दो छक्के शामिल हैं। कप्तान प्रखर राय ने २५ रन बनाए। जैसे ही छत्तीसगढ़ की जीत का रन बना खिलाडिय़ों के साथ कुछ दर्शक भी मैदान में घुस गए। इधर छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया को पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप पाटिल के साथ बीसीसीआई के सह सचिव संजय जगदाले के साथ सभी बधाई देने लगे। मेजबान टीम को भी सभी बधाई देने पहुंच गए। मैच के बाद विजेता टीम और खिलाडिय़ों को बीसीसीआई के सीएओ रत्नाकर सेट्ठी के साथ संदीप पाटिल, संजय जगदाले और स्टेनली सल्डाना से पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर प्रदेश संघ के सभी पदाधिकारी मौजूद थे।

बुधवार, 23 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़ खिताब से एक जीत दूर

मेजबान छत्तीसगढ़ का अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट में बिहार से बुधवार को फाइनल में मुकाबला होगा। छत्तीसगढ़ ने आज अपने अंतिम लीग मैच में नए खिलाडिय़ों को मौका देते हुए मणिपुर को पांच विकेट से परास्त कर दिया। छत्तीसगढ़ की यह लगातार छठी जीत है। इस जीत के साथ जहां छत्तीसगढ़ के २९ अंक हो गए हैं, वहीं बिहार के खाते में २४ अंक हैं। फाइनल मैच परसदा के नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में सुबह को ८.४५ बजे होगा।
छत्तीसगढ़ का आज जब अंतिम लीग मैच में मणिपुर की कमजोर टीम से मुकाबला हुआ तो इस मैच में टीम प्रबंधन ने अपने बहुत ज्यादा नए खिलाडिय़ों को खेलने का मौका दिया। इस मैच का फाइनल पर कोई फर्क नहीं पडऩा था, ऐसे में मेजबान टीम ने अपने नए चेहरों को पूरा मौका दिया। नए खिलाडिय़ों के साथ भी टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए पांच विकेट से मैच जीत लिया। मणिपुर ने टॉस जीतकर पहले बल्ले चलाने का फैसला किया। मणिपुर की टीम को छत्तीसगढ़ के गेंदबाजों ने ४२.१ ओवरों में १३० रनों पर ही समेट दिया। इसरोजीत ने ३५ गेंदों का सामना करते हुए ४ चौकों की मदद से २६ एस. जयंता ने ४५ गेंदों पर दो चौकों की मदद से २५ रन और एस. राजीव ने १४ रन बनाए। छत्तीसगढ़ के सन्नी दास ने ९ ओवरों में ३० रन देकर तीन और करण सग्गू ने ७ ओवरों में २२ रन देकर २ विकेट लिए। पीयूष भौवी और विशाल कुशवाहा को एक-एक विकेट मिला।
१३१ रनों की चुनौती को छत्तीसगढ़ ने ३१ ओवरों में ही पांच विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। नए बल्लेबाज पवनदीप सिंह ने ९२ गेंदों पर चार चौकों की मदद से ५६ और अविनाश सिंहा ने ४१ गेंदों पर तीन चौकों की मदद से २६ रन बनाए। मणिपुर के जीनियस १० ओवरों में ४४ रन देकर और कैनेडी ने दो ओवरों में १० रन देकर दो विकेट लिए।
एक अन्य मैच में बिहार ने मेघालय को ९ विकेट से पीट दिया। मेघालय की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए ३४.१ ओवरों में ८२ रनों पर ढेर हो गई। रविश्ंाकर ने ३२ रन देकर चार विकेट और किश्लय शर्मा तथा सतीश राय ने २-२ विकेट लिए। राज बिस्वा ने २७ रन बनाए। ८३ रनों का लक्ष्य बिहार ने एख विकेट खोकर ९.३ ओवरों में ही प्राप्त कर लिया। शाशिम राठौर ने १६ गेंदों पर १० चौकों की मदद से आतिश ५१ और रविशंकर ने १८ गेंदों पर चार चौकों की मदद से २२ नाबाद रन बनाए।
आज की जीत से छत्तीसगढ़ को चार अंक मिले और उसके २९ अंक हो गए। छत्तीसगढ़ ने अपने सभी छह मैच जीते जिससे उसको २४ अंक मिले। इसी के साथ उसको पांच बोनस अंक भी मिले। फाइनल में पहुंची दूसरी टीम बिहार को एक छत्तीसगढ़ के खिलाफ ही हार मिली। उसके खाते में २४ अंक हैं। इसमें पांच मैचों के २० अंक और चार बोनस अंक शामिल हैं। फाइनल की दौड़ में शामिल रही सिक्किम के खाते में ६ मैचों में चार जीत के साथ १६ अंक रहे। उसे छत्तीसगढ़ और बिहार से ही हार मिली। नागालैंड की टीम तीन जीत के साथ १३ अंक लेकर चौथे स्थान पर रही। मेघालय और मणिपुर के खाते में एक-एक जीत आई जबकि अरूणाचल की टीम एक भी मैच नहीं सकी।

मोनेट क्वार्टर फाइनल में

मेजबान हीरा कार्पोरेट की टीम का विजय अभियान दूसरे दौर में थम गया और उसे वन विभाग के हाथों पराजय स्वीकार कर हीरा स्पोट्र्स सांस्कृति विंग द्वारा पहली बार कारर्पोरेट सेक्टर के लिये आयोजित सुरेश अग्रवाल मेमोरियल हीरा कार्पोरेट क्रिकेट प्रतियोगिता से विदा होना पड़ा। महिंद्र यूनाइटेड की टीम भी अपना मैच गंवाकर प्रतियोगिता से बाहर हो गई। आईसीआईसीआई और मोनेट इस्पात की टीमें प्रतियोगिता के क्वार्टर फायनल में पहुंच गई।
टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए सीएसईबी की टीम निर्धारित १२ ओवर में ९ विकेट के नुकसान पर ७३ रन ही बना सकी जिसमें ओंकार के १० गेंदों पर बनाए गए १६ रन और नरेश राव के १९ गेंदों पर बनाए गए २२ रन महत्वपूर्ण रहे। जवाब में आईसीआईसीआई ने ७.१ ओवर में १ विकेट के नुकसान पर ७९ रन बनाकर मैच ९ विकेट से जीत लिया। २९ गेंदों पर ९ चौके और ६ छक्के की मदद से ५२ रन की आतिशी पारी खेलने वाले अमित को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।
एक अन्य मैच में एसीसी की टीम मोनेट इस्पात के खिलाफ १२ ओवर में वह ७२ रन ही जुटा सकी।
७३ रन के विजय लक्ष्य को लेकर मैदान में उतरी मोनेट इस्पात की टीम को भी जीत के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। अ छी शुरुआत के बावजूद उसके विकेट बाद में गिरते चले गए और १०.२ ओवर में उसने ६ विकेट के नुकसान पर लक्ष्य को हासिल किया। मोनेट की ओवर से रमन्ना ने २३ गेंद पर २३ बनाए जिसमें ६ छक्का और २ चौके शामिल थे। वहीं आर.सी. चंद्रा ने १८ गेंद पर १८ रन की पारी खेली। एसीसी की ओर से राहुल ने ३ और वालिया ने २ खिलाडिय़ों को आउट किया। ४ विकेट लेने वाले धर्मवीर को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।
वहीं हीरा कार्पोरेट की टीम को महत्वपूर्ण मुकाबले में वन विभाग के खिलाफ ७ विकेट से पराजय स्वीकार करने के साथ ही स्पर्धा से बाहर होना पड़ा। टॉस जीतने के बाद हीरा कार्पोरेट की पूरी टीम १२ ओवर में केवल ५२ रन बनाकर वापस पेवेलियन लौट गई। कप्तान सिद्धार्थ अग्रवाल ही एक मात्र ऐसे बगेबाज रहे जो दहाई अंकों तक पहुंच सकें, सिद्धार्थ ने ३ चौकों की मदद से १२ गेंद पर १४ रन बनाए। जवाब में वन विभाग ने ६ ओवर में ३ विकेट के नुकसान पर विजय लक्ष्य हासिल कर लिया। वन विभाग की ओर से मनोज सिंह ने मैन ऑफ द मैच का उपहार हासिल करते हुए गेंदबाजी के बाद बगेबाजी में भी अपना जौहार दिखाया और १९ गेंद्र पर ३ चौकों की मदद से ३१ रन बनाए। दूसरे दौर के एक अन्य मुकाबले में आईडीबीआई ने महिंद्रा यूनाइटेड को ९ विकेट से पराजित कर दिया। महिंद्रा की ओर से संदीप ही १ छक्के की मदद से १२ रन के स्कोर तक पहुंच सकें। आईडीबीआई की ओर से अमित व जयकांत ने ५ व ११ रन देकर २-२ विकेट हासिल किए।

मंगलवार, 22 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़ फाइनल में

अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट में मेजबान छत्तीसगढ़ ने अपना विजयक्रम जारी रखते हुए बिहार को मात देकर बिहार के विजय अभियान पर विराम लगा दिया। छत्तीसगढ़ की टीम आज की जीत से फाइनल में पहुंच गई है अब उसका २३ दिसंबर को होने वाले फाइनल में बिहार से ही मुकाबला होगा। छत्तीसगढ़ ने पहले खेलते हुए १७७ रन बनाए। इतने कम स्कोर के बाद भी मेजबान ने अपने गेंदबाजों की मदद से बिहार को १५२ रनों पर समेट कर मैच २५ रनों से जीत लिया।
नए स्टेडियम में टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने मैदान में उतरी मेजबान छत्तीसगढ़ की टीम खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। जिस टीम ने तीन मैचों में ३०० से ज्यादा रन बनाए थे, वह टीम आज २०० का स्कोर भी खड़ा नहीं कर पाई। अरूणाचल के खिलाफ शतक बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज इयान कास्टर ही बिहार के गेंदबाजों का डटकर सामना कर सके। उन्होंने ११४ गेंदों का सामना करके ६ चौकों की मदद से सबसे ज्यादा ६७ रन बनाए। इसके अलावा करण दीप सग्गू के बल्ले से ३० और गौरव टंडन के बल्ले २१ रन निकले। बिहार के लिए सतीश राय ने सबसे ज्यादा ४ विकेट ३१ रन देकर लिए। राजेश सिंह ने ९ ओवरों में २८ रन देकर ३ विकेट लिए।
१७८ रनों की चुनौती कोई खास नहीं थी। ऐसा लग रहा था कि आज बिहार की टीम मेजबान के विजयक्रम पर विराम लगाने में सफल हो जाएगी। लेकिन मेजबान टीम के गेंदबाजों के ऐसा जलवा दिखाया कि बिहार के बल्लेबाज उनके सामने ठहर ही नहीं सके और पूरी टीम ४८.१ ओवरों में १५२ रनों पर सिमट गई। विशाल सिंह, सन्नी दास और गौरव टंडन ने २-२ विकेट और अखंड प्रताप सिंह ने एक विकेट लिया। बिहार के कुमार आदित्य ने ६६ गेंदों पर दो छक्कों और दो चौकों की मदद से सबसे ज्यादा ४१ रन बनाए। राजेश सिंह ने २७ और मंगल महरूर ने २३ रन बनाए। छत्तीसगढ़ आज की जीत के बाद अपने सभी पांच मैच जीतकर २५ अंकों के साथ पहले स्थान पर है। अब उसका कल अंतिम लीग मैच में मणिपुर से मुकाबला होगा। छत्तीसगढ़ के साथ बिहार की टीम भी फाइनल में पहुंच गई है। इनके बीच खिताबी भिड़ंत २३ दिसंबर को नए स्टेडियम में होगी।
आज के अन्य मैचों में मेघालय ने अरूणाचल प्रदेश को ६४ रनों से मात दी। इस मैच में मेघालय ने पहले खेलते हुए श्रीजीत खोशाल के ७९ के साथ राज बिसवा के ५२ रनों की मदद से ८ विकेट पर २२० रन बनाए। इस चुनौती के सामने अरूणाचल की टीम १५६ रनों पर ढेर हो गई।टेली आबू ने ५४ रन बनाए। मेघालय के अरविंद बासुभातारी ने १० ओवरों में १५ रन देकर ५ विकेट लिए। एक अन्य मैच में सिक्किम ने नागालैंड को ५ विकेटसे हराया। इस मैच में नागालैंड ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए बादल दास के ७९, दीपक सिंहा के ५६ और मयंक कुमार के ५० रनों की मदद से ६ विकेट पर २७० रन बनाए। सिक्किम ने जीत का लक्ष्य ४८.५ ओवरों में ५ विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। पालजोर थमांग ने ७९, करणवीर ने ७२ और डेनिस राय ने ५२ रनों की पारी खेली।

बीसीसीआई की क्रिकेट विकास समिति के सदस्य आज आएंगे

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की विकास समिति के मैनेजर स्टेनली शल्डाना के साथ राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख पूर्व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप पाटिल के साथ बीसीसीआई के सीएओ रत्नाकर शेट्ठी के साथ सहसचिव संजय जगदाले मंगलवार को रायपुर आएंगे। ये यहां पर छत्तीसगढ़ में क्रिकेट के विकास के लिए क्या हो सकता है इस पर छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ से चर्चा करेंगे।
बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ में अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन हो रहा है। इस स्पर्धा का समापन २३ दिसंबर को होगा। इसी दिन यहां पर बीसीसीआई के पांच बड़े पदाधिकारी आ रहे हैं। ये अधिकारी भारत में क्रिकेट के विकास के लिए हर राज्य में जाते हैं। इन अधिकारियों में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख संदीप पाटिल के साथ अजय ङाा शामिल हैं। इनका आना इसलिए महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय अकादमी के लिए यही देश भर के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों का चयन करते हैं। ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ की टीम वर्तमान स्पर्धा में जोरदार प्रदर्शन कर रही है और कई खिलाडिय़ों की नजरें राष्ट्रीय अकादमी पर लगीं है, ऐसे में जरूर इन खिलाडिय़ों के लिए इनका आना फायदेमंद हो सकता है।
इधर दल में शामिल स्टेनली शल्डाना का आना भी महत्वपूर्ण है। शल्डाना क्रिकेट विकास योजना के मैनेजर है। वे यहां पर अपनी टीम के साथ छत्तीसगढ़ में क्रिकेट के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे। इसी के साथ बीसीसीआई के सीएओ रत्नाकर शेट्ठी के साथ सहसचिव संजय जगदाले का आना इस नजरिए से महत्व का है कि प्रदेश संघ राजधानी के नए स्टेडियम में कोई बड़ा मैच करवाने के प्रयास में है। अगर बीसीसीआई के इन पदाधिकारियों को स्टेडियम के साथ यहां की व्यवस्था जच गई तो छत्तीसगढ़ को बड़ा मैच मिलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

चैंपियन बनना ही लक्ष्य है

राष्ट्रीय अंडर १९ क्रिकेट चैंपियनशिप में मेजबान छत्तीसगढ़ को फाइनल की राह दिखाने वाले टीम के सितारा खिलाड़ी कप्तान प्रखर राय के साथ विशाल कुशवाहा, वी। नितीश कुमार राव के साथ गेंदबाज अखंड प्रताप सिंह का एक स्वर में कहना है कि हम लोगों का पहला लक्ष्य छत्तीसगढ़ को चैंपियन बनाना है। हमारी टीम अगर चैंपियन बन जाती है तो हम लोगों के लिए कम से कम राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के लिए भी रास्ता खुल जाएगा। इसी के साथ हमारी टीम का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ को रणजी टीम बनाने का रास्ता दिखाने का भी काम करेगा।

प्रदेश में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप में मेजबान छत्तीसगढ़ को लगातार तीन मैचों में जीत दिलाने वाले ये प्रमुख खिलाड़ी कहते हैं कि पहली बार ही छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिला है, और इस मौके का फायदा उठाते हुए हम लोग अपनी टीम को विजेता बनाने का मकसद लेकर ही चल रहे हैं। पूछने पर ये खिलाड़ी कहते हैं कि अभी यह तय नहीं है कि इस स्पर्धा की विजेता टीम को बीसीसीआई द्वारा मुख्य राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने का मौका मिलेगा या नहीं। ऐसे में हम लोगों का यह लक्ष्य है कि अपने मैचों में अच्छा प्रदर्शन करके कम से कम हम लोग बीसीसीआई की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में स्थान बनाने का काम करें। अगर हम लोग वहां तक पहुंच जाते हैं तो हम अंडर १९ या फिर अंडर २१ की भारतीय टीम में स्थान बनाना का रास्ता मिल जाएगा। इन्होंने कहा कि इसी के साथ इस स्पर्धा में किया गया हमारी टीम का प्रदर्शन बीसीसीआई से छत्तीसगढ़ को रणजी टीम बनाने के लिए भी मदद करेगा। अंडर १९ टीम के प्रदर्शन के स्तर को देखकर ही बीसीसीआई किसी राज्य की रणजी टीम का फैसला करता है।

भारतीय टीम में स्थान पाना भी मकसद है

टीम के कप्तान बिलासपुर के प्रखर राय पूछने पर कहते हैं कि मकसद तो भारतीय टीम में स्थान बनाना ही है, पर अंडर १९ टीम में स्थान मिल पाना अभी इसलिए मुश्किल लग रहा है क्योंकि मेरी उम्र १९ साल है और भारतीय टीम में आने के लिए १८ साल का होना चाहिए ताकि एक साल का समय रहे। पूछने पर उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ टीम की कप्तानी करने से पहले २००६ में विजय मर्चेन्ट ट्रॉफी में मप्र की टीम से खेल चुके हैं। यहां पर उन्होंने गुजरात के खिलाफ ३७ रनों की पारी खेली थी। प्रखर पांच बार राष्ट्रीय स्कूली चैंपियनशिप में भी खेल चुके हैं। वर्तमान में चल रही स्पर्धा के बारे में वे बताते हैं कि उन्होंने मेघालय के खिलाफ पहले मैच में तो महज एक रन बनाया, लेकिन इसके बाद उन्होंने नागालैंड के खिलाफ शतक जड़ते हुए १०६ रनों की पारी खेली। इसके बाद सिक्किम के खिलाफ भी उनका बल्ला चमका और उन्होंने ७६ रन बनाए। एक सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि छत्तीसगढ़ की टीम फाइनल में पहुंच ही गई है। हम लोग बचे तीनों मैचों के साथ फाइनल भी जीतने का प्रयास करेंगे।

राष्ट्रीय अकादमी में स्थान मिल सकता है

टीम के एक और धमाकेदार बल्लेबाज विशाल कुशवाहा पूछने पर कहते हैं कि १९ साल के होने की वजह से वे अंडर १९ भारतीय टीम में स्थान बनाने की बात तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में स्थान जरूर मिल सकता है। अब तक मेघालय के खिलाफ १२०, नागालैंड के खिलाफ ५७ और सिक्किम के खिलाफ ४३ रनों की पारी खेलने वाले इस खिलाड़ी का कहना है कि वे लगातार अच्छा प्रदर्शन करके राष्ट्रीय अकादमी में स्थान बनाना चाहते हैं। यहां स्थान मिल गया तो भारत की अंडर २१ टीम में भी जाने का रास्ता मिल जाएगा। विशाल बताते हैं कि वे ४ चार बार राष्ट्रीय स्कूली क्रिकेट में खेलने के साथ कॉलेज की विजी ट्रॉफी में भी खेल चुके हैं। विजी ट्रॉफी में नार्थ जोन की तरफ से उन्होंने शतक बनाया था।
टीम के एक और खिलाड़ी वी। नितीश कुमार राव का बल्ला भी स्पर्धा भी बोल रहा है। उन्होंने मेघालय के खिलाफ ७६ और नागालैंड के खिलाफ पांच रनों की पारी के बाद सिक्किम के खिलाफ ९१ रनों की पारी खेली। वे कहते हैं कि अगर हमारी टीम का प्रदर्शन अच्छा रहेगा और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इससे संतुष्ट होता है तो छत्तीसगढ़ को रणजी टीम बनाने का मौका जल्द मिल सकता है। वे भी कहते हैं कि मेरा भी लक्ष्य राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में स्थान बनाना है।

गांव से निकला स्पिन का जादूगर

छत्तीसगढ़ की टीम से खेल रहे अखंड प्रताप सिंह कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ के हैं। सुविधाविहीन क्षेत्र के होने के बाद भी उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर प्रदेश की टीम में स्थान बनाया है। उनको जो मौका मिला है, उसको उन्होंने भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने अब तक नागालैंड के खिलाफ ५, मेघालय के खिलाफ ३ और सिक्किम के खिलाफ १ विकेट लिया है। अखंड अभी १७ साल के हैं और उनकी प्रतिभा को देखकर यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ का यह खिलााड़ी अंडर १९ साल की भारतीय टीम में स्थान बना सकता है। पूछने पर वे कहते हैं कि अब जबकि उनको छत्तीसगढ़ की टीम से खेलने का मौका मिला है तो अच्छा प्रदर्शन करके भारतीय टीम में स्थान बनाना ही पहला लक्ष्य है।

सोमवार, 21 दिसंबर 2009

इयान के बल्ले से निकली जीत

राष्ट्रीय अंडर १९ क्रिकेट में मेजबान छत्तीसगढ़ ने आज विकेट कीपर बल्लेबाज इयान कास्टर (१३६) के साथ नितीश राय (११८) के शतकों की मदद से अरूणाचल प्रदेश को ३१६ रनों से रौंद दिया। छत्तीसगढ़ ने पहले खेलते हुए ९ विकेट पर ३८५ रन बनाए। इसके जवाब में अरूणाचल की टीम महज ६९ रनों पर सिमट गई। इधर भिलाई में बिहार से सिक्किम को मात देकर फाइनल में स्थान पक्का कर लिया है।

नए स्टेडियम में मेजबान छत्तीसगढ़ ने पहला विकेट तो महज २१ रनों पर ही गंवा दिया। शेख वसीम ४ रन बनाकर ताना राघ की गेंद पर विकेट के पीछे पकड़े गए। ऐसे में वी. नितीश राव का साथ देने के लिए विकेट कीपर बल्लेबाज इयान कास्टर मैदान में आए। इस जोड़ी ने मिलकर अरूणाचल के गेंदबाजों को नचा दिया और दूसरे विकेट के लिए २८५ रनों की साङोदारी करके स्कोर को ३०६ रनों तक पहुंचा दिया। इस बीच दोनों बल्लेबाजों ने अपने शतक पूरे कर लिए थे। नितीश राव १२९ गेंदों में १३ चौकों की मदद से ११८ बनाकर लौटे। इयान ने १७० का गेंदों का सामना करके १३ चौकों की मदद से १३९ रनों की पारी खेली।

इस जोड़ी के टूटने के बाद कोई बड़ी साङोदारी नहीं हो सकी और छत्तीसगढ़ के विकेट गिरते चले गए। छत्तीसगढ़ ने अंत में ५० ओवरों में ९ विकेट पर ३८५ रनों का रिकार्ड स्कोर बनाया। इसके पहले छत्तीसगढ़ ने ही मेघालय के खिलाफ ६ विकेट पर ३६० रन पहले ही मैच में बनाए थे। अरूणाचल की तरफ ने सबसे सफल गेंदबाज ताना राघ रहे। उनेंने १० ओवरों में ६६ रन देकर ५ विकेट लिए।

३८६ रनों की पहाड़ जैसी चुनौती के सामने अरूणाचल की टीम ठहर ही नहीं सकी और पूरी टीम २७.३ ओवरों में ६९ रनों पर ढेर हो गई। छत्तीसगढ़ के गौरव टंडन ने १८ रन देकर सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। अंखड प्रताप सिंह और सन्नी दास ने २-२ विकेट लिए। छत्तीसगढ़ को आज की जीत से जहां ४ अंक जीत के मिले, वहीं एक बोनस अंक भी मिला। उसके अब २० अंक हो गए हैं।

इधर भिलाई में खेले गए एक महत्वपूर्ण मैच में बिहार ने सिक्किम को १४२ रनों से मात देकर फाइनल में स्थान पक्का कर लिया है। बिहार ने पहले खेलते हुए कुमार आदित्य के १३१ रनों के साथ मंगल मेहरूर के ८५ रनोंं की मदद से ४ विकेट पर २९२ रन बनाए। इसके जवाब में सिक्किम की टीम ३५.१ ओवरों में १५१ रनों पर ढेर हो गई। इस हार के साथ ही सिक्किम की फाइनल में पहुचंने में उम्मीद समाप्त हो गई। बिहार को जीत के चार अंकोंं के साथ एक बोनस अंक भी मिला। बिहार का अब कल छत्तीसगढ़ से मुकाबला होगा।

छत्तीसगढ़ की टीमें आज चेन्नई जाएगी

राष्ट्रीय सब जूनियर के साथ कैडेट में खेलने के लिए प्रदेश की टीमें रविवार को चेन्नई जाएगी। वहां पर २१ दिसंबर से स्पर्धा होगी।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के सचि अमिताभ शुक्ला ने बताया कि कैडेट टीम में रोनित सरकार, आदित्य रायचुरा, सूरज तिवारी। बालिका वर्ग में गार्गी मुखर्जी, उत्सव चंग्देल, सागरिका दास गुप्ता। सब जूनियर टीम में मेहूल सिंग, केशव साहा, शिवम सिंग। बालिका वर्ग में रेणुका साहू, गार्गी मुखर्जी, जसमीत कौर का चयन किया गया है। टीम के कोच प्रदीप दास गुप्ता और मैनेजर योगेश रायचुरा हैं। टीम का २१ दिनों का प्रशिक्षण शिविर सप्रे स्कूल के टेबल टेनिस हॉल में लगा था। यहां पर खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय खिलाड़ी विनय बैसावड़े के मार्गदर्शन में तैयार किया गया।

शनिवार, 19 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़-बिहार में खिताबी भिड़ंत

सिक्किम की उम्मीदों पर फिरा पानी

अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट में आज हुई बारिश के कारण जहां मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ बिहार की खिताबी भिड़ंत तय हो गई है, वहीं सिक्किम के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। छत्तीसगढ़ की टीम १७ अंकों के साथ पहले नंबर पर और बिहार की टीम १६ अंकों के साथ दूसरे और सिक्किम की टीम १४ अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। सिक्किम की टीम अब स्पर्धा से एक तरह से बाहर हो गई है, क्योंकि उसके खाते में एक मैच है और यह मैच जीतकर भी उसका फाइनल में पहुंचना संभव नहीं है क्योंकि बिहार की टीम के खाते में दो मैच हैं और इनमें से एक मैच तो उसके लिए आसान है ही।
शुक्रवार को अचानक मौसम में आए बदलाव के बाद हुई बारिश ने अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद लगाए बैठी सिक्किम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सिक्किम के पास फाइनल में पहुंचने के लिए यही एक मौका था कि वह बिहार की उस टीम को मात देने का काम करती जिस टीम ने अब तक अपने तीनों मैच जीते थे। यह राह आसान तो नहीं थी, पर फिर भी सिक्किम की टीम जरूर इस मैच में अपना सब कुछ दांव पर लगाने को तैयार बैठी थी। लेकिन इसका क्या किया जाए कि उसकी किस्मत ही खराब रही और बारिश ने उसके अरमानों तो कुचल दिया। सिक्किम के लिए अब फाइनल की राह पूरी तरह से असंभव है। सिक्किम के खाते में एक मैच है, यह मैच तो वह नागालैंड की टीम से जीत जाएगी, लेकिन इस जीत के बाद भी उसके खाते में होंगे १८ अंक। इतने अंकों के साथ उनका फाइनल में पहुंचना इसलिए संभव नहीं होगा, क्योंकि दूसरे स्थान पर चल रही बिहार की टीम के अभी चार मैचों में १६ अंक हैं, और उसे दो मैच खेलने हैं। बिहार के लिए मेजबान छत्तीसगढ़ से मुकाबला सरल नहीं होगा, लेकिन बिहार की टीम मेघालय से जीत जाएगी। इस जीत से उसके २० अंक हो जाएंगे। अगर किसी कारणवश बिहार यह मैच हार जाती है, तो उसे छत्तीसगढ़ से मैच जीतना होगा। ऐसे में बिहार इस मैच में अपना सब कुछ दांव पर लगाएगा।

बिहार का वैसे मेघालय से हारना संभव नहीं है। मेघालय के खाते में एक भी जीत नहीं हैं और ऐसे में यह सोचा ही नहीं जा सकता है कि एक ऐसी टीम जिसके खाते में कोई जीत नहीं है, वह बिहार जैसी टीम को मात दे सकती है। अब रही बात मेजबान छत्तीसगढ़ की तो आज की बारिश के कारण छत्तीसगढ़ को कोई फर्क नहीं पड़ा है, लेकिन उसके लिए एक बात यह रही कि उसके हाथ से बोनस अंकों का मौका चला गया। आज के मैच में जरूर छत्तीसगढ़ की टीम मणिपुर के खिलाफ स्पर्धा का सबसे बड़ा स्कोर ४०० करने के इरादे से खेलने वाली थी। अगर उसके खाते में एक और बड़ा स्कोर और बड़ी जीत आ जाती तो उसे बोनस अंक मिल जाते। बहरहाल इससे छत्तीसगढ़ को कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। मेजबान टीम तो फाइनल में पहुंच गई है। उसके खाते में इस समय सबसे ज्यादा १७ अंक हैं। उसे अभी दो मैच खेलने हैं। शनिवार को उसका मुकाबला अरूणाचल की टीम से होगा। यह टीम भी बहुत ज्यादा कमजोर है। इस टीम के खाते में कोई अंक नहीं है, बल्कि यह एक अंक माइनस में चल रही है। ऐसे में जरूर छत्तीसगढ़ की टीम का कल के मैच में यही लक्ष्य रहेगा कि वह मैच जीतकर अपना स्थान फाइनल में सुरक्षित कर ले। इसी के साथ टीम आज जो काम मणिपुर के खिलाफ नहीं कर पाई वह काम अरूणाचल के खिलाफ करने का काम करेगी। मेजबान टीम अरूणाचल के खिलाफ आसानी से पहले खेली तो ४०० रन बना सकती और अरूणाचल को काफी कम स्कोर पर समेटकर एक बड़ी जीत प्राप्त कर सकती है। कल के मैच में मेजबान के हाथ ६ अंक लगने की पूरी संभावना है। इतने अंक मिले तो मेजबान के खाते में २३ अंक हो जाएंगे। ऐसे में अगर किसी कारणवश उसको अंतिम मैच में बिहार से हार भी मिल गई तो उसका फाइनल खेलना तय ही रहेगा। कुल मिलाकर स्पर्धा में मेजबान और बिहार का फाइनल खेलने पूरी तरह से तय है।

महेन्द्रा की जीत में अंकुश चमके

अंकुश भारद्वाज की आतिशी पारी की बदौलत महेन्द्रा इलेवन ने व्यावसायिक सहकारी बैंक को ७६ रन से पराजित कर सुरेश अग्रवाल मेमोरियल हीरा कार्पोरेट क्रिकेट प्रतियोगिता में अपनी पहली विजय दर्ज की। मौसम खराब होने की वजह से शुक्रवार को प्रतियोगिता को कोई मैच नहीं खेला जा सका।

हीरा गु्रप द्वारा आयोजित सुरेश अग्रवाल मेमोरियल हीरा कार्पोरेट क्रिकेट प्रतियोगिता में कल रात को खेले गये मैच में महेन्द्रा इलेवन ने व्यावसायिक सहकारी बैंक को ७६ रन से असानी से पराजित कर दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित १० ओवर में महेन्द्रा इलेवन ने २ विकेट के नुकसान पर १२५ रन बनाये जिसमें अंकुश भारद्वाज ने ३१ गेंद पर ६१ रन की पारी जिसमें ६ चौके और ३ छक्के शामिल थे। १२६ रन के विजय लक्ष्य को लेकर मैदान में उतरी व्यावसायिक सहकारी बैंक की टीम १० ओवर में ८ विकेट के नुकसान पर केवल ४९ रन ही बना सकी। आतिशी पारी खेलने वाले अंकुश को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।

आज सुबह से मौसम खराब होने तथा दोपहर तक हो रही वर्षा के कारण आज प्रतियोगिता में कोई भी मैच नहीं खेला जा सका। प्रतियोगिता के आयोजनकर्ता और कर्मचारी दिनभर मैदान को सुखाने में लगे रहे। पिच को रात में ही कव्हर किये जाने की वजह से पिच को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा। स्पर्धा में कल से फिर मुकाबले प्रारंभ होंगे। स्पर्धा में ३२ टीमें खेल रही है।

रायपुर का ब्रिज के खिताब पर कब्जा

छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी की अंतर क्षेत्रीय ब्रिज स्पर्धा के खिताब पर मेजबान रायपुर की टीम ने कब्जा किया।
पावर कंपनी के मुख्यालय डंगनिया में खेली गई इस स्पर्धा में रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय की टीम ने फाइनल में केन्द्रीय कार्यालय की टीम को मात देकर खिताब जीता। विजेता टीम में एके गोपेवार, जेएन सिंकदर, जीसी बरई, एस. नाथ, शामिल थे। इसी तरह से उपविजेता दल में डीके भालेराव, एलके सेठी, विमल मिश्रा, आरके तिवारी, जीके चुली और मनोरिया शामिल थे।
स्पर्धा में फाइनल मुकाबले के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि पावर होल्डिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक वीके श्रीवास्तव ने खिलाडिय़ों को पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कंपनी के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी जोरदार खेल का प्रदर्शन करके राज्य का नाम रौशन करें। उन्होंने विजेता टीम के िखिलाडिय़ों को बधाई दी। इस अवसर पर होल्डिंग कंपनी के कार्यपालक निदेशक जीएस कलसी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। तीन दिनों तक चली स्पर्धा के आब्र्जवर हेमंत सचदेवा एवं विजय मिश्रा थे।

गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

देश के दिग्गज खिलाड़ी ३० को रायपुर आएंगे

राष्ट्रीय जूनियर और यूथ टेबल टेनिस में खेलने के लिए ओलंपियन नेहा अग्रवाल के साथ देश के कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी रायपुर आएंगे। यहां पर स्पर्धा का आयोजन ३० दिसंबर से किया गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश टेबल टेनिस संघ के चेयरमैन विधायक कुलदीप जुनेजा के साथ अध्यक्ष शरद शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। वैसे इसके पहले दो बार सेंट्रल इंडिया स्पर्धा का आयोजन किया गया है, लेकिन राष्ट्रीय स्पर्धा पहली बार हो रही है। इस स्पर्धा के लिए १२ टेबलों पर मुकाबले होंगे। सप्रे स्कूल के टेबल टेनिस हॉल के साथ बैडमिंटन हॉल में भी टेबलें लगाई जाएंगी।
इस स्पर्धा में ओलंपियन नेहा अग्रवाल के साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जी. सत्येन, अमन बाल्गो, राज मंडल, सौम्यजीत घोष, अंकिता दास,दिव्यादेशपांडे सहित कई खिलाड़ी आएंगे। स्पर्धा में २८ राज्यों के करीब ६०० खिलाड़ी भाग लेंगे। हर राज्य से बालक-बालिका वर्ग में चार-चार खिलाडिय़ों को भाग लेने की स्वीकृति रहती है, लेकिन छत्तीसगढ़ को मेजबान होने के कारण हर वर्ग में ८-८ खिलाड़ी शामिल करने की मंजूरी दी गई है। छत्तीसगढ़ के ३२ खिलाड़ी स्पर्धा में भाग लेंगे।
एख सवाल के जवाब में शरद शुक्ला ने बताया कि स्पर्धा पर करीब ३४ लाख खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों के रहने और खाने की व्यवस्था संघ करेगा। खिलाडिय़ों के लिए ३१ दिसंबर की रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

सती और अंतरा भारत की संभावित टीम में

भारत में अगले साल होने वाले कामनवेल्थ खेलों की जूडो स्पर्धा के लिए चुनी गई भारत की संभावित टीम में छत्तीसगढ़ की दो खिलाडिय़ों सती बाघमार और अंतरा सार्थी का चयन किया गया है।
यह जानकारी देते हुए रायपुर जिला जूडो संघ के अनीस मेमन ने बताया कि ये दोनों खिलाड़ी भारतीय टीम के २२ दिसंबर से औरंगाबाद में लगने वाले प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने जाएंगी।

बुधवार, 16 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़ की विजयी हैट्रिक

मेजबान छत्तीसगढ़ ने अपना विजय अभियान जारी रखते हुए सिक्किम को ११७ रनों से मात देकर विजयी हैट्रिक बना ली। इस जीत के साथ ही छत्तीसगढ़ की टीम जहां शीर्ष पर पहुंच गई है, वहीं उसका फाइनल का सफर भी आसान हो गया है। छत्तीसगढ़ ने पहले खेलते हुए ६ विकेट पर ३१३ रन बनाए। इस चुनौती के सामने पिछले दो मैचों में दमदार प्रदर्शन करने वाली सिक्किम की टीम महज १९६ रनों पर ढेर हो गई। अन्य मैचों में नागालैंड ने मणिपुर को ५९ रनों और बिहार ने अरूणाचल प्रदेश को ९ विकेट से मात दी।
राजधानी के नए स्टेडियम में छत्तीसगढ़ को स्पर्धा के तीसरे और नए स्टेडियम के अपने पहले मैच में सिक्किम के खिलाफ पहले खेलते हुए सलामी जोड़ी नीतिश राय और शेख वसीम ने पारी को ७७ रनों की शुरुआत दी। वसीम के २२ रन बनाकर आउट होने के बाद आए इयान कास्टर अपनी टीम को १४ रनों का ही योगदान दे सके। इसके बाद नीतिश और कप्तान प्रखर राय की जोड़ी ने पारी का स्कोर ११९ से १९३ तक पहुंचाया। नीतिश शतक से चूक गए और ९२ गेंदों पर ९१ रन बनाकर करणवीर के शिकार बने। इसके बाद प्रखर राय और विशाल कुशवाहा की जोड़ी ने चौथे विकेट के लिए ५८ रन जोड़े। कप्तान प्रखर ७५ गेंदों में सात चौकों की मदद से ७४ रन बनाकर लौटे। विशाल कुशवाहा ने ३३ गेंदों में ४३ रनों की पारी खेली। छत्तीसगढ़ ने ५० ओवरों में ६ विकेट पर ३१३ रन बनाए।
३१४ रनों की चुनौती के सामने सिक्किम की वह टीम छत्तीसगढ़ के गेंदबाजों के सामने ठहर ही नहीं पाई, जिसने पहले दो मैचों में जोरदार प्रदर्शन करके जीत प्राप्त की थी। सलामी बल्लेबाज करणवीर ने शतक बनाकर अपनी टीम को एक बड़ी हार से बचाने का प्रयास किया, फिर भी टीम ११७ रनों से हार गई। करणवीर ने १३९ गेंदों का सामना करके १२ चौकों और तीन छक्कों की मदद से ११२ रन बनाए। इसके अलावा पालजोर के बल्ले से २८ और रमन शर्मा ने २० रनों की पारी खेली। पूरी टीम १९६ रन नाकर आउट हो गई।
भिलाई में खेले गए मैचों में नागालैंड ने मणिपुर को ५९ रनों से हराया। नागालैंड के १९७ रनों के सामने मणिपुर की पारी १३८ पर सिमट गई। दूसरे मैच में बिहार ने अरूणाचल प्रदेश को ७० रनों समेटने के बाद एक विकेट के नुकसान पर ७१ रन बनाकर मैच जीत लिया।
छत्तीसगढ़
नीतिश राय का उदित बो करणवीर ९१ (९२), शेख वसीम का उदित बो करणवीर २२ (४३), इयान कास्टर का करणवीर बो पालजोर थमांग १४ (३२), प्रखर राय का संतोष बो लियोन ७४ (७५), विशाल कुशवाहा उदित बो जीवन घानी ४३ (३३), करन दीप सिंह का पालजोर बो जीवन घानी १६ (१७), सुंधाशु मिश्रा नाबाद १३, सन्नी दास नाबाद ०३ (०३), अतिरिक्त ३७। कुल ५० ओवरो में ६ विकेट पर ३१३ रन।
विकेट पतन- १-७७, २-११९, ३-१९३, ४-२५१, ५-२९०, ६-३११।
गेंदबाजी- रोहन लोहार ६-०-६२-०, जीवन घानी १०-०-५७-२, करणवीर ०९००-५५-२, पालजोर थमांग १०-०-४४-१, लियोन ४-०-२८-१।
सिक्किम
चेतन का विशाल बो प्रतीक राज ०० (०१), करणवीर बो अखंड प्रताप सिंह ११२ (१३९), दानिस राय रन आउट ०० (०१), लियोन पगबाधा बो प्रखर राय ०९ (१४), उदित वत्स बो प्रतीक राज ०१ (०३), पालजोर थमांग का वसीम बो सन्नी दास २८ (५९), रमन शर्मा का अखंड बो विशाल २० (४४), गोपाल गुप्ता नाबाद १० (३६), संतोष कुमार स्टंप इयान बो सन्नी दास ०० (०३), जीवन घानी स्टम्प इयान सन्नी दास ०० (०१), रोहन लोहार नाबाद ०० (०३), अतिरिक्त १६।
कुल- १९६ रनों पर आल आउट।
विकेट पतन -१-०, २-०, ३-२१, ४-२५, ५-९०, ६-१४८, ७-१८९, ८-१९०, ९-१९०, १०-१९६।
गेंदबाजी- प्रतीक राज ७-०-२६-२, प्रखर राय ४-०-१७-१, विशाल ८-०-४१-१, सन्नी दास ९-०-३१-३, अखंड प्रताप सिंह ९-१-३१-१, नीतिश राय १०-०-३०-०।

एनआईटी रायपुर को दोहरा खिताब

अखिल भारतीय एनआईटी हैंडबॉल और हॉकी में मेजबान रायपुर ने दोनों खिताबों पर कब्जा कर लिया। हैंडबॉल में महज दो टीमें होने के कारण बेस्ट ऑफ थ्री में मुकाबला करवाया गया। स्पर्धा में देश की तीन टीमों ने हिस्सा लिया, जबकि देश में १६ एनआईटी हैं। कम टीमों के कारण यह बात साबित होती है कि एनआईटी में खेलों के प्रति ध्यान ही नहीं दिया जाता है। इस बात को प्रशिक्षकों और खिलाडिय़ों ने भी कबूल किया कि एनआईटी में खेलों की टीमों का टोटा है।
एनआईटी रायपुर के मैदान में आयोजित स्पर्धा में हॉकी में एक मात्र टीम राउरकेला एनआईटी और हैंडबॉल में सूरत की टीम ही आई। इधर मेजबान रायपुर ने दोनों खेलों में अपनी टीमें तैयार की थीं। ऐसे में हॉकी में तो रायपुर और राऊरकेला के बीच एक ही मुकाबले से खिताब की फैसला किया गया। इस मैच में रोमांचक मुकाबला हुआ और दोनों ही टीमें पहले हॉफ में काफी प्रयासों के बाद गोल नहीं कर सकी। इस हॉफ में रायपुर को तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन किसी को भी गोल में नहीं बदला जा सका। दूसरे हॉफ में भी जब लगने लगा था कि मैच में कोई गोल नहीं हो पाएगा और टाईबेकर की तैयारी की जा रही थी, तभी रायपुर के विशाल रावत ने मैच समाप्त होने के दो मिनट पहले गोल दागकर रायपुर की जीत तय कर दी। अंत में रायपुर ने यह मैच १-० से जीत कर खिताब अपने नाम कर लिया।
हैंडबॉल में मेजबान रायपुर और सूरत की ही टीमें होने के कारण दोनों टीमों के खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों से बात करके तय किया गया कि विजेता का फैसला करने के लिए तीन मैच करवाए जाएं जिसके खाते में दो मैच जाएंगे वह विजेता रहेगा। सुबह के सत्र में पहले मैच में रायपुर ने १४-१० से जीत प्राप्त की। इस मैच में रायपुर के आदित्य रेवरी ने जहां सबसे ज्यादा ६ गोल किए, वहीं रायपुर के गोलकीपर भवानी सिंह ने अच्छा बचाव किया। शाम के सत्र में भी इन्ही दोंनों के खेल की मदद से रायपुर ने मैच ११-८ से जीत कर खिताब जीत लिया। इस मैच में आदित्य ने ५ गोल किए। क्रीड़ा अधिकारी आलोक दुबे ने बताया कि हैंडबॉल में तीसरा मैच कल खेला जाएगा। यह मैच महज औपचारिक होगा क्योंकि खिताब पहले ही रायपुर के नाम हो चुका है।
टीमों का टोटा

स्पर्धा में कम टीमों के आने का कारण जानने पर खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों ने एक स्वर में बताया कि देश में यूं तो १६ एनआईटी है, पर ज्यादातर में खेलों की टीमें बनती ही नहीं है। जिन एनआईटी में क्रीड़ा अधिकारी सक्रिय हैं, टीमें वहीं बनती हैं। इनका मानना है कि सभी एनईटी में टीमें बननी चाहिए ताकि खेलों के विकास में एनआईटी का भी नाम हो सके। खिलाडिय़ों ने कहा कि पहले जब इंजीनियरिंग कॉलेज थे तो बहुत टीमें बनती थी।

मंगलवार, 15 दिसंबर 2009

प्रदेश की जूडो टीम हरिद्वार जाएगी

रष्ट्रीय सीनियर जूडो चैंपियनशिप में खेलने के लिए छत्तीसगढ़ की टीम मंगलवार को हरिद्वार जाएगी।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अरूण द्विवेदी ने बताया कि हरिद्वार में १७ से २१ दिसंबर तक राष्ट्रीय स्पर्धा होने वाली है। इसके लिए प्रदेश की टीम चुन ली गई है। टीम इस प्रकार है- डॉनी देवांगन, श्रृद्धा देवांगन, देवी रत्ना पाटिल, किरण शर्मा, माधुरी रावते,रूकमणी साहू, श्वेता यादव,। कोच श्रीमती नरेन्द्र कम्बोज, प्रबंधक जाय बेनर्जी। पुरु। टीम- नवनीत सिंह, राजेश अग्रवाल, पी. किशोर, आशीष सिंह ठाकुर, शेख शरीप, बलवंत ङाा, प्रणव शंकर, विजय नाग। प्रशिक्षक जीएस साहू, प्रबंधक शंभू राम सोनी। श्री द्विेवेदी ने बताया कि प्रदेश टीम का चयन राज्य स्पर्धा णएं प्रदर्शन के आधार पर किया गया है।

छत्तीसगढ़ की सिक्किम से भिड़ंत

अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट में मेजबान छत्तीसगढ़ की सिक्किम की उस टीम से मंगलवार को भिड़ंत होगी जिस टीम ने अब तक अपने दोनों मैच जीते हैं। वैसे छत्तीसगढ़ ने भी अपने दोनों मैच जीते हैं और स्पर्धा में सबसे ज्यादा स्कोर बनाने का रिकार्ड भी मेजबान के नाम है। मेजबान के दो बल्लेबाज विशाल कुशवाहा और कप्तान प्रखर राय शतक भी बना चुके हैं। छत्तीसगढ़ का यह पहला मैच होगा जो नए स्टेडियम में खेला जाएगा।

छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा पहली बार छत्तीसगढ़ में अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन किया गया है। इस आयोजन का जिम्मा छत्तीसगढ़ को दिया गया है। यहां पर १२ दिसंबर से प्रारंभ हुए इस स्पर्धा में अब तक ६ मैच हो चुके हैं। मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ सिक्किम की टीमें अपने दोनों मैच जीतकर पहले स्थान पर हैं। मेजबान छत्तीसगढ़ के नाम ही सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकार्ड दर्ज हुआ है। पहले ही मैच में मेजबान टीम ने मेघालय के खिलाफ ३६० रन बनाकर २०३ रनों से मैच जीता था। इस मैच में विशाल कुशवाहा ने शतक जड़ा था। अगले मैच में छत्तीसगढ़़ ने नागालैंड को ७२ रनों से मात दी। इस मैच में कप्तान प्रखर राय ने जहां शतक जड़ा, वहीं अखंड प्रताप सिंह ने पांच विकेट चटकाए। इधर सिक्किम ने भी जोरदार खेल दिखाते हुए पहले मैच में मणिपुर को २ विकेट से मात देने के बाद दूसरे मैच में अरूणाप्रदेश को २२४ रनों से मात देकर स्पर्धा की सबसे बड़ी जीत प्राप्त की।

कल के मैच में इन्हीं दो दिग्गज टीमें छत्तीसगढ़ और सिक्किम में भिड़ंत होने वाली है। यह मैच रायपुर के नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेला जाएगा। छत्तीसगढ़ के अब तक दोनों मैच भिलाई में हुए हैं, यह पहला मैच है जो नए स्टेडियम में होगा। इस विकेट से वैसे रायपुर के खिलाड़ी परिचित है। सिक्किम के खिलाड़ी भी इस मैदान में दो मैच खेलकर विकेट से परिचित हो गए हैं। दोनों टीमें के खिलाड़ी पूरे फार्म में चल रहे हैं, ऐसे में कल एक रोमांचक मैच होने की उम्मीद है। कल ही दो मैच भिलाई में होंगे। एक मैच में मणिपुर का मुकाबला नागालैंड से और दूसरे में अरूणाचल का मुकाबला बिहार से होगा।

सोमवार, 14 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़-सिक्किम की लगातार दूसरी जीत

अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट में मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ सिक्किम के बल्लेबाजों ने भी रनों की ङाड़ी लगाते हुए अपनी-अपनी टीम को जीत दिला दी। यह दोनों टीमों की लगातार दूसरी जीत है। राजधानी रायपुर में सिक्किम ने जहां अरूणाचल प्रदेश को २२४ रनों से रौंदा, वहीं भिलाई में खेले गए मैच में छत्तीसगढ़ ने कप्तान प्रखार राय के शतक की मदद से नागालैंड को ७२ रनों से पीटा। मणिपुर ने पहली जीत दर्ज करते हुए मेघालय को दो विकेट से हराया।
नए स्टेडियम में आज सिक्किम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए २७२ रन बनाए। सलामी जोड़ी रवि श्रीवास्तव और करण वीर ने टीम को ३९ रनों की शुरुआत दी। इस जोड़ी को तोडऩे का काम ताना राघ ने किया। उन्होंने रवि को ५ रनों पर विकेट के पीछे कैच करवा दिया। इसके बाद दो और विकेट गिर गए। चौथे विकेट के लिए करण वीर और लियोन लेपचा ने ५४ रनों की साङोदारी की। यही साङोदारी सबसे बड़ी रही। करण वीर ने ६० गेंदों पर सात चौकों की मदद से ५९ रन बनाए। इसके अलावा उदित वत्स ने ३६, पालजोर थमांग ने ३५ और लियोन ने ३२ रनों की पारी खेलकर अपनी टीम का स्कोर २७२ तक पहुंचाया। अरूणाचल की तरफ ने ताना राघ ने सबसे ज्यादा तीन विकेट ३७ रन देकर लिए। सुहैल हसन को ६१ रनों के एवज में दो विकेट मिले।
२७३ रनों की चुनौती के सामने अरूणाचल की टीम २३.१ ओवरों में महज ४८ रनों पर ढेर हो गई। टीम का कोई भी बल्लेबाज दहाई अंक तक नहीं पहुंच सका। जीवन घानी ने मात्र ८ रन देकर ४ विकेट चटकाए। रोहन लोहार को तीन और पालजोर थमांग को दो विकेट मिले।
इधर भिलाई में मेजबान छत्तीसगढ़ की टीम ने भी अपना विजयक्रम जारी रखते हुए आज नागालैंड को ७२ रनों से धो दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए छत्तीसगढ़ ने कप्तान प्रखर राय के आतिशी शतक के साथ कल के शतकवीर विशाल कुशवाहा के अर्धशतक की मदद से ७ विकेट पर २५८ रन बनाए। प्रखर ने १२१ गेेंदों का सामना करके १२ चौकों की मदद से १०६ रन बनाए। विशाल ने ५६ गेंदों में दो छक्कों और चार चौकों की मदद से ५७ रनों की पारी खेली। २५९ रनों के लक्ष्य को नागालैंड की टीम प्राप्त करने में असफल रही और उसकी पूरी पारी ४२.५ ओवरों में अखंड प्रताप सिंग की घातक गेंदबाजी के सामने १८६ रनों पर सिमट गई। अखंड प्रताप ने ९.५ ओवरों में ३१ रन देकर पांच विकेट लिए। नागालैंड की तरफ से कृपांग तुंग लोथा ने १०७ गेंदों पर दो छक्कों और सात चौकों की मदद से ६८ रनों की पारी खेली। दीपक सिंहा ने ९ चौकों की सहायता से ३८ और विकास कुमार ने ३५ रनों की पारी खेली। इसमें चार चौके और एक छक्का शामिल है।
भिलाई में खेले गए एक अन्य मैच में मणिपुर ने मेघालय को दो विकेट से मात देकर पहली जीत दर्ज की। मणिपुर की टीम पहले मैच में सिक्किम से हार गई थी। मेघालय ने पहला मैच छत्तीसगढ़ से गंवाया था। आज के मैच में मेघालय ने ४८।१ ओवरों में २२७ रन बनाए। अभिषेक दास ने ९३ गेंदों पर ६८ और सिलवेक्टर ने ९० गेेंदों पर तीन चौकों की मदद से ६६ रन बनाए। इसके जवाब में सिक्किम की टीम ने ४८.४ ओवरों में २३० रन बनाकर मैच जीत लिया। राजीव ने ५१, महेश कुमार ने ४७, नरसिंग ने २९ और जैनिस ने २३ रनों की पारी खेली। मेघालय के प्रियंक ने ४५ रन देकर ५ विकेट लिए।

सिक्किम: रविश्रीवास्तव का. बो. ताना राघ ०५ (१७), करण वीर नाबाद ५९ (६०), दानिश राय बो सुहैल हसन ०५ (१७), लियोन लेपचा का. बो टेली, ३२ (४७), उदित वत्स बो टेची ताहीन ३६ (४५), पालजोर थमांग बो. शम्स आलम ३५ (४७), रमन शर्मा रन आउट १३ (१३), गोपाल गुप्ता बो ताना राघ ०६ (०४), जीवन घानी का. ब्रुसेल बो सुहैल एप. २० (१५), रविन्द्र का. ब्रुसेल बो ताना राघ १० (१२), अतिरिक्त ४२ रन।
कुल योग ४९.३ ओवरों में ९ विकेट पर २७२ रन।
विकेट पतन १-३९, २-६८, ३-९८, ४-१५२, ५-१७५, ६-२०३, ७-२१३, ८-२५०, ९-२५०, १०-२७२। गेंदबाजी ताना राघ ९.३-०-३७-३, सुहैल हसन १०-०-६१-२, शम्स आलम १०-०-४२-१।
अरूणाचल प्रदेश- टेली बो. रवीन्दर ०६ (१७), कामेश पगबाधा बो रोहन लोहार, ०१ (०३), टेली अभो बो रोहन ०६ (२८), टेली तालील बो.जीवन घानी ०९ (३५), सोंग टाचो पगबधा बो रोहन ०२ (०३), टेची ताहीन नाबाद ०४ (२६), ताबोम पगबधा बो पाल्जोर ०३ (०१५), सुहैल हसन पगबाधा बो पालजोर ०० (०१), टेली चेयी पगबाधा बो जीवन घानी, ताना राघ बो जीवन ०० (०२), शम्स आलम बो. जीवन ०२ ०६)। कुल २३.१ ओवरों में ४८ रन।
विकेट पतन- १-८, २-८, ३-२५, ४-२९, ५-३२, ६-४२, ७-४५, ८-४५, ९-४८।
गेंदबाजी- रोहन लोहार ८-२-१६-३, जीवन घानी ६.१-८-४, पालजोर ४-०-०७-२, रवीन्दर रावत ५-१-१२-१।

आकाश भारतीय टीम में

छत्तीसगढ़ के साफ्ट टेनिस के खिलाड़ी आकाश चौबे का चयन भारतीय टीम में हुआ है। यह टीम जापान में होने वाली विश्व जूनियर चैंपियनशिप में खेलने के लिए १५ दिसंबर को जापान रवाना होगी। भारतीय दल में शामिल होने के लिए आकाश कल यहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश साफ्ट टेनिस संघ के प्रमोद ठाकुर ने बताया कि आकाश का चयन लुधियाना में खेली गई राष्ट्रीय जूनियर (अंडर १५) चैंपियनशिप में किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया गया है। राजकुमार कॉलेज के कक्षा सातवीं का यह छात्र छत्तीसगढ़ से चुना जाने वाला एक मात्र खिलाड़ी है। १३ साल के इस छात्र ने गुजरात में भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में एक से ६ दिसंबर तक भाग लिया है। वहां पर भारतीय टीम को तैयार किया गया है। श्री ठाकुर ने बताया कि भारत की अंडर १५ के साथ अंडर १८ और २१ की टीम भी खेलने जाएगी। आकाश खेल अधिकारी ए. चौबे और सहायक प्राध्यापिका रीता चौबे के पुत्र हैं। आकाश की बहन आकांक्षा चौबे भी लॉन टेनिस की खिलाड़ी हैं।

रविवार, 13 दिसंबर 2009

सिक्किम की मणिपुर पर जीत में पोलजार चमके



अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट के पहले मैच में सिक्किम ने पालजोर थमांग की घातक गेंदबाजी की मदद से मणिपुर को ३ विकेट से मात देकर पहला मैच जीत लिया। मणिपुर ने टॉस जीतकर पहले खेलते हुए १९९ रन बनाए। सिक्किम से जीत का लक्ष्य सात विकेट खोकर ही प्राप्त कर लिया। अन्य मैचों में छत्तीसगढ़ और बिहार ने भी अपने-अपने मै जीत लिए। चैंपियनशिप के दूसरे दिन भी तीन मैच खेले जाएंगे।
नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में टॉस जीतकर पहले बल्ले चलाने उतरी मणिपुर की शुरुआत ही खराब रही और उसने तीन विकेट महज २८ रनों पर ही गंवा दिए। ऐसे में दूसरे नंबर के बल्लेबाज संतोष टीएच के साथ पांचवें नंबर के जयंता एस ने मोर्चा संभाला और इस जोड़ी ने चौथे विकेट की साङोदारी में ११० रन जोड़कर टीम को संकट से उबारने का काम किया। इस जोड़ी को तोडऩे का काम पालजोर थमंगा ने किया। उन्होंने जयंता को अपनी ही गेंद पर लपक लिया। जयंता ८२ गेंदों पर सात चौकों की मदद से ५७ रन बनाकर लौटे। यह विकेट १३८ पर गिरा। इसके बाद फिर से विकेट गिरने का सिलसिला प्रारंभ हो गया और मणिपुर की टीम ५० ओवरों में ९ विकेट पर १९९ रन ही बना सकी। सलामी बल्लेबाज संतोष एस ने १२४ गेंदों का सामना करके तीन चौकों की मदद से ६० रन बनाए। होमेन्द्र २३ और रोजीत १० रनों पर नाबाद रहे। पालजोर थमांग ने २६ रन देकर सबसे ज्यादा ४ विकेट लिए।
२०० रनों की चुनौती के सामने सिक्किम की सलामी जोड़ी करन वीर और करण प्रताप अपनी टीम को महज १६ रनों का ही योगदान दे सके। सिक्किम के ४ विकेट ७७ रनों पर गिर गए। पांंचवें विकेट की साङोदारी में ४५ रन बने। सिक्किम ने अंत में यह मैच सात विकेट गंवाकर जीत लिया। सिक्किम के लिए उदित वत्स ने ५२ गेेंदों पर आतिशी ५३ रन बनाए। रमन शर्मा ३३ रनों पर नाबाद रहे। छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष राजय सिंह परिहार ने बताया कि सुबह को स्पर्धा का उद्घाटन संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने किया। इस अवसर पर संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ २०३ रनों से जीता
मेजबान छत्तीसगढ़ का पहले दिन भिलाई में मेघालय से मुकाबला हुआ। पहले खेलते हुए मेजबान टीम ने ६ विकेट पर ३६० रनों का विशाल स्कोर बनाया। विशाल सिंह कुशवाहा ने ६३ गेंदों पर ही पांच छक्कों और ९ चौकों की मदद से ११० रन बनाए। इसके अलावा वी. नितीश राव ने ७० गेंदों पर ११ चौकों की मदद से ७६, लेविन ब्रयान कास्टर ने ४९ गेंदों पर सात चौकों की मदद से ५२, सन्नी दास ने ३६ और शेख सलीम ने २९ रनों की पारी खेली। अरविंद बासूमाटारी ने दो विकेट लिए। ३६१ रनों की कठिन चुनौती के सामने मेघालय की टीम ४६.३ ओवरों में १५७ रनों पर ही ढेर हो गई। प्रखर राय ने ४, सुंधाशु मिश्रा एवं अखंड प्रताप सिंह ने ३-३ विकेट लिए। मेघालय ने प्रियांक बेनर्जी ने ७० और अभिषेक दासगुप्ता ने ४६ रनों की पारी खेली।
बिहार ने नागालैंड को हराया
भिलाई में खेले गए एक और मैच में बिहार ने नागालैंड को तीन विकेट से हराया। इस मैच में पहले खेलते हुए नागालैंड ने विकास कुमार के ७० के साथ दीपक सिंग के ५५ रनों की मदद से ९ विकेट पर २२१ रन बनाए। रवि शंकर ने तीन विकेट लिए। २२२ रनों की चुनौती को बिहार ने सात विकेट खोकर ४३वें ओवर में ही प्राप्त कर लिया। बिहार के लिए राजेश सिंह ने ५० गेंदों में ६ चौकों की मदद से ६३ और कुमार आदित्य ने ६३ गेंदों में ९ चौकों की मदद से ५९ रनों की पारी खेली।

मणिपुर- केएसएच नरसिंह का उदित बो रोहन लोहार ०३ (०८), संतोष टीएच रन आउट ६० (१२४), इशोरोजीत पगबाधा बो जीवन नी ०७ (१६), राजीव एस पगबाधा बो रोहन लोहार ०० (०६), जयंता एस का. एंड बो पलजोर तमांग ५७ (८२), क. शशिकांत का करण प्रताप बो गोपाल गुप्ता ०२ (०९), कैनेडी पगबाधा बो पालजोर थमांग ०० (०६), महेश कुमार का गोपाल बो पालजोर थमांग ०२ (०८), वेटेशोर का उदित बो पालजोर थमांग ०१ (०६), होमेन्द्र नाबाद २३ (२४), रोजीत नाबाद १० (१३)। अतिरिक्त ३४ रन।
कुल ५० ओवरों में ९ विकेट पर १९९ रन।
विकेट पतन- १-१२, २-२७, ३-२८, ४-१३८, ५-१५५, ६-१५६, ७-१६२, ८-१६२, ९-१६३।
गेंदबाजी- जीवन धानी ९-२-३७-१, रोहन लोहार ९-०-३८-२, करन वीर २-०-१३-०, गोपाल गुप्ता १०-०-४२-१, पंकज यादव ८-२-२६-००, पालजोर थमांग १०-२-२६-४, रमन शर्मा १-०-७-०, करण प्रताप १०-०१०-०।
सिक्किम - करन वीर का वेटेशोर बो रोजीत ०१ (०९), करण प्रताप बो होमेन्द्र १२ ९१३), दानिश राय का. बो शशिकांत ०७ (१६), लियोन लेपचा का.बो शशिकांता, १८ (६३), उदित वत्स का रोजीत बो महेश कुमार ५३ (५२), पालजोर का बो महेश कुमार १२ (२७), रमन शर्मा नाबाद ३८ (६२),गोपाल गुप्ता का. नरसिंह बो होमेन्द्र २० (३०), जीवन धानी नाबाद १०स (१०), अतिरिक्त २९।
कुल- ७ विकेट पर २०० रन।
विकेट पतन- १-१६, २-१८, ३-३३, ४-७७, ५-११२, ६-१२७, ७-१७९।
गेंदबाजी- होमेन्द्र ९-०-३६-२, रोजीत ९-०-५६-१, कैनेडी १-१-०-०, महेश कुमार १०-०-३७-२, शशिकांत १०-१-३१-१, जयंता २-०-१५-०, बृजेश ४-०-१६-०, संतोष १-०-४-०।

शनिवार, 12 दिसंबर 2009

टीम को निखारने की सोच-बुलाया अंतरराष्ट्रीय कोच

पुलिस लाइन के मैदान में शाम के समय वालीबॉल मैदान में खिलाडिय़ों को कोच बॉल पर बॉल दिए जा रहे हैं और खिलाड़ी दनादन शाट्स पे शाट्स मारकर अभ्यास करने में जुटे हैं। हर खिलाड़ी जोश में है। इस जोश के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि प्रदेश के खिलाडिय़ों को पहली बार अंतरराष्ट्रीय कोच का साथ मिला है जो उनके खेल को निखारने के लिए रोज छह घंटे तक लगातार मेहनत करवा रहे हैं। प्रदेश की टीम का इस समय एक मात्र लक्ष्य राष्ट्रीय चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाकर राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता प्राप्त करना है। अब तक प्रदेश की टीम एक बार भी राष्ट्रीय खेलों में नहीं खेल सकी है। टीम को इसी सफलता के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रदेश संघ ने पहली बार टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय कोच की सेवाएं ली हैं।

राजधानी रायपुर के पुलिस मैदान के वालीबॉल कोर्ट में सुबह और शाम के सत्र में प्रदेश के खिलाडिय़ों का जमावड़ा लग रहा है। प्रदेश की संभावित टीम के दो दर्जन खिलाडिय़ों को निखारने का काम भारतीय वालीबॉल टीम के एक दशक से भी ज्यादा समय से कोच रहने वाले चंदर सिंह कर रहे हैं। उनके प्रशिक्षण देने के अंदाज पर ही हर खिलाड़ी फिदा हो गया है और जिस तरह से खिलाड़ी लगातार मेहनत कर रहे हैं, वैसी मेहनत करते उनको पहले कभी नहीं देखा गया है। टीम के संभावित खिलाड़ी हरमिंदर पाल, संतोष कुमार, अमनदीप, सचिन गुमाश्ता, प्रियेश जान, सुरेश सिंग, अमित अंदानी, ललित मिश्रा, मुकेश खत्री, लक्ष्मण कुमार, सुलेमान, शोएब अब्बासी, के. विपिन कुमार, विवेक नेताम, आकाश पांडे, आनंद कुमार, बालेन्द्र सिंह, धनंजय पाठक और लक्ष्मी नारायण एक स्वर में कहते हैं कि हमने सोचा नहीं था कि ऐसा भी प्रशिक्षण हो सकता है। इनका कहना है कि हम लोगों को प्रशिक्षण में बहुत मजा आ रहा है। खिलाड़ी कहते हैं कि जिस तरह से हमें प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उससे उम्मीद कर सकते हैं कि हमारी टीम जरूर ग्वालियर में होने वाली ५८वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल होगी। अगर हमारी टीम वहां क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाएगी तो हम लोगों को ङाारखंड के राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता मिल जाएगी। खिलाड़ी पूछने पर कहते हैं कि छत्तीसगढ़ की टीम को अब तक राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता नहीं मिली है, अगर इस बार सफल होते हैं तो यह अपने राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। खिलाड़ी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेल २०१३-१४ की मेजबानी मिली है, ऐसे में अब और भी जरूरी हो जाता है कि हम लोगों की टीम को राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता मिले। एक बार अगर सफलता मिल जाती है, तो इस सफलता को बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रदेश के खिलाडिय़ों पर आ जाएगी।
खिलाड़ी पूछने पर कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कोच से प्रशिक्षण लेने और वो भी एक ऐसे कोच से जो भारतीय टीम को कोचिंग देते हैं हम लोगों के लिए सपने जैसा है। खिलाड़ी प्रदेश संघ की तारीफ करते हुए कहते हैं कि यह हमारे संघ के बस की बात है जो उसने एक अंतरराष्ट्रीय कोच की व्यवस्था की है। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि वालीबॉल संघ प्रदेश का ऐसा पहला संघ है जिसने प्रदेश की टीम को संवारने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कोच की सेवाएं ली हैं। खिलाडिय़ों ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इसके पहे कभी ऐसा नहीं होता था कि हम लोग लगातर शाट्स मारने की या फिर सर्विस करने का लगातार अभ्यास करते थे। इन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों की फिटनेस पर कोच खास ध्यान दे रहे हैं। २४ दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण शिविर में संभावित टीम के खिलाडिय़ों की दो टीमें बनाकर मैच भी करवाए जा रहे हैं।

खेल का स्तर ऊंचा करना है: अकरम

प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो। अकरम खान पूछने पर कहते हैं कि हमारे संघ ने अंतरराष्ट्रीय कोच की सेवाएं इसलिए ली है ताकि छत्तीसगढ़ में वालीबॉल का स्तर ऊंचा किया जा सके। वे कहते हैं कि अपने राज्य में प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की कोई कमी नहीं है। हमारे यहां प्रशिक्षक भी अच्छे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक की बात और होती है। आज हम जिन कोच चंदर सिंह की सेवाएं ले रहे हैं वे भारत की सीनियर टीम के १२ साल से कोच हैं। उनके प्रशिक्षण में लगातार भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में जबकि वर्तमान में भारतीय टीम का कही दौरा नहीं है और कोच खाली थे, तो हमारे संघ ने उनके संपर्क किया और वे इसलिए यहां आने को तैयार हो गए क्योंकि उन्होंने हाल ही में ओएलजीसी में कोच का पद छोड़ दिया है। श्री खान ने भरोसा जताया कि हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय कोच की सेवाएं मिलने के बाद जरूर राष्ट्रीय स्पर्धा में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करेंगे।

शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

स्कूली टीमों का प्रशिक्षण शिविर १५ से

राष्ट्रीय शालेय खेलों में दिल्ली खेलने जाने वाली प्रदेश की ११ खेलों की टीमों का प्रशिक्षण शिविर रायपुर के साथ बिलासपुर और दुर्ग में १५ दिसंबर से लगेगा। २१ दिसंबर तक प्रशिक्षण लेने के बाद टीमें २२ दिसंबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगी। जहां पर २४ दिसंबर से मुकाबले होंगे।

यह जानकारी देते हुए सहायक संचालक खेल एसआर कर्ष ने बताया कि दिल्ली में ११ खेलों की राष्ट्रीय स्पर्धाओं का आयोजन किया गया है। इन खेलों में भाग लेने वाले छत्तीसगढ़ की टीमों को सात दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। रायपुर में कुश्ती बालक वर्ग अंडर १४, १७ और १९ साल, हैंडबॉल बालक-बालिका अंडर १९, योगा बालक-बालिका अंडर १४, १७ और १९ साल, बेसबॉल बालक-बालिका अंडर १९ साल का प्रशिक्षण शिविर लगेगा। इन चार खेलों में कुल १२६ खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। रायपुर के अलावा दुर्ग में भारोत्तोलन और मुक्केबाजी का प्रशिक्षण शिविर लगेगा। बिलासपुर में वालीबॉल बालक-बालिका अंडर १४, क्रिकेट बालक-बालिका अंडर १९, बेसबॉल बालक-बालिका अंडर १४, थ्रोबाल बालक अंडर १९, एवं नेटबॉल बालक-बालिका अंडर १९ साल का प्रशिक्षण शिविर लगेगा।

रायपुर फाइनल में

राज्य बैडमिंटन में मेजबान रायपुर की महिला खिलाडिय़ों ने जोरदार खेल दिखाते हुए फाइनल में स्थान बना लिया। यहां अब उनकी खिताबी भिड़ंत दुर्ग से होगी। रायपुर ने कांकेर को और दुर्ग ने बिलासपुर को सेमीफाइनल में हराया।

साइंस कॉलेज की मेजबानी में सप्रे स्कूल में खेली जा रही चैंपियनशिप में रायपुर से सेमीफाइनल में कांकेर को २-० से हराया। पहला एकल मैच राखी अलोनी ने निशा से २१-६, २१-९ से जीता। दूसरा एकल चंचल ने कविता को २१-१५, २१-११ से मात देकर जीता। दूसरे सेमीफाइनल में दुर्ग ने बिलासपुर को सीधे सेटों में २-० से मात दी। इसके पहले खेल गए मैचों में रायपुर ने राजनांदगांव को २-० से मात दी। पहले मैच में राखी अलोनी ने प्रज्ञा जैन को २१-१, २१-७ से और दूसरे मैच में चंचल ने संचिता को कड़े मुकाबले में २१-९स १९-२१, २१-१८ से हराया। दूसरे मैच में दुर्ग ने कोरबा को कड़े मुकाबले में २-१ से हराया। पहले एकल में सुनीता ने मनी को २१-१८, १६-२१, २१-११ से हराया। कोरबा की सोनम ने दूसरा एकल भारती से २१-१६, २१-१७ से जीता। युगल में सुनीता-भारती की जोड़ी ने सोनम और मनी को कड़े मुकाबले में १४-२१, २१-१७, २१-१२ से हराया राजनांदगांव ने बलौदाबाजार को २-० से हराया।

पुरुष वर्ग के मैचों में रायपुर ने कांकेर को ३-०, कोरबा ने बलौदाबाजार को ३-१, रायपुर ने रायगढ़ को ३-० और बिलासपुर ने राजनांदगांव को ३-० से मात दी। स्पर्धा में फाइनल मुकाबले कल खेले जाएंगे। स्पर्धा में ९ सेक्टर की टीमे खेल रही हैं। इन मुकाबलों के बाद रविशंकर विवि की टीम बनेगी जो अखिल भारतीय स्पर्धा में खेलने जाएगी।

इसके पहले सुबह को स्पर्धा का उद्घाटन साइंस कॉलेज की प्राचार्य गीता तिवारी ने किया। इस अवसर पर जीएम हसन, सुरेन्द्र दुबे, रवीन्द्रनाथ मिश्रा, विष्णु श्रीवास्तव, विपिन शर्मा, अनिल दीवान, अतुल शुक्ला, रेबेका बानो, संजय भंसाली सहित कई कॉलेजों के क्रीड़ा अधिकारी उपस्थित थे।

गुरुवार, 10 दिसंबर 2009

मिली मेजबानी-बदलेगी खेलों की जिंदगानी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेल मंत्री लता उसेंडी की पहल ने रंग दिखाया है और छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों २०१३-१४ की मेजबानी मिल गई है। इसी के साथ प्रदेश की खेल बिरादरी में खुशी की लहर है कि अब सभी खेलों की जिंदगानी बदल जाएगी, क्योंकि हर खेल के मैदान मेजबानी के कारण प्रदेश में बन जाएंगे।
दिल्ली में ओलंपिक संघ की बैठक में जैसे ही छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने की खबर यहां आई, पूरी खेल बिरादरी में मानो एक नई जान आ गई। सभी ने इस मेजबानी के लिए मिलकर प्रयास किया था। सभी खेल संघों ने इसके लिए एकजुटता दिखाई थी। अब सारे खेल संघों के पदाधिकारियों और खिलाडिय़ों में उत्साह है कि उनके खेलों की जीवन बदल जाएगा।

डाक्यूमेंट्री के किया कमाल


छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिलने के पीछे खेल विभाग द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंट्री का बहुत बड़ा हाथ है। इस महज ६ मिनट की डाक्यूमेंट्री में छत्तीसगढ़ के पूरे विकास के साथ यहां के खेल मैदानों की पूरी जानकारी के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, खेल मंत्री लता उसेंडी, नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे, ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल के साथ प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश चौहान, नीता डुमरे, ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष विष्णु श्रीवास्तव के साथ कुछ और खिलाडिय़ों के विचार हैं जिसमें मेजबानी लेने के लिए पूरा उत्साह दिखाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ मेजबानी लेने तैयार है और मेजबानी मिलने पर एक ऐेतिहासिक आयोजन किया जाएगा। अब मेजबानी मिल गई है और आयोजन को ऐतिहासिक बनाने का काम मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ पूरा खेल जगत करेगा।

नई राजधानी में बनेगा खेल गांव

नई राजधानी में ३०० एकड़ जमीन में खेल गांव बनाने की योजना है। इसका मास्टर प्लान भी बना लिया गया है। खेल गांव बनाने में जहां ५०० करोड़ का खर्च आएगा, वहीं राष्ट्रीय खेलों के आयोजन पर भी ५०० करोड़ का खर्च होगा। राष्ट्रीय खेलों के लिए जो भी मैदान प्रदेश में बनाए जाएंगे, सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। यही नहीं ये सारे मैदान देश के नंबर वन बनाए जाएंगे। जितने भी नए मैदानों का निर्माण होगा सभी राजधानी में बनाए जाएंगे।
३६ खेलों को रखा जाएगा

प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष मो. अकरम खान ने मेजबानी मिलने की खुशी जाहिर करते हुए बताया कि वर्तमान में राष्ट्रीय खेलों में ३४ खेल शामिल हैं। इन खेलों में दो और नए खेलों को जोड़कर खेलों की संख्या ३६ कर दी जाएगी ताकि ३६ गढ़ में ३६ खेलों का आयोजन करके एक अलग इतिहास बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का छत्तीसगढ़ में ऐसा आयोजन किया जाएगा जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। उन्होंने कहा कि मेजबानी मिलने के पहले ही सभी खेल संघ एक हो गए थे यह एकता का ही परिणाम है जो मेजबानी मिली है। सभी खेल संघ अपने-अपने खेलों के बारे में खेल विभाग को जानकारी उपलब्ध कराएंगे कि उनके पास कितने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के साथ कोच, रेफरी और निर्णायक हैं। इसी के साथ सभी खेल संघ वाले अपने-अपने खेलों के मैदानों के बारे में जानकारी देंगे।

हर खेल के लिए हो जाएंगे मैदान

प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा टोटा खेल मैदानों का है। इस टोटे को पूरा करने के लिए ही खेल विभाग ने राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का मन बनाया था। अब जबकि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिल गई है तो खेल मैदान बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने ७५ प्रतिशत से भी ज्यादा मदद मिलेगी। मेजबानी का दावा करने से पहले खेल विभाग ने जहां अपने संसाधनों को टटोलने का काम किया है, वहीं जिन राज्यों में इस समय राष्ट्रीय खेल होने हैं उन राज्यों से भी जानकारी मंगाई जा रही थी।
अगले राष्ट्रीय खेल ङाारखंड में होने वाले हैं। ऐसे में वहां पर कितने मैदान बनाए गए हैं और केन्द्र सरकार से कितनी मदद मिली है इसकी जानकारी लेने के लिए विभाग ने सहायक संचालक ओ. पी. शर्मा को वहां भेजा था। खेल संचलक जीपी सिंह ने गोवा के खेल संचालक से बात की थी। वहां पर २०१०-११ में राष्ट्रीय खेल होंगे। गोवा के खेल संचालक ने श्री सिंह को बताया था कि केन्द्र सरकार से ८० से ९० प्रतिशत तक मदद मिल जाती है। राष्ट्रीय खेलों का आयोजन करने वाले ङाारखंड को जहां केन्द्र सरकार से १७० करोड़ की मदद मिल चुकी है, वहीं असम में हुए आयोजन में केन्द्र सरकार ने ३०० करोड़ और हैदराबाद में २०० करोड़ की मदद की थी। केन्द्र सरकार से करीब ४०० करोड़ की मदद मिलने की बात प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान कहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा था जरूर लें मेजबानी

राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की योजना के साथ जब खेल मंत्री लता उसेंडी के साथ खेल बिरादरी मुख्यमंत्री डॉ . रमन सिंह के सामने पूरी योजना रखी और उनसे इसके लिए मंजूरी मांगी थी तो खेलों में विशेष रूचि लेने वाले मुख्यमंत्री ने योजना की जानकारी होने पर मेजबानी लेने के लिए मंजूरी दे दी थी। तब मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों के लिए विकास के लिए कुछ भी करें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेजबानी जरूर लें।

मेजबानी मिलने का भरोसा जताया था बशीर ने

प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने कहा उन्होंने पहले ही यह भरोसा जताया था कि मेजबानी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में २००२ में ओलंपिक संघ बनने के बाद से राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने के प्रयास किए जा रहे थे। एक बार अजीत जोगी के शासन काल में कोशिश की गई थी, पर सरकार ने इस दिशा में गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब युवा खेल मंत्री लता उसेंडी के साथ खेल सचिव सुब्रत साहू और संचालक जीपी सिंह खेलों के लिए काफी गंभीरता से काम हुआ जिसके फलस्वरूप मेजबानी मिली है। इन्होंने काफी कम समय में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर मुख्यमंत्री से सहमति लेकर एक अच्छी पहल की थी।

जोगी सरकार नहीं ले पाई थी मेजबानी

छत्तीसगढ़ के अलग बनने के बाद प्रदेश में अजीत जोगी की सरकार बनी थी। उस समय जोगी सरकार ने भी एक प्रयास किया था कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिल जाए। पहले खेल मंत्री शंकर सोढ़ी ने इसके लिए ओलंपिक संघ के पास आवेदन भी भेजा था, लेकिन आवेदन के साथ भेजी जानी वाली राशि सरकार ने नहीं भेजी थी जिसके कारण मेजबानी नहीं मिल पाई थी। तब २००९-१० की मेजबानी मांग गई थी।

बुधवार, 9 दिसंबर 2009

छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी

भारतीय ओलंपिक संघ की बैठक में छत्तीसगढ़ को २०१३-१४ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी देने का फैसला किया गया। छत्तीसगढ़ के अलावा उप्र और हिमाचल प्रदेश ने भी दावा पेश किया था, पर छत्तीसगढ़ में मैदानों की ज्यादा अच्छी स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ को मेजबानी देने का निर्णय किया गया।

यह जानकारी देते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक जीपी सिंह ने बताया कि दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ की बैठक में सबसे पहले २०१३-१४ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का फैसला किया गया। छत्तीसगढ़ की तरफ से छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने यह दावा पेश किया। इस फैसले के पहले छत्तीसगढ़ द्वारा बनाई गई छह मिनट की डाक्यूमेन्ट्री पेश की गई। इसमें छत्तीसगढ़ के विकास के साथ खेल मैदानों की पूरी जानकारी दी गई है। इस डाक्यूमेंट्री को देखने के बाद ओलंपिक संघ ने सर्वसमति से मेजबानी छत्तीसगढ़ को देने का फैसला सुना दिया। छत्तीसगढ़ को दावा करते देख अचानक उप्र और हिमाचल प्रदेश ने भी अपना दावा पेश कर दिया। लेकिन जहां इन दोनों राज्यों में खेल मैदानों की सुविधाएं कम हैं, वहीं इन राज्यों ने मेजबानी का दावा करने के लिए ५० लाख की सुरक्षा राशि भी जमा नहीं की थी। छत्तीसगढ़ यह राशि काफी पहले जमा कर चुका है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ ने यह राशि जमा करने के समय ओलंपिक संघ के सामने अपने राज्य के खेल मैदानों की सारी स्थिति स्पष्ट करने वाला एक ब्रोशर भी सभी सदस्यों को दिया था। प्रदेश का खेल विभाग लगातार यहां के ओलंपिक संघ के साथ मिलकर भारतीय ओलंपिक संघ से संपर्क कर रहा था। जितनी तेजी से छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की तैयारी की और ५० लाख की राशि जमा की है, उतनी तेजी से और किसी राज्य में काम नहीं हुआ है।
प्रदेश ओलंपिक संघ ने साथ मिलकर खेल विभाग ने मेजबानी लेने की योजना बनाई थी और सबसे पहले इसकी जानकारी खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी को दी गई थी। उनके नेतृत्व में ही खेल बिरादरी का एक प्रनिनिधि मंडल मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने मिला था और उनसे मेजबानी लेने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने तब मेजबानी लेने के लिए सहमति देते हुए विधानसभा में मेजबानी के लिए ५० लाख का बजट भी दिलवा दिया था। इसके बाद से ही खेल विभाग तेजी से मेजबानी लेने की दिशा में जुट गया था।

मेजबानी मिलने के बाद अब छत्तीसगढ़ को उतनी ही तेजी से मैदान बनाने का काम करना होगा जितनी तेजी मेजबानी लेने में दिखाई गई है। राष्ट्रीय खेल लगातार पीछे चल रहे हैं। ङाारखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेल २००७-८ के हैं जो अब तक नहीं हो सके हैं। इसके बाद केरल और फिर गोवा में राष्ट्रीय खेल होंगे। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में करीब एक हजार करोड़ का खर्च होगा। मैदान बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने मदद मिलेगी।

मंगलवार, 8 दिसंबर 2009

जंप रोप नेशनल न होने से खिलाड़ी निराश

राष्ट्रीय शालेय खेलों में जंप रोप की राष्ट्रीय चैंपियनशप न होने से प्रदेश के स्कूली खिलाड़ी निराश हैं। इन खिलाडिय़ों को भरोसा था कि स्कूल नेशनल में भी प्रदेश को ज्यादा से ज्यादा पदक दिलाने का काम करेंगे। लेकिन स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक राज्य कम होने के कारण स्पर्धा करवाने से मना कर दिया। छत्तीसगढ़ ने अगर समय पर पहल की होती तो जरूर यह स्पर्धा हो सकती थी।
राष्ट्रीय शालेय खेलों में इस बार जंप रोप को भी शामिल किया गया था। लेकिन स्पर्धा के आयोजन के लिए स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक ८ राज्यों की टीमों की एंट्री जरूरी रहती है। सात राज्यों ने तो एंट्री भेज दी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ से एंट्री जाने में विलंब होने के कारण यह राष्ट्रीय स्पर्धा नहीं हो सकी है। इसके बारे में जानकारों का कहना है कि जुलाई माह तक एंट्री जाने पर यह स्पर्धा हो सकती थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग की बैठक विलंब से होने के कारण इसके लिए एंट्री नहीं जा सकी। लेकिन यहां से इस खेल की मेजबानी लेने का प्रस्ताव जरूर गया था, पर तब तक विलंब होने के कारण न तो इसकी मेजबानी मिल सकी और न ही इस खेल की राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए स्कूल फेडरेशन तैयार हुआ। स्पर्धा के लिए तैयार न होने के पीछे कारण यही रहा है कि स्पर्धा में ८ टीमें पूरी नहीं हो रही थी।
जंप रोप की राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन दिल्ली में होने वाली बाकी खेलों के साथ होना था, लेकिन वहां के आयोजन में जो खेल शामिल हैं, उनमें जंप रोप शामिल नहीं है। वहीं से खेलों की सूची आने पर ही मालूम हुआ कि जंप रोप की राष्ट्रीय स्पर्धा नहीं हो रही है। इस स्पर्धा के न होने से प्रदेश के स्कूली खिलाड़ी बहुत ज्यादा निराश हैं। यहां के खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्पर्धा में ओपन स्पर्धा की तरह ही पदक जीतने की तैयारी की थी। राज्य स्पर्धा में रायपुर के खिलाडिय़ों ने जोरदार खेल दिखाते हुए अंडर १९ साल वर्ग में ओवरआल चैंपियनशिप का खिताब तिल्दा में जीता। इसके बाद महासमुन्द में चल रही स्पर्धा में भी रायपुर के अंडर १४ और १७ के खिलाड़ी कमाल कर रहे हैं। जंप रोप के प्रशिक्षक अखिलेश दुबे बताते हैं कि हमारे राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर लगातार पदक जीत रहे हैं। प्रदेश को पदक दिलाने वाले ज्यादातर खिलाड़ी स्कूली खिलाड़ी हैं। ऐसे में यह बात तय थी कि अगर स्कूली स्पर्धा होती तो इसमें छत्तीसगढ़ के हाथ सबसे ज्यादा पदक लगते और छत्तीसगढ़ ओवरआल चैंपियन बन सकता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी अब अगली चैंपियनशिप का ही इंतजार करने के लिए मजबूर हैं।

मेजबानी मांगी थी

शिक्षा विभाग के सहायक संचालक (खेल) एसआर कर्ष बताते हैं कि छत्तीसगढ़ ने ६ अगस्त को जंप रोप की मेजबानी के लिए दावा करते हुए स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया को पत्र लिखा था। लेकिन मेजबानी नहीं दी गई। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि विलंब के कारण मेजबानी नहीं मिल पाई। वैसे मेजबानी लेने के लिए शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के कहने पर पत्र लिखा गया था। अगर यह पत्र समय पर जाता तो जहां छत्तीसगढ़ के हाथ मेजबानी लग जाती, वहीं इसकी राष्ट्रीय स्पर्धा भी हो जाती।

सोमवार, 7 दिसंबर 2009

टीम की कमान शालिनी को

छत्तीसगढ़ की बास्केटबॉल टीम की कमान भिलाई की शालिनी श्रीवास्तव को दी गई है। यह टीम राष्ट्रीय शालेय खेलों में खेलने राजनांदगांव गई है। वहां पर पांच खेलों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप हो रही है।
यह जानकारी देते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के खेल अधिकारी ए। एक्का ने बताया कि पहली बार भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित की गई राज्य अंतर शालेय खेलों की चैंपियनशिप में दुर्ग जिले की दो टीमों जिसमें बास्केटबॉल और हॉकी शामिल हैं ने स्पर्धा में चैंपियन बनने का कमल दिखाया। बास्केटबॉल में आर्य समाज स्कूल और हॉकी में शासकीय कन्या आदर्श उमा शाला दुर्ग ने खिताब जीता। इन खिताब जीतने वाली टीमों को ही राष्ट्रीय शालेय खेलों में खेलने के लिए भेजा गया है। बास्केटबॉल टीम की कप्तान राष्ट्रीय खिलाड़ी शालिनी श्रीवास्तव बनाई गई हैं। बास्केटबॉल के अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक राजेश पटेल ने इस टीम को राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए तैयार किया है। उनको भरोसा है कि यह टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत सकती है। बास्केटबॉल के साथ हॉकी टीम को राजनांदगांव जाने से पहले खेल एवं युवा विभाग द्वारा ट्रेक शूट दिया गया। इस अवसर पर खेल अधिकारी ए. एक्का, इकबाल अहमद, सरजीत चक्रर्ती विशेष रूप से उपस्थित थे।

टीमें इस प्रकार हैं- बास्केटबॉल टीम- शालिनी श्रीवास्तव, शरणजीत कौर, संगीता दास, शीतल कौर, निशा नेताम, पी. करूणा, रश्मि वानखेड़े, पी. दिव्या, रिया वर्मा, रागिनी, के. राजलक्ष्मी। टीम के प्रशिक्षक राजेश पटेल, सहायक प्रशिक्षक इकबाल अहमद और सरजीत चक्रवर्ती हैं। प्रबंधक निर्मला शर्मा हैं।

हॉकी टीम- लक्ष्मी चनोयल, रंजु सागर, आशा निर्मलकर, जया ध्रुव, आरती साहु, अंकिता वाहशी, किरण ध्रुव, रिमा सिंग चंदेल, चंद्रकांता ठाकुर, वर्षा देवांगन, हेमलता साहू, सेवंती कुर्रे, रामा साहू, गुलथस्ता अंजुम, नगमा सिद्धकी, विद्या यादव। टीम के कोच तनवीर अकील तथा प्रबंधत नमिता नोगरे हैं।

स्कूली महिला क्रिकेट टीम घोषित

राष्ट्रीय शालेय खेलों में खेलने जाने वाली प्रदेश की स्कूली महिला क्रिकेट टीम घोषित कर दी गई है। यह टीम जगदलपुर में हुई राज्य स्पर्धा के बाद घोषित की गई है।

यह जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के सहायक संचालक एसआर कर्ष ने बताया कि जगदलपुर में हुई राज्य स्पर्धा के बाद प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश की टीम बनाई गई है। इस टीम में राजनांदगांव की मनीषा ग्वाल, नेहा बड़वाइक, नाजिया खान, देव कुमारी, सुरभि निर्मलकर, अनमोल ताम्रकार, सरगुजा की अवंतिका, उर्मिला, फुलकुंर, अनिता, बिलासपुर की जेबा खान, बस्तर की शीबा मंडावी, दुर्ग की निहारिका और रायपुर की ईशा शर्माष ईल शर्मा और एस्टर चौधरी को रखा गया है। इसके अलावा दो अतिरिक्त खिलाड़ी सरगुजा की रजनी और रायपुर की ओम साहू को रखा गया है।

शनिवार, 5 दिसंबर 2009

ग्रामीण फुटबॉलरों को भी मिल रहा है मौका

प्रदेश फुटबॉल संघ प्रदेश के ग्रामीण बालक और बालिका खिलाडिय़ों को पूरा मौका देकर उनको राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका दे रहा है। प्रदेश में सब जूनियर वर्ग से लेकर सीनियर वर्ग में ग्रामीण खिलाड़ी प्रदेश की टीमों में स्थान बना रहे हैं। खेल विभाग की पहल पर सब जूनियर और जूनियर वर्ग की राज्य चैंपियनशिप से पहले जिलों में चयन ट्रायल किया जाता है। खेल विभाग ने खिलाडिय़ों का खर्च उठाने का जिम्मा जब से लिया है, तभी से ग्रामीण खिलाडिय़ों को खेलने का ज्यादा मौका मिल रहा है।

प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा खेले जाने वाले खेलों में फुटबॉल का नाम भी है। वैसे तो कबड्डी और वालीबॉल का खेल सबसे ज्यादा खेला जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में फुटबॉल खेलने वाले खिलाडिय़ों की भी कमी नहीं है। इधर ग्रामीण खिलाडिय़ों को भरपूर मौका देने का काम प्रदेश का फुटबॉल संघ भी कर रहा है। इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान के साथ कोषाध्यक्ष दिवाकर थिटे ने बताया कि प्रदेश में फुटबाल संघ का गठन २००१ में किया गया। इसके बाद से ही प्रदेश में सभी १८ जिले सक्रिय हैं। इसके पहले जब १६ जिले थे तो शुरू से ही यहां पर जिला संघ बना दिए गए थे, इसके बाद दो और जिले बने तो वहां भी संघों का गठन कर दिया गया। इन्होंने बताया कि हर जिले में फुटबॉल के एक दर्जन से ज्यादा क्लब हैं। संघ के पास प्रदेश के ४०० से ज्यादा फुटबॉल क्लबों का पंजीयन है। इन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा क्लब आदिवासी जिलों कोरिया, सरगुजा, बस्तर में हैं। कोरिया और सरगुजा जिलों में तीन-तीन दर्जन से ज्यादा क्लब हैं। इसी तरह से कोरबा, दुर्ग, रायपुर कांकेर में कम से कम २०-२० क्लब हैं।

हर वर्ग की होती है चैंपियनशिप

चैंपियनशिप का जहां तक सवाल है तो हर आयु वर्ग की चैंपियनशिप का आयोजन प्रदेश संघ राज्य स्तर के साथ जिला स्तर पर करता है। फुटबॉल ही एक ऐसा खेल है जिसमें अंडर बालिका वर्ग में अंडर १४, १७,एवं १९ साल की चैंपियनशिप के साथ सीनियर वर्ग की चैंपियनशिप होती है। बालक वर्ग में अंडर १४, १६, १९ और २१ साल के साथ सीनियर वर्ग की चैंपियनशिप होती है। इन सभी वर्गों की राज्य चैंपियनशिप के बाद राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाने से पहले टीमों का प्रशिक्षण शिविर अनिवार्य रूप से लगाया जाता है। प्रदेश की कोई भी टीम २१ दिनों के प्रशिक्षण शिविर के बिना बाहर खेलने नहीं जाती है। आज यही वजह है कि प्रदेश की टीमों को लगातार सफलता मिल रही है। टीम अभी तक भले राष्ट्रीय स्तर पर कोई पदक नहीं सकी है, लेकिन बालिका वर्ग में सब जूनियर टीम सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रही है।

खेल विभाग की मदद से निखर रहा है खेल

मुश्ताल अली प्रधान ने बताया कि प्रदेश में फुटबॉल का खेल विभाग की मदद के कारण निखर रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग जहां सब जूनियर के साथ जूनियर वर्ग की राज्य चैंपियनशिप का आयोजन कर रहा है, वहीं जिला टीमों को आने-जाने का खर्च मिलने के कारण ही अब जिलों से ग्रामीण अंचल के खिलाड़ी खेलने आने लगे हैं। ग्रामीण खिलाडिय़ों के चैंपियनशिप में आने के कारण प्रदेश की टीम में स्थान बनाने के लिए मुकाबाल कड़ा हो जाता है। ग्रामीण खिलाडिय़ों के फिटनेस के आगे बाकी खिलाड़ी ठहर नहीं पाते हैं। उन्होंने बताया कि अब खेल विभाग ने सीनियर वर्ग की चैंपियनशिप करवाने की जो घोषणा की है उससे खेल में और निखार आएगा।

मैदान और अकादमी जरूरी है

श्री प्रधान कहते हैं कि फुटबॉलरों को और निखारने के लिए मैदान के साथ अकादमी जरूरी है। वैसे शेरा क्लब ने एक फुटबॉल स्कूल प्रारंभ कर दिया है, लेकिन खिलाडिय़ों के खेलने के लिए राजधानी में मैदान नहीं है। स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के मैदान से जरूर कुछ राहत मिलेगी, लेकिन इस मैदान के बनने से पहले ही इसको दूसरे आयोजनों के लिए देने के कारण इस मैदान के भविष्य पर भी संकट नजर आने लगा है। उन्होंने कहा कि सरकार की मदद से राज्य में एक फुटबॉल अकादमी बनानी चाहिए।

शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009

मैराथन का गांवों में क्रेज

प्रदेश में होने वाली मैराथन का क्रेज गांवों में होने के कारण रायपुर मैराथन का आयोजन लगातार ग्रामीण क्षेत्र में किया जा रहा है। इस बार जिला मैराथन का आयोजन कसडोल में होगा। इस आयोजन को सफल बनाने में जहां पूरा गांव तैयारी कर रहा है वहीं खिलाडिय़ों को गांव वालों की तरफ से विशेष पुरस्कार देने की भी पहल की गई है।

रायपुर मैराथन का आयोजन कसडोल में पहले १४ नवंबर को किया गया था। लेकिन कम बजट के कारण इसको आगे बढ़ाया गया और फिर इसकी तिथि २० दिसंबर की गई। लेकिन नगरीय निकाय चुनावों के कारण इस तिथि को भी बदल दिया गया है। अब यहां आयोजन ३ जनवरी को रखा गया है। कसडोल में इस आयोजन का सभी को बेताबी से इंतजार है। एक तो इस आयोजन में मेजबान को अपने कई खिलाडिय़ों को खिलाने का मौका मिलेगा, वहीं कसडोल में पहली बार हो रहे इस तरह के आयोजन को लेकर ग्रामीणों में भारी उत्साह है। गांव की समाजसेवी संस्थाओं के साथ गांवों के लोग खिलाडिय़ों को विशेष पुरस्कार देने की तैयारी कर रहे है। अभी पुरस्कारों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन प्रथम विजेता को सायकल तक देने की तैयारी है। इसी के साथ और कई पुरस्कार दिए जाएंगे। ग्रामीण खिलाडिय़ों पर पुरस्कारों की बारिश करने तैयार है। खेल विभाग द्वारा पहले से दसवें स्थान पर रहने वाले धावकों को नकद इनाम दिया जाता है।

रायपुर के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे पूछने पर बताते हैं कि वे कई बार कसडोल का दौरा कर चुके हैं और वहां पर आयोजन को लेकर भारी उत्साह है। गांव में सभी मदद करने खुद से आगे आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयोजन को यादगार बनाने की तैयारी है। यहां पर यह बताना लजिमी होगा कि इसके पहले जब पिछले साल मैनपुर में रायपुर मैराथन का आयोजन हुआ था तो इस मैराथन में जब सुबह को खिलाडिय़ों की रैली निकाली गई थी और जोरदार आतिशीबाजी की गई थी तो पूरा गांव उमड़ आया था। आयोजन के कई दिनों पहले से आस-पास के गांवो में मुनादी करवाई गई थी कि आयोजन होने वाला है। यह एक यादगार आयोजन था। ऐेसा ही यादगार आयोजन कसडोल में भी करवाने की तैयारी है।

पायका के दूसरे चरण में ११५ गांव जुड़ेंगे खेलों से

पंचायत एवं ग्रामीण युवा कल्याण योजना यानी पायका के दूसरे चरण में रायपुर जिले के ११५ गांव खेलों से जुड़ेंगे। इसके लिए खेल संचालनालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। अब यह प्रस्ताव केन्द्र सरकार सभी जिलों के साथ भेजा जाएगा।
यह जानकारी देते हुए रायपुर जिले के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि पायका के लिए २००८-०९ के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने हैं। ऐसे में खेल संचालनालय से मिले निर्देश के बाद रायपुर जिले का प्रस्ताव बनाकर वहां भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव में जिले के १५ विकासखंड़ों के ११५ गांवों का ेशामिल किया गया है। इस प्रस्ताव में पलारी के ९, बलौदाबाजार के ८, बिलाईगढ़ के १२, गरियाबंद के ६, अभनपुर के ९, मैनपुर के ६, सिमगा के ८. तिल्दा के ९, धरसीवां के ३, फिगेंश्वर के ७, कसडोल के ८, भाटापारा के ६, आरंग के ११, छूरा के ८ और देवभोग के ५ गांव शामिल हैं। इन सभी गांवों को केन्द्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद खेलों से जोड़ा जाएगा। इसी के साथ इस प्रस्ताव में दो विकासखंडों गरियावंद और आरंग को शामिल किया गया है। इसके पहले गए प्रस्ताव में जहां १२१ गांवों को शामिल किया गया था, वहीं बलौदाबाजार और अभनपुर विकासखंडों को शामिल किया गया था। इस योजना में जहां विकासखंड़ों को खेल मैदानों के लिए पांच-पांच लाख की राशि मिलती है, वहीं हर गांव के लिए एक-एक लाख की राशि मिलती है। पहले चरण के १२१ गांवों के लिए केन्द्र सरकार से एक-एक लाख की राशि मिल गई है। इसी के साथ हर गांव के लिए खेल सामना लेने १०-१० हजार की राशि मिलती है। यह राशि भी मिल गई है।

गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

बैटन लेकर स्केटर भी दौड़ेंगे

कामनवेल्थ की क्वीन बैटर रिले की राजधानी रायपुर में जहां जोरदार स्वागत किया जाएगा, वहीं रायपुर आगमन से पहले बैटन को रेकर स्केटर भी दौड़ेंगे। इसकी तैयारी अभी से खेल विभाग से प्रारंभ कर दी है। जिन दिलों से बैटन रिले को गुजरना है, वहां के खेल अधिकारियों को तैयारी करने कहा गया है।

कामनवेल्थ खेल अगले साल दिल्ली में होने जा रहे हैं इसकी मशाल यानी बैटन का सफर प्रारंभ हो गया है और यह बैटन जब भारत की यात्रा पर निकलेगी तो छत्तीसगढ़ में भी इसका आगमन होगा। यहां पर यह बैटन ९ अगस्त तो सरायपाली के रास्ते छत्तीसगढ़ में प्रवेश करेगी। ऐसे में सरायपाली से लेकर रायपुर के बीच के सफर में बैटन के स्वागत की तैयारी की जा रही है। इस रास्ते में कहां-कहां क्या-क्या किया जाएगा इसको लेकर खेल संचालक जीपी सिंह से अभी से तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि जब बैटन का राजधानी में प्रवेश होगा तो इसको लेकर दौड़ेने वाले धावकों में स्केटरों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए विभाग स्केटिंग के राष्ट्रीय प्रशिक्षक दलजीत सिंह से चर्चा करेगा कि क्या किया जा सकता है और कितने स्केटर मशाल लेकर दौड़ सकते हैं।

इधर बैटन जिन भी जिलों से होकर गुजरेगी उन जिलों के खेल अधिकारियों को विशेष रूप से तैयारी करने के लिए कहा गया है। इसी के साथ इन जिलों जिनमें रायपुर, महासमुन्द, धमतरी, कांकेर, जगदलपुर और बीजापुर शामिल हैं के जिलाधीशों और पुलिस अधीक्षकों को भी पत्र लिखा जा चुका है।

बुधवार, 2 दिसंबर 2009

खेल संचालक-खेल अधिकारियों में ठनी

सेटअप को लेकर विवाद

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग में सेटअप को लेकर खेल संचालक और खेल अधिकारियों में ठन गई है। खेल अधिकारियों का जो सेटअप स्वीकृत हुआ है उससे खेल संचालक सहमत नहीं हंै, जिसकी वजह से खेल अधिकारियों को नए वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में विभाग की एक बैठक में सभी खेल अधिकारियों ने एका करके अपनी नाराजगी से खेल संचालक को अवगत भी करा दिया है। नए वेतनमान के बारे में मप्र का राजपत्र उपलब्ध करवाते हुए बताया गया है कि खेल अधिकारियों का वेतनमान काफी पहले से तय किया गया है, अब उसको यहां लागू करने की पहल करनी है जो नहीं की जा रही है। इसी के साथ नए सेटअप में जो पद भरे जाने हैं वो भी साल भर से नहीं भरे गए हैं। इसके लिए भर्ती नियम बनाने मंत्रालय से मंजूरी लेनी है जो नहीं ली जा रही है।
प्रदेश के खेल विभाग में कार्यरत खेल अधिकारी नए वेतनमान को लेकर लामबंद हो गए हैं। इन अधिकारियों को इस समय ४५०० रुपए का वेतन मिलता है। नए सेटअप में इनका वेतनमान ६५०० किया गया है। इस वेतनमान को लेकर ही खेल संचालक से खेल अधिकारियों की ठन गई है। संचालक का कहना है कि नए सेटअप में कई विसंगतिया हैं। इनके अनुसार नए सेटअप में खेल अधिकारियों का वेतनमान तो बढ़ावा लिया गया, पर प्रशिक्षकों का वेतन ४५०० रुपए ही रखा गया है। इसके बारे में खेल अधिकारी बताते हैं कि खेल अधिकारियों का वेतनमान मप्र के २००० के राजपत्र में प्रकाशित वेतनमान ६५०० जितना ही किया गया है। जहां तक प्रशिक्षकों के वेतनमान का सवाल है तो इनके वेतनमान को बढ़ाने से छत्तीसगढ़ की ब्रम्हस्वरूप समिति ने इंकार कर दिया था। यह समिति प्रदेश में विभागों का वेतनमान तय करने के लिए ही बनाई गई थी। अगर वेतनमान निर्धारित करने वाली समिति ही वेतनमान बढ़ाने सहमत नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं।
खेल अधिकारियों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि खेल संचालक फिर से नए सिरे से सेटअप बनाना चाहते हैं। इस नए सेटअप में युवा समन्वयक के पद समाप्त करने की बात की जा रही है। इसके स्थान पर विभाग में बिजली कर्मचारी, उपयंत्री, और ग्रंथपाल के पद मांगने की तैयारी है। अधिकारी कहते हैं कि विभाग में कौन सा बिजली का इतना काम होता है कि बिजली कर्मचारी की जरूरत है। इसी के साथ कोई निर्माण कार्य नहीं होता है कि उपयंत्री रखा जाए। विभाग में ग्रंथालय ही स्वीकृत नहीं है तो ग्रंथपाल का क्या काम। अधिकारियों का कहना है कि विभाग का नया सेटअप बृजमोहन अग्रवाल के खेल मंत्री रहते और संजय पिल्ले के संचालक रहते तय किया गया था, यह सेटअप काफी सोच विचार के बाद तय किया गया है।

नए सेटअप में ९३ पद स्वीकृत

प्रदेश सरकार ने विभाग के नए सेटअप के लिए १५ जनवरी २००९ को ९३ पद स्वीकृत किए थे। इन पदों मेंं संचालक का एक पद है। इसी के साथ संयुक्त संचालक का एक पद है। सहायक संचालक के ८ पद हैं। खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी के २५ पद हैं। इसी पद के वेतनमान को लेकर विवाद चल रहा है। इस पद के बारे में खेल अधिकारी बताते हैं कि मप्र के सेटअप में खेल अधिकारी और युवा कार्य अधिकारी के पद हैं और इन दोनों का वेतनमान ६५०० है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में इन दोनों पदों को जोड़कर खेल एवं युवा कार्य अधिकारी का पद बनाया गया है और इनका वेतनमान ६५०० रखा गया है। वतर्मान में वरिष्ठ खेल अधिकारी के ३ पद और खेल अधिकारियों ने १३ पद हैं जिनका वेतनमान ५५००-१७५-९००० है। नए सेटअप में इन पदों को २५ किया गया है। प्रदेश में २५ खेल अधिकारी होंगे तो इनमें से १८ तो हर जिले में रहेंगे और चार संभागों में चार अधिकारी रहेंगे। बाकी बचे तीन अधिकारी संचालनालय में रहेंगे।

नए सेटअप में २५ युवा समन्वयक के पद भी हैं। इनका वेतमान भी ६५०० रखा गया है। इसके अलावा सहायक ग्रेड एक का एक पद, सहायक ग्रेड दो के सात पद, सहायक ग्रेड तीन के तीन पदों के साथ डाटा एंट्री आपरेटर के १९ पद स्वीकृत किए गए हैं। इसी के साथ प्रशिक्षकों के १० पद स्वीकृत किए गए हैं। इन सारे पदों को स्वीकृत हुए साल भर होने को हंै, लेकिन अब तक इसके भर्ती नियम नहीं बन पाए हैं। भर्ती नियम न बनने के कारण न तो भर्ती हो पा रही है और ही खेल अधिकारियों को नए वेतनमान का लाभ मिल पा रहा है। खेल अधिकारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि खेल संचालक इस स्वीकृत सेटअप के लिए प्रयास करने की बजाए एक नया सेटअप बनवाना चाहते हैं। ऐसे में पुराना सेटअप तो लटक जाएगा और नए सेटअप को कब मंजूरी मिलेगी कहा नहीं जा सकता है।

मंगलवार, 1 दिसंबर 2009

राष्ट्रीय स्पर्धा से दूर रखने से नाराजगी

खेल अधिकारियों का सवाल-क्या विभाग सक्षम नहीं है?

प्रदेश के खेल विभाग द्वारा पहली बार आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय शालेय खेलों के आयोजन से खेल विभाग के अमले को दूर रखने के कारण सभी खेल अधिकारियों के साथ विभाग का पूरा अमला नाराज है। सारे अधिकारी एक स्वर में कहते हैं कि हम लोगों ने राज्य बनने के बाद चार बड़े राष्ट्रीय आयोजन सफलता पूर्वक किए हैं, इसके बाद भी हम लोगों के स्थान पर आयोजन का जिम्मा साई के राजनांदगांव के सेंटर को देना समङा से परे है। अगर आयोजन में कोई भी गड़बड़ी हुई तो बदनामी तो खेल विभाग की होगी।

भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई ने पहली बार स्कूली स्तर के लिए भी कई खेलों का आयोजन किया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ को पांच खेलों बास्केटबॉल, हॉकी, तीरंदाजी, एथलेटिक्स और बैडमिंटन के समूह के राष्ट्रीय आयोजन की जिम्मेदारी दी गईन है। यह जिम्मेदारी खेल विभाग को सितंबर में ही मिल गई थी। यह जिम्मेदारी मिलने के बाद विभाग में इसकी कोई चर्चा किए बिना ही आयोजन की जिम्मेदारी राजनांदगांव के साई सेंटर को दे दी गई। इसके लिए साई सेंटर से पूछा गया तो उसने आयोजन करने के लिए सहमति दे दी। इसके बाद आयोजन उसके हवाले कर दिया गया। इस आयोजन का जिम्मा साई को देने से खेल विभाग के छोटे से लेकर बड़े सभी अधिकारियों में भारी नाराजगी है। सभी का एक स्वर में कहना है कि क्या हम लोग इस लायक नहीं हैं कि एक छोटा सा आयोजन कर सके। इनका कहना है कि स्कूली खेलों का आयोजन तो एक छोटा सा आयोजन है, इससे बड़े-बडे चार आयोजन हम लोग करवा चुके हैं और हर आयोजन की यहां से देश भर के खिलाड़ी तारीफ करके लौटे हैं।
चार बड़े आयोजन किए हैं

यहां यह बताना लाजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ बनते ही सबसे पहले खेल विभाग ने जगदलपुर में २००१ में राष्ट्रीय महिला खेलों का आयोजन किया था। वास्तव में ऐसा आयोजन प्रदेश में नहीं हो सका है। बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्र में ऐसे आयोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, यहां से देश भर के खिलाड़ी इतने ज्यादा खुश होकर लौटे थे कि उनका कहना था कि जब भी यहां फिर से आयोजन होगा वे जरूर आना चाहेंगे। जगदलपुर में खिलाडिय़ों ने वहां के खेल प्रेमियों की जो दीवानगी देखी तो देखते ही रह गए। खिलाडिय़ों को बस्तरवासियों ने सर-आंखों पर बिठाया था। इस आयोजन के बाद कोरबा में राष्ट्रीय ग्रामीण खेल, फिर बिलासपुर में राष्ट्रीय महिला खेल और एक बार राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय महिला खेलों का आयोजन खेल विभाग के अमले ने किया। इन चारों आयोजनों के बारे में सभी अधिकारी कहते हैं कि इन आयोजनों को यादगार बनाने में विभाग में कोई कसर नहीं छोड़ी थी विभाग का छोटे से लेकर बड़ा अधिकारी सारे आयोजनों में जी-जान से जुटा था। इतने अच्छे आयोजन करने के बाद हम लोगों को एक राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से अलग रखने के कारण हम लोग शर्म भी महसूस कर रहे हैं। इनका कहना है कि हमें नहीं मालूम क्यों कर हमें इस आयोजन से अलग रखा गया है।
इधर इस आयोजन के बारे में जानकारों का साफ कहना है कि सितंबर से आयोजन मिल जाने के बाद अब तक कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। सारा जिम्मा राजनांदगांव के साई सेंटर के पास है। आयोजन के लिए महज चार दिन बचे हैं और तैयारी कुछ भी नजर नहीं आ रही है। अगर आयोजन को लेकर बाहर से आए खिलाडिय़ों और अधिकारियों की किसी भी तरह की परेशानी या समस्या होती है तो इसमें बदनामी खेल विभाग की होनी है।

बजट कम-निकल न जाए खेलों का दम

इस आयोजन के लिए साई से खेल विभाग को १० लाख का बजट मिला है। चार लाख मिल गए हैं बाकी के ६ लाख और मिलने हैं। एक खेल ेके लिए दो लाख के हिसाब से बजट दिया गया है। इतने कम बजट में आयोजन का होना संभव नहीं है। ऐसे में समस्या हो सकती है। जानकार बताते हैं कि आयोजन के लिए राजनांदगांव में बाहर से मदद ली जा रही है। अगर बाहर से कोई मदद नहीं मिली तो खेलों का दम निकल सकता है। खेल विभाग के अधिकारी कहते हैं कि आयोजन का जिम्मा खेल विभाग को दिया गया है तो विभाग से बजट की कुछ व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। राष्ट्रीय आयोजन से पहले खेल विभाग ने राजनांदगांव में ही जो राज्य स्तर का आयोजन प्रदेश की टीमें बनाने के लिए किया है उसके लिए करीब ९ लाख का खर्च किया गया। ऐसे में यह बात अपने आप समङाी जा सकती है कि जब राज्य स्तरीय आयोजन में ९ लाख का खर्च हुआ है तो राष्ट्रीय आयोजन में जबकि २५ से ज्यादा राज्यों की टीमें आएंगी तो कितना खर्च होगा।

मेजबान के हाथ खाली न रह जाएं

मेजबान छत्तीसगढ़ के हाथ कोई सफलता लगेगी इसको संदेह है। खेलों के जानकारों का साफ कहना है कि राष्ट्रीय स्पर्धा की तिथि जब पहले से मालूम थी और आयोजन का जिम्मा कम से कम तीन माह पहले ही मिल गया था तो फिर राज्य स्पर्धा का आयोजन राष्ट्रीय स्पर्धा से एक माह करके सभी खेलों की टीमों का प्रशिक्षण शिविर क्यों नहीं लगाया गया। बिना प्रशिक्षण शिविर के प्रदेश की टीमों को कैसे सफलता मिल सकती है। राज्य स्पर्धा अभी एक सप्ताह पहले ही करवाई गई है और टीमों का प्रशिक्षण शिविर नहीं लगाया गया है।

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