शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

छत्तीसगढ़ में बैटन का मार्ग बदलेगा

कामनवेल्थ बैटन रिले के छत्तीसगढ़ में तय किए गए मार्ग को बदलने के खेल संचालक जीपी सिंह के सुझाव पर कामनवेल्थ समिति सहमत हो गई है। समिति को बताया गया कि छत्तीसगढ़ में तय किया गया मार्ग सही नहीं है। इस मार्ग से होते हुए भोपालपट्नम जाना संभव नहीं है। ऐसे में समिति ने तय किया है कि मार्ग का अवलोकन करने के लिए एक दल दिसंबर या फिर जनवरी में भेजा जाएगा।

कामनवेल्थ के क्वीन बैटन रिले के संदर्भ में दिल्ली में हुई एक बैठक में शामिल होकर लौटे प्रदेश के खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस बैठक में कामनवेल्थ समिति के सामने उन्होंने छत्तीसगढ़ में बैटन रिले के मार्ग को लेकर एक सुझाव रखा जिसे समिति ने मान लिया है। समिति को बताया गया कि बैटन रिले के मार्ग की जो सूची जारी की गई है उसमें भोपालपट्नम को महाराष्ट्र में बताया गया है। बैटन को जगदलपुर से भोपालपट्म ही जाना है, लेकिन एक परेशानी यह है कि बीजापुर से भोपालपट्नम जाने के बीच में इंद्रावती नदी पड़ती है और वहां से वाहनों के जाने का कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में यह मार्ग ठीक नहीं है। इस मार्ग को बदलकर जगदलपुर से दंतेवाड़ा, सुकमा, कोंटा होते हुए भद्राचलम किया जाए। यहां से बैटन को आन्ध्र प्रदेश में प्रवेश करने में आसानी होगी। इस सुङााव को समिति से मानते हुए कहा कि समिति ने तो नक्शा देखकर मार्ग तय कर दिया था। समिति ने सभी राज्यों के खेल संचालकों औैर खेल सचिवों की बैठक ही इसलिए बुलाई है ताकि किसी राज्य में मार्ग को लेकर या कोई और परेशानी हो तो सामने आ सके। समिति ने श्री सिंह से कहा कि दिसंबर या फिर जनवरी माह में एक दल मार्ग का अवलोकन करने के लिए भेजा जाएगा। यह दल ज्यादातर राज्यों जाएगा, उसके बाद जनवरी में फिर से दिल्ली में सभी राज्यों के खेल संचालकों और खेल सचिवों की बैठक होगी।

रिले दल में होंगे ८८ सदस्य

श्री सिंह ने बताया कि जो बैटन रिले दल भारत में भ्रमण करने के लिए निकलेगा उस दल में ८८ सदस्य होंगे। इसी के साथ २३ वाहनों का काफिल रहेगा। बैटन रिले दो तरह से होगी पहली में बैटन को धावक लेकर चलेंगे दूसरी में बैटन को वाहन में रखकर यात्रा की जाएगी। किसी भी शहर में पहुंचने से पहले बैटन लेकर धावक दौड़ेंगे।

बार्डर पर होगा स्वागत

छत्तीसगढ़ में बैटन रिले का आगमन उड़ीसा के रास्ते सरायपाली से होगा। उड़ीसा बार्डर में बैटन का जोरदार स्वागत करने की तैयारी है। वहां से बैटन को सरायपाली लाया जाएगा और सरायपाली से दो किलो मीटर पहले धावक बैटन को लेकर दौडेंगे। सरायपाली के बाद बसना, पिथौरा, आरंग और स्टेडियम में बैटन का जोरदार स्वागत करने की योजना है। इसके बाद बैटन का ९ अगस्त को रायपुर आगमन होगा। जिन ६ जिलों महासमुन्द, रायपुर, धमतरी, कांकेर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा से होकर बैटन रिले टीम गुजरेगी, वहां जोरदार स्वागत होगा। इन सभी जिलों में स्थानीय लोगों को लेकर समिति बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सभी जिलों के जिलाधीशों के साथ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज दिए गए हैं।

राज्य सरकारों को उठाना पड़ेगा खर्च

बैटन रिले जिन भी राज्यों में जाएगी, वहां पर उसका सारा खर्च राज्य सरकारों को करने के लिए कहा गया है। इसको लेकर स्थिति स्पष्ट न होने पर दिल्ली की बैठक में छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के खेल संचालकों ने समिति से जानना चाहा कि आखिर राज्य में बैटन रिले का खर्च कौन उठाएगा। ऐसे में सभी को बताया गया कि राज्य सरकारों को ही सारा खर्च उठाना पड़ेगा। इस जवाब के बाद कई राज्यों ने मांग की कि इस आशय का पत्र राज्य सरकारों को लिखा जाए ताकि परेशानी न हो। श्री सिंह ने पूछने पर छत्तीसगढ़ में बैटन रिले को लेकर कम से कम ४० लाख तक का खर्च होगा। इसके लिए पूरी योजना बनाई जाएगी कि क्या-क्या कार्यक्रम होंगे।

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