सोमवार, 30 नवंबर 2009

बड़ा मैच होगा छत्तीसगढ़ के नाम-पूरा होगा जब काम

प्रदेश की राजधानी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के बचे काम के पूरे होने का ही इंतजार है। इसके पूर्ण होते ही छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ बड़े मैच लेने की कवायद में तेजी से जुट जाएगा। संघ ने जिस तरह से आईपीएल के मैच लेने के लिए तेजी दिखाई थी, उसके बाद से ही यह बात तय है कि संघ के लिए कोई भी बड़ा मैच लेना मुश्किल नहीं होगा। संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया कहते भी हैं कि बीसीसीआई की नजरों में यहां का स्टेडियम आ ही चुका है, ऐसे में किसी भी मैच की मेजबानी लेने में कोई परेशानी होने वाली नहीं है।

नई राजधानी के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में अब तक कुछ काम बाकी है। अभी वहां पर जो काम होने हंै उसमें मुख्यत: अंदरूनी काम हैं। डे्रसिंग रूम के साथ प्रेस बाक्स और वीआईपी बाक्स का काम बचा हुआ है। इस काम के पूरा होने की ही राह प्रदेश क्रिकेट संघ देख रहा है। इसके काम में तेजी लाने के लिए संघ का एक प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया से नेतृत्व में मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह से मिल भी चुका है। इस प्रतिनिधि मंडल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने स्टेडियम के काम को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए हैं। उनके निर्देश के बाद यहां का एक दल मोहाली भी जाने वाला है ताकि वहां पर मैदान का रखरखाव कैसे किया जाता है इसकी जानकारी ले सके। स्टेडियम का काम पूरा होते ही स्टेडियम शासन के हवाले कर दिया जाएगा।

स्टेडियम की तारीफ बीसीसीआई के सदस्यों ने की है

स्टेडियम की बात की जाए तो राजधानी के इस नए स्टेडियम की चर्चा अब देश के साथ विदेशों में भी होने लगी है। आईपीएल के मैचों की मेजबानी मांगकर छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने इस स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नक्शे में ला दिया था। इस स्टेडियम की तारीफ यहां आए बीसीसीआई की उस कमेटी के सदस्यों ने भी की थी जो स्टेडियम का निरीक्षण आईपीएल के मैचों की मेजबानी देने के लिए करने आए थे। इन सदस्यों ने भी माना था कि बस थोड़ी सी सुविधाएं और हो जाएं तो यह स्टेडियम एशिया में कोलकाता के ईडन गार्डन के बाद एशिया में नंबर दो हो सकता है। वैसे छमता के हिसाब के तो यह एशिया के नंबर दो मोहाली के स्टेडियम से आगे है। अब जहां तक सुंदरता का सवाल है तो यह किसी मायने में मोहाली से कम नहीं है। इस स्टेडियम पर जब बीसीसीआई की कमेटी के सदस्यों धीरज मल्होत्रा, दलजीत सिंह के साथ दिल्ली क्रिकेट संघ के सचिव सुनील देव के कदम पड़े थे तो उनको भी नहीं मालूम था कि वे एक ऐसे स्टेडियम का निरीक्षण करने के लिए आए हैं जो वास्तव में एशिया में नंबर दो है। इस स्टेडियम का निरीक्षण करते हुए सभी सदस्य काफी खुश हुए कि छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में इतना बड़ा स्टेडियम बना है। प्रदेश संघ से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने बताया कि उनको खुद धीरज मल्होत्रा ने यह कहा कि वास्तव में ऐसे स्टेडियम की कल्पना तो उन्होंने नहीं की थी कि ऐसा स्टेडियम रायपुर में हो सकता है। उन्होंने जब यहां का ड्रेसिंग रूम देखा तो आश्चर्य में पड़ गए कि यहां के ड्रेसिंग रूम में सोना बाथ के साथ स्टीम बाथ की सुविधा तो है ही साथ ही यहां पर आईस टप भी है। इसके अलावा मसाज बैड और किट बैड स्टैंड भी है। देश में ऐसे काफी कम स्टेडियम हैं जहां पर ड्रेसिंग रूम में ऐसी सुविधा हैं। वैसे अभी ड्रेसिंग रूम का काम होना बाकी है। इसको इस तरह से निखारा जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यहां आकर इसकी तारीफ किए बिना न रहें।

९० यार्ड में बना है मैदान

स्टेडियम के मैदान के बारे में प्रदेश संघ के विशेषज्ञों के मुताबिक मैदान इतना बड़ा है कि मैच के लिए बाऊंड्री की रेखा खींचने के बाद भी २५ से ३० फीट की जगह बच जाती है। ज्यादातर मैदानों में तो बाऊंड्री को मैदान के अंतिम छोर पर बनाना पड़ता है। लेकिन रायपुर का मैदान ९० यार्ड में बना है। ज्यादातर वनडे मैचों में ज्यादा से ज्यादा ८० यार्ड के अंदर बाऊंड्री बनती है। इसी तरह से २०-२० मैचों में बाऊंड्री की सीमा ६५ से ७० यार्ड के अंदर रहती है। इस लिहाज से रायपुर का स्टेडियम काफी बड़ा है। इसके ९० यार्ड में होने की जानकारी होने पर बीसीसीआई के मैदान समिति के प्रमुख दलजीत सिंह भी काफी खुश हुए थे। उन्होंने मैदान का पूरा चक्कर लगाकर आऊटफील्ड को भी देखा था और इसकी आऊटफील्ड की खुले दिले से तारीफ भी की थी। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि रायपुर स्टेडियम की आऊटफील्ड किसी भी मायने में मोहाली के स्टेडियम से कम नहीं है। सुंदरता के मामले में भी मोहाली से स्टेडियम कम नहीं है। बस इसकी सुंदरता को थोड़ा सा और निखारने की जरूरत है। जहां तक विकेट का सवाल है तो यहां भी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियमों की तरह ९ विकेट हैं जो खेलने के लिए हैं।

क्षमता में नंबर दो ही है

स्टेडियम की जहां तक क्षमता का सवाल है तो यह एशिया में क्षमता के हिसाब से नंबर दो पर है। पहले नंबर के स्टेडियम कोलकाता के ईडन गार्डन की क्षमता जहां एक लाख है, वहीं एशिया में दूसरे नंबर पर माने जाने वाले स्टेडियम मोहाली की क्षमता ६० हजार है। रायपुर के स्टेडियम की क्षमता इस समय ६५ हजार है। वैसे विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि इस क्षमता को और बढ़ाया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानेें तो अगर स्टेडियम में प्रथम तल के बाद की गैलरी में अगर कुर्सियां न लगाई जाएं तो इसकी क्षमता ८० हजार से ज्यादा हो सकती है। और अगर किसी भी गैलरी में कुर्सियां न लगाई जाएं तो क्षमता एक लाख से ज्यादा हो सकती है। उल्लेखनीय है कि जब सितंबर २००८ में यहां पर स्टेडियम का उद्घाटन हुआ था और एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया था तो गैलरियोंं में कुर्सियां न लगाने के कारण ही स्टेडियम में करीब एक लाख दर्शक आ गए थे। यह इस बात का सबूत है कि वास्तव में गैलरियों को अगर कुर्सियों से मुक्त रखा जाए तो स्टेडियम की क्षमता ईडन गार्डन जितनी हो सकती है।

अंतरराष्ट्रीय मैच करवाने तैयार हैं: भाटिया

छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया का साफ शब्दों में कहना है कि स्टेडियम का काम पूरा होने ही यहां पर अंतराष्ट्रीय मैच करवाया जाएगा। इसके लिए हमारा संघ तो काफी पहले से तैयार है। अगर आईपीएल के मैच द. अफ्रीका नहीं जाते तो यहां के खेल प्रेमियों को अब तक अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों का जलवा देखने का मौका मिल गया होता। बहरहाल हम लोग अब भी तैयार हैं और जल्द अंतरराष्ट्रीय मैच करवाएं। वैसे तो स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के कदम पड़ चुके हैं, लेकिन तब मैच मैत्री मैच था, लेकिन अब होने वाला मैच एक पेशेवर मैच होगा।

रविवार, 29 नवंबर 2009

कविता, पुष्पा, रंजीता भारतीय टीम में

एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप के लिए भारतीय महिला टीम में छत्तीसगढ़ की ए। कविता, रंजीता कौर और पुष्पा निषाद को भी रखा गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के महासचिव राजेश पटेल ने बताया कि पूणे में ३० नवंबर से पहली एशियन यूथ बास्केटबॉल स्पर्धा होगी। इस स्पर्धा के लिए १२ सदस्यों की जो भारतीय टीम घोषित की गई है, उस टीम में कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में प्रदेश को स्वर्ण पदक दिलाने वाली पुष्पा निषाद एवं ए। कविता के साथ दो बार भारतीय टीम से खेल चुकीं रंजीता कौर का चयन किया गया है। श्री पटेल ने बताया कि ये तीन खिलाड़ी भिलाई स्टील प्लांट के मैदान में सुबह-शाम रोज करीब ६ से ८ घंटे तक कड़ा अभ्यास करती हैं।

छत्तीसगढ़ को कांस्य

राष्ट्रीय शालेय खेलों की बास्केटबॉल स्पर्धा में छत्तीसगढ़ ने हरियाणा को मात देकर कांस्य पदक जीता।
जालंधर में चल रही इस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए टीम के साथ कोच मो. फारूख ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बालकों की अंडर १७ टीम ने स्पर्धा में जोरदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में स्थान बनाया। यहां मात खाने के बाद टीम ने कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में हरियाणा में आसानी से ७३-३७ से मात देकर कांस्य पदक जीत लिया। स्पर्धा में बास्केटबॉल के साथ हॉकी और हैंडबॉल की टीमें भी खेली, पर और किसी खे में सफलता नहीं मिल पाई।

शनिवार, 28 नवंबर 2009

उम्र का विरोधाभास दूर-करने केन्द्र को लिखेंगे पत्र

केन्द्र सरकार की पाइका योजना में उम्र के विरोधाभास का मामला प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग की बैठक में सामने आया। इस मामले के बाद खेल संचालक जीपी सिंह ने तय किया है कि इस संबंध में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा, ताकि यह विरोधाभास दूर किया जा सके।

खेल संचालनालय में सभी जिलों के खेल अधिकारियों की बैठक में यह बात सामने आई कि पाइका में खेल स्पर्धाओं के आयोजन के दरमियान उम्र के विरोधाभास के कारण खिलाड़ी परेशान हैं। खेल संचालक को बताया गया कि पाइका में विकासखंड स्तर पर तो उम्र की कोई सीमा तय नहीं है लेकिन जिला स्तर पर १८ साल से कम उम्र के खिलाड़ी ही खेल सकते हैं। ऐसे में विकासखंड स्तर पर जीतने वाले ज्यादा उम्र के खिलाड़ी जिला स्तर पर भी खेलना चाहते हैं लेकिन उनको नियमों के कारण मौैका नहीं दिया जाता है। ऐसे में कई जिलों में खिलाडिय़ों और खेल अधिकारियों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। इस बात की तरफ ध्यान दिलाए जाने पर खेल संचालक ने कहा कि इस संबंध में केन्द्र सरकार के खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सुङााव दिया जाएगा कि विकासखंड स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक उम्र की सीमा एक ही होनी चाहिए।
खेल संचालक ने बताया कि विकासखंड स्तर पर उम्र सीमा में छूट इसलिए दी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा खिलाडिय़ों को खेलने का मौका मिल सके, लेकिन इसके कारण हो रहे विवाद से केन्द्र को अवगत कराके सका समाधान करने कहा जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि बैठक में पाइका के लिए दो साल का प्रस्ताव बनाने के लिए सभी जिलों को १५ दिसंबर तक अनिवार्य रूप से प्रस्ताव बनाकर देने के लिए कहा गया है। कुछ जिलों को छोड़कर बाकी जिलों के प्रस्ताव आ गए हैं।

शहरी कॉलेजों में वालीबॉल का क्रेज नहीं

प्रदेश की राजधानी रायपुर के कॉलेजों में वालीबॉल का क्रेज ही नहीं है। यह बात एक फिर तब सामने आई जब यहां पर अंतर कॉलेज महिला स्पर्धा का आयोजन किया गया। इस स्पर्धा में ६ टीमों ने ही शिरकत की। इसके पीछे का कारण कॉलेजों के खेल अधिकारियों का खेलों की तरफ ध्यान न देना बताया जा रहा है।

मलेरिया मैदान में आयोजित रायपुर सेक्टर अंतर कॉलेज महिला वालीबॉल में खेलने के लिए रायपुर सेक्टर के ५० से ज्यादा कॉलेजों में से महज छह कॉलेजों महंत लक्ष्मी नारायण, डागा कालेज, साइंस, नवीन, अग्रसेन एवं डिग्री गल्र्स कॉलेज की टीमें ही आईं। इतनी कम टीमें क्यों आई इसके बारे में मालूम करने पर पता चला कि ज्यादातर कॉलेजों के खेल अधिकारियों को टीमें बनाने में रूचि ही नहीं रहती है। जिनका खेलों से करीबी रिश्ता है ऐसे खेल अधिकारी दूसरे खेलों की खिलाडिय़ों को लेकर भी टीमें बनाकर स्पर्धा में लाते हैं। जिन कॉलेजों की टीमें खेलने आई थीं उसमें से हर टीम में वालीबॉल के साथ हॉकी, नेटबॉल, कबड्डी, बास्केटबॉल के साथ और कई खेलों से जुड़ी खिलाड़ी थीं। इन खिलाडिय़ों को मनाकर खेल अधिकारी टीमें बनाकर लाए।

खेल अधिकारी टीमें बनाने के प्रति कितने लापरवाह रहते हैं उसका एक नूमना मैदान में यह भी देखने को मिला कि एक कॉलेज के खेल अधिकारी से आयोजकों ने जब फोन करके पूछा कि उनके कॉलेज की टीम आ रही है या नहीं तो उनका जवाब था कि कॉलेज पहुंचने के बाद ही इस बारे में बता पाऊंगा। सोचने वाली बात है कि उस कॉलेज के खेल अधिकारी को यह मालूम ही नहीं था कि उनके कॉलेज की टीम बनी है या नहीं और वह खेलने आएगी या नहीं।

खेल अधिकारी रूचि नहीं दिखाते

खेलों के जानकारों की माने तो किसी भी खेल में कम टीमें आने का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि कॉलेजों के खेल अधिकारी टीमें बनाने में रूचि ही नहीं लेते हैं। यह बात ठीक भी लगती है। इसी के साथ एक बात यह भी है कि जब भी विश्व विद्यालय के स्थान पर राजधानी में किसी खेल संस्था द्वारा आयोजन किया जाता है तो उस आयोजन में बहुत ज्यादा टीमें आ जाती हैं। इन आयोजनों में टीमें इसलिए आ जाती हैं क्योंकि खिलाड़ी भी रूचि दिखाते हैं, लेकिन जब विवि का आयोजन होता है तो खेल अधिकारियों के ध्यान न देने के कारण खिलाड़ी भी रूचि नहीं दिखाते हैं।

कम बजट के कारण स्पर्धा की खानापूर्ति

वालीबॉल स्पर्धा के आयोजन में एक बात यह भी सामने आई कि कम बजट होने के कारण स्पर्धा की केवल खानापूर्ति की जाती है। वालीबॉल का आयोजन दो दिन का होना था, इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग से २५०० का ही बजट मिलने की बात आयोजक अग्रसेन कॉलेज के अधिकारियों ने बताई। इतना कम बजट होने के कारण आयोजन को एक दिन में ही निपटा दिया गया। कम टीमें होने के कारण खेल के जानकार और खिलाड़ी चाहते थे कि स्पर्धा को लीग कम नाकआउट करवाया जाए ताकि खिलाडिय़ों को ज्यादा मैच खेलने को मिले, लेकिन आयोजक कॉलेज ने स्पर्धा में शामिल कॉलेजों के खेल अधिकारियों से बात करके स्पर्धा को नाकआउट करवाया और महज दो घंटे में ही सारा खेल खत्म कर दिया गया।

डिग्री गल्र्स को खिताब

स्पर्धा में डिग्री गल्र्स कॉलेज ने खिताब पर कब्जा जमाया। स्पर्धा के पहले मैच में डागा कॉलेज ने साइंस कॉलेज को सीधे सेटों में २५-५, २५-१२ से परास्त किया। दूसरे मैच में महंत कॉलेज ने नवीन कॉलेज को कड़े मुकाबले में २५-२०, १४-२५, १५-१२ से मात दी। तीसरे मैच में डिग्री गल्र्स कॉलेज ने डागा कॉलेज को २५-१३, २५-११ से परास्त कर फाइनल में स्थान बनाया। यहां पर डिग्री गल्र्स कॉलेज ने महंत कॉलेज को एकतरफा मुकाबले में २५-८, २५-१५ से मात देकर खिताब जीत लिया। स्पर्धा के बाद राज्य स्पर्धा के लिए रायपुर सेक्टर की १६ संभावित खिलाडिय़ों का चयन किया गया। ये खिलाड़ी इस प्रकार हैं- चंदा कुमारी, मीना ढाडे, फरहत अंजुम, हेमलता जायसवाल, सुमन, रेणु निषाद, भारती पैकरा (डिग्री), सुलोचना सागर, सरोज वर्मा (महंत कॉलेज), ज्योति सिंह (साइंस कॉलेज), रश्मि देवांगन, कविता पटले (नवीन कॉलेज), मरलीन जोंस, मीनाक्षी शिवहारे (डागा कॉलेज), मनीषा यादव (अग्रसेन कॉलेज)।

शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

छत्तीसगढ़ में बैटन का मार्ग बदलेगा

कामनवेल्थ बैटन रिले के छत्तीसगढ़ में तय किए गए मार्ग को बदलने के खेल संचालक जीपी सिंह के सुझाव पर कामनवेल्थ समिति सहमत हो गई है। समिति को बताया गया कि छत्तीसगढ़ में तय किया गया मार्ग सही नहीं है। इस मार्ग से होते हुए भोपालपट्नम जाना संभव नहीं है। ऐसे में समिति ने तय किया है कि मार्ग का अवलोकन करने के लिए एक दल दिसंबर या फिर जनवरी में भेजा जाएगा।

कामनवेल्थ के क्वीन बैटन रिले के संदर्भ में दिल्ली में हुई एक बैठक में शामिल होकर लौटे प्रदेश के खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस बैठक में कामनवेल्थ समिति के सामने उन्होंने छत्तीसगढ़ में बैटन रिले के मार्ग को लेकर एक सुझाव रखा जिसे समिति ने मान लिया है। समिति को बताया गया कि बैटन रिले के मार्ग की जो सूची जारी की गई है उसमें भोपालपट्नम को महाराष्ट्र में बताया गया है। बैटन को जगदलपुर से भोपालपट्म ही जाना है, लेकिन एक परेशानी यह है कि बीजापुर से भोपालपट्नम जाने के बीच में इंद्रावती नदी पड़ती है और वहां से वाहनों के जाने का कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में यह मार्ग ठीक नहीं है। इस मार्ग को बदलकर जगदलपुर से दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंटा होते हुए भद्राचलम किया जाए। यहां से बैटन को आन्ध्र प्रदेश में प्रवेश करने में आसानी होगी। इस सुङााव को समिति से मानते हुए कहा कि समिति ने तो नक्शा देखकर मार्ग तय कर दिया था। समिति ने सभी राज्यों के खेल संचालकों औैर खेल सचिवों की बैठक ही इसलिए बुलाई है ताकि किसी राज्य में मार्ग को लेकर या कोई और परेशानी हो तो सामने आ सके। समिति ने श्री सिंह से कहा कि दिसंबर या फिर जनवरी माह में एक दल मार्ग का अवलोकन करने के लिए भेजा जाएगा। यह दल ज्यादातर राज्यों जाएगा, उसके बाद जनवरी में फिर से दिल्ली में सभी राज्यों के खेल संचालकों और खेल सचिवों की बैठक होगी।

रिले दल में होंगे ८८ सदस्य

श्री सिंह ने बताया कि जो बैटन रिले दल भारत में भ्रमण करने के लिए निकलेगा उस दल में ८८ सदस्य होंगे। इसी के साथ २३ वाहनों का काफिल रहेगा। बैटन रिले दो तरह से होगी पहली में बैटन को धावक लेकर चलेंगे दूसरी में बैटन को वाहन में रखकर यात्रा की जाएगी। किसी भी शहर में पहुंचने से पहले बैटन लेकर धावक दौड़ेंगे।

बार्डर पर होगा स्वागत

छत्तीसगढ़ में बैटन रिले का आगमन उड़ीसा के रास्ते सरायपाली से होगा। उड़ीसा बार्डर में बैटन का जोरदार स्वागत करने की तैयारी है। वहां से बैटन को सरायपाली लाया जाएगा और सरायपाली से दो किलो मीटर पहले धावक बैटन को लेकर दौडेंगे। सरायपाली के बाद बसना, पिथौरा, आरंग और स्टेडियम में बैटन का जोरदार स्वागत करने की योजना है। इसके बाद बैटन का ९ अगस्त को रायपुर आगमन होगा। जिन ६ जिलों महासमुन्द, रायपुर, धमतरी, कांकेर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा से होकर बैटन रिले टीम गुजरेगी, वहां जोरदार स्वागत होगा। इन सभी जिलों में स्थानीय लोगों को लेकर समिति बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी जिलों के जिलाधीशों के साथ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज दिए गए हैं।

राज्य सरकारों को उठाना पड़ेगा खर्च

बैटन रिले जिन भी राज्यों में जाएगी, वहां पर उसका सारा खर्च राज्य सरकारों को करने के लिए कहा गया है। इसको लेकर स्थिति स्पष्ट न होने पर दिल्ली की बैठक में छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के खेल संचालकों ने समिति से जानना चाहा कि आखिर राज्य में बैटन रिले का खर्च कौन उठाएगा। ऐसे में सभी को बताया गया कि राज्य सरकारों को ही सारा खर्च उठाना पड़ेगा। इस जवाब के बाद कई राज्यों ने मांग की कि इस आशय का पत्र राज्य सरकारों को लिखा जाए ताकि परेशानी न हो। श्री सिंह ने पूछने पर छत्तीसगढ़ में बैटन रिले को लेकर कम से कम ४० लाख तक का खर्च होगा। इसके लिए पूरी योजना बनाई जाएगी कि क्या-क्या कार्यक्रम होंगे।

जिला खेल दफ्तर सुविधा विहीन

एक फोन भी नहीं है किसी कार्यालय में
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों के दफ्तरों में फोन जैसी आवश्यक सुविधा भी नहीं है। इसी के साथ दफ्तरों को स्टेशनरी का जो खर्च दिया जाता है, वह ऊंठ के मुंह में जीरा से भी कम है। पाइका योजना के कारण सभी जिलों के खेल अधिकारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी दफ्तरों मेंं कम्प्यूटर तो जरूर है, पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
छत्तीसगढ़ बनने के ९ साल बाद भी प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के जिला कार्यालय आवश्यक सुविधाओं से वंचित हैं। राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश के १८ जिलों के खेल दफ्तरों में एक अदना सा फोन भी नहीं है। फोन न होने के कारण दफ्तरों में न तो फैक्स की सुविधा है और न ही इंटरनेट की सुविधा है। कई बार खेल संचालनालय से किसी जिले को भेजे जाने वाले आवश्यक पत्र के लिए विशेष रूप से आदमी भेजना पड़ता है। खेल विभाग ने सभी जिलों को कम्प्यूटर तो दे दिए हैं, इसी के साथ सभी की मेल आईडी भी बना दी गई है, लेकिन इंटरनेट ही नहीं है तो मेल का उपयोग कैसे होगा।
कई जिलों के खेल अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिलों को विभाग से महज दो हजार रुपए साल का स्टेशनरी खर्च मिलता है। यह खर्च तो एक माह के लिए भी नाकाफी है। इसी खर्च में जहां जिले भर में पत्र लिखने हैं, वहीं प्रिंटर के लिए काटेज भी खरीदना पड़ता है। अभी चल रही पाइका योजना को लेकर सभी जिला खेल अधिकारी बहुत ज्यादा परेशान हैं। कई जिलों में एक हजार तक गांव हैं। ऐसे में इन बड़े जिलों को ज्यादा परेशानी हो रही है। हर गांव में अगर पत्र लिखा जाए तो उसके लिए कागज के साथ उनको पत्र भेजने के लिए पांच रुपए की दर से डाक टिकट का खर्च आता है। इस खर्च के लिए कोई पैसे अलग से नहीं मिलते हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि उनको पाइका योजना के लिए हर गांव के स्कूल को पत्र लिखना था। पत्र तो बन गए लेकिन उसको भेजने के लिए डाक खर्च ही ६ हजार रुपए आ रहा था। ऐसे में जब इसके लिए जिले के खेल प्रभारी पुलिस अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने साफ कह दिया कि विभाग से पैसे मांगे जाए। विभाग इसके लिए अलग से पैसे देता नहीं है।

खेल अधिकारियों को इस बात को लेकर भी परेशानी है कि प्रिंटर में एक साल में कम से कम तीन से चार बार काटेज को बदलना पड़ता है। एक काटेल के लिए चार से पांच सौ का खर्च आता है। बजट का सारा खर्च तो काटेज लेने में चला जाता है। प्रिंटर के काटेज के साथ फोटो काफी मशीन का टोनर भी इसी खर्च में लेना पड़ता है। इसके अलावा साल भर जो कागज लगते हैं वह भी महज दो हजार के बजट में लेने होते हैं। एक कार्यालय में ही हर हजार रुपए के कागज लग जाते हैं।

फोन का प्रस्ताव भेजा है: खेल संचालक जीपी सिंह ने इस बारे में पूछने पर कहा कि सभी जिलों में फोन लगाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

गुरुवार, 26 नवंबर 2009

देश भर के टेबल टेनिस खिलाड़ी जुटेंगे राजधानी में

प्रदेश की राजधानी रायपुर में देश भर के जूनियर और यूथ खिलाड़ी जुटेंगे। अगले माह के अंत में होने वाली इस स्पर्धा की तैयारी में प्रदेश संघ जुट गया है। संघ के सामने इस समय एक सबसे बड़ी परेशानी हाल की कमी है। स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स का इंडोर स्टेडियम बनने की राह देखकर रहे संघ को इसके पूर्ण न होने से ङाटका लगा है और संघ अब स्पर्धा को देर रात करवाने की तैयारी में है।
छत्तीसगढ़ को लगातार दूसरे साल राष्ट्रीय स्पर्धा की मेजबानी मिली है। पिछले साल ही यहां पर सेंट्रल जोन राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया गया था। इसकी सफल मेजबानी से खुश होकर भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन से छत्तीसगढ़ को जूनियर वर्ग के साथ यूथ वर्ग की भी राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी दी है। इसका आयोजन यहां पर ३० दिसंबर से ४ जनवरी तक होना है। जब छत्तीसगढ़ को यह मेजबानी दी गई थी तब प्रदेश संघ को इस बात का भरोसा था कि राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स का इंडोर स्टेडियम बन जाएगा और वहां पर भी कम से कम ८ टेबल लगाने से स्पर्धा आसानी से हो जाएगी। सप्रे स्कूल के टेबल टेनिस हॉल में ८ टेबल लगते हैं। राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए १६ टेबल लगाने अनिवार्य होते हैं।
संघ इस समय इस बात को लेकर परेशान हो गया है कि स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स का इंडोर स्टेडियम अब तक नहीं बन पाया है। इसके बनने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। वैसे निगम ने इसको नवंबर तक पूरा करने की बात कही थी। अब नगरीय निकाय चुनाव के कारण इसके जनवरी में पूर्ण होने की बात की जा रही है। ऐसे में प्रदेश संघ के अध्यक्ष शरद शुक्ला के साथ महासचिव अमिताभ शुक्ला ने नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत से मुलाकात करके इंडोर स्टेडियम में ३० दिसंबर से पहले पूर्ण करवाने की मांग की है, लेकिन इसके पूर्ण होने की संभावना कम है।
संघ के महासचिव अमिताभ शुक्ला का कहना है कि चाहे इंडोर स्टेडियम पूर्ण हो या न हो, स्पर्धा का आयोजन तो करना है। उन्होंने बताया कि टेबल टेनिल हॉल के साथ लगे बैडमिंटन हॉल में चार टेबल लगाकर स्पर्धा करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह आसान तो नहीं होगा क्योंकि जूनियर और यूथ को मिलाकर करीब ५०० खिलाड़ी आएंगे। ऐसे में देर रात तक मैच करवाने पड़ेंगे।

बुधवार, 25 नवंबर 2009

छत्तीसगढ़ को सात पदक

छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय ग्रामीण खेलों में कमाल करते हुए सात पदक जीते। ये पदक भारोत्तोलन और कुश्ती में मिले। भारोत्तोलन में ५ और कुश्ती में दो पदक मिले।
चेन्नई में चल रही आज समाप्त हुई इस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ भारोत्तोलन टीम के कोच गजेन्द्र पांडे के साथ कुश्ती के कोच मुकेश यादव ने बताया कि यहां पर पांच खेलों की राष्ट्रीय स्पर्धा में से तीन खेलों एथलेटिक्स, भारोत्तोलन और कुश्ती में खेलने के लिए छत्तीसगढ़ की टीमें आई हैं। भारोत्तोलन में पहले दिन छत्तीसगढ़ के हाथ चार पदक लगे। इसके बाद दूसरे दिन महिला वर्ग में छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी कोमल साहू ने ४४ किलो ग्राम वजन वर्ग में कांस्य पदक जीता।

कुश्ती में छत्तीसगढ़ को पहला पदक कांस्य पदक के रूप में गौरी साहू ने ४३ किलो ग्राम वजन समूह में दिलाया। दूसरा पदक सती बाघमार ने ५६ किलो ग्राम में दिलाया। यह भी कांस्य पदक है।
श्री पांडे ने बताया कि भारोत्तोलन में तीन खिलाड़ी पदक के करीब पहुंचकर चूक गए। इन खिलाडिय़ों को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। ललित साहू ८५ किलो ग्राम, अजय लोहारा ९४ किलो ग्राम और रौनक ताम्रकार ९४ किलो ग्राम से ज्यादा वर्ग में चौथे स्थान पर रहे। पहले दिन ५६ किलो वर्ग में मधुसुदन ने स्वर्ण पदक जीता था।

५० किलो ग्राम वजन समूह में छत्तीसगढ़ के हाथ दो पदक लगे थे। चितेश्वर ने जहां रजत पदक उड़ाया, वहीं ओमप्रकाश साहू को कांस्य पदक मिला था। छत्तीसगढ़ को चौथा पदक दिलाने का काम महिवा वर्ग में सरला ने किया। उन्होंने कांस्य पदक जीता।

विवेकानंद-गुरुकुल को खिताब

अंतर कॉलेज बैडमिंटन में विवेकानंद कॉलेज ने पुरुष वर्ग का और गुरुकुल कॉलेज ने महिला वर्ग का खिताब जीता। स्पर्धा के बाद रायपुर सेक्टर की टीम घोषित कर दी गई है। यह टीम साइंस कॉलेज में ८ दिसंबर से होने वाली राज्य स्पर्धा में भाग लेगी।
डिग्री गल्र्स कॉलेज में सुबह को पहला फाइलल पुरुष वर्ग में विवेकानंद का मैट्स कॉलेज से हुआ। इसमें हुए कड़े मुकाबले में विवेकानंद ने ३-१ से बाजी मारते हुए खिताब जीत लिया। पहले एकल में मयंक लोढ़ा ने मुकेश मुटरेजा को परास्त २१-१९, २१-१० से परास्त कर मैट्स को १-० की बढ़त दिला दी। दूसरे एकल में आशीष चन्द्रवंशी ने नीरज मोटवानी को २१-६, २१-७ से परास्त कर अपने कॉलेज को बराबरी पर ला खड़ा किया। इसके बाद युगल में विवेकानंद की जोड़ी मुकेश और आशीष ने मयंक और रोहित की जोड़ी को २१-१०, २१-१० से परास्त कर अपने कॉलेज को २-१ से बढ़त दिला दी। उल्ट एकल में विवेकानंद के अरविंद ने मैट्स के रोहित छबलानी को मात देकर अपने कॉलेज को खिताब दिाल दिया।

महिला वर्ग के फाइनल में गुरुकुल ने देवेन्द्र नगर को २-१ से हराया। यहां पर पहले एकल में गुरुकुल की राष्ट्रीय खिलाड़ी राखी अलोनी ने शिल्पा को २१-४, २१-२ से मात दी। दूसरे एकल में देवेन्द्र नगर की डी। सपना ने रोमा साहू को २१-२, २१-४ से मात देकर अपने कॉलेज को बराबरी दिला दी। युगल में राखी और मेघा की जोड़ी ने सपना और शिल्पा को २१-३, २१-४ से परास्त कर खिताब अपने कॉलेज के नाम कर लिया।

फाइनल मैचों के बाद हुए ट्रायल में रायपुर सेक्टर की टीम चुनी गई। चुनी गई टीम इस प्रकार है- पुरुष वर्ग में मयंक लोढ़ा, मुकेश मुटरेजा, वसीम कुरैशी, आशी। चन्द्रवंशी एवं चिंतामणी। अतिरिक्त खिलाड़ी दीपक साहू। महिला टीम-राखी अलोनी, चंचल वर्मा, सिमरन कौर, संध्या मनोहन, संध्या मनमोहन। अतिरिक्त खिलाड़ी रूबी सिंह। यह टीम ८ दिसंबर से साइंस कॉलेज में होने वाली राज्य स्पर्धा में भाग लेगी।

मंगलवार, 24 नवंबर 2009

बैटन का मार्ग बदलने का सुझाव देंगे

कामनवेल्थ बैटन रिले के छत्तीसगढ़ में तय किए गए मार्ग को बदलने का सुझाव खेल संचालक जीपी सिंह दिल्ली में देंगे। यहां जो मार्ग तय किया गया है, वह ठीक नहीं है।
दिल्ली रवाना होने से पहले श्री सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बैटन का आगमन ९ अगस्त को होगा। इसके बाद यह राजधानी में एक १० अगस्त को रहने के बाद ११ अगस्त को जगदलपुर के लिए रवाना होगा। वहां से इसके जाने का जो मार्ग तय है वह ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि एक तो बैटर रिले के मार्ग की जो सूची जारी की गई है उसमें भोपाल पट्नम को महाराष्ट्र में बताया गया है। बैटन को जगदलपुर से भोपालपट्म ही जाना है, लेकिन एक परेशानी यह है कि बीजापुरसे भोपालपट्नम जाने बीच में इंद्रावती नदी पड़ती है और वहां से वाहन जाने का कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में यह मार्ग ठीक नहीं है। दिल्ली में यह सुझाव दिया जाएगा कि इस मार्ग को बदलकर जगदलपुर से दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंटा होते हुए भद्राचलम किया जाए। यहां से बैटन का आन्ध्र प्रदेश में प्रवेश करने में आसानी होगी।

फाइनल मुकाबले आज होंगे

अंतर कॉलेज बैडमिंटन के पहले दिन रोचक मुकाबले हुए। अब मंगलवार को होने वाले फाइनल मैचों के बाद ही विजेता कॉलेज का फैसला होगा।
डिग्री गल्र्स कॉलेज में आज प्रारंभ हुए मुकाबलों में महिला वर्ग के पहले मैच में देवेन्द्र नगर ने कांटे के मुकाबले में साइंस कॉलेज को २-१ से मात दी। इस मैच में पहला एकल मैच डी। सपना ने कविता से २१-४, २१-८ से जीता। दूसरे एकल में पायल ने शिल्पा को कड़े मुकाबले में २१-१६, २१-१६ से मात देकर मुकाबला एक-एक से बराबर कर दिया। युगल में सपना और शिल्पा की जोड़ी ने कविता और पायल को २१-६, २१-८ से मात दी। दूसरे मैच में प्रगति कॉलेज ने राधा कॉलेज को २-० से हराया। यहां पर चंल ने जूही सोनी को २१-७, २१-५ और संख्या ने प्राची को २१-४, २१-६ से हराया। तीसरे मैच में गुरुकुल ने सेंट्रल कॉलेज को २-१ से हराया। पहले मैच में राष्ट्रीय खिलाड़ी राखी अलोनी ने रूबी को २१-४, २१-६ से मात दी। दूसरे एकल में नेहा ने तृप्ति को कांटे के मुकाबले में २१-१९, २१-१५ से परास्त कर अपने कॉलेज को बराबी पर ला खड़ा किया। ऐसे में युगल में राखी और रोमा की जोड़ी ने अर्चना और रूबी को २१-७, २१-८ से मात देकर अपने कॉलेज को जीत दिला दी।

पुरुष वर्ग के पहले मैच में दुर्गा कॉलेज ने दिशा कॉलेज को ३-० से हराया। चिंतामंणी वे विशाल को २३-२२, २२-२० से और गौरव ने विवश को २१-१२, २१-९ से मात दी। युगल में चिंतामणी और गौरव की जोड़ी ने विशाल और अविनव की जोड़ी को २१-१७,२१-१२ से हराया। दूसरे मैच में मैक कॉलेज ने सेंट्रल कॉलेज को ३-० से मात दी। पहले एकल में मो. वसीम ने भूषण को २१-२, २१-४ और दूसरे एकल में अक्षय ने अभिषेक को २१-८, २१-९ से हराया। युगल में अक्षय और वसीम की जोड़ी ने अभिषेक और श्रीकांत को २१-७, २१-१० से हराया। तीसरे मैच में विवेकानंद ने साइंस कॉलेज को ३-० से हराया। पहले एकल में आशीष ने दीपक को कड़े मुकाबले में २५-२४, २२-२० और दूसरे एकल में मुकेश मोटरेजा ने विकास को २१-४, २१-६ से हराया। युगल मेंआशीष और मुकेश की जोड़ी ने यशवंत और जय की जोड़ी को २१-२, २१-४ से परास्त किया। चौथे मैच में मैट्स कॉलेज ने प्रगति कॉलेज को ३-१ से मात दी। पहले एकल में मयंक ने परमिंदर को २१-३, २१-२ से हराया। दूसरे एकल में सार्थक ने रोहित को २१-३, २१-३ से परास्त कर अपने कॉलेज को बराबरी पर ला खड़ा किया। युगल में मयंक और नीरज की जोड़ी ने सार्थक और परमिंदर की जोड़ी को २१-११, २१-१३ से परास्त किया। उलट एकल में नीरज ने रोहित राठी को २१-७, २१-७ से परास्तक कर अपने कॉलेज को ३-१ से जीत दिला दी।

राज्य कैरम रायगढ़ में

फेडरेशन कप कैरम में खेलने जाने वाली टीम का चयन करने के लिए २६ नवंबर से रायगढ़ में राज्य सीनियर कैरम स्पर्धा का आयोजन किया गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश कैरम संघ के महासचिव विजय कुमार ने बताया कि १७वें फेडरेशन कप का आयोजन २७ दिसंबर से वाराणसी में किया गया है। इस स्पर्धा में खेलने जाने वाली प्रदेश की टीम का चयन रायगढ़ में किया जाएगा। वहां पर २६ और २७ नवंबर को सीनियर राज्य स्पर्धा होगी। इस स्पर्धा में प्रदेश के सभी जिलों के महिला और पुरुष खिलाड़ी भाग लेंगे। स्पर्धा में १२५ खिलाडिय़ों के शामिल होने की संभावना है। स्पर्धा में देश में छठी वरीयता प्राप्त राज्य के चैंपियन मो। फारूख भी खेलेंगे।

विजय कुमार ने बताया कि टीम के राष्ट्रीय स्पर्धा में जाने से पहले खिलाडिय़ों का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। इस शिविर में खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा मैच जीतने के गुर सीखए जाएंगे। अध्यक्ष संदीप वर्मा ने खिलाडिय़ों से मेहनत करने कहा है।

सोमवार, 23 नवंबर 2009

आबाद होने से पहले ही मैदान बर्बाद


राजधानी के खेल मैदानों में दूसरे आयोजनों से खिलाड़ी परेशान


राजधानी रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में अभी आउटडोर स्टेडियम पूरी तरह से बन भी नहीं पाया है कि इसके बर्बाद होने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। इस मैदान को एक धार्मिक आयोजन के लिए देने के कारण एक राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल स्पर्धा का आयोजन खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। राजधानी के ज्यादातर मैदानों को दूसरे आयोजनों के लिए देने की वजह से खिलाड़ी परेशान हैं। सप्रे स्कूल के मैदान को हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी लगातार दूसरे आयोजनों के लिए दिया जा रहा है।
स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में इन दिनों एक बड़ा सा डोम लगाने का काम चल रहा है। इस डोम की वजह से मैदान की पूरी घास बर्बाद हो गई है। इस डोम को खेल के आयोजन के लिए नहीं बल्कि दूसरे आयोजन के लिए लगाया जा रहा है। यह आयोजन यहां पर ६ से १४ दिसंबर तक होगा। इस आयोजन की वजह से यहां पर २६ दिसंबर से होने वाली अखिल भारतीय फुटबॉल स्पर्धा के आयोजन को ङाटका लगा है। यह आयोजन खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। आयोजकों का कहना है कि डोम को निकालने में १० दिनों से ज्यादा का समय लग जाएगा, ऐसे में आयोजन होना संभव नहीं है। आयोजन के लिए मैदान को तैयार करने में कम से कम तीन दिनों का समय चाहिए।


घास हो गई चौपट

राजधानी मे स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में बना फुटबॉल का मैदान एक मात्र ऐसा मैदान है जिसमें घास है। इस घास वाले मैदान को लेकर खिलाडिय़ों में उत्साह था कि चलो इस मैदान के मिलने के बाद खिलाडिय़ों के मैदान की कमी दूर हो जाएगी और खिलाडिय़ों को गिरने पर चोट नहीं लगेगी। लेकिन इस मैदान के बसने से पहले ही उजडऩे की तैयारी हो गई है। दूसरे आयोजन के लिए जो डोम लगाया जा रहा है, उसकी वजह से घास चौपट हो गई है। फुटबॉल से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि मैदान में घास उगाने के लिए कम से कम चार माह का समय लगता है और उसको चार दिनों में ही चौपट कर दिया गया। इसके पहले भी इस मैदान में रायपुर नगर निगम के एक नेता की बेटी की शादी की पार्टी देने के कारण मैदान खराब हो गया था, तब फिर से मैदान में घास उगाई गई। इसमें चार माह का समय लगा था। इस आयोजन के बाद एक और आयोजन यहां करवाया गया। अब फिर से एक बड़े आयोजन के लिए ैदान देने के कारण फिर से घास की बर्बादी हो रही है। जानकार कहते हैं कि डोम लगाने से पहले अगर रोलर चला दिया जाता तो घास को बचाया जा सकता था, पर ऐेसा नहीं किया गया। डोम लगाने का ठेका लेने वालों को इस बात से कोई मतलब नहीं रहता है कि मैदान खराब हो जाएगा। डोम लगाने लिए मैदान में हर तरफ गड्ढें कर दिए गए हैं। इन गड्ढों को पटाने में भी समय लगेगा। खिलाडिय़ों का कहना है कि जब निगम ने स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रारंभ किया था तभी कहा गया था कि मैदानों को दूसरे आयोजनों के लिए नहीं दिया जाएगा, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण मैदान के पूर्ण होने से पहले ही इसमें खेलों के स्थान पर दूसरे आयोजन होने लगे हैं।


हाई कोर्ट के निर्देशों का भी पालन नहीं

सप्रे शाला के मैदान को लगातार दूसरे आयोजनों के लिए देने के कारण सदर बाजार के एक क्रिकेट क्लब ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई तो इस याचिका पर मैदान को अन्य आयोजनों के लिए न देने के निर्देश दिए गए। इन निर्देशों के बाद भी मैदान को लगातार दूसरे आयोजनों के लिए दिया जा रहा है। पिछले माह यहां पर एक आयोजन किया गया, अब फिर से यहां पर १४ से १६ नवंबर तक एक और आयोजन किया गया। इस आयोजन के कारण मैदान बर्बाद हो गया है और हर तरफ कचरे के अलावा कुछ और नजर नहीं आता है। अगले माह मैदान को एक कांग्रेसी नेता की बेटी की शादी के लिए दे दिया गया है। इधर साइंस कॉलेज के मैदान का भी यही हाल है, वहां राज्योत्सव से लेकर हर बड़ा आयोजन होने के कारण यह मैदान भी खेलने लायक नहीं रह गया है।

मैदान खराब न करने की शर्तों पर दिया

मैदान को खेल की बजाए दूसरे आयोजन के लिए देने के बारे में जब महापौर सुनील सोनी ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैदान को खराब न करने की शर्तों पर दिया गया है। जब उनको बताया गया कि मैदान की घास तो पूरी तरह से चौपट हो रही है, तो इस पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और कहा कि मैदान देने की मंजूरी उन्होंने नहीं निगम आयुक्त ने दी है और वैसे भी मैदान तो भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को दे दिया गया है, इसके लिए उन्हीं से मंजूरी ली गई होगी। इस संबंध में खेल प्राधिकरण साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडू ने संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि मैदान अभी साई को सौंपा नहीं गया है और फिलहाल निगम आयुक्त के पास सारे अधिकार हैं, हमारे पास किसी भी आयोजन की मंजूरी के लिए कोई पत्र नहीं आया है।

छत्तीसगढ़ को भारोत्तोलन में एक स्वर्ण सहित चार पदक

राष्ट्रीय ग्रामीण खेलों में छत्तीसगढ़ को भारोत्तोलन में एक स्वर्ण के साथ चार पदक मिले।
चेन्नई में चल रही इस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए खेल विभाग के संजय पाल ने बताया कि वहां पर ५६ किलो वर्ग में छत्तीसगढ़ के मधुसुदन ने स्वर्ण पदक जीता। ५० किलो ग्राम वजन समूह में छत्तीसगढ़ के हाथ दो पदक लगे। चितेश्वर ने जहां रजत पदक उड़ाया, वहीं ओमप्रकाश साहू को कांस्य पदक मिला। छत्तीसगढ़ तो चौथा पदक दिलाने का काम महिवा वर्ग में सरला ने किया। उन्होंने कांस्य पदक जीता। प्रदेश की भारोत्तोलन टीम के प्रशिक्षक एनआईएस कोच गजेन्द्र पांडे हैं।
चेन्नई में भारोत्तोलन के साथ कुश्ती और एथलेटिक्स के भी मुकाबले हो रहे हैं। कुश्ती में छत्तीसगढ़ के तीन पहलवान क्वार्टर फाइनल में स्थान बना चुके हैं। कुश्ती में कम से कम दो पदक मिलने की संभावना टीम के कोच मुकेश यादव ने जताई है।

छत्तीसगढ़ को कांस्य पदक

राष्ट्रीय साफ्ट टेनिस में छत्तीसगढ़ की महिला टीम ने कमाल दिखाते हुए कांस्य पदक जीता। यह पहला मौका है जब प्रदेश की टीम के हाथ पदक लगा है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के महासचिव प्रमोद सिंह ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन भुवेनश्वर में किया गया था। यहां पर प्रदेश की महिला टीम ने जोरदार खेल दिखाया। पहले मैच में छत्तीसगढ़ ने बिहार को २-० से मात दी। इसके बाद छत्तीसगढ़ ने केरल और पांडिचेरी को भी २-० से परास्त किया। अपने सभी लीग मैच जीतकर छत्तीसगढ़ की टीम ने सेमीफाइनल में स्थान बनाया। यहां पर टीम का सामना दिल्ली की मजबूत और अनुभवी टीम से हुआ। इस मुकाबले में छत्तीसगढ़ की टीम को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन छत्तीसगढ़ ने आसानी से हार नहीं मानी और दिल्ली को संघर्ष के बाद २-१ से जीत मिली। इस हार के कारण जहां छत्तीसगढ़ की टीम भले फाइनल में नहीं पहुंच सकी, लेकिन उसके हाथ कांस्य पदक जरूर लग गया। प्रदेश की इस पदक विजेता टीम में एश्वर्या, सुप्रिया पांडेय, नयन वर्मा, ज्योति सिंह, अंकित उपवेजा, पायल देवांगन, नुपूर चन्द्राकर एवं पिंकी सेंटियागो थीं।

छत्तीसगढ़ की पुरुष टीम लीग में अपने दो मैच ही जीत सकी जिसके कारण उसको सेमीफाइनल में स्थान नहीं मिला। छत्तीसगढ़ ने पहला मैच राजस्थान और दूसरा ङाारखंड से जीता, लेकिन महाराष्ट्र से उसे हार का सामना करना पड़ा। बाद में महाराष्ट्र की टीम ने ही स्वर्ण जीता। प्रदेश की पुरुष टीम में हरप्रीत आर। पाटिल, हेनरी, रोहित सेंटियागो, लारेंस सेंटियागो, अंशुल, भरत पटेल, दिलीप विश्वकर्मा थे। टीम के कोच प्रमोद सिंह ठाकुर थे।

प्रदेश की महिला टीम के कांस्य जीतने पर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल पुसदकर ने कहा कि प्रदेश की टीम की यह सफलता बताती है कि आगे हमारी टीम स्वर्ण जीतने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि राज्य स्पर्धा के बाद टीम को जल्दी जाना पड़ा अगर टीम का लंबा प्रशिक्षण शिविर चलता तो टीम फाइनल में पहुंच सकती थी।

रविवार, 22 नवंबर 2009

छत्तीसगढ़ का पहला मैच मेघालय से

छत्तीसगढ़ की मेजबानी में १२ दिसंबर से होने वाली अंडर १९ क्रिकेट चैंपियनशिप में मेजबान का पहला मैच मेघालय से होगा। चैंपियनशिप में खेलने वाली सात टीमों के मुकाबले रायपुर और भिलाई में होंगे। स्पर्धा की तैयारी अभी से प्रारंभ कर दी गई है। चैंपियनशिप का पूरा खर्च भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उठाएगा। सभी राज्यों के खिलाडिय़ों को हर मैच में मैच फीस के रूप में दो हजार पांच सौ रुपए मिलेंगे। छत्तीसगढ़ की टीम की घोषणा २८ नवंबर को की जाएगी, इसके बाद इसका प्रशिक्षण शिविर लगेगा।

यह जानकारी पत्रकारों को देते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने बताया कि बीसीसीआई के देश में सात राज्य एसोसिएट सदस्य है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है। इन सभी राज्यों को अंडर १९ साल की टीम को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने की मंजूरी भी दी गई है। इन राज्यों के लिए एक अलग से अंतर राज्य स्पर्धा का आयोजन भी किया गया है जिसकी मेजबानी छत्तीसगढ़ के हिस्से में आई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ ने भी अन्य राज्यों की तरह मेजबानी का दावा किया था और छत्तीसगढ़ को महत्व देते हुए मेजबानी दी गई है। छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिलने के पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ को बीसीसीआई में बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ ने ऐसे समय में इस साल आईपीएल के मैच करवाने का दावा किया था जब देश में इसको कोई नहीं करवाना चाहता था। अगर चैंपियनशिप द। अफ्रीका नहीं जाती तो छत्तीसगढ़ में आईपीएल के मैच जरूर होते।

सात राज्यों के बीच होंगे मुकाबले

एक सवाल के जवाब में श्री भाटिया ने बताया कि स्पर्धा में मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ सिक्किम, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, बिहार, नागालैंड और छत्तीसगढ़ की टीमें शामिल होंगी। इनके बीच १२ दिसंबर से होने वाले लीग मैचों के लिए मैदानों का चयन भी कर लिया गया है। भिलाई में दो मैदानों के साथ रायपुर के नए स्टेडियम में मैच होंगे। छत्तीसगढ़ का पहला मैच १२ दिसंबर को मेघालय से होगा। इसी दिन सिक्किम और मणिपुर के साथ बिहार और नागालैंड का भी मैच होगा। रोज तीन मैच खेले जाएंगे। सभी टीमों को हर टीम से खेलने का मौका मिलेगा। फाइनल में पहुंचने वाली टीमें राष्ट्रीय चैंपियनशिप के मुख्य मुकाबलों में खेलने की पात्र होंगी। स्पर्धा का फाइनल मैच २३ दिसंबर को होगा।

हर खिलाड़ी को मिलेंगे ढाई हजार

श्री भाटिया ने बताया कि स्पर्धा में खेलने वाले सभी राज्यों के खिलाडिय़ों को हर मैच के लिए बीसीसीआई से ढाई हजार रुपए हर मैच के लिए मिलेंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व में यह मैच फीस एक हजार थी जिसे अंडर १९ साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इसी के साथ अंडर १६ साल के मैचों में एक मैच के लिए ५०० रुपए मिलते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि स्पर्धा का सारा खर्च बीसीसीआई से मिलेगा। उन्होंने बताया कि छोटे-मोटे खर्च ही संघ को करने पड़ेंगे। पूछने पर उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीम की घोषणा २८ नवंबर को की जाएगी, इसके बाद राजधानी में ही एक दिसंबर से उनका प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा।

ग्रामीण खिलाडिय़ों को मिल रहा है मौका

श्री भाटिया ने बताया कि उनके संघ ने ग्रामीण खिलाडिय़ों को भी मौका देने के मकसद से इस बार अंडर १६ साल और अंडर १९ साल की राज्य स्पर्धा में दो ग्रुप बनाए हैं एलिट और प्लेट। इन ग्रुप की टीमों से जो टीमें हार कर बाहर हो जाती हैं उन टीमों के अच्छे खिलाडिय़ों का चयन करके एक संयुक्त टीम बनाकर इन दोनों ग्रुप की विजेता टीमों के साथ उसके लीग मैच करवाए जाते हंै। अंडर १९ की संयुक्त टीम में कोरिया के ६, जगदलपुर के ४, धमतरी के २, नारायणपुर, चांपा, जशपुर और महासमुन्द का एक-एक खिलाड़ी रखा गया है। पहले कई अच्छी टीमें भी हार कर बाहर हो जाती थीं और उनके खिलाडिय़ों को मौका नहीं मिल पाता था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि अगले साल संघ अपनी अकादमी बनाएगा, इसकी तैयारी दिल्ली पब्लिक स्कूल में चल रही है। उन्होंने बताया कि अंडर १९ चैंपियनशिप के उद्घाटन या समापन में बीसीसीआई के किसी पदाधिकारी को बुलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जूनियर टीम से जुड़े संजय जगदाले के आने की संभावना है। पत्रकारों से बातचीत के समय संघ के महासचिव राजेश दवे के साथ विजय शाह भी उपस्थित थे।

प्रदेश के श्याम, अंकित, अजय भारतीय बास्केटबॉल टीम में

एशियन यूथ बास्केटबॉल में मलेशिया खेलने गई भारतीय टीम में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। यह पहला मौका है जब प्रदेश के तीन खिलाडिय़ों को एक साल टीम में स्थान मिला है।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष राजीव जैन के साथ महासचिव राजेश पटेल ने बताया कि मलेशिया में चल रही स्पर्धा में खेल रही भारतीय टीम में छत्तीसगढ़ के श्याम सुंदर, अंकित पाणिग्रही और अजय प्रताप सिंह का चयन किया गया है। अंकित जहां इसके पहले चार बार भारतीय टीम से खेल चुके हैं, वहीं श्याम सुंदर भी दो बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अजय प्रताप सिंह को पहली बार खेलने का मौका मिला है। तीनों खिलाड़ी भिलाई के हैं और लगातार प्रदेश टीम से खेलते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की टीम को पदक दिलाने का काम कर रहे हैं।

साई सेंटर अगले माह होगा शुरू

प्रस्ताव साई के मुख्यालय दिल्ली भेजा गया
प्रदेश की राजधानी रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स का साई सेंटर अगले माह प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए साई ने दिल्ली को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है, वहां से मंजूरी मिलते ही खिलाडिय़ों के चयन के प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। खिलाडिय़ों का चयन करने के बाद अगले माह से प्रशिक्षण केन्द्र का प्रारंभ करने की बात साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने कही है। पहले चरण में आउटडोर स्टेडियम में पांच खेलों का प्रशिक्षण केन्द्र बनाया जाएगा। बाद में इंडोर स्टेडियम के मिलने पर खेलों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

रायपुर के स्पोट्र्स काम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम को भारतीय खेल प्राधिकरण के साई सेंटर के लिए देने के बाद अब इसमें खुलने वाले प्रशिक्षण केन्द्र का राजधानी के खिलाडिय़ों को बेताबी से इंतजार है। इस सेंटर को जल्द प्रारंभ करवाने का प्रयास जहां खेल विभाग कर रहा है, वहीं साई के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु भी इस प्रयास में हैं कि यहां का सेंटर जल्द प्रारंभ कर दिया जाए। उन्होंने संपर्क करने पर बताया कि रायपुर नगर निगम से एमओयू होने के बाद ही एक प्रस्ताव बनाकर साई के मुख्यालय दिल्ली को भेज दिया गया है। वहां से जैसे ही मंजूरी आएगी, इस सेंटर को प्रारंभ कर दिया जाएगा। पूछने पर उन्होंने बताया कि संभावना है कि सेंटर अगले माह प्रारंभ कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सेंटर प्रारंभ करने से पहले खिलाडिय़ों का चयन भी किया जाएगा। श्री नायडु ने कहा कि मैं एक बात साफ तौर पर कह देना चाहता हूं कि साई के सेंटरों के लिए खिलाडिय़ों के चयन में किसी भी तरह का पक्षपात और गलत बात बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि देश में खेलों को ओवरएज के कारण बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है, ऐसे में यह बात कताई बर्दाश्त नहीं होगी कि साई के किसी भी सेंटर में ओवरएज खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। सरकार हर खिलाड़ी के पीछे साल भर में २५ से २८ हजार का खर्च करती है, ऐसे में यह देखना हमारा काम है कि ये पैसे सही खिलाडिय़ों के पीछे खर्च हो रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि सेंटर के लिए किसी भी खेल के चयन ट्रायल के समय मैं खुद उपस्थित रहता हूं। मैं सारे सही प्रमाणपत्र देखने के बाद ही किसी भी खिलाड़ी को सेंटर में प्रवेश देने की मंजूरी दूंगा। किसी भी तरह की एप्रोच के दम पर खिलाडिय़ों का चयन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओवरएज के कारण ही भोपाल में साई ने हॉकी का प्रशिक्षण सेंटर बंद कर दिया गया था, बाद में सही खिलाडिय़ों के आने के बाद ही इसको प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि साई के सेंटरों में १४ साल से २१ साल तक के खिलाडिय़ों को रखा जाता है।

श्री नायडू ने बताया कि राजधानी रायपुर के साई सेंटर में प्रारंभिक रूप से ११ खेलों को रखा जाएगा। इसके बाद इन खेलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। डे बोर्डिंग के लिए १५० और बोर्डिंग के लिए १०० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरू में आउटडोर में खेलों का प्रारंभ होगा इसके बाद इंडोर स्टेडियम मिलते ही वहां पर जो इंडोर खेलों को प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी खेलों के लिए साई की तरफ से आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाईं जाएगीं। वालीबॉल का कोर्ट २५ लाख और हैंडबॉल का कोर्ट ३० लाख में बनेगा।

शनिवार, 21 नवंबर 2009

अंडर १९ क्रिकेट की मेजबानी छत्तीसगढ़ को

छत्तीसगढ़ को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अंडर १९ साल क्रिकेट की मेजबानी दी है। इस स्पर्धा में सात एसोसिएट सदस्य राज्यों की टीमें शामिल होंगी। यहां पर मुकाबले १२ दिसंबर से प्रारंभ होंगे। इसकी तैयारी छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने प्रांरभ कर दी है।

यह जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के महासचिव राजेश दवे ने बताया कि बीसीसीआई ने देश से सात राज्यों को एसोसिएट सदस्यता दी है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है। इन सभी राज्यों को अंडर १९ साल की टीम को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने की मंजूरी भी दी गई है। इन राज्यों के लिए एक अलग से अंतर राज्य स्पर्धा का आयोजन भी किया गया है जिसकी मेजबानी छत्तीसगढ़ के हिस्से में आई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ को मिली मेजबानी संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया के प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने बताया कि इस स्पर्धा में मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ सिक्किम, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, बिहार, नागाल्लैंड और छत्तीसगढ़ की टीमें शामिल होंगी। इनके बीच १२ दिसंबर से होने वाले लीग मैचों के लिए मैदान का चयन किया जा रहा है। मुकाबले रायपुर के साथ राजनांदगांव और भिलाई में करवाने जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि कुछ मैचों को नए स्टेडियम में भी करवाने के प्रयास होंगे। अभी वहां पर अंडर १६ और अंडर १९ साल के अंतर जिला स्पर्धा के मैच करवाए गए हैं।

श्री दवे ने बताया कि यह छत्तीसगढ़ में बड़े मैचों के आयोजन के पूर्व की एक कड़ी है। आगे यहां पर रणजी, दिलीप और देवधर ट्रॉफी के मैच लेने के प्रयास होंगे। इसके बाद कोई अंतरराष्ट्रीय मैच लेने का कोशिश की जाएगी।

बजट मिला रायपुर मैराथन का जीवन खिला

प्रदेश के खेल विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली मैराथन में रायपुर मैराथन को मिले बजट से उसका जीवन फिर से बन गया है। मैराथन को बजट कम होने के कारण स्थगित कर दिया गया था, अब इसके आयोजन की फिर से तैयारी प्रारंभ हो गई है। यह मैराथन अब २० दिसंबर को कसडोल में होगी।

रायपुर मैराथन का आयोजन १४ नवंबर को होना था, लेकिन इस स्पर्धा के लिए विभाग से पूर्व के सालों की तुलना में आधा बजट भी नहीं दिया जिसकी वजह से स्पर्धा को न करवा पाने की बात कहते हुए जिले के खेल विभाग ने संचालनालय से स्पर्धा करवाने में असमर्थतता जताते हुए इसको स्थगित कर दिया था। विभाग ने इसके लिए इस बार महज ४६ हजार का बजट दिया था, जबकि पिछले तीन सालों से इसके लिए एक लाख से ज्यादा का बजट मिलता था। पूर्व के वर्षां की तरह ही करीब एक लाख २० हजार का बजट मांगा था, पर विभाग ने इतना बजट देने से मना कर दिया था। और महज ४६ हजार रुपए का बजट दिया था। इस बजट में २३ हजार ५०० रुपए तो नकद पुरस्कार में चले जाएंगे, बाकी के २२ हजार ५०० रुपए में आयोजन का होना संभव ही नहीं था। मैराथन में १५ विकासखंड़ों से करीब ३०० खिलाड़ी आने हैं। इसी के साथ रायपुर के खिलाड़ी और मेजबान के खिलाडिय़ों को मिलाकर करीब १०० खिलाड़ी और हो जाएंगे। इसी के साथ करीब ५० अधिकारी टीमों के साथ आएंगे। ४५० लोगों की भागीदारी वाला यह आयोजन २२ हजार ५०० रुपए में कैसे हो सकता था। इसके पूर्व जब २००६-७ में तिल्दा में आयोजन किया गया था तो वहां के लिए एक लाख एक हजार, आरंग के २००७-०८ के आयोजन के लिए एक लाख सात हजार और २००८-०९ के मैनपुर के आयोजन के लिए एक लाख २४ हजार रुपए मिले थे। इस बार भी पिछले आयोजन जितना ही बजट मांगा गया था, पर इस बजट से काफी बजट मिलने पर जिले के खेल प्रभारी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार से चर्चा के बाद संचालनालय को लिखा गया था कि और ८० हजार का बजट और मिलने पर ही आयोजन संभव होगा। ऐसे में संचालनालय से इतना बजट तो नहीं दिया , पर ५० हजार का और बजट दिया गया है। अब रायपुर को ९६ हजार में आयोजन करवाने का जिम्मा दिया गया है। इतने बजट में मैराथन को करवाने की तैयारी चल रही है। मैराथन का आयोजन कसडोल में ही होगा, पर अब यह स्पर्धा २० दिसंबर को होगी।
राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि रायपुर मैराथन से पहले जिले के १५ विकासखंडों में मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। आधे विकासखंडो में आयोजन हो गए हैं, बाकी में २० दिसंबर से पहले हो जाएंगे।

बैटन रिले की कार्यशाला में शामिल होंगे खेल संचालक

दिल्ली में २४ नवंबर को दिया जाएगा प्रशिक्षण

दिल्ली में २०१० में होने वाले कामनवेल्थ खेलों की मशाल यानी बैटन रिले के लिए दिल्ली में सभी राज्यों के खेल विभाग के अधिकारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए प्रदेश के खेल संचालक जीपी सिंह जाएंगे। वहां पर २४ नवंबर को एक दिन की कार्यशाला होगी।

यह जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि कामनवेल्थ बैटर रिले के सभी राज्यों में पहुंचने से पहले सभी राज्यों के खेल विभाग के एक प्रतिनिधि को दिल्ली में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण की यह कार्यशाला वहां पर २४ नवंबर के अशोका होटल में सुबह १० बजे से प्रारंभ होगी जो शाम को ६ बजे चलेगी। इस कार्यशाला में शामिल होने वाले सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को वहां पर जानकारी देनी होगी कि उनके राज्य में बैटन रिले के आने की क्या तैयारी की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर बैटन के साथ आने वाले दल के रूकने की क्या व्यवस्था की गई है, बैटन रिले का संभावित मार्ग क्या होगा इन सब की जानकारी देनी होगी।

खेल संचालक ने बताया कि वे यहां से सारी जानकारी एकत्रित करके २३ नवंबर को दिल्ली जाएंगे। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ९ अगस्त को बैटर का आगमन होगा। यह मशाल प्रदेश में चार दिनों तक रहेगी। बैटन छत्तीसगढ़ में संबलपुर से दोपहर को एक बजे रायपुर आएगी। रायपुर में बैटन ९ अगस्त को रहने के बाद १० अगस्त को राजधानी में इसकी एक विशाल रैली निकाली जाएगी और यह रैली पूरी राजधानी का भ्रमण करेगी। रैली के लिए विभाग अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की भी मदद लेगा। इसकी रूपरेखा तैयार करने का काम प्रारंभ हो गया है। ११ अगस्त को यह बैटन रायपुर से २ बजे जगदलपुर के लिए रवाना होगी। वहां पहुंचने के बाद अगले दिन शहर भ्रमण के बाद यह बैटन भोपालपट्नम के लिए रवाना होगी। बैटन का अंतिम पड़ाव दिल्ली होगा। दिल्ली में बैटन का प्रवेश कुरूक्षेत्र से ३० सितंबर को हो जाएगा। इसके बाद बैटन दिल्ली का भ्रमण करेगी। दिल्ली में नार्थ, ईस्ट, और सेंटर में भ्रमण के बाद यह बैटन ३ अक्टूबर को उस स्टेडियम में जाएगी जहां कामनवेल्थ खेलों का प्रारंभ होगा।

शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

राष्ट्रीय हैंडबॉल भिलाई में

राष्ट्रीय जूनियर हैंडबॉल चैंपियनशिप का आयोजन २७ नवंबर ने भिलाई में किया गया है। स्पर्धा की जोरदारी चल रही है। स्पर्धा में मेजबान छत्तीसगढ़ सहित २९ राज्यों की टीमें भाग लेंगी।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश हैंडबॉल संघ के सचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि ३२वीं राष्ट्रीय जूनियर स्पर्धा की मेजबानी छत्तीसगढ़ को मिली है। इसका आयोजन भिलाई में २७ नवंबर से २ दिसंबर तक किया गया है। इस स्पर्धा में मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ आन्ध्र प्रदेश, असम। बिहार, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, पं. बंगाल, नागालैड, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, मप्र, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, गोवा सहित २९ राज्यों की टीमों के ५५० बालक खिलाड़ी, प्रशिक्षक, प्रबंधक शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि स्पर्धा के लिए जहां एनएमडीसी से दो लाख की राशि मिली है, वहीं प्रदेश के खेल विभाग से एक लाख और केन्द्रीय खेल विभाग से दो लाख का अनुदान मिलेगा। स्पर्धा में ११ लाख का खर्च अनुमानित है। खिलाडिय़ों के रहने और खाने की व्यवस्था भिलाई स्टील प्लांट ने की है।

श्री खान ने बताया कि स्पर्धा लीग कम नाखआउट पर खेली जाएगी। टीमों को चार पूलों में बांटा जाएगा। स्पर्धा का उद् घाटन २७ नवंबर को शाम ५-३० बजे और समापन २ दिसंबर को शाम को ५.३० बजे होगा।।

बुधवार, 18 नवंबर 2009

कुश्ती में महंत कॉलेज के पहलवानों का दबदबा रहा

अंतर कॉलेज कुश्ती में मेजबान महंत कॉलेज के महिला और पुरुष पहलवानों का दबदबा रहा। महंत कॉलेज के हाथ तीन खिताब लगे इसमें एक महिला वर्ग और दो पुरुष वर्ग के हैं। इसी के साथ सबसे ज्यादा पदक भी महंत कॉलेज के हाथ लगे।

महंत कॉलेज में मंगलवार को खेली गई अंतर कॉलेज कुश्ती में महिला वर्ग के ४८ किलो वजन वर्ग में अंतरा सारथी से स्वर्ण के साथ खिताब जीता। महिला वर्ग के अन्य मुकाबलों में ४८ किलो से ज्यादा के समहू में दुर्गा कॉलेज की लीना यादव और ५५ किलो समहू में लक्ष्मी रानी साहू ने खिताब जीता। ५५ किलो से ज्यादा वर्ग में डागा कॉलेज की जसविंदर कौर विजेता बनीं। डागा कॉलेज की प्रगति ठाकुर ने ६५ किलो वर्ग में स्वर्ण जीता। ६० किलो से ज्यादा के वर्ग में डिग्री कॉलेज की प्रियंका महतो ने स्वर्ण जीता।

पुरुष वर्ग के मुकाबलों में ५० किलो वर्ग में महंत कॉलेज के हुककुमराज देवांगन को स्वर्ण, दुर्गा कॉलेज के कुलेश्वर दास को रजत, ५५ किलो ग्राम वर्ग में पीजी कॉलेज बालोद के जानेश्वर यादव को स्वर्ण, आरसीएस दुर्ग के राजकिरण ठाकुर को रजत और गरियाबंद कॉलेज के हीमांचल ध्रुव को कांस्य पदक, ६० किलो वर्ग में महंत कॉलेज के चिरंजीव साहू ने स्वर्ण जीता। ६६ किलो वजन समूह में युटीडी के जयंत देवांगन को स्वर्ण और महंत कॉलेज के रवि पेंडुलकर को रजत पदक, ७२ किलो वजन समहू में पीजी कॉलेज धमतरी के हरीश कुमार को स्वर्ण, गजानंद कॉलेज भाटापारा के अभय केशरवानी को रजत और महंत कॉलेज के लव यदु को कांस्य पदक मिला। ७८ किलो वर्ग में गजानंद कॉलेज भाटापारा के विवेकराज ठाकुर ने स्वर्ण और ७८ किलो से ज्यादा वर्ग में विप्र कॉलेज के शासवत शुक्ला ने स्वर्ण पदक जीता। विजेता खिलाड़ी उत्तर पूर्वी अंतर विवि स्पर्धा में खेलने जाएंगे।

मेजबान कॉलेज के क्रीड़ा अधिकारी विजय शर्मा ने बताया कि स्पर्धा का उद्घाटन सुबह को शिक्षा प्रचार समिति के अजय तिवारी ने किया। इस अवसर पर रविवि शारीरिक शिक्षा विभाग के संचालक प्रकाश सिंह ठाकुर के साथ क्रीड़ा अधिकारी बीएस चंदेल, अनिल दीवान, रविन्द्र मिश्रा, प्रेमशंकर, प्यारेलाल साहू, गिरीश शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विभाष कुमार ने किया।

मंगलवार, 17 नवंबर 2009

सीएम ओलंपिक संघ के अध्यक्ष !

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने आज अचानक प्रदेश ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव रखा गया जिसे मुख्यमंत्री ने एक तरह से स्वीकार कर लिया है और ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही उनको ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बना दिया जाएगा ताकि छत्तीसगढ़ में २०१३ में होने वाले राष्ट्रीय खेल उनकी अगुवाई में हो। इसके पहले कल ही श्रीमती वीणा सिंह को वालीबॉल संघ का अध्यक्ष बनाने के साथ ओलंपिक संघ का भी अध्यक्ष बनाए जाने की बात खेल संघों से जुड़े लोग कर रहे हैं। खेल बिरादरी का ऐसा मानना है कि ओलंपिक संघ की बागडोर मुख्यमंत्री के हाथों में ही होनी चाहिए ताकि प्रदेश में खेलों का तेजी से विकास हो सके।

उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र बांट कर जैसे ही मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह आज वापस जा रहे थे तो उनके सामने प्रदेश लॉन टेनिस संघ के अध्यक्ष और ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरचरण सिंह होरा के साथ वालीबॉल संघ के अध्यक्ष गजराज पगारिया ने ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव रखा और उनसे कहा कि सभी खेल संघ चाहते हैं कि आपके प्रयासों से जब छत्तीसगढ़ २०१३ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी ले रहा है तो ये खेल आपकी अगुवाई में ही हों। श्री सिंह ने इस प्रस्ताव पर हंसते हुए डन की मुद्रा में सहमति जता दी है।

मुख्यमंत्री की सहमति के बाद अब उनको ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनाए जाने की रणनीति तय करने का प्रयास होगा। इस बारे में गुरुचरण सिंह होरा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे लॉन टेनिस संघ के अध्यक्ष का पद भी मुख्यमंत्री के लिए छोड़ देंगे। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि मुख्यमंत्री को ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए यह जरूरी होगा कि वे किसी राज्य खेल संघ के अध्यक्ष हों। ऐसे में श्री होरा टेनिस संघ के अध्यक्ष का पद छोडऩे के लिए भी तैयार है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के अध्यक्ष बनने से खेलों का बहुत भला होगा।

सोमवार, 16 नवंबर 2009

वीणा सिंह को अध्यक्ष बनाने एका


छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ की सामान्य सभा में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह की पत्नी श्रीमती वीणा सिंह को संघ का अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनी, लेकिन फिलहाल श्रीमती सिंह ने मुख्य संरक्षक का ही पद लिया है, अध्यक्ष के पद के लिए उन्होंने एक सप्ताह का समय सोचने के लिए लिया है जिसकी वजह से अध्यक्ष का पद अभी खाली रखा गया है। संघ के सभी जिलों के पदाधिकारी एक मत से यह चाहते हैं कि श्रीमती सिंह ही अध्यक्ष बनें। उनको इसके लिए मनाने का प्रयास सभी कर रहे हैं। अगर किसी कारणवश वह अध्यक्ष बनने तैयार नहीं होती हैं तो उनकी सहमति से ही किसी को अध्यक्ष बनाया जाएगा।


प्रदेश वालीबॉल संघ की सामान्य सभा पूर्व में होटल गणपति में रखी गई थी। संघ ने पहले से ही इसके अध्यक्ष के रूप में श्रीमती वीणा सिंह का नाम तय कर रखा था। ऐसे में इस बैठक का आयोजन अचानक मुख्यमंत्री निवास में रविवार को १२ बजे किया गया। बैठक में सभी १७ जिलों से आए अध्यक्ष और सचिवों का एक मत से मानना था कि श्रीमती सिंह को अध्यक्ष बनाया जाए। उन्होंने सभी के आग्रह के कारण अध्यक्ष बनने के लिए विचार करने एक सप्ताह का समय मांगा है। उनकी इस बात पर फिलहाल अध्यक्ष का पद खाली छोड़कर बाकी सभी पदों पर पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से कर दिया गया है। वीणा सिंह को मुख्य संरक्षक बनाया गया है। मो. अकरम खान को फिर से लगातार तीसरी बार महासचिव बनाया गया है। उक्त बैठक में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के निदेशक श्री जी पी सिंह तथा छत्तीसगढ ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान पर्यवेक्षक के रूप में तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी विक्रम सिंह सिसोदिया विशेष रूप से उपस्थित थे।

वीणा सिंह को ओलंपिक संघ का भी अध्यक्ष बनाने की तैयारी


श्रीमती वीणा सिंह को वालीबॉल संघ का अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे प्रदेश की खेल बिरादरी की मंशा उनको प्रदेश ओलंपिक संघ का भी अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी है। प्रदेश की खेल बिरादरी चाहती है कि उनको ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनाने के बाद उनकी अगुवाई में ही छत्तीसगढ़ में २०१३ के राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जाए। यहां यह बताना लीजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ ने २०१३ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का दावा कर दिया है और इसके लिए ५० लाख की डीडी भी भारतीय ओलंपिक संघ में जमा कर दी गई है। छत्तीसगढ़ को २०१३ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का मिलना तय माना जा रहा है। इसकी मेजबानी के लिए भारतीय ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल की भी मदद ली जा रही है। उनकी मदद के बाद मेजबानी का मिलना तय है। ऐसे में अब प्रदेश की खेल बिरादरी की नजरें श्रीमती सिंह के फैसले पर रहेंगी कि वह वालीबॉल संघ के अध्यक्ष का पद कबूल करती हैं या नहीं।

पदाधिकारी- कार्यकारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष - डॉ ए के श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष - एन एन नेमा, सत्येन्द्र पंाडे, नईमुददीन हनफ ी, सतीष त्रिपाठी, गुरमीत सिंह, जयराम सिंह, एवं एस एन दासगुप्ता, सचिव मोहम्मद अक्रम खान, कोषाध्यक्ष विश्वनाथ चन्द्राकर, एसोसिएट सचिव (इवेन्ट) विनोद नायर, एसोसिएट सचिव (टीम्स) एस एल यादव, सहसचिव - विजय चंद्रवंशी, आबिद बेग, फ्रेक्लीन, थामस फि लिप, तथा उमेश पटेल, महिला प्रतिनिधि - श्रीमती पुनिता नेहरू, सुश्री रेखा पदम, श्रीमती ममता गुप्ता, कार्यालय सचिव विमल नायर, रेफ री बोर्ड (चेयरमेन) राजेश्वर सिंह, संयोजक - निर्मल सिंह, सदस्य - आर बी कोरी, श्रीमती सरोज दुबे, संतोष कुमार सिंह एवं गौस बेग। सलेक्शन कमेटी (चेयरमेन) आशीश अरोरा, संयोजक - हेमप्रकाश नायक, सदस्य- राजेन्द्र राय, सुश्री रेखा पदम, श्री शैलेश तिवारी, एवं श्री संजय सिंह, कोचिंग कमेटी (चेयरमेन), एस पी सिंह, संयोजक - डी डी चौधरी, सदस्य - हरगुलशन सिंह, बाबू सूरी, सुश्री स्मृति साव एवं श्रीमती कल्पना स्वामी, एज स्क्रीनिंग कमेटी (चेयरमेन) राजेश पारख, संयोजक आर के शर्मा, सदस्य पुरूषोत्तम शर्मा, सुशांत डे, सुभाष तिवारी, उचित निराला। टेक्नीकल कमेटी (चेयनमेन) टी डी अंदानी, संयोजक- रमेश बहादुर सदस्य - रवेल सिंह, सज्जन सिंह, खुशाल सिंह एवं ओ पी सिंह।

७० उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को सीएम आज देंगे प्रमाणपत्र

प्रदेश के ७० उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सोमवार की 11 बजे एक समारोह में प्रमाणपत्र देंगे। इस समारोह में प्रदेश की पूरी खेल बिरादरी को आंमत्रित किया गया है। समारोह में सभी पुरस्कार प्राप्त खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों के साथ खेल संघों के पदाधिकारियों भी शामिल होंगे। प्रमाणपत्र मिलते ही खिलाड़ी सरकारी नौकरी के लिए पात्र हो जाएंगे।
राज्य बनने के बाद पहली बार प्रदेश की भाजपा सरकार ने खिलाडिय़ों को रोजगार देने के लिए उत्कृष्ट खिलाडिय़ों का चयन किया है। पहले चरण में शासन ने ७० खिलाडिय़ों की सूची जारी की गई। इन खिलाडिय़ों को तभी से उत्कृष्ट खिलाड़ी के प्रमाणपत्र मिलने का इंतजार था ताकि उनको नौकरी मिले सके। अब जाकर खेल विभाग ने सामान्य प्रशासन के साथ मिलकर उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र दिलाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि १६ नवंबर को होटल बेबीलोन में पूर्व में यह कार्यक्रम सुबह को ११ बजे किया है। कार्यक्रम में गृहमंत्री ननकी राम कंवर अध्यक्षता करेंगे, जबकि खेल मंत्री लता उसेंडी विशेष अतिथि होंगी।

श्री सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में जिन ७० खिलाडिय़ों को उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे वे इस प्रकार हैं- आर। राजू, रीना साहू, संतोषी , प्रीति बंछोर, अमिता दलाई, इसरत अंजुम, विनिता दास, चितेश्वरी ध्रुव, साइमा अंजुम, मत्ती मुरम, अनिता यादव, शबनम बानो, अनामिका मुखर्जी, पुष्पा, अंजलीना लारेंस, जूलियट लारेंस, प्रियंका शर्मा, मीनाक्षी, टेकलाल पुर्रे, अरविंद सोनी, रूस्तम सारंग, करिश्मा साहू, सुनीता टोपो, सरिता यादव, बलविंदर कैर आनंद, आरती सिंह, आकांक्षा सिंह, भारती नेताम, एम. पुष्पा, अनामिका जैन, नवनीत कौर, अंजू लकरा, वी. निशा, इशरत जहां, पूनम सिंह, डीके यादव, हर्षा साहू, रक्षा जोशी, शीतल पवार, छाया रानी, आशु पवार, आलोक द्विवेदी, नीरा कुमारी, भावना खंडारे, पूर्ति तिवारी, एम. रेणुका, चन्द्रिका साहू, अंतिमा परिहार, सोनिया क्षेत्रीय, मो. कलीम खान, अजय त्रिवेदी, सैय्यद इरफान अली, निधी जायसवाल, आरती पांजे, सविता सिंह, इम्तियाज खान, रीना, रूपा साहब, ज्योति बाला, कश्मीरा जोसेफ, सीमा पाठक, संध्या ध्रुव, धरमवीर, मृदुला आडिल, मंजीता कौर, सीमा सिंह, निकिता गोदामकर, जे. वेणु, निशा यादव एवं रेखा पद्म शामिल हैं।

समोराह में अब तक राज्य के खेल पुरस्कारों शहीद कौशल यादव, शहीद राजीव पांडे, हनुमान सिंह, शहीद पंकज विक्रम, खेल विभूति से जिनका सम्मान हुआ है उनको भी आमंत्रित किया गया है। समारोह में सभी मान्यता प्राप्त खेल संघों के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है।

रायपुर को दोहरा स्वर्ण

राज्य शालेय खेलों की टेनीक्वाइट स्पर्धा में रायपुर को दोहरा स्वर्ण पदक मिला। रायपुर ने अंडर १९ साल वर्ग में बालकों के साथ बालिका वर्ग का भी खिताब जीता। दोनों वर्गों के फाइनल में रायपुर ने दुर्ग को मात दी।

तिल्दा में खेल गए राज्य शालेय खेलों में टेनीक्वाइट भी शामिल था। इस खेल में रायपुर के बालक और बालिका खिलाडिय़ों ने अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए स्वर्ण पदक जीते। अंडर १९ साल बालक वर्ग में रायपुर ने फाइनल मुकाबले में दुर्ग को आसानी से २-० से मात दी। इसके पूर्व खेले गए मैचों में रायपुर ने बिलासपुर को २-०, जशपुर को २-१, राजनांदगांव को २-० और सरगुजा को २-० से मात दी थी।
बालिका वर्ग के फाइनल में भी रायपुर का सामना दुर्ग से हुआ और यहां भी नतीजा रायपुर के पक्ष में २-० से रहा। फाइनल मैच से पहले रायपुर ने बिलासपुर को २-०, जशपुर को २-०, राजनांदगांव को २-० और सरगुजा को २-० से मात दी थी। शालेय खेलों की स्पर्धा में पहली बार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया गया। यह खिताब बालक वर्ग में रायपुर के मोहन वर्मा सुनील यादव और बालिका वर्ग में रायपुर की रेणुका साहू को दिया गया। स्पर्धा में बालक वर्ग में बिलासपुर और बालिका वर्ग में जशपुर की टीमें तीसरे स्थान पर रहीं।

सहायक संचालक खेल को संस्कृत बोर्ड का प्रभार

शिक्षा मंत्री के विदेश जाते ही बदला आदेश

शिक्षा विभाग में सहायक संचालक खेल के पद पर नियुक्त किए गए पीडी मिश्रा के आदेश को शिक्षा मंत्री के विदेश जाते ही बदल दिया गया और उनको संस्कृत बोर्ड में काम देखने के लिए कहा गया है।
शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की मंशा के अनुसार शिक्षा विभाग में डीपीसी करके सहायक संचालक खेल के पद पर १५ दिनों पूर्व ही शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य पीडी मिश्रा का प्रमोशन करके उनको नियुक्ति किया गया था। इस नियुक्ति के बाद से ही सहायक संचालक खेल का प्रभार संभाल रहे एसआर कर्ष ने अपने पद बने रहने के लिए जुगाड़ में लग गए थे। पिछले १० दिनों से श्री मिश्रा को प्रभार ही नहीं दिया जा रहा था जबकि उनके आदेश में साफतौर पर उनकी नियुक्ति सहायक संचालक खेल के रूप में की गई थी। अब अचानक यह बात सामने आई है कि श्री मिश्रा को संस्कृत बोर्ड का काम देखने के लिए कहा गया है। अपर संचालक एलएस मरावी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि शासन का आदेश आया है कि श्री मिश्रा संस्कृत बोर्ड का काम देखेंगे। शासन का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब शिक्षा मंत्री विदेश प्रवास पर हैं और उनकी जानकारी के बिना ही आदेश को बदले जाने की चर्चा है।

रविवार, 15 नवंबर 2009

छत्तीसगढ़ बना उपविजेता

राष्ट्रीय वालीबॉल में ८ साल बाद फाइनल में स्थान मिला

छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय महिला खेलों की वालीबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में बंगाल से मात खाने के कारण उपविजेता के खिताब से ही संतोष करना पड़ा। छत्तीसगढ़ को ८ साल बाद फाइनल में पहुंचने का मौका मिला था। इसके पहले २००१ में जगदलपुर में हुई स्पर्धा में छत्तीसगढ़ ने खिताब जीता था।
राष्ट्रीय महिला खेलों के दूसरे चरण का आयोजन गोवा में किया गया था। वहां पर छत्तीसगढ़ की टीम ने लंबे समय बाद धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में स्थान बनाया। फाइनल में उसका सामना बंगाल की टीम से हुआ। यहां पर छत्तीसगढ़ की टीम १५-२५, २२-२५, १९-२५ से मात का गई। फाइनल से पहले छत्तीसगढ़ ने सेमीफाइनल में हरियाणा को कड़े मुकाबले में २५-१९, २५-१९, २०-२५, २५-१९ से परास्त किया। क्वार्टर फाइनल मुकाबला छत्तीसगढ़ ने मेजबान गोवा से सीधे सेटों में २५-२०, २५-१७ से जीता। इसके पहले छत्तीसगढ़ ने मप्र को भी सीधे सेटों में २५-१४, २५-१० से मात दी।

छत्तीसगढ़ की जीत पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो. अकरम खान ने बताया कि यह सुखद है कि छत्तीसगढ़ की टीम ८ साल बाद फाइनल में पहुंची है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की टीम स्पर्धा के लिए कोई खास तैयारी नहीं कर पाई थी इसके बाद भी टीम फाइनल में पहुंची। उन्होंने बताया कि पिछले साल कोलकाता में छत्तीसगढ़ की टीम सेमीफाइनल में हार गई थी, लेकिन इस बार टीम ने फाइनल में पहुंचने में सफलता प्राप्त की।
टीम के साथ गए छत्तीसगढ़ दल के प्रबंधक मिंगराज रेड्डी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की वालीबॉल टीम में रेखा पद्म, संध्या पद्म, यामिनी जायसवाल, जमीला बानो, ज्योति ठाकुर, अलका तिवारी, सावंति तांड़ी, मेरियन जोंस थीं। गोवा में वालीबॉल के साथ कबड्डी, खोखो और जिम्नास्टिक का भी आयोजन था, पर इन खेलों में छत्तीसगढ़ के हाथ कोई सफलता नहीं लगी।

उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को सीएम देंगे प्रमाणपत्र

प्रदेश के ७० उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह १६ नवंबर को प्रमाणपत्र देंगे। इसी के साथ इन सभी खिलाडिय़ों के लिए प्रदेश में नौकरी के दरवाजे खुल जाएंगे। इस समारोह में प्रदेश के खेल विभाग ने राज्य के सभी पुरस्कार प्राप्त खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों के साथ खेल संघों के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया है।

प्रदेश के खिलाडिय़ों को करीब दो साल के लंबे इंतजार के बाद दो माह पूर्व उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया गया था। पहले चरण में शासन ने ७० खिलाडिय़ों की सूची जारी की। इन खिलाडिय़ों को तभी से उत्कृष्ट खिलाड़ी के प्रमाणपत्र मिलने का इंतजार था ताकि उनको नौकरी मिले सके। अब जाकर खेल विभाग ने उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र दिलाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि १६ नवंबर को होटल बेबीलोन में ११ बजे आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह होंगे। उनके हाथों ही खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र दिलवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रम में गृहमंत्री ननकी राम कंवर, खेल मंत्री लता उसेंडी भी रहेंगी।
श्री सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में जिन ७० खिलाडिय़ों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किए गया है, उनके साथ ही अब तक राज्य के खेल पुरस्कारों शहीद कौशल यादव, शहीद राजीव पांडे, हनुमान सिंह, शहीद पंकज विक्रम, खेल विभूति से जिनका सम्मान हुआ है उनको भी आमंत्रित किया गया है। समारोह में सभी मान्यता प्राप्त खेल संघों के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही उनको नौकरी मिलने की राह आसन होगी। इस प्रमाणपत्र के बाद राज्य सरकार के कुछ विभागों में खिलाडिय़ों को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाएगी।

साहसिक खेलों का जादू- बच्चे बकाबू

सप्रे स्कूल के मैदान में एक तरफ दो बड़े-बड़े मंचान बने हैं और उस पर एक-एक करके स्कूली बच्चे चढ़ रहे हैं और रस्सी के सहारे नदी को कैसे क्रास किया जाता है, वहीं कर रहे हैं। दूसरी तरफ दीवार की तरह एक बड़ा सा बोर्ड बना है जिसमें कुछ खांचे बने हैं जिनको पकड़ के स्कूली बच्चे ऊपर चढ़ रहे हैं। इन खेलों में स्कूली बच्चों को इतना ज्यादा रोमांच मिल रहा है कि बच्चे लंबी लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इन साहसिक खेलों से दो-चार होने के लिए हर कोई बेकाबू नजर आ रहा है।

साहसिक खेलों का यह आयोजन प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा बाल दिवस के अवसर पर प्रदेश बाल कल्याण परिषद की मांग पर किया गया है। यहां पर बाल महोत्सव के उद्घाटन के बाद से ही सबसे ज्यादा भीड़ खेल विभाग के इसी पंडाल में नजर आई। यहां पर पहले ही दिन शाम तक १०० से ज्यादा बच्चों ने पंजीयन करवाया और रोप वे के साथ वॉल क्याइमिंग का मजा लिया। बच्चों को इतना मजा आ रहा है कि कई बच्चे एक बार नहीं बार-बार इस रोमांच से दो-चार होने के लिए लाइन लगा रहे हैं। यहां पर फ्लाइंग फाक्स, सीलिंगरिंग के साथ जारविंग का भी खेल हो रहा है। जारविंग के खेल में बॉल के अंदर जाकर बाल को चलाने का काम किया जाता है।

ेखेल संचालक जीपी सिंह ने बताया स्कूली बच्चों को खेलों से जोडऩे के लिए यह आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि साहसिक खेलों को इसलिए चुना गया है ताकि स्कूली बच्चों को यह न लगे कि उनको यहां पर खेलने के लिए ही बुलाया गया है। साहसिक खेलों का रोमांच ही सबको अपनी तरफ खींच लाता है। खेल विभाग ने साहसिक खेलों के साथ एक क्वीज का भी आयोजन किया है। इसके लिए हर स्कूल के पांच बच्चों को शामिल होने की इजाजत है। इस क्वीज में जो विजेता बनेंगे उनको तीन से चार दिनों के लिए दिसंबर या फिर जनवरी में भ्रमण पर ले जाया जाएगा। क्वीज के लिए भी बच्चे पंजीयन करवा रहे हैं।

पाइका के लिए रायपुर की टीमें

राज्य पाइका के खेलों के लिए रायपुर जिले की टीमें तय कर दी गई हैं। पहली राज्य स्पर्धा आज से कोरबा में प्रारंभ हो गई है, दूसरी का आयोजन रायगढ़ में १७ से १९ नवंबर तक किया गया है।
यह जानकारी देते हुए जिला खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि कोरबा में तीन खेलों कुश्ती, भारोत्तोलन और एथलेटिक्स के मुकाबले हो रहे हैं। यहां पर भेजी गई टीमों में कुश्ती में गजाधर यादव, भानु ढीमर, सविनेश कुर्रे, कल्याणी, देवकी यादव, चेतना चन्द्राकर, अनिता देवांगन, मधु ध्रुव, मंडावी कश्यप, रानु कर्रे, भारोत्तोलन में ओमप्रकाश, चितेश्वर साहू, मधुसूदन जंघेल, केशव साहू, महेश खेलवार, ललित कुमार साहू, शहबाज अली, जितेश्वर सोनकर, अर्जुन सारंग, लक्ष्मी रानी, संती बाघमार। एथलेटिक्स- यशवंत साहू, आमोश कर्ष, राजेन्द्र, रतन सिंह, गिरीश शंकर, संदीप कुमार, घनेश्वर परिकार, महेश यादव, अल्का यादव, यामिनी कश्यप, दीपिका पुष्पा साहू रमीन, कमलेश्वरी, कमला बाई, महेश्वरी, नीतू, शांति, सुलोचना, सोनी वर्मा को रखा गया है।

रायगढ़ में होने वाली तीरंदाजी में पारेश्वर नेताम, बाल कुमार, तारिणी वर्मा। कबड्डी में सतावन खान, पवन कुमार, खेलन ध्रुव, शंकर, अश्वनी कुमार, मनहरण, यशवंत, नीलकंठ। बालिका टीम नैना, मधु, यामिनी, सोनम दास, पद्मनी, पिंकी, प्रभा, रीतिका, ज्योति साहू। खोखो बालक डॉन बोस्को, जॉन, हरीश, पवन कुमार, सुनील, दीनदयाल निर्मलकर, यशवंत धीवर, लोकेश धीवर, अरविंद कुमार। बालिका टीम तिहारिन, संध्या, पूजा, करूणा, शांति, यमुना, दिव्या, रानू, तेजेश्वरी प्रिती और शीतल को रखा गया है। यह टीम रायपुर से १६ नवंबर को रायगढ़ रवाना होगी।

प्रदेश की साफ्ट टेनिस टीम रवाना

राष्ट्रीय साफ्ट टेनिस में खेलने के लिए छत्तीसगढ़ की टीम यहां से भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई। वहां पर १५ नवंबर से स्पर्धा प्रारंभ होगी।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश साफ्ट टेनिस एसोसिएशन के महासचिव प्रमोद सिंह ठाकुर ने बताया कि राजधानी रायपुर में खेली गई राज्य स्पर्धा के बाद प्रदेश की टीम चुनी गई थी। इस टीम को यहां पर प्रशिक्षण देने के बाद राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने के लिए भेजा गया है। टीम इस प्रकार है- महिला टीम- सुप्रिया पांडे, एश्वर्या, नयन वर्मा, ज्योति सिंग, अंकिता उपवेजा, पायल देवांगन, पिंकी सेंटियागो, नुपूर चन्द्राकर। टीम के मैनेजर राकेश प्रधान और प्रशिक्षक किरण प्रधान हैं।

पुरुष टीम लारेंस सेंटियागो, हेरनी सेंटियागो, रोहित सेंटियागो, अंशुल, आर. पाटिल, हरप्रीत सिंग, दिलीप विश्वकर्मा, भरत पटेल। टीम के मैनेजर बीएस चंदेल और प्रशिक्षक प्रमोद सिंह ठाकुर हैं। टीम को राकेश चतुर्वेदी ने ट्रेक शूट बांटे

शनिवार, 14 नवंबर 2009

शिक्षा विभाग में सहायक संचालक खेल के पद में खेल

शिक्षा विभाग में सहायक संचालक खेल के पद पर प्रभारी के स्थान पर पदोन्नत कर भेजे गए पीडी मिश्रा को १० दिनों बाद भी प्रभार नहीं दिया गया है। प्रभारी एसआर कर्ष अब तक पद पर बने हुए हैं और कार्यविभाजन की बात कर रहे हैं, जबकि विभाग में सहायक संचालक खेल का एक ही पद है।
प्रदेश के शिक्षा विभाग में सहायक संचालक खेल का एक पद है। इस पद पर काफी लंबे समय से प्रभारी एसआर कर्ष काबिज हैं। इस पद के लिए शासन की अनुमति के बाद डीपीसी करके इस पद पर पेड्रा के शासकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य पीडी मिश्रा की नियुक्ति की गई है। इस नियुक्ति का आदेश २६ अक्टूबर को निकाला गया और श्री मिश्रा ने ३ नवंबर को शिक्षा विभाग में जाकर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है, पर उनको अब तक जिस पद के लिए नियुक्त किया गया है उसका प्रभार प्रभारी सहायक संचालक खेल एसआर कर्ष द्वारा नहीं दिया गया है। इस बात को लेकर जहां एक तरफ श्री मिश्रा परेशान हैं, वहीं इस बारे में श्री कर्ष का कहना है कि उनको पद से हटाया नहीं गया है और उनके तबादले का कोई आदेश भी नहीं आया है। श्री कर्ष का कहना है कि श्री मिश्रा को लेकर अभी कार्य विभाजन किया जाना है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि शिक्षा संचालनालय में सहायक संचालक खेल का एक मात्र पद है और इसी पद के लिए श्री मिश्रा की नियुक्ति का स्पष्ट आदेश है। शिक्षा संचालनालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब सहायक संचालक खेल का एक मात्र पद है तो उसमें कार्यविभाजन का सवाल कहां उठता है, नियुिक्त आदेश के बाद श्री मिश्रा को आते ही प्रभार दे देना चाहिए था, लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया है यह वास्तव में आश्चर्यजनक है।

इधर जानकारों का ऐसा कहना है कि प्रभारी सहायक संचालक (खेल)श्री कर्ष इस जुगत में हैं कि उनके पास खेल का प्रभार बने रहे और श्री मिश्रा को कोई दूसरा काम दे दिया जाए। इस बात की भी चर्चा है कि श्री मिश्रा को मौखिक रूप से संस्कृत बोर्ड का काम देखने के लिए कहा गया है।

वापस आने पर ही मामले की जानकारी दे पाऊंगा: अपर संचालक

इस मामले में जब जानकारी लेने के लिए शिक्षा संचालक के आर पिस्दा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो मालूम हुआ कि वे दिल्ली गए हुए हैं। बार-बार मोबाइल पर संपर्क करने के बाद भी उनसे बात नहीं हो सकी। अपर संचालक एलएस मरावी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीडी मिश्रा को विभाग में सहायक संचालक बनाया गया है और उनको पदभार दे दिया गया है। जब उनको बताया गया कि श्री मिश्रा को सहायक संचालक खेल बनाया गया है और उनको अब तक प्रभार नहीं दिया गया है तो उन्होंने कहा कि इस बारे में कार्यालय आने के बाद ही वस्तु स्थिति के बारे में बता पाऊंगा। उन्होंने बताया कि वे पिछले चार दिनों से बाहर है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में तो पद भार देने के लिए नोटशीट बना दी गई है, उसमें संचालक के हस्ताक्षर होने ही शेष थे। अब तक मामला क्यों लटका हुआ है यह कार्यालय आने के बाद ही मालूम होगा।

रायपुर ओवरआल चैंपियन

राज्य शालेय खेलों में जंप रोप में रायपुर जोन ने अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए सभी १२ स्वर्ण पदक उड़ाते हुए उम्मीद के मुताबिक ओवरआल चैंपियनशिप पर कब्जा कर लिया। दूसरे स्थान पर रहने वाले दुर्ग जोन को सात रजत और राजनांदगांव को एक रजत और चार कांस्य पदक मिले।
तिल्दा में खेली गई शालेय खेलों की स्पर्धा में यह बात पहले से तय थी कि वहां पर जंप रोप में रायपुर जोन को ही सबसे ज्यादा पदक मिलेंगे और रायपुर की टीम ओवरआल चैंपियन बनेगी। इस बात की संभावना भी हरिभूमि ने पहले ही जताई थी। स्पर्धा में जो कुल १२ स्वर्ण पदक दांव पर लगे थे, सभी रायपुर जोन के हाथ लगे। मास्टर इवेंट में ३० सेकेंड स्पीड में शिखर क्षत्रीय और सुप्रिया साहू ने स्वर्ण जीता। इसी तरह से डबल अंडर ३० सेंकेड में चंदन आहूजा और श्वेता कुर्रे ने स्वर्ण, ३ मिनट इंडोरेंस में अश्विनी श्रीवास ने स्वर्ण, फ्री स्टाइल में राष्ट्रीय खिलाड़ी राजदीप और पूजा हरगोत्रा ने स्वर्ण पर कब्जा जमाया।

टीम वर्ग के मुकाबलों में ३० सेकेंड स्पीड में रायपुर की रिले टीम यश संप्रीत और मयूर पटेल ने स्वर्ण जीता। डबल अंडर रिले में प्रवीण शरनजीत रिषभ और रघुनाथ की चौकड़ी ने स्वर्ण उड़ाकर सारे स्वर्ण रायपुर के नाम कर दिए। स्पर्धा में किसी भी जोन के खिलाड़ी रायपुर के खिलाडिय़ों के सामने ठहर नहीं सके और किसी के हाथ एक भी स्वर्ण नहीं लगा।

शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

राज्य वालीबॉल कोंडागांव में

राज्य सीनियर वालीबॉल का आयोजन कोंडागांव में १९ नवंबर से किया गया है। इस स्पर्धा में १८ जिलों की टीमें भाग लेंगी। स्पर्धा के बाद चुनी गई टीम राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने जाएगी।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो। अकरम खान ने बताया कि ५८वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन इस बार २८ दिसंबर से ग्वालियर में किया गया है। इस स्पर्धा में शामिल होने वाली प्रदेश की महिला और पुरुष टीमों का चयन करने के लिए राज्य स्पर्धा का आयोजन कोंडागांव में १९ से २२ नवंबर तक किया गया है। इस स्पर्धा में प्रदेश के १८ जिलों के साथ ही मान्यता प्राप्त संस्थाओं की टीमें भी भाग लेंगी। स्पर्धा की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि एक टीम में १२ खिलाडिय़ों के साथ दो कोच, एक मैनेजर मिलाकर १५ को ही भाग लेने की इजाजत है। स्पर्धा लीग कम नाकआउट आधार पर खेली जाएगी। स्पर्धा का उद्घाटन १९ नवंबर को सुबह ९ बजे होगा। सभी टीमों का एक दिन पहले आना होगा। स्पर्धा में रात्रिकालीन मैच भी होंगे।

स्पर्धा के बाद चुनी गई टीम को राष्ट्रीय स्पर्धा में भेजने से पहले उसका प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। इस शिविर का खर्च खेल एवं युवा कल्याण विभाग करता है।

एडवेंचर स्पोट्र्स राजधानी में

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में १४ नवंबर को बाल दिवस के दिन से सप्रे स्कूल में पांच तरह से एडवेंचर स्पोट्र्स के साथ क्वीज का भी आयोजन किया गया है। इन आयोजनों में प्रदेश के १५० से ज्यादा स्कूलों के हजारों विद्यार्थी शामिल होंगे। यह आयोजन बाल कल्याण परिषद की मांग पर उनके एक कार्यक्रम के साथ किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि बाल कल्याण परिषद द्वारा १४ नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन तीन दिनों का है। इस आयोजन में स्कूली बच्चों को खेलों से जोडऩे की मांग पर खेल विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए एडवेंटर स्पोट्र्स को चुना है। उन्होंने बताया कि एडवेंचर स्पोट्र्स को इसलिए चुना गया है ताकि स्कूली बच्चों को यह न लगे कि उनको यहां पर खेलने के लिए ही बुलाया गया है। एडवेंटर स्पोट्र्स का रोमांच ही सबको अपनी तरफ खींच लाता है। उन्होंने बताया कि राज्योत्सव में भी खेल विभाग के स्टाल में एडवेंटर स्पोट्र्स के दो तरह के आयोजन किए गए थे, एक तरफ जहां चार चक्कों वाली मोटर सायकल लाई गई थी जिसको चलाने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे और देर रात तक इसको चलाने के रोमांच से लोग दो चार होते रहे। इसी तरह से नदी को रोप वे के माध्यम से कैसे क्रास किया जाता है, इसका भी आयोजन किया गया था। कई लोग इस आयोजन के रोमांच से भी दो-चार हुए। इस आयोजन में भी देर रात तक लोग जुटे रहते थे। खासकर इस आयोजन को युवाओं ने बहुत ज्यादा पसंद किया।

अब सप्रे स्कूल में बाल कल्याण परिषद के कार्यक्रम के साथ जहां नदी को क्रास करने के रोमांच से स्कूली बच्चों को दो-चार होने का मौका मिलेगा, वहीं फलाइंग फाक्स, सीलिंगरिंग, रोप वाकिंग वाल क्याइमिंग साथ जारविंग का भी खेल रहेगा। इस खेल में बॉल के अंदर जाकर बाल को चलाने का काम किया जाता है।

श्री सिंह ने पूछने पर बताया कि आयोजन में बाल कल्याण परिषद ने करीब १५० स्कूलों के ३० हजार बच्चों के आने की संभावना जताई है। इन बच्चों में से जो जिस समय खाली रहेंगे अपनी रूचि के हिसाब से एडवेंचर स्पोट्र्स का मजा ले सकेंगे। इस आयोजन का मजा रात को भी लिया जा सके इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। इसी के साथ एक क्वीज का भी आयोजन किया गया है। इसके लिए हर स्कूल के पांच बच्चों को शामिल होने की इजाजत रहेगी। इस क्वीज में जो विजेता बनेंगे उनको तीन से चार दिनों के लिए दिसंबर या फिर जनवरी में भ्रमण पर ले जाया जाएगा। यह भ्रमण भौरमदेव की तरफ होगा। यहां पर भी भ्रमण पर जाने वाले बच्चों को एडवेंटर स्पोट्र्स से अवगत करवाया जाएगा।

गुरुवार, 12 नवंबर 2009

अब राज्य पाइका के आयोजन की तैयारी

प्रदेश का खेल एवं युवा कल्याण विभाग अब सभी जिलों में पाइका की स्पर्धाओं के समापन के बाद राज्य स्तर की स्पर्धाओं की तैयारी में जुट गया है। पहले चरण में कोरबा में १३ से १५ नवंबर तक तीन खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इन खेलों की राष्ट्रीय स्पर्धा भी इसी माह होनी है।

प्रदेश का खेल विभाग ग्रामीण खिलाडिय़ों को एक मंच देने के लिए केन्द्र सरकार की पाइका योजना पंजायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान में स्पर्धा आयोजित करने में लगा है। पिछले माह सभी जिलों में जिला स्तर के आयोजन के बाद अब राज्य स्तर की स्पर्धा कराने के लिए तीन चरणों में योजनाएं बनाई गई हैं। पहले चरण में कोरबा में आयोजन होगा। यहां पर १३ से १५ नवंबर तक तीन खेलों एथलेटिक्स, कुश्ती और भारोत्तोलन के मुकाबले होंगे। इस स्पर्धा में सभी १८ जिलों की टीमें शामिल होंगी। इस स्पर्धा के बाद ही प्रदेश की टीमें बनेगी जो चेन्नई में २१ से २४ नवंबर तक होने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण चैंपियनशिप में भाग लेंगी।

कोरबा के आयोजन के बाद रायगढ़ में अगले माह ८ से १० दिसंबर तक तीन खेलों तीरंदाजी, खो-खो और कबड्डी का आयोजन होगा। इस आयोजन की तिथि में बदलाव भी हो सकता है, ऐसा खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है। उन्होंने तीसरे चरण के बारे में बताया कि इस चरण में वालीबॉल, सायक्लिंग और हॉकी के मुकाबले होंगे। ये मुकाबले १४ से १६ दिसंबर को कांकेर में होंगे। इन खेलों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप की तिथि अभी तय नहीं हुई है। इन खेलों की राष्ट्रीय स्पर्धा दिसंबर या फिर जनवरी में होगी।

रायपुर-दुर्ग फाइनल में

राज्य स्कूली लॉन टेनिस में मेजबान रायपुर अंडर १४ साल के साथ अंडर १९ साल के भी बालक वर्ग के फाइनल में स्थान बना लिया है। दुर्ग का बालिका टीम अंडर १९ साल के फाइनल में पहुंच गई है। अंडर १७ में अभी फाइनल में पहुंचने वाली टीम का फैसली नहीं हो सका है।
यूनियन क्लब के मैदान में आज से प्रारंभ हुए मुकाबलों में अंडर १४ साल बालक वर्ग में रायपुर के शुभम शुक्ला ने सरगुजा के आशीष को ६-२, और सार्थक ने हरीश को ६-० से मात दी। दुर्ग के हिमांशु को सरगुजा के आशीष ने ६-० और सरगुजा के हर्ष ने दुर्ग के आकाश पाटिल को ५-३ से मात देकर सरगुजा को २-० से जीत दिलाई।

अंडर १७ साल में दुर्ग के शूमाकर ने राजनांदगांव के अक्षय को ५-०, दूसरे एकल में विजय ने पंकज को ५-० से परास्त कर दुर्ग को २-० से जीत दिलाई। सरगुजा के दीपक ने रायपुर के तेजस्व को ५-२ और सतीश ने रायपुर के तन्मय को ५-४ से परास्त कर सरगुजा को २-० से जीत दिलाई।
अंडर १९ साल वर्ग में दुर्ग के मयूर ने रायपुर के प्रतीक को ६-४, रायपुर के अंशुल ने दुर्ग के सिद्धार्थ को ६-४ से मात देकर मुकाबला १-१ की बराबरी पर ला दिया। ऐसे में युगल मैच हुआ। इसमें अंशुल और पफ्रतीक की जोड़ी ने दुर्ग के मयूर और उसके साथी को ५-१ से परास्त कर रायपुर को २-१ से जीत दिलाकर फाइनल में स्थान दिला दिया। सरगुजा के विवेक ने रायपुर के प्रतीक को ५-१ और रायपुर के अंशल ने सरगुजा के रिषभ को ६-० से हराया।

अंडर १९ साल के बालिका वर्ग में दुर्ग की मृदला ने रायपुर की ज्योति को ६-० और दुर्ग की शारगदा ने रायपुर की सानिया को ६-० से मात देकर दुर्ग को २-० से जीत दिलाई। मैचों के निर्णायक यळवंत राव, संजय शुक्ला, संजय भंसाली थे।

स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए संजय शुक्ला ने बताया कि स्पर्धा में रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जोन की टीमें पूरी आई हैं। हर वर्ग में ५५ खिलाड़ी आते हैं। ऐसे में इन तीनों जोन से अंडर १४, १७ और अंडर १९ के तीस-तीस खिलाड़ी आएं हैं। सरगुजा जोन ने केवल बालकों की टीमें आईं हैं। बिलासपुपर से दो बालक और एक अंडर १९ साल की बालिका खिलाड़ी आई हैं। इन खिलाडिय़ों के मैचों के बाद चयन ट्रायल में शामिल किया जाएगा। स्पर्धा में फाइनल मुकाबले कल होंगे। इन मुकाबलों के बाद चुनी गई टीम के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने के लिए जाएंगे। राष्ट्रीय स्पर्धा की तिथि अभी तय नहीं है।

मेजबान रायपुर पहले मैच में बिलासपुर से जीता

अंतर क्षेत्रीय विद्युत फुटबॉल में मेजबान रायपुर जहां पहले मैच में बिलासपुर से जीता, वहीं दूसरे मैच में कोरबा से ०-१ से मात खा गया। इस विद्युत मंडल की स्पर्धा का उद्घाटन मंगलवार को डंगनिया के मैदान में पॉवर कंपनी के प्रबंधक निदेशक जीएस देशपांडे ने किया।

अंतर क्षेत्रीय फुटबॉल के पहले मैच में रायपुर का सामना बिलासपुर से हुआ। इस रोमांचक मुकाबले में रायपुर को २-१ से जीत मिली। रायपुर को दूसरे मैच में कोरबा से मात खानी पड़ी। एक अन्य मैच में जगदलपुर ने राजनांदगांंव को १-० से हराया।

इसके पहले स्पर्धा का उद्घाटन पॉवर कंपनी के प्रबंधक निदेशक जीएस देशपांडे ने किया। इस मौके पर एसएन चौहान, एमबी मेढेकर, एनके चुघ, केके शर्मा, असफाक अली उपस्थित थे।

बुधवार, 11 नवंबर 2009

टीम में रायपुर की सात खिलाड़ी

राष्ट्रीय जूनियर महिला फुटबॉल के लिए प्रदेश की संभावित टीम में रायपुर की सात खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इस टीम का प्रशिक्षण शिविर कोरबा में १० नवंबर से प्रारंभ होगा। प्रशिक्षण के बाद प्रदेश की टीम भुवनेश्वर के लिए रवाना होगी, जहां पर २४ नवंबर से राष्ट्रीय स्पर्धा खेली जाएगी।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश फुटबॉल संघ के जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि राज्य महिला फुटबॉल चैंपियनशिप के बाद प्रदेश की संभावित टीम के लिए २५ खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इस टीम में रायपुर की सात खिलाडिय़ों मनीषा साहू, शालिनी यादव, सुमन चुरा, सरिता यादव, देवयंती निषाद, आकांक्षा सोनी, नेहा निषाद का चयन किया गया है। इसके अलावा दुर्ग की प्रतिभा तिवारी, मीनाक्षी नेताम, एस. नागवंशी, प्रीति बाला साहू, रूपाली थोरात,जशपुर की रूबीना प्रेमा, तनुजा कुजूर, सोनम कुजूर, संगीता कुजूर, सोनम केरकेट्टा, कांकेर की मंजु तिर्की, उमा मरकाम, बिमवेश कोर्राम, कोरबा की तील बाई, अंशु लता और जांजगीर की गुरप्रीत कौर को टीम में रखा गया है।

पुरस्कार मिले-चेहरे खिले

एक-एक करके खिलाड़ी मंच पर आते गए और पुरस्कार लेते रहे। हर खिलाड़ी के चेहरे में पुरस्कार मिलने की खुशी थी। ये नजारा रविवार की रात का वीआईपी का है, जहां पर हरिभूमि के प्रबंध संपादक हिमाशु द्विवेदी ने विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार बांटे। खिलाडिय़ों को भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी सम्मानित किया।

वीआईपी क्लब में पहली बार एक साथ कई खेलों का आयोजन किया गया। तीन दिनों तक चली स्पर्धाओं के बाद आज फाइनल मुकाबले हुए और इन मुकाबलों के बाद रात को पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम हुआ। इसके अतिथि हरिभूमि के प्रबंध संपादक हिमाशु द्विवेदी के साथ भारतीय जनता युवा मार्चा के संजय श्रीवास्तव थे। सबसे पहले खिलाडिय़ों को श्री द्विवेदी ने पुरस्कार बांटे। इसके बाद कई खिलाडिय़ों को श्री श्रीवास्तव ने भी पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

शतंरज में मनोज कटोरे विजेता, ठाकुर आनंद मोहन उपविजेता, कैरम में मनीष जैन विजेता, सुशील सर्राफ उपविजेता, टेबल टेनिस जूनियर में पुष्पक विजेता, मृत्यंजय उपविजेता, सीनियर वर्ग में मनीष जैन विजेता, गौतम मानिक उपविजेता, लॉन टेनिस जूनियर में शुभम शुक्ला विजेता, पार्थ दीक्षित उपविजेता, सीनियर वर्ग में जसविंदर सिंह विजेता और सुशील बालानी उपविजेता, युगल में जसविंदर और गौतम मानिक की जोड़ी ने अघीर भगवानानी और निश्चय खरे की जोड़ी को मात दी। पूल गेम में प्रकाश जैन विजेता, संदीप जाधवानी उपविजेता। स्नूकर में संदीप जाधवानी विजेता और मिकेत चटवानी उपविजेता। स्क्वैश में संजय मंधानी विजेता योगेश कोटवानी उपविजेता। बैडमिंटन जूनियर के एकल में प्रखर दीक्षित ने पुष्पक को सीधे सेटों में २१-९, २१-११ से हराया। युगल में सुजीत निरंकारी और ईश्वर सिंह भाटिया की जोड़ी ने पलाश श्रीवास्तव और प्रखर दीक्षित की जोड़ी को मात दी। सीनियर वर्ग में जयेश असपालिया ने दिलीप मंधानी को हराया। ओपन सीनियर वर्ग का खिताब भी जयेश के हाथ लगा। यहां उन्होंने प्रखर दीक्षित को कड़े मुकाबले में २१-१८, २१-१४ से मात दी। युगल में सुरेश सुखीजा और जयेश असपालिया की जोड़ी ने सुशील सर्राफ और विनय जाजोरिया की जोड़ी को हराया। ओपन युगल में सुरेश सुखीजा और जयेश ने सुशील सर्राफ और सुर्दशन जैन को मात दी। सीनियर वर्ग में सुरेश और जयेश की जोड़ी ने राजू अग्रवाल और संदीप को मात दी।

कार्यक्रम के प्रारंभ में हिमाशु द्विवेदी का जयेश असपालिया, विजय नत्थानी और राजेश पांडे ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। संजय श्रीवास्तव का रामअवतार जैन ने स्वागत किया। इस अवसर पर क्लब के राकेश पांडे सहित सभी सदस्य उपस्थित थे।

मंगलवार, 10 नवंबर 2009

ट्रिपल जंप करो और थ्री पाइंट के मास्टर बनो

बास्केटबॉल के खेल में थ्री पाइंट शूट का अपना महत्व है। तीन अंकों का बास्केट करना हर किसी के बस की बात नहीं है। तीन अंकों का बास्केट करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है। ऐसे में जंप रोप के खिलाडिय़ों ने बास्केटबॉल के खिलाडिय़ों को बताया कि कैसे वे जंप रोप के ट्रिपल जंप का फायदा उठाकर थ्री पाइंट शूट करने में मास्टर बन सकते हैं।

जंप रोप यानी रस्सी कूद एक ऐसा खेल है जिसे हर खेल की नींव कहा जाए तो गलत नहीं होगा। हर खेल का खिलाड़ी फिट रहने के लिए जंप रोप का सहारा लेता है। इस जंप रोप के कई पैतरे ऐसे हैं जिससे अलग-अलग खेलों को अलग-अलग फायदा हो सकता है। ऐसे में राजधानी रायपुर के बालाजी स्कूल में बास्केटबॉल के खिलाडिय़ों को यह बताया गया कि वे कैसे जंप रोप के ट्रिपल जंप की मदद से तीन अंकों के बास्केट करने में महारथ हासिल कर सकते हैं। स्कूल में स्कूल के खेल शिक्षक उमेश सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में ६० खिलाडिय़ों को बास्केटबॉल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में कुछ नया करने के लिहाज से उमेश ठाकुर ने जंप रोप के कोच अखिलेश दुबे से संपर्क किया तो उन्होंने जंप रोप के माध्यम से खिलाडिय़ों को निखारने की सलाह दी। इसके बाद प्रारंभ हुआ वहां पर एक नए तरह का प्रशिक्षण। इस प्रशिक्षण के बारे में अखिलेश दुबे बताते हैं कि स्कूल में राष्ट्रीय खिलाड़ी राजदीप सिंग बास्केटबॉल के खिलाडिय़ों को ट्रिपल जंप की खासियत बताते हुए बता रहे हैं कि कैसे खिलाड़ी इस जंप को करने के कारण बास्केटबॉल में तीन अंकों के बास्केट कर सकते हैं। इसी के साथ खिलाडिय़ों को जंप रोप के माध्यम अपने खेल को निखारने के भी गुर बताए जा रहे हैं।

जंप रोप में रायपुर ओवरआल चैंपियन बनेगा

राज्य शालेय खेलों में पहली बार शामिल जंप रोप में रायपुर की टीम के ओवरआल चैंपियन बनने की पूरी संभावना है। रायपुर जोन की टीम में ज्यादातर खिलाड़ी ऐसे हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतते रहे हैं। इन खिलाडिय़ों के दम पर रायपुर के खाते में ही सबसे ज्यादा पदक आने की संभावना जताई जा रही है।

राज्य शालेय खेलों का आगाज १० नवंबर से तिल्दा में हो रहा है। यहां होने वाले ८ खेलों में एक नया खेल जंप रोप भी शामिल है। इस खेल को राज्य शालेय खेलों में शामिल करवाने के लिए प्रदेश जंप रोप संघ ने काफी मेहनत की तब जाकर इस खेल को शामिल किया गया। संघ ने इस खेल को राज्य शालेय खेलों में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह के साथ शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से भी मांग की थी। इनको बताया गया था कि राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल में छत्तीसगढ़ के पास ५० से ज्यादा पदक हैं। इनकी पहल पर ही शिक्षा विभाग ने पहली बार राज्य शालेय खेलों में इस खेल को शामिल किया है। अब जबकि इस खेल की पहली चैंपियनशिप हो रही है तो इस चैंपियनशिप में रायपुर जोन को ही सबसे ज्यादा पदक मिलने के साथ ओवरआल चैंपियनशिप मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस खेल से जुड़े एमजीएम स्कूल के खेल शिक्षक अखिलेश दुबे बताते हैं कि रायपुर जोन की टीम में कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले हैं। उन्होंने पूछने पर बताया कि अंडर १९ टीम में १४ खिलाड़ी रायपुर के ही हैं। इसी के साथ अंडर १७ और अंडर १४ की टीमों में रायपुर के साथ बलौदाबाजार और आरंग के भी खिलाड़ी हैं। रायपुर जोन की टीम में एमजीएम के साथ सेंट जेवियर, सेंट थामस, सेंट जोसेफ, बालाजी विद्या मंदिर और रेयान स्कूल के खिलाड़ी हैं।

राज्य चैंपियनशिप में रायपुर जोन के साथ सरगुजा, बस्तर, दुर्ग और राजनांदगांव जोन की टीमों के आने की संभावना है। इन सभी जोनों में रायपुर जोन की टीम ही सबसे तगड़ी है। राज्य स्पर्धा के बाद राष्ट्रीय स्पर्धा में छत्तीसगढ़ की टीम पदकों की बारिश करेगी इसकी भी संभावना है।

सोमवार, 9 नवंबर 2009

प्रदेश की प्रेरणा-ज्योति गईं चयन ट्रायल में

भारत की महिला फुटबॉल टीम के चयन के लिए कटक में आयोजित चयन ट्रायल में छत्तीसगढ़ की दो खिलाडिय़ों राजधानी रायपुर की प्रेरणा मिश्रा के साथ दुर्ग की ज्योति पटेल को भेजा गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश फुटबॉल के जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि कटक में १० से १२ नवंबर तक भारतीय टीम के २५ संभावित खिलाडिय़ों का चयन करने चयन ट्रायल का आयोजन किया गया है। इस ट्रायल के लिए भारतीय फुटबॉल संघ के हर राज्य की दो सर्वŸोष्ठ खिलाडिय़ों को बुलाया गया है। ऐसे में प्रदेश की दो सबसे बेहतरीन खिलाडिय़ों रायपुर की प्रे्ररणा मिश्रा और दुर्ग की ज्योति पटेल को भेजा गया है।

श्री प्रधान ने बताया कि वहां पर तीन दिनों के चयन ट्रायल के बाद चुनी गई संभिावित टीम का प्रशिक्षण शिविर गोवा में२० नवंबर से लगेगा। इस शिविर के बाद चुनी जाने वाली १६ खिलाडिय़ों की भारतीय टीम विदेश यात्रा पर जाएगी। अभी भारतीय टीम कहां जाएगी इसका फैसला नहीं किया गया है।

राज्य शालेय खेल अब तिल्दा में कल से

राज्य भर के सात जोनों के खिलाड़ी तिल्दा में १० नवंबर से जुटेंगे। वे यहां पर ८ खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाकर प्रदेश की टीमों में स्थान बनाने का प्रयास करेंगे। जिन खेलों के मुकाबले होंगे उनमें नए खेल रोप स्कीपिंग के साथ पहली बार राज्य खेलों में शामिल किए गए जंप रोप के मुकाबले भी होंगे। वहां पर लॉन टेनिस के लिए मैदान न होने की वजह से इस खेल के मुकाबले राजधानी रायपुर के यूनियन क्लब में होंगे।

राज्य शालेय खेलों का आयोजन पहले राजधानी रायपुर में होना था, पर यहां पर इस आयोजन के लिए खिलाडिय़ों को ठहराने की व्यवस्था न होने के कारण इस आयोजन को तिल्दा में करवाने का फैसला किया गया। वहां पर ८ खेलोंं कैरम बालक बालिका अंडर १७ एवं १९ साल, टेनीक्वाइट अंडर १९ साल, साफ्टबॉल अंडर १४ साल, कुश्ती बालक वर्ग मेंअंडर १४, १७ एवं १९ के साथ बालिका वर्ग में अंडर १९ साल, रोप स्कीपिंग अंडर १९ साल। इस खेल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी छत्तीसगढ़ में होनी है। फिलहाल इस नए खेल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप को जनवरी में राजनांदगांव में करवाने की योजना है लेकिन इसको राजधानी में करवाने की भी बात की जा रही है। टेनिस बॉल क्रिकेट में अंडर १९ साल और जंप रोप में अंडर १९ साल के बालक-बालिका खिलाड़ी यहां आएंगे और अपनी प्रतिभा दिखाने का काम करेंगे।
इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सात जोनों के खिलाड़ी आएंगे। शिक्षा विभाग को सात जोनों में बांटकर ही राज्य स्तर के मुकाबले करवाए जाते हैं।तिल्दा में १० नवंबर से १४ नवंबर तक मुकाबले होंगे। १० नवंबर से ही राजधानी में लॉन टेनिस अंडर १४ एवं १७ साल के मुकाबले यूनियन क्लब में खेले जाएंगे।

रविवार, 8 नवंबर 2009

छत्तीसगढ़ में अकादमी बनने से ही निखरेंगे खिलाड़ी


छत्तीसगढ़ की सरजमी पर अपने खेल जीवन की शुरुआत करने वाली अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी सौम्या पाध्ये का मानना है कि छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों को निखारने के लिए यहां पर एक बैडमिंटन अकादमी का होना जरूरी है।
प्रकाश पादुकोण की बैडमिंटन अकादमी में पिछले पांच साल से प्रशिक्षण लेने वाली इस खिलाड़ी ने यहां पर हरिभूमि से बात करते हुए कहा कि उनके खेल जीवन की शुरुआत रायपुर से हुई है। यहां पर उनके नाना एलवी ओंगरे रहते हैं। वह उनसे मिलने ही यहां आई हैं। इसी के साथ उनको यहां आने के लिए उनके प्रारंभिक कोच रामअवतार जैन ने आग्रह किया था। श्री जैन चाहते हैं कि सौम्या का खेल यहां के खिलाड़ी देखें और महसूस करें कि वे कहां पर हैं।


सौम्या ने पूछने पर बताया कि उन्होंने रायपुर के खिलाडिय़ों का खेल देखा है, इसी के साथ छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों के बारे में भी जानती हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी खेल में खिलाडिय़ों का खेल निखारने के लिए अकादमी का बहुत ज्यादा महत्व होता है। उन्होंने बताया कि आज उनको अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिल रहा है तो यह सिर्फ इसलिए संभव हुआ है क्योंकि वह भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की हैदराबाद की अकादमी में पिछले पांच साल से प्रशिक्षण ले रही हैं। पूछने पर सौम्या बताती हैं कि उनके परिवार में उनकी मम्मी प्रिया पाध्ये जहां ८० के दशक में बास्केटबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी थीं, वहीं पापा संजय पाध्ये इंडियन आइल में कंपनी की बैडमिंटन स्पर्धाओं में खेलते हैं।


डच और जर्मन ओपन में खेल चुकी यह खिलाड़ी पूछने पर कहती हैं कि उनकी नजरें इस समय भारत में अगले साल होने वाले कामनवेल्थ खेलों पर हैं। उन्होंने बताया कि वह एकल की बजाए युगल और मिश्रित युगल को ज्यादा महत्व देती हैं और इसी में उनको भारत की टीम में स्थान मिलने की उम्मीद है। उनको एक बार साइना नेहवाल के खिलाफ एकल मैच में खेलने का मौका मिला है। सौम्या का मानना है कि साइना को ओलंपिक में सफलता मिलने के बाद बैडमिंटन के प्रति भारत में रूचि बढ़ी हैं।
एक सवाल के जवाब में वह कहती हैं कि उनको ऐसा लगा कि वह एकल की बजाए युगल में ज्यादा अच्छा कर सकती हैं इसलिए युगल पर ध्यान दिया। इस समय उनकी भारत में युगल में जहां १२वीं वरीयता है, वहीं मिश्रित युगल में वह चौथे नंबर पर है। इसी के साथ एकल में उनका स्थान १६वां हैं। पूछने पर सौम्या कहती हैं कि उनको अब तक कोई युगल में स्थाई साथ खिलाड़ी नहीं मिल पाई है।

शनिवार, 7 नवंबर 2009

गांव से लेकर शहर तक हर खिलाड़ी को मिलेगी सुविघा


प्रदेश की खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार खेल और खिलाडिय़ों के विकास के लिए नई-नई योजनाएँ बनाने का काम कर रही है। राज्य के गांवों से लेकर शहर तक हर खिलाड़ी को सुविधा देना हमारा पहला मकसद है।


खेल मंत्री ने ये बातें यहां पर डिग्री गल्र्स कॉलेज में राज्य महिला अंतर सेक्टर विश्व विद्यालयीन हैंडबॉल चैंपियनशिप के उदघाटन अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए असीम संभावनाएं हैं। यहां के खिलाडिय़ों में बहुत दम है और हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ ९ साल का एक छोटा सा बच्चा ही है पर इतने कम समय में ही राज्य के खिलाडिय़ों ने प्रदेश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार खिलाडिय़ों को हर सुविधा देने के प्रयास में है। ग्रामीण खिलाडिय़ों के लिए पाइका योजना पर काम हो रहा है। हमारे खेल विभाग ने प्रतिभा खोज योजना बनाई है। इस योजना में गांवों के साथ शहरों के खिलाडिय़ों को तरासने का काम किया जाएगा।


उद्घाटन के बाद हुए मैचों में कांकेर ने महासमुन्द को ११-७, जांजगीर ने राजनांदगांव को ५-३, बिलासपुर ने रायगढ़ को ५-० से मात दी। स्पर्धा में फाइनल मैच शनिवार को सुबह खेला जाएगा। इसके बाद पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा।

राजू-सुमन की नजरें कामनवेल्थ खेलों पर

भारत में २०१० में होने वाले कामनवेल्थ खेलों के लिए छत्तीसगढ़ के दो मुक्केबाज आर। राजु और डी. सुमन भारतीय टीम में आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। राजु को तो भारत की संभावित टीम में स्थान मिल गया है और वे पटियाला में लगने वाले प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने जाएंगे। इसी के साथ सुमन राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण जीत चुके हैं।

छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत राजु-सुमन ने गुरुवार को बात करते हुए बताया कि वे अब कामनवेल्थ खेलों में भारतीय टीम में स्थान पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। राजु ने कहा कि वे हाल ही में हैदराबाद में खेली गई ३१वीं सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे और इसी के साथ उनका चयन भारत की संभावित टीम में हो गया है। उन्होंने पूछने पर बताया कि भारतीय टीम का प्रशिक्षण शिविर अगले माह पटियाला में लगने वाला है। यहां के शिविर के बाद भारतीय टीम विदेश में खेलने जाएगी। अभी यह तय नहीं है कि भारतीय टीम कहां खेलने जाएगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि उनको सीनियर चैंपियनशिप में हरियाणा के मुक्केबाज प्रमोद कुमार से हार का सामना करना पड़ा। बाद में यही मुक्केबाज चैंपियन बना।

प्रदेश के गुंडाधूर पुरस्कार ने २००७ में सम्मानित इस खिलाड़ी ने बताया कि उनको राष्ट्रीय खेलों में भी खेलने की पात्रता मिल गई है। अब राष्ट्रीय खेलों में पदक मिलने पर कामनवेल्थ दल में शामिल होने का मौका मिल जाएगा।

इधर उड़ीसा में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ६१ किलो वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले डी. सुमन कहते हैं कि उनकी नजरें अब केरल में होने वाले राष्ट्रीय खेलों पर हैं। इन खेलों में वे पदक जीतकर कामनवेल्थ के दल में शामिल होने की तैयारी में जुटे हैं। इन दोनों मुक्केबाजों बताया कि वे भिलाई में ओलंपियन राजेन्द्र प्रसाद से मुक्केबाजी के गुर सीखते हैं। पुलिस विभाग में कार्यरत ये मुक्केबाज बताते हैं कि उनको यहां तक पहुंचने में डीजी विश्व रंजन के साथ दुर्ग के एसपी दीपांश काबरा का विशेष सहयोग मिला है।

शुक्रवार, 6 नवंबर 2009

छत्तीसगढ़ की मेजबानी को खिलाडिय़ों ने कोसा

पहली बार किसी राष्ट्रीय स्पर्धा में छत्तीसगढ़ की मेजबानी के खिलाड़ी कायल होकर नहीं लौटे और मेजबानी को लेकर खिलाडिय़ों में नाराजगी रही। खिलाडिय़ों को आयोजकों द्वारा की गई व्यवस्था रास नहीं आई, भले आयोजक सबसे अच्छी व्यवस्था करने का राग अलापते रहे। खिलाडिय़ों को खाने को लेकर जहां शिकायत रही, वहीं मैदान से बहुत ज्यादा दूर ठहराए जाने को लेकर भी खिलाड़ी खफा रहे। खिलाडिय़ों की नाराजगी उस समय चरम पर पहुंच गई। जब उनको अंतिम दिन कम रौशनी में भी तीर चलाने के लिए मजबूर किया गया।

राष्ट्रीय तीरंदाजी का आयोजन स्पोट्र्स काम्पलेक्स रायपुर में प्रदेश तीरंदाजी संघ द्वारा किया गया था। इस आयोजन में देश भर के तीरंदाज जुटे। छत्तीसगढ़ की मेजबानी को लेकर देश भर से आए तीरंदाजों को यह जानकारी थी कि यहां की मेजबानी जैसी मेजबानी पूरे देश में नहीं होती है। ऐसा इसलिए कि जितने भी राज्यों के तीरंदाज यहां आए थे, वे अन्य खेलों के खिलाडिय़ों से छत्तीसगढ़ की मेजबानी की तारीफ सुन चुके थे। ऐसे में उनको यह तो गुमान ही नहीं था कि जिस राज्य की मेजबानी की तारीफ करते पूरे देश के खिलाड़ी नहीं थकते हैं, उस राज्य में तीरंदाजी की मेजबानी ठीक नहीं होगी। खिलाडिय़ों को पहले दिन से ही परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे पहले तो खाने को लेकर खिलाडिय़ों को शिकायत रही कि खाना ठीक नहीं मिल रहा है। खाने की वजह से ही महाराष्ट्र के दो खिलाड़ी बीमार पड़ गए थे। खाने को लेकर आयोजक लगातार कहते रहे कि सबसे अच्छा खाना खिलाया जा रहा है। लेकिन हकीकत इससे परे थी कि कई खिलाडिय़ों को खाली पेट तीर चलाने पड़े। इन खिलाडिय़ों ने आयोजकों से शिकायत भी की पर कोई सुनने वाला नहीं था।

खाने के बाद खिलाडिय़ों को इस बात को लेकर भी परेशानी थी कि उनके रहने का इंतजाम मैदान से बहुत दूर किया गया था। इस बारे में जहां आयोजकों का कहना है कि पहले स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में ही खिलाडिय़ों को ठहरा जा रहा था, पर व्यवस्था ठीक न होने के कारण उनको दूर ठहराया गया। खेलों से जुड़े लोग कहते हैं कि शहर के बीच में ही खिलाडिय़ों को ठहराने के लिए कई स्थान होने के बाद भी खिलाडिय़ों को इतने दूर ठहराने का औचित्य समझ नहीं आया।

बाहर के आए खिलाडिय़ों की नाराजगी का एक कारण यह भी रहा कि उनको यह बताने वाला कोई नहीं था कि वे किस पोजीशन में चल रहे हैं। पहले दिन के मुकाबलों के परिणाम दूसरे दिन देर शाम घोषित किए गए। खिलाड़ी क्या मीडिया वालों को भी परिणामों के लिए भटकना पड़ा। स्पर्धा के अंतिम दिन उस समय सारी हदें पार हो गईं जब खिलाडिय़ों को कम रौशनी में भी तीर चलाने मजबूर किया गया। खिलाडिय़ों में इस बात को लेकर भारी रोष रहा। कई राज्यों के खिलाडिय़ों ने पूछने पर कहा कि हमारी मजबूरी यह है कि हम लोग अगर कुछ शिकायत करते हैं तो हमें राष्ट्रीय स्पर्धाओं से जहां वंचित कर दिया जाएगा, वहीं भारतीय टीम में स्थान देने के रास्ते बंद कर दिए जाएंगे। कई राज्यों के खिलाडिय़ों ने नाम न छापने की शर्त पर ही ऐसी बातें बताईं कि छत्तीसगढ़ की मेजबानी सबसे खराब रही है और इतनी खराब व्यवस्था पहले किसी और आयोजन में हम लोगों ने नहीं देखी है।

यहां पर यह बताना लीजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद यहां पर जितने भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजन हुए हैं सभी की देश-विदेश से आए खिलाड़ी तारीफ करते ही लौटे हैं, पहली बार ऐसा हुआ कि किसी राष्ट्रीय स्पर्धा की मेजबानी में छत्तीसगढ़ को खिलाड़ी कौसते हुए लौटे हैं।

विप्र ट्रॉफी पर दुर्गा कॉलेज का कब्जा

अंतर कॉलेज क्रिकेट के खिताबी मुकाबले में दुर्गा कॉलेज ने विवेकानंद कॉलेज को आसानी से ८ विकेट से परास्त कर विप्र ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया।

विप्र कॉलेज की मेजबानी में खेली गई स्पर्धा का फाइनल मैच दुर्गा कॉलेज और विवेकानंद कॉलेज के बीच खेला गया। इस मैच में पहले खेलते हुए विवेकानंद की टीम ने १०९ रन ही बनाए। विवेकानंद के एक मात्र बल्लेबाज जितेन्द्र रहे जिन्होंने दुर्गा कॉलेज के गेंदबाजों का जमकर सामना किया और ३९ गेंदों पर ४ चौकों की मदद से ३१ रन बनाए। दुर्गा कॉलेज के षभ ने २० रन देकर तीन विकेट और अतुल ने १२ रन देकर दो विकेट लिए।

जीत के ११० रनों की चुनौती को दुर्गा कॉलेज ने आसानी से दो विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। पंकज नायडु ने आतिशी बल्लेबाजी करते हुए ३ चौकों और पांच छक्कों की मदद से ५३ रन बनाए। पंकज हलधर ने भी अतिशी हाथ दिखाते हुए ४ चौकों की मदद से ४० गेंदों पर ३३ रन बनाए। चैंपियनशिप में पंकज नायडु मैन ऑफ द सीरीज रहे। उन्होंने जहां ३३८ रन बनाए, वहीं ८ विकेट भी चटकाए।

फाइनल मैच के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि भपेन्द्र शर्मा ने विजेता टीम के साथ खिलाडिय़ों को पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर विप्र कॉलेज के प्राचार्य मेघेश तिवारी, पूर्व क्रिकेटर राजय सिंह परिहार भी उपस्थित थे।

बुधवार, 4 नवंबर 2009

दुर्गा, छत्तीसगढ़, धमतरी, विवेकानंद सेफा में

अंतर कॉलेज क्रिकेट में आज खेले गए क्वार्टर फाइनल मैचों में दुर्गा कॉलेज, छत्तीसगढ़ कॉलेज , धमतरी कॉलेज के साथ विवेकानंद कॉलेज ने अपने -अपने मैच जीतकर सेमीफाइनल में स्थान बना लिया।
विप्र कॉलेज की मेजबानी में चल रही इस स्पर्धा के पहले क्वार्टर फाइनल मैच में विवेकानंद कॉलेज ने पहले खेलते हुए ८ विकेट पर १४५ रन बनाए। नितीन ने ४६ गेंदों पर ७३ रन बनाए। इसके जवाब में महंत लक्ष्मी नारायण की टीम महज ९८ रनों पर आउट हो गई। तरूण ने जहां २७ रन बनाए, वहीं जीतू सिंह और अनुराग ने २-२ विकेट लिए।

दूसरे मैच में छत्तीसगढ कॉलेज ने पहले खेलते हुए ७ विकेट पर १५८ रन बनाए। इसमें संदीप ने २५ गेंदों पर आतिशी ४२ रन बनाए। इसके जवाब में महाराजा अग्रसेन की टीम ६ विकेट पर १५३ रन बना सकी और महज पांच रनों से मात खा गई। सौमित्र ने ९ चौकों और दो छककों की मदद से ८३ रनों की पारी खेली, पर उनकी पारी भी टीम को जीत नहीं दिला सकी।

तीसरे मैच में साइंस कॉलेज ने पहले खेलते हुए १०० रन बी बनाए। इस चुनौती का धमतरी की टीम ने आसानी से ५ विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। विजेता टीम के लिए राहुल ने सबसे ज्यादा ३२ रन बनाए।
चौथे और अंतिम क्वार्टर फाइनल मैच में दुर्गा कॉलेज ने पंकज नायडु के ८२ रनों के साथ गौरव के ५३ रनों की मदद से १८४ रन बनाए। इस चुनौती के सामने यूटीडी की टीम १०७ रनों पर ही आउट हो गई। अब बुधवार को सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ का सामना विवेकानंद से और दुर्गा कॉलेज का धमतरी कॉलेज से होगा।

मंगलवार, 3 नवंबर 2009

ओलंपिक राउंड में होगा चैंपियन का फैसला


राष्ट्रीय तीरंदाजी के पहले दिन इंडियन राउंड के मुकाबले हुए। इन मुकाबलों में देश भर के १७१ प्रतियोगी मैदान में हैं। इसी के साथ २२ टीमों के बीच देश की चैंपियन टीम बनने की होड़ है। इस वर्ग में चैंपियनशिप का फैसला ३ नवंबर को होने वाले ओलंपिक राउंड के बाद होगा। स्पर्धा का राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने तीर चलाकर उद्घाटन किया।


स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के मैदान में एक लाइन से देश भर के तीरंदाज खड़े हैं और लक्ष्य पर निशाने लगाने का काम कर रहे हैं। एक राउंड में तीन तीर चलाने के बाद ये तीरंदाज टारगेट में जाते हैं और अंक लिखने का काम करते हैं। कुल १२ राउंड में सभी को तीन-तीन तीर चलाने हैं। सभी खिलाडिय़ों को एक वर्ग में ३६ तीर चलाने का मौैका मिल रहा है और हर तीर १० अंक के निशाने पर लग सकता है। कुल ३६० अंकों में से जिनके अंक ज्यादा होंगे, उनको अंत में ओलंपिक राऊंड में खेलने का मौका मिलेगा। इस राऊंड के लिए १६ तीरंदाजों का चयन किया जाएगा। इन्हीं में से फिर पदक विजेताओं का फैसला होगा। पहले दिन ३० मीटर के साथ ४० मीटर के मुकाबले हुए हैं। इन मुकाबलों में बालिका वर्ग में ७६ खिलाड़ी और बालक वर्ग में ९५ खिलाड़ी पदकों की दौड़ में शामिल हैं। टीम मुकाबलों में २२ राज्यों की टीम मैदान में हैं।


तीरंदाजी अकादमी जल्द प्रारंभ हो: राज्यपाल

सुबह के सत्र में स्पर्धा का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने कहा कि प्रदेश में तीरंदाजी अकादमी की जल्द प्रारंभ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अकादमी के लिए हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश भर के तीरंदाज यहां आए हैं, राजधानी के इस छोटे से मैदान में देश की अखंडता की ङालक नजर आ रही है। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल ने तीर चलाकर किया। इस अवसर पर देश भर से आई टीमोंं ने मार्च पास्ट किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के साथ भारतीय तीरंदाजी संघ के महासचिव परेशनाथ मुखर्जी भी उपस्थित थे। श्री मुखर्जी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ विश्व तीरंदाजी में इतिहस बना देगा।


स्पर्धा में दूसरे दिन इंडियन राऊंड के साथ रीकब राऊंड के विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार वितरण शाम को ४ बजे होगा। इसके मुख्यअतिथि विधानसभा के अध्यक्ष धर्म कौशिक होंगे। विशेष अतिथि कृषि मंत्री चन्द्रशेखर साहू, वन मंत्री विक्रम उसेंडी और विधायक नंदकुमार साहू होंगे।

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