भारत में २०१० में होने वाले कामनवेल्थ खेलों के लिए छत्तीसगढ़ के दो मुक्केबाज आर। राजु और डी. सुमन भारतीय टीम में आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। राजु को तो भारत की संभावित टीम में स्थान मिल गया है और वे पटियाला में लगने वाले प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने जाएंगे। इसी के साथ सुमन राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण जीत चुके हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत राजु-सुमन ने गुरुवार को बात करते हुए बताया कि वे अब कामनवेल्थ खेलों में भारतीय टीम में स्थान पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। राजु ने कहा कि वे हाल ही में हैदराबाद में खेली गई ३१वीं सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे और इसी के साथ उनका चयन भारत की संभावित टीम में हो गया है। उन्होंने पूछने पर बताया कि भारतीय टीम का प्रशिक्षण शिविर अगले माह पटियाला में लगने वाला है। यहां के शिविर के बाद भारतीय टीम विदेश में खेलने जाएगी। अभी यह तय नहीं है कि भारतीय टीम कहां खेलने जाएगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि उनको सीनियर चैंपियनशिप में हरियाणा के मुक्केबाज प्रमोद कुमार से हार का सामना करना पड़ा। बाद में यही मुक्केबाज चैंपियन बना।
प्रदेश के गुंडाधूर पुरस्कार ने २००७ में सम्मानित इस खिलाड़ी ने बताया कि उनको राष्ट्रीय खेलों में भी खेलने की पात्रता मिल गई है। अब राष्ट्रीय खेलों में पदक मिलने पर कामनवेल्थ दल में शामिल होने का मौका मिल जाएगा।
इधर उड़ीसा में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ६१ किलो वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले डी. सुमन कहते हैं कि उनकी नजरें अब केरल में होने वाले राष्ट्रीय खेलों पर हैं। इन खेलों में वे पदक जीतकर कामनवेल्थ के दल में शामिल होने की तैयारी में जुटे हैं। इन दोनों मुक्केबाजों बताया कि वे भिलाई में ओलंपियन राजेन्द्र प्रसाद से मुक्केबाजी के गुर सीखते हैं। पुलिस विभाग में कार्यरत ये मुक्केबाज बताते हैं कि उनको यहां तक पहुंचने में डीजी विश्व रंजन के साथ दुर्ग के एसपी दीपांश काबरा का विशेष सहयोग मिला है।
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