रविवार, 31 मई 2009

लड़के निकले अनाड़ी-लड़कियों ने बाजी मारी

सप्रे स्कूल के मैदान में एक तरफ लड़कों की टीम जोर लगा रही है तो दूसरी तरफ लड़कियों की टीम लगातार हमले करते हुए गोल मारने के प्रयास में जुटी है। लड़कों को लगातार प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिलती है, पर लड़कियां अंत में किसी भी तरह से लड़कों की रक्षापंक्ति को भेदते हुए गोल मारने में सफल हो जाती हैं। इसी के साथ लड़कियों के खेमे में खुशी की लहर दौड़ जाती है। लड़कियां मैच जीतकर उत्साहित हैं कि चलो उनके सामने लड़के अनाड़ी साबित हो गए हैं। इस जीत से उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है कि जब वे लड़कों की टीम को मात दे सकती हैं तो फिर लड़कियों की टीम से जीतने में क्या परेशानी होगी।

सप्रे स्कूल में इस समय शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा फुटबॉल का प्रशिक्षण शिविर चलाया जा रहा है। राजधानी का यह एक मात्र ऐसा शिविर है जिसमें खिलाडिय़ों के खेल को निखारने के लिए कई तरह के प्रयोग किए जाते हैं। एक तरफ जहां इस शिविर में लड़कों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ होलीक्रास स्कूल कांपा में लड़कियों को प्रशिक्षण देने का काम एनआईएस कोच सरिता कुजूर कर रही हैं। लड़कियों को प्रशिक्षण देने वाली कोच ने सप्रे स्कूल के कोच मुश्ताक अली प्रधान से चर्चा करके लड़के और लड़कियों के बीच मैच करवाने का फैसला किया ताकि जहां लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ सके। ऐसे में तय किया गया और पहला मैच करवाया गया। इस मैच में आशा के विपरीत जोरदार मुकाबला हुआ। ऐसा लग रहा था कि इस मैच में आसानी से लड़के बाजी मार ले जाएंगे, लेकिन लड़कियों ने बाजी पलट दी और मैच जीत लिया। लड़के मैच में पूरे समय कोशिश करने के बाद भी गोल नहीं कर पाएं, लेकिन लड़कियों से एक गोल करके मैच जीत लिया। इस के साथ लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ा है। अब लड़कों और लड़कियों के बीच हर शुक्रवार को मैच करवाने का फैसला किया गया है। शेरा क्लब खिलाडिय़ों का खेल निखारने के लिए आस-पास की टीमों के साथ मैच करवा रहा है। इसी कड़ी में टीम भिलाई खेलने जा रही है।

छत्तीसगढ़ के चार खिलाड़ी संभावित भारतीय टीम में

भारत की संभावित कबड्डी टीम में छत्तीसगढ़ के चार खिलाडिय़ों को पहली बार मौका मिला है। चारों खिलाड़ी अलग-अलग वर्ग के हैं। इनका प्रशिक्षण शिविर भोपाल और लखनऊ साई सेंटर में लगेगा। इन चारों खिलााडिय़ों को मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह से ट्रेक शूट दिलावाए गए हैं।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश कबड्डी संघ के महासचिव रामबिसाल साहू ने बताया कि भारतीय कबड्डी संघ ने संघ को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि सीनियर वर्ग के लिए तारिका देवी (भिलाई), जूनियर वर्ग के लिए बेला दुग्गा (राजनांदगांव), एवं सब जूनियर बालक वर्ग के लिए रहमान अली (भिलाई) एवं सुरेन्द्र साहू (बिलासपुर) का चयन संभावित टीम में किया गया है। सीनियर एवं जूनियर बालिका टीम का प्रशिक्षण शिविर एक से ३० जून तक भोपाल के साई सेंटर में लगेगा। इस शिविर में शामिल होने के लिए प्रदेश की खिलाड़ी ३ जून को जाएंगी। बेला की पुलिस में परीक्षा होने के कारण खिलाड़ी तीन दिन विलंब से जाएंगी। इधर बालकों का शिविर लखनऊ के साई सेंटर में एक जून से लगेगा। शिविर मेँ शामिल होने प्रदेश के खिलाड़ी रविवार को यहां से रवाना होंगे।

प्रदेश के चारों के खिलाडिय़ों के चुने जाने पर राजनांदगांव में एक कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों खिलाडिय़ों को ट्रेक शूट दिलावए गए। मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों को शुभकामनों देते हुए भारतीय टीम में स्थान बनाने के लिए मेहनत करने कहा।

शनिवार, 30 मई 2009

नए खेलों में भी करेंगे खिलाड़ी तैयार

पांच दिनों तक चले १० खेलों के सेमिनार में कई नए खेलों के बारे में जानने के बाद अब रायपुर जिले के ४० पीटीआई काफी उत्साहित हैं और एक स्वर में कहते हैं कि अब तक वे उन्हीं खेलों में खिलाड़ी तैयार करने का काम करते थे जिन खेलों के वे विशेषज्ञ हैं, पर अब नए खेलों में भी खिलाड़ी तैयार किए जाएंगे। इसी के साथ अब जिन खेलों की जानकारी मिली है, उन खेलों में अपनी टीम के साथ होने वाले पक्षपात का भी विरोध कर पाएंगे।
दानी स्कूल में हुए इस सेमिनार में शामिल रायपुर के पीटीआई हीरालाल टेंडी, संजय शुक्ला, उमेश सिंह ठाकुर, योति वैद्य, सीमा साहू, यामिनीश शुक्ला, कविता पटेल, बुध्देश्वरी मलागार, पी. सेंटियागो, नाजिम कुरैशी, अखिलेश दुबे, अनिल मिश्रा, रवि धनकर, संदीप गोविलकर, वरूण पांडे, सुखचंद वर्मा, सुरेश मंडके, सुधीर पिल्ले, प्रकाश कश्यप, मनोज तिवारी, आईपी वर्मा, लाल बहाुदर सोनकर (सभी रायपुर), रामेश्वर ठाकुर (खरोरा),प्रेमनाथ पाठक (खोरपा), सरिता देवांगन (परसदा), गोर्वधन ध्रुव (नेवरा), अंजली बरमाल (चंदखुरी), आरएल तारक (अभनपुर), पीताम्बर पटेल (उपरवारा), एसए अलीमीर, पीके श्रीवास्तल निनंदन देवांगन, रोमन लाल साहू (राजिम), जेएल साहू (हल्दी), कमलेश यादव (आरंग), आरबी चन्द्राकार (भानसोज), फारूख अहमद (गरियाबंद), एनके नायक (सिलयारी), छोटे लाल देवांगन (दोंदेकला), नीलमंणी चन्द्राकर (परसदा) ने सेमिनार के बाद एक साथ चर्चा करते हुए कहा कि अब तक वे केवल उन्हीं खेलों के बारे में जानते थे जिन खेलों के वे विशेषज्ञ हैं, लेकिन यहां पर दस नए खेलों के बारे में जानने के बाद अब लगने लगा है कि ऐसा आयोजन तो काफी पहले हो जाना था।

सभी ने एक स्वर में माना की जिला खेल अधिकारी सीएल बघेल ने यह आयोजन करके सभी खेल शिक्षकों का खेल जीवन बढ़ा दिया है। खेल शिक्षकों ने कहा कि अब उनको नए खेलों की जानकारी मिलने के बाद ऐसा लगता है कि वे अपने-अपने स्कूलों में इन नए खेलों के भी खिलाड़ी तैयार करने का काम करेंगे। इन्होंने कबूल किया कि दूसरे खेलों की जानकारी न होने के कारण जहां वे अपने स्कूल के खिलाडिय़ों की उन खेलों में मदद नहीं कर पाते थे, वहीं किसी टीम के साथ जाने पर जब टीम के साथ पक्षपात होता था तो उस खेल की जानकारी न होने पर विरोध भी नहीं कर पाते थे। लेकिन अब हमें जिन खेलों की जानकारी हो गई है अब उन खेलों की टीमें लेकर जब भी हम किसी चैंपियनशिप में जाएंगे तो अपनी टीम के साथ पक्षपात होने नहीं देंगे। सभी खेल शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि ऐसा आयोजन साल में एक बार हर जिले में होना चाहिए ताकि सभी पीटीआई हर खेल के जानकार होकर हरफनमौला बन सकें। इन्होंने कहा कि आगे और खेलों की जानकारी के लिए ऐसा सेमिनार करना चाहिए।
अंतिम दिन सीखे हैंडबॉल के गुर- सेमिनार के अंतिम दिन पीटीआई को हैंडबॉल के एनआईएस कोच एसके भोई ने हैंडबॉल के नियमों के साथ उसकी पूरी तकनीकी जानकारी दी। इसके बाद हुए समापन समारोह के मुख्यअतिथि प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान थे। इस अवसर पर दानी स्कूल के प्राचार्य दानी राम वर्मा के पूर्व जिला खेल अधिकारी आरके द्विवेदी भी उपस्थित थे।

प्रदेश की टीम में स्थान पाने की होड़

राष्ट्रीय सब जूनियर टेनीक्वाइट के साथ महिला फेडरेशन कप में खेलने जाने वाली प्रदेश की टीम में स्थान बनाने के लिए खिलाडिय़ों में जोर-आजमाइश का दौर चल रहा है। सब जूनियर टीम में स्थान पाने की दौड़ में जहां १०० खिलाड़ी हैं, वहीं फेडरेशन कप की टीम के लिए प्रदेश की दो दर्जन खिलाड़ी मैदान में हैं।

खालसा स्कूल में प्रदेश टेनीक्वाइट संघ द्वारा प्रदेश की सब जूनियर बालक और बालिका टीम के साथ फेडरेशन कप के लिए महिला टीम बनाने के लिए चयन ट्रायल का आयोजन किया गया है। पहले दिन इस ट्रायल में जहां रायपुर के करीब ५० खिलाड़ी आए, वहीं दूसरे दिन दुर्ग, महासमुन्द के खिलाडिय़ों से ट्रायल दिया। अब तीसरे और अंतिम दिन शनिवार को बिलासपुर और धमतरी के खिलाडिय़ों के ट्रायल के बाद टीम का चयन किया जाएगा। वरूण पांडे ने बताया कि चुनी गई सब जूिनयर और फेडरेशन कप की टीम पटना में होने वाली चैंपियनशिप में भाग लेने जाएगी। यह चैंपियनशि वहां पर ८ से १३ जून तक होगी। टीम के जाने से पहले यहां पर प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा।

क्रिकेट के गुर सीख रहे हैं खिलाड़ी

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे संघ द्वारा चलाए जा रहे क्रिकेट के प्रशिक्षण शिविर में ४७ खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन खिलाडिय़ों को तैयार करने का काम स्वर्ण सिंह कलसी कर रहे हैं।
रेलवे के मैदान में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में १० से १४ साल के २३ और १५ से २५ साल के २४ खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। इन खिलाडिय़ों को बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण के गुर सिखाने के साथ तकनीकी जानकारी भी कोच स्वर्ण सिंह कलसी दे रहे हैं। खिलाडिय़ों के खेल को निखारने के लिए इनका छत्तीसगढ़ क्रिकेट अकादमी, न्यू यंग स्टार अकादमी, वीआईपी क्लब, रियाज अकादमी और गुरुकुल अकादमी के साथ मैच भी करवाया जा रहा है। सभी मैच टर्फ विकेट पर करवाए जा रहे हैं ताकि खिलाडिय़ों को टर्फ का ही अनुभव मिल सके। शिविर में श्री कलसी के साथ मुजाहिद हक और मनीष राठौर भी खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम कर रहे हैं। रेलवे के वरिष्ठ खेल अधिकारी आरके सिंह ने खिलाडिय़ों का रूङाान देखते हुए रेलवे के मैदान में एक और टर्फ विकेट बनाने की बात कही है।

बीएससीए रेड जीता

ब्लू स्टार क्रिकेट अकादमी द्वारा आयोजित टी-टेन क्रिकेट में बीएससीए रेड ने पहला मैच ८ विकेट से जीत लिय। सप्रे स्कूल के मैदान में खेल गए मैच में बीएससीए ब्लेक ने पहले खेलते हुए १० ओवरों में ८९ रन बनाए। चितरंजर राजपूत ने सबसे ज्याादा २६ रन बनाए। जीत के ९० रनों का लक्ष्य रेड ने दो विकेट खोकर ही प्राप्त कर लिया। चेतन्य गांगुली ने २६ गेंदों में ही ५८ रन ठोंक दिए। दूसरे मैच में ग्रीन ने पहले खेलते हुए ९ विकेट पर ७४ रन बनाए। सौर से सबसे ज्यादा १७ रन बनाए। इसके जवाब में रेड ने ८.३ ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर जीत प्राप्त कर ली। शिवा ने ३५ रनों की नाबाद पारी खेली।

शुक्रवार, 29 मई 2009

फुटबॉल-साफ्टबॉल के गुर सीखे खेल शिक्षकों ने


खेल शिक्षकों को सभी खेल में विशेषज्ञ बनाने की पहल के तहत आयोजित सेमिनार के चौथे दिन खेल शिक्षकों को फुटबॉल, साफ्टबॉल और बेसबॉल के गुर सिखाए गए। सेमिनार में अंतिम दिन हैंडबॉल की जानकारी दी जाएगी और इसी के साथ सेमिनार का समापन हो जाएगा। पांच दिनों के सेमिनार में खेल शिक्षकों को १० खेलों की जानकारी दी गई है। खेलों की जानकारी से खेल शिक्षकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है ऐसा खेल शिक्षकों का मानना है।


दानी स्कूल में चल रहे सेमिनार के चौथे दिन खेल शिक्षकों की क्लास लेने का काम सबसे पहले फुटबॉल के राष्ट्रीय अंपायर भिलाई के आरके साव ने किया। उन्होंने खेल शिक्षकों को खेल के बारे में इतनी बारीकी से बताया कि खेल शिक्षक खुश हो गए। पहले मैदान के बारे में जानकारी देने के ेबाद प्रोजेक्टर के जरिए अंतरराष्ट्रीय मैचों का प्रदर्शन करके खेल की पूरी तकनीकी जानकारी दी गई। एक-एक पाउल और कार्ड से लेकर हर तरह की जानकारी बताई गई। खेल शिक्षकों के सवालों के जवाब भी दिए गए। फुटबॉल के बाद नए खेलों साफ्टबॉल और बेसबॉल के बारे में एनआईएस कोच लिंगराज रेड्डी ने जानकारी दी। सेमिनार के तीसरे दिन कबड्डी की जानकारी प्रदेश कबड्डी संघ के महासचिव रामबिसाल साहू ने और वालीबॉल की पूर्व वरिष्ठ खिलाड़ी राजेश सोमवंशी ने दी थी।


रायपुर जिले के स्कूली शिक्षा विभाग के खेल अधिकारी सीएल बघेल की पहल पर ही पांच दिनों का सेमिनार आयोजित किया गया है। इस सेमिनार में जिले के ३१ पीटीआई शामिल हो रहे हैं। सेमिनार में राजधानी की आाधा दर्जन महिला खेल शिक्षिकाएं भी शामिल हैं। पहले दिन इसको जहां खो-खो के राष्ट्रीय प्रशिक्षक जीवन लाल वर्मा द्वारा खो-खो के बारे में जानकारी दी गई, वहीं दूसरे दिन मंगलवार को हॉकी के बारे में राष्ट्रीय अंपायर नोमान अकरम हामिद ने जानकारी दी।

टेस्ट में भी बिहार बेस्ट

बिहार की अंडर १६ टीम ने छत्तीसगढ़ को वनडे सीरीज के बाद टेस्ट सीरीज में भी पूरी तरह से मात देकर अपने को बेस्ट साबित किया और तीनों टेस्ट जीतने के साथ टीम दोनों सीरीज की ट्रॉफी लेकर यहां से लौटी। तीसरे टेस्ट में मेजबान के १० विकेट से मात मिली।

एक दिवसीस सीरीज के बाद बिहार ने टेस्ट मैंचों में भी छत्तीसगढ़ को ३-० से पराजित कर पूरी सीरीज में ही उसका सफाया कर दिया। राजकुमार कालेज मैदान में खेले गये तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच के अंतिम दिन बिहार ने छत्तीसगढ़ को दस विकेट से पराजित किया। छत्तीसगढ़ की पहली पारी १३५ रनों के जवाब बिहार ने ७०।४ ओवर में २८६ रन बनाए। पहली पारी के आधार पर उसने छत्तीसगढ़ से १५१ रन की बढ़त ले ली।


पूरी सीरीज में हरफनमौला खेल का प्रदर्शन करने वाले बिहार के साशिम राठौर और टेस्ट मैंचों में दो शतक जमाने वाले राजीव कुमार को संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। अंतिम मैच में दोनों पारियों को मिलाकर ११ विकेट लेने वाले साशिम राठौर को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। मैन ऑफ द सीरिज के विजेता को दस हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया। वहीं बिहार को ट्रॉफी के साथ ही नगद पुरूस्कार दिया गया। विजेता टीम तथा खिलाडिय़ों को राजकुमार कॉलेज के प्राचार्य जे.बी. सिंह ने पुरस्कार दिये।

गुरुवार, 28 मई 2009

जंप रोप सीखने जुटे खिलाड़ी

ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर में जंप रोप के गुर सीखने के लिए खिलाडिय़ों का जमावड़ा लगा है। यह शिविर एमजीएम स्कूल में चल रहा है जिसमें छोटे खिलाडिय़ों से लेकर बड़े खिलाड़ी भी प्रशिक्षण ले रहे हैं।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २१ खेलों के प्रशिक्षण शिविरों में जंप रोप का प्रशिक्षण शिविर एमजीएम स्कूल में चल रहा है। यहां पर प्रशिक्षण देने का काम अखिलेश दुबे कर रहे हैं। शिविर सुबह को ६.३० से ८.३० बजे तक चल रहा है। शिविर में खेल की बारीकियों से खिलाडिय़ों को अवगत कराया जा रहा है। शिविर में विभिन्न स्कूलों के ६० बच्चे शामिल हैं।

बुधवार, 27 मई 2009

पीटीआई बनाए जा रहे खेल गुरु

खेल शिक्षकों को सभी खेल में विशेषज्ञ बनाने की पहल करते हुए यहां पर उनको प्रशिक्षण देने का काम खेल विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। पहले चरण में १० खेलों के विशेषज्ञों के बुलाया गया है। ये पांच दिनों तक अपने-अपने खेलों के बारे में बताएँगे। दूसरे दिन हॉकी और टेबल टेनिस के विशेषज्ञों ने क्लास ली।
रायपुर जिले के स्कूली शिक्षा विभाग के खेल अधिकारी सीएल बघेल की पहल पर दानी स्कूल में खेल शिक्षकों के लिए पांच दिनों का सेमिनार आयोजित किया गया है। इस सेमिनार में जिले के ३१ पीटीआई शामिल हो रहे हैं। सेमिनार में राजधानी की आाधा दर्जन महिला खेल शिक्षिकाएं भी शामिल हैं। इनको १० खेलों के बारे में जानकारी दी जा रही है। पहले दिन इसको जहां खो-खो के राष्ट्रीय प्रशिक्षक जीवन लाल वर्मा द्वारा खो-खो के बारे में जानकारी दी गई, वहीं दूसरे दिन मंगलवार को हॉकी के बारे में राष्ट्रीय अंपायर नोमान अकरम हामिद ने जानकारी दी। इन्होंने सबसे पहले हॉकी के मैदान का खाका खींचकर मैदान की जानकारी दी, इसके बाद हॉकी की तकनीकी जानकारी से सबका अवगत करवाया। इसी तरह से टेबल टेनिस के बारे में रूपेन्द्र चौहान ने और क्रिकेट के बारे में मनोज तिवारी ने जानकारी दी।

बिहार की जीत तय

छत्तीसगढ़ के खिलाफ बिहार का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच जीतना भी लगभग तय हो गया है। पहली पारी के आधार पर उसने छत्तीसगढ़ के १३५ रनों के जवाब में ४ विकेट के नुकसान पर १६२ रन बनाकर २७ रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली है। साशिम राठौर ने घातक गेंदबाजी करते हुए केवल १५ रन देकर सात खिलाडिय़ों को पेवेलियन की राह दिखाई। बिहार के लिए राजीव कुमार ने ६२ रनों की नाबाद पारी खेली है।

तीन एक दिवसीय मैंचों में छत्तीसगढ़ को ३-० से पराजित करने के बाद बिहार ने टेस्ट मैंचों में भी छत्तीसगढ़ का सफाया कर दिया है। तीन टेस्ट मैंचों के दो मैच जीतकर उसने पहले ही निर्णायक बढ़त हासिल कर ली थी। राजकुमार कालेज मैदान में प्रारंभ हुए तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच के पहले दिन ही उसने मैच पर अपनी पकड़ बना ली। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी छत्तीसगढ़ की टीम बिहार के साशिम राठौर की कहर ढाती गेंदबाजी का सामना करने में पूरी तरह से विफल रही। छत्तीसगढ़ के केवल दो ही बल्लेबाज शाकीद अहमद (३६ रन, ७ चौक) और अमूल जैन (२२ रन) ही कुछ देर तक क्रीज पर रुके रहे और राठौर की गेंदबाजी का सामना किया। पूरी टीम ४३.३ ओवर में केवल १३५ रन बनाकर वापस पेवेलियन लौट गई। साशिम राठौर ने १५.४ ओवर में केवल १५ रन खर्च कर छत्तीसगढ़ के ७ खिलाडिय़ों को वापस पेवेलियन भेजा। सागर ने दो और फैजल गनी ने एक विकेट लिया।
जवाब में बिहार की टीम ने दिन का खेल समाप्त होने तक ४६ ओवर में ४ विकेट के नुकसान पर १६२ रन बनाकर छत्तीसगढ़ पर निर्णायक बढ़त हासिल कर ली। खेल समाप्त होने के समय दो शतक जमाने वाले राजीव कुमार ६२ रन बनाकर मैदान में डटे हुए हैं। उन्होंने अब तक १२० गेंदों का सामना किया है और सात चौके लगाए हैं। वहीं इशांत किशन ३२ रन बनाकर वापस पेवेलियन लौट गए। छत्तीसगढ़ की ओर से अभिषेक ने २ तथा शहनवाज और जैसल मिश्रा ने १-१ खिलाडिय़ों को आउट किया। मैच के अंपायर भिलाई के केशवमूर्ति और डी.एस. सिदाना थे।

छत्तीसगढ़ टीम घोषित

राजनांदगांव में २९ मई से प्रारंभ होने वाली अखिल भारतीय रानी सूर्यमुखी देवी क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए छत्तीसगढ़ क्रिकेट टीम की घोषणा कर दी गई है। टीम का नेतृत्व बिलासपुर के संतोष साहू करेंगे जबकि भिलाई के मनोज कुमार को टीम का उपकप्तान बनाया गया है।

यह जानकारी छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के सचिव राजेश दवे ने दी। उन्होंने बताया कि २९ मई से राजनांदगांव में प्रारंभ होने वाली रानी सूर्यमुखी देवी स्मृति क्रिकेट प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की टीम भी शिरकत करेगी। १५ सदस्यीय टीम की घोषणा आज दोपहर को की गई। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए टीम २८ मार्च की शाम को राजनांदगांव के लिए रवाना होगी।
घोषित टीम इस प्रकार है- संतोष साहू कप्तान बिलासपुर, मनोज कुमार उपकप्तान भिलाई, अभिषेक जैन, मोहतसीन हसन, हरप्रीत सैनी, अभिषेक सिंह, संदीप अगाशे, विक्रांत गोनाडे, अमित मिश्रा, स्वर्ण सिंह, जॉन ग्रेब्रिएल, कुहूप सिंह, रुपेश नायक, अभिषेक खरे, रोहित धु्रव। गोपाल राव टीम के मैनेजर और कोच बनाए गए है।

मंगलवार, 26 मई 2009

लेंगे मेजबानी-आएगी खेलों में जवानी

छत्तीसगढ़ का खेल विभाग प्रदेश में खेलों को नया जीवन देने के लिए राष्टीय खेलों २०१३-१४ की मेजबानी लेने के लिए गंभीरता से जुटा हुआ है। खेल संचालक जीपी सिंह लगातार उन राज्यों से संपर्क कर रहे हैं जहां पर आगामी राष्ट्रीय खेल होने हैं। सोमवार को ही उन्होंने गोवा के खेल संचालक से बात करके पूरी जानकारी ली है। खेल विभाग का एक प्रतिनिधि झारखण्ड का दौरा करके भी आ गया है। बहुत जल्द मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने पूरी योजना पेश की जाएगी और फिर भारतीय ओलंपिक संघ के पास मेजबानी लेने का दावा पेश किया जाएगा।

प्रदेश का खेल विभाग इस समय नई खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी के मार्गदर्शन में प्रदेश में खेलों के विकास के लिए नए-नए काम करने में लगा है। प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा टोटा खेल मैदानों का है। इस टोटे को पूरा करने के लिए ही खेल विभाग ने राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का मन बनाया है। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने पर खेल मैदान बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने ७५ प्रतिशत से भी ज्यादा मदद मिल जाती है। मेजबानी का दावा करने से पहले खेल विभाग ने जहां अपने संसाधनों को टटोलने का काम किया है, वहीं जिन राज्यों में इस समय राष्ट्रीय खेल होने हैं उन राज्यों से भी जानकारी मंगाई जा रही है। अगले राष्ट्रीय खेल झारखण्ड में होने वाले हैं। ऐसे में वहां पर कितने मैदान बनाए गए हैं और केन्द्र सरकार से कितनी मदद मिली है इसकी जानकारी लेने के लिए विभाग ने सहायक संचालक ओ. पी. शर्मा को वहां भेजा था। सोमवार को खेल संचलक जीपी सिंह ने गोवा के खेल संचालक से बात की। वहां पर २०१०-११ में राष्ट्रीय खेल होंगे। गोवा के खेल संचालक ने श्री सिंह को बताया कि केन्द्र सरकार से ८० से ९० प्रतिशत तक मदद मिल जाती है। उनकी बातों से मेजबानी लेने में और उत्साह आया है। इधर एक जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन करने वाले झारखण्ड को जहां केन्द्र सरकार से १७० करोड़ की मदद मिल चुकी है, वहीं असम में हुए आयोजन में केन्द्र सरकार ने ३०० करोड़ और हैदराबाद में २०० करोड़ की मदद की थी। केन्द्र सरकार से करीब ४०० करोड़ की मदद मिलने की बात प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान कहते हैं।

मेजबानी के आवेदन के साथ देने होंगे ५० लाख- मेजबानी का फैसला करने के बाद मेजबानी के आवेदन के साथ भारतीय ओलंपिक संघ के पास प्रदेश सरकार को ५० लाख जमा करने होंगे। आवेदन के बाद ओलंपिक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल यहां आएगा और सुविधाओं को देखने के बाद ही मेजबानी तय होगी। जब मेजबानी देने का फैसला किया जाएगा तब प्रदेश सरकार का एक करोड़ ५० लाख की राशि और जमा करनी होगी।
मुख्यमंत्री रमन सिंह से उम्मीद - प्रदेश की खेल बिरादरी को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से उम्मीद है कि वे जरूर राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का फैसला करेंगे। उनके समाने जल्द ही खेल विभाग पूरी योजना के साथ पेश होने वाला है। मुख्यमंत्री चूकि खेलों में बहुत रूचि लेते हैं और भाजपा शासन काल में कई बड़े आयोजन हो चुके हैं ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वे इसके लिए सहमति दे देंगे। खेल विभाग के अधिकारी उनसे इस माह के अंत में मुलाकात करेंगे।
जोगी सरकार नहीं ले पाई थी मेजबानी - छत्तीसगढ़ के अलग बनने के बाद प्रदेश में अजीत जोगी की सरकार बनी थी। उस समय जोगी सरकार ने भी एक प्रयास किया था कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिल जाए। पहले खेल मंत्री शंकर सोढ़ी ने इसके लिए ओलंपिक संघ के पास आवेदन भी भेजा था, लेकिन आवेदन के साथ भेजी जानी वाली राशि सरकार ने नहीं भेजी थी जिसके कारण मेजबानी नहीं मिल पाई थी। तब २००९-१० की मेजबानी मांग गई थी।

सोमवार, 25 मई 2009

छोटे बच्चों में भी नेटबॉल का क्रेज

खेल एवं युवा कल्याण विभाग के नेटबॉल के प्रशिक्षण शिविर में जहां एक तरफ स्कूल-कॉलेज के बड़े खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने के साथ मैच खेलने में लगे हैं, वहीं छोटे बच्चों में भी इस खेल का क्रेज है। केजी वन से लेकर हर क्लास के बच्चे न सिर्फ प्रशिक्षण ले रहे हैं बल्कि इनका कहना है कि वे नियमित रूप से नेटबॉल खेलना चाहते हैं। इन बच्चों को प्रशिक्षण देने का काम राष्ट्रीय खिलाड़ी भावना खंडारे कर रही हैं।

नेटबॉल का प्रशिक्षण शिविर सेंटपाल्स स्कूल में चल रहा है। यहां पर सुबह और शाम के समय में ५० से ज्यादा खिलाड़ी खेल के गुर सीखने आ रहे हैं। प्रशिक्षण लेने वालों में छोटे बच्चे भी शामिल हैं। केजी वन में पढऩे वाले तनिश महंत के साथ नवीश खान, अक्षत, आकांक्षा पांडे, सीमा खान, सानिया खान, नितिका यादव, प्रज्वल दुबे, सिमरन कुरैशी, एलीस पीटर, हफीज हुसैन, परमजीत सिंह, राहुल रावत, तरूण कांती, कमल जाल, देवेन्द्र साहू, शुभम बंसोडे, कृष्णा कुमार, यासिका, शिवा जगत, प्रीति मानिकपुरी, वसीम खान ये सब नए खिलाड़ी हैं। पहली बार नेटबॉल से जुडऩे वाले इन खिलाडिय़ों का कहना है कि वे महज ग्रीष्मकालीन शिविर के कारण नहीं आए हैं बल्कि अब इस खेल को नियमित खेलना चाहते हैं। उनको मालूम है कि सेंटपाल्स स्कूल में नियमित प्रशिक्षण चलता है।


खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाली कोच भावना खंडारे बताती हैं कि खिलाडिय़ों को नेटबॉल की बेसिक जानकारी के साथ खेल में किस पोजीशन में कैसे खेलना है इसकी भी पूरी जानकारी दी जा रही है। खिलाडिय़ों को मैच खिलाकर भी बताया जाता है कि किस तरह से खेलना है। उन्होंने बताया कि शिविर में जहां नए खिलाड़ी शामिल हैं, वहीं कई राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ सरिता यादव और सोनिया क्षत्री भी खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम कर रही हैं। शिविर के लिए खेल का सामान खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने दिया है।

दूसरे टेस्ट के साथ बिहार का सीरीज पर कब्जा

मेहमान बिहार की अंडर १६ टीम ने दूसरे टेस्ट में पहली पारी की बढ़त के आधार पर मैच जीतकर तीन मैचों की सीरीज में २-० की अपराजेय बढ़त लेकर सीरीज पर कब्जा कर लिया। २५५ रनों की चुनौती के सामने मेजबान छत्तीसगढ़ की टीम २०४ रनों पर ही सिमट गई। शतक बनाने वाले राजीव कुमार के साथ ६ विकेट लेने वाले हरप्रीत सिंह मैन ऑफ द मैच रहे।

बिहार के २५४ रनों के जवाब के बाद अपने कल के स्कोर २ विकेट पर ४७ रनों से छत्तीसगढ़ ने आगे खेलना शुरु किया और उसकी पूरी टीम ८५.५ ओवर में २०४ रन बनाकर वापस पेवेलियन लौट गई। बिहार के गेंदबाज हरप्रीत की घातक गेंदबाजी के चलते छत्तीसगढ़ का कोई भी बल्लेबाज अधिक देर तक क्रीज पर नहीं टिक सका। छत्तीसगढ़ की ओर से मॉटिन जोसेफ ने १०३ गेंदों पर छह चौकों की मदद से ६७ और उत्कर्ष श्रीवास्तव ने ९३ गेंदों पर चार चौकों की मदद से ४० रनों की पारी खेली। इस जोड़ी ने सातवें विकेट के लिए १६५ गेंदों पर ८९ रनों की साङोदारी की। यह जोड़ी नहीं टिकती तो मेजबान को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ता। इन दोनों के अलावा छत्तीसगढ़ का कोई भी बल्लेबाज अधिक देर तक क्रीज पर नहीं जम सका। बिहार की ओर से हरप्रीत सिंह ने घातक गेंदबाजी करते हुए ५४ रन देकर छत्तीसगढ़ के ६ खिलाडिय़ों को वापस पेवेलियन भेजा। वहीं फैजल गनी ने २० रन देकर ३ विकेट चटकाए। पहली पारी में शतक जमाने वाले राजीव कुमार और ६ विकेट लेने वाले हरप्रीत सिंह को संयुक्त रुप से मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच २६ तारीख से खेला जाएगा।

रविवार, 24 मई 2009

ओलंपियन एयरमेन को हॉकी खिलाड़ी भूले

छत्तीसगढ़ के हॉकी के ओलंपियन एयरमेन आर बेस्टियन की पहली पुन्यतिथि पर उनको किसी भी हॉकी खिलाड़ी ने याद नहीं किया और श्रद्धांजलि देना भी जरूरी नहीं समझा । इधर राजधानी की ३४ साल पुरानी शेरा क्रीड़ा समिति ने जरूर उनको याद करते हुए फुटबॉलरों के साथ श्रद्धांजलि दी। पहले शेरा क्लब में हॉकी भी होती थी, पर अब केवल इसमें फुटबॉल होता है, इसके बाद भी क्लब ने अपने ओलंपियन को याद करने का काम किया। क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान जहां फुटबॉल के अच्छे कोच हैं, वहीं हॉकी के भी कोच हैं। छत्तीसगढ़ में राज्य हॉकी संघ में वे श्री एयरमेन के साथ भी रहे हैं।

१९६० के रोम ओलंपिक में अपनी हॉकी स्टिक का जलवा दिखाने वाले छत्तीसगढ़ के एयरमेन आर बेस्टियन का पिछले साल २३ मई को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था, आज उनकी पहली पुन्यतिथि थी, पर हॉकी संघ के साथ किसी भी हॉकी खिलाड़ी ने उनको याद भी नहीं किया। लेकिन उनके साथ लंबे समय तक काम करने वाले हॉकी के कोच मुश्ताक अली प्रधान जो कि हॉकी से इस समय पूरी तरह से कट हुए हैं, उन्होंने शाम को शेरा क्रीड़ा समिति के फुटबॉल शिविर में शिविर का प्रारंभ करने से पहले अपने साथी एयरमेन को याद करते हुए जहां फुटबॉलरों को उनको बारे में जानकारी दी और उनका बताया कि कैसे इस महान खिलाड़ी ने छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोम ओलंपिक में रौशन किया था, वहीं उनको श्रद्धांजलि भी दी। श्री प्रधान ने बताया कि उनको एयरमेन के साथ लंबे समय तक काम करने का मौका मिला। जब छत्तीसगढ़ में राज्य हॉकी संघ बनाया गया तो उनको सम्मान स्वरूप ही पहला महासचिव बनाया गया था। उस समय मैं कार्यालय सचिव था, पर बाद में हॉकी संघ में विवाद के कारण मैंने उससे किनारा कर लिया और फुटबॉल की तरफ ही ध्यान देने लगा हूं, लेकिन कम से कम मैं तो अपने राज्य के हॉकी के उन महान खिलाड़ी को नहीं भूल सकता हूं। हमारी कामना है कि खुदा उनकी आत्म को जन्नत नसीब करे।

राजीव ने जड़ा शतक

बिहार ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन राजीव कुमार के शतक की मदद से २५४ रन बनाकर मेजबान छत्तीसगढ़ के सामने पहली पारी में बढ़त लेकर जीतने के लिए २५५ रनों का लक्ष्य रखा है। बिहार ने पहले खेलते हुए ६१।२ ओवरों में २५४ रन बनाए। जवाब में पहले दिन छत्तीसगढ़ ने २७ ओवरों के खेल में २ विकेट पर ४७ रन बना लिए हैं। खेल के दूसरे एवं अंतिम दिन मेजबान को ९० ओवरों में मैच जीतने के लिए २०८ रन और बनाने होंगे।

राजकुमार कॉलेज के मैदान पर मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्ले चलाने का फैसला किया। पारी का आगाज कप्तान संजय कुमार के साथ सशीम राठौर ने किया। इस सलामी जोड़ी ने टीम को ८१ मिनट में १०२ गेंदों का सामना करते हुए ७९ रनों की मजबूत शुरुआत दी। कप्तान संजय ९५ मिनट में ६० गेंदों का सामना करके २६ रन बनाकर लौटे। इसके बाद दो विकेट और जल्द ही गिर गए। ऐसे में राजीव कुमार और रजनीश की जोड़ी ने मोर्चा संभाला। इस जोड़ी ने चौथे विकेट के लिए ३८ मिनट में ५८ गेंदों पर ४३ रनों की साङोदारी की। इस साङोदारी के बाद फिर विकेट गिरने लगे। पर सातवें विकेट के लिए फिर एक साङोदारी हो गई। इस बार राजीव कुमार ने आशीष रंजन के साथ मिलकर ५५ मिनट में ९३ गेंदों पर ५८ रन जोड़े। इस बीच ५२वें ओवर में राजीव कुमार ने अपना शतक भी पूरा कर लिया। उन्होंने ११२ गेंदों १३ चौकों और दो छक्कों की मदद से १०१ रन बनाए। अंत में राजीव कुमार ने १२३ रन बनाए और अपनी टीम का स्कोर २५४ रन तक पहुंचाया। राजीव के अलावा सलामी बल्लेबाज सशीम राठौर ने ५० रनों की पारी खेली। उन्होंने ८१ मिनट में ४६ गेंदे खेलीं और ९ चौके जड़े। मेजबान छत्तीसगढ़ के लिए योगेश साहू ने सबसे ज्यदा पांच विकेट लिए। उत्कर्ष श्रीवास्तव ने ३ और शहनवाज हुसैन दो विकेट लिए।

मेजबान छत्तीसगढ़ ने पहले दिन का खेल समाप्त होने पर २७ ओवरों में दो विकेट पर ४७ रन बना लिए हैं। साकिब अहमद २१ और अभिषेक कुमार २१ रन बनाकर आउट हुए। अब छत्तीसगढ़ को मैच जीतने के लिए रविवार को ९० ओवरों में कम से कम २०८ रन बनाने होंगे। एक रन की भी बढ़त उसे मैच में विजेता बना देगी। छत्तीसगढ़ के पास अब मैच जीतने का यही एक सुनहरा मौका है। जहां उसने पहला टेस्ट गंवा है, वहीं वनडे सीरीज के भी तीनों मैच हारे हैं।

गेंद अब साई के पाले में

भारतीय खेल प्राधिकरण और प्रदेश सरकार के बीच में राजनांदगांव के खेल परिसर को लेकर एमओयू हो गया है। अब इस एमओयू के बाद गेंद पूरी तरह से साई के पाले में है। साई को जहां पहले ही खेल परिसर के लिए १५ एकड़ जमीन दे दी गई है, वहीं अब सरकार ने खेल परिसर बनाने के लिए भी साई के पास अपनी मंजूरी के सारे कागज भेज दिए हैं। साई राजनांदगांव में बहुत जल्द काम प्रारंभ करेगा।
भारतीय खेल प्राधिकरण राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से एक बड़ा खेल परिसर भी बनाने जा रहा है। इस खेल परिसर में एक दर्जन से ज्यादा खेलों को रखा जाएगा। इसी के साथ यहां पर १०० खिलाडिय़ों के रहने की भी व्यवस्था रहेगी। साई के इस सेंटर का जमीन का अधिग्रहण तो फरवरी में तब हो गया था जब यहां पर साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडू अपने साथियों संयुक्त संचालक राजिंदर सिंह और योजना प्रभारी शहनवाज खान के साथ यहां आए थे। सरकार ने साई को वहां पर १५ एकड़ जमीन दे दी है। अब इस परिसर के लिए साई के साथ एमओयू को अंतिम रूप देकर खेल विभाग ने एमओयू साई के भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिया है। वहां एमओयू पहुंच भी गया है ऐसे खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है।

खेल परिसर में जहां हॉकी का सुपर एस्ट्रो टर्फ लगाया जाएगा, वहीं एथलेटिक्स के लिए ४०० मीटर का ट्रेक भी लगाया जाएगा। इन दोनों योजनाओं पर करीब ८ से १० करोड़ का खर्च आएगा। इसके अलावा परिसर में एक मल्टीप्लेक्स हॉल बनेगा। इस हाल में कई खेलों जैसे बास्केटबॉल, हैंडबॉल, वालीबॉल, जूडो, कुश्ती, जिम्नास्टिक बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कबड्डी के साथ मार्शल आर्ट से जुड़े खेलों के लिए मैदान रहेंगे। उन्होंने बताया कि इंडोर में इन मैदान के साथ ही आउटडोर में भी बास्केटबॉल और वालीबॉल के अलावा फुटबॉल के मैदान बनाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के १५ खेलों ने राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता प्राप्त की है, उन खेलों का समावेश तो यहां रहेगा ही इसके अलावा उन खेलों पर भी ध्यान दिया जाएगा जिनमें पदक की संभावना है। इस पूरी योजना पर करीब ४० करोड़ खर्च आएगा जो साई करेगा। परिसर में तीरंदाजी को लेकर विशेष योजना प्रारंभ की जाएगी। इस खेल में छत्तीसगढ़ से काफी अच्छे खिलाड़ी निकल सकते हैं। यहां के आदिवासी क्षेत्र बस्तर और सरगुजा में इन खेलों की प्रतिभाएं हैं। साई चाहता है कि ओलंपिक में देश के तीरंदाज पदक दिलाने का काम करें। इसके लिए लिम्बाराम को प्रशिक्षक बनाया गया है। उनको यहां प्रशिक्षण देने के लिए भेजा जाएगा।

राजनांदगांव के खेल परिसर का काम इस माह के अंत तक या फिर अगले माह के प्रारंभ में हो जाएगा। इस परिसर को पूरा करने के लिए तीन चरणों में काम होगा। पहले चरण में एस्ट्रो टर्फ के साथ अन्य मैदानों को बनाने की योजना है ताकि प्रशिक्षण का काम प्रारंभ हो सके। पहला चरण अगले साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में मल्टीप्लेक्स को पूरा किया जाएगा। तीसरे और अंतिम चरण में वहां रहने के लिए मकानों का निर्माण होगा। जल्द से जल्द इसको पूरा करना ही हमारा लक्ष्य होगा। पहले चरण का काम तो १८ माह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगले चरणों के लिए भी एक समय सीमा तय की जाएगी।

खेल परिसर में रखे जाने वाले प्रशिक्षकों के बारे में श्री नायडु पहले ही खुलासा कर चुके हैं सभी प्रशिक्षक स्थानीय होंगे। छत्तीसगढ़ में कई खेलों के एनआईएस कोच हैं। जिन खेलों में नहीं हैं उनमें अगर छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी एनआईएस बन जाते हैं तो उनको पहली प्राथमिकता मिलेगी।

शनिवार, 23 मई 2009

बस एक मैदान चाहिए खेलने के लिए

राजधानी की हॉकी खिलाड़ी एक अदद मैदान की कमी से बहुत ज्यादा परेशान हैं। इन खिलाडिय़ों का साफ शब्दों में कहना है कि पुलिस मैदान उनको नियमित नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से कई बार उनको सड़कों पर खेलना पड़ता है। एक तो वैसे भी राजधानी में एक भी एस्ट्रो टर्फ नहीं है इसकी कमी तो खलती ही है, लेकिन जो मैदान हैं वह खेलने के लिए उपलब्ध भी नहीं हो पाते हैं। खिलाड़ी चाहती हैं कि जल्द से जल्द राजधानी में एस्ट्रो टर्फ लग जाए ताकि उनका खेल निखरे और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में वे अपने राज्य के लिए पदक जीतने का काम कर सकें।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग के पुलिस मैदान में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में हॉकी के गुर सीखा रहीं एनआईएस कोच रश्मि तिर्की के साथ पुरानी खिलाडिय़ों राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल चुकीं चन्द्रकांता साहू, ललिता जांगड़े, रूचि बुंदेल, पूजा गिरी, निकिता धनकर, संध्या पाल के साथ ही उषा गिरी, वंदना ध्रुव, अंकिता पांडे, किरण यदु, लता जांगड़े, धनलक्ष्मी आचार्य, गायत्री धनकर के अलावा पहली बार प्रशिक्षण लेने आईं नीतू जगत, जिज्ञासा नेताम, माधुरी यादव, अंजू तिवारी, योगेश्वरी साहू, पूनम राठौर, रजनी चौरागढ़े, चंचल साहू को इस बात का मलाल है कि आज छत्तीसगढ़ को बने आठ साल से भी ज्यादा समय होने के बाद भी महिला हॉकी खिलाडिय़ों को एक मैदान नहीं मिल सका है। सभी खिलाड़ी कहती हैं कि हमें मालूम है कि हमारी सीनियर खिलाड़ी बरसों से पुलिस मैदान में ही अभ्यास करती आ रही हैं। उन लोगों के सामने में भी हमेशा यही परेशानी आती थीं कि जब भी पुलिस मैदान में कोई कार्यक्रम होता था उनको मैदान खेलने के लिए मिल ही नहीं पाता था। आज हम लोगों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। इन सभी खिलाडिय़ों ने एक स्वर में बताया कि कई बार हम लोगों को जब मैदान नहीं मिल पाता है तो हमें सड़कों पर अभ्यास करना पड़ता है। दो दिन पहले ही पुलिस विभाग को मैदान की जरूरत थी ऐसे में खिलाडिय़ों को सड़क पर अभ्यास करने मजबूर होना पड़ा। सभी खिलाडिय़ों को इस बात का भी मलाल है कि राजधानी का नेताजी स्टेडियम जहां रख रखाव के अभाव में खेलने लायक नहीं रहता है वहीं वहां पर क्रिकेट खेलने वाले खिलाडिय़ों का कब्जा रहता है। खिलाडिय़ों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने जब नेताजी स्टेडियम के साथ कोटा स्टेडियम में भी एस्ट्रो टर्फ लगाने की घोषणा कर दी है तो फिर इसको लगाने में विलंब क्यों किया जा रहा है।

एनआईएस कोच रश्मि तिर्की बताती हैं कि हमारी खिलाडिय़ों का राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्तर काफी अच्छा है। अगर इनको एस्ट्रो टर्फ पर अभ्यास करने का मौका मिल जाए तो बहुत जल्द राष्ट्रीय चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ को पदक मिलने लगेंगे। उन्होंने पूछने पर बताया कि प्रशिक्षण शिविर में दो दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी आ रही हैं। प्रशिक्षण शिविर के लिए सारा सामान खेल विभाग ने दिया है। उन्होंने बताया कि इस शिविर के बाद भी नियमित अभ्यास जारी रहेगा।

शुक्रवार, 22 मई 2009

संतोष ट्रॉफी के लिए प्रदेश की टीम तय

राष्ट्रीय संतोष ट्रॉफी में खेलने जाने वाली प्रदेश टीम की घोषणा कर दी गई है। टीम की घोषणा से पहले जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड, रायगढ़ ने अपने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्वों के अंतर्गत जिंदल स्पोट्र्स प्रमोशन बोर्ड के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ राज्य सीनियर फुटबॉल टीम के लिए एक गहन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जो पखवाड़े भर चला। प्रशिक्षक विक्रम दस्तिदार (एनआईएस) के मार्गदर्शन में खिलाडिय़ों ने अपने खेल की तकनीक और खेल प्रदर्शन में निखार लाया। प्रशिक्षक ने उन्हें खेल की बारीकियों और खेल अनुशासन पर गहन जानकारी दी।



रायगढ़ में हुए प्रशिक्षण में शामिल हुए २९ खिलाडिय़ों में से २० खिलाडिय़ों का चयन किया गया। यह सभी खिलाड़ी छत्तीसगढ़ टीम के सदस्य होंगे और यह टीम संतोष ट्रॉफी फुटबाल प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य का नेतृत्व करेगी। उल्लेखनीय है कि यह प्रतियोगिता २४ मई से कोयंबतूर (चेन्नई) में आयोजित की जा रही है। इसमें देशभर के सभी राज्यों की टीमें हिस्सा लेती हैं। यह परंपरा थी कि जिस जिले में जिला फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता था वहीं पर ही खिलाडिय़ों का चयन किया जाता था। यह पहली बार है कि जब किसी दूसरे स्थान पर कैम्प लगाकर प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया गया। खिलाड़ियों का चयन एक निर्णायक मंडल करता है। टीम इस प्रकार हैं: कृष्णा कलसिया (रायगढ़), गुरप्रित सिंह (बिलासपुर), सुनील बारले (कोरिया), श्रीकांत नायडू , प्रभात तिवारी , कुमार कान्त, लोचन सिंह, जितेंद्र हेम्बुम, प्रबल चक्रवर्ती मोहम्मद आबिद खान, कुलवंत सिंह (सभी दुर्ग), दिपांशु मजूमदार (बिलासपुर), जी सी हंसदा, सेन्थिल कुमार, रामचंद मुरमू (सभी रायपुर), दीपक राजा (बिलासपुर), आजाद, अहमद अली,वसीम राजा (कोरिया), डी. शेखर, आशीष रिचडर्सन (दंतेवाड़ा), विक्रम दस्तियार-कोच अरविंद लाल (मैनेजर) होंगे।

बिहार ने पहला टेस्ट जीता

बिहार ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर छत्तीसगढ़ को पहले दो दिवसीय टेस्ट मैच में पराजित कर तीन मैचों की श्रृंखला में १-० से बढ़त ले ली। बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन करने वाले साशिम राठौर को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।

बिलासपुर में छत्तीसगढ़ और बिहार के मध्य खेले गये पहले दो दिवसीय टेस्ट मैच के दूसरे और अंतिम दिन बिहार ने पहली पारी में ६१ रन की बढ़त के आधार पर पहला मैच जीत लिया। छत्तीसगढ़ ने कल की अपनी रन संख्या ३८ रन से आगे खेलना शुरू किया और निर्धारित ९० ओवर में वह ९ विकेट के नुकसान पर २५१ रन ही बना सका। छत्तीसगढ़ की ओर से कप्तान अभिषेक सिंह ने रन आउट होने से पूर्व शानदार ९९ रनों की पारी खेली वह शतक से केवल एक रन से चूक गया। वहीं साकीद अहमद ने ५३ रन और अमरदीप जायसवाल ने २३ रन की पारी खेली। बिहार की ओर से साशिम राठौर ने ३ विकेट लिये। बिहार ने अपनी दूसरी पारी की शुरूआत की और मैच समाप्त होने तक उसने २ विकेट के नुकसान पर ३९ रन बना लिये। बिहार की ओर से ९७ रनों की आतिशी पारी खेलने वाले और छत्तीसगढ़ के तीन बल्लेबाजों को वापस पेवेलियन भेजने वाले साशिम राठौर को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। छत्तीसगढ़ और बिहार के मध्य दूसरा टेस्ट मैच २३ मई से राजकुमार कालेज मैदान में खेला जायेगा।

गुरुवार, 21 मई 2009

रायपुर को बनाना है मुक्केबाजी का गढ़

नेताजी स्टेडियम में छोटे-बड़े खिलाड़ी मुक्केबाजी का अभ्यास करने में जुटे हैं। एक तरफ जहां खिलाड़ी लगन से खेल की बारीकियों को सीखने में लगे हैं, वहीं प्रशिक्षण देने वाले कोच नवीन दास गंभीरता से खिलाडिय़ों को तराशने में जुटे हैं। पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी नवीन दास का सपना है कि रायपुर को भी भिलाई की तरह मुक्केबाजी का गढ़ बना दिया जाए ताकि यहां से भी ओलंपिक के लिए खिलाड़ी निकल सके।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने राजधानी में खेलों का जो प्रशिक्षण शिविर लगाया है, उन खेलों में मुक्केबाजी भी शामिल है। इस खेल में ज्यादा खिलाडिय़ों की रूचि नहीं रहती है, लेकिन दुनिया के इस सबसे ज्यादा कमाई वाले खेल के प्रति राजधानी के खिलाडिय़ों में रूचि नजर आ रही है। शिविर में करीब २० खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन खिलाडिय़ों में चार खिलाड़ी नीलकंठ, राजकुमार, दिलीप और करणदीप ऐसे खिलाड़ी हैं जो स्कूल नेशनल में खेल चुके हैं। कोच नवीन दास बताते हैं कि इन खिलाडिय़ों के नेशनल में खेलने की वजह से ही उनको यह उम्मीद जगी है कि रायपुर को भिलाई की तरह ही मुक्केबाजी का गढ़ बनाया जा सकता है। वे बताते हैं कि इस समय वे शिविर में खिलाडिय़ों को स्टेपिंग, फुटवर्क और पेड पेचिंग के बारे में बता रहे हैं। पूछने पर वे कहते हैं कि रिंग तो बहुत जरूरी है, लेकिन इसके लिए स्थान के साथ काफी महंगा सामान आएगा। उन्होंने कहा कि अगर रिंग की व्यवस्था खेल विभाग कर देता है तो रायपुर को मुक्केबाजी का गढ़ बनने से कोई नहीं रोक सकता है। पांच बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने वाले श्री दास ने दो बार अखिल भारतीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पद भी जीते है। रायपुर में वे ९८ से खिलाडिय़ों को तराशने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रायपुर में प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की कमी नहीं है, बस जरूरत है इनके लिए सुविधाएं देने की। अगर सुविधाएं दी जाए तो यहां से और ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपने जौहर दिखा सकते हैं।

बुधवार, 20 मई 2009

खिलाडिय़ों को लेंगे गोद

प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को गोद लेकर उनके खेल को निखारने की पहल खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने की। उन्होंने इसके लिए खेल विभाग को योजना बनाने के लिए कहा है। पूर्व में खेलों को उद्योगों से गोद दिलाने का काम खेल विभाग के माध्यम से किया गया है। कुछ खेलों को कई सालों से मदद मिल रही है। अब खिलाडिय़ों को गोद दिलाने के पीछे प्रदेश के खिलाडिय़ों को ओलंपिक के लिए तैयार करना है ताकि मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह की मंशा के अनुरुप छत्तीसगढ़ का कोई खिलाड़ी ओलंपिक में पदक लाए तो उसे मुख्यमंत्री द्वारा घोषित दो करोड़ का इनाम मिल सके।

प्रदेश का खेल विभाग राज्य में खेल और खिलाडिय़ों के विकास के लिए लगातार तेजी से काम कर रहा है। नई खेल मंंत्री सुश्री लता उसेंडी भी खेल को बढ़ाने के लिए नई-नई पहल कर रही हैं। उन्होंने अब एक नई पहल करते हुए प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को गोद लेने की योजना बनाई है। इस योजना के लिए खेल विभाग को निर्देशित किया गया है कि इसमें क्या किया जा सकता है उसकी पूरी योजना तैयार की जाए। इस योजना को प्रारंभ करने के पीछे का मकसद यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह अपने कार्यकाल से जो लगातार ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के लिए करोड़ों के नगद इनाम की घोषणा करते रहे हैं उस इनाम के लिए खिलाडिय़ों को रास्ता दिखाना है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने घोषणा कर रखी है कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता तो एक करोड़ और कांस्य पदक जीतने वाले को पचास लाख रुपए दिए जाएंगे। इस घोषणा के बाद से ही लगातार यह बात की जाती रही है कि इस घोषणा को अमलीजाम पहनाने के लिए कोई योजना नहीं है। ऐसे में अब पहल करती हुए खेल मंत्री ने खिलाडिय़ों को गोद लेने की योजना बनाने को कहा है।


पहले नियम बनाएं जाएंगे : सिंह- खेल मंत्री के निर्देश के बाद खेल विभाग इसके लिए योजना बनाने में जुट गया है। इस बारे में संपर्क करने पर खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस योजना को सही तरीके से लागू करने के लिए सबसे पहले नियम बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों को जहां उद्योगों को गोद दिलवाने का काम किया जाएगा, वहीं ऐसे प्रयास भी होंगे कि सरकार भी खिलाडिय़ों को गोद ले ले। उन्होंने बताया इसके लिए नियम बना दिए जाएंगे ताकि ये हमेशा काम आएं। उन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों के लिए डाइट के लिए कितने पैसे लगेंगे उनको कहां प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, यह सब तय किया जाएगा इसके बाद योजना पर अमल प्रारंभ होगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में सीधे खिलाडिय़ों को लाभ पहुचाने का काम होगा। खिलाडिय़ों को चयन करने के लिए टेस्ट भी होंगे। जो खिलाड़ी पात्र होंगे उन्हीं को योजना का लाभ मिलेगा।

वालीबॉल के गुर सीखने जुटे खिलाड़ी

पुलिस मैदान के वालीबॉल कोर्ट में वालीबॉल के गुर सीखने के लिए खिलाडिय़ों का जमावड़ा लगा है। यहां पर ४० से ज्यादा बालिका खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रही हैं। ज्यादातर खिलाड़ी नई हैं। इसी के साथ बालक वर्ग में भी खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविरों में वालीबॉल का प्रशिक्षण शिविर पुलिस मैदान में शाम का ६.३० बजे से लगाया जा रहा है। दुधिया रौशनी वाले इस मैदान में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम राष्ट्रीय खिलाड़ी अजीत कुट्टन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिविर में नए खिलाडिय़ों की भरमार है सभी खिलाड़ी काफी लगन से खेल की बारीकियां सीख रहे हैं। प्रशिक्षण लेने वाली खिलाडिय़ों का एक स्वर में कहना है कि वे महज समर कैम्प में नहीं आई हैं, बल्कि इस खेल में लगातार खेलने की इच्छा रखती हैं। खिलाडिय़ों ने कहा कि शाम को अभ्यास करने से गर्मी से बचाव हो रहा है। खिलाडिय़ों ने पूछने पर बताया कि खेल के लिए सामाना खेल विभाग से मिला है।

छत्तीसगढ़ को दोहरा रजत

राष्ट्रीय यूथ बास्केटबॉल चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ की बालक और बालिका टीमों ने रजत पदक जीते। बालिका टीम को जहां कड़े मुकाबले में तमिलनाडु ने फाइनल में एक अंक से मात दी, वहीं बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ की टीम मप्र से हार गई।

मुंबई में खेली गई इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के चेयरमैन सोनमणी बोरा और अध्यक्ष राजीव जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ का फाइनल में तमिलनाडु से काफी कड़ा मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में छत्तीसगढ़ को ६४-६५ से हार का सामना करना पड़ा। पहले क्वार्टर में तमिलनाडु १५-१३ से आगे थी। दूसरे क्वार्टर में छत्तीसगढ़ की टीम २९-२७ से आगे हो गई। तीसरे क्वार्टर में मुकाबला ४६-४६ की बराबरी पर रहा। अंतिम क्वार्टर में अंत में छत्तीसगढ़ की टीम एक अंक से चूक गई और उसे रजत से ही संतोष करना पड़ा। छत्तीसगढ़ के लिए संगीता मंडल ने १४, रंजीता कौर ने १२, ए. कविता ने ११, सृष्टि उरांव ने १२, पुष्पा निषाद ने १० अंक बनाए। बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ की टीम आसानी से मप्र से ३०-५५ से हार गई।

मंगलवार, 19 मई 2009

बिहार ने रायपुर से तीसरा मैच भी जीता

बिहार ने बिलासपुर में खेले गये तीसरे और अंतिम एक दिवसीय मैंच में छत्तीसगढ़ को आठ विकेट से पराजित कर एक दिवसीय मैंचों में उसका ३-० क्लीन स्वीप कर दिया। बिहार की ओर से नाबाद शतक जमाने वाले साशिम राठौर को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। २० मई से प्रारंभ होने वाले दो दिवसीय तीन टेस्ट मैंचों के लिए छत्तीसगढ़ की टीम घोषित कर दी एक दिवसीय मैच खेलने वाली छत्तीसगढ़ की टीम में ६ बदलाव किए गए हैं।

तीसरे और अंतिम एक दिवसीय मैच में छत्तीसगढ़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित ४५ ओवर में ८ विकेट के नुकसान पर २०२ रन बनाये जिसमें राजन वाशिम ने ५६ शिखर छाबा ने ३० गुलाम रसूल खान ने २५ रनों की पारी खेली। बिहार की ओर से गनी ने ३ और कप्तान संजय कुमार ने २ विकेट लिये। जवाब में बिहार ने जीत के लिये आवश्यक २०३ रन केवल १९।५ ओवर में २ विकेट के नुकसान पर बना लिये। बिहार की इस विजय में साशिम राठौर ने अवस्मरणीय पारी खेली। साशिम ने ६७ गेंदों पर नाबाद १३६ रनों की आतिशी पारी खेली जिसमें २२ चौके और ५ छक्के लगाये। साशिम की आक्रामक पारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने एक ओवर में ३८ रन बनाये। साशिम की इस पारी कारण उसे मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।


टेस्ट मैच के लिये छत्तीसढ़ की टीम: अभिषेक कुमार (कप्तान) राजन वाशिम (उप कप्तान)एश्वर्य मौर्य शाहनवाज हुसैन,अमूल जैन,गुलाम रसूल खान,अमरदीप जायसवाल,उत्कल श्रीवास्तव,शिखर छाबा,साबा हुसैन,जैसल मिश्रा,अतुल पॉल,योगेश साहू,साकीद अहमद,मार्टिन जोसफ। आनंद तलवार कोच,विकास अग्रवाल मैनेजर। टेस्ट मैचों का कार्यक्रम२०-२१ मई को पहला टेस्ट बिलासपुर में, २३-२४ मई को दूसरा टेस्ट राजकुमार कॉलेज रायपुर में, २६-२७ मई को तीसरा टेस्ट राजकुमार कॉलेज रायपुर में खेला जाएगा।

बीच कबड्डी के लिए रायपुर की टीम घोषित

राज्य बीच कबड्डी के लिए रायपुर की टीम घोषित कर दी गई है? यह चैंपियनशिप २२ मई से बिलासपुर में खेली जाएगी। इस चैंपियनशिप में १५ से ज्यादा जिलों की महिला और पुरुष टीमें भाग लेगी। इस चैंपियनशिप में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश की टीम बनाइ जाएगी जो राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाएगी। रायपुर की पुरुष टीम में रितेश मलाजा, भूपेन्द्र वर्मा, भूषण साहू, आकाश जैन, मुकेश यादव, एवं आकाश, कोच बीएल नशीने, मैनेजर पीएन टिकरिया। महिला टीम- हेमलता साहू, कविता पटले, सुषमा ध्रुव, सोनल नायक, अन्नु विश्वकर्मा एवं कविता साहू, कोच बुद्धेश्वरी, मैनेजर बीएल साव। प्रदेश संघ के महासचिव रामविसाल साहू ने बताया कि रायपुर की टीम यहां से २१ मई को बिलासपुर जाएगी।

बिलासपुर का मुख्यमंत्री ट्राफी पर कब्जा

बिलासपुर ने भिलाई को १२६ रनों से पराजित कर अंतर जिला मुख्यमंत्री ट्राफी सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता जीत ली। १९ वर्ष का खिताब भी बिलासपुर के पास ही है। बिलासपुर में खेले गये फायनल मैच में बिलासपुर ने पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित ४० ओवर में ९ विकेट के नुकसान पर २४२ रन बनाये। बिलासपुर की ओर से कप्तान संतोष साहू ने ५६ गेंदों पर ७० रन की पारी खेली इसके अलावा विक्रांत ने ३९ रन बनाये। भिलाई की ओर से मनोज कुमार ने ३ और टुमन ने २ विकेट लिये। जवाब में भिलाई की पूरी टीम ३० ओवर में केवल ९६ रन बनाकर वापस पेवेलियन लौट गई। बिलासपुर की ओर से जॉन ग्रैम्बेल ने घातक गेंदबाजी करते हुए भिलाई के पांच खिलाडिय़ों को वापस पेवेलियन भेजा। जबकि कप्तान संतोष साहू ने बल्लेबाजी के बाद गेदंबाजी में जौहर दिखाते हुए तीन विकेट लिये।

सोमवार, 18 मई 2009

छोटे बच्चे भी बास्केटबॉल के दीवाने

बास्केटबॉल की दीवानगी छोटे-छोटे बच्चों के भी सिर चढ़कर बोल रही है। पुलिस मैदान में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में पहली क्लास से लेकर १०वीं क्लास तक की छात्राएं प्रशिक्षण ले रही हैं। ये छात्राएं महज समर कैम्प के लिए नहीं आईं हैं बल्कि बास्केटबॉल नियमित खेलना चाहती हैं।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २१ खेलों के प्रशिक्षण शिविरों में से बास्केटबॉल का प्रशिक्षण शिविर पुलिस मैदान में चलाया जा रहा है। इस शिविर में ८० से ज्यादा लड़कियों प्रशिक्षण लेने आ रही हैं। प्रशिक्षण लेने वाली खिलाड़ी हर उम्र की हैं। इन खिलाडिय़ों में पहली क्लास की भी छात्राएं हैं। अलपिया परवीन जहां पहली क्लास में पढ़ती हैं, वहीं जागृति जैन और पायल दीप दूसरी की छात्राएं हैं। इसी तरह से कागज बाग तीसरी, अंकिता बाग चौथी, सपना जाल पांचवीं और कृष्णा जैन छठी की छात्रा हैं। एक नन्हीं खिलाड़ी तुलसी न्याय भी जो बताती है कि उनके परिजनों से उनकी पढ़ाई दूसरी के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण बंद करवा दी है। ऐसे में उसने खेल की तरफ ध्यान दिया और बास्केटबॉल खेलने आ गई। इनव छोटी-छोटी खिलाडिय़ों के साथ कई बड़ी खिलाड़ी भी प्रशिक्षण ले रही हैं। ज्यादातर खिलाडिय़ों ने एक स्वर में कहा कि उनको समर कैम्प के बाद भी नियमित खेलना है।

खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाली सीनियर खिलाड़ी विभूति ठाकुर के साथ फरहत अंजुम बताती हैं यह बास्केटबॉल के लिए काफी अच्छी बात है कि कम उम्र की खिलाड़ी खेलने आ रही हैं, लेकिन इनको प्रशिक्षण देना आसान नहीं है। बास्केटबॉल लंबे खिलाडिय़ों का खेल माना जाता है, ऐसे में कम उम्र की खिलाडिय़ों के लिए बास्केट करना कठिन है, इसके बाद भी इनको प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इन्होंने पूछने पर बताया कि खिलाडिय़ों को बास्केटबॉल के बैस के बारे में बताया जा रहा है। खिलाडिय़ों को ड्रिब्लिंग, पासिंग और शूटिंग सिखाई जा रही है। खिलाडिय़ों की टीमें बनाकर उनके बीच मैच भी करवाए जा रहे हैं। खिलाडिय़ों के फिटनेस के लिए जहां मैदान के बाहर एक चक्कर लगाने कहा जाता है, वहीं मैदान के पांच चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्होंने बताया कि शिविर के लिए सारा सामाना खेल विभाग ने दिया है। पुलिस मैदान का प्रशिक्षण शिविर शाम को ५ बजे से प्रारंभ होता है।

मैचों से निखारा जा रहा है खेल

राजधानी के हर वर्ग के फुटबॉल खिलाडिय़ों को शेरा क्रीड़ा समिति एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रशिक्षण शिविर में तरासने का काम मैचों के माध्यम से किया जा रहा है। रविवार का दिन मैचों का होता है। आधा दर्जन टीमें बनाकर आपस में मैच करवाए जाते हैं और विजेता टीम के साथ उपविजेता टीम को नगद पुरस्कार दिए जाते हैं।

सप्रे स्कूल में शेरा क्रीड़ा समिति ने प्रदेश का सबसे लंबा ८२ दिनों का फुटबॉल का प्रशिक्षण शिविर लगाया है। इस शिविर में १६६ खिलाडिय़ों ने पंजीयन करवाया था। शिविर में १०० से ज्यादा खिलाड़ी आ भी रहे हैं। कई खिलाड़ी परीक्षाओं के कारण न आ सके तो कई खिलाड़ी घुमने के लिए बाहर चले गए। इस समय प्रशिक्षण शिविर में सुबह और शाम के सत्र में हर वर्ग यानी सब जूनियर, जूनियर और सीनियर वर्ग के खिलाडिय़ों का जमावड़ा लग रहा है। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले कोच मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि रविवार का दिन खिलाडिय़ों को दिए गए प्रशिक्षण को परखने वाला होता है। इस दिन ६ टीमें बनाकर मैच करवाए जाते हैं। यह लगातार चौथा रविवार है जिसमें मैच करवाए गए। एक टीम में दो सीनियर, दो जूनियर और दो सब जूनियर खिलाड़ी रखे जाते हैं। इनके बीच होने वाले मैचों की विजेता टीम को सांत्वना के तौर पर १५० रुपए का नगद इनाम दिया जाता है। इसी तरह से उपविजेता टीम को १०० रुपए का इनाम दिया जाता है। श्री प्रधान ने बताया कि मैच होने से खेल में निखार आता है। उन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों के खेल में निखार लाने के लिए अब इनको रविवार के दिन भिलाई के साथ आस-पास के शहरों में दूसरी टीमों के साथ मैच खिलाने ले जाएंगे। उन्होंने पूछने पर बताया कि प्रशिक्षण शिविर के अंत में शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा ४५ खिलाडिय़ों का चयन किया जएगा जिनको नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

रविवार, 17 मई 2009

रनों की झड़ी-मिली जीत बड़ी

सिद्धांत-राजीव ने जड़े शतक
मेहमान टीम बिहार ने सिद्धांत विजय के साथ राजीव कुमार के शतकों की मदद से रनों की झड़ी लगाते हुए ३१८ रनों का विशाल स्कोर खड़े करने के बाद मेजबान छत्तीसगढ़ को ८१ रनों से करारी मात दी। इस जीत के साथ ही बिहार ने तीन मैचों की शृंखला में २-० की अपराजेय बढ़त लेते हुए शृंखला पर कब्जा कर लिया। बिहार से मिली ३१९ रनों की चुनौती के सामने छत्तीसगढ़ की टीम सात विकेट पर २३७ रन ही बना सकी।


राजकुमार कॉलेज के मैदान में शनिवार को बिहार की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्ले चलाने का फैसला किया। पहला विकेट १२ रनों पर गंवाने के बाद दूसरे विकेट के लिए कप्तान संजय कुमार और सिद्धांत विजय ने ५० गेंदों पर आतिशी ६९ रनों की साङोदारी की। संजय कुमार ३५ गेंदों पर ६ चौकों की मदद से ४३ रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद सिद्धांत का साथ देने आए राजीव कुमार ने उनके साथ मिलकर १६४ गेंदों में १६६ रनों की साङोदारी की। यह जोड़ी सिद्धांत का विकेट गिरने पर टूटी। सिद्धांत ने ११८ गेंदों पर १५ चौकों की मदद से ११२ रन बनाए। राजीव कुमार ने भी अपना शतक पूरा किया और वे १०२ रनों पर नाबाद रहे। उन्होंने ८८ गेंदों का सामना किया और ९ चौकों के साथ दो छक्के भी जड़े। बिहार ने तीन विकेट पर ही ३१८ रन ठोंक दिए। शहनवाज हुसैन को दो विकेट मिले।
३१९ रनों की लक्ष्य वैसे भी छत्तीसगढ़ के लिए कठिन था, इस चुनौती के सामने मेजबान बल्लेबाज ठहर भी नहीं सके और अंत में ४५ ओवरों में २३७ रन ही बना पाए। मेजबान बल्लेबाज लक्ष्य के लिए खेलते हुए नजर ही नहीं आए। उनका खेल देखकर लगा कि वे महज ४५ ओवर का कोटा पूरा खेलने चाहते हैं। छत्तीसगढ़ के लिए कप्तान मार्टिन जोसफ ४७ गेंदों पर ६ चौकों की मदद से ५६ रनों की पारी खेली। उन्होंने शिखर के सा चौथे विकेट के लिए ६१ गेंदों पर ६६ रनों की साङोदारी की। शिखर ने ४६ गेंदों पर ३५ रन बनाए। एक और सफल बल्लेबाज साकिब रहे। उन्होंने ५७ गेंदों पर सात चौकों की मदद से ४९ रन बनाए। सफीम राठौर ने दो, राजीव, कृष्णा और हरप्रीत ने एक-एक विकेट लिया। मैन ऑफ द मैच शतक बनाने के साथ एक विकेट लेने वाले राजीव कुमार रहे। मैच के अंपायर अतुल टांक, मनोज तिवारी और स्कोरर सचिन टांक थे। तीसरा और अंतिम वनडे १८ मई को खेला जाएगा।

वैज्ञानिक आधार पर तैयार होंगे अब खिलाड़ी

स्कूली खिलाडिय़ों को खेलों को चुनने में आसानी हो इसके लिए अब उनको वैज्ञानिक आधार पर प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा। इसकी शुरुआत कांगेर वेली स्कूल से की जा रही है। स्कूल प्रबंधन ने इसके लिए बेंगलूर की एक संस्था ईडी स्पोट्र्स के साथ अनुबंध किया है।

यह जानकारी पत्रकारों को देते हुए स्कूल के पाचार्य वी. शुक्ला के साथ ईडी स्पोट्र्स के मीर वकीरूद्दीन ने बताया कि स्कूल खेल ही सभी खेलों का बैस होता है ऐसे में इसके विकास के लिए वैज्ञानिक आधार पर खिलाडिय़ों को तैयार करने की योजना है। इसमें तीन से लेकर सात साल के खिलाडिय़ों की फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। खिलाडिय़ों की फिटनेस सही होने पर उनको खेलों के चयन मे आसानी होगी। इन्होंने बताया कि स्कूल के खेल शिक्षकों को ही इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, इसके बाद वही खिलाडिय़ों को तैयार करने का काम करेंगे। श्री मीर ने पूछने पर बताया कि छत्तीसगढ़ मे अभी कांगेर वेली के साथ ही अनुबंध किया गया है। पूरे देश में १५ स्कूलों के साथ अनुबंध किया गया है। इसमें सफलता मिलने के बाद दूसरे स्कूलों के साथ अनुबंध करेंगे।

शनिवार, 16 मई 2009

बिहार की जीत में संजय चमके


छत्तीसगढ़ की पहले ही मैच में ९ विकेट से करारी हार


मेहमान बिहार की टीम ने अपने कप्तान संजय कुमार के हरफनमौला खेल की मदद से मेजबान छत्तीसगढ़ को पहले वनडे में ९ विकेटों से करारी मात दे दी। इसी के साथ बिहार को तीन मैचों की शृंखला में १-० की बढ़त मिल गई है। मेजबान टीम को महज १७४ रनों पर समेटने के बाद बिहार ने एक विकेट खोकर ही जीत का लक्ष्य २५वें ओवर में प्राप्त कर लिया।

राजकुमार कॉलेज के मैदान में छत्तीसगढ़ के कप्तान मार्टिन जोसफ ने टॉस जीतकर पहले बल्ले चलाने का फैसला किया। कप्तान का यह फैसला उस समय सही लग रहा था जब सलामी जोड़ी यशांक और साकिब ने टीम को ८१ गेंदों पर ६८ रनों की मजबूत साङोदारी दी। लेकिन इस जोड़ी के टूटने के बाद मेजबान बल्लेबाज एक-एक करके आउट होते चले गए और पूरी टीम ४३।५ ओवरों में महज १७४ रनों पर सिमट गई। सलामी बल्लेबाज यशांक ने ४४ गेंदों पर पांच चौकों की मदद से ३१ और साकिब ने ५७ गेंदों पर पांच चौकों की मदद से ३४ रन बनाए। एक और सफल बल्लेबाज जयशल मिश्रा रहे। उन्होंने ५४ गेंदों का सामना करके २० रन बनाए। इसमें तीन चौके शामिल हैं। बिहार के लिए कप्तान संजय कुमार ने दो विकेट लिए। इसके अलावा कृष्ण अनुराग और सहीम राठौर ने ३-३ विकेट लिए। एक विकेट हरप्रीत सिंह को मिला।


१७५ रनों की चुनौती के सामने बिहार ने पहला विकेट तो जल्द पर खो दिया, लेकिन इसके बाद कप्तान संजय कुमार ने सिद्धांत विजय के साथ ऐसा मोर्चा संभाला जो टीम को जीत तक ले जाने के बाद ही थमा। दूसरे विकेट के लिए इस जोड़ी ने १३४ गेंदों पर १७२ रनों की नाबाद साङोदारी की। संजय कुमार ने ७५ गेंदों पर १२ चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद ८३ रन बनाए। सिद्धांत ने ७० गेंदों पर १३ चौकों के साथ नाबाद ८५ रन बनाए। बिहार ने जीत का लक्ष्य २५वें ओवर में प्राप्त कर लिया। ८३ रनों की पारी के साथ दो विकेट लेने वाले संजय कुमार मैन ऑफ द मैच रहे। उनको २५ सौ रुपए नगद राशि के साथ ट्रॉफी दी गई। मैच के अंपायर टीएस राव और स्वरूप मिश्रा तथा स्कोरर सचिन टांक थे। शृंखला का दूसरा मैच शनिवार को सुबह ६ बजे से राजकुमार कॉलेज के मैदान पर ही खेला जाएगा।

राष्ट्रीय जंप रोप में मिला छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान

राष्ट्रीय सब जूनियर जंप रोप में छत्तीसगढ़ की टीम ने ११ पदकों के साथ ४१ अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया। प्रदेश की खिलाड़ी सुप्रिया साहू ने तीन स्वर्ण पदक जीते।

रांची में आयोजित इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अखिलेश दुबे ने बताया कि चैंपियनशिप के पहले दिन सिंगल रोप फ्री स्टाइल अंडर १० साल में प्रदेश की सुप्रिया साहू ने रजत पदक जीतकर प्रदेश के लिए पदकों का खाता खोला। इसके बाद पदकों की ङाड़ी लग गई। पहले ही दिन शिखर क्षत्रीय ने जहां रजत पदक जीता, वहीं प्रदेश के लिए पहला स्वर्ण पदक उड़ाने का काम अंडर १२ साल में श्वेता कुर्रे ने किया। इंडोरेस ३ मिनट में सुप्रिया साहू ने स्वर्ण पदक जीता। अंडर १२ साल में श्वेता कुर्रे ने रजत, शिखर क्षत्रीय ने कांस्य पदक जीता। सुप्रिया ने अपना दूसरा स्वर्ण पदक डबल अंडर ३० सेकेंड में जीता। अंडर १२ साल में श्वेता ने कांस्य पदक जीता। डबल डच पेयर्स रिले में श्वेता, सुप्रिया, शिखर और रिशम शर्मा की टीम ने कांस्य पदक जीता। डबल डच टीम रिले में श्वेता, सुप्रिया और शिखर ने रजत जीता। सुप्रिया ने अपना तीसरा स्वर्ण पदक डबल डच पेयर्स फ्री स्टाइल में जीता। यहां पर उनके साथ श्वेता, रिषभ और शिखर भी थे।

प्रदेश की टीम के खेलने जाने से पहले संघ के महासचिव अखिलेष दुबे सहित सभी खिलाडिय़ों ने कहा था कि वे पदक लेकर ही लौटेंगे और ज्यादातर खिलाडिय़ों ने वादे के मुताबिक पदक जीते भी। खिलाडिय़ों ने यहां लौटने पर खेल संचालक जीपी सिंह से मुलाकात की।

छत्तीसगढ़ फाइनल में

राष्ट्रीय यूथ बास्केटबॉल में खिताब की प्रबल दावेदार छत्तीसगढ़ की बालिका टीम के साथ बालक टीम ने भी फाइनल में स्थान बना लिया है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद बालिका टीम ९ वी बार फाइनल मे पहुंची है।
मुबई में चल रही चैंपियनशिप के बारे मे जानकारी देते हुए बालिका टीम के कोच राजेश पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की बालिका टीम का फाइनल में केरल से मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में उसने ७०-४६ से जीत प्राप्त की। पहले क्वार्टर में छत्तीसगढ़ १९-७, दूसरे में ३७-२२ और तीसरे में ५४-३८ से आगे थी। विजेता टीम के लिए ए. कविता ने सबसे ज्यादा २१ अंक बनाए। इसके अलावा संगीत मंडल ने २०, कप्तान रंजीता कौर ने १४, सृष्टि उरांव ने ६, पुष्पा निषाद और शालिनी श्रीवास्तव ने ४-४ अंक बनाए।
बालक टीम ने फाइनल में पंजाब को ६४-३७ से मात दी। इस मैच में श्याम सुंदर ने २०, प्रभोजोत ने १८, अंकित पाणिग्रही ने १०, राजेश कुमार ने ६ अंक बनाए।

शुक्रवार, 15 मई 2009

छत्तीसगढ़-बिहार में भिड़ंत


छत्तीसगढ़ की अंडर १६ साल की टीम और बिहार के बीच तीन वनडे मैचों की शृंखला

टीम को निखारने का प्रयास है: भाटिया
छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के बलदेव सिंह भाटिया ने बताया कि उनके संघ का प्रदेश की अंडर १६ टीम को निखारने का प्रयास है जिसके लिए बिहार की टीम को यहां बुलाया गया है। बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद अब अगले साल से अपने राज्य की अंडर १६ और अंडर १९ साल की टीमों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिलेगा, ऐसे में दोनों टीमों को तैयार करने के लिए ही अन्य राज्यों की टीमों को यहां बुलाने के साथ यहां की टीमों को वहां भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि अंडर १९ साल की टीम २६ मई से बिहार के दौरे पर जाएगी। इसी के साथ अंडर १६ की टीम को जून में विदर्भ भेजा जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि नई राजधानी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को तैयार करने का काम चल रहा है और अब संघ आईपीएल के मैच लेने के प्रयास के बाद अब कोई बड़ा आयोजन लेने की तैयारी में है। इसके लिए जहां खेल मंत्री लता उसेंडी से लगातार चर्चा हो रही है, वहीं १७ मई को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलकर स्टेडियम का काम जल्द पूरा करने के लिए कहा जाएगा ताकि कोई बड़ा मैच करवाया जा सके। उन्होंने पूछने पर कहा कि विश्व कप २०११ का भी कोई मैच लेने के प्रयास किए जाएंगे।

का पहला मैच राजकुमार कॉलेज के मैदान में सुबह को ६ बजे से खेला जाएगा। दोनों टीमों के खिलाडिय़ों ने गुरुवार की शाम को मैदान का निरीक्षण किया। टीमों के साथ छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया भी थे।

भारतीय क्रिकेट कंन्ट्रोल बोर्ड से मान्यता मिलने के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने बिहार की टीम को यहां पर तीन वनडे मैचों के साथ तीन टेस्ट मैच खेलने के लिए बुलाया है। बिहार के साथ छत्तीसगढ़ की टीम भी यहां पहुंच चुकी है। दोनों टीमों ने यहां आने के बाद सबसे पहला काम राजकुमार कॉलेज के मैदान का निरीक्षण करने का किया। दोनों टीमों ने शाम को अभ्यास भी किया। छत्तीसगढ़ टीम के कप्तान मार्टिन जोसेफ के साथ टीम के कोच आनंद तिलवार ने बताया कि उनकी टीम संतुलित है और टीम में सात बल्लेबाजों के साथ सात आलराऊंडर भी हैं। इन्होंने पूछने पर बताया कि छत्तीसगढ़ की टीम को पहली बार किसी दूसरे राज्य की टीम के साथ खेलने का मौका मिला है, ऐसे में बिहार टीम के बारे में कुछ जानते तो नहीं हैं लेकिन हमारे खिलाड़ी अपना स्वाभाविक खेल खेलते हुए मैच जीतने का प्रयास करेंगे।

बिहार टीम के कोच पवन कुमार और कप्तान संजय कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ ने एक अच्छी पहल करते हुए उनके राज्य की टीम को यहां बुलाया है। हमारे राज्य के क्रिकेट संघ को भी छत्तीसगढ़ के साथ ही बीसीसीआई से मान्यता मिली है। ऐसे में हमारी टीम के लिए छत्तीसगढ़ का दौरा महत्वपूर्ण होगा। इन्होंने बताया कि टीम में १० बल्लेबाजों के साथ ३ आलराऊंडर और दो विकेट कीपर हैं।
छत्तीसगढ़ की टीम :-मार्टिन जोसेफ (कप्तान), गुलाम रसूल खान (उपकप्तान), यशांक इंलकार, शाकीद अहमद, शिखर छाबा, अतुल पाल, शैलेष रावते, अंकित सिंह, अमरदीप जायसवाल, जैसल मिश्रा, अमित चौहान, कमल द्विवेदी, मोहम्मद शाह नवाज हुसैन, अनिमेष भट्टाचार्य, परितोष मिश्रा, सौरभ भोंसले। आनंद तलवार टीम के कोच।
बिहार की टीम- संजय कुमार (कप्तान), सुशील राठौर, ईशान किशन, इमरान साकिफ, मनीष कुमार ठाकुर, अरुप प्रिय, अंजनी रंजन, आशीष रंजन, मो. फैसल गनी, हरप्रीत, मो. रसीद, कृष्ण अनुराग, सिद्धांत विजय, आशुतोष कुमार, राहुल प्रियदर्शन राजीब कुमार, कोच पवन कुमार।

भिलाई फाइनल में

अंतर जिला सीएम ट्रॉफी के रोमांचक सेमीफाइनल मैच में भिलाई से मेजबान रायपुर को पांच रनों से मात देकर फाइनल में स्थान बना लिया। यहां अब १७ मई को उसका खिताबी मुकाबला बिलासपुर से होगा। बिलासपुर ने राजनांदगांव को दूसरे सेमीफाइनल में मात दी।

राजकुमार कॉलेज के मैदान पर खेले गए पहले सेमीफाइनल में भिलाई ने पहले खेलते हुए ९ विकेट पर १८५ रन बनाए। भिलाई के लिए संदीप अगासे ने ६४ मिनट में ४७ गेंदों पर ६ चौकों और एक छक्के की मदद से जहां ४५ रन बनाए, वहीं सोमेश्वर राव के साथ दूसरे विकेट की साङोदारी में ४६ मिनट में ५४ गेंदों पर ५४ रन जोड़े। सोमेश्वर ने ७५ मिनट में ४३ गेंदों पर ३ चौकों और एक छक्के की मदद से ३२ रन बनाए। भिलाई के तीसरे सफल बल्लेबाज टुमन लाल देवांगन रहे। उन्होंने ३१ गेंदों पर ही आतिशी ३८ रन बनाए। इसमें चीन चौके और एक छक्का शामिल है। रायपुर के लिए दीपेश ने ३६ रन देकर तीन विकेट लिए। कप्तान स्वर्ण सिंह कलसी और मोहतशीम हसन ने दो-दो विकेट लिए।
१८६ रनों की चुनौती के सामने रायपुर की टीम से जीतने का पूरा प्रयास किया, पर भिलाई के गेंदबाजों के सामने रायपुर के बल्लेबाजों की दाल नहीं गली। अंत में रायपुर की टीम ३२ ओवरों में ८ विकेट पर १८० रन ही बना सकी और मैच पांच रनों से गंवा दिया। अंतिम ओवर में एक समय तीन गेंदों में रायपुर को जीतने के लिए ८ रनों की जरूरत थी, लेकिन दो रन ही बने और रायपुर ने मैच गंवा दिया। रायपुर के लिए मोहतीशाम हसन ने ६८ गेंदों में ४७ रन बनाए। मोहतशीम और अभिषेक जैन ने दूसरे विकेट के लिए ७३ गेंदों में ६८ रन जोड़े। अभिषेक जैन ने ४० गेंदों पर ९ चौकों की मदद से ४८ रन बनाए। ९वें विकेट के लिए रूपेश और दीपेश की जोड़ी ने ३२ रन बनाए। रूपेश ने २४ गेंदों पर २९ रन बनाए। भिलाई के विशाल ने तीन और हरप्रीत ने दो विकेट लिए। मैच के अंपायर आरके रमन और सतपाल सिंह तथा स्कोरर सचिन टांक थे।


दूसरे सेमीफाइनल में बिलासपुर ने राजनांदगांव को १११ रनों से हराया। पहले खेलते हुए बिलासपुर ने ९ विकेट पर २३७ रन बनाए। अभिषेक सिंह ने ३९ और संतोष साहू ने ५१ रन बनाए। २३८ रनों की चुनौती के सामने राजनांदगांव की टीम १२६ रनों पर ही सिमट गई।

बुधवार, 13 मई 2009

छत्तीसगढ़ क्वार्टर फाइनल में

खिताब की प्रबल दावेदार और मौजूदा चैंपियन छत्तीसगढ़ की बालिका टीम ने राष्ट्रीय यूथ बास्केटबॉल में शानदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया। छत्तीसगढ़ की बालक टीम ने भी पहले मैच में मिली हार से उबरते हुए क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया है। बालक टीम ने जहां कर्नाटक और महाराष्ट्र को मात दी, वहीं बालिका टीम के केरल को हराया।

मुंबई में चल रही इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ बालिका टीम के कोच और प्रदेश बास्केटबॉल संघ के महासचिव राजेश पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीम ने अपने दूसरे मैच में पिछले साल पांचवें स्थान पर रहने वाले केरल की टीम को मात देकर दी। इस मैच में छत्तीसगढ़ ने ५६-४७ से जीत प्राप्त की। मैच में सबसे ज्यादा २० अंक संगीता मंडल ने बनाए। इसके अलावा शालिनी श्रीवास्तव ने ८, रंजीता कौर ने १०, पुष्पा निषाद ने ७ और सृष्टि उरांव ने ८ अंक बनाए। छत्तीसगढ़ का अगला मैच राजस्थान से होगा।

बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ ने कर्नाटक को ५४-५३ से मात देने के बाद मेजबान महाराष्ट्र को ६८-४७ से मात देकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। इस मैच में छत्तीसगढ़ के लिए अंकित पाणिग्रही ने १८, श्याम सुंदर ने २२, कबीर ने १०, राजेश कुमार ने ६ और प्रभोजोत सिंह ने ८ अंक बनाए।

रायपुर की जीत में कलसी की कप्तानी पारी

अंतर जिला सीएम ट्रॉफी क्रिकेट के पहले क्वार्टर फाइनल मैच में रायपुर ने अपनी टीम के कप्तानी स्वर्ण सिंह कलसी के हरफनमौला खेल की मदद से जगदलपुर को चार विकेट से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बना लिया। रायपुर के जदगलपुर की टीम को पहले ११२ रनों पर समेटा। स्वर्ण सिंह कलसी ने तीन विकेट लिए। इसके बाद रायपुर से जीत क लक्ष्य २८वें ओवर में प्राप्त कर लिया। कप्तान कलसी ने नाबाद २२ रन बनाए। अन्य मैचों में भिलाई, राजनांदगांव और बिलासपुर ने भी अपने-अपने मैच जीतकर सेमीफाइनल में स्थान बना लिया है। पहले सेमीफाइनल में रायपुर का मुकाबला भिलाई से रायपुर में और दूसरे में राजनांदगांव का बिलासपुर से बिलासपुर में होगा। दोनों सेमीफाइनल मैच १४ मई को खेले जाएँगे। फाइनल मैच १७ मई को होगा।

राजकुमार कॉलेज के मैदान पर सुबह को टॉस जीतकर जगदलपुर ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कप्तान का यह फैसला सही साबित नहीं हुआ और रायपुर के गेंदबाजों के सामने जगदलपुर के खिलाड़ी टिक नहीं सके और पूरी पारी २७।४ ओवरों में ११२ रनों पर सिमट गई। करणदीप ने सबसे ज्यादा ३८ रन बनाए। उन्होंने ७३ गेंदों का सामना किया और तीन चौके लगाए। इसके अलावा रौशन ने ३५ गेंदों पर पांच चौकों की मदद से ३० रन बनाए। रौशन और करणदीप के बीच दूसरे विकेट की साङोदारी में ८५ गेंदों पर ६४ रन बने। इस जोड़ी के टूटने के बाद और कोई बड़ी साङोदारी नहीं हो सकी और टीम ११२ रनों पर सिमट गई। रायपुर के कप्तान स्वर्ण सिंह कलसी ने जहां २४ रन देकर तीन विकेट लिए, वहीं रूपेश नायक ने २७ रन देकर सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। मोहतशीम हसन ने १७ रनों के एवज में तीन विकेट चटकाए।

रायपुर के सामने ११३ रनों की चुनौती छोटी लग रही थी, लेकिन रायपुर की पारी का आगाज हुआ तो उसके फार्म में चल रहे बल्लेबाज एक-एक करके आउट होते चले गए। पहले मैच के शतकवीर मोहतशीम महज चार ही बना सके। इस तरह से सलामी जोड़ी के बल्लेबाज अभिषेक जैन ने चार और सुभोजीत भट्टाचार्य ने ११ रन बनाए। रायपुर को संकट से उबार कर मैच में जीत दिलाने का काम सतनाम सिंह के साथ कप्तान स्वर्ण सिंह के बल्लों ने किया। सतनाम सिंह ने जहां ४५ गेंदों का सामना करके तीन चौकों की मदद से ३० रन बनाए, वहीं कप्तान कलसी से धैर्यपूर्वक खेलते हुए विकेट बचाते हुए ४४ गेंदों का सामना करके २२ नाबाद रन बनाकर अपनी टीम को जीत तक पहुंचाया। कलसी ने दो चौके लगाए। जगदलपुर के प्रीतपाल सिंग और शेख अख्तर ने २-२ विकेट लिए। मंगलवार को तीन अन्य क्वार्टर मैच भी खेले गए। भिलाई में भिलाई ने सरगुजा को १९३ रनों से मात दी। पहले खेलते हुए भिलाई ने ४० ओवरों में ९ विकेट पर २७३ रन बनाए। इसके जवाब में सरगुजा की टीम १५.५ ओवरों में ८० रनों पर ही सिमट गई। बिलासपुर ने कोरबा के खिलाफ ९ विकेट से जीत प्राप्त की। कोरबा की टीम २५ ओवरों में ८४ रनों पर ही आउट हो गई। बिलासपुर के एक विकेट खोकर ८५ रन १३.२ ओवरों में ही बना लिए। राजनांदगांव ने दुर्ग को ४१ रनों से हराया। राजनांदगांव से मिली १६४ रनों की चुनौती के सामने दुर्ग की टीम ३३ ओवरों में १२२ रनों पर ही सिमट गई।

मंगलवार, 12 मई 2009

प्रदेश क्रिकेट टीम की कमान जोसफ को

बिहार से होने वाले मैचों के लिए टीम घोषित
पहली बार छत्तीसगढ़ के दौरे पर आने वाले बिहार टीम के साथ होने वाले मैचों के लिए प्रदेश की किकेट टीम की कमान बिलासपुर के मार्टिन जोसफ दो दी गई है। बिहार की टीम १३ मई से तीन एक दिवसीय और तीन दो दिवसीय मैच खेलने के लिये छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रही अंडर-१६ बिहार टीम के खिलाफ एक दिवसीय मैच के लिए आज छत्तीसगढ़ की १६ सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी गई। रायपुर के गुलाम रसूल खान को टीम का उपकप्तान बनाया गया है। सीरिज का पहला मैच १५ मई को खेला जाएगा।

१५ मई से प्रारंभ हो रही इस सीरिज के लिये संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि इसी के साथ छत्तीसगढ़ क्रिकेट का नाम राष्ट्रीय क्रिकेट मानचित्र में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब दूसरे किसी अन्य प्रांत से खेलने के लिए टीम छत्तीसगढ़ आ रही है। संघ के सचिव राजेश दवे ने बताया कि इसी माह कि २६ तारीख से अंडर-१९ छत्तीसगढ़ की टीम बिहार दौर पर जाएगी जहां पर वह तीन एक दिवसीय और तीन दो दिवसीय मैच खेलेगी। अंडर-१६ टीम का चयन संतोष साहू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय चयन समिति अजय रामनानी, सौरभ रिजवी, भास्कर गोस्वामी, विकास अग्रवाल ने दुर्ग में चल रहे संभावितों के प्रशिक्षण शिविर के बाद किया।
घोषित की गई टीम के नाम इस प्रकार हैं :-मार्टिन जोसेफ (कप्तान), गुलाम रसूल खान (उपकप्तान), यशांक इंलकार, शाकीद अहमद, शिखर छाबा, अतुल पाल, शैलेष रावते, अंकित सिंह, अमरदीप जायसवाल, जैसल मिश्रा, अमित चौहान, कमल द्विवेदी, मोहम्मद शाह नवाज हुसैन, अनिमेष भट्टाचार्य, परितोष मिश्रा, सौरभ भोंसले। आनंद तलवार टीम के कोच और विकास अग्रवाल टीम मैनेजर होगें। दो दिवसीय मैचों के लिये टीम की घोषणा एक दिवसीय मैच के अंतिम दिन १८ मई को की जायेगी।

बिहार की टीम १३ मई की शाम को राजधानी पहुंच रही है सभी मैच राजकुमार कालेज मैदान पर खेले जायेगें। एक दिवसीय मैच १५, १६ व १८ मई को खेले जायेगें और इसके बाद दो दिवसीय मैचों की श्रृखंला प्रारंभ होगी। इसी प्रकार से छत्तीसगढ़ की अंडर- १९ टीम २६ अप्रैल को बिहार दौरे पर रवाना होगी जहां वह तीन एक दिवीसय और तीन दो दिवसीय मैच खेलेगी।

रायपुर के साई सेंटर को एमओयू का इंतजार

राजधानी रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में पांच खेलों का साई का ट्रेनिंग सेंटर खुलने की तैयारी अंतिम चरण में है। अब इसके लिए सिर्फ एमओयू होना ही शेष है। एमओयू के लिए खेल विभाग ने सारे कागज नगर निगम को भेज दिए हैं। अब निगम जैसे ही एमओयू करेगा, साई यहां पर काम प्रारंभ कर देगा। इसी के साथ बिलासपुर के जिला खेल परिसर में भी तीन खेलों का सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है। इस परिसर का निरीक्षण करने के बाद खेल संचालक जीपी सिंह ने एक प्रस्ताव बनाकर साई को भेजा है।

प्रदेश का खेल विभाग खिलाडिय़ों को भारतीय खेल प्राधिकरण से ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दिलाने के प्रयास में लगा है। इसी कड़ी में रायपुर के स्पोट्र्स काम्पलेक्स को भी साई का सेंटर बनाने की तैयारी हो गई है। रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में भी कुछ खेलों का सेंटर खोलने के लिए प्रस्ताव साई ने ही दिया था, जिस पर अमल करते हुए खेल विभाग ने इस दिशा में काम किया है। स्पोट्र्स काम्पलेक्स को देने के एवज निगम किराया चाहता था, लेकिन खेल संचालक जीपी सिंह ने इस योजना की पूरी जानकारी निगम आयुक्त को देते हुए उनको इस बात के लिए सहमत कर लिया है कि निगम किराया नहीं मांगेगा। साई सेंटर के लिए साई की जो शर्ते हैं उनके लिए निगम और साई के बीच में एक एमओयू होगा। एमओयू के लिए साई ने सारे कागज भेज दिए हैं। इन कागजों को खेल विभाग ने निगम को सौंप दिया है। अब जैसे ही निगम इस एमओयू पर हस्ताक्षर कर देगा साई यहां पर अपना सेंटर खोलने का काम तेजी से प्रारंभ कर देगा। स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में वालीबॉल, बास्केटबॉल, भारोत्तोलन, जिम्नास्टिक और कराते के ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे।

जगदलपुर से भी जीतेंगे: कलसी

सीएम ट्रॉफी अंतर जिला क्रिकेट के पहले मैच में जशपुर को १८६ रनों से रौंदने के बाद रायपुर टीम के कप्तान स्वर्ण सिंह कलसी को भरोसा है कि उनकी टीम मंगलवार के मैच में जगदलपुर को भी मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बना लेगी। सेमीफाइनल में रायपुर का भिलाई से मुकाबला होने की संभावना है। रायपुर और जगदलपुर का मैच कल सुबह सात बजे से राजकुमार कॉलेज के मैदान में खेला जाएगा।

रायपुर टीम के कप्तान स्वर्ण सिंह कलसी ने मंगलवार को जगदलपुर से होने वाले मैच से पहले चर्चा करते हुए बताया कि उनकी टीम पहले मैच में जशपुर से जीतने के बाद बहुत उत्साहित है। उन्होंने कहा कि वैसे तो जशपुर के खिलाफ जीतने की हमारी पूरी संभावना थी, लेकिन हमने उस मैच को भी हल्के में नहीं लिया था। जशपुर ने हमें खेलने का आमंत्रण देकर हमारे बल्लेबाजों को बल्ले चलाने का मौका दे दिया था। हमारे बल्लेबाजों से २७१ रन बनाकर अपना फार्म पा लिया है। अब जगदलपुर से होने वाले मैच को भी हम हल्के में नहीं लेंगे। हमारी योजना इस मैच को भी जीतकर सेमीफाइनल में स्थान बनाने की है। कप्तान ने पूछने पर कहा कि उनका मुकाबला सेमीफाइनल में भिलाई से होने की संभावना ही ज्यादा नजर आर रही है। उन्होंने कहा कि रायपुर के अलावा भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर और कोरबा की टीमें अच्छी हैं। इनमें से किसी से भी मुकाबला हुआ तो काफी कड़ा होगा। उन्होंने बताया कि हमारी टीम में सात बल्लेबाज और चार आलराऊडर और दो तेज गेंदबाजों के साथ चार स्पिनर हैं। ऐसे में टीम पूरी तरह से संतुलित है। उन्होंने कहा कि हमारे बल्लेबाज कल के मैच में भी बड़ा स्कोर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने पहले मैच में शतक जमाने वाले मोहतशीम हसन की तारीफ करते हुए कहा कि उनसे कल के मैच में भी अच्छे रनों की आशा है।

रायपुर की टीम इस प्रकार है: स्वर्ण सिंह कलसी (कप्तान), सुभोजीत भट्टाचार्य (उपकप्तान),विशाल कुशवाहा, अभिषेक जैन, मनीष राठौर, वजाहद रिजवी, रूपेश नायक, पंकज हलधर (विकेटकीपर), संजीव मिश्रा, संतोष राहा, मोहतशीम हसन, सतनाम सिंह, अफसर खान, गौरव भोंसले और रंजन प्रसाद (विकेटकीपर)। इन्हीं १६ खिलाडिय़ों में से अंतिम ११ खिलाडिय़ों का चयन सुबह विकेट की स्थिति को देखते हुए किया जाएगा। मैच ४०-४० ओवरों का होगा।

सोमवार, 11 मई 2009

हसन के बल्ले से निकली जीत

सीएम ट्रॉफी के पहले मैच में रायपुर ने मोहतशीम हसन के नाबाद शतक के साथ दीपेश की घातक गेंदबाजी की मदद से जशपुर को १८६ रनों से मात देकर अगले चक्र में प्रवेश किया। टॉस हारने के बाद पहले खेलकर रायपुर ने पांच विकेट पर २७१ रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। इस चुनौती के सामने जशपुर की टीम २८.२ ओवरों में महज ८५ रनों पर सिमट गई।
राजकुमार कॉलेज के मैदान पर सुबह को सात बजे जशपुर के कप्तान ने टॉस जीतकर रायपुर को पहले बल्ले चलाने का न्यौता दिया। रायपुर को सलामी जोड़ी अभिषेक

स्कोरबोर्ड
रायपुर- अभिषेक जैन का प्रतीक बो रमेश यादव ३५ (२०), सुभोजीत भट्टाचार्य का सुदर्शन बो दीनानाथ पटनायक ४० (३२), मोहतसीन हसन नाबाद १०० (१००), मनीष राठौर का दीनानाथ बो रमेश यादव २५ (३८), वजाहत रिजवी का रमेश बो रवि सिंग ३४ (२५), रूपेश नायक का ्रतीक बो रवि सिंग ०४ (०३), स्वर्ण सिंह कलसी नाबाद २० (२०), अतिरिक्त १२। कुल-४० ओवरों में पांच विकेट पर २७१ रन।
विकेट पतन- १-४४, २-१०५, ३-१६५, ४-२२०, ५-२२४।
गेंदबाजी- रवि सिंग ८-०-४०-२, रमेश यादव ८-०-६७-२, दीनानाथ ६-०-४७-१।
जशपुर- प्रतीक सिंह रन आउट (संजीव मिश्रा) ०४(१०), रमेश यादव का सुभोजीत बो संजीव मिश्रा ०५ (१९), पारस शर्मा बो स्वर्ण सिंह २९ (७१), सुदर्शन सिंह बो संजीव मिश्रा ०२ (१२), मनोज बागले का मनीष बो दीपेश सिंग १० (१६), दीनानाथ पटनायक बो दीपेश १५ (१९), रवि सिंग रन आऊट संजीव मिश्रा १० (०७), प्रीतम चौहान का. पंकज हलधर बो स्वर्ण सिंह ०१ (०४), सैरभ ईरानी का रूपेश बो दीपेश ०० (०४), मनीष जुकूर स्टम्प पंकज बो दीपेश ०० (०१), विवेक नाबाद ०१ (०८), अतिरिक्त ०९। कुल २८.२ ओवरों में ८५ रन आल आउट।
विकेट पत -१-५, २-२०, ३-२३, ४-३५, ५-५४, ६-६९, ७-७२, ८-७३, ९-७३, १०-८५।
गेंदबाजी-संजीव मिश्रा ७-२-१२-२, दीपेश ७-१-२४-४, स्वर्ण सिंग ७.२-१-२१-२।

जैन और सुभोजीत भट्टाचार्य ने ४४ रनों की शुरुआत दी। पहले विकेट के रूप में अभिषेक आउट हुए। उन्होंने २० गेंदों पर ही आतिशी ३५ रन ८ चौकों की मदद से बनाए। अभिषेक के आउट होने पर मोहतशीम हसन ने मैदान संभाला। उसने अंत तक नाबाद रहते हुए जहां शतकीय पारी खेली, वहीं दूसरे से पांचवें विकेट के बीच तीन अर्धशतकीय साझेदारियां भी कीं। हसन ने १०० गेंदों पर १० चौकों की मदद से अपना शतक पूरा किया। सुभोजीत ने ३२ गेंदों का सामना करते हुए सात चौकों की मदद से ४० रन बनाए। मनीष राठौर ने ३८ गेंदों पर २५ रन तीन चौकों की मदद से, वजाहत रिजवी ने २५ गेंदों पर चार चौकों और एक छक्के की मदद से ३४ रन और कप्तान स्वर्ण सिंह कलसी ने २० गेंदों पर २० रन दो चौकों की मदद से बनाए। रायपर ने ४० ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर २७१ रन बनाए। जशपुर के रवि सिंग ने दो विकेट लिए।
२७२ रनों की चुनौती के सामने जशपुर की टीम ठहर ही नहीं सकी और सके एक मात्र बल्लेबाज पारस शर्मा रहे जिन्होंने रायपुर के गेंदबाजों के डटकर सामना किया और आउट होने वाले अंतिम बल्लेबाज रहे। उन्होंने ७१ गेंदों का सामना करके २८ रन बनाए। जशपुर की पूरी टीम २८.२ ओवरों में ८५ रनों पर ही सिमट गई। अब रायपुर का अगला मैच १२ मई को जगदलपुर और दंतेवाड़ा के मैच की विजेता टीम से होगा।

छत्तीसगढ़ की जीत से शुरुआत

खिताब की प्रबल दावेदार छत्तीसगढ़ की बालिका टीम ने राष्ट्रीय यूथ बास्केटबॉल चैंपियनशिप के पहले मैच में पिछले साल तीसरे स्थान पर रहे वाली तमिलनाडु की टीम को ६०-४५ से मात दी। बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ को पहले मैच में मप्र से मात खानी पड़ी।

मुंबई में चल रही इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए बालिका टीम के कोच राजेश पटेल ने बताया कि चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का पहला मैच तमिलनाडु से हुआ। इस मैच में छत्तीसगढ़ ने जोरदार खेल दिखाते हुए पहले क्वार्टर से ही बढ़ते लेते हुए मैच जीता। पहले क्वार्टर में छत्तीसगढ़ की टीम ११-१, दूसरे में २४-१७, तीसरे क्वार्टर में ४४-३९ से आगे थी। विजेता टीम के लिए टीम की कप्तान रंजीता कौर ने सबसे ज्यादा १८ अंक, सृष्टि उरांव ने १५, शालिनी श्रीवास्तव ने १३, पुष्पा निषाद ने ८, ए. कविता और संगीता मंडल ने ५-५ अंक बनाए। अब छत्तीसगढ़ का अगला मैच सोमवार के सुबह ८ बजे पिछले साल पांचवें स्थान पपर रहने वाली केरल की टीम से होगी। बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ की टीम पिछले साल तीसरे स्थान पर रहने वाली मप्र की टीम से कड़े मुकाबले में ६४-६१ से हार गई। छत्तीसगढ़ की टीम पिछले साल उपविजेता रही थी।

रविवार, 10 मई 2009

जीत से शुरुआत करने का भरोसा

अंतर जिला क्रिकेट के पहले मैच में जशपुर से मैच खेलने वाली रायपुर टीम के कप्तान स्वर्ण सिंह कलसी का कहना है कि उनको दी गई टीम एक संतुलित टीम है और हमारी टीम जीत से शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा हमारे खिलाडिय़ों ने मैच से पहले जो अभ्यास मैच खेले हैं उसका फायदा मिलेगा।
अंतर जिला सीएम ट्राफी का आगाज रविवार से हो रहा है और इस चैंपियनशिप का पहला मैच रायपुर का जशपुर से होना है। रायपुर टीम की कमान स्वर्ण सिंह कलसी को दी गई है। टीम का उपकप्तान सुभोजीत भट्टाचार्य को बनाया गया है। मैच की पूर्व संध्या पर रायपुर टीम के कप्तान श्री कलसी ने चर्चा में बताया कि उनको रायपुर जिला संघ ने जो टीम दी है, वह अच्छी और संतुलित टीम है। इस टीम को लेकर वे संतुष्ट हैं और उनको इस बात का भरोसा है कि उनके खिलाड़ी जशपुर के खिलाफ होने वाले मैच में जोरदार प्रदर्शन करते हुए जीत का खाता खोलेंगे। रेलवे की तरफ से खेलने वाले श्री कलसी ने बताया कि रायपुर की टीम


श्री कलसी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि वे चार बार कूच बिहार ट्रॉफी में खेले हैं जिसमें उन्होंने १९ मैचों मे ७० विकेट लिए हैं और ५०० से ज्यादा रन बनाए हैं। इसके अलावा चार साल मो. कैफ की कप्तानी में मध्य क्षेत्र से चार साल खेले हैं। उन्होंने बताया कि उनको जहीर खान के साथ एमआरएफ पेस फाऊंडेशन में साथ रहने का मौका मिला है।

को मजबूत करने के लिए ही चैंपियनशिप से पहले कुछ अभ्यास मैच खिलाए गए थे। इन अभ्यास मैचों का पूरा फायदा मिलेगा। चूंकि मैच राजकुमार कॉलेज के मैदान में हो रहा है तो हमारे सभी खिलाड़ी वहां के विकेट से भी परिचित हैं। घरु मैदान में खेलने का हमें फायदा मिलेगा। हमारी टीम में सात बल्लेबाज और चार आलराऊडर और दो तेज गेंदबाजों के साथ चार स्पिनर हैं। ऐसे में टीम पूरी तरह से संतुलित है। श्री कलसी ने बताया कि हमारी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचाने की संभावना है।
रायपुर की टीम इस प्रकार है: स्वर्ण सिंह कलसी (कप्तान), सुभोजीत भट्टाचार्य (उपकप्तान),विशाल कुशवाहा, अभिषेक जैन, मनीष राठौर, वजाहद रिजवी, रूपेश नायक, पंकज हलधर (विकेटकीपर), संजीव मिश्रा, संतोष राहा, मोहतसीन हसन, सतनाम सिंह, अफसर खान, गौरव भोंसले और रंजन प्रसाद (विकेटकीपर)। इन्हीं १६ खिलाडिय़ों में से अंतिम ११ खिलाडिय़ों का चयन रविवार को सुबह विकेट की स्थिति को देखते हुए किया जाएगा।

दो हजार खिलाडिय़ों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

राजधानी रायपुर के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने इस बार ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में रायपुर जिले के सभी ५ ब्लाक को जोड़कर करीब दो हजार खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। पिछले सत्र में छह ब्लाक सहित राजधानी में लगाए गए प्रशिक्षण शिविरोंं में दो हजार से ज्यादा खिलाडिय़ों को १९ खेलों में प्रशिक्षण दिया गया था। इस बार २१ खेलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

यह जानकारी देते हुए वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि १० मई से विभाग का प्रशिक्षण शिविरों का सिलसिला प्रारंभ होगा। जहां पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जाने हैं उन शिविरों के लिए खेल सामानों का वितरण कर दिया गया है। इस बार पांच ब्लाकों भाटापरा, गरियाबंद, तिल्दा, कसडोल एवं धरसीवां में ही शिविर लगेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में राजधानी में जहां १९ खेलों का शिविर लगाया गया था। इस बार २१ खेलों को शामिल किया गया है। इन शिविरों में फुटबॉल सप्रे , दानी और होलीक्रास स्कूल कांपा में, साफ्टबॉल बालाजी स्कूल , चौबे कालोनी स्कूल में एवं रविवि मैदान में, हैंडबॉल डिग्री गल्र्स कॉलेज एवं शासकीय स्कूल मोवा, वालीबॉल पुलिस लाइन मैदान, जूडो बालाजी स्कूल, कराते साहू भवन टिकरापारा, बैडमिंटन सप्रे स्कूल, टेबल टेनिस सप्रे स्कूल, नेटबॉल खालसा सकूल, बास्केटबॉल पुलिस लाइन मैदान, टेनीक्वाइट सरस्वती स्कूल, देशबन्धु स्कूल एवं खालसा स्कूल में, ताइक्वांडो गंज स्कूल, कोटा स्टेडियम एवं बुध बिहार कालोनी, भारोत्तोलन नेताजी स्टेडियम में, मुक्केबाजी नेताजी स्टेडियम, जंप रोप एमजेम स्कूल और म्यू-थाई अग्रसेन भवन, कबड्डी देवेन्द्र नगर, खमतराई, दलदल सिवनी, जिम्नास्टिक राष्ट्रीय स्कूल में प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। वहीं भाटापारा में बास्केटबॉल, नेटबॉल, जूडो, कराते, तिल्दा में वालीबॉल, गरियाबंद में वालीबॉल, नेटबॉल फुटबॉल, कसडोल में फुटबॉल, वालीबॉल, धरसीवां में वालीबॉल, फुटबॉल का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा।

शनिवार, 9 मई 2009

राष्ट्रीय खेल २२ नवंबर से

झारखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों की तिथि एक बार फिर से आगे बढ़ा दी गई है। अब ये खेल २२ नवंबर से ४ दिसंबर तक होंगे। इन खेलों में छत्तीसगढ़ की १६ खेलों की टीमें भाग लेंगी।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ के एक दल ने झारखंड का दौरा करने के बाद जो रिपोर्ट दी थी उसके आधार पर संघ की बैठक में

राष्ट्रीय खेलों में खेलने जाने वाली छत्तीसगढ़ की टीमों के प्रशिक्षण शिविर के साथ यात्रा भत्ता, खेल पोशाक आदि के लिए पहले ही खेल विभाग से ओलंपिक संघ को अग्रिम राशि मिल चुकी है। श्री खान ने बताया कि जल्द ही सभी संघों से विचार-विमर्श करने के बाद प्रशिक्षण शिविर लगाने की योजना तैयार की जाएगी।

यह तय किया गया कि अब राष्ट्रीय खेलों का आयोजन २२ नवंबर से ४ दिसंबर तक किया जाएगा। पूर्व में यह आयोजन जहां पिछले साल होना था, वहीं इसको इस साल १ से १४ जून तक करवाने का फैसला किया गया था। लेकन तैयारी पूरी न होने के कारण एक बार फिर से तिथि बदल दी गई है। मुंबई में भारतीय ओलंपिक संघ की बैठक में नई तिथि तय करने के बाद सभी राज्यों के ओलंपिक संघ को इसकी सूचना भेजी गई है। श्री खान ने बताया कि राष्ट्रीय खेलों में ३३ खेल होंगे जिनमें से १६ खेलों एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, तैराकी, जिम्नास्टिक, कराते, निशानेबाजी, तीरंदाजी, मुक्केबाजी, भारोत्तोलन, कैनोइंग-कयाकिंग, नेटबाल, ट्रायथलान, स्क्वैश में छत्तीसगढ़ की टीमें भाग लेंगी।

हर खिलाड़ी पदक लेकर लौटेगा

राष्ट्रीय सब जूनियर जंप रोप में खेलने रांची गई टीम के खिलाडिय़ों और कोच ने एक स्वर में कहा है कि इस बार भी हम ज्यादा से ज्यादा पदक जीतकर आएंगे। १३ खिलाडिय़ों के दल का हर खिलाड़ी यह कह रहा है कि वह पदक लेकर लौटेगा। पिछली चैंपियनशिप में प्रदेश की टीम ने ३३ पदक जीते थे। इस बार टीम में ११ खिलाड़ी कम जा रहे हैं।



इन सब ने रांची जाने से पहले एक स्वर में कहा कि हर खिलाड़ी वहां से पदक लेकर आएगा। इनके इस आत्मविश्वास का कारण यह है कि पिछली चैंपियनशिप में सभी खिलाड़ी पदक जीत चुके हैं।

छठी राष्ट्रीय सब जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन रांची में १० से १२ मई तक किया गया है। इस चैंपियनशिप खेलने के लिए प्रदेश के १३ सदस्यों की टीम बालिका वर्ग में प्रभजोत कौर, डिम्पी, सुमन जोशी, सुप्रिया साहू, श्वैता कुर्रे, मनदीप, श्रुति, अंजली, सुरभि के साथ बालक वर्ग में एश्वर्य शुक्ला, रिषभ शर्मा, शिखर क्षत्रीय, यश, अश्वनी, प्रवीण, और चंदन के साथ कोच राजदीप सिंग, पूजा हरगोत्रा गई हैं। इन सब ने रांची जाने से पहले एक स्वर में कहा कि हर खिलाड़ी वहां से पदक लेकर आएगा। इनके इस आत्मविश्वास का कारण यह है कि पिछली चैंपियनशिप में सभी खिलाड़ी पदक जीत चुके हैं। मुख्य कोच अखिलेश दुबे ने बताया कि इस बार टीम चैंपियनशिप के लिए हमारे खिलाड़ी नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि सभी अपने पालकों के साथ शादियों में गए हैं। उन्होंने पूछने पर बताया कि पिछली चैंपियनशिप जब छत्तीसगढ़ में हुई थी तो छत्तीसगढ़ को ३३ पदक मिले थे और हमारी टीम तीसरे स्थान पर रही थी। इस बार १३ खिलाडिय़ों का दल जा रहा है तो कम से कम १३ पदक तो जरूर लेकर आएंगे।

रायपुर-जशपुर का मुकाबला कल

अंतर जिला सीएम ट्रॉफी क्रिकेट का पहला मैच रायपुर और जशपुर के बीच १० मई को राजकुमार कॉलेज के मैदान में सुबह सात बजे से खेला जाएगा। मैच के लिए रायपुर की टीम की घोषणा शुक्रवार को की गई।

यह जानकारी देते रायपुर जिला संघ के अध्यक्ष विजय शाहा और मीडिया प्रभारी राजय सिंह परिहार ने बताया कि सीएम ट्राफी का आयेजन छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा किया गया है। नाकआउट आधार पर होने वाली इस चैंपियनशिप का पहला मैच रायपुर और जशपुर के बीच खेला जाएगा। रायपुर टीम की कमान स्वर्ण सिंह कलसी को दी गई है। टीम के उपकप्तान सुभोजीत भट्टाचार्य को बनाया गया है। अन्य खिलाडिय़ों में विशाल कुशवाहा, अभिषेक जैन, मनीष राठौर, वजाहद रिजवी, रूपेश नायक, पंकज हलधर (विकेटकीपर), संजीव मिश्रा, संतोष राहा, मोहतसीन हसन, सतनाम सिंह, अफसर खान, गौरव भोंसले और पंकज नायडु को १६ खिलाडिय़ों में शामिल किया गया है। टीम के कोच और मैनेजर पूर्व रणजी खिलाड़ी जितेन्द्र वेगड़ हैं। मैच ४०-४० ओवर का होगा।

शुक्रवार, 8 मई 2009

सोना लेकर ही लौटेंगे

राष्ट्रीय यूथ बास्केटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन मुंबई में ९ से १६ मई तक किया गया है। इसमें खेलने गई प्रदेश की बालिका टीम की खिलाडिय़ों के साथ कोच राजेश पटेल ने एक स्वर में कहा कि इस बार भी हमारी टीम स्वर्ण पदक लेकर आएगी। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से अब तक प्रदेश की बालिका टीम ने ६ बार स्वर्ण और तीन बार रजत पदक जीता है। यानी हर बार टीम फाइनल में पहुंची है। बालक टीम से भी पदक की उम्मीद की जा रही है।

कोच राजेश पटेल ने बताया कि खिलाडिय़ों को जहां लगातार अभ्यास करवाया गया है, वहीं टीम में शामिल खिलाडिय़ों में सात खिलाड़ी भिलाई की है। ये खिलाड़ी रोज ६ से ८ घंटे तक अभ्यास करती हैं। टीम को संयुक्त अभ्यास का लंबा अनुभव है ऐसे में टीम जरूर फाइनल खेलेगी और अपना खिताब बरकरार रखने में सफल होगी।


राष्ट्रीय यूथ चैंपियनशिप में खेलने गई प्रदेश की बालिका टीम के अंतरराष्ट्रीय कोच राजेश पटेल के साथ सभी खिलाडिय़ों संगीता मंडल, पुष्पा निषाद, संगीता कौर, शालिनी श्रीवास्तव, रंजीता कौर, ए. कविता, शरनजीत कौर, शुंभागी सिंह, सृष्टि उराव, प्रियंका सोनवानी, एवं अमिता पी. मिंज ने एक स्वर में कहा कि उनकी टीम ही चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने की प्रबल दावेदार है। इन खिलाडिय़ों ने कहा कि पिछली चैंपियनशिप जब भिलाई में खेली गई थी तो हमने स्वर्ण जीता था। इसके अलावा पांच और स्वर्ण पदक छत्तीसगढ़ की टीम जीत चुकी है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद बालिका टीम ने कोई भी ऐसा मौका नहीं गंवाया है जब टीम फाइनल में न पहुंची हो। तीन बार ही टीम स्वर्ण से चूकी है।

पाइका के मैदान तैयार करने की कवायद शुरू



प्रदेश में पाइका योजना को लागू करने के लिए अब सभी जिलों के खेल अधिकारियों को खेल संचालक जीपी सिंह ने जल्द से जल्द मैदानों का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। पाइका के लिए राज्य सरकार ने जहां बजट पास कर दिया है, वहीं अब केन्द्र से बजट आना है। इसके लिए मैदानों की पूरी रिपोर्ट तैयार करके केन्द्र सरकार को इस माह भेजने की योजना है। इसी के साथ जिला स्तर पर एक मानिटरिंग कमेटी बनाने और क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए गए हैं।

क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण दें- हर ब्लाक और गांवों के लिए बनाए जाने वाले क्रीड़ाश्री की नियुक्ति जल्द करने के साथ इनको जिला स्तर पर प्रशिक्षण देने के लिए खेल अधिकारियों को कहा गया। संचालक जीपी सिंह ने बताया कि जिला स्तर पर क्रीड़ाश्री का प्रशिक्षण होने पर इस बात का भी पता चल जाएगा कि किसमें रूचि है और किसमें नहीं। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण बाद में दिया जाएगा।


खेल भवन में खेल अधिकारियों की नियमित समीक्षा बैठक में पाइका योजना को लेकर खेल संचालक ने गंभीरता दिखाई। उन्होंने सभी जिलों से आए जिला खेल अधिकारियों से कहा कि उनके जिलों में जिन मैदानों को भी चिंहित किया गया है, उन सबका जल्द से जल्द निरीक्षण करके रिपोर्ट तैयार की जाए कि किस मैदान की क्या स्थिति है। किस मैदान में क्या-क्या सामना लगेगा इसकी पूरी सूची तैयार करनी है। केन्द्र सरकार से हर मैदान के लिए एक लाख रुपए की राशि मिलनी है। इस राशि के अंदर ही मैदानों को ठीक करने की योजना पर काम करना है। प्रदेश में जो पहले चरण में नौ सौ से ज्यादा मैदान चिंहित किए गए हैं, वो मैदान स्कूलों के हैं। ऐसे में संचालक ने खेल अधिकारियों से स्कूलों के प्राचार्यों से चर्चा करने के लिए कहा है।

उन्होंने बताया कि सभी जिलों के जिलाधीशों और एसपी को भी पत्र लिखकर जिला स्तर की मानिटरिंग कमेटी का गठन जल्द करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि पाइका योजना की जानकारी देने के लिए एक बुकलेट का भी प्रकाशन किया जा रहा है। यह बुकलेट इस माह के अंत में प्रकाशित हो जाएगी। इसका वितरण योजना से जुड़े पंच-सरपंच के साथ क्रीड़ाश्री स्कूलों के प्राचार्यों को किया जाएगा ताकि उनको योजना को समङा कर काम करने में आसानी हो।

रायपुर को २५ पदक मिलने की उम्मीद



राज्य सब जूनियर और जूनियर तैराकी में रायपुर जिले को २५ पदक मिलने की उम्मीद है। यह चैंपियनशिप भिलाई में ९ से ११ मई तक होगी।

राज्य चैंपियनशिप के लिए टीम का चयन करने के लिए यूनियन क्लब में जिला चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। यहां हुई चैंपियनशिप के बाद चार ग्रुपों में पहला और दूसरा स्थान पाने वाले खिलाडिय़ों को जिले की टीम में रखा गया। रायपुर तैराकी संघ के सचिव नरसिंह फरिकार ने बताया कि टीम में चुने गए हर खिलाड़ी से पदक की उम्मीद है। पिछले साल रायपुर की टीम को ३५ पदक मिले थे, लेकिन इस बार टीम में नए खिलाड़ी ज्यादा होने की वजह से २५ पदकों की उम्मीद है।

जिला चैंपियनशिप के परिणाम इस प्रकार हैं: ग्रुप एक- बालक वर्ग फ्री स्टाइल राहुल अगाशे, विकास देवांगन, बालिका शिवांगी ठाकुर, पौरवी मेदीरत्ता, बैंक स्ट्रोक ५० से १०० मीटर विकास देवांगन, अक्षय ठाकरे, बालिका तोषी रहने, शिवांगी ठाकुर। ग्रुप दो फ्री स्टाइल- अंकित गुप्ता, अविनाश गुप्ता, बालिका आयुशी शुक्ला, मिताली, बैंक स्ट्रोक ५० से १०० मीटर अंकित गुप्ता, केशर यादव बालिका आयुशी शुक्ला, कल्पिता वढेर।

ग्रुप तीन- फ्री स्टाइल -अपराजित घोष, कांति आहूजा बालिका सौंदर्या खत्री, मुस्कान अग्रवाल, बैंक स्ट्रोक ५० से १०० मीटर अपराजित घोष, अरिंहत जैन, बालिका पलक खत्री, कौशल नंदी। ग्रुप चार- फ्री स्टाइल- बालिका ख्याति आहूजा, खुशी आहूजा, बैंक स्ट्रोक ५० से १०० मीटर ख्याति आहूजा, अवनी मलिक। टीम के चयनकर्ता नरसिंह फरिकार, सतीश फरिकार, मनोज फरिकार और राकेश कटरे थे।

गुरुवार, 7 मई 2009

१० से २० खेलों के प्रशिक्षण शिविर लगेंगे


राजधानी रायपुर के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने इस बार ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में रायपुर जिले के सभी ५ ब्लाक को जोड़कर करीब दो हजार खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। पिछले सत्र में छह ब्लाक सहित राजधानी में लगाए गए प्रशिक्षण शिविरोंं में दो हजार से ज्यादा खिलाडिय़ों को १९ खेलों में प्रशिक्षण दिया गया था। इस बार २० खेलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि १० मई से विभाग का प्रशिक्षण शिविरों का सिलसिला प्रारंभ होगा। इस बार पांच ब्लाकों भाटापरा, गरियाबंद, तिल्दा, कसडोल एवं धरसीवां में ही शिविर लगेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में राजधानी में जहां १९ खेलों फुटबॉल, साफ्टबॉल, हैंडबॉल, वालीबॉल, जूडो, कराते, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, नेटबॉल, बास्केटबॉल, टेनीक्वाइट, ताइक्वांडो, भारोत्तोलन,मुक्केबाजी, जंप रोप और म्यू-थाई का प्रशिक्षण शिविर ३३ स्थानों पर लगाया गया था, वहीं भाटापारा में बास्केटबॉल, नेटबॉल, जूडो, कराते, तिल्दा में वालीबॉल, बैकुंठ में बास्केटबॉल, फुटबॉल, गरियाबंद में वालीबॉल, नेटबॉल फुटबॉल, कसडोल में फुटबॉल, वालीबॉल, धरसीवां में वालीबॉल, फुटबॉल का प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था। इन शिविरों में राजधानी के शिविरों में ही १८ सौ खिलाडिय़ों ने प्रशिक्षण लिया था।
कुल मिलाकर पिछले साल दो हजार से ज्यादा खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया गया था। इन खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने के लिए जहां सामना विभाग से दिया गया था, वहीं करीब एक लाख ५० हजार का खर्च आया था। श्री डेकाटे ने बताया कि पिछले सत्र में मिली सफलता से उत्साहित होकर ही इस बार जिले के ५ ब्लाकों में सहित राजधानी के उन स्थानों पर प्रशिक्षण शिविर लगाने की तैयारी की जा रही है जहां प्रशिक्षण शिविर लगते रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिविरों के लिए पहले चरण में ५० हजार का अुनदान का विभाग से मिल गया है, आगे करीब ७० हजार का अनुदान और मिलने की संभावना है। पिछले सत्र में एक लाख ३९ हजार का खर्च किया गया था। इस बार पिछले साल से बजट कम है इस वजह से कुछ खेलों के शिविर लगने की संभावना नहीं है।

बुधवार, 6 मई 2009

पाइका के लिए केन्द्र के बजट का इंतजार

प्रदेश में पाइका योजना को प्रारंभ करने के लिए अब केन्द सरकार से मिले वाले बजट का इंजतार है। इस बजट को जल्द प्राप्त करने के लिए खेल विभाग का पूरा अमला जुटा हुआ है। इसी कड़ी में सभी जिलों के खेल अधिकारियों की एक बैठक खेल विभाग में होगी। इस बैठक में एक बार फिर से सभी जिलों के खेल मैदानों की समीक्षा की जाएगी। इस समीक्षा के बाद केन्द्र सरकार को मैदानों की सूची भेजी जाएगी। वैसे एक बार पहले सूची भेजी जा चुकी है। इस योजना के लिए इस सत्र में १७ करोड़ का बजट भी रखा गया है। जहां राज्य सरकार ने अपने हिस्से का बजट दे दिया है, वहीं केन्द्र से मिलने वाला बजट अब तक नहीं मिला है।

प्रदेश का खेल विभाग इन दिनों केन्द्र सरकार की पाइका योजना के लिए सभी जिलों के खेल मैदानों की सूची बनाने में लगा है। पहले चरण में एक बार सूची बनाकर केन्द्र सरकार को भेज दी गई है। अब फिर से एक बार सूची का अंतिम रूप देने के लिए सभी १८ जिलों के खेल अधिकारियों को सारी जानकारी के साथ खेल भवन बुलाया गया है, जहां नियमित होनी वाली समीक्षा बैठक होगी, वहीं पाइका योजना को लेकर भी समीक्षा बैठक होगी। इस बैठक में नए सिरे से खेल मैदानों की जानकारी लेकर केन्द्र सरकार को भेजी जाएगी ताकि वहां से मिलने वाला बजट जल्द से जल्द मिल सके।

केन्द्र सरकार ने पूर देश के गांवों को खेलों से जोडऩे के लिए पंचायत स्तर से खेलों के विकास के लिए पाइका योजना प्रारंभ की है। इस योजना के पहले चरण में हर राज्य के सभी जिलों के १० प्रतिशत गांवों को शामिल किया गया है। इन सभी गांवों में खेल मैदान विकसित करने के साथ खेलों का आगाज किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करने के लिए खेल विभाग ने काफी गंभीरता से पहल की है और विभाग की पहल पर प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए बजट भी पास कर दिया गया है। राज्य सरकार ने अपने बजट में दो करोड़ ६६ लाख रुपए रखे हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार से इसके लिए १४ करोड़ से ज्यादा की राशि मिलेगी। इस योजना के लिए खेल विभाग ने प्रदेश के हर जिले में खेल मैदानों का चिंहित करने का काम पूरा कर लिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों से उन गांवों को चिंहित करके सूची मंगाई गई जिन गांवों में मैदान हैं। खेल विभाग के पास इस समय ज्यादातर जिलों की जानकारी आ गई है।


इस जानकारी के मुताबिक रायपुर जिले में १५ विकासखंड़ों में १२ सौ गांव हैं उनमें पहले चरण में १२० मैदानों की जरूरत हैं लेकिन १५८ मैदान चिंहित किए जा चुके हैं। इसी तरह से राजनांदगांव में ९ विकासखंड़ों के ६७१ गांवों में ७३ मैदान, कांकेर के सात विकासखंड़ों के ३८९ गांवों में ३९ मैदान, कबीरधाम के चार विकासखंड़ों के ३७१ गांवों में ४१ मैदान, बिलासपुर के १० विकासखंड़ों के ८६४ गांवों में ७९ मैदान, दंतेवाड़ा के सात विकासखंड़ों के २४९ गांवों में २५ मैदान, बीजापुर के चार विकासखंड़ों के १६० गांवों में १५ मैदान, नारायणपुर के दो विकासखंड़ों के ६९ गांवों में ०७ मैदान, जगदलपुर के १२ विकासखंड़ों के ५८६ गांवों में ५९ मैदान, दुर्ग के १२ विकासखंड़ों के ९९८ गांवों में ९९ मैदान, कोरबा के पांच विकासखंड़ों के ३५४ गांवों में ३१ मैदान और जशपुर के आठ विकासखंड़ों के ४१७ गांवों में ५५ मैदानों को चिंहित किया गया है। इन मैदानों की एक बार सूची बनाकर केन्द्र को भेजी गई है। इस सूची के बारे में कहा जा रहा है कि यह सूची २००८-०९ को ध्यान में रखते हुए भेजी गई थी। अब बुधवार को होने वाली समीक्षा बैठक के बाद २००९-१० के हिसाब से नए सिरे से सूची बनाकर भेजी जाएगी।

पदक जीतने की तैयारी जुटे खिलाड़ी


बालाजी स्कूल में चल रहे ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में एक तरफ जहां खिलाड़ी खेल की बारीकियां सीख रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सब जूनियर राज्य चैंपियनशिप में पदक जीतने की तैयारी भी चल रही है। एक बार फिर से रायपुर वापस आईं एनआईएस कोच श्रीमती नरेन्द्र कम्बोज खिलाडिय़ों को पदक जीतने के लिए तैयार कर रही हैं।

बालाजी स्कूल में इस समय करीब दो दर्जन खिलाड़ी जूडो के गुर सीखने में लगे हैं। सुबह के साथ शाम के सत्र में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर में १० साल से लेकर २० साल के बालक बालिका खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। इन खिलाडिय़ों को जूडो के दांव-पेंच सीखाने का काम एनआईएस कोच श्रीमती नरेन्द्र कम्बोज कर रही हैं। उनका हाल ही में वापस रायपुर तबादला हुआ है। भारतीय खेल प्राधिकरण की यह कोच काफी समय तक रायपुर में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देती रही हैं। इनसे प्रशिक्षण लेने वाले कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतते रहे हैं। इनका करीब दो साल पहले भोपाल तबादला कर दिया गया था। इनके जाने के बाद जूडो में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने के लिए कोई भी एनआईएस कोच नहीं था। लगातार मांग करने के बाद अंतत: श्रीमती कम्बोज का वापस तबादला किया गया है।

वापस आने के बाद उन्होंने यहां पर पहला प्रशिक्षण शिविर बालाजी स्कूल में लगाया है। पूर्व में भी जूडो का मुख्य प्रशिक्षण सेंटर बालाजी स्कूल में ही रहा है। उन्होंने प्रशिक्षण शिविर के बारे में बताया कि शिविर में इस समय करीब दो दर्जन खिलाड़ी आ रहे हैं। इन खिलाडिय़ों में से करीब २० खिलाड़ी नए हैं। उन्होंने बताया कि नए खिलाडिय़ों में सब जूनियर वर्ग के खिलाडिय़ों को भिलाई में २२ मई से होने वाली सब जूनियर चैंपियनशिप में पदक जीतने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस चैंपियनशिप में रायपुर की टीम से दो बालक और दो बालिका खिलाड़ी शामिल होंगी।

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