शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

लक्ष्मी नारायण-धमतरी कॉलेज की रोमांचक जीत

विप्र ट्रॉफी अंतर कॉलेज क्रिकेट के रोमांचक मुकाबलों में महंत लक्ष्मी नारायण कॉलेज के साथ धमतरी कॉलेज ने अपने-अपने मैच जीतकर अगले चक्र में प्रवेश किया।

विप्र कॉलेज की मेजबानी में चल रही स्पर्धा के पहले मैच में महंत लक्ष्मी नारायण कॉलेज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कैलाश के ४० रनों की मदद से २० ओवरों में ६ विकेट खोकर १६१ रन बनाए। इस चुनौती के सामने दिशा कॉलेज की टीम २० ओवरों में ९ विकेट पर १३८ रन ही बना सकी। चैतन्य ने सबसे ज्यादा ३९ रनों की पारी खेली। महंत कॉलेज ने यह मैच २३ रनों से जीता।

दूसरे मैच में मेजबान विप्र कॉलेज को धमतरी कॉलेज ने रोमांचक मुकाबले में २२ रनों स परास्त किया। इस मैच में पहले खेलते हुए धमतरी ने मोहम्द इरफान के आतिशी ५५ रनों की मदद से १३३ रन बनाए।

विप्र के लिए मोहसीन, दीपक और बलराम ने ३-३ विकेट लिए। इस छोटे से स्कोर के सामने मेेजबान कॉलेज की टीम ११ रन ही बना सकी। मोहसीन ने ५ चौकों और एक छक्के की मदद से ४२ रनों की पारी खेली, पर उनकी यह पारी भी अपनी टीम को जीत नहीं दिला सकी। एक अन्य मैच में राजिम का सामना कुसुम ताई दाबके कॉलेज से होना था। कुसुम ताई की टीम के न आने से राजिम को वाकओवर दे दिया गया। ३१ अक्टूबर को चार मैच खेले जाएंगे।

छत्तीसगढ़ कॉलेज का कबड्डी के खिताब पर कब्जा

अंतर कॉलेज कबड्डी में छत्तीसगढ़ कॉलेज ने फाइनल में दुर्गा कॉलेज को मात देकर खिताब जीत लिया।

छत्तीसगढ़ कॉलेज की मेजबानी में खेली गई स्पर्धा का फाइनल मैच छत्तीसगढ़ कॉलेज और दुर्गा कॉलेज के बीच खेला गया। इस मैच में हुए रोमांचक मुकाबले में छत्तीसगढ़ कॉलेज ने खिताब जीता। पहले हॉफ में विजेता टीम महज दो अंकों से आगे थी। विजेता टीम में तुलसी, रमाशंकर, नवीन, तेजराम, योगेश नीलकंठ, संजय, प्रमोद, कमल, भूषण और चन्द्रकांत खेले। फाइनल मैच के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि रविवि शारीरिक शिक्षा विभाग के संचालक प्रकाश सिंह ठाकुर थे। उन्होंने पुरस्कार बांटे।

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

पदक जीतने की तैयारी में जुटे तीरंदाज


राष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी एक से राजधानी में


प्रदेश की राजधानी रायपुर के स्पोट्र्स काम्पलेक्स के मैदान में प्रदेश के तीरंदाज पदक जीतने की तैयारी में जुट गए हैं। यहां पर एक नवंबर से राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है जिसमें देश के सभी राज्यों के साथ कई संस्थानों की ३८ टीमें शामिल होंगी।


प्रदेश तीरंदाजी संघ ने रायपुर में १ से ४ नवंबर तक राष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी का आयोजन किया है। इस स्पर्धा में शामिल होने के लिए प्रदेश के तीरंदाज राजाधानी आ गए हैं और गुरुवार से स्पोट्र्स काम्पलेक्स के मैदान में अभ्यास भी प्रारंभ कर दिया है। इस अभ्यास और चयन ट्रायल से ही प्रदेश की अंतिम टीम का चयन किया जाएगा जो राष्ट्रीय स्पर्धा में शामिल होगी।


स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अध्यक्ष एवं सांसद रमेश बैस के साथ महासचिव कैलाश मुरारका ने बताया कि स्पर्धा का विधिवत उद्घाटन तो २ नवंबर को सुबह १० बजे राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। विशेष अतिथि भारतीय तीरंदाजी संघ के महासचिव परेश नाथ मुखर्जी और धरसीवां के विधायक देवजी पटेल होंगे। इसके पहले एक नवंबर को देश भर से आए तीरंदाजों का अभ्यास सत्र होगा। इसी के साथ उनके तीर और कमानों की जांच भी होगी। स्पर्धा में राज्यों के साथ कई संस्थानों की टीमें भी शामिल होंगी। कुल ३८ टीमों के बीच टीम मुकाबलों के साथ व्यक्तिगत मुकाबले होंगे। मुकाबले तीन वर्गों इंडियन राउंड, रीकब और कंपाउँड वर्ग में होंगे। इन वर्गों में ३०, ४०, ५०, ६०, ७०, ८० और ९० मीटर के मुकाबले होंगे। खिलाड़ी, कोच, मैनेजर और अधिकारी मिलाकर करीब एक हजार लोग यहां जुटेंगे।


दो और तीन नवंबर को होने वाले मुकाबलों का पुरस्कार वितरण तीन नवंबर की शाम को ४ बजे होगा। इस कार्यक्रम के मुख्यअतिथि विधानसभा अध्यक्ष धर्म कौशिक होंगे। विशेष अतिथि के रूप में कृषि मंत्री चन्द्रशेखर साहू, वन मंत्री विक्रम उसेंडी, रायपुर ग्रामीण के विधायक नंद कुमार साहू के साथ तथा भाजपा के प्रदेश मंत्री छगन मुदंड़ा होंगे। चार नवंबर को होने वाले समापन समारोह के मुख्यअतिथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह होंगे। विशेष अतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी, महापौर सुनील सोनी और जिला पंचायत के अध्यक्ष अशोक बजाज होंगे।


श्री बैस ने बताया कि इस चैंपियनशिप को भी पहले की तरह यादगर बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा। इसके पूर्व यहां पर २००६-०७ में राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन सांइस कॉलेज के मैदान में किया गया था। तब भी यहां पर पूर्व ओलंपियन लिम्बाराम आए थे। इस बार जहां लिम्बाराम फिर से आ रहे हैं, वहीं भारतीय टीम को संवारने वाले कोरियन कोच ली वांग भी आ रहे हैं। इसी के साथ मित्तल की तीरंदाजी अकादमी के कोच सुमेशचन्द्र राय भी आ रहे हैं। इन अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षकों से भी छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिलेगा।

पदकवीरों का स्वागत


कामनवेल्थ भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीतने वाले रूस्तम सारंग के साथ रजत पदक जीतने वाले उनके छोटे भाई अजय दीप सारंग का आज यहां पहुंचने पर रेलवे स्टेशन में खेल विभाग के साथ खेल संघों के पदाधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। स्वागत करने स्टेशन में खिलाडिय़ों के साथ कई स्कूली बच्चे भी गए थे।


आज रायपुर के रेलवे स्टेशन में जैसे ही आजाद हिन्द एक्सप्रेस आई तो वहां पर बैंड-बाजे बचने लगे। लोगों को लगा कि शायद कोई नेता या मंत्री आया होगा, लेकिन बाद में लोग को जब मालूम हुआ कि देश के लिए भारोत्तोलन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी आए हैं और उनके स्वागत में बैंड-बाजे बज रहे हैं तो लोगों को सुखद आश्चर्य हुआ। जैसे ही ये खिलाड़ी ट्रेन से उतरे इनको फूल-मालाओं ेसे लाद दिया गया। इन खिलाडिय़ों को एक खुली जीप में बिठाकर एक रैली निकाली गई जो इन खिलाडिय़ों के घर तक गई। स्टेशन के साथ रास्ते में खूब आतिशबाजी की गई।
रूस्तम और अजय का स्वागत करने खेल विभाग की तरफ से उपसंचालक ओपी शर्मा के साथ सुशील वर्मा, राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, वालीबॉल संघ के मो। अकरम खान, कराते संघ के अजय साहू के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारी गए थे।


पहली बार हुए ऐसे स्वागत से सारंग बंधुओं के साथ उनके पिता और कोच बुधराम सांरग भी बहुत खुश हुए। इन्होंने एक स्वर में कहा कि उनको ऐसे स्वागत की कल्पना नहीं थी। इनके पहले भी ये खिलाड़ी पदक जीतकर आते रहे हैं, पर कभी इनका इस तरह से स्वागत नहीं किया गया था। इनके स्वागत के लिए प्रदेश भारोत्तोलन संघ ने खेल संचालक जीपी सिंह से आग्रह किया था। इसी आग्रह पर खिलाडिय़ों के स्वागत का जिम्मा उप संचालक ओपी शर्मा को दिया गया था।

बुधवार, 28 अक्तूबर 2009

कामनवेल्थ के पदक विजेताओं के स्वागत की जोरदार तैयारी

कामनवेल्थ भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीतने वाले रूस्तम सारंग के साथ रजत पदक जीतने वाले उनके छोटे भाई अजय दीप सारंग का २९ अक्टूबर को रायपुर आगमन हो रहा है। इन पदक विजेता खिलाडिय़ों के स्वागत की तैयारी खेल विभाग के साथ प्रदेश का भारोत्तोलन संघ कर रहा है। संघ ने आज इस संबंध में खेल संचालक जीपी सिंह से मुलाकात भी की है।
मलेशिया में खेली गई कामनवेल्थ भारोत्तोलन चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी रूस्तम सारंग ने स्वर्ण पदक और उनके भाई अजय दीप सारंग ने रजत पदक जीता है। इनके पहले भी ये खिलाड़ी लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल कर पदक जीतने का काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर तो इनको पदक मिल ही रहे हैं। ऐसे में जबकि प्रदेश के खेल विभाग ने एक तरह से यह नीति बनाकर रखी है कि अंतरराष्ट्रीय के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों और टीमों का रायपुर आने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा, तब ऐसे में भारोत्तोतलन संघ ने खेल संचालक जीपी सिंह से मिलकर छत्तीसगढ़ के इन खिलाडिय़ों का स्वागत करने का आग्रह किया।
इनके आग्रह पर संचालक ने उपसंचालक ओपी शर्मा को इन खिलाडिय़ों के स्वागत का जिम्मा दिया है। ये खिलाड़ी २९ अक्टूबर को दो बजे ट्रेन से आएंगे। स्टेशन पर इनका जोरदार स्वागत करने की तैयारी की जा रही है। भारोत्तोलन संघ ने भी सभी खेल संघों के पदाधिकारियों से इनके स्वागत में आने की अपील की है।

रूबरू कार्यक्रम में शामिल होंगे

प्रदेश के इन दोनों अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों का ३० अक्टूबर को प्रेस क्लब रायपुर में सम्मान किया जाएगा। प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल पुसदकर ने बताया कि ३० अक्टूबर को इन खिलाडिय़ों को एक बजे रूबरू कार्यक्रम रखा गया है। इस कार्यक्रम में सभी पत्रकारों से आने की अपील की गई है।

रायपुर सेमीफाइनल में

राज्य जूनियर फुटबॉल में सरगुजा का वर्चस्व तोड़ते हुए रायपुर ने उसे १-० से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बना लिया। कोरिया के साथ बिलासपुर की टीमें भी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
मनेन्द्रगढ़ में चल रही इस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश फुटबॉल संघ के जोनल सचिवल मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि रायपुर और सरगुजा के बीच खेला गया मैच काफी रोमांचक रहा। इस मैच में एक मात्र गोल रायपुर के शाहबाज खान ने किया। इसी गोल से रायपुर को सेमीफाइनल में स्थान मिला। अन्य मैचों में बिलासपुर ने दुर्ग को टाईब्रेकर में ५-३ और कोरिया ने कोरबा को ३-० से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। अब रायपुर का सेमीफाइनल में नारायणपुर और बिलासपुर का कोरिया से कल मुकाबला होगा। सुबह के सत्र में सेमीफाइनल और शाम को फाइनल मैच होगा। इल्सके बाद पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा।

जंप रोप में खिलाडिय़ों का अंबार

शालेय खेलों में प्रदेश में होने वाली राष्ट्रीय रोप स्कीपिंग के लिए खिलाडिय़ों का टोटा है। इस खेल से ही मिलते-जुलते खेल जंप रोप में खिलाडिय़ों का अंबार है। लेकिन इस खेल की मेजबानी लेने की बजाए शिक्षा विभाग ने रोप स्कीपिंग की मेजबानी ले ली है। राजधानी में १० नवंबर से होने वाले राज्य शालेय खेलों में इन दोनों खेलों की स्पर्धाएं होने वाली हैं। इस स्पर्धा में जहां जंप रोप के पूरे खिलाड़ी शामिल होने की तैयारी में हैं, वहीं रोप स्कीपिंग में महज दो ही जिलों के खिलाडिय़ों के आने की संभावना है।

राजधानी रायपुर में १० नवंबर से राज्य शालेय खेलों का जो मेला लगने वाला है, उसमें जंप रोप के साथ रोप स्कीपिंग के भी मुकाबले होंगे। यहां पर जंप रोप में शामिल होने के लिए खिलाड़ी बहुत उत्सुक हैं क्योंकि एक तो पहली बार राज्य स्पर्धा का आयोजन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर हो रहा है। प्रदेश जंप रोप संघ ने इस खेल को स्कूली खेलों में शामिल करवाने के लिए बहुत मेहनत की है। संघ ने जहां शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया था, वहीं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दरबार में भी इसकी अर्जी लगाई थी। इसका फायदा मिला और अब यह खेल स्कूली खेलों में शामिल हो गया है।
इस खेल में प्रदेश खिलाडिय़ों की कमी नहीं है। खेल शिक्षक और प्रदेश संघ के सचिव अखिलेश दुबे पूछने पर बताते हैं कि इस समय स्कूली वर्ग में अंडर १४, १७ और १९ साल में २४-२४ खिलाड़ी हैं। इन खिलाडिय़ों में ज्यादातर खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं और पदक जीत रहे हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस खेल के प्रदेश में २०० से ज्यादा स्कूली खिलाड़ी हैं। उन्होंने बताया कि यह खेल रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कोरबा में ही नहीं बल्कि बस्तर और जशपुर जैसे आदिवासी क्षेत्रों में भी खेला जा रहा है और वहां भी बहुत खिलाड़ी हैं। उन्होंने बताया कि इसी माह गोवा में खेली गई राष्ट्रीय जूनियर स्पर्धा में प्रदेश के खिलाडिय़ों ने ४ स्वर्ण, ४ रजत के साथ ८ कांस्य पदक जीते हैं। अब तक प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर प ७० से ज्यादा पदक जूीत चुके हैं। उनका कहना है कि स्कूली राष्ट्रीय स्पर्धा जब दिल्ली में होगी तो वहां से भी हमारे खिलाड़ी पदक लेकर आएंगे। उनको इस बात का अफसोस है कि इस खेल की राष्ट्रीय शालेय स्पर्धा का आयोजन छत्तीसगढ़ में नहीं किया गया। वे कहते हैं कि अगर जंप रोप की राष्ट्रीय स्पर्धा यहां होती तो सबसे ज्यादा पदक छत्तीसगढ़ को मिलते। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि इस बात की जानकारी होने पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने नाराजगी भी जताई थी कि क्यों इस खेल की मेजबानी नहीं ली गई। बाद में ऐसे प्रयास भी हुए लेकिन सफलता नहीं मिली।

एक तरफ जहां जंप रोप में प्रदेश में खिलाडिय़ों का अंबार है, वहीं जिस रोप स्कीपिंग की प्रदेश के शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय स्पर्धा की मेजबानी ली है, उस खेल के महज रायपुर और बिलासपुर में ही खिलाड़ी हैं। इस खेल के प्रति तो शिक्षा विभाग गंभीर भी नहीं है कि जब इस खेल का आयोजन छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है तो इसमें पदक मिल सके। जब इस खेल का एक प्रशिक्षण शिविर विद्या भारती ने बिलासपुर के बाद रायपुर में अंतरराष्र्टीय खिलाड़ी और प्रशिक्षक को बुलाकार लगाया था, तब शिक्षा विभाग ने आमंत्रण के बाद भी किसी खेल शिक्षक को इसमें नहीं भेजा था।

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

राज्य फुटबॉल में ग्रामीण खिलाडिय़ों का दबदबा

राज्य जूनियर फुटबॉल में ग्रामीण खिलाडिय़ों ने अपना जलवा दिखाना प्रारंभ कर दिया है। सरगुजा के साथ कोरिया ने अपने-अपने मैचो में गोलों की बारिश करते हुए बताया कि उनमें कितना दम है।

महेन्द्रगढ़ में चल रही इस राज्य चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश फुटबॉल संघ जे जोनल सचिव मुश्ताल अली प्रधान ने बताया कि सरगुजा ने एक मैच में राजनांदगांव को ९-१ से मात दी। इधर कोरिया की टीम ने गोलों की बारिश करते हुए जांजगीर चांपा को १२-० से रौंद दिया। उन्होंने बताया कि एक मैच में बस्तर के कोरबा से २-६ से मात खानी पड़ी, लेकिन बस्तर के खिलाडिय़ों का खेल सराहनीय रहा। उन्होंने बताया कि एक अन्य मैच में धमतरी को बिलासपुर ने ७-० से हराया।

खेल विभाग के साथ प्रदेश फुटबॉल संघ द्वारा आयोजित इस इनामी राज्य जूनियर स्पर्धा में २७ अक्टूबर को रायपुर का पहला मैच सरगुजा से होगा। अन्य मैचों में बिलासपुर और दुर्ग और कोरबा के साथ कोरिया का मुकाबला होगा। श्री प्रधान ने रायपुर की टीम को सरगुजा के खिलाफ गंभीरता से खेलने की सलाह दी है।

सोमवार, 26 अक्तूबर 2009

बजट कम-मैराथन का निकलेगा दम

प्रदेश के खेल विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली मैराथन में रायपुर मैराथन का दम निकलता नजर आ रहा है। इस स्पर्धा के लिए विभाग से पूर्व के सालों की तुलना में आधा बजट भी नहीं दिया है जिसकी वजह से स्पर्धा को न करवा पाने की बात कहते हुए जिले के खेल विभाग ने संचालनालय से स्पर्धा करवाने में असमर्थतता जताते हुए इसको स्थगित कर दिया है। विभाग ने इसके लिए इस बार महज ४६ हजार का बजट दिया है जबकि पिछले तीन सालों से इसके लिए एक लाख से ज्यादा का बजट मिलता रहा है। इससे कम बजट में १५ विकासखंड़ों के खिलाडिय़ों का यह आयोजन संभव नहीं है।

प्रदेश का खेल विभाग राज्य के हर जिले में जिला मैराथन का आयोजन करता है, इसके बाद राज्य मैराथन का आयोजन होता है जिसमें एक लाख का नकद इनाम दिया जाता है। इस बार रायपुर मैराथन का आयोजन कसडोल में १४ नवंबर से किया जाना था। इसके लिए जिले के खेल विभाग ने पूर्व के वर्षां की तरह ही करीब एक लाख २० हजार का बजट मांगा था, पर विभाग ने महज ४६ हजार रुपए का बजट दिया है। इस बारे में राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने संपर्क करने पर बताया कि उनको जो बजट दिया गया है, उसमें आयोजन करवाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बजट में २३ हजार ५०० रुपए तो नकद पुरस्कार में चले जाएंगे, बाकी के २२ हजार ५०० रुपए में आयोजन का होना संभव ही नहीं है। उन्होंने बताया कि १५ विकासखंड़ों से करीब ३०० खिलाड़ी आएंगे, इसी के साथ रायपुर के खिलाड़ी और मेजबान के खिलाडिय़ों को मिलाकर करीब १०० खिलाड़ी और हो जाएंगे। इसी के साथ करीब ५० अधिकारी टीमों के साथ आएंगे। ४५० लोगों की भागीदारी वाला यह आयोजन २२ हजार ५०० रुपए में कैसे हो सकता है?

उन्होंने पूछने पर बताया कि इसके पूर्व जब २००६-७ में तिल्दा में आयोजन किया गया था तो वहां के लिए एक लाख एक हजार, आरंग के २००७-०८ के आयोजन के लिए एक लाख सात हजार और २००८-०९ के मैनपुर के आयोजन के लिए एक लाख २४ हजार रुपए मिले थे। इस बार भी पिछले आयोजन जितना ही बजट मांगा गया था, पर इस बजट से काफी कम ४६ हजार ही मिले हैं। ऐसे में जिले के खेल प्रभारी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार से चर्चा के बाद संचालनालय को लिखा गया है कि और ८० हजार का बजट मिलने पर ही आयोजन संभव होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल १४ नवंबर को होनी वाली स्पर्धा को स्थगित कर दिया गया है। बजट मिलने पर इसकी तिथि तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि विकासखंड़ों के आयोजन निर्धारित तिथियों पर ही होंगे।

सरगुजा फिर बना चैंपियन

अंतर जिला अंडर १६ साल के क्रिकेट के फाइनल में मौजूदा चैंपियनशिप सरगुजा ने एक बार फिर से अपना जलवा दिखाते हुए भिलाई को पहली पारी कीस बढ़त के आधार प मात देकर खिताब जीत लिया।

राजधानी ने नए स्टेडियम में खेले गए दो दिवसीय फाइनल मैच में सरगुजा से टॉस हारने के बाद पहली बारी में १८२ रन बनाए। रोहित ने ९१ रनों की शानदार पारी खेली। कार्तिकेश शर्मा ने २३ रन बनाए। भिलाई के बृजेश ने ३८ रन देकर ४ और अनुष अरोरा ने ३६ रन देकर ३ विकेट लिए। इसके जवाब में एक समय बिना विकेट के ८० रन बनाने वाली भिलाई की पारी कार्तिकेश और सौरभ जे की घातक गेंदबाजी के सामने १६३ रनों पर सिमट गई। यशांक ने ५१, अभिषेक ने ४५ और शकीब अहमद ने ३० रनों की पारी खेली। कार्तिकेश ने ४९ रन देकर ५ और सौरभ ने ४२ रन देकर चार विकेट लिए।

सरगुजा ने अपनी दूसरी पारी में ७ विकेट पर १६७ रन बनाए और भिलाई को खेलने के लिए आमंत्रित किया। इस पारी में इमरान पटेल ने ४० और रोहित तिवारी ने ४० रन बनाए। इसके जवाब में भिलाई की टीम दूसरी पारी में ४ विकेट पर ३६ रन बना सकी और सरगुजा को पहली पारी की बढ़त के आधार पर विजेता घोषित किया गया। सरगुजा ने पिछले सल फइनल में राजनांदगांव में मात देकर खिताब जीता था। मैच के अंपायर जीके निर्मलकर और विकास भट्ठ और स्कोरर अभिषेक टांक थे।

छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के राजेश दवे ने बताया कि अब ब्लेट ग्रुप का फाइनल मैच कोरिया और जगदलपुर के बीच मनेन्द्रगढ़ में २८ और २९ अक्टूबर को खेला जाएगा। इधल इसके बाद ३१ अक्टूबर से लीग मैच होंगे। इन लीग मैचों के बाद ही प्रदेश की टीम बनेगी जो राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने जाएगी। श्री दवे ने सरगुजा के जीतने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि अग ग्रामीण खिलाडिय़ों का दबदबा होते जा रहा है। यह इस बात का संकेत है कि ग्रामीण खिलाड़ी किसी से कम नहीं है।

देश भर के तीरंदाज जुटेंगे राजधानी में

देश भर के सब जूनियर तीरंदाज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्योत्सव के दिन यानी एक नवंबर से जुटेंगे और यहां पर निशाने लगाकर राष्ट्रीय टीम में स्थान बनाने का प्रयास करेंगे। खिलाडिय़ों को तराशने वाले पूर्व ओलंपियन लिम्बाराम सहित और कई जाने-माने प्रशिक्षक भी यहां आएंगे। मुकाबले बूढ़ापारा के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में होंगे। इस कॉम्पलेक्स का आज सांसद और प्रदेश तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष रमेश बैस ने निरीक्षण भी किया।

प्रदेश तीरंदाजी संघ राजधानी में राष्ट्रीय सब जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन करने जा रहा है। इस चैंपियनशिप को भी पहले की तरह यादगर बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा। इसके पूर्व यहां पर २००६-०७ में राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन सांइस कॉलेज के मैदान में किया गया था। तब भी यहां पर पूर्व ओलंपियन लिम्बाराम आए थे। इस बार जहां लिम्बाराम फिर से आ रहे हैं, वहीं भारतीय टीम को संवारने वाले कोरियन कोच ली वांग भी आ रहे हैं। इसी के साथ मित्तल की तीरंदाजी अकादमी के कोच सुमेशचन्द्र राय भी आ रहे हैं। इन अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षकों से भी छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिलेगा।

प्रदेश संघ के महासचिव कैलाश मुरारका ने बताया कि प्रदेश के अध्यक्ष रमेश बैस के साथ स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के मैदान के आउटडोर स्टेडियम का निरीक्षण किया गया है। यह स्टेडियम मुकाबलों के लिए तो ठीक है, पर यहां पर खिलाडिय़ों के रहने की व्यवस्था नहीं की जा सकती है। उन्होंने पूछने पर बताया कि चैंपियनशिप में करीब २५ राज्यों के ६०० से ज्यादा खिलाड़ी और १०० से ज्यादा तकनीकी अधिकारी भी आएंगे। राष्ट्रीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष सांसद विजय मल्होत्रा को भी आमंत्रित किया गया है। मुकाबले एक से ५ नवंबर तक होंगे।

रायपुर को हरवाने एक दिन पहले करवाया गया फाइनल

राज्य जूनियर बालिका फुटबॉल में रायपुर की टीम को हरवाने के लिए ही एक ही दिन सेमीफाइनल के बाद फाइनल मैच करवा दिया गया। प्रदेश संघ ने अपनी मर्जी से फिक्चर तैयार किया। यह सीधा आरोप प्रदेश संघ के ही जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान ने लगाया है।

दुर्ग में खेली गई इस स्पर्धा में की गई मनमर्जी से छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ के जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान बहुत ज्यादा खफा हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह बात तय थी कि रायपुर की टीम ही खिताब जीतती, ऐसे में रायपुर की टीम को खिताब से वंचित करने के लिए एक साजिश के तहत सबसे पहले रायपुर को कठिन पूल में रखा गया, और मेजबान दुर्ग को आसान पूल दिया गया। इतना होने के बाद भी रायपुर की टीम ने सबसे तगड़ी टीम जशपुर को सेमीफाइनल में मात देकर फाइनल में स्थान बना लिया। ऐसे में आयोजक छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ के पदाधिकारियों ने सेमीफाइनल के दो घंटे बाद ही फाइनल मैच करवा दिया। खिलाडिय़ों को आराम करने का भी मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जब स्पर्धा २२ से २४ अक्टूबर तक थी, तो फाइनल मैच एक दिन पहले ही क्यों करवाया गया। उन्होंने बताया कि संघ के जोनल सचिव होने के बाद भी उनके पास स्पर्धा की जानाकारी भी नहीं भेजी गई जबकि स्पर्धा उनकी देखरेख में होनी थी। उन्होंने रायपुर टीम के साथ गए कोच अर्स उल्ला खान के हवाले से बताया कि फिक्चर के लिए चीट निकाली जाती है, पर आयोजकों ने अपनी मर्जी से टीमों को पूलों में बांटा।

रविवार, 25 अक्तूबर 2009

छत्तीसगढ़ की खिताबी तिकड़ी


राष्ट्रीय महिला खेलों में खिताब की प्रबल दावेदार छत्तीसगढ़ ने बास्केटबॉल के फाइनल में पंजाब को आसानी से ८४-४४ से मात देकर लगातार तीसरी बार खिताब जीत लिया। यह छत्तीसगढ़ की छठी खिताबी जीत है। हैंडबॉल में छत्तीसगढ़ की टीम फाइनल में दिल्ली से कड़े मुकाबले में २४-२८ से हार गई।


भोपाल में खेली गई इस ३५वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए बास्केटबॉल टीम के कोच राजेश पटेल ने बताया कि फाइनल में हमने टीम को प्रारंभ से ही मैन टू मैन पद्धति से खिलाया जिसका हमें फायदा मिला। हमारी टीम पहले क्वार्टर में ३२-१४ से दूसरे में ५४-२२ से और तीसरे में ७०-३४ से आगे रही। अंत में हमने यह मैच आसानी से ८४-४४ से जीत लिया। इस मैच में ३० अंक बनाने वाली कविता कुमारी स्पर्धा की खिलाड़ी रहीं। मैच में एल. दीपा ने १४, अरूणा किंडो ने १२, निकिता गोदामकर ने ८, इशरत जहां ने ६, पूजा देशमुख ने ६ अंक बनाए। श्री पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीम ने पहली बार २००२ में आगरा में खिताब जीता था, इसके बाद २००४ में जालंधर, ०५ में लुधियाना, ७ में फिर से जालंधर, ८ में भुवनेश्वर और अब ९ में भोपाल में खिताब जीता है।
इधर हैंडबॉल में भी छत्तीसगढ़ से खिताब की उम्मीद थी, पर फाइनल में छत्तीसगढ़ की टीम दिल्ली से कड़े मुकाबले में २४-२८ से हार गई। इस मैच में अनिता यादव ने ५, विजया लक्ष्मी ने ४, अनामिका ने ३ गोल किए।

शहरी खिलाडिय़ों का वर्चस्व तोड़ा आदिवासी खिलाडिय़ों ने

प्रदेश में अब क्रिकेट में शहरी खिलाडिय़ों के वर्चस्व को तोडऩे का काम सरगुजा के आदिवासी खिलाड़ी कर रहे हैं। दूसरी बार सरगुजा की टीम अंडर १६ साल क्रिकेट के फाइनल में पहुंची है। अब यहां पर उसका मुकाबला रविवार से भिलाई से होगा। भिलाई को छोड़ दिया जाए तो अब रायपुर और बिलासपुर के खिलाडिय़ों में दम नहीं रह गया है।

छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित अंडर १६ साल अंतर जिला क्रिकेट में एक बार फिर से यह बात सामने आई है कि अब रायपुर और बिलासपुर के शहरी खिलाडिय़ों का दबदबा नहीं रह गया है। सरगुजा के आदिवासी खिलाड़ी फिर से हीरो बनाकर सामने आए हैं। सरगुजा की टीम ने बिलासपुर को सेमीफाइनल में मात देने का काम किया। इधर रायपुर की टीम भिलाई से मात खा गई। रायपुर के खिलाडिय़ों का प्रदर्शन कितना लचर था, यह इसी बात से मालूम होता है कि टीम के छह खिलाड़ी रन आउट हुए। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश चौहान एक कार्यक्रम में पहले ही इस बात की चेतावनी दे चुके हैं कि शहरी खिलाडिय़ों को मेहनत करने की जरूरत है आज सरगुजा जैसे आदिवासी क्षेत्र के खिलाड़ी बहुत ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। उनके सामने टिकने के लिए मेहनत ही एक मात्र रास्ता है।

शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

छत्तीसगढ़ फाइनल में

राष्ट्रीय महिला खेलों में खिताब की प्रबल दावेदार छत्तीसगढ़ ने बास्केटबॉल के फाइनल में स्थान बना लिया है। इधर हैंडबॉल में भी छत्तीसगढ़ को सेमीफाइनल में स्थान मिल गया है।


भोपाल में चल रही इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ टीम के कोच राजेश पटेल ने बताया कि आज सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ ने कर्नाटक को आसानी से ७३-३८ से मात दी। इस मैच में विजेता टीम के लिए अरूणा किंडो ने १२, कविता और ए। दीपा ने १०-१०, निकिता गोदामकर और अनिशा सिंह ने ८-८, इशरत जहां ने ६ तथा पूजा देशमुख ने ५ अंक बनाए। इसके पहले छत्तीसगढ़ ने क्वार्टर फाइनल मे मेजबान मप्र को ७९-३८ से हराया। छत्तीसगढ़ की टीम का कल फाइनल में पंजाब से मुकाबला होगा। छत्तीसगढ़ बनने के बाद छत्तीसगढ़ की टीम सातवीं बार फाइनल में पहुंची है।


इधर हैंडबॉल मे छत्तीसगढ़ ने मेजबान मप्र को २८-२२ से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बना लिया है। इस मैच में विजेता टीम के लिए अनिता यादव ने ५, लक्ष्मी ने ४, अंजलीना लारेंस ने ४ और अनामिका मुखर्जी ने दो गोल किए। छत्तीसगढ़ का सेमीफाइनल में कल पंजाब से मुकाबला होगा। चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ हैंडबॉल के साथ बास्केटबॉल में भी खिताब की दावेदार है। हैंडबॉल में छत्तीसगढ़ की टीम पांचवीं बार सेमीफाइनल में पहुंची है।

रायपुर खिताब से चूका

राज्य जूनियर (अंडर १९ साल) बालिका फुटबॉल के खिताबी मुकाबले में रायपुर मेजबान दुर्ग से सडनडेथ में ४-३ से मात खा गया और खिताब से चूक गया।
दुर्ग में आज खेले गए फाइनल मैच के बारे में जानकारी देते हुए मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि निर्धारित समय तक मुकाबला १-१ से बराबर था। रायपुर के लिए मैदानी गोल कल्याणी महापात्र ने किया। टाईब्रेकर में रायपुर के लिए आकांक्षा और सुमन ने गोल किए। दुर्ग ने भी दो गोल किए और मुकाबला ३-३ से बराबर हो गया। ऐसे में सडनडेथ का सहारा लिया गया तो इसमें रायपुर की टीम गोल करने से चूक गई और इसी के साथ उसके हाथ से खिताब निकल गया। पिछले साल रायपुर ने जगदलपुर में खिताब जीता था। इसके पहले खेले गए सेमीफाइनल में रायपुर से तगड़ी टीम जशपुर को कड़े मुकाबले में ३-२ से मात दी थी। इस मैच में नेहा निषाद, कंचन विभार और सरिता यादव ने गोल किए।

रायपुर की टीम आज तय होगी

राज्य अंडर १९ साल फुटबॉल में खेलने जाने वाली रायपुर टीम का चयन ट्रायल सप्रे स्कूल में चल रहा है। रायपुर की टीम शनिवार को घोषित की जाएगी। यह जानकारी देते हुए जिला संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि इस चयन ट्रायल में पहली बार पाइका में खेले रायपुर जिले के कई विकासखंड़ों के खिलाडिय़ों को आमंत्रित किया गया था, पर तिल्दा विकासखंड़ के ही पांच खिलाड़ी ट्रायल देने आए। ट्रायल में इस समय दो दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी शामिल हैं। इन खिलाडिय़ों में से १६ खिलाडिय़ों की टीम कल घोषित की जाएगी। यह टीम कल ही कोरिया के लिए रवाना हो जाएगी, वहां पर २५ से २८ अक्टूबर तक राज्य चैंपियनशिप होगी।

रायपुर के सात खिलाड़ी शिविर में

राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाने वाली प्रदेश की अंडर १६ साल की फुटबॉल टीम का प्रशिक्षण शिविर कोरबा में चल रहा है। इस २१ दिनों के प्रशिक्षण शिविर में रायपुर के सात खिलाड़ी राजादीप, राजेश सिंग, शिव भजन कुजूर, ढालचंद, मुकुल बुंदेल, प्रवीण और सौरभ भी शामिल हैं। १० नवंबर तक प्रशिक्षण शिविर चलेगा इसके बाद प्रदेश की टीम घोषित की जाएगी जो उत्तरांचल में होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाएगी।

कुश्ती-जूडो खिलाडिय़ों का टोटा

क्षेत्रीय शालेय कुश्ती और जूडो में बहुत कम खिलाड़ी खेलने के लिए आए। कहीं से जूडो के खिलाड़ी नहीं आए तो कहीं से कुश्ती के खिलाड़ी नहीं आए। मुकाबलों में रायपुर के ही खिलाड़ी नजर आए।

राज्य शालेय कुश्ती और जूडो के लिए रायपुर जोन की अंडर १४, १७ और अंडर १९ टीमें बनाने के लिए क्षेत्रीय स्पर्धा का आयोजन बालाजी स्कूल में किया गया था। इस स्पर्धा में मेजबान रायपुर के साथ बलौदाबाजार, महासमुन्द और धमतरी शिक्षा जिले के खिलाडिय़ों को शामिल होना था। कुश्ती में जहां धमतरी के ही खिलाड़ी आए और जूडो के नहीं आए, वहीं बलौदाबाजार से जूडो के ही खिलाड़ी ज्यादा आए। महासमुन्द से महज १२ खिलाडिय़ों को भेज दिया गया। कहीं से भी पूरी टीम नहीं आई। बस रायपुर के ही सबसे ज्यादा खिलाड़ी आए। किसी तरह से इन खिलाडिय़ों के बीच मुकाबले करवाए गए और महज कुछ हीं घंटों में चैंपियनशिप समाप्त कर टीम बना दी गई है।

परिणाम इस प्रकार रहे- कुश्ती १९ साल ४० किलो शंकर लाल, धमेन्द्र।
४५ किलो मंयक नायडु, संजय मानिकपुरी, ५० किलो सूरज वर्मा आशीष शाह, ५५ किलो रहुल विश्कर्मा, संजीव दुबे। १७ साल- ४० किलो अजय तिवारी, तानु राम। ४५ किलो जावेद और ईश्वर।

जूडो- १९ साल के ४२ किलो के फाइनल में उत्तम साहू ने जितेन्द्र को, ४६ किलो में नंद किशोर ने रौैशन यादव और ६० किलो में जितेन्द्र कुमार ने आकाश राजपूत को हराया। अंडर १७ साल के ४२ किलो में महेन्द्र ने लुमेश को देवांनेद ने बाबी ठाकुर को हराया। अंडर १४ साल के ३० किलो में योगेश साहू, रवि वाघ। ३५ किलो में सोनू कंडरा और कमन शुभम का चयन किया गया है।

रायपुर खिताबी दौड़ से बाहर

अंतर जिला अंडर १६ साल क्रिकेट में रायपुर को भिलाई ने ६ विकेट से करारी मात देकर फाइनल में स्थान बना लिया। अब फाइनल में उसका मुकाबला पिछले साल की विजेता सरगुजा से होगा। रायपुर की टीम का प्रदर्शन आज बेहद खराब रहा और उसके ६ खिलाड़ी रन आउट हो गए।

परसदा के नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में रायपुर से टॉस जीतकर पहले बल्ले चलाने का फैसला किया। रायपुर का यह फैसला गलत साबित हुआ और पूरी टीम महज १९४ रनों पर आउट हो गई। रायपुर के खिलाड़ी विकेट के बीच में दौडऩे में इतने ज्यादा अनाड़ी साबित हुए कि ६ खिलाड़ी रन आउट हुए। रायपुर के लिए अंकित सिंग ने सबसे ज्यादा ७५ रन बनाए। अतुल ताल और मुकुल ने ३६-३६ रन बनाए। भिलाई के वी. रितेश ने ३० रन देकर तीन विकेट लिए। १९५ रनों की चुनौती को भिलाई ने मात्र चार विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। यशांक ने ४६, अभिषेक ने ३७ और शेखर ने ३२ रन बनाए।
छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के राजेश दवे ने बताया कि उधर सरगुजा ने दूसरे सेमीफाइनल में बिलासपुर को मात देकर फाइनल में स्थान बना लिया है। अब सरगुजा का २५ अक्टूबर से नए स्टेडियम में भिलाई से खिताबी मुकाबला होगा। यह मैच दो दिनों का होगा। पिछले साल सरगुजा ने भिलाई को मात देकर खिताब जीता था।

शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

रूस्तम को स्वर्ण, अजय को रजत

छत्तीसगढ़ के रूस्तम सारंग ने मलेशिया में चल रही कामनवेल्थ भारोत्तोलन चैंपियनशिप में ६२ किलो वजन वर्ग में स्वर्ण पदक और उनके छोटे भाई अजय दीप सारंग ने ७७ किलो वजन वर्ग में रजत पदक जीता। भारत को इन दोनों वर्गों में दो स्वर्ण और दो रजत पदक मिले।

यह जानकारी देते हुए दोनों खिलाडिय़ों के पिता और कोच बुधराम सारंग ने बताया कि ६२ किलो वजन वर्ग में रूस्तम सारंग ने स्नैच में ११९ किलो और क्लीन एंड जर्क में १४७ किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। रजत पदक भी भारत को मिला। महाराष्ट्र के ओंकार अवतारी ने १२० किलो स्नैच और १४५ किलो वजन क्लीन एंड जर्क में उठाया। तीसरे स्थान पर मेजबान मलेशिया के अब्दुल कादिर रहे। उन्होंने १२० किलो स्नैच और १४० किलो वजन क्लीन एंड जर्क में उठाया।

जूनियर वर्ग के ७७ किलो वजन समूह में छत्तीसगढ़ के अजय दीप सारंग ने १२० किलो स्नैच में और १५३ किलो क्लीन एंड जर्क में वजन उठाकर रजत पदक जीता। इस वर्ग का स्वर्ण पदक भारत के अजीत टोपो ने जीता। उन्होंने १३० किलो स्नैच और १५४ किलो क्लीन एंड जर्क में वजन उठाया। तीसरे स्थान पर न्यूजीलैंड का भारोत्तोलक रहा। उसने १२१ किलो स्नैच और १४५ किलो क्लीन एंड जर्क में वजन उठाया।

सारंग बंधुओं को प्रमोशन की उम्मीद

छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय खेल सितारे रूस्तम सारंग के साथ उनके छोटे भाई अजयदीप सारंग ने कामनवेल्थ भारोत्तोलन में स्वर्ण और रजत पद जीते हैं। इन पदकों के बाद अब इनको प्रमेशन की उम्मीद हो गई है। रूस्तम जहां पुलिस विभाग में कार्यरत हैं, वहीं अजय बीएसएनएल में काम करते हैं। एडीजी रामनिवास ने रूस्तम के स्वर्ण जीतने पर खुशी जाहिर करते हुए प्रमोशन की संभावना जताई है।
छत्तीसगढ़ के खेल जगत के लिए गुरुवार का दिन खास रहा। इस दिन मलेशिया में छत्तीसगढ़ के दो माटी पुत्रों ने पदक जीतने का कमाल दिखाया। वैसे ये दोनों भाई रूस्तम सारंग के साथ अजयदीप सारंग लगातार राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने का काम कर रहे हैं। रूस्तम ने जहां दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता है, वहीं अजय ने पहली बार पदक जीता है। वैसे वह पहले विश्व चैंपियनशिप में खेल चुके हैं, पर तब उनको पदक नहीं मिला था।
रूस्तम के पदक जीतने पर प्रतिक्रिया पूछा जाने पर एडीजी राम निवास ने कहा कि यह पुलिस विभाग के लिए गौरव की बात है कि उनके एक जवान ने विदेश में जाकर कामनवेल्थ में स्वर्ण जीतने का काम किया है। उन्होंने पूछने पर कहा कि जरूर रूस्तम प्रमोशन के हकदार हैं और उनको नियमानुसार प्रमोशन जरूर मिलेगा। रूस्तम इस समय तीसरी बटालियन में एपीसी हैं।

ओलंपिक में पदक जीतने की क्षमता है

दोनों खिलाडिय़ों के पिता और कोच विक्रम पुरस्कार प्राप्त बुधराम सारंग को इस बात पर गर्व है उनके लाड़ले अपने राज्य छत्तीसगढ़ के साथ देश का नाम विदेश में रौशन करने का काम कर रहे हैं। वे कहते हैं कि मैंने अपनी क्षमता के अनुसार दोनों बच्चों को सुविधाएं देने का काम किया है। बहुत सी सीमित सुविधाओं में दोनों ने जैसा प्रदर्शन किया है, उससे साफ लगता है कि अगर इनको और सुविधाएं मिले तो ये बच्चे और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। पूछने पर वे कहते हैं कि मैं उनके कोच होने के नाते जरूर यह बात कह सकता हूं कि इन बच्चों में ओलंपिक में भी पदक जीतने की क्षमता है।
इन दोनों बच्चों को ओलंपिक में पदक जीतने के लायक अंतरराष्ट्रीय वालीबॉल खिलाड़ी और राज्य पहले गुंडाधूर पुरस्कार प्राप्त पुलिस विभाग में कार्यरत आशीष अरोरा भी मानते हैं। उनका कहना है कि मैं तो काफी पहले से यह बात कहते रहा हूं कि जिस उम्र में रूस्तम सीनियर वर्ग में पदक जीत रहे हैं, उसको देखते हुए यह तय है कि अगर इस खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं खास कर डाइट के लिए पर्याप्त राशि दी जा ेतो यह खिलाड़ी ओलंपिक में देश को पदक दिला सकते हैं। आशीष कहते हैं कि रूस्तम के पुलिस विभाग में होने के कारण वे उनके खेल को करीब से जानते हैं। रूस्तम का छोटा भाई भी काबिल है और उसमें भी ओलंपिक में पदक जीतने की क्षमता है।

खेल मंत्री की बधाई

प्रदेश के इन दोनों खिलाडिय़ों को पदक जीतने पर खेल मंत्री लता उसेंडी ने बधाई देते हुए कहा कि ऐसे खिलाडिय़ों को जिस भी मदद की जरूरत होगी हमारी सरकार देगी। खेल संचालक जीपी सिंह ने भी कहा कि जो खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक ला रहे हैं उनसे जरूर यह उम्मीद की जा सकती है कि वे ओलंपिक में भी पदक ला सकते हैं। अब इसके लिए उनको किस तरह की मदद की दरकार है, वह योजना बनाकर खेल विभाग को दी जाए तो शासन से मदद दिलाने का काम हम करेंगे। पदक विजेताओं को डीजी विश्व रंजन के साथ एडीजी रामनिवास ने भी बधाई दी है।

प्रदेश की ५ खिलाड़ी संभावित टीम में

एशियन फीबा यूथ बास्केटबॉल चैंपियनशिप के लिए चुनी गई भारत की संभावित टीम में छत्तीसगढ़ की पांच खिलाडिय़ों को रखा गया है। यह शिविर २१ अक्टूबर से बोलपुर में प्रारंभ हो रहा है। प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए प्रदेश की पांचों खिलाड़ी रवाना हो गई हैं।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के महासचिव और प्रशिक्षक राजेश पटेल ने बताया कि भारत में ३० नवबंर ने पहली एशियन यूथ फीबा चैंपियनशिप का आयोजन पूणे में किया गया है। इसके लिए चुनी गई भारत की २० सदस्यों की संभावित टीम में छत्तीसगढ़ की पांच खिलाडिय़ों ए. कविता, पुष्पा निषाद, रंजीता कौर, संगीता मंडल के साथ सृष्टि उरांव का चयन किया है। ये सभी खिलाड़ी बोलपुर (पं. बंगाल में २१ अक्टूबर से २६ नवंबर तक होने वाले प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए रवाना हो गई हैं। प्रशिक्षण शिविर के बाद अंतिम १२ खिलाडिय़ों की टीम तय की जाएगी। अंतिम टीम में छत्तीसगढ़ की कम से कम तीन खिलाडिय़ों के चुने जाने की संभावना है। श्री पटेल ने बताया कि भारत की संभावित टीम में चुनी गई खिलाड़ी पिछले चार से प्रदेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने का काम कर रही हैं।

पाइका के खिलाडिय़ों को चयन ट्रायल में आमंत्रण

पाइका के रायपुर जिले के करीब एक दर्जन फ्रुटबॉलरों को रायपुर फुटबॉल संघ ने रायपुर में टीम में स्थान बनाने का मौका देने की एक पहल करते हुए चयन ट्रायस में आमंत्रित किया है।
यह जानकारी देते हुए जिला पाइका के रायपुर जिले के करीब एक दर्जन फ्रुटबॉलरों को रायपुर फुटबॉल संघ ने रायपुर में टीम में स्थान बनाने का मौका देने की एक पहल करते हुए चयन ट्रायस में आमंत्रित किया है।
यह जानकारी देते हुए जिला फटुबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि जब तिल्दा में जिला पाइका के अंतर्गत फुटबॉल का आयोजन हुआ तो उनको वहां पर करीब दर्जन खिलाड़ी जिनमें तिल्दा के एस. शरद, विनय, रोकेश, डोगेश्वर, महेन्द्र, अभनपुर के जेविनयर, बलौदा बाजारके रवि, बिलाई के रोहित निषाद के साथ कसडोल और गरियाबंद के २-२ खिलाड़ी ऐसे लगे जिनमें ऐसी प्रतिभा नजर आई कि इनको अगर मौका दिया जाए तो ये बहुत आगे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में इन सभी खिलाडिय़ों को रायपुर जिले की टीम के चयन ट्रायल में आमंत्रित किया गया है। श्री प्रधान ने बताया कि इन खिलाडिय़ों में से जरूर पांच-छह खिलाड़ी रायपुर की टीम में स्थान बना सकते हैं।
श्री प्रधान ने कहा कि वैसे भी हमारे फुटबॉल संघ का शुरू से ही ग्रामीण प्रतिभाओं को मौका देने का मकसद रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य फुटबॉल का आयोजन कोरिया में होने है जिसके लिए टीम बनाई जानी है। संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि जब तिल्दा में जिला पाइका के अंतर्गत फुटबॉल का आयोजन हुआ तो उनको वहां पर करीब दर्जन खिलाड़ी जिनमें तिल्दा के एस. शरद, विनय, रोकेश, डोगेश्वर, महेन्द्र, अभनपुर के जेविनयर, बलौदा बाजारके रवि, बिलाई के रोहित निषाद के साथ कसडोल और गरियाबंद के २-२ खिलाड़ी ऐसे लगे जिनमें ऐसी प्रतिभा नजर आई कि इनको अगर मौका दिया जाए तो ये बहुत आगे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में इन सभी खिलाडिय़ों को रायपुर जिले की टीम के चयन ट्रायल में आमंत्रित किया गया है। श्री प्रधान ने बताया कि इन खिलाडिय़ों में से जरूर पांच-छह खिलाड़ी रायपुर की टीम में स्थान बना सकते हैं।
श्री प्रधान ने कहा कि वैसे भी हमारे फुटबॉल संघ का शुरू से ही ग्रामीण प्रतिभाओं को मौका देने का मकसद रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य फुटबॉल का आयोजन कोरिया में होने है जिसके लिए टीम बनाई जानी है।

गुरुवार, 22 अक्तूबर 2009

रायपुर की जीत में मुकुल की घातक गेंदबाजी



मुकुल सिंह की घातक गेंदबाजी के चलते रायपुर ने आज से प्रारंभ हुई स्व. विनोद पेंढारकर स्मृति अंडर-16 अंतर जिला क्रिकेट स्पर्धा के उद्घाटन मैच में दुर्ग जिले को 8 विकेट से पराजित कर दिया।

स्व. विनोद पेंढारकर स्मृति अंडर-16 अंतर जिला क्रिकेट स्पर्धा का उद्घाटन मैच आज नये क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया। दुर्ग की टीम ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया लेकिन उसकी पूरी टीम इसका लाभ नहीं उठा सकी और 39.3 ओवर में 139 रन बनाकर वापस पेवेलियन लौट गई। रायपुर की ओर से ले टआर्म स्पिनर मुकुल सिंह ने 6 ओवर में 12 रन देकर दुर्ग के 5 खिलाडिय़ों को वापस पेवेलियन भेजा। दुर्ग की ओर से ऐश्वर्य मार्या ने 43 और आशीष ने 34 रनों की उपयोगी पारियां खेली। 140 रन के विजय लक्ष्य को लेकर उतरी रायपुर की टीम ने 36 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर यह लक्ष्य हासिल कर लिया। कप्तान अंकित सिंह ने 57 और अतुल पॉल ने 21 रनों का योगदान दिया। इस विजय के साथ ही रायपुर की टीम प्रतियोगिता के सेमीफायनल में पहुंच गई है जहां उसका मुकाबला 23 अक्टूबर को इसी मैदान पर भिलाई इलेवन के साथ होगा। भिलाई ने राजनांदगांव को, बिलासपुर ने रायगढ़ को, सरगुजा ने कोरबा को, धमतरी ने कांकेर को, नारायणपुर ने दंतेवाड़ा को, कवर्धा ने महासमुंद को तथा जशपुर ने जांजगीर-चांपा को पराजित कर अगले दौर में प्रवेश कर लिया।

बुधवार, 21 अक्तूबर 2009

रायपुर-दुर्ग में मैच नये क्रिकेट स्टेडियम में

स्व. विनोद पेंढारकर स्मृति अंडर-16 अंतर जिला क्रिकेट स्पर्धा 21 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है। इस प्रतियोगिता में भिलाई सहित 18 टीमें शिरकत कर रही है जिन्हें एलिट और प्लेट ग्रुप में रखा गया है। प्रतियोगिता का उद्घाटन मैच कल नये क्रिकेट स्टेडियम में रायपुर और दुर्ग के मध्य खेला जाएगा।

यह जानकारी छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के सचिव राजेश दवे ने दी। उन्होंने बताया कि पहली बार यह प्रतियोगिता बीसीसीआई के नये फारर्मेट के आधार पर खेली जा रही है। इस प्रतियोगिता में एलिट और प्लेट ग्रुप बनाए गए है। प्लेट ग्रुप में शीर्ष स्थान पर रहने वाली दो टीमें अगले वर्ष स्वत: ही एलिट ग्रुप में स्थान प्राप्त कर लेंगी। इसी प्रकार से एलिट ग्रुप में अंतिम दो स्थानों पर रहने वाली टीमें प्लेट ग्रुप में चली जाएंगी। नये फारर्मेट के आधार पर एलिट ग्रुप की विजेता टीम शेष एलिट ग्रुप तथा क बाइड प्लेट इलेवन आपस में लीग मैच खेलेगी।

राजेश दवे ने बताया कि पहली बार नारायणपुर को जिला का दर्जा मिलने के बाद वहां की टीम इस प्रतियोगिता में शामिल होगी। प्रतियोगिता में कुल 18 टीमें शामिल हो रही है जिसमें भिलाई इलेवन की टीम भी शामिल है। एलिट ग्रुप में 8 टीमों को रखा गया है जबकि प्लेट ग्रुप में 10 टीमों को स्थान दिया गया है। इस प्रतियोगिता के समापन के बाद 30 खिलाडिय़ों का चयन ट्रायल प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाएगा तथा अंतिम 16 खिलाडिय़ों का चयन छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट टीम के लिए किया जाएगा। यह टीम पहली बार बीसीसीआई के क्रिकेट स्पर्धाओं में भाग लेगी। प्रतियोगिता का उद्घाटन मैच रायपुर और दुर्ग के बीच राजधानी के नये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। इसके अलावा राजनांदगांव वि. भिलाई, सरगुजा वि. कोरबा, धमतरी वि. कांकेर, दंतेवाड़ा वि. नारायणपुर तथा महासमुंद वि. जशपुर नगर के मध्य शेष अन्य मुकाबले खेले जाएंगे। उन्होंने बताया कि 11 नवंबर से अंडर-19 अंतर जिला क्रिकेट प्रतियोगिता प्रारंभ हो रही है।

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

प्रतिभा खोज में साई मदद करेगा

प्रदेश के खेल विभाग ने गांव-गांव में दस्तक देकर खेल की प्रतिभाओं को तलाश कर तरासने की योजना बनाई है। इस योजना में स्कूल स्तर के साथ विकासखंड और जिले के बाद राज्य स्तर पर प्रतिभाओं को परखने के बाद ही चुना जाएगा। चुनी गई सभी प्रतिभाओं को उनकी रूचि के मुताबिक खेलों में प्रशिक्षण दिलाने का काम सरकार करेगी। इस योजना के पहले चरण के अंत में कम से कम ५० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। इन खिलाडिय़ों को भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई की मदद से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए साई से भी सहमति दे दी है।

इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की खेल नीति में ही ग्रामीण प्रतिभाओं को तरासने की बात है। ऐसे में प्रतिभा खोज योजना के तहत प्रदेश के हर गांव में प्रतिभाएं तलाशने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है। इस योजना के अंत में राज्य स्तर पर चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना चार चरणों में होगी। पहले चरण में स्कूल स्तर को रखा गया है, इसके बाद विकासखंड स्तर फिर जिला स्तर और अंत में राज्य स्तर है। इस योजना में ८ से १४ साल के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि बच्चा किसी खेल से जुड़ा हो, लेकिन उसकी खेलों में रूचि होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जो खिलाड़ी सब जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं उनको सीधे प्रवेश की पात्रता होगी।
स्कूल स्तर पर प्रतिभाओं के चयन के लिए जिम्मा स्कूलों के प्रधान पाठक को दिया जाएगा। विकासखंड स्तर पर चयन का जिम्मा विकासखंड अधिकारियों को दिया जाएगा। स्कूल स्तर और विकासखंड स्तर से आने वाले खिलाडिय़ों की प्रतिभाओं को परखने के लिए जिला स्तर पर आयोजन किया जाएगा। हर जिले में यह जिम्मा जिले के खेल अधिकारियों का होगा।

हर जिले से हर वर्ग के जो बच्चे चुनकर आएंगे उनके लिए एक चयन स्पर्धा का आयोजन राजधानी रायपुर में किया जाएगा। दो दिनों की इस प्रतिस्पर्धा में पूरे राज्य से कम से कम ४०० प्रतिभागी शामिल होंगे। इन प्रतिभागियों में से हर वर्ग में ५-५ खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा, यानी कम से कम ५० प्रतियोगियों का अंतिम चयन होगा। यहां पर चयन प्रक्रिया कुछ ज्यादा कठिन होगी। राज्य स्तर का चयन नवंबर माह में करवाने की योजना है। प्रतियोगियों के चयन के बाद उनकी खेलों में रूचि के हिसाब से उनको प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था खेल विभाग करेगा। इस योजना में हर साल प्रतिभाओं की खोज की जाएगा।

खेल संचालक ने बताया कि चुने गए खिलाडिय़ों को अच्छा प्रशिक्षण दिलाने के लिए साई से भी मदद ली जाएगी। इसके लिए खेलमंत्री लता उसेंडी की पहल पर साई से चर्चा कर ली गई है। साई प्रदेश में रायपुर, बिलासपुर और बस्तर सहित कुछ स्थानों में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए भी सहमत हो गया है। साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने इस बारे में संपर्क करने पर बताया कि छत्तीसगढ़ की इस योजना के लिए साई ने अलग से विशेष योजना तैयार की है। इस योजना में ८ से १४ साल के प्रतिभागियों का चयन होगा और इनके प्रशिक्षण का सारा खर्च साई करेगा।

टीम में स्थान पाने मशक्कत

सप्रे स्कूल के मैदान में राजधानी की महिला फुटबॉलर रायपुर जिले की टीम में स्थान पाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही हैं। करीब तीन दर्जन खिलाडिय़ों के बीच मुकाबला है। इन खिलाडिय़ों में से १६ खिलाडिय़ों को अंतिम टीम में स्थान मिलना है। चुनी गई टीम २२ अक्टूबर से दुर्ग में होने वाली राज्य स्पर्धा में खेलने जाएगी। टीम की खिलाडिय़ों को ट्रायल के साथ कड़ा अभ्यास कराने का काम वरिष्ठ फुटबॉलर मुश्ताक अली प्रधान के साथ एनआईएस कोच सरिता कुजूर कर रही हैं।

दीवावली के अवकाश के बाद सप्रे स्कूल के मैदान में सोमवार से राजधानी की महिला फुटबॉलर फिर से जमा हुई हैं और इन खिलाडिय़ों को सबसे पहले फिटनेस का अभ्यास कराने के बाद दो टीमों में बांटकर मैच करवाया गया। मैच पूरी तरह से ऐसा था मानो सच में मुकाबला हो रहा है। खिलाडिय़ों को कोच मुश्ताक अली प्रधान से साफ कह दिया था कि इस मैच को ट्रायल मैच न समङाते हुए एक मुकाबला समङाा जाए और बिना लापरवाही के मैच खेला जाएगा। जिनका खेल अच्छा होगा उनको ही टीम में स्थान मिलेगा। यहां पर किसी भी तरह की कोई बहानेबाजी चलने वाली नहीं है। उन्होंने बताया कि इस समय करीब तीन दर्जन खिलाडिय़ों ने अपना नाम चयन ट्रायल के लिए लिखवाया है। ट्रायल का पहला चरण १४ और १५ अक्टूबर को कर लिया गया था। अब अंतिम चरण का ट्रायल किया जा रहा है। इस ट्रायल के बाद २१ अक्टूबर को जिले की टीम का चयन करके दुर्ग खेलने के लिए भेजा जाएगा। ट्रायल में कल का दिन अंतिम होगा।

उन्होंने पूछने पर बताया कि चयन ट्रायल में खिलाडिय़ों को लड़कों की टीम के साथ भी खिलाया जाता है ताकि उनका खेल अच्छा हो सके। उन्होंने बताया कि यह ट्रायल अंडर १९ साल की टीम का है।

रायपुर में विजेता बनने का दम है

एक सवाल के जवाब में मुश्ताक अली ने बताया कि रायपुर की टीम में ही विजेता बनने का दम है। पिछले साल जब जगदलपुर में स्पर्धा हुई थी तब रायपुर की टीम विजेता बनी थी। इस बार भी रायपुर को खिताब मिले इसके लिए ट्रायल में ही कड़ा अभ्यास करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंडर १४ और अंडर १७ में भी रायपुर की टीम विजेता है। अगर अंडर १९ साल का भी खिताब मिल जाता है तो रायपुर के पास सभी वर्गों का खिताब हो जाएगा। उन्होंने पूछने पर बताया कि दुर्ग में २२ से २४ अक्टूबर तक होनी वाली चैंपियनशिप में रायपुर के साथ दुर्ग, कांकेर, बस्तर, राजनंदगांव, कोरबा और जशपुर की टीमें खेलने आएंगी। महिला फुटबॉल में कम जिलों की टीमें ही आती हैं।

बास्केटबॉल और वालीबॉल के लिए रायपुर जोन की टीम

कवर्धा में होने वाली राज्य शालेय बास्केटबॉल और वालीबॉल के लिए रायपुर जोन की टीम घोषित कर दी गई है। यह टीम यहां से २४ अक्टूबर को कवर्धा के लिए रवाना होगी। वहां पर २५ से २८ अक्टूबर तक स्पर्धा होगी।
यह जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के जिला खेल अधिकारी सीएस बघेल ने बताया कि कवर्धा में बास्केबॉल में अंडर १९ साल और वालीबॉल अंडर १७ साल के साथ अंडर १४ साल वर्ग में बालक-बालिका के मुकाबले होंगे। रायपुर जोन की टीमें इस प्रकार हैं: बास्केटबॉल अंडर १९ साल बालिका दीपाली मतेलकर, अंशु श्रीवास, अमिता मिंज, मोनिका सेन, ज्योति लिहारे, फिजा परवीन, नम्रता केशवानी, सादया, सबा। जी. विनीता, अर्पणा सेन एवं ज्योति वर्मा। बालक टीम- लोकेश कंवर, मो. रिजवान, लेकेश सागर, मो. साजिद खान, नितिन कश्यप, विजय दुबे, अब्बास जाकरिया, भावेश यादव, मो. फैजुल, सनप्रीत सिंह, अमन राज सिंह, रंजीत कुमार।

वालीबॉल अंडर १७ साल बालक- अतुल यादव, हेमंत यादव, गौरव वर्मा, धनेन्द्र सिंह, सैमुद्दीन, शिवकुमार तांडी, टिकेश्वर, प्रतीक मसीह, गुरुदर्शन सिंह, जितेन्द्र उमा शंकर साहू, भपेन्द्र।
बालिका टीम- डिम्पल यदुवंशी, नंदनी भतपहरी, अंशु ध्रुव, प्रतिभा मानिकपुरी, अनिता ढीमर, संगीता यादव, रीतिका प्रधान, खिलेश्वरी, आरती, सोनम साहू, नंदनी, पूजा कोसरिया।

अंडर १४ साल बालक- राजदीप सिंग, छगन, युगांत वर्मा, प्रणय जय प्रकाश, ओमप्रकाश बंजारे, लखन सिंह, प्रलय मंगल, सोनल कुमार, दीपक यादव, हर्ष शर्मा, शुभम साहू, सौरभ अग्रवाल,। बालिका टीम पायल प्रधान, भैरव बाई, परिणीता, आफरीन मेमन, निकिता प्रधान, पूजा वर्मा, लीना राजपूत, मंजुषा वर्मा, यामनी यादव, नीतू यादव, विद्या वर्मा। दल प्रबंधक अयूब अली।

सोमवार, 19 अक्तूबर 2009

रायपुर का साई सेंटर खटाई में

राजधानी रायपुर का साई सेंटर अब खटाई में पड़ गया है। इस सेंटर के अब कम से कम इस नगर निगम के सत्र में प्रारंभ होने की संभावना नहीं है। इस सेंटर के लिए केवल एमओयू होना ही बचा था और संभावना जताई जा रही थी कि अमित कटारिया के आते ही एमओयू हो जाएगा, लेकिन अब तो श्री कटारिया निगम के आयुक्त ही नहीं रहे ऐसे में अब एमओयू का होना संभव नहीं लगता है। इस सेंटर के खटाई में पडऩे से राजधानी के खिलाड़ी बहुत ज्यादा निराश हैं। इस सेंटर के लिए सबसे ज्यादा प्रयास खेल संचालक जीपी सिंह ने किए थे।

प्रदेश का खेल विभाग काफी समय से प्रदेश में भारतीय खेल प्राधिकरण की मदद से खेलों का विकास करने में लगा है। इसी कड़ी में रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में साई सेंटर प्रारंभ करने की योजना को अंतिम रूप भी दे दिया गया था। इसके लिए भारतीय खेल प्राधिकरण और नगर निगम के बीच एमओयू करने की पूरी तैयारी यहां पर १७ सितंबर को कर ली गई थी, इस दिन साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु रायपुर आए थे। उनके आने का फायदा उठाते हुए खेल विभाग ने एमओयू को अंतिम रूप देने के लिए पूरी तैयारी की और निगम के आयुक्त अमित कटारिया के बाहर होने की वजह से एमओयू में हस्ताक्षर करने के लिए अतिरिक्त आयुक्त अमृता चोपड़ा को सहमत कर लिया गया था। लेकिन जिस दिन एमओयू होना था उसी दिन अचानक अतिरिक्त आयुक्त ने एमओयू करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस मामले में उनको पूरी जानकारी नहीं है, साथ ही उन्होंने कहा कि शासन से इसके लिए अनुमति नहीं ली गई है। ऐसे में एमओयू को स्थगित कर दिया गया था। इस बारे में तब आरके नायडु ने स्पष्टीकरण दिया था कि निगम को कुछ बातों को लेकर संदेह है उनका संदेह दूर कर दिया जाएगा और एमओयू जल्द हो जाएगा।

इस बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने उम्मीद जताई थी कि निगम के आयुक्त अमित कटारिया के आने के बाद एमओयू हो जाएगा क्योंकि उनको सारी बातें मालूम हैं। श्री कटारिया के आने के बाद इस बात की उम्मीद बंधी थी कि अब राजधानी का साई सेंटर प्रारंभ हो जाएगा। अब इससे पहले कि फिर से निगम और साई के बीच एमओयू को लेकर बैठक होती, अचानक एक राजनीतिक घटनाक्रम में श्री कटारिया को निगम के आयुक्त पद से हटा दिया गया। उनके हटते ही अब यह बात तय हो गई है कि अब एमओयू होना संभव नहीं है।

जानकारों का कहना है कि जब तक निगम के नए आयुक्त आएंगे और उनको पूरी योजना के बारे में नए सिरे से समङााया जाएगा, तब तक निगम के चुनाव सामने आ जाएंगे और आचार सहिता लग जाएगी। इसके बाद एमओयू का होना संभव नहीं होगा। चुनाव के बाद निगम के प्रशासन पर किसका कब्जा होता है, उस पर भी साई सेंटर का भविष्य निर्भर रहेगा। अगर फिर से भाजपा काबिज हुई तो एक बार साई सेंटर के प्रारंभ होने की उम्मीद की जा सकती है, अन्यथा सेंटर खुलना संभव नहीं होगा। अब जो कुछ होना है अगले साल होना है। ऐसे में राजधानी के उन खेल संघों के पदाधिकारी और खिलाड़ी निराश हैं जिनके खेलों का यहां पर सेंटर खुलने वाला था।

राजधानी में जुटेंगे प्रदेश के खिलाड़ी

राजधानी रायपुर में एक बार फिर से स्कूली खिलाडिय़ों का मेला लगने वाला है। इस बार देश भर के नहीं बल्कि राज्य भर के सात जोनों के खिलाड़ी यहां आएंगे और ९ खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाकर प्रदेश की टीमों में स्थान बनाने का प्रयास करेंगे। ये मुकाबले यहां पर ७ नवंबर से होंगे। जिन खेलों के मुकाबले होंगे उनमें नए खेल रोप स्कीपिंग के साथ पहली बार राज्य खेलों में शामिल किए गए जंप रोप के मुकाबले भी होंगे।

राजधानी रायपुर में कुछ दिनों पहले ही देश भर से आए खिलाडिय़ों ने नेटबॉल के साथ कबड्डी में भी अपने जौहर दिखाए थे। इन खिलाडिय़ों का खेल देखकर प्रदेश के खिलाडिय़ों ने भी काफी कुछ सीखा। इस चैंपियनशिप में पहली बार प्रदेश को तीन खिताब मिले। अब फिर से राष्ट्रीय चैंपियनशिप की तैयारी में जुटे शिक्षा विभाग ने राजधानी में ९ खेलों कैरम बालक बालिका अंडर १७ एवं १९ साल, टेनीक्वाइट अंडर १९ साल, साफ्टबॉल अंडर १४ साल, लॉन टेनिस अंडर १४ एवं १७ साल, कुश्ती बालक वर्ग णें अंडर १४, १७ एवं १९ के साथ बालिका वर्ग में अंडर १९ साल, रोप स्कीपिंग अंडर १९ साल। इस खेल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी छत्तीसगढ़ में होनी है। फिलहाल इस नए खेल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप को जनवरी में राजनांदगांव में करवाने की योजना है लेकिन इसको राजधानी में करवाने की भी बात की जा रही है। टेनिस बॉल क्रिकेट में अंडर १९ साल और जंप रोप में अंडर १९ साल के बालक-बालिका खिलाड़ी यहां आएंगे और अपनी प्रतिभा दिखाने का काम करेंगे।

इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सात जोनों के खिलाड़ी आएंगे। शिक्षा विभाग को सात जोनों में बांटकर ही राज्य स्तर के मुकाबले करवाए जाते हैं। राजधानी में ७ नवंबर से १० नवंबर तक मुकाबले होंगे। इन मुकाबलों से ही प्रदेश की टीमों का चयन किया जाएगा। चुनी गई टीमें राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाएंगी।

सभी विकासखंड़ों में होगी मैराथन

पाइका में मिली सफलता से उत्साहित होकर अब रायपुर जिले के खेल विभाग ने सभी १५ विकासखंड़ों में मैराथन का भी आयोजन करने की तैयारी प्रारंभ कर दी है। वैसे रायपुर ही ऐसा जिला रहा है जहां पर सभी विकासखंड़ों में मैराथन का आयोजन होता है सभी विकासखंड़ों की टीमें रायपुर मैराथन में शामिल होती हैं। विकासखंड़ो में मैराथन एक नवंबर को होगी। जिला स्तर की मैराथन का आयोजन १४ नवंबर को कसडोल में किया जाएगा।

यह जानकारी देते हुए वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि विकासखंड़ स्तर पर होने वाली मैराथन में पुरुष वर्ग के लिए १० किलो मीटर और महिलाओं के लिए ५ किलो मीटर की दौड़ होगी। इस स्पर्धा में पहले से १०वें स्थानपर रहने वाले थावकों को नकद इनाम दिया जाएगा। ुपहले स्थान के लिए एक हजार, दूसरे के लिए ५००, तीसरे के लिए ३०० चौथे के लिए २०० रुपए और पांचवें से दसवें स्थान के लिए १००-१०० रुपएका इनाम रखा गया है। जिला स्तर में भी नकद इनाम दिया जाता है। यहां पर विजेता को पांच हजार, दूसरे स्थान पर रहे वाले को दो हजार पांच सौ, तीसरे स्थान के लिए १५०० चौथे स्थान के लिए १००० और पांचवें के लिए ५०० रुपए और से छठे से लेकर १०वें स्थान के लिए २५०-२५० रुपए का इनाम दिया जाता है। सबसे ज्यादा इनाम राज्य स्तर पर मिलता है। यहां पर विजेता को एक लाख की राशि मिलती है।

श्री डेकाटे ने बताया कि विकासखंड़ों में एक नवंबर को मैराथन होगी। इसके बाद जिला मैराथन का आयोजन १४ नवंबर को कसडोल में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र में इसलिए किया जाता है ताकि ग्रामीण प्रतिभाओं को मौका मिल सके। मेजबान को अपने ज्यादा खिलाड़ी शामिल करने का भी मौका मिलता है। पिछले साल जिला मैराथन का आयोजन मैनपुर में किया गया था। यहां सभी विकासखंड़ों के धावक आए थे। इस बार भी जिला मैराथन में सभी विकासखंड़ों के धावक शामिल होंगे। जिला मैराथन में पुरुषों के लिए २० किलो मीटर और महिलाओं के लिए १० किलो मीटर की दौड़ होगी।

रविवार, 18 अक्तूबर 2009

प्यार के दीए जलाए

इस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए
जिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए
हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए
सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए
चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए
और सारे गिले-शिकवे भूल जाए

सभी ब्लागर मित्रों को हमारे ब्लाग राजतंत्र के साथ खेलगढ़ की तरफ से दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई

शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2009

छत्तीसगढ़ ने किया राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का दावा

भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव रणधीर सिंह से मुलाकात के बाद ही राष्ट्रीय खेल २०१३ की मेजबानी का दावा छत्तीसगढ़ ने पेश कर दिया है। यह दावा दिल्ली में प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक जीपी सिंह के साथ प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने किया और दावे के लिए सुरक्षा धन के रूप में भारतीय ओलंपिक संघ में दावेदारी के फार्म के साथ ५० लाख का ड्राफ्ट भी जमा किया गया।

प्रदेश की मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह से मिली सहमति के बाद से प्रदेश का खेल विभाग राष्ट्रीय खेल २०१३ की मेजबानी लेने की तैयारी में जुट गया है। इसकी सारी तैयारियां करने के बाद मेजबानी का दावा करने के लिए खेल संचालक जीपी सिंह प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान के साथ तीन दिनों से दिल्ली में डटे हुए थे। हरिभूमि के संपर्क करने पर श्री सिंह ने बताया कि ओलंपिक संघ के महासचिव राजा रणधीर सिंह से १४ अक्टूबर को मुलाकात की और उनको खेल विभाग द्वारा तैयार किया गया वो ब्रोसर भी दिया गया जिसमें छत्तीसगढ़ के खेल मैदानों और राष्ट्रीय आयोजनों की जानकारी है।

महासचिव से मुलाकात के बाद भारतीय ओलंपिक संघ के दफ्तर में जाकर मेजबानी का फार्म और का ड्राफ्ट जमा कर दिया गया है। अब ओलंपिक संघ का एक दल यहां आएगा और यहां के मैदानों की स्थिति का अवलोकन करके अपनी रिपोर्ट ओलंपिक संघ को देगा। ओलंपिक संघ की बैठक में मेजबानी का फैसला होगा। वैसे ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिल ही जाएगी क्योंकि इसके लिए ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल की भी मदद लेने की बात की जा रही है। श्री शुक्ल की ओलंपिक संघ में तूती बोलती है और उनके कहने के बाद मेजबानी मिलना तय हो जाएगा। मेजबानी तय होने पर ओलंपिक संघ को एक करोड़ पचास लाख रुपए और देने होंगे

गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

कराते टीम जयपुर जाएगी

राष्ट्रीय कराते चैंपियनशिप में खेलने जाने वाली प्रदेश की टीम यहां पर सोमवार को घोषित कर दी गई। यह टीम जयपुर में २१ से २४ अक्टूबर तक होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाएगी।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश कराते संघ के अजय साहू ने बताया कि प्रदेश की टीम में २० खिलाड़ी और अधिकारी शामिल हैं। टीम इस प्रकार है- आयुष उपाध्याय, लक्की मरकाम, विनोद उपाध्याय, हर्षा साहू, भाविका साहू, अनीस मनिहार, विजय निषाद, संजय वर्मा, चेयन यादव, अब्दुल नफीज, नीरज शुक्ला, राजू धीवर, नेमधारी सोनवाली, सत्यम देवांगन, भास्कर दुर्गा, जितेन्द्र हियाल, अह्दुल खालिक। टीम के कोच अजय साहू हैं। प्रदेश की टीम यहां से १९ अक्टूबर को रवाना होगी। वहां पर रेफरी क्लीनिक भी होगा।

मंगलवार, 13 अक्तूबर 2009

मेजबानी का ड्राफ्ट आज होगा जमा

राष्ट्रीय खेल २०१३ की मेजबानी लेने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ को ५० लाख का ड्राफ्ट मंगलवार को दिल्ली में दिया जाएगा। इसी के साथ मेजबानी लेने का दावा करने वाला फार्म भी जमा किया जाएगा।

खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि वे ड्राफ्ट के साथ मेजबानी के दावेदारी वाला फार्म लेकर सोमवार को दिल्ली रवाना हो गए हैं। वहां पर भारतीय ओलंपिक संघ के कार्यालय में यह ड्राफ्ट और फार्म जमा किया जाएगा।

पूर्व में यह ड्राफ्ट देने के लिए खेल मंत्री लता उसेंडी भी साथ में जाने वाली थी और वहां जाकर वह भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी से मुलाकात भी करती, लेकिन श्री कलमाड़ी के कामनवेल्थ खेलों की तैयारी में लगे होने के कारण उनसे मुलाकात का अभी समय नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में दावेदारी के साथ ड्राफ्ट जमा करने के लिए खेल संचालक को भेजा जा रहा है। श्री सिंह ने बताया कि जैसे ही श्री कलमाड़ी से समय मिल जाएगा खेल मंत्री उनसे मिलने जाएँगी। १४ या १५ अक्टूबर को मुलाकात संभव है।

सोमवार, 12 अक्तूबर 2009

राष्ट्रीय पदकों पर लगाएं निशाने



राज्य निशानेबाजी के समापन में खेल मंत्री ने कहा


प्रदेश की खेलमंत्री लता उसेंडी ने प्रदेश के खिलाडिय़ों से आव्हान किया है कि यहां पर राज्य स्तर पर अपने खेल का कौशल दिखाने के बाद अब प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदकों पर निशाने लगाने का काम करें और राज्य का नाम रौशन करें।

माना शूटिंग रेंज में आज समापन अवसर पर मुख्यअतिथि खेल मंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर पदक जीतने वाले सभी खिलाडिय़ों को मैं बधाई देती हूं साथ ही आशा करती हूं कि यहां के खिलाड़ी अब राष्ट्रीय स्तर पर जाकर राज्य का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि शूटिंग काफी महंगा खेल है, इसमें प्रदेश सरकार से जो भी मदद हो सकेगी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वैसे भी खेलों के विकास में लगी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर खेल का विकास किया जाएगा चाहे वह खेल सस्ता हो या फिर महंगा।


उन्होंने बताया कि अब तो सरकार ने राष्ट्र्रीय खेलों की मेजबानी लेने का भी फैसला कर लिया है और इसकी सारी तैयारी चल रही है। हम लोग २०१३ के राष्ट्रीय खेलों की दावेदारी कर रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार बांटे। चैंपियनशिप में करीब आधा दर्जन खिलाड़ी राष्ट्रीय चैंपियनशिप की पहली कड़ी मावलंकर में खेलने की पात्रता प्राप्त कर चुके हैं।

रविवार, 11 अक्तूबर 2009

छत्तीसगढ़ को तिहरा स्वर्ण

नेटबॉल के साथ कबड्डी में भी मिली खिताबी जीत

मेजबान छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय शालेय नेटबॉल में अंडर १७ साल में बालकों के साथ बालिका वर्ग का भी खिताब जीत लिया। यह पहला अवसर है जब छत्तीसगढ़ को दोहरा खिताब मिला है। दोनों ही वर्गों में मेजबान ने दिल्ली को मात दी। कबड्डी के बालक वर्ग में भी मेजबान ने दिल्ली को परास्त कर खिताब जीता और अपने स्वर्ण पदकों की संख्या तीन कर ली। चौथा स्वर्ण हरियाणा के हाथ लगा। दिल्ली को सभी वर्गों में रजत पदक मिले।

रविवि के मैदान में सुबह के सत्र में नेटबॉल में बालिका वर्ग का फाइनल छत्तीसगढ़ और दिल्ली के बीच खेला गया। इस मैच में मेजबान टीम ने दिल्ली को आसानी से १३-५ से मात दी। पहले हॉफ में विजेता टीम ९-२ से आगे थी। छत्तीसगढ़ ने पहली बार ही यह खिताब जीता है। इसके पहले पिछले साल में दिल्ली में हुई चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ की टीम दिल्ली से ही फाइनल में मात खा गई थी। विजेता टीम में आस्मा खान, खुशबू, लाकेश्वरी यादव, प्रकृति कासकर, सुधा, साक्षी, निकिता डहरिया, वर्षा सिंग, आस्था गुप्ता, माधवी, निशा पीटर, एलीस पीटर थीं। टीम को कोच उमेश सिंह ठाकुर और मैनेजर अनामिका सिंह थे।

बालक वर्ग के फाइनल में भी मेजबान का सामना दिल्ली से हुआ। यहां भी बाजी छत्तीसगढ़ के हाथ लगी। यहां पर मेजबान टीम १९-१० से जीती। पहले हॉफ में विजेता टीम १४-५ से आगे थी। पिछले साल छत्तीसगढ़ को कांस्य पदक मिला था। बालक वर्ग का खिताब भी छत्तीसगढ़ ने पहली बार जीता। विजेता टीम से पलास यदु, विक्की शुक्ला, विशाल रजक, भीम महानंद, कमल जाल, पृथ्वीराज कासकर, देवेन्द्र दास, सत्येद्र पूरी गोस्वामी, उत्तम साहू, प्रकाश विश्वकर्मा, जोएल हर्ष प्रकाश खेले। टीम के कोच शरद पंसारी थे।

इधर कबड्डी में बालकों के फाइनल में भी मेजबान ने इतिहास रचते हुए खिताब जीत लिया। खिताब के लिए हुए कड़े मुकाबले में छत्तीसगढ़ ने दिल्ली को ३३-२७ से मात दी। पहले हॉफ में २४-२३ से छत्तीसगढ़ की टीम आगे थी। विजेता टीम से मनोज यादव, सुरेश साहू, लक्ष्मी प्रसाद, दिनेश यादव, खिलावन साहू, अमल सिंह, सुखानू, रसीक अली, परसराम, प्रमोद, ओमप्रकाश और चन्द्रकांत खेले।
इसके पहले सुबह के सत्र में खेले गए क्वार्टर फाइनल मैचों में बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ ने हिमाचल को ५-१६, दिल्ली ने हरियाणा को ३१-१२, कर्नाटक ने महाराष्ट्र को १६-१५ और मप्र ने उप्र को ४२-४१ से मात दी। सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ ने कर्नाटक को ३०-१४ और दिल्ली ने मप्र को २८-५ से हराया। बालिका वर्ग में मेजबान टीम क्वार्टर फाइनल में दिल्ली ने १९-२३ से मात का गई। अन्य मैचों में नवोदय ने उत्तराखंड को ३३-२०, उप्र ने पंजाब को २७-२४ और हरियाणा ने महाराष्ट्र को ३२-१९ से मात दी। सेमीफाइनल में हरियाणा ने उप्र को २९-९ और दिल्ली ने नवोदय को ५५-१० से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। फाइनल में हरियाणा ने कड़े मुकाबले में दिल्ली को २४-२३ से मात देकर खिताब जीता।

शनिवार, 10 अक्तूबर 2009

छत्तीसगढ़ दोहरे खिताब के करीब

मेजबान छत्तीसगढ़ की बालकों के साथ बालिका टीम ने राष्ट्रीय शालेय नेटबॉल के फाइनल में स्थान बना लिया है। दोनों वर्गों के सेमीफानल में मेजबान ने कर्नाटक को मात दी। अब बालक वर्ग के साथ बालिका वर्ग में भी छत्तीसगढ़ का खिताबी मुकाबला दिल्ली से होगा।

रविवि के मैदान में चल रही स्पर्धा के बालक वर्ग के सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ ने कर्नाटक को आसानी से ३१-१४ से मात दी। दूसरे सेमीफाइनल में दिल्ली ने पंजाब को २०-८ से हराया। बालिका वर्ग का पहला सेमीफाइनल छत्तीसगढ़ और कर्नाटक के बीच खेला गया। इसमें छत्तीसगढ़ ने २६-१३ से जीत प्राप्त की। दूसरे सेमीफाइनल में दिल्ली ने पंजाब को ९-७ से मात दी। इसके पहले सुबह के सत्र में खेले गए लीग मैचों में बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ ने हरियाणा को २८-१८, पंजाब ने मप्र को १३-२, छत्तीसगढ़ ने तमिलनाडु को २०-६ से मात दी। चंडीगढ़ और एपी का मुकाबला १०-१० से बराबरी पर छूटा। बालिका वर्ग में पंजाब ने तमिलनाडु को १६-४, छत्तीसगढ़ ने चंडीगढ़ को १४-१, दिल्ली ने कर्नाटक को ११-७ से मात दी।

कबड्डी के लीग मैचों में बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ ने राजस्थान को ३०-०७ , हरियाणा ने राजस्थान को ५४-०७, उप्र ने तमिलनाडु को ६१-१७, गुजरात ने उड़ीसा को ७३-२८, नवोदय ने एपी को ४२-४१ महाराष्ट्र ने पंजाब को ४४-१६ से मात दी। बालिका वर्ग में छत्तीसगढ़ ने पंजाब को २१-०, नवोदय ने हिमाचल को ४९-३९, महाराष्ट्र ने एपी को ४९-०६, हरियाणा ने चंडीगढ़ को ४१-०२, कर्नाटक ने राजस्थान को २८-१५ एवं नवोदय ने मप्र को ४७-१५ से हराया। छत्तीसगढ़ कबड्डी के दोनों वर्गों में अपने सभी मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया है। क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल के मुकाबले सुबह के सत्र में और फाइनल शाम के सत्र में होगा।

अदरीता-आदित्य चैंपियन

अखिल भारतीय लॉन टेनिस में शीर्ष वरीयता प्राप्त बंगाल की अदराती बनर्जी ने अंडर १४ साल के साथ अंडर १६ साल का भी खिताब जीत लिया। उड़ीसा के आदित्य पटनायक ने भी दोहरा खिताब अपने नाम किया।

यूनियन क्लब के कोर्ट में आज अंडर १४ साल बालिका वर्ग का खिताबी मुकाबला अदरीता बनर्जी का महाराष्ट्र की शिखा एच दासानी से हुआ। इस मुकाबले मेंस अदरीता के सामने शिखा ठहर ही नहीं सकी और अदरीता ने सीधे सेटों में ६-२, ६-२ से मैच जीतकर खिताब जीत लिया। बालक वर्ग में आदित्य पटनायक ने अपने ही राज्य के शक्ति स्वरूप रे को खिताबी मुकाबले में ६-१, ६-३ से परास्त कर खिताब जीता।

अंडर १६ बालिका वर्ग में भी अंडर १४ के फाइनल में भिडऩे वाली अदरीता और शिखा के बीच मुकाबला हुआ। यहां भी अदरीता ने बाजी मारी और दोहरा खिताब अपने नाम किया।
बालक वर्ग का फाइनल मैच आदित्य और शिव सात्वीके के बीच खेला गया। इसमें आदित्य को शिव ने ७-५, ६-१ से मात देकर दोहरे खिताब से वंचित कर दिया।

शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2009

छत्तीसगढ़ सेमीफाइनल में


राष्ट्रीय शालेय खेलों में नेटबॉल के अंडर १७ साल वर्ग में मेजबान छत्तीसगढ़ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बालक के साथ बालिका वर्ग में भी सेमीफाइनल में स्थान बना लिया है। बालिका वर्ग में मेजबान टीम तीनों मैच जीतकर सेमीफाइनल में पहुंच गई है। बालक वर्ग में दो मैच जीतने के बाद ही मेजबान टीम को अंतिम ४ में स्थान मिल गया है। कबड्डी में भी मेजबान टीमों का विजय अभियान जारी है।
चैंपियनशिप के मुकाबले रविशंकर शुक्ल विवि के मैदान में खेले जा रहे हैं। गुरुवार को नेटबॉल के बालिका वर्ग में मेजबान का दूसरा मैच तमिलनाडु से हुआ। यह मैच एकतरफा रहा और मेजबान टीम ने १३-०३ से जीत प्राप्त की। छत्तीसगढ़ का तीसरा मैच पंजाब से हुआ। यह मैच कुछ संघर्षपूर्ण रहा। इसमें मेजबान को २०-१३ से जीत मिली। इस जीत के साथ ही मेजबान टीम का सेमीफाइनल में स्थान तय हो गया। बालिका वर्ग के अन्य मैचों में दिल्ली ने मप्र को २१-०१, चंडीगढ़ ने एपी को कड़े मुकाबले में १४-१२, हरियाणा ने मप्र को ८-५ से मात दी।


इधर बालक वर्ग में मेजबान टीम ने पंजाब को आसानी से २१-११ से मात देकर अपनी दूसरी जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही टीम का सेमीफाइनल में स्थान तय हो गया है। एक पूल में एक टीम को तीन मैच खेलने हैं और एक पूल से दो टीमों को सेमीफाइनल में स्थान मिलेगा। बालक वर्ग के अन्य मैचों में कर्नाटक ने चंडीगढ़ को २१-०३, तमिलनाडु ने मप्र को १६-१२, दिल्ली ने एपी को १९-०३ एवं हरियाणा ने तमिलनाडु को २४-०६ से हराया।


कबड्डी में बालक वर्ग के अपने दूसरे मैच में छत्तीसगढ़ ने उड़ीसा को एकतरफा मुकाबले में ६४-०७ से मात दी। इस वर्ग के अन्य मैचों में मप्र एवं एपी के बीच कांटे का मुकाबला हुआ। इस मैच में मप्र को महज एक एंक से जीत मिला। मप्र ने जहां ३८ अंक बनाए, वहीं एपी की टीम ने ३७ अंक बनाए। उत्तराखंड और महाराष्ट्र का मैच भी एकतरफा रहा। महाराष्ट्र को ७१ अंकों से जीत मिला। कर्नाटक ने एपी को ४३-१६, पंजाब ने तमिलनाडु को ८७-१४, हिमाचल ने बंगाल को ६९-२२ से हराया।
बालिका वर्ग में उप्र ने कर्नाटक को २७-१९, हरियाणा ने विद्याभारती को ४६-०९, पंजाब ने बं. बंगाल को ५१-२३, हिमाचल ने एपी को ६०-२१, विद्याभारती ने चंडीगढ़ को ३३-११, उप्र ने राजस्थान को ३५-२३ से मात दी।

आयुषी संघर्ष के बाद हारीं

अखिल भारतीय लॉन टेनिस के सेमीफाइनल में मेजबान छत्तीसगढ़ की चुनौती बालिका के साथ बालक वर्ग में भी समाप्त हो गई। धमाकेदार जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंच वाली आयुषी चौहान को शिखा एच दासानी से कड़े मुकाबले के बाद तीन सेंटों में हार मिली। बालक वर्ग में अंशुल गुप्ता आदित्य पटनायक से मात खा गए। आदित्य ने अंडर १४ के साथ अंडर १६ वर्ग के फाइनल में भी स्थान बना लिया है।

प्रदेश लॉन टेनिस संघ द्वारा आयोजित चैंपियनशिप में बालिका अंडर १४ साल के सेमीफाइनल में मेजबान खिलाड़ी आयुषी चौहान का सामना शिखा एच दासानी से हुआ। यह मुकाबला रोमांचक और संघर्षपूर्ण रहा। पहला सेट ६-१ से हारने के बाद आयुषी ने वापसी करते हुए दूसरा सेट ६-२ से जीत लिया। जब मैच के फैसले के लिए तीसरा सेट हुआ इसमें रोमांच चरम पर रहा। इस सेट में मुकाबला टाईब्रेकर में जाने के बाद भी इतना कड़ा चला कि अंत तक कहना मुश्किल था कि मैच पर किसका कब्जा होगा। अंत में शिखा को अपने अनुभव का फायदा मिला और उन्होंने यह सेट टाईब्रेकर में १०-८ से जीतकर मैच जीत लिया। इस वर्ग के दूसरे सेमीफाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त अदरीता बनर्जी ने कोपल के सीधे सेटों में ६-२, ६-२ से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया।

अंडर १६ के बालकों के सेमीफाइनल छत्तीसगढ़ की उम्मीद अंशुल गुप्ता को आदित्य पटनायक ने सीधे सेटों में ६-१, ६-१ से परास्त किया। अंडर १४ के पहले सेमीफाइनल में आदितय पटनायक ने शिव सात्वीक को कड़े मुकाबले में ७-५, ५-७, ७-६ (७-२) से मात दी। दूसरे सेमीफाइनल में एमएमके रामानी को शक्ति स्वरूप ने ६-१, ५-७, ६-४ से परास्त कर फाइनल में स्थान बनाया।

गुरुवार, 8 अक्तूबर 2009

स्कूलों में खेल अनिवार्य हो: नरसिम्हन

प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने देश भर से आए स्कूली खिलाडिय़ों से कहा कि आप ही भारत का आज और कल हैं। खेलों से ही जीवन में अनुशासन का पाठ मिलता है, ऐसे में यह जरूरी है कि स्कूलों में खेलों को अनिवार्य किया जाए। स्कूलों में खेलों के नाम से होने वाली खानापूर्ति को बंद करना चाहिए।

राज्यपाल ने ये बातें यहां पर पुलिस मैदान में राष्ट्रीय शालेय खेलों का उद्घाटन करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि इंसान को जीवन में मानसिक और शारीरिक अनुशासन खेलों से ही मिलता है। जो भी इंसान बचपन से खेलों से जुड़ा रहता है उसका भविष्य बहुत अच्छा होता है। खेल हमें समय की कद्र करना भी सिखाते हैं। खेलों के नियमों का पालन करने कारण जीवन में नियमों का महत्व समङा में आता है। समय का सदउपयोग जरूरी है। खेल ही जीवन में प्रतिस्पर्धा की भावना जगाने के साथ हार-जीत को एक ही रूप में लेने की प्ररेणा देते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूली खेल ही खेलों की जड़ हैं ऐसे में यह जरूरी है कि स्कूलों में खेलों को अनिवार्य रूप से लागू करना चाहिए। खेलों को खानापूर्ति के रूप में लेना बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि आज देश को एकता की जरूरत है और एकता के सूत्र में बांधने का काम खेल में ज्यादा अच्छी तरह से होता है। उन्होंने कहा कि खेलों में सुविधाएं देने की भी जरूरत है।

इसके पहले शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को बने हुए अभी ९ साल ही हुए हैं और हमारे राज्य ने अब राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का साहस किया है। वैसे अपने राज्य में राज्य बनने के बाद से ही लगातार राष्ट्रीय खेलों के आयोजन हो रहे हैं और ये सारे आयोजन सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां राष्ट्रीय स्कूली खेलों में देश भर से आए कई राज्यों के खिलाडिय़ों से हमारे खिलाड़ी भी प्रेरणा लेंगे और अपना खेल सुधारने का काम करेंगे।
विशेष अतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी ने इस अवसर पर कहा कि खेल ही संगठन के गुर सीखता है इसी के साथ खेल ही जीवन में अनुशासन में रहने ेकी बात बताता है। उन्होंने कहा कि यहां पर स्कूली खेलों में नेटबॉल का भी आयोजन हो रहा है, मैं बाहर के आए खिलाडिय़ों को बताना चाहूंगी कि छत्तीसगढ़ की कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेली है। कार्यक्रम के एक और विशेष अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज ने भी खिलाडिय़ों को संबोधित किया।

आर्कषक मार्च पास्ट

इसके पहले कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों के स्वागत के बाद मशाल प्रज्लवन का कार्यक्रम किया गया। दानी स्कूल की फुटबॉल की राष्ट्रीय खिलाडिय़ों मिनी कन्नोजे, रूचि, नेहा निषाद और शालिनी यादव मशाल लेकर दौड़ीं और अंत में शालिनी ने मशाल मुख्यअतिथि राज्पपाल ईएसएल नरसिम्हन को सौंपी उन्होंने मशाल प्रज्जलवित की। इसके बाद मार्च पास्ट का आयोजन किया गया। इसमें सबसे अच्छा मार्च पास्ट करने का काम हिमाचल के खिलाडिय़ों ने किया। उनका मार्च पास्ट देखकर सभी दर्शकों ने उनका तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया। इसके अलावा नवोदय विद्यालय और विद्याभारती के खिालडिय़ों का मार्च पास्ट पसंद किया गया। आन्ध्र प्रदेश के आधे खिलाडिय़ों ने नंगे पांव मार्च पास्ट किया। मार्च पास्ट के बाद हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में मायाराम सुरजन स्कूल और पिपरोद स्कूल की छात्राओं ने नृत्य प्रस्तुत किया।

छत्तीसगढ़ की जीत से शुरुआत

राष्ट्रीय शालेय स्कूलों में दोपहर के सत्र में प्रारंभ हुए मुकाबलों में नेटबॉल में बालक के साथ बालिका वर्ग में भी मेजबान ने जीत से शुरुआत की। बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ ने मप्र को आसानी से २८-३ से मात दी। इस मैच में पहले हॉफ में विजेता टीम १८-१ से आगे थी। विजेता टीम के लिए पलास और विक्की का खेल सबसे अच्छा रहा। बालग वर्ग के अन्य मैचों ेंमें दिल्ली ने कर्नाटक को २४-१६ से हराया। बालिका वर्ग के पहले मैच में छत्तीसगढ़ ने एपी को आसानी से २४-०३ से मात दी। इस मैच में विजेता टीम पहले हॉफ में ११-२ से आगे थी। इस मैच में मेजबान टीम की आस्मा खान, खुशबू और साक्षी का खेल सबसे अच्छा रहा। इस वर्ग के एक अन्य मैच में पंजाब ने चंडीगढ़ को १३-२ से हराया। कबड्डी अंडर १४ साल के बालक वर्ग में गुजरात ने राजस्थान को ३७-३५, मप्र ने नवोदय को ३५-२६ और उप्र ने उत्तराखंड को ८४-२३ से मात दी। बालिका वर्ग में उप्र ने दिल्ली को २७-१९ से हराया।

अंशुल की रामानी पर धमाकेदार जीत

अखिल भारतीय लॉन टेनिस में बुधवार का दिन मेजबान छत्तीसगढ़ के लिए अच्छा रहा। आज अंडर १६ साल वर्ग में मेजबान खिलाड़ी अंशुल गुप्ता ने शीर्ष वरीयता प्राप्त एपी के रामानी को क्वार्टर फाइनल में मा देकर सेमीफाइनल में स्थान प्राप्त किया। इसके पहले बालिका वर्ग में छत्तीसगढ़ की आयुषी दोनों वर्गों के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी हैं।

प्रदेश लॉन टेनिस संघ द्वारा यूनियन क्लब के साथ छत्तीसगढ़ क्लब में आयोजित स्पर्धा में आज खेले गए क्वार्टर फाइनल मैचों में अंडर १६ साल में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी अंशुल गुप्ता ने उस समय धमाका कर दिया जब उसने नंबर वन वरीयता प्राप्त एपी के एमएमके रामानी को कड़े मुकाबले में ९-७ से मात देकर स्पर्धा से बाहर कर दिया। इस वर्ग के अन्य मैचों में आदित्य पटनायक ने दीपांशु को ९-०, अमन अग्रवान ने शक्ति स्वरूप को ९-२ और शिव सात्वीक ने शुभम शुक्ला को ९-१ से हराया। अंडर १४ साल के क्वार्टर फाइनल मैचों में एमएमके रामानी ने पार्थ को ८-१, शक्ति स्वरूप ने दीपांशु को ८-२ और शिव सात्वीक ने आकाश गोयल को ८-३ से माात दी। आयोजन सचिव रूपेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि स्पर्धा में गुरुवार को युगल मुकाबलों के साथ सेमीफाइनल मैच भी होंगे। फाइनल मैच ९ अक्टूबर को खेले जाएंगे।

बुधवार, 7 अक्तूबर 2009

सानिया ने बढ़ाया टेनिस का क्रेज

भारत में लॉन टेनिस का क्रेज सानिया मिर्जा के कारण बढ़ा है। जब से सानिया को सफलता मिलने लगी है कि देश में बालिका खिलाडिय़ों का रुझान इसमें ज्यादा हुआ है। वैसे तो मैं सानिया को नहीं बल्कि रोजर फेडरर को अपना आर्दश मानती हूं, लेकिन सानिया की सफलता से इंकार नहीं किया जा सकता है।

ये बातें यहां पर चर्चा करते हुए बंगाल की जूनियर राष्ट्रीय खिलाड़ी अदरीता बनर्जी से कही। वह यहां पर अखिल भारतीय चैंपियनशिप में खेलने आई हैं। उनको यहां पर अंडर १४ साल में शीर्ष वरीयता दी गई है। वह पूछने पर कहती हैं कि यह बात ठीक है कि भारत में सानिया मिर्जा के कारण बालिका खिलाडिय़ों में लॉन टेनिस का क्रेज बढ़ा है। उन्होंने कहा कि किसी भी खेल में एक खिलाड़ी को सफलता मिलती है तो उस खेल में क्रेज बढ़ता ही है। बकौल अदरीता जब टेनिस में लिएंडर पेस और महेश भूपति को सफलता मिलनी प्रारंभ हुई थी तो लड़कों में टेनिस के प्रति दीनावगी आई थी, आज भी यह दीवानगी कायम है। वह पूछने पर कहती हैं कि भारत के सोमदेव बर्मन भी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा खेल रहे हैं।


महिला खिलाडिय़ों में मारिया शारापोवा से प्रभावित यह छोटी सी खिलाड़ी कहती हैं कि उनकी मंजिल भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रौशन करना है। वह बताती हैं कि बंगाल में टेनिस का बहुत ज्यादा क्रेज है और वहां पर अच्छे प्रशिक्षकों की कमी नहीं है। इसके बाद भी उनको एक बार पूणे में विशेष प्रशिक्षण लेने का अवसर मिला है। ८वीं क्लास में पढऩे वाली यह खिलाड़ी कहती हैं कि पढ़ाई थोड़ी बहुत तो प्रभावित होती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आप में अगर प्रतिभा है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि उनको यहां की स्पर्धा में पहली वरीयता मिली है तो वह खिताब जीतने का पूरा प्रयास करेंगी। वह बताती हैं कि उनको यहां पर जितनी भी खिलाडिय़ों से खेलना है, उनके लिए सभी नई हैं और पहली बार मुकाबला होगा। उन्होंने बताया कि वैसे तो वह अखिल भारतीय स्पर्धा कई खेल चुकी हैं, वह राष्ट्रीय स्पर्धाएं दो ही खेली हैं, पहली में उनको प्री क्वार्टर फाइनल तक खेलने का मौका मिला तो दूसरी में वह दूसरे चक्र में हार गईं।

आयुषी दोहरे खिताब से दो जीत दूर


अखिल भारतीय लॉन टेनिस में छत्तीसगढ़ की आयुषी चौहान ने अपना जलवा दिखाते हुए अंडर १४ के साथ अंडर १६ साल वर्ग के भी सेमीफाइनल में स्थान बना लिया है। अब आयुषी दोहरे खिताब से बस दो ही जीत दूर है। आयुषी के अलावा और कोई मेजबान खिलाड़ी यहां तक नहीं पहुंच पाई है। एक और उभरती खिलाड़ी नवनी सिसोदिया को शीर्ष वरीयता प्राप्त अदरीता बनर्जी से दोनों वर्गों के क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।
प्रदेश लॉन टेनिस संघ द्वारा यूनियन क्लब के साथ छत्तीसगढ़ क्लब में आयोजित इस स्पर्धा में बालिका वर्ग के अंडर १४ साल के क्वार्टर फाइनल में आयुषी चौहान ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए तीसरी वरीयता प्राप्त असम की प्रोतीक्षा शर्मा को कड़े मुकाबले में ८-५ से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। इस वर्ग के अन्य क्वार्टर फाइनल मैचों में शीर्ष वरीयता प्राप्त बंगाल की अदरीता बनर्जी ने छत्तीसगढ़ की नवनी सिसोदिया को आसानी से ८-२ से मात दी। इन्हीं खिलाडिय़ों के बीच अंडर १६ साल का भी क्वार्टर फाइनल मैच खेला गया जिसमें अदरीता ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए नवनी को ९-० से हराया। अंडर १४ के क्वार्टर फाइनल में महाराष्ट्र की शिखा एच दासानी ने अपने ही राज्य की कृति एस को ८-० से एवं मप्र की कोपल अरमल ने छत्तीसगढ़ की रौशनी डोगर को ८-० से हराया।
अंडर १६ के क्वार्टर फाइनल में छत्तीसगढ़ की आयुषी चौहान ने छत्तीसगढ़ की ही स्निग्धा श्रीवास्तव को आसानी से ९-० से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। इस वर्ग के अन्य क्वार्टर फाइनल मैचों में मप्र को कोपल ने असम की प्रोतीक्षा को कड़े मुकाबले में ९-७ एवं महाराष्ट्र की शिखा एच दासानी ने ममता पांडे को ९-४ से परास्त कर सेमीफाइनल में स्थान बनाया।
बालक वर्ग के अंडर १४ के प्री क्वार्टर फाइनल मैचों में उड़ीसा के आदित्य पटनायक ने छत्तीसगढ़ के कुंदन को ८-०, राजस्थान के आकाश गोयल ने छत्तीसगढ़ के संजीत को ८-१, एपी के शिव सात्वीक ने छत्तीसगढ़ के अक्षज को ८-१, उड़ीसा के शक्ति ने उत्र्कष को ८-०, दीपांशु ने सार्थक को ८-३ से मात देकर क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। अंडर १६ के एक मैच में गुजरात के अमन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के दानीश को आसानी से ९-० से मात दी। आयोजन सचिव रूपेन्द्र चौहान ने बताया कि सेमीफाइनल मुकाबले बेस्ट ऑफ थ्री होंगे।

देश भर के खिलाड़ी राजधानी में

प्रदेश की राजधानी रायपुर में देश भर के स्कूली खिलाड़ी जुटे हैं। अब तक दो दर्जन राज्यों के नेटबॉल और कबड्डी के खिलाड़ी आ चुके हैं। मुकाबलों के लिए जहां कई स्थानों पर मैदान तैयार किए गए हैं, वहीं बुधवार को होने वाले उद्घाटन समारोह का मंगलवार की शाम को पुलिस मैदान में पूर्वाभ्यास किया गया। उद्घाटन सुबह को ११ बजे राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन करेंगे।

५५वें राष्ट्रीय शालेय खेलों में नेटबॉल अंडर १७ साल के साथ कबड्डी अंडर १४ साल बालक और बालिका वर्ग की मेजबानी छत्तीसगढ़ को मिली है। इन खेलों का प्रारंभ बुधवार से होना है। लगातार हो रही बारिश के कारण शिक्षा विभाग के साथ तैयारी में जुटे जिला प्रशासन ने अब एक के स्थान पर कई स्थानों पर मैदानों की व्यवस्था की है ताकि बारिश होने की स्थिति में खेल प्रभावित न हो। नेताजी स्टेडियम के साथ रविशंकर विवि के मैदान, सेंटपाल्स स्कूल और डिग्री गल्र्स कॉलेज में भी मैदान बना दिए गए हैं। बुधवार को होने वाले उद्घाटन समारोह का पूर्वाभ्यास आज शाम को पुलिस मैदान में किया गया। इसमें सभी राज्यों से आए खिलाडिय़ों ने जहां मार्च पास्ट किया, वहीं मशाल भी प्रज्जलवित की गई। इसी के साथ खिलाडिय़ों को शपथ दिलाने के साथ ही अतिथियों के स्वागत का भी पूर्वाभ्यास करवाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाए गए। कुल मिलाकर बुधवार को होने वाले सारे कार्यक्रमों को करवाया गया और जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने देखा की कही कोई कमी तो नहीं रह गई है।

शिक्षा विभाग के सहायक संचालक (खेल) ने बताया कि अब तक चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, मप्र, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उप्र, विद्या भारतीय, केन्द्रीय विद्यालय, उतरखंड, हिमाचल प्रदेश की टीमें आ चुकी हैं। बची हुई टीमें आज रात तक आ जाएंगी।

मंगलवार, 6 अक्तूबर 2009

ये हैं रेसर नंबर वन


राष्ट्रीय सुपर क्रास बाइक रेसिंग में अपनी कलाबाजी से दर्शकों के चहेते बने टीवीएस टीम के सदस्य अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी केपी अरविंद और एचके प्रदीप ही राजधानी में खिलाड़ी नंबर वन साबित हुए। इन जांबाज बाइक रेसरों की नजरें अब राष्ट्रीय चैंपियनशिप के साथ एशियाई चैंपियनशिप पर हैं।
यहां पर रेस के बाद हरिभूमि से बात करते हुए नंबर वन रेसर अरविंद ने पूछने पर बताया कि वे पिछले ६ सालों से रेसिंग की दुनिया में हैं और अब तक राष्ट्रीय स्तर पर आधा दर्जन खिताब जीत चुके हैं। इसी के साथ उन्होंने दो माह पहले श्रीलंका में हुई अंतरराष्ट्रीय रेसिंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वे बताते हैं कि वे बचपन में जब टीवी पर बाइक रेसरों को कलाबाजी दिखाते देखते थे तो उनकी भी तमन्ना होती थी कि वे भी ऐसा कुछ कर सके। अब उनका यह सपना पूरा हो गया है तो अब वे चाहते हैं कि अपने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करें। उन्होंने पूछने पर बताया कि छत्तीसगढ़ में तो ५० फीट लंबा ही टेबल टॉप था, लेकिन वे अभ्यास में ७० फीट से भी ज्यादा लंबाई को अपनी बाइक से नाप चुके हैं। वे बताते हैं कि हवा में बाइक को ५० फीट की ऊंचाई तक ले जाना उनके लिए कठिन नहीं है। वे कहते हैं कि पहले तो देश की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में विजेता बनने का सपना है। इस समय ६ चक्रों में तीन चक्रों के बाद वे पहले चार में स्थान बनाए हुए हैं। इस राष्ट्रीय चैंपियनशिप के बाद अगला पड़ाव एशियाई चैंपियनशिप होगी।


जितना बड़ा जिगर उतनी लंबी छलांग

चैंपियनशिप के दूसरे जाबांज रेसर एचके प्रदीप पूछने पर कहते हैं कि हवा में बाइक को कितना ऊपर ले जाने का सवाल है तो आपके जिगर के ऊपर निर्भर करता है कि आपका जिगर कितना बड़ा है। आपका जिगर जितना बड़ा हो आप उतनी ऊंचाई या फिर लंबाई तक बाइक को ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे भी अब तक राष्ट्रीय स्तर पर ६ खिताब जीत चुके हैं। इसी के साथ श्रीलंका में दो माह पहले खेली गई अंतरराष्ट्रीय रेसिंग में वे तीसरे स्थान पर रहे। पूछने पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के दर्शक बहुत अच्छे हैं, उन्होंने जिस तरह से खिलाडिय़ों का उत्साह बढ़ाया वैसा नजारा बहुत देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने मैदान बनाने के लिए बहुत मेहनत की। अगर बारिश नहीं होती तो इस मैदान पर और ज्यादा रोमांच देखने का मौका मिलता। उन्होंने बताया कि वे तीन साल पहले भी छत्तीसगढ़ आए थे और राष्ट्रीय डर्ट ट्रैक मुकाबले में विजेता बने थे।

स्कूली खेलों टीमों के चयन में चलता है कोटा सिस्टम

प्रदेश में स्कूली खेलों के चयन में कोटा सिस्टम हावी है। इस कोटा सिस्टम के कारण अच्छे खिलाडिय़ों को किनारे कर दिया जाता है। टीमों का चयन करने का जिम्मा भी जिनको दिया जाता वे भी उन खेलों के जानकार नहीं होते हैं। खेल शिक्षकों में ही जो खेलों के जानकार हैं, उनको जिम्मा ही नहीं दिया जाता है। क्रिकेट, नेटबॉल में गलत चयन के बाद अब फुटबॉल टीम के चयन को लेकर विवाद सामने आ रहा है। अब इसकी भी शिकायत शिक्षा मंत्री से करने का मन फुटबॉल से जुड़े लोगों ने बनाया है।

प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए प्रदेश के जिन भी खेलों की टीमों का चयन किया जाता है, उस चयन को लेकर लगातार विवाद हो रहे हैं। हाल ही में बिलासपुर में खेली गई राज्य स्पर्धा के प्रदेश की जिन टीमों का चयन किया गया है, उन टीमों में से नेटबॉल को लेकर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से शिकायत की जा चुकी है। अब फुटबॉल में सही खिलाडिय़ों का चयन न करने की बात सामने आ रही है। फुटबॉल से जुड़े लोग इस मामले की शिकायत शिक्षा मंत्री से करने वाले हैं। जानकारों का साफ कहना है कि एक तो स्कूली खेलों में जिन को चयनकर्ता बनाया जाता है, वे उस खेल के जानकार भी नहीं होते हैं। ऐसे में ये चयनकर्ता अपनी मर्जी से खिलाडिय़ों को रख लेते हैं। जो खिलाड़ी अच्छा खेलते हैं उनको टीमों में स्थान ही नहीं मिल पाता है। इसके पहले क्रिकेट टीम में भी सही खिलाडिय़ों का चयन न करने की शिकायत हो चुकी है।

कई स्कूलों के खेल शिक्षक बताते हैं कि जहां भी राज्य स्तर के आयोजन होते हैं वहां पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ चयनकर्ताओं की मनमर्जी चलती है। इनका साफ कहना है नेटबॉल टीम का चयन करना होता है तो नेटबॉल के जानकारों को रखा ही नहीं जाता है। फुटबॉल का चयन करना होता है इसके जानकारों को भी नहीं रखा जाता है। खेल शिक्षक कहते हैं कि जब प्रदेश में हर खेल के संघ हैं तो क्यों नहीं इन संघों के खेलों को जानकारों को चयनकर्ता बनाया जाता है। सही खेलों के जानकार चयनकर्ता होंगे तो टीमों का चयन भी सही होगा। लेकिन ऐसा इसलिए किया जाता क्योंकि ऐसा करने से कोटा सिस्टम फेल हो जाएगा।

मेजबान खिलाड़ी छाए


अखिल भारतीय लॉन टेनिस के पहले दिन मेजबान छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने जीत से शुरुआत की। स्पर्धा में मेजबान छत्तीसगढ़ सहित १० राज्यों के बालक-बालिका खिलाड़ी अंडर १४ और १६ साल वर्ग में खेल रहे हैं।


प्रदेश लॉन टेनिस संघ द्वारा यूनियन क्लब के साथ छत्तीसगढ़ क्लब में आयोजित इस चैंपियनशिप में यूनियन क्लब में अंडर १४ साल बालिका वर्ग के मुकाबले हुए। पहले मैच में छत्तीसगढ़ की नवनीत सिसोदिया ने संजना टांक को ८-३ से हराया। अन्य मुकाबलों में असम की प्रोतीक्षा शर्मा ने छत्तीसगढ़ की काजल वर्मा को ८-१, छत्तीसगढ़ की आयुषी चौहान ने स्निग्धा श्रीवास्तव को ८-१, महाराष्ट्र की कृति एस ने छत्तीसगढ़ की अक्षया पाठक को ८-० एवं मप्र की कोपल ने अनमोल को ८-० से मात दी। बालक वर्ग अंडर १४ साल में छत्तीसगढ़ के उत्कर्ष मिश्रा ने रोहन को ८-२, स्वप्निल को सार्थक ने ८-५, संजीत ने तन्मय को ८-५, पार्थ ने दानीश को ८-१, कुंदन ने यश को ८-१, आन्ध्र प्रदेश के प्रेमनानी ने अभय को ८-० एवं अक्षय ने अर्जुन को ८-० से मात देकर अगले चक्र में प्रवेश किया।


आयोजन सचिव रूपेन्द्र चौहान के साथ शौकत रिजवी ने बताया कि स्पर्धा में अंडर १४ और १६ साल के बालक-बालिका वर्ग में ३२-३२ खिलाडिय़ों का फिक्चर बनाया गया है। अंडर १४ साल में आदित्य पटनायक को पहली वरीयता, एपी के एमएमके रामानी को दूसरी, शक्ति स्वरूप को तीसरी और सतवीक शिव को चौथी वरीयता दी गई है। इन्हीं खिलाडिय़ों को अंडर १६ में भी पहले चार स्थानों में स्थान मिला है। इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ के साथ बंगाल, एपी, मप्र, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उड़ीसा, असम के करीब १०० खिलाड़ी खेल रहे हैं। स्पर्धा ९ अक्टूबर तक चलेगी। स्पर्धा का उद् घाटन शाम को छत्तीसगढ़ क्लब में जल संसाधन सचिव सीके खेतान ने किया। इस अवसर पर खेल संचालक जीपी सिंह के साथ क्लब के चेयरमैन डॉ. ए. फरिश्ता उपस्थित थे।

सोमवार, 5 अक्तूबर 2009

एडवेंचर स्पोट्र्स में भी सरकार करेगी मदद


राष्ट्रीय सुपर क्रास बाइक रेसिंग के आयोजन की सभी अतिथियों ने रविवार को सराहना की और कहा कि उनको ऐसा रोमांच अब तक टीवी पर देखने का मौका मिला था, आज साक्षात देखने को मिल रहा है। गृहमंत्री ननकी राम कंवर के साथ खेल मंत्री लता उसेंडी ने साफ कहा कि सरकार अब ऐसे एडवेंटर स्पोट्र्स को भी पूरी मदद करेगी।
यहां पर स्पर्धा के उद्घाटन अवसर पर सबसे पहले बोलते हुए खेल मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि हमारी सरकार खेलों को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है, ऐसे में जब इस मोटर स्पोट्र्स के आयोजन की बात सामने आई तो इसको सरकार ने पूरी मदद की और पांच लाख का अनुदान दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन हम लोगों ने भी अब तक टीवी पर ही देखे हैं।
गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है कि यह आयोजन यहां किया गया। उन्होंने कहा कि मुङो भी याद है कि कभी मप्र में भी ऐसा आयोजन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आगे भी जब कभी यहां का संघ ऐसे आयोजन की योजना बनाए तो सरकार मदद करेगी। कार्यक्रम में पहले वर्ग के विजेताओं को जहां गृहमंत्री और खेलमंत्री ने पुरस्कार दिए, वहीं कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को पुरस्कार सांसद रमेश बैस और खेल मंत्री लता उसेंडी ने दिए। इस अवसर पर विधायक कृष्णमूिर्त बांघी, कुलदीप जुनेजा, पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकर, खेल सचिव सुब्रत साहू, खेल संचालक जीपी सिंह के कई खेल संघों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
आयोजन के बारे में प्रदेश संघ के विष्णु श्रीवास्तव ने बताया कि यह आयोजन आसान नहीं था अगर खेल विभाग और पर्यटन विभाग की मदद नहीं मिलती तो आयोजन संभव ही नहीं होता।


अतिथियों बाइक में बैठक कर खींचाई फोटो


विदेशी वर्ग की टीवीएस की बाइक को देखने के साथ उस पर बैठकर फोटो खींचाने का मोह अतिथि भी नहीं छोड़ सके और गृहमंत्री ननकी राम कंवर के साथ विधायक कृष्णमूिर्त बांघी, कुलदीप जुनेजा के साथ पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकर ने टीवीएस की विदेश वर्ग की बाइक में बैठक कर फोटो खींचाई। खेल मंत्री लता उसेंडी ने भी बाइक के साथ फोटो खींचाई।

रविवार, 4 अक्तूबर 2009

सुपर क्रास में रोमांच होगा खास

राजधानी के साइंस कॉलेज के मैदान में ऐसी-ऐसी मोटर बाइक जिसको आज तक महज टीवी पर देखा था, तेज रफ्तार से दौड़ रही हैं और सामने एक पांच फीट उंचा बम्स है जिस बम्स में मोटर साइकल तेजी से चढ़ती है और सवार उसको हवा में इतना ऊपर उछाल देता है कि देखने वालों की सांसे थम जाती हैं , सारे दर्शक वाह-वाह कर उठते हैं। रास्ते में ऐसे ही एक नहीं बल्कि एक दर्जन बम्स हैं और हर बम्स पर बाइक हवा में उछती है और दर्शक रोमांचित हो जाते हैं। यह तो महज एक ट्रेलर था जो शनिवार को दिखाया गया, असली फिल्म का मजा तो रविवार की सुबह ९ बजे तब आएगा जब देश भर के जांबाज बाइक सवार मुकाबले में उतरेंगे।

प्रदेश मोटर स्पोट्र्स संघ द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय सुपर क्रास में दोपहर को २ बजे से अभ्यास सत्र का आयोजन किया गया। इस अभ्यास सत्र में ही बाइकरों की कलाबाजी देखने भारी संख्या में दर्शक जुटे। जब बाइकरों ने बाइकों को चलाना प्रारंभ किया और तेज रफ्तार से ९०० मीटर के रास्ते में चल पड़े तो देखने वाले देखते रह गए कि कैसे ये जांबाज बाइक को बम्स के ऊपर से जंप करवा रहे थे। जब बाइक हवा में जाती थी तो देखने वाले वाह-वाह करते रहे। दर्शक इस बात के कयास लगाने में लगे थे कि कौन सा बाइकर ज्यादा अच्छी बाइक चल रहा है और रोमांचक कलाबाजी दिखा रहा है। इस अभ्यास में ही दर्शक यह अंदाज लगाते रहे कि यार आज इतना रोमांच हैं तो कल असली मुकाबले में क्या होगा।
रविवार की सुबह ९ बजे होने वाले मुकाबले के लिए अब सारी तैयारियां कर ली गई हैं। मुकाबले में शामिल सभी बाइकरों को अभ्यास करवा दिया गया है। चार अलग-अलग वर्ग के मुकाबलों के लिए ४२ प्रतियोगी मैदान में हैं। इनके बीच मुकाबला होगा। विदेशी वर्ग में शामिल ज्यादातर बाइकर अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के हैं। इन बाइकरों में टीवीएस कंपनी के आघा दर्जन ऐसे बाइकर शामिल हैं जो देश की हर स्पर्धा में शामिल होते हैं।

स्पर्धा का उद्घाटन रविवार की सुबह को ९ बजे गृहमंत्री ननकी राम कंवर करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता खेल मंत्री लता उसेंडी करेंगी। मुकाबलों के बाद ११.३० बजे पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा इसके मुख्यअतिथि सांसद रमेश बैस होंगे। अध्यक्षता खेल मंत्री लता उसेंडी करेंगी।

५० फीट हवा में बाइक ले जाने वाले बाइकर

सुपर क्रास में शामिल होने आए टीवीएस टीम के राष्ट्रीय बाइकर एस के प्रदीप, अरविंद केपी और प्रमोद जसवा ऐसे बाइकर हैं जिनमें बाइक को ४० से ५० फीट तक ऊंचाई में ले जाने का दम है। ये तीनों जांबाज बाइकर राष्ट्रीय बाइक रेसिंग के तीन चक्रों के बाद टॉप ४ में चल रहे हैं। आगे तीन और चक्र होने हैं। साइंस कॉलेज में रविवार को होने वाले मुकाबले के लिए तीनों बाइकरों तैयार हैं और इन्होंने आज जमकर अभ्यास किया और ट्रैक को पूरी तरह समङा गए हैं। इन्हीं तीनों बाइकरों पर ही कल सबकी नजरें रहेंगी।

बाइर रेसिंग में इस समय भारत में टीवीएस की टीम ही नंबर वन पर चल रही है। इस टीम के जो ६ सदस्य यहां आए हैं, उनमें तीन ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं जो राष्ट्रीय चैंपियनशिप में टॉप चार मे चल रहे हैं। इन खिलाडिय़ों एसके प्रदीप, अरविंद केपी के साथ प्रमोद जसवा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में जो मुकाबला हो रहा है, उसको रोमांचक बनाने में हम लोग कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। ये कहते हैं कि यहां पर काफी कम समय में जो तैयारी की गई है वह काबिले तारीफ है। इन्होंने पूछने पर बताया कि यहां पर भी जो बम्स बनाए गए हैं उन बम्स में आसानी से वे लोग बाइक को ४० से ५० फीट हवा में ऊपर ले जा सकते हैं। इन्होंने बताया कि बाइक को लंबे टेबल टॉप में १०० फीट तक जंप करवाया जा सकता है और हम लोग ऐसा करते हैं। इन्होंने बताया कि अभी राष्ट्रीय चैंपियनशिप के ६ चक्रों में से तीन चक्र हो चुके हैं और तीन चक्र बेंगलौर, जयपुर और पूर्ण में होंगे। इन चक्रों के बाद ही चैंपियनशिप का फैसला होगा। इन्होंने बताया कि इनको कंपनी विदेश में प्रशिक्षण के लिए भेजने वाली है ताकि आगे हम लोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल सकें।

रेसिंग का रोमांच-ये बाइक हैं खास

बाइक रेसिंग में ५० फीट हवा में ऊपर जाने के साथ लंबाई में १०० फीट तक जाने वाली बाइक का नजारा देखने का मौका रविवार को साइंस कॉलेज में मिलेगा। चार लाख से ज्यादा कीमत वाली टीवीसी की ये बाइक आम बाइक से बहुत ज्यादा खास हैं। इसका इंजन, शाकब, टायर से लेकर पूरी बॉडी अलग तरह की है। इसका वजन भी सामान्य बाइक से ज्यादा है। ये बाइक १०० किलो वजनी है।

राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज में शनिवार को राष्ट्रीय सुपर क्रास के लिए आई खास बाइक को देखने के लिए भारी भीड़ जुटी। इन बाइक की खासियत की बात की जाए तो ये विदेशी बाइक हैं जो खासकर रेसिंग के लिए बनाई जाती हैं। बाइक पूरी तरह से फाइवर बॉडी की रहती है। इसमें हाई पावर का इंजन रहता है जो ४०० सीसी का है। इसी के साथ इसका शाकब १२ इंच का रहता है। इसमें हाईपर नोवी टायर लगते हैं। इसका हेंडल भी अलग तरह का रहता है। यह हेंडल रेंटल कंपनी का है। इसके आगे के वील जहां २१ इंज के होते हैं, वहीं पीछे के १८ इंच के होते हैं। इस १०० किलो वजनी बाइक में ब्रेक भी अलग तरह के होते हैं। ये ब्रेक बहुत ही छोटे डिस ब्रेक हैं। रेसिंग बाइक चलाने वाले बाइकरों की किट भी खास होती है, यह किट ५० हजार से भी ज्यादा कीमत की होती है। इस किट में रेसर जो पेंट पहनते हैं उसकी कीमत १० से १५ हजार, शर्ट की कीमत ५ हजार, हेलमेट की कीमत १५ से २० हजार, और जूतों की कीमत १० से १५ हजार होती है।

अभनपुर ने उड़ाए सबसे ज्यादा खिताब

राजधानी रायपुर में पहली बार आयोजित जिला पाइका के चार खेलों के मुकाबलों में अभनपुर को सबसे ज्यादा खिताब मिले। अभनपुर ने खो-खो में बालक के साथ बालिका वर्ग का खिताब जीता। वालीबॉल में अभनपुर ने बालक वर्ग का खिताब भी जीता। वालीबॉल के दोनों वर्गों में धरसीवां की टीमें उपविजेता बनीं। महिला खेलों में वालीबॉल का खिताब धरसीवां को मिला। अभनपुर के बाद दूसरे नंबर पर धरसीवां का नाम रहा।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित स्पर्धा में शाम को नेताजी स्टेडियम में कबड्डी के बालिका वर्ग के फाइनल में धरसीवां ने भाटापारा को मात दी। इसके पहले बालक वर्ग में बलौदाबाजार ने भाटापारा को आसानी से ३९-९ से हराया था। अन्य मुकाबलों में खो-खो के बालक वर्ग में अभनपुर ने धरसीवां को फाइनल में १२-२ से मात दी। बालिका वर्ग में भी अभनपुर विजेता रहा। उसने फाइनल में धरसीवां को ३-० से हराया। वालीबॉल के बालकों के फाइनल में धरसीवां ने अभनपुर को २५-७, २५-१० से मात देकर खिताब जीता। बालिका वर्ग के फाइनल में गरियाबंद ने धरसीवां को कड़े मुकाबले में २५-१३, ११-२५, १५-११ से हराकर खिताब जीता।

महिला वर्ग में धरसीवां ने जिला पाइका के फाइनल में मिली हार का बदला लेते हुए गरियाबंद को सीधे सेटों में २५-२०, २५-१३ से मात देकर खिताब जीत लिया। महिला वर्ग के खो-खो में भाटापारा ने अभनपुर को १-० से मात देकर खिताब जीता। तीरंदाजी में बालक वर्ग के मुकाबलों में मैनपुर के पारेश्वर नेताम पहले स्थान पर, छुरा के बालकुमार दुसरे और बिलाईगढ़ ने नवीन कुमार तीसरे स्थान पर रहे। बालिका वर्ग में पलारी की तारिणी वर्मा पहले स्थान पर रहीं।

फाइनल मैचों के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी थीं। उन्होंने इस मौके पर कहा कि प्रदेश सरकार अब ग्रामीण खिलाडिय़ों को निखारने की योजना पर काम कर रही है। इसी के साथ ग्रामीण खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच देने के लिए प्रतिभा खोज योजना में खिलाडिय़ों को तलाश कर तरासा जाएगा। सरकार खेलों के प्रति बहुत गंभीर है और खिलाडिय़ों को हर सुविधा देने का काम कर रही है। अब गांव-गांव से खिलाड़ी निकलेंगे और उनको राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिलेगा। खेल मंत्री ने अंत में विजेता टीमों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज के साथ खेल संचालक जीपी सिंह भी उपस्थित थे।

शनिवार, 3 अक्तूबर 2009

बारिश में भी खेल नहीं हुआ फेल

बारिश हो रही है और खिलाड़ी हैं कि खेले जा रहे हैं। न बारिश की परवाह और न ही कीचड़ में कपड़ों के गंदे होने की चिंता। ये नजारा रहा यहां पर शाम को सप्रे मैदान में जहां पर पाइका के जिला खेलों में कबड्डी के मुकाबले हो रहे थे। भारी बारिश भी खिलाडिय़ों के उत्साह को ठंड़ा नहीं कर पाई और खिलाड़ी खेलते रहे। जिला पाइका के पहले दिन कबड्डी के साथ वालीबॉल और खो-खो के रोमांचक मुकाबले हुए। अब शनिवार को सभी खेलों के फाइनल मुकाबले होंगे और शाम को पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा। इसकी मुख्य अतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी होंगी।

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित जिला पाइका में खेलों के फेल के आसार उस समय नजर आए जब सुबह से ही बारिश होने लगी। ऐसे में कबड्डी और खो-खो के लिए नेताजी स्टेडियम में बनाए गए मैदान इतने ज्यादा खराब हो गए कि सुबह के सत्र में मैचों का होना संभव ही नहीं था। ऐसे में वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने १५ विकासखंडों से आईं टीमों के कोच और मैनेजरों के साथ राजधानी के खेल संघों के पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद जहां कबड्डी के लिए सप्रे स्कूल का मैदान चुना वहीं खो-खो के मैच करवाने का काम जेएन पांडे स्कूल में किया गया। एक मलेरिया मैदान ही ऐसा रहा जो ज्यादा खराब नहीं हुआ और वहां पर सुबह के सत्र में ही मैच प्रारंभ हो गए।

शाम के सत्र में जब मैचों को प्रारंभ करवाने का काम किया गया तो मैच शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही फिर से इन्द्र देवता मेहरबान हो गए और ङामाङाम बारिश होने लगी। ऐसी बारिश में भी सप्रे स्कूल के मैदान में खिलाड़ी मैदान में डटे रहे और मैच खेलते रहे। खिलाडिय़ों को बारिश में न तो भीगने की चिंता थी और न ही कीचड़ में कपड़ों के खराब होने की परवाह। मैच देखने के लिए दर्शक सप्रे स्कूल की छत में शरण लेकर मैच का आनंद ले रहे थे। इधर पांडे स्कूल में भी बारिश में खो-खो और मलेरिया मैदान में वालीबॉल के मैच चल रहे थे। खिलाडिय़ों के साथ विकासखंडों से आए कोच और मैनेजर का उत्साह देखकर ही खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे को राहत मिली, वरना तो उन्होंने तो यह मान ही लिया था कि आयोजन संभव नहीं हो सकेगा।

बृजमोहन समय से पहले ही आ गए

स्पर्धा का उद्घाटन सुबह को ११ बजे होना था और पानी की वजह से ऐसा लग रहा था कि उद्घाटन भी समय पर नहीं हो पाएगा। उद्घाटन की तैयारी भी नहीं हो पाई थी कि अचानक उद्घाटन समरोह के मुख्यअतिथि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल समय से पहले ही १०।४५ को आ गए और आनन-फानन में खिलाडिय़ों को खड़े करके उद्घाटन करवाया गया। सभी विकासखंडों के खिलाडिय़ों को जर्सी में में देखकर शिक्षा मंत्री बहुत खुश हुए।

ग्रामीण प्रतिभाएं भी अब निखरेंगी

स्पर्धा का उद्घाटन करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पाइका के आयोजन से अब ग्रामीण प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि रायपुर जिले के सभी १५ विकासखंड़ों के खिलाड़ी खेलने आएं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में खिलाडिय़ों को पूरी सुविधाएं देने का काम कर रही है। मैदान बनाने के लिए भी सरकार लगी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत के अध्यक्ष अशोक बजाज ने की। विशेष अतिथि खेल संचालक जीपी सिंह थे।

आज होंगे फाइनल मुकाबले

बारिश के बीच हुए मुकाबलों वालीबॉल के बालिका वर्ग में तिल्दा ने पलारी को २५-९, २५-९, सिमगा ने बिलाईगढ़ को २-०, अभनपुर ने फिंगेश्वर को २-०, छुरा ने आरंग को २-० से मात दी। बालक वर्ग में फिंगेश्वर ने गरियाबंद को कड़े मुकाबले में २५-१३, १९-२५, १५-५ से, धरसीवां ने गरियाबंद को २५-१२, २५-१५ से और कसडोल ने सिमगा को २-० से हराया।
खो-खो बालक वर्ग में तिल्दा ने देवभोग को एक पारी १० अंक, भाटापारा ने पलारी को ७ अंक, कसडोल ने सिमगा को ९ अंक और अभनपुर ने छुरा को १० अंकों से हराया। बालिका वर्ग में अभनपुरने छुरा को ६अंक, तिल्दा ने देवभोग को १० अंक, भाटापारा ने पलारी को ७ अंक और मैनपुर ने बिलाईगढ़ को ४ अंकों से परास्त किया।
कबड्डी बालक वर्ग में देवभोग ने कड़े मुकाबले में तिल्दा को ३२-३०, भाटापारा ने पलारी को २५-१६ और बालिका वर्ग में पलारी ने तिल्दा को ३०-२६ से हराया। स्पर्धा में शनिवार को सुबह से मुकाबले होंगे। शाम का फाइनल मैचों के बाद शाम को ४ बजे होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी होंगी।

देश के कई बाइकर्स रायपुर पहुंचे

राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज में होने वाली राष्ट्रीय सुपर क्रास में शामिल होने के लिए टीवीएस टीम के कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के साथ और कई खिलाड़ी रायपुर पहुंच गए हैं। इनकी विदेशी बाइक भी यहां आ गई है। अब शनिवार को दोपहर १।३० बजे अभ्यास सत्र होगा। मुकाबलों के लिए मैदान को तैयार करने की कवायद चल रही है। बारिश के कारण मैदान बनाने में आज बहुत ज्यादा खलल पड़ा है।

साइंस कॉलेज के मैदान में शनिवार को दोपहर को भी ठीक वैसा ही नजारा रहेगा जैसा नजारा रविवार की सुबह देखने को मिलेगा। फर्क सिर्फ यह होगा कि रविवार को मुख्य मुकाबला होगा और शनिवार को अभ्यास सत्र होगा। इस अभ्यास सत्र में विदेशी बाइक वर्ग के कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाइकर अपने जलवे दिखाने का काम करेंगे। कल दोपहर से पहले मैदान को तैयार करने की कवायद में प्रदेश मोटर स्पोट्र्स संघ के पदाधिकारी लगे हुए हैं। शुक्रवार को हुई भारी बारिश के कारण मैदान बनाने का काम बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। वैसे तो अब तक मैदान में करीब २० बम्स बनाने की योजना थी, पर अब तक ९ ही न पाए हैं। बाकी बम्स को बनाने का काम शनिवार को किया जाएगा।

संघ के महासचिव उज्जवल दीपक के साथ विष्णु श्रीवास्तव ने बताया कि स्पर्धा में शामिल होने के लिए दो दर्जन से ज्यादा प्रतियोगी आ गए हैं। ये अपने साथ अपनी विदेशी बाइक भी लेकर आए हैं। इन बाइक को शनिवार की सुबह से यहां पर बनाने का काम किया जाएगा फिर दोपहर को १.३० बजे अभ्यास सत्र का उद्घाटन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। विदेशी वर्ग में ९०० मीटर के मैदान में १० लैप यानी बाइकरोंं को १० चक्कर लगाने होंगे। इसके अलावा दूसरे वर्गों में कमोवेश कम लैप होंगे।

शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009

जिला पाइका में खेलेंगे १००० खिलाड़ी

जिला पाइका में पांच खेलों के मुकाबलों में रायपुर जिले के १५ विकासखंडों के १००० खिलाड़ी मुकाबलों के लिए राजधानी के मैदानों में शुक्रवार से उतरेंगे। विजेता टीमों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। पहले चरण के बाद दूसरे चरण के मुकाबले होंगे और फिर ओवरआल चैंपियनशिप का फैसला किया जाएगा। विजेता टीम को ५० हजार का नकद इनाम दिया जाएगा। स्पर्धा में शामिल होने के लिए कई विकासखंडों के खिलाड़ी पहुंच चुके हैं। उद्घाटन समारोह सुबह को ११ बजे नेताजी स्टेडियम में होगा।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा केन्द्र सरकार की योजना पाइका में पूरे प्रदेश भर में १० खेलों का आयोजन किया रहा है। हर जिले में १० खेलों का आयोजन होना है। जिलों से पहले विकासखंड स्तर पर पांच खेलों का आयोजन किया गया है। राजधानी रायपुर के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि जिले से सभी १५ विकासखंडों में आयोजन हो चुके हैं और सभी विकासखंडों के खिलाड़ी पहले चरण के आयोजन में शामिल होने के लिए रायपुर आ रहे हैं। कई विकासखंडों की टीमें आ चुकी हैं जो ेटीमें बचीं हंै वो सब सुबह तक आ जाएगीं। सुबह को ११ बजे होने वाले उद्घाटन समारोह के मुख्यअतिथि शिक्षा मंत्री बजृमोहन अग्रवाल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज करेंगे। विशेष अतिथि खेल संचालक जीपी सिंह होंगे।

पांच खेलों में होंगे मुकाबले

स्पर्धा में पांच खेलों वालीबॉल, कबड्डी, खो-खो, हॉकी और तीरंदाजी में मुकाबले होंगे। एक विकासखंड से कम से कम ८० खिलाड़ी आएंगे। वालीबॉल के मुकाबले मलेरिया मैदान में और बाकी खेलों के मुकाबले नेताजी स्टेडियम में होंगे। श्री डेकाटे ने बताया कि इस प्रथम चरण के बाद दूसरे चरण में एथलेटिक्स, सायकिलिंग, फुटबॉल, कुश्ती और भारोत्तोलन के मुकाबले होंगे। इन दोनों आयोजनों के बाद ओवरआल चैंपियनशिप का फैसला किया जाएगा। इसमें पहले स्थान पर रहने वाली टीम को ५० हजार, दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम को ३० हजार और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को १० हजार का नकद इनाम दिया जाएगा।

महिला खेल भी साथ में

जिला पाइका खेलों के साथ महिला खेलों का भी आयोजन किया जा रहा है। इन खेलों को इसके साथ इसलिए जोड़ी गया है क्योंकि दो लाख का जो बजट जिला खेलों के लिए दिया गया है, उसमें आयोजन होना संभव नहीं लग रहा था। जिला खेलों के दो चरणों के आयोजन में खाने का ही बजट करीब ढाई लाख हो रहा था। ऐसे में दो लाख के बजट में आयोजन कैसे होता। इसलिए महिला खेलों को भी साथ में जोडऩे के कारण इसका भी एक लाख ८० हजार का बजट मिल गया अब ३ लाख ८० हजार के बजट में दो चरणों में आयोजन पूरा करना है। इतने बजट में भी आयोजन होना आसान नजर आ रहा है। पूर्व में पहले चरण का आयोजन बलौदाबाजार में होना था, लेकिन अचानक राजधानी में आयोजन करना पड़ा है। राजधानी में आयोजन होने से बजट में भी फर्क पड़ा है। बजट में इजाफा हो गया है।

सुपर क्रास में कल होगा अभ्यास सत्र

राजधानी रायपुर में पहली बार होने वाली सुपर क्रास मोटर बाइक रेसिंग में शुक्रवार से ही देश के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के बाइक सवार अपने-अपने वाहनों के साथ पहुंचने लगेंगे। ४ अक्टूबर को होने वाली इस चैंपियनशिप के लिए ३ अक्टूबर को अभ्यास सत्र होगा। साइस कॉलेज के मैदान को आयोजन के लिए संवारने का काम चल रहा है। हर वर्ग में पांच-पांच बाइकरों को नकद इनाम भी दिया जाएगा।

प्रदेश मोटर स्पोट्र्स संघ को लंबे समय की मेहनत के बाद राष्ट्रीय सुपर क्रास मोटर बाइक रेसिंग का आयोजन करवाने में सफलता मिली है। अब इस आयोजन के लिए संघ के पदाधिकारी जुटे हुए हैं और साइंस कॉलेज के मैदान को तैयार करवाया जा रहा है। मैदान में मिट्टी डाल दी गई है अब इसको विशेषज्ञों की टीम के निर्देश पर मैदान को तैयार किया जाएगा। सुपर क्रास में कई स्थानों पर ब्रेकर जैसे बड़े-बड़े टीले बनाए जाएंगे। इन टीलों के ऊपर से जंप लगाते हुए जब बाइकर हवा में उछलेंगे तो इसको देखने का रोमांच अलग ही होगा। प्रदेश संघ के उज्जवल दीपक ने बताया कि स्पर्धा में शामिल होने के लिए शुक्रवार से ही देश भर के बाइकर आने लगेंगे। इसके बाद तीन अक्टूबर को १.३० बजे अभ्यास सत्र होगा। यह अभ्यास सत्र पूरी तरह से मुकाबले के जैसा ही होगा।
स्पर्धा में शामिल चारों वर्गों के विजेताओं को नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। विदेशी वर्ग में पहले स्थान पर रहने वाले को ११ हजार, दूसरे को ८ हजार, तीसरे को ६ हजार, चौथे को चार हजार और पांचवें को दो हजार मिलेंगे। इसी तरह से दूसरे नोवाइस वर्ग के साथ ही तीसरे भारतीय और चौथे छत्तीसगढ़ वर्ग में पहले स्थान पर आने वाले बाइकरों को ६ हजार, दूसरे को ५ हजार, तीसरे को ४ हजार चौथे को दो हजार पांच सौ और तीसरे को एक हजार पांच सौ रुपए मिलेंगे। हर वर्ग में पहले स्थान पर आने वाले बाइकरों को ट्रॉफी भी दी जाएगी।

गुरुवार, 1 अक्तूबर 2009

खिलाड़ी पस्त-अधिकारी मस्त


प्रदेश के स्कूली खेलों में बाहरी दखल की यहां पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से खिलाडिय़ों ने शिकायत की है। बिलासपुर में हुई राज्य स्पर्धा में दुर्ग के एक सिपाही की दखलबाजी से नेटबॉल की टीम बहुत ज्यादा प्रभावित हुई। खिलाडिय़ों का साफतौर पर कहना है कि इस सिपाही की मर्जी के बिना अधिकारी कुछ नहीं करते हैं। पीटीआई भी इस एक आदमी के दखल से बहुत खफा हैं। इस सिपाही को दिल्ली के राष्ट्रीय स्कूली खेलों में भी टीम के साथ ले जाने की बात सामने आई है। यही नहीं मंच पर छत्तीसगढ़ की टीम के पुरस्कार लेने के समय भी यह सिपाही साथ में था। इतना सब होने के बाद भी सहायक संचालक एसआर कर्ष इस बात से इंकार करते हैं कि किसी बाहरी आदमी का दखल है। उनका कहना है कि जिनके बारे में दखल करने की बात की जा रही है, वह खेल देखने आते हैं और एक दर्शक मात्र हैं। खिलाडिय़ों के साथ पीटीआई सवाल करते हैं कि वह दर्शक हैं तो प्रदेश की टीम के साथ पुरस्कार लेने मंच पर कैसे चले गए?


प्रदेश में स्कूली शिक्षा विभाग में खेलों की हालत काफी खराब है। विभाग के अधिकारियों की मनमर्जी से न सिर्फ खिलाड़ी बल्कि खेल शिक्षक (पीटीआई) भी बहुत ज्यादा परेशान हैं। बिलासपुर में खेली गई राज्य स्पर्धा में खिलाड़ी और पीटीआई दुर्ग के एक सिपाही के दखल से बहुत ज्याद परेशान रहे। नेटबॉल से जुड़े इस सिपाही के बारे में खिलाड़ी और पीटीआई बताते हैं कि उसकी विभाग में तूती बोलती है और उसकी मर्जी के बिना खासकर नेटबॉल में निर्णायक भी तय नहीं होते हैं। बिलासपुर के आयोजन में खेल शिक्षकों को उनके सामने खड़े रहना पड़ता था, इससे खेल शिक्षक बहुत खफा हैं। खेल शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी का फरमान था कि जिन निर्णायकों के बारे में कथित सिपाही बताएंगे उनको ही रखा जाएगा। इस फरमान की अवहेलना करने का साहस किसी ने नहीं दिखाया। पीटीआई इस बात से भी भारी नाराज हैं कि विभाग के होने के बाद उन लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं थी और उनको जमीन में बैठना पड़ता था, जबकि उस सिपाही के लिए मैदान में बैठने की विशेष व्यवस्था की गई थी।


शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि टीमों के चयन में भी कथित सिपाही का पूरा दखल है। वे जिसे चाहते हैं टीम में रखा जाता है। अभी रायपुर में होने वाले राष्ट्रीय शालेय खेलों की नेटबॉल टीम के चयन में भी उसकी मर्जी से टीम बनाई गई है। रायपुर की कुछ खिलाडिय़ोंं को अच्छे प्रदर्शन के बाद भी टीम में नहीं रखा गया है। इस सारे मामले की शिकायत शिक्षा मंत्री से रायपुर की खिलाडिय़ों ने की है। बताया जाता है कि जब खिलाड़ी मंत्री से शिकायत करने पहुंचीं थीं तो उनको शिकायत करने से रोकने का भी प्रयास किया गया और उनको लिखित में शिकायत करने नहीं दी गई। इसके बाद भी खिलाडिय़ों ने सारे मामले के बारे में शिक्षा मंत्री को मौखिक जानकारी दी है। खिलाडिय़ों को शिक्षा मंत्री ने मामले की जानकारी लेकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। खिलाडिय़ों की हिम्मत देखकर अब पीटीआई भी शिक्षा मंत्री से शिकायत करने की मानसिकता बना रहे हैं।


खिलाडिय़ों के साथ खेल शिक्षकों ने बताया कि बिलासपुर के पहले धमतरी में भी हुई एक स्पर्धा में इसी सिपाही के कारण विवाद हुआ था। यह सिपाही दिल्ली की राष्ट्रीय शालेय स्पर्धा में भी गया था और वहां पर उसकी मर्जी से खिलाडिय़ों को टीम में खिलाया जाता था। यही नहीं जब प्रदेश की टीम मंच पर पुरस्कार लेने गई थी तब इस सिपाही को भी शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने साथ ले गए थे।
इस सारे मामले में जानने के लिए शिक्षा विभाग के सहायक संचालक (खेल) एसआर कर्ष से संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि जिस सिपाही के बारे में दखल की बात की जा रही है, वह एक दर्शक के रूप में आते हैं। उनके इस जवाब पर खिलाड़ी और खेल शिक्षक कहते हैं जब खेल शिक्षकों के लिए आयोजन में बैठने की व्यवस्था नहीं रहती है तो एक दर्शक के लिए विभाग क्यों कर बैठने का व्यवस्था करता है। इसी के साथ दिल्ली में जब प्रदेश की टीम पुरस्कार लेने मंच पर गई तो एक दर्शक को कैसे प्रदेश की टीम के साथ पुरस्कार लेने के लिए जाने की इजाजत दे दी गई। खिलाडिय़ों और खेल शिक्षकों का कहना है कि इस सारे मामले की जांच शिक्षा मंत्री को करवानी चाहिए क्योंकि इससे शिक्षा विभाग की छवि खराब हो रही है।

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