शनिवार, 31 जुलाई 2010

अनिल वर्मा लडऩा चाहेंगे तो लडूंगा

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा द्वारा दायरे किए गए मानहानि के मुकदमे में पूर्व महासचिव बशीर अहदम खान
को यहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संगीता नवीन तिवारी की अदालत में जमानत लेनी पड़ी। बशीर अहमद खान का कहना है कि अगर डॉ. वर्मा लडऩा चाहते हैं तो मैं लडऩे के लिए तैयार हूं और अगर वे समझौते की पहल करते हैं तो मैं समझौता करने भी तैयार हूं।
२९ जुलाई को मानहानि के मुकदमे में बशीर अहमद खान को आज न्यायालय में पेश होना पड़ा जहां उनको सात हजार की जमानत लेने का आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद एक खेल संघ के पदाधिकारी ने उनकी जमानत ली। जमानत लेने के बाद जब इस मामले में बशीर अहमद खान से बात की गई तो पहले तो उन्होंने इस मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया लेकिन बाद में कहा कि मैं इस मामले को पूरी तरह से डॉ. अनिल वर्मा के ऊपर छोड़ रहा हूं अगर वे लडऩा चाहते हैं तो मैं इसके लिए तैयार हूं अगर वे समङाौते की बात करते हैं तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।
न्यायालय में डॉ. अनिल वर्मा द्वारा दायर किए गए मुकदमे में बताया गया है कि २४ मई को बशीर अहमद खान द्वारा रायपुर के एक दैनिक समाचार पत्र में यह खबर प्रकाशित करवाई गई कि डॉ. वर्मा ने संघ को मिले दो लाख रुपए का गबन कर लिया है। इस खबर के खिलाफ डॉ. वर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनको जो दो लाख का चेक मिला था, इस चेक को देने वाले ने और ज्यादा रकम देने की बात कहते हुए चेक वापस ले लिया था। इसके बाद दो लाख की रकम के स्थान पर २ लाख ५१ हजार का चेक दिया गया। यह चेक २१ मई २०१० को भारतीय स्टेट बैंक का संघ को मिल चुका है। इस चेक को जमा करने की प्रक्रिया ही शेष है। सारी जानकारी होने के बाद भी श्री खान ने किसी र्दुभावनावश भिलाई में कुछ खेल संघों की बैठक करके डॉ. वर्मा पर दो लाख रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए खबर प्रकाशित करवा दी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद डॉ. वर्मा ने खबर का खंडन करते हुए श्री खान को तीन दिनों में माफी मांगने के लिए कहा था और चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्री खान के माफी न मांगने पर डॉ. वर्मा ने रायपुर के न्यायालय में श्री खान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था। इस मुकदमे में न्यायालय ने श्री खान को २९ जुलाई को पेश होने के आदेश दिए था जिसके परिपेक्ष में उनको आज पेश होना पड़ा।
इधर जिस तरह से ओलंपिक संघ का विवाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद थम गया था उसके बाद लगा था कि अब पूर्व अध्यक्ष और पूर्व महासचिव के बीच चल रही खींचतान समाप्त हो जाएगी और मानहानि का मुकदमा भी समझौते के तहत सुलझा लिया जाएगा, लेकिन आज बशीर खान को जिस तरह से जमानत लेनी पड़ी है उससे लगता नहीं है कि यह मानहानि का मामला समाप्त होगा।

बारिश में भी नहीं थमेगा बैटन रिले का कारंवा

राजधानी रायपुर में होने वाली बैटन रिले के पहले 3अगस्त को रिहर्सल की जोरदार तैयारी चल रही है। इस रिहर्सल को 30 जुलाई को ही अंजाम दिया जाएगा। बैटन का यह कारवां बारिश होने के बाद भी नहीं रूकेगा।
कामनवेल्थ की बैटन का आगमन रायपुर में 11 जुलाई को होगा। इस दिन बैटन के स्वागत की जोरदार तैयारी की गई है। दूसरे दिन 12 जुलाई को होने वाली बैटन रिले में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसी बात को ध्यान में रखते हुए खेल विभाग ने रायपुर में 30 जुलाई को रिहर्सल का आयोजन किया है। इस रिहर्सल में भी राजधानी के करीब 50 स्कूलों के बच्चे शामिल होंगे। यह रिहर्सल ठीक बैटन रिले का रूप होगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि चाहे खराब मौसम के कारण बारिश क्यों न हो बैटन का कारवां थमेगा नहीं। 12 अगस्त के आयोजन के बारे में भी यही कहा जा रहा है कि बैटन को बारिश से कोई फर्क नहीं पड़ेगा ऐसे में बारिश में भी धावक उसे लेकर दौड़ सकते हैं।
नेताजी स्टेडियम में बनाए गए बैटन रिले के मुख्यालय में तैनात कई स्कूलों के खेल शिक्षक तैयारी में जुटे हैं। जिन स्कूलों के बच्चों को शामिल होना है उनसे लगातार संपर्क किया जा रहा है।
1 को दुर्ग-भिलाई में
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि राजधानी रायपुर के साथ बैटन रिले का रिहर्सल दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव में भी होगा। एक अगस्त को दुर्ग-भिलाई और 8 अगस्त को राजनांदगांव में रिहर्सल का आयोजन किया गया है।

शुक्रवार, 30 जुलाई 2010

रिहर्सल मे दौड़ेंगे डमी धावक

बैटन रिले के लिए ३० जुलाई को होने वाली रिहर्सल में अब असली धावकों के स्थान पर डमी धावक की दौड़ेंगे। प्रदेश के खेल मंत्रालय ने अब तक बैटन लेकर दौडऩे वाले खिलाडिय़ों की सूची जारी नहीं की है। खेल सचिव सुब्रत साहू का कहना है कि सूची अभी जारी करना संभव नहीं है। इधर खेलों के जानकार कहते हैं कि जब सूची में ७८ नाम ही हैं तो उसे जारी करने में क्या परेशानी है जबकि ८० धावकों का कोटा तय है।
कामनवेल्थ की मशाल यानी बैटन का आगमन रायपुर में ११ अगस्त को होने के बाद यहां पर १२ अगस्त को रिले का आयोजन किया गया है। इस ऐतिहासिक रिले में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए प्रदेश के खेल विभाग ने ३० जुलाई को रिहर्सल का आयोजन किया है। इस रिहर्सल में पहले यह तय था कि जो धावक १२ अगस्त को बैटन लेकर दौड़ेंगे वही रिहर्सल में भी डमी बैटन लेकर दौड़ेंगे। लेकिन अब जबकि रिहर्सल में महज दो दिन बचे हैं तो यह खबर आ रही है कि धावकों की सूची खेल मंत्रालय में अटक गई है। इसके बारे में जानने जब खेल सचिव सुब्रत साहू से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी सूची जारी नहीं की जा रही है। यह सूची बाद में जारी होगी। उन्होंने पूछने पर कहा कि रिहर्सल में उन्हीं धावकों को दौडऩा जरूरी नहीं है। रिहर्सल में किसी को भी बैटन लेकर दौड़ाया जा सकता है।
सूची लटकाने का क्या मतलब
खेल मंत्रालय में सूची को लटकाए जाने की बात पर खेल संघों के पदाधिकारियों और खेलों से जुड़े जानकारों का एक स्वर में कहना है कि यह बात समझ से परे है कि आखिर सूची को क्यों लटकाया गया है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि राजधानी के लिए ८० धावकों का कोटा तय किया गया है और मंत्रालय में जो सूची भेजी गई है, उसमें ७८ ही नाम है। ऐसे में सबका मानना है कि जब कोटे से दावेदार कम हैं तो फिर सूची को लटकाने का मतलब समङा से परे है। सबका ऐसा मानना है कि राज्य सरकार को सूची जारी कर देनी चाहिए ताकि १२ अगस्त को बैटन लेकर दौडऩे वाले ही रिहर्सल में दौड़ें। इससे अगर कोई गलती होगी तो माालूम हो जाएगा और उसे सुधार लिया जाएगा ताकि उस दिन कोई गड़बड़ी न हो।
अब बनाने होंगे ८० पाइंट
राजधानी में बैटन रिले के लिए अभी २५ पाइंट बनाए गए हैं। लेकिन अब जबकि सारा का सारा कोटा खिलाडिय़ों के पाले में चला गया है तो ऐसे में अब ८० पाइंट बनाने पड़ेंगे। पूर्व में करीब ६ किलोमीटर के कारवां के लिए करीब २०० मीटर के फासले में पाइंट बनाए गए थे। लेकिन अब ५० से ६० मीटर के फासले में पाइंट बनाने पड़ रहे हैं। राजधानी में खेल विभाग के नेताजी स्टेडियम में जो बैटन रिले का मुख्यालय बनाया गया है, उसमें बैठे अधिकारी और खेल शिक्षक अब पाइंट को बढ़ाने की कवायद में जुट गए हैं। पूर्व में बनाए गए पाइंटों के बीच में दो-दो पाइंट और बनाने का काम किया जा रहा है।
भिलाई-दुर्ग के खिलाडिय़ों को भी मिल सकता है मौका
राजधानी रायपुर में होने वाली रिले में यूं तो मुख्यत: रायपुर जिले के साथ उन जिलों के खिलाडिय़ों को मौका दिया जा रहा है जहां बैटन का आयोजन नहीं हो रहा है। लेकिन अब खबर है कि राजनांदगांव, दुर्ग और भिलाई के भी कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को मौका दिया जा सकता है। हॉकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मृणाल चौबे को राजधानी के रिले में शमिल करने की बात पर खेलमंत्री लता उसेंडी ने उनको मौका देने कहा है। ऐसे में खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि अगर मृणाल की तरह भिलाई-दुर्ग से भी कुछ और खिलाडिय़ों के नाम सामने आते हैं तो उनको मौका दिया जा सकता है। उन्होंने पूछने पर कहा कि राजधानी के कोटे से तो यहां के खिलाड़ी ही दौड़ेंगे, लेकिन राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई के खिलाड़ी अगर शामिल होते हैं तो उनको जो वहां के लिए ड्रेस दी जाएगी वहीं ड्रेस वे यहां उपयोग करेंगे। ऐसे में किसी भी तरह के विवाद की स्थिति होने का सवाल ही नहीं उठाता है। उन्होंने कहा कि राजधानी होने के कारण खिलाडिय़ों का मन यहां की बैटन रिले में शामिल होने का है। उन्होंने कहा कि अगर ज्यादा खिलाड़ी हो जाते हैं तो इसमें हर्ज क्या है। श्री सिंह ने पूछने पर कहा कि खिलाडिय़ों की अंतिम संख्या के मुताबिक ही पाइंट तय किए जाएंगे। प्राथामिक तौर पर ८० धावकों के कोटे को देखते हुए इतने पाइंट तो बनाने ही पड़ेंगे।

रिहर्सल अब तीन को

राजधानी रायपुर में ३० जुलाई को होने वाली बैटन रिले की रिहर्सल को आगे बढा दिया गया है। खेल विभाग ने तिथि आगे बढ़ाने के कारणों का खुलासा तो नहीं किया है, पर ऐसा माना जा रहा है कि बैटन धावकों की सूची लटकने के कारण तिथि आगे बढ़ाई गई है क्योंकि डमी घावक दौड़ाने की खबर से खेल संघों के साथ पात्र धावकों में भारी नाराजगी है।
१२ अगस्त को होना वाली बैटन रिले से पहले राजधानी में ३० जुलाई को रिहर्सल का आयोजन किया था। लेकिन इस रिहर्सल के पहले पात्र धावकों की सूची जारी न होने से जहां एक तरफ खेल विभाग के अधिकारी परेशान थे कि क्या किया जाए, वहीं पात्र बैटन धावकों में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि खेल विभाग ने पात्र धावकों के स्थान पर रिहर्सल में डमी धावकों से काम चलने का फैसला किया है। खेल के जानकारों का साफ कहना है कि रिहर्सल का मतलब ही यह होता है कि जो आयोजन किया जा रहा है, उसमें कोई खामी न रहे। लेकिन जिन धावकों को बैटन लेकर दौडऩा है उनके स्थान पर किसी भी खिलाड़ी को दौड़ा दिया जाता है तो रिहर्सल करने का क्या मतलब है। संभवत: इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए अंतत: खेल विभाग को रिहर्सल की तिथि आगे बढ़ानी पड़ी है इस समय सरकार का पूरा अमला विधानसभा सत्र में लगा है जिसके कारण धावकों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है। वैसे तो सूची को अंतिम रूप देने में कुछ नहीं रखा है फिर भी न जाने क्यों कर खेल मंत्रालय ने इस सूची को लटका दिया है।
रायपुर के लिए ८० धावकों का कोटा है और ७८ नाम भेजे गए हैं। इसके बाद भी सूची को लटकाने का सबब किसी के समङा में नहीं आ रहा है। बहरहाल अब तो रिहर्सल की तिथि ही बढ़ा दी गई है। इस तिथि से पहले धावकों की सूची जारी कर दी जाएगी ऐसा खेल विभाग के सूत्रों का कहना है। अगर तीन अगस्त की रिहर्सल में भी खेल विभाग ने डमी धावकों का सहारा लेने का प्रयास किया तो जरूर इसका विरोध खेल संघों के पदाधिकारी करेंगे।

सजा मैदान, आज से घमासान

सप्रे स्कूल में मैदान सज कर तैयार है और बस इंतजार है धूम मचाने वाले पैरों के जादूगर खिलाडिय़ों का। यहां पर कल से फुटबॉल प्रेमियों को रोज रोमांचक मैचों का नजारा देखने का मौका मिलेगा, जब अंडर १४, १७ और १९ साल के स्कूली खिलाड़ी खिताब के लिए मुकाबला करेंगे। इस बार राज्य स्तर पर करवाई जा रही शहीद वीके चौबे स्मृति स्पर्धा के पहले दिन छह मैच होंगे। विजेता टीमों को नकद इनाम के साथ चमचमाती ट्रॉफी दी जाएगी।
राजधानी के करीब चार दशक पुराने शेरा क्लब ने पिछले साल वीके चौबे के शहीद होने पर तत्काल जिला स्तर की अंतर शालेय स्पर्धा का आयोजन किया था। इस आयोजन का विस्तार करते हुए इस बार राज्य स्तर पर इसका आयोजन किया जा रहा है। अंडर १४ साल वर्ग में राजधानी के साथ बाहर की टीमों को मिलाकर अब तक ३१ टीमों को प्रवेश दिया गया है। अंडर १७ साल वर्ग में ३५ टीमें मैदान में हैं। अंडर १९ साल में २७ टीमों के बीच मुकाबला होगा। इसके अलावा बालिका वर्ग में भी मुकाबला हैै। बालिका वर्ग में टीमों की कमी देखते हुए इस वर्ग को उम्र सीमा से मुक्त रखा गया है। इस वर्ग के लिए स्कूली टीमें अपनी टीमों में किसी भी उम्र की खिलाडिय़ों को रख सकती है। लेकिन शर्त यही है कि खिलाड़ी स्कूली होनी चाहिए।
शेरा क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि विजेता टीमों को नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। नकद पुरस्कार में ज्यादा राशि तो नहीं फिर भी टीमों को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ग की विजेता टीम को २१ सौ रुपए, उपविजेता टीम को १५ सौ रुपए की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर हमें प्रायोजक मिल जाते तो हम इनामी राशि में और इजाफा कर देते। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाली सभी टीमों को जहां आने-जाने का खर्च दिया जा रहा है, वहीं उनके रहने और खाने की भी व्यवस्था की जा रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पिछले साल अंडर १४ साल में राजकुमार कॉलेज विजेता और विवेकानंद विद्यापीठ की टीम उपविजेता बनी थी। इसी तरह से अंडर १७ साल में विवेकानंद विद्यापीठ की टीम विजेता और लाखे स्कूल की टीम उपविजेता बनी थी। अंडर १९ साल में होलीक्रास बैरनबाजार विजेता और विवेकानंद विद्यापीठ उपविजेता थी। बालिका वर्ग में एमजीएम विजेता और होलीक्रास कांपा की टीम उपविजेता बनी थी। स्पर्धा के पहले दिन कल छह मैच होंगे। स्पर्धा का उद्घाटन खेलमंत्री लता उसेंडी शाम को पांच बजे करेंगी। इसके पहले मैच तीन बजे प्रारंभ हो जाएंगे। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर किरणमयी नायक करेंगी। विशेष अतिथि एसपी दीपांशु काबरा, राजेन्द्र सिंह बेनीपाल, मनोज कंदोई, सतीश जग्गी, पारश चोपड़ा, सैय्यद अलीम अमन, आंनद कुकरेजा, सेवक राम प्रेमचंदानी और अलीम रजा होंगे।
आज के मैच
अंडर १४- विवेकानंद विद्यापीठ बनाम जैन पब्लिक स्कूल, सालेम बनाम संत ज्ञानेश्वर। अंडर १७ साल शिशु निकेतन बनाम जैन पब्लिक स्कूल, सेंट जोसेफ बनाम हरीनाथ अकादमी। अंडर १९ साल जेएन पांडे बनाम सिंधी स्कूल, ङाानोदय बनाम एंजाल स्कूल।

फुटबॉल का घमासान चलेगा ४५ दिन

शेरा क्लब द्वारा राजधानी रायपुर में ४५ दिनों तक फुटबॉल का घमासान करवाने की तैयारी प्रारंभ हो गई है। एक स्पर्धा का आगाज ३० जुलाई से हो रहा है। इसके समाप्त होते ही दूसरी और दूसरी के समाप्त होते ही तीसरी स्पर्धा प्रारंभ हो जाएगी।
शेरा क्लब जहां एक तरफ राजधानी में सबसे लंबा ८२ दिनों का फुटबॉल का प्रशिक्षण शिविर चलाता है, वहीं उसने इस बार सबसे लंबी ४५ दिनो की स्पर्धा करवाने का फैसला किया है। क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि सबसे पहले तो ३० जुलाई से वीके चौबे स्मृति अंतर शालेय स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। इस स्पर्धा में बहुत ज्यादा टीमें प्रवेश लेने आ रही हैँ। अंडर १४, अंडर १७ के साथ अंडर १९ साल वर्ग में यह स्पर्धा होगी। इसी के साथ महिला वर्ग में १० टीमों को प्रवेश देकर स्पर्धा करवाई जा रही है। इस स्पर्धा का समापन १४ अगस्त को होने के बाद ओपन वर्ग की फाइव ए साइड स्पर्धा का आयोजन १६ या १७ अगस्त से किया जाएगा। इस स्पर्धा में सभी वर्गों की टीमों को खेलने की पात्रता रहेगी। पहली बार फाइव ए साइड के मैच होंगे। इसके लिए मैदान छोटा किया जाएगा। फाइव ए साइड के बाद स्वर्गीय नीरज अग्रवाल स्मृति अंतर शालेय और अंतर कॉलेज राज्य स्तरीय स्पर्धा का आगाज हमेशी की तरह खेल दिवस के दिन यानी २९ अगस्त को किया जाएगा। यह स्पर्धा १५ सिंतबर तक चलेगी। यह स्पर्धा बड़े मैदान में होगी। एक साथ तीन स्पर्धाओं का लगातार आयोजन पहली बार किया जा रहा है। विश्व कप फुटबॉल का खुमार उतरा नहीं है और यहां फुटबॉल के महाकुंभ का आगाज हो रहा है।

गुरुवार, 29 जुलाई 2010

खेलों से जुड़ा होना चाहिए सचिव

प्रदेश ओलंपिक संघ की कमान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों में आने के बाद अब प्रदेश की खेल बिरादरी में सचिव को लेकर चर्चा होने लगी है। ज्यादातर खेल संघों के पदाधिकारियों का एक स्वर में मानना है कि सचिव तो कम से कम खेलों का जानकार होना चाहिए। खेल संघों के पदाधिकारी किसी आईएएस या आईपीएस को सचिव के रूप में देखना नहीं चाहते हैं।
प्रदेश ओलंपिक संघ की पुरानी कार्यकारिणी ने अपना इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 22 जुलाई को अध्यक्ष बनाने के साथ अब नई कार्याकारिणी बनाने का जिम्मा भी उनको दिया है। ऐसे में जबकि नई कार्यकारिणी का जिम्मा मुख्यमंत्री के पास है तो सारे खेल संघों के पदाधिकारी ऐसा सोचते हैं कि सचिव का पद किसी भी खेल संघ के जुड़े अध्यक्ष या सचिव को देना ज्यादा उपयुक्त रहेगा। इधर जिस तरह से सचिव पद के लिए आईएएस और आईपीएस के बनने की खबरें आ रही हैं, उससे खेल संघों के पदाधिकारियों में बहुत बैचेनी है। बैचनी इस कारण है कि सभी का एक स्वर में ऐसा मानना है कि अगर किसी आईएएस या आईपीएस को सचिव बना दिया गया तो उन तक पहुंचना हर खेल संघ के पदाधिकारी के बस में नहीं होगा। ऐसे में खेल संघों के साथ प्रदेश के खिलाड़ियों को परेशानी बढ़ जाएगी।
खेल संघों के पदाधिकारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री को खेलों से जुड़े किसी भी पदाधिकारी को यह जिम्मा देना चाहिए। खेल संघों से जुड़े लोग यह भी कहते हैं कि सचिव ऐसे व्यक्ति को ेबनाया जाना चाहिए जिसमें सभी खेल संघों के लोगों को एक साथ लेकर चलने की क्षमता होने के साथ इस बात में भी सक्षम होना चाहिए कि वह रायपुर और भिलाई के खेल संघों के बीच तालमेल बनाने में सक्षम हो। पूर्व सचिव बशीर अहमद खान की भिलाई के खेल संघों के पदाधिकारियों की तो जमती थी, लेकिन रायपुर के खेल संघों के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ पा रही थी, इसी के साथ उनका संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ.अनिल वर्मा के साथ भी विवाद था। खेल संघों के पदाधिकारी चाहते हैं कि अब किसी भी साफ छवि वाले को ही सचिव पद की कमान सौंपनी चाहिए। ऐसी साफ छवि वाले कई खेल संघों में मौजूद हंै जिनको सचिव के लायक माना जा रहा है। इधर इस बात की भी चर्चा है कि कुछ आईएएस और आईपीएस इस जुगत में है कि उनको संघ का महासचिव बना दिया जाए। इनका ऐसा मानना है कि मुख्यमंत्री से कहकर एक महासचिव का पद किसी आईएएस या आईपीएस को दिलाया जाए और एक सचिव का पद बनाकर उसे किसी खेल संघ के पदाधिकारी के हवाले करवाया जाए। लेकिन खेलों से जुड़े लोग चाहते हैं कि संघ में पूर्व में तरह एक ही सचिव का पद हो जिसे खेलों के जानकार को दिया जाए। अब यह तो मुख्यमंत्री पर निर्भर है कि वे क्या निर्णय लेते हैं। उनके हर निर्णय को मानने की बात पहले ही ओलंपिक संघ के सदस्यों के साथ सभी खेल संघों के पदाधिकारी कह चुके हैं। इधर इस बात को लेकर भी जहां चर्चा है कि कार्यकारिणी कब तय होगी, वहीं कुछ आईएएस और आईपीएस के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारी अभी से इस जुगाड़ में लग गए हैं कि उनको भी मुख्यमंत्री की टीम में स्थान मिल जाए। अब मुख्यमंत्री की नजरें इनायत किन पर होंगी यह तो बाद में मालूम होगा।

चल रही पदक जीतने की तैयारी

छत्तीसगढ़ के जंप रोप के तीन खिलाड़ी राजदीप सिंह हरगोत्रा, पूजा हरगोत्रा के साथ श्वेता कुर्रे मेरठ में भारतीय टीम के साथ पदक जीतने की तैयारी में जुटे हैं। तीनों खिलाड़ियों को विश्व कप में खेलने जाना है।
जंप रोप फेडरेशन का विश्व कप के लिए प्रशिक्षण शिविर मेरठ में चल रहा है। इस शिविर में शामिल राजदीप सिंह ने बताया कि वह फ्री स्टाइल, 30 सेंकेड स्पीड, ट्रिपल अंडर. डबल अंडर, डबल डच स्पीड के लिए विशेष तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनको जिन गलतियों के बारे में प्रशिक्षक बता रहे हैं उन गलतियों को तुरंत दूर करने के प्रयास में जुटे हैं। राजदीप का कहना है कि उनका मकसद अपने देश के लिए पदक जीतकर अपने देश के साथ अपने राज्य छत्तीसगढ़ का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करना है।
पूजा हरगोत्रा ने बताया कि वह फ्री स्टाइल पर विशेष ध्यान दे रही हैं। इस वर्ग में वह ट्रेस फिनिशिंग, कम्पलीट डिफक्लटी पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। पूजा ने बताया कि वह डबल डच स्पीड में टर्नर के रूप मेँ शामिल होगी। इन दो खिलाड़ियों के साथ तीसरी खिलाड़ी श्वेता कुर्रे हैं। वह भी जोरदार तैयारी में जुटी हैं। तीनों खिलाड़ियों के कोच अखिलेश दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी इन खिलाड़ियों को लगातार तैयारी करवाई गई है। अब इनको भारतीय टीम के शिविर में मुख्य प्रशिक्षक मो. अरशद तकनीकी के साथ शारीरिक प्रशिक्षण देने का काम कर रहे हैं। खिलाड़ियों को वहां पर समय पर विशेष ध्यान दिलाया जा रहा है। भारतीय टीम में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ियों के साथ गोवा के अखिलेश देसाई, गुजरात के हितकुमार, हरियाणा के सचिनस उप्र के सूरज, महाराष्ट्र के शिवम और औंकार, पंजाब के हर्षदीप और रतन दीप शामिल हैं। छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य है जहां के सबसे ज्यादा तीन खिलाड़ियों ेको टीम में रखा गया है।

बुधवार, 28 जुलाई 2010

170 का पूरा कोटा खिलाड़ियों के लिए

राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश के चार शहरों में होने वाली बैटन रिले में बैटन थामने की आश में बैठे खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी खबर यह है कि अब प्रदेश के खेल विभाग ने तय किया है कि सारा कोटा खिलाड़ियों के लिए रहेगा। वीआईपी के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। पूरा कोटा खिलाड़ियों के खाते में जाने की वजह से अब राजधानी के लिए जो राज्य के पुरस्कारों से सम्मानित खिलाड़ियों के साथ अंतरराष्ट्रीय, खिलाड़ियों की सूची बनाई गई है, उस सूची से सभी 71 खिलाड़ियों को मौका मिलने की संभावना है। इसी के साथ बाहर के 24 खिलाड़ियों में से भी कई खिलाड़ियों को मौका मिलेगा। दुर्ग-भिलाई से जो 50 खिलाड़ियों की सूची मिली है, उसके साथ राजनांदगांव के 31 खिलाड़ियों की सूची के खिलाड़ियों को भी मौका मिलेगा। खेल विभाग से खिलाड़ियों को पूरा मौका देने का फैसला किया है क्योंकि राज्य में बहुत ज्यादा संख्या में राज्य के पुरस्कार प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।
छत्तीसगढ़ में कामनवेल्थ की बैटन का आगमन 11 अगस्त को होने के बाद रायपुर में 12 अगस्त और फिर 13 अगस्त को राजनांदगांव, दुर्ग-भिलाई में बैटन रिले का आयोजन किया है। इस रिले में सबसे ज्यादा मारामारी बैटन धावकों को लेकर चल रही थी। बैटन पकड़ने के लिए किसका चयन किया जाए किसको छोड़ा जाए इसको लेकर खेल विभाग के अधिकारी भारी परेशानी में थे। विभाग में जो पात्र धावकों की सूची तैयार की गई थी उस सूची पर गौर किया जाए तो कम से कम 300 दावेदार पात्र हैं। इन दावेदारों में सबसे ज्यादा 274 खिलाड़ी तो राज्य के पुरस्कार प्राप्त हैं। पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों में मप्र के समय के विक्रम पुरस्कार प्राप्त 28, एकलव्य पुरस्कार प्राप्त 7, विश्वमित्र पुरस्कार प्राप्त दो, इसके बाद छत्तीसगढ़ के राज्य पुरस्कारों शहीद राजीव पांडे पुरस्कार वाले 87, शहीद कौशल यादव पुरस्कार वाले 82, पंकज विक्रम पुरस्कार वाले 12, हुनमान सिंह पुरस्कार वाले 10, खेल विभूति वाले 18, गुंडाधूर पुरस्कार वाले 23 और प्रवीचंद भंजदेव पुरस्कार वाले 5 खिलाड़ी हैं। इनके अलावा दो दर्जन ऐसे खिलाड़ी हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल हैं और जिनमें से कई को पदक भी मिले हैं। कुल मिलाकर 300 से ज्यादा दावेदारों की सूची खेल विभाग में तैयार हो गई है। इस सूची में प्रदेश ओलंपिक संघ के साथ खेल संघों के पदाधिकारी शामिल नहीं है।
छत्तीसगढ़ के लिए जो 170 खिलाड़ियों का कोटा मिला था, उस कोटे में से पहले 110 का कोटा खिलाड़ियों के लिए तय किया गया है। वैसे कामनवेल्थ आयोजन समिति से राज्य सरकार के पास जो नया पत्र आया है उस पत्र में इस बात का उल्लेख है कि राज्य सरकार और ओलंपिक संघ के लिए 50-50 प्रतिशत का कोटा तय है। इसके पहले राज्य सरकार के लिए 60 और ओलंपिक संघ के लिए 40 प्रतिशत का कोटा था। लेकिन छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार और ओलंपिक संघ के मध्य जिस तरह का तालमेल प्रारंभ से रहा है उसकी वजह से यहां किसी भी तरह के विवाद की स्थिति नहीं रही है। जब दिल्ली में कामनवेल्थ समिति की बैठक हुई थी तो इस बैठक में प्रदेश ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों ने साफ कर दिया था कि सरकार और संघ में कोई विवाद नहीं है, इसलिए सारा कोटा सरकार के खाते में रखा जाए। यह संभवत: ओलंपिक संघ के विश्वास का ही नतीजा है कि संघ के भरोसे पर उम्मीद से ज्यादा खरे उतरते हुए खेल विभाग ने अब पूरा का पूरा कोटा खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित कर दिया है।
सूची राज्य समिति के पास
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि विभाग ने सारा कोटा खिलाड़ियों के लिए तय करने के बाद सभी स्थानों की धावकों की सूची राज्य चयन समिति को भेज दी है। उन्होंने बताया कि रायपुर से राजधानी के 71 खिलाड़ियों के साथ जो बाहर के 24 खिलाड़ियों की सूची आई है, उसी के साथ भिलाई-दुर्ग से जो 50 खिलाड़ियों की सूची आई है उसे भी राज्य समिति को भेज दिया गया है। उन्होंने पूछने पर बताया कि इस बात की पूरी संभावना है कि रायपुर और भिलाई-दुर्ग से आई सूची के ज्यादातर खिलाड़ियों को मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव के लिए 30 का कोटा है और वहां से 31 खिलाड़ियों के नाम हंै। इस सूची के भी लगभग सभी खिलाड़ियों को मौका मिल जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि धावकों की सूची जल्द जारी कर दी जाएगी।
वीआईपी के लिए स्पेशल ट्रेक शूट
बैटन धावकों को दिल्ली से आई ड्रेस देने के कारण अब वीआईपी के लिए यह ड्रेस नहीं बचेगी। ऐसे में खेल विभाग ने वीआईपी के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए उनके लिए स्पेशल ट्रेक शूट बनवाने का फैसला किया है। इसी के साथ यह तय है कि वीआईपी बैटन लेकर दौड़ेंगे नहीं बल्कि खिलाड़ियों को देंगे।

राज्य फुटबॉल अब 30 से

शेरा क्लब द्वारा आयोजित शहीद वीके चौबे स्मृति राज्य फुटबॉल का आयोजन अब 30 जुलाई के किया जाएगा। पूर्व में यह स्पर्धा 28 जुलाई से होनी थी। स्पर्धा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शेरा क्लब के खिलाड़ी मैदान बनाने में लगे हैं।
राजधानी की सबसे पुरानी फुटबॉल संस्था शेरा क्लब ने पिछले साल से शहीद वीके चौबे की स्मृति में जिला स्तर की फुटबॉल स्पर्धा का आयोजन प्रारंभ किया है। इस बार से इसे राज्य स्तर पर किया जा रहा है। स्पर्धा में अंडर 14, 17 और 19 साल वर्ग में बालकों की टीमों के मुकाबले होंगे। इसी के साथ बालिका खिलाड़ियों के लिए उम्र सीमा न रखते हुए इस वर्ग में 12 टीमों को प्रवेश देते हुए लीग मैच करवाए जाएंगे। क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि स्पर्धा में पहले दिन छह मैच खेले जाएंगे। अंडर 14 में विवेकानंद बनाम जैन पब्लिक स्कूल, सालेम इंग्लिश स्कूल बनाम संत ज्ञानेश्वर। अंडर 17 में शिशु निकेतन बनाम जैन पब्लिक स्कूल, सेंट जोसेफ बनाम हरिनाथ अकादमी। अंडर 19 में जेएन पांडे बनाम सिंधी स्कूल, ज्ञानोदय बनाम एन्जाल्स स्कूल।

वादा निभाया, खिताब लाया

हमने खिताब जीतने का जो वादा किया था, वह वादा हमने खिताब जीतकर निभाया है। अब हम लोगों को उम्मीद है कि प्रदेश की जो टीम राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने जाएगी उस टीम में रायपुर की ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिलेगा।
यह कहना है कि रायपुर की राज्य विजेता टीम की खिलाड़ियों सुप्रिया कुकरेती, निकिता स्विसपन्ना, सुमन जंघेल, वंदना ध्रुव, ज्योति जगत, नगमा, शैलीना मरकाम, हेमा, रवीना, प्रिया कुकरेती,शिवानी, लक्ष्मी, अभिलाषा, हर्षा, चांदनी, इंदू, खुशबू,, गुलशन का। इन खिलाड़ियों ने बताया कि हमारी टीम को जिस तरह से कोच मुश्ताक अली प्रधान ने तैयार किया था उसके बाद इस बाद में संदेह नहीं था कि हमरी टीम वहां ख्रिताब नहीं जीतती। खिलाड़ियों ने बताया कि टीम के साथ गए कोच मनीष ठाकुर ने हर मैच में टीम की खिलाड़ियों को हौसला बढ़ाया और सही रणनीति से मैच खिलाया जिसके कारण हमारी टीम फाइनल में दुर्ग जैसी मजबूत टीम के खिलाफ आधा दर्जन गोल करने में सफल रही। फाइनल मैच में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुप्रिया कुकरेती ने जहां दो गोल किए, वहीं भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में रही वंदना ध्रुव ने भी दो गोल किए। इसके अलावा ज्योति जगत और प्रिया कुकरेती ने एक-एक गोल दागा। खिलाड़ियों ने बताया कि अगर बारिश के कारण मैदान गीला नहीं होता तो हमारी टीम और ज्यादा गोलों से जीतती।
खिलाड़ियों ने पूछने पर बताया कि अब राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए चुनी जाने वाली प्रदेश की टीम में रायपुर की ज्यादा खिलाड़ियों को मौका मिलने की उम्मीद है।

विनय को खिताब

राज्य टेबल टेनिस स्पर्धा के सीनियर वर्ग में रायपुर के विनय बैसवाड़े ने खिताब जीत लिया। महिला एवं यूथ वर्ग में प्रियल गोरे ने खिताब जीता।
प्रदेश संघ के साथ खेल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महासमुन्द में खेली गई स्पर्धा में सीनियर वर्ग में रायपुर के विनय बैसवाड़े ने दुर्ग के इमरान चरनीया को सीधे सेटों में 4-0 से मात दी। महिला वर्ग में रायपुर की प्रियल गोरे ने फाइनल में दुर्ग की निशा झा को कड़े मुकाबले में 4-2 से हराया। यूथ वर्ग में प्रियल ने सुरभि मोदी को कड़े मुकाबले में 4-3 से मात देकर दोहरा खिताब अपने नाम कर लिया। यूथ बालक वर्ग में रायपुर के आदित्य कुलकर्णी ने बिलासपुर के के साई प्रशांत को सीधे सेटों में 4-0 से हराया। जूनियर बालक वर्ग में रायपुर के भावेश आप्टे ने रायपुर के ही दिव्यम पेढनकर को 4-0 से हराकर खिताब जीता। बालिका वर्ग में दुर्ग की सृष्टि तिवारी ने अपने ही जिले की रेणुका साहू को 4-0 से हराया। सब जूनियर वर्ग में बस्तर के पवन जैन ने बिलासपुर के वी, विशाल को हराया। बालिका वर्ग में बिलासपुर की गार्गी मुखर्जी ने रायपुर की सागरिका दास गुप्ता को हराया। कैडेट वर्ग में रायपुर के सूरज तिवारी ने धमतरी के आदित्य को हराया।

मंगलवार, 27 जुलाई 2010

रायपुर फाइनल में

राज्य सब जूनियर बालिका फुटबॉल में रायपुर की टीम ने आशा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए राजनांदगांव को सेमीफाइनल में 6-0 से रौंदते हुए फाइनल में स्थान बना लिया। विजेता टीम के लिए भारतीय टीम के संभावितों में शामिल रही वंदना ध्रुव ने हैट्रिक बनाते हुए टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। रायपुर की खिताबी भिड़ंत एक बार से दुर्ग से कल होगी।
डोंगरगढ़ में मौजूदा चैंपियन रायपुर का सेमीफाइनल में राजनांदगांव से मुकाबला हुआ। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से सजी रायपुर की टीम ने यह मैच एकतरफा जीता। रायपुर की खिलाड़ी वंदना ध्रुव ने दनादन गोल दागते हुए हैट्रिक बनाई। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुप्रिया कुकरेती ने एक अभिलाषा और चांदनी ने भी एक-एक गोल किया। रायपुर टीम के सामने राजनांदगांव की खिलाड़ी ठहर ही नहीं सकी और हार गई। अब विजेता रायपुर का मुकाबलाफाइनल में कल दुर्ग से होगा। पिछले साल भी रायपुर ने दुर्ग को मात देकर खिताब जीता था। इस बार टीम की खिलाड़ियों ने खेलने जाने से पहले कहा था कि उनका इरादा अपना खिताह बचाते हुए एक बार फिर से खिताब जीतने का है। खिलाड़ी उम्मीद पर ख्ररी उतरती हुई फाइनल में पहुंच गई है। अब उसके लिए खिताब एक जीत ही दूर रह गया है।

छत्तीसगढ़ की खिताबी जीत

अखिल भारतीय बास्केटबॉल इनामी जेवियर ट्रॉफी पर छत्तीसगढ़ ने अपनी अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के दम पर कब्जा कर लिया। खिताबी मुकाबले में छत्तीसगढ़ ने केरला को ५६-५३ से परास्त कर खिताब जीता। स्पर्धा में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अंजू लकड़ा को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब दिया गया। इधर छत्तीसगढ़ टीम के जीतने पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने टीम को बधाई दी है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष राजीव जैन ने बताया कि चेन्नई में खेली गई इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ का फाइनल में शसक्त केरला इलेक्टिीसिटी बोर्ड से मुकाबला हुआ। कड़े मुकाबले में विजेता टीम पहले क्वार्टर में १७-११, दूसरे में २९-२३ और तीसरे में ४६-३६ से आगे थी। अंतिम क्वार्टर में कड़ा मुकाबले के बाद छत्तीसगढ़ के मैच ५६-५३ से जीतने के साथ खिताब जीत लिया। विजेता टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एवं टीम की कप्तान सीमा सिंह ने १५ अंक, अंजू लकड़ा ने सबसे ज्यादा २५ अंक, आर पुष्पा निषाद ने ४ अंक बनाए। इसके पहले सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ की टीम ने द. पश्चिम रेलवे हुबली को भी कड़े मुकाबले में ६६-६४ से मात दी। टीम के कोच राजेश पटेल ने बताया कि हमारी टीम से जिस तरह का खेल सेमीफाइनल और बाद में फाइनल में दिखाया वह काबिले तारीफ रहा। उन्होंने बताया कि फाइनल में मुकाबला इतना ज्यादा तगड़ा था कि अंतिम समय तक कहा नहीं जा सकता था कि कौन सी टीम जीतेगी, लेकिन हमारी खिलाडिय़ों ने कमाल का खेल दिखाते हुए खेल के अंतिम तीन सेंकेड में बाजी पलट दी और खिताब छत्तीसगढ़ की ङाोली में आ गया। उन्होंने बताया कि मैच उस समय ५३-५३ के स्कोर पर बराबर था जब सीमा सिंह के पास पर अंजू लकड़ा ने कोई गलती न करते हुए थ्री पाइंट शूट किया और हमारी टीम जीत गई। श्री पटेल ने बताया कि हमारी विजेता टीम को ट्राफी के साथ ९० हजार की नकद राशि मिली है।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ प्रदेश बास्केटबॉल टीम को अखिल भारतीय आमंत्रण बास्केटबॉल स्पर्धा का खिताब जीतने पर अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निास पर छत्तीसगढ़ बास्केटबॉल टीम के खिलाडिय़ों का आत्मीय सगत किया और उन्हें इस सफलता के लिए बधाई दी। इस असर पर टीम के प्रशिक्षक राजेश पटेल, मैनेजर हरमिन्दर कौर, छत्तीसगढ़ बास्केटबॉल के संरक्षक गोपाल खण्डेलाल, उपाध्यक्ष कुमार योगेश, कोषाध्यक्ष कमल सिंघल, सलाहकार राजकुमार, भिलाई इस्पात संयंत्र के खेल प्रबंधक सांईराम जाखड़, प्रशिक्षक आर.एस.गौर, इकबाल अहमद खान, सरजीत चक्रर्ती और आर.पी.जी.दास उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस असर पर खिलाडिय़ों से परिचय प्राप्त किया और उनकी हौसला आफजाई की।
टीम के खिलाडिय़ों में कुमारी सीमा सिंह (कप्तान), कुमारी अंजू लकरा, कुमारी सोसण तिर्की, कुमारी एल.टोप्पो, कुमारी पुष्पा निषाद, कुमारी रंजीता कौर, कुमारी मंजीता कौर, कुमारी शालिनी , कुमारी सरनजीत कौर, कुमारी संगीता कौर, कुमारी पी.दिव्या, कुमारी रश्मी और कुमारी सी.धनलक्ष्मी उपस्थित थीं। टीम के प्रशिक्षक श्री पटेल ने मुख्यमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ टीम की कई खिलाड़ी पिछले कई र्षों से भारतीय टीम में खेल रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि उन्हें और बास्केटबॉल टीम के एक और प्रशिक्षक आर.एस.गौर को भारत सरकार द्वारा शिेष प्रशिक्षण के लिए अमेरिका सरकार के सहयोग से एक पखाड़े के लिए ाशिंगटन भेजा गया था।

रविवार, 25 जुलाई 2010

चार जूनियर टीम में

भारत की संभावित जूनियर बास्केटबॉल टीम में छत्तीसगढ़ के चार खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इन खिलाडिय़ों का प्रशिक्षण शिविर २२ जुलाई से लुधियाना में प्रारंभ हो गया है। शिविर में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी रवाना हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के इन चार खिलाडिय़ों श्याम सुंदर, अजय फरताप सिंह, अंकित पाणिग्रही के साथ समीर राय का चयन ६०वीं राष्ट्रीय स्पर्धा में प्रदर्शन के आधार पर किया गया है। भारत की संभावित टीम में २५ खिलाड़ी रखे गए हैं। इनका शिविर २१ दिनों तक चलेगा।

संभावित टीम में आठ खिलाड़ी

भारत की संभावित सब जूनियर बास्केटबॉल बालिका टीम में छत्तीसगढ़ की पांच खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इसी के साथ तीन बालक खिलाडिय़ों का भी चयन किया गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के चेयरमैन सोनमणी बोरा ने बताया कि चित्तौडग़ढ़ में खेली गई राष्ट्रीय स्पर्धा में जोरदार प्रदर्शन करने वाली छत्तीसगढ़ की पांच खिलाडिय़ों ए. कविता. शरणजीत कौर, संगीता कौर, संगीता दास, पूजा अंबिष्ट को २० खिलाडिय़ों की संभावित टीम में रखा गया है। इस टीम का प्रशिक्षण शिविर २६ जुलाई से भोपाल में प्रारंभ होगा।
इधर बालकों की संभावित टीम में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाडिय़ों दिनेश मिश्रा, तारेन्द्र यादव और संजीव कुमार का चयन किया गया है। भारत की बालक टीम के कोच आरएस गौर बनाए गए हैं।

शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

मुख्यमंत्री खेलों के भी मुखिया

प्रदेश के खेल संघों की सर्वोच्च संस्था छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की कमान अब प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को सौंप दी गई है। इसी के साथ नई कार्यकारिणी के गठन का जिम्मा भी उनको दिया गया है। पुरानी कार्यकारिणी के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा और महासचिव बशीर अहमद खान सहित पूरी कार्यकारिणी का इस्तीफा मुख्यमंत्री को उनके निवास स्थान में सौंपा गया।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ में लंबे समय से चल रहे विवाद पर आज उस समय विराम लग गया जब यहां पर ग्रांट इंटरनेशनल में संघ की बैठक मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव के साथ वर्तमान अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा ने इस्तीफा देकर सभी से इस्तीफा देने कहा। इसके बाद पूरी कार्यकारिणी ने अपना इस्तीफा अध्यक्ष को सौंपा दिया। इसके बाद कार्यकारिणी के सभी पदााधिकारियों के साथ सभी खेल संघों के पदाधिकारी मुख्यमंत्री निवास गए जहां पर डॉ. रमन सिंह से मुलाकात करके उनको फैसले की जानकारी दी। मुख्यमंत्री को बताया गया कि पूरी कार्यकारिणी ने इस्तीफा दे दिया है और आपको अध्यक्ष चुनने के साथ नई कार्यकारिणी बनाने का जिम्मा भी दिया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि काफी समय से मुझसे गुरूचरण सिंह होरा के साथ बशीर अहमद खान ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनने के लिए कह रहे थे, लेकिन संघ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा थे, जिनसे मेरे पारिवारिक संबंध हैं ऐसे में मुङो संकोच हो रहा था, लेकिन अब खुद डॉ. वर्मा ने भी इनके साथ यह प्रस्ताव रखा है तो इसे मैं स्वीकार करता हूं और प्रदेश के खेलों के हित में मैं अध्यक्ष का दायित्व मंजूर करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खेल बिरादरी के किसी भी संघ का कोई भी पदाधिकारी मुङासे खेलों के हित में आधी रात को भी मिलने आ सकता है। उन्होंने कहा कि हम सबको दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य में खेलों के विकास के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक संघ को हम एक परिवार की तरह चलाएंगे।
इसके पहले डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि अब खेलों की कमान प्रदेश के मुखिया के हाथों में आ गई है तो राज्य में खेलों का विकास तेजी से होगा। बशीर अहमद खान ने मुख्यमंत्री का आभार माना कि उन्होंने ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया। मुख्यमंत्री ने सभी खेल संघों के पदाधिकारियों से परिचय प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री तय करेंगे कार्यकारिणी

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की सामान्य सभा की बैठक में आज पुरानी कार्यकारिणी ने इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह को अध्यक्ष बना दिया। इसी के साथ अब नई कार्यकारिणी के गठन का जिम्मा भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को दिया गया है। बैठक में अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा के साथ विवाद के चलते जहां संघ के सचिव बशीर अहमद खान ने सार्वजानिक रूप से माफी मांगी, वहीं डॉ. वर्मा ने भी किसी भी तरह की गलती के लिए माफी मांगी। बैठक के अंत में संघ के संरक्षक विधान मिश्रा के बोलने से कुछ हंगामे जैसी स्थिति हो गई थी, लेकिन इसे संभाल लिया गया।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की आज सुबह ११ बजे ग्रांट इंटरनेशनल में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि अब मेरे और महासचिव बशीर अहमद के बीच कोई विवाद नहीं रह गया है। कल रात को सारे गिले-शिकवे दूर हो गए हैं। रात को मेरे निवास में बशीर के साथ गुरूचरण सिंह होरा और मो. अकरम खान आए थे। इन सब छोटे भाईयों के कहने पर मैंने बड़े होने के नाते इनकी बातों को मानते हुए इस बैठक में आने का निर्णय लिया। मैं वैसे भी काफी समय से यह महसूस कर रहा था कि मैं अपने व्यक्तिगत कारणों से समय नहीं दे पा रहा हूं। इसी के साथ मुङो लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होना है, ऐसे में संघ की कमान किसी दमदार व्यक्ति के हाथों में होनी चाहिए। मेरे हिसाब से मुख्यमंत्री से ज्यादातर दमदार कोई नहीं हो सकता है। मैं उनको अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव के साथ अपना इस्तीफा दे रहा है और सभी से आग्रह है कि कार्यकारिणी के सारे पदाधिकारी इस्तीफा दे दें ताकि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को ही नई कार्यकारिणी बनाने का जिम्मा सौंपा जा सके। श्री वर्मा की पहल के बाद सभी ने अपना इस्तीफा दे दिया।
मैं माफी मांगता हूं: बशीर
बैठक में सबसे पहले बोलते हुए संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि मेरे और डॉ. वर्मा के बीच में गलतफहमी बढ़ते जा रही थी जिसके कारण खेल का नुकसान होने लगा था। इस गलतफहमी को दूर करने में मो. अकरम खान के साथ कैलाश मुरारका ने मदद की। उन्होंने कहा कि मुङो किस पद का मोह नहीं है मैं पहले एक स्पोट्र्स मैन हूं।
१७ की बैठक निरस्त
बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा ने कहा कि सबसे पहले तो मैंं यह कहना चाहता हूं कि मैं कार्यवाहक अध्यक्ष नहीं हूं और मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि १७ जून को भिलाई में हुई बैठक को निरस्त माना जाए। उनके इस आग्रह भी सभी ने इस बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी यह नहीं कहा कि डॉ. वर्मा अध्यक्ष नहीं है।
विधान मिश्रा नाराज होकर चले गए
बैठक के अंत तक जब संघ के संरक्षक विधान मिश्रा के बोलने नहीं दिया गया तो उन्होंने माइक लेकर बोलना प्रारंभ किया और कहा कि बैठक में भारतीय ओलंपिक संघ का कोई पर्यवेक्षक नहीं आया है इसलिए इस बैठक का कोई मतलब नहीं है। उनके बोलने से माहौल बिगडऩे की संभावना देखते हुए जब श्री होरा ने यह कह दिया कि बैठक समाप्त हो चुकी है ऐसा में कुछ भी बोलने का मलतब नहीं है। इस पर नाराज होकर श्री मिश्रा चले गए।
बैठक में मंच पर डॉ. अनिल वर्मा के साथ गुरूचरण सिंह होरा, बशीर अहमद खान, वैभल मिश्रा, विधान मिश्रा, रामनिवास बैठे थे। बैठक में ओलंपिक संघ के सभी पदाधिकारियो के साथ सभी मान्यता प्राप्त खेलों के अध्यक्ष और सचिव उपस्थित थे।

धावकों के नामों का खुलासा होगा जल्द

राजधानी रायपुर में होने वाली बैटन रिले के लिए धावकों के नामों का खुलासा एक-दो दिन में हो जाएगा। खेल विभाग खिलाडिय़ों के नामों को अंतिम रूप देने में लगा है। ३० जुलाई को होने वाले रिहर्सल से पहले नाम घोषित कर दिए जाएंगे। खेल संघों ने खिलाडिय़ों ने नाम खेल विभाग को भेज दिए हैं।
कामनवेल्थ की बैटन का आगमन छत्तीसगढ़ की राजधानी में ११ अगस्त को होने के बाद १२ अगस्त को शहीद भगत सिंह चौक से बैटन रिले का प्रारंभ होगा। दो बजे प्रारंभ होने वाली रिले का समापन ४.३० बजे सप्रे स्कूल में होगा। इस बीच धावकों को छह किलोमीटर का सफर तय करना होगा। इस छह किलोमीटर के रास्ते में किन धावकों को बैटन लेकर दौडऩे का मौका मिलने वाला है इसका खुलासा खेल विभाग करेगा। पूर्व में रायपुर के खाते में महज ५० धावकों का कोटा आने के कारण कम खिलाडिय़ों को मौका मिलने वाला था, लेकिन अब कोटा ८० होने के कारण ५० खिलाडिय़ों को मौका दिया जाएगा। इन खिलाडिय़ों के नाम तय करने के लिए खेल विभाग में कवायद चल रही है। सभी खेल संघों ने अपने-अपने संघों के खिलाडिय़ों के नाम भेज दिए हैं। रायपुर में जहां तक दावेदारों का सवाल है तो यहां भी ५० के कोटे के लिए ९५ दावेदार हैं। इनमें से ७१ रायपुर के राज्य के पुरस्कार के सम्मानित खिलाडिय़ों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने वाले हैं। इसके अलावा २४ खिलाड़ी दूसरे जिलों के हैं। खेल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक-दो दिनों में धावकों की सूची जारी कर दी जाएगी।

खिताब लेकर आएंगे

हम लोगों ने यहां पर जिस तरह से तैयारी की है उससे यह बात तय है कि एक बार फिर से हमारी टीम खिताब लेकर आएगी।
ये बातें पर चर्चा करते हुए सप्रे स्कूल में अभ्यास कर रही रायपुर की अंडर १७ साल की बालिका टीम की खिलाडिय़ों सुप्रिया कुकरेती, निकिता स्विसपन्ना सुमन जंघेल, वंदना ध्रुव ज्योति जगत, नगमा, शैलीना मरकाम, हेमा, रवीना, प्रिया कुकरेती,शिवानी, लक्ष्मी, अभिलाषा, हर्षा, चांदनी, इंदू, खुशबू, अमृता, चित्ररागनी, गुलशन ने कहीं। इन्होंने एक स्वर में कहा कि हमारी टीम बहुत अच्छी है और टीम को एक बार फिर से खिताब जीतने से रोकना मुश्किल होगा। खिलाडिय़ों ने बताया कि उनको प्रशिक्षक मुश्ताक अली प्रधान ने जिस तरह से तैयार किया है उससे टीम के लिए जीत पाना कठिन नहीं होगा। खिलाडिय़ों ने बताया कि उनकी टीम पिछले साल भी विजेता बनी थी। ख्रिलाडिय़ों ने पूछने पर कहा कि उनको स्पर्धा में सबसे कठिन टीमें दुर्ग और जशपुर की लगती हैं। पिछले साल दुर्ग से ही ख्रिताबी मुकाबला हुआ था। खिलाडिय़ों का कहना है कि जशपुर की लड़कियां काफी तेज और अच्छी हैं। उनकी टीम से हमें सावधान रहने की जरूरत होगी। जशपुर की खिलाडिय़ों से कैसे पार पाना है इसके बारे में कोच ने बताया है।
खिलाडिय़ों में इस बात को लेकर भी बहुत उत्साह है कि टीम के साथ दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुप्रिया कुकरेती के साथ निकिता स्विसपन्ना हैं। इन दोनों खिलाडिय़ों को इस साल भरतीय टीम के साथ सब जूनियर चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिला था। दोनों खिलाड़ी टीम के साथ श्रीलंका खेलने गई थीं। इसके पहले इन खिलाडिय़ों को भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में रहने का जो मौका मिला उसका भी फायदा टीम को मिलेगा। इन दो खिलाडिय़ों के साथ रायपुर की टीम में भारत की संभावित टीम में शामिल रही वंदना ध्रुव और अभिलाषा भी हैं। इन दोनों खिलाडिय़ों के पास भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव है क्योंकि इनको अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के साथ प्रशिक्षण शिविर में रहने का मौका मिला है।
टीम की इन चार खिलाडिय़ों के साथ टीम में और कुछ खिलाड़ी ऐसी हैं जिनको राष्ट्रीय स्तर पर पहले खेलने का मौका मिला है। ऐसे में टीम इतनी ज्यादा मजबूत है कि टीम को खिताब तक पहुंचने से रोकना किसी के लिए आसान नहीं होगा।
टीम को प्रशिक्षण देने वाले कोच मुश्ताक अली प्रधान का कहना है कि रायपुर की खिलाडिय़ों ने जिस तरह से प्रशिक्षण शिविर में मेहनत की है उससे यह कहा जा सकता है कि कोई अप्रत्याशित घटना ही टीम को खिताब जीतने से रोक सकती है। उन्होंने बताया कि २१ संभावित खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया गया है अब टीम के कल जाने से पहले १८ खिलाडिय़ों की टीम तय की जाएगी। राज्य स्पर्धा २३ जुलाई से डोंगरगढ़ में होगी। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित स्पर्धा में विजेता टीम को दस हजार और उपविजेता टीम को सात हजार पांच सौ रुपए का इनाम मिलेगा।

गुरुवार, 22 जुलाई 2010

कौन होगा मुख्यमंत्री का सचिव

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ में अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने साथ सचिव के रूप में किसे रखेंगे इसको लेकर खेल बिरादरी में अटकलबाजियों का दौर चल रहा है। सचिव की दौड़ में कई प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ओलंपिक संघ के कुछ पदाधिकारियों के नाम भी लिए जा रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री की नजरें इनायत किस पर होती हैं, यह तो बाद में मालूम होगा।
प्रदेश ओलंपिक संघ की गुरुवार को सुबह ११ बजे ग्रांट इंटरनेशनल में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की जाएगी। इस ताजपोशी के साथ यह बात तय है कि मुख्यमंत्री के हाथों में ही नई कार्यकारिणी के गठन का भी जिम्मा होगा क्योंकि पुरानी कार्यकारिणी से इस्तीफा लिया जाएगा। इसके बाद अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा के साथ सचिव बशीर अहमद खान की विदाई हो जाएगी। ऐसे में आज दिन भर प्रदेश की खेल बिरादरी में इस बात को लेकर चर्चा रही है कि मुख्यमंत्री आखिर सचिव की जिम्मेदारी किसे सौंपेगे। एक तरफ जहां यह माना जा रहा है कि सचिव की दौड़ में कई खेल संघों से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री की पसंद के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को यह जिम्मेदारी मुख्यमंत्री सौंप सकते हैं। दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि प्रदेश ओलंपिक संघ की वर्तमान कार्यकारिणी से जुड़े तीन उपाध्यक्ष भी सचिव बनने की दौड़ में शामिल हैं। खेलों से जुड़े कई पदाधिकारी इस बात से भी इंकार नहीं कर रहे हैं कि बशीर अहमद खान को भी वापस सचिव बनाया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि उनके पास अनुभव बहुत ज्यादा है और छत्तीसगढ़ में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए खेल के जानकार अनुभवी सचिव की जरूरत होगी। सचिव कौन बनेगा यह तो अभी रहस्य ही है, लेकिन इतना तय है कि मुख्यमंत्री जिसे सबसे ज्यादा पसंद करेंगे उन्हीं को यह जिम्मा दिया जाएगा।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे
सुबह बैठक में एक मत से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित करने के तुरंत बाद ओलंपिक संघ के पदादिकारियों के साथ सभी खेल संघों के अध्यक्ष और सचिव मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलने के लिए उनके निवास स्थान पर जाएंगे।

छत्तीसगढ़ के दो खिलाड़ी भी भारतीय टीम में शामिल

खेल और युवा कल्याण मंत्री सुश्री लता उसेण्डी से यहां उनके निवास पर अगस्त माह में चीन में आयोजित होने वाले छठें शटल कॉक विश्व कप के लिए छत्तीसगढ़ से चयनित राष्ट्रीय चैम्पियन भोजराज और सायकिरण ने सौजन्य मुलाकात की। इस मौके पर सुश्री लता उसेण्डी ने शटल कॉक विश्व कप में खेलने के लिए मौका मिलने पर दोनों खिलाडिय़ों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि गित दो अप्रैल से चार अप्रैल तक महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित चौंथी सीनियर नेशनल शटल कॉक टूर्नामेन्ट में छत्तीसगढ़ की शटल कॉक टीम ने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीतकर प्रदेश का नाम रौशन किया है। इस विजेता टीम में ये दोनों खिलाड़ी भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि आगामी नौ अगस्त से सोलह अगस्त तक चीन में बीजिंग से कुछ दूर स्थित झोगझाऊ नामक शहर में छठें शटल कॉक विश्व कप में खेलने के लिए प्रदेश के इन दोनों खिलाडिय़ों का चयन भारतीय टीम में किया गया है।

खाने के लिए पहली बार खेल विभाग की निविदा

खेल और युवा कल्याण विभाग ने पहली बार खिलाडिय़ों के खाने के लिए निविदा आमंत्रित करके ठेका देने का काम किया है। अब जिस ठेकेदार को यह काम दिया जा रहा है, वही साल भर खेल विभाग के हर आयोजन में खिलाडिय़ों को विभाग द्वारा तय किए गए मेनू के हिसाब से खाना देगा। इसी के साथ विभाग ने विभिन्न आयोजनों के लिए टेंट की भी निविदा निकाली है। दोनों ही निविदाएं आज विभाग में खोली गईं। अब किसको ठेका दिया जा रहा है इसका खुलासा बाद में होगा। खेल विभाग द्वारा साल भर में विभिन्न खेलों के आयोजन किए जाते हैं। इन आयोजनों के लिए खाने से लेकर टेंट के बिलों को लेकर हमेशा यह बात सामने आई है कि इसमें बहुत ज्यादा गड़बड़ी की जाती है। ऐसे में इन बातों के समाधान के लिए खेल संचालक जीपी सिंह ने यह रास्ता निकाला कि खाने के साथ टेंट की भी निविदा निकाली जाए। निविदा निकालने के बाद इन दोनों निविदाओं के लिफाफे खोले गए हैं। खाने का एक मेनू तय किया गया है। इस मेनू के हिसाब से किसी भी आयोजन में खिलाडिय़ों को सुबह चाय के साथ नाश्ते में आलू पोहा, दोसा, छोले बटुरे, पुड़ी सब्जी जैसा कोई आयटम देना होगा। साथ ही दो अंडे और एक गिलास दूध। लंच और डीलर में दो तरह की सब्जी, चपाती, दाल, चावल, सलाद, पापड़, रायता या दही, फल एक नग देना होगा। शाम को खिलाडिय़ों को चाय के साथ दो बिस्कुट देने होंगे।

६ किलो मीटर का होगा कारवां

राजधानी रायपुर में होने वाली बैटन रिले का कारवां अब छह किलोमीटर का होगा। पूर्व में यह कारवां सात किलो मीटर का था, लेकिन मार्ग में थोड़ा बदलाव करने के बाद यह कारवां एक किलो मीटर छोटा हो गया है। इधर बैठकों के दौर के बाद स्कूली संस्थाओं, खेल संघों के साथ खेल शिक्षकों की पाइंट पर जिम्मेदारियां तक कर दी गई हैं। अब तक २३ पाइंट तय किए गए हैं।
कामनवेल्थ की बैटन का आगमन रायपुर में ११ अगस्त को होने के बाद १२ अगस्त को यहां पर रिले का आयोजन किया गया है। इसके पहले ३० जुलाई को एक रिहर्सल होगी। शहीद भगत सिंह चौक से प्रारंभ होकर सप्रे स्कूल में समाप्त होने वाली इस रिले को अब छह किलो मीटर का सफर तय करना है। इस सफर के लिए बनाए गए शुरुआत से लेकर समापन के पाइंट तक की सारी जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। जिम्मेदारियां तय करने के लिए ही बैटन के मुख्यालय नेताजी स्टेडियम में लगातार बैठकों का दौर चला। पहले स्कूली संस्थाओं के प्रमुख, फिर खेल संघों के पदाधिकारी फिर खेल शिक्षक और अंत में कॉलेज के क्रीड़ा अधिकारियों के साथ बैठकें करके सबको उनका काम सौंप दिया गया है।
शुरुआत में होंगे २२०० स्कूली बच्चे
बैटन की शुरुआत शहीद भगत सिंह चौक से होगी। इस चौक में छह स्कूलों के २२०० छात्र-छात्राएं रहेंगे। शांतिनगर और रविग्राम स्कूल के ५००-५००, बीटीआई और एमजीएम स्कूल के ४००-४००, विद्या मंदिर शंकर नगर और आदर्श विद्यालय तेलीबांधा के २००-२०० विद्यार्थी रहेंगे। इस पाइंट में सभी खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा सेक्टर प्रभारी अतुल शुक्ला, अनिल दीवान, प्रेमशंकर के साथ प्रशासनिक अधिकारी अपर कलेक्टर रमेश शर्मा रहेंगे। आगे के पाइंट में गांधी उद्यानन चौक में कटौरा तालाब और होलीक्रास स्कूल के ५००-५०० विद्यार्थी, तीरंदाजी, थांग-ता और छत्तीसगढ़ क्लब के पदाधिकारी, खेल शिक्षकों में अमित कुमार चन्द्राकर, कनक कुमार बोदले (खेल शिक्षक) फेबकेयर के पास हिन्दु हाई स्कूल, गुजराती स्कूल के ५००-५०० विद्यार्थी, जिला फुटबॉल संघ, शेरा क्रीड़ा समिति, वीआईपी क्लब के पदाधिकारी, संजय गायकवाड़, गौतम चंद ठाकुर (खेल शिक्षक)। पीएचक्यू के सामने डागा शाला के २०० और बालाजी स्कूल के ३०० विद्यार्थी, आदर्श कुमार मिश्रा और अरविंद कुजूर (खेल शिक्षक)। संस्कृति विभाग गेट के सामने सालेम अंग्रेजी स्कूल के ५०० और सालेम हिन्दी स्कूल के ४०० विद्यार्थी, छत्तीसगढ़ और जिला वालीबॉल संघ के साथ सिटी स्पोट्र्स क्लब के पदाधिकारी, रूपेश कुमार और अरूण कुमार ध्रुव(खेल शिक्षक)। घड़ी चौक में राष्ट्रीय विद्यालय के ३००, खालसा स्कूल के ५०० विद्यार्थी, छत्तीसगढ़ और जिला म्यूथाई संघ, जिला जूडो संघ के पदाधिकारी, चौलेश शंकर साहू वीर नारायण ठाकुर (खेल शिक्षक), इन सभी पाइंट के प्रभारी विपिन चन्द्र शर्मा, बीएस चंदेल, श्रीमती आशा बेलथरे हैं।
शास्त्री चौक के आगे मंदिर के पास- शा. उमा विद्यालय रायपुर के ५००, उर्दू कन्या शाला के ३०० विद्यार्थी, छत्तीसगढ़ कबड्डी संघ, लायंस क्लब और प्रगति क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक समिति के पदाधिकारी, प्रदीप कुमार, रश्मि संध्या तिर्की, बांस टाल चौक में शहीद स्मारक के १५०, माता सुंदरी के २०० और बीपी पुजारी स्कूल के ३०० विद्यार्थी, जिला हॉकी संघ, एथलेटिक क्लब, महिला हॉकी संघ, रग्बी संघ के पदाधिकारी, विनोद कुमार वर्मा, जयंत कुमार ठाकुर ()। पैराडाईज शो रूम के सामने-लाखे स्कूल के ४००, होलीहार्ट के ५०० विद्यार्थी,साफ्टबॉल, नेटबॉल और बॉडी बिल्डिंग संघ के पदाधिकारी, शकुंलता पटेल, हरीशचन्द्र निषाद (खेल शिक्षक)। इन पाइंट के प्रभारी रूपेन्द्र चौहान, प्यारेलाल साहू और असीम कादरी हैं।
शारदा चौक होटल के पास- कालीबाड़ी स्कूल, होलीक्रास और लक्ष्मी नारायण स्कूल के ५००-५०० विद्यार्थी, ट्रायथलान संघ, स्कवैश संघ, हैंडबॉल और तैराकी संघ के पदाधिकारी, पंच राम, योगेश काटाईल्हा (खेल शिक्षक)। नवीन मार्केट में-निवेदिता और आरके सिंधी स्कूल के ५००-५०० विद्यार्थी, जिला एथलेटिक्स संघ, जिला पावरलिफ्टिंग संघ के पदाधिकारी, वरूण कुमार और अन्नपूर्णा रावत (खेल शिक्षक)। तात्यापारा में सरस्वती स्कूल के ४००, कुसुम ताई दाबके स्कूल के १५० विद्यार्थी, छत्तीसगढ़ और जिला टेबल टेनिस संघ, साफ्ट टेनिस संघ, जिला बैडमिंटन संघ के पदाधिकारी, बुधलाल नेगी, भारती रजाक (खेल शिक्षक)। आजाद चौक गार्डन के सामने- आरडी तिवारी स्कूल के २००, देशबन्धु स्कूल के ३०० विद्यार्थी, जिला बास्केटबॉल संघ, जिला जिम्नास्टिक संघ के पदाधिकारी, बुद्धेव्सवरी मालागार, नूतन लाल साहू (खेल शिक्षक)। नि पाइंट के प्रभारी प्रमोद मेने, विजय शर्मा और रेबिका बेन हैं।
आमापारा चौक में शासकीय उमा शाला चौबे कालोनी के ५००, शा. हाई स्कूल रायपुर के १००, शाउमा शाला रायपुर के ५०० विद्यार्थी, छत्तीसगढ़ कैरम संघ, जिला कैरम संघ के पदाधिकारी, रधुनाथ प्रसाद यदु, रोमन साहू (खेल शिक्षक)। सारथी चौक बिंदरा बाई सोनकर स्कूल के ५०० और शा. हाई स्कूल आमापारा के २०० विद्यार्थी, केनोइंग-क्याकिंग संघ, छत्तीसगढ़ एडवोकेट क्रिकेट संघ के पदाधिकारी, आलोक मिश्रा, चंद कुमार वर्मा, अंजली बरमाल (खेल शिक्षक)। लाखेनगर चौक मंदिर के सामने- सरस्वती स्कूल के ३००, खो-खो पारा स्कूल के २०० विद्यार्थी, भारोत्तोलन संघ और हिन्द स्पोर्टिंग के पदाधिकारी, तिलोतमा वर्मा, छोटे लाल देवांगन, राकेश कुमार प्रधान (खेल शिक्षक)। किलकारी अस्पताल के सामने -मदर प्राईड सुंदर नगर के और सुंदर लाल शर्मा स्कूल के २००-२०० विद्यार्थी, जिला वूशू संघ के पदाधिकारी, याश्मीन अफरोज, प्रेमनाथ पाठक अरूण कुमार ध्रुव (खेल शिक्षक)। लोहार चौक में गनपत सिंधी स्कूल और रविवि परिसर स्कूल के ५००-५०० विद्यार्थी, कुश्ती संघ और न्यू स्टार क्रिकेट अकादमी के पदाधिकारी, प्रमीला गौतम, पीआर बंजारे, पीएस शर्मा (खेल शिक्षक)। इन पाइंट के प्रभारी सेवा राम साहू और राजेश जंघेल हैं।
पुरानी बस्ती थाने के पहले - नूतन स्कूल और टिकरापारा स्कूल के २००-२०० विद्यार्थी, खेल पत्रकार संघ, जिला कराते संघ और छत्तीसगढ़ जंप रोप संघ के पदाधिकारी, निशा यदु, बीआर साहू (खेल शिक्षक)। बूढेश्वर मंदिर चौक सरस्वती स्कूल पुरानी बस्ती के ५०० विद्यार्थी, टेनीक्वाइट संघ के पदाधिकारी, पंचराम, योगेश काटाईल्हा (खेल शिक्षक)। आउटडोर स्टेडियम के सामने मठपारा स्कूल के १००, रायपुरा स्कूल के १५० विद्यार्थी, छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ, रिजाय क्रिकेट अकादमी के पदाधिकारी, वरूण कुमार और अन्नपूर्णा रावत (खेल शिक्षक)। इन पांइट के प्रभारी आलोक दुबे, रिंकू तिवारी, आर बोस हैं।
गणेश मंदिर चौक- आदिश्वर जैन स्कूल के २००, शिशु शिक्षा मंदिर के १०० विद्यार्थी, फारेस्ट क्लब के खिलाड़ी, बुधलाल नेगी, भारती रजाक (खेल शिक्षक)। समापन स्थल सप्रे स्कूल में- सप्रे स्कूल, जेआर दानी, होलीक्रास पेंशनबाड़ा, जैन पब्लिक स्कूल के ५००-५००, छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, द्रोणाचार्य, जेएन पांडेय स्कूल के २००-२०० और डाल्फिन और सुंदर लाल शर्मा स्कूल के १५०-१५० विद्यार्थी, सभी खेल संघों के पदाधिकारी और प्रभारी डॉ. विष्णु श्रीवास्तव, ममता साहू और कुलदीप दुबे रहेंगे।

बुधवार, 21 जुलाई 2010

मुख्यमंत्री की ताजपोशी होगी

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ में चल रहे विवाद का पटाक्षेप करने के लिए प्रदेश की खेल बिरादरी ने एका दिखाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी करने का फैसला किया है। संघ की २२ जुलाई को रायपुर में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री को न सिर्फ अध्यक्ष बनाया जाएगा बल्कि उनको ही नई कार्यकारिणी बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। पुरानी कार्यकारिणी से इस्तीफा लिए जाने के कारण अब अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा और सचिव बशीर अहमद खान की विदाई तय मानी जा रही है।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ में पिछले कुछ माह से चल रहे विवाद का अंत यहां पर २२ जुलाई को ग्रांट इंटरनेशनल में संघ की होने वाली सामान्य सभा में हो जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाने के लिए खेल संघों में एका हो गया है। सभी संघों के अध्यक्ष और सचिव एक मत से मुख्यमंत्री डॉ. रमन ङ्क्षसह को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखेंगे। मुख्यमंत्री को अध्यक्ष बनाने के लिए सबसे पहले पुरानी कार्यकारिणी से इस्तीफा लिया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री को अध्यक्ष बनाकर नई कार्यकारिणी के गठन का जिम्मा उनको दिया जाएगा। अब यह तय है कि छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ से अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा के साथ सचिव बशीर अहमद खान की विदाई हो जाएगी।
इधर ओलंपिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा ने बताया कि संघ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा और सचिव बशीर अहमद खान के मध्य चल रहे विवाद के चलते छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों के साथ १२ अगस्त को होने वाले बैटन रिले पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठा भी खराब हो रही है। उन्होंने बताया कि इन्हीं सब बातों को देखते हुए वे चाहते हैं कि अब डॉ. वर्मा और श्री खान आपसी विवाद को भूलकर राज्य के खेल जगत के हित में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अध्यक्ष बनाने की पहल करें। उन्होंने बताया कि इस बार विधिवत २२ जुलाई को संघ की सामान्य सभा की एक बैठक का आयोजन ग्रांड इंटरनेशनल रायपुर में सुबह ११ बजे किया गया है। इस बैठक में सभी खेल संघों की तरफ से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को निर्विरोध अध्यक्ष बनाया जाएगा। श्री होरा ने डॉ. वर्मा से आग्रह किया है कि वे खुद ही बैठक में उपस्थित होकर मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव दें जिससे खेल जगत में एक अच्छा संदेश जाए। श्री होरा ने बताया कि डॉ. वर्मा सहित सभी को बैठक की सूचना दी जा चुकी है, इसी के साथ छत्तीसगढ़ फम्र्स रजिस्टार सोसायटी को भी बैठक की सूचना दी गई है।

तीन खिलाडिय़ों को दोहरा स्वर्ण

राज्य स्तरीय एथलेटिक्स में रायपुर के सुंखनंदन ध्रुव, तुलसी साहू और सुंजदी ध्रुव ने दोहरा स्वर्ण जीता।
खेल एवं युवा कल्याण के साथ छत्तीसगढ़ एथलेटिक्स संघ द्वारा जांजगीर में आयोजित स्पर्धा में रायपुर की टीम से खेलते हुए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुखनंदन ध्रुव ने ५००० और १०, ००० मीटर में स्वर्ण जीता। इसी तरह से तुलसी साहू ने ८०० मीटर के साथ १५०० मीटर में स्वर्णिम दौड़ लगाई। एक महिला खिलाड़ी सुंदरी ध्रुव ने गोला फेंक के साथ भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता। इन खिलाडिय़ों के अलावा रायपुर के लिए रामेश्वरी साहू ने ४०० मीटर में रजत और १५०० मीटर में कांस्य पदक जीता। २० साल के कम वर्ग में उमेश कुमार ने ५००० मीटर में कांस्य, प्रेरणा मिश्रा ने १०० मीटर में रजत औरर यमुना साहू ने १५०० मीटर में कांस्य पदक जीता। रायपुर को स्पर्धा में ६ स्वर्ण, ३ रजत और ४ कांस्य पदक मिले।

बशीर खान पर मानहानि का दावा

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा ने संघ के महासचिव बशीर अहदम खान पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है। अध्यक्ष पर संघ के दो लाख रुपए गबन करने के आरोप के खिलाफ यह मुकदमा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रायपुर के न्यायालय में लगाया गया है। इस मामले के आरोपी को २९ जुलाई को न्यायालय में पेश होने कहा गया है।
न्यायालय में डॉ. अनिल वर्मा द्वारा दायर किए गए मुकदमे में बताया गया है कि २४ मई को बशीर अहमद खान द्वारा रायपुर के एक दैनिक समाचार पत्र (हरिभूमि नहीं) में यह खबर प्रकाशित करवाई गई कि डॉ. वर्मा ने संघ को मिले दो लाख रुपए का गबन कर लिया है। इस खबर के खिलाफ डॉ. वर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनको जो दो लाख का चेक मिला था, इस चेक को देने वाले ने और ज्यादा रकम देने की बात कहते हुए चेक वापस ले लिया था। इसके बाद दो लाख की रकम के स्थान पर २ लाख ५१ हजार का चेक दिया गया। यह चेक २१ मई २०१० को भारतीय स्टेट बैंक का संघ को मिल चुका है। इस चेक को जमा करने की प्रक्रिया ही शेष है। सारी जानकारी होने के बाद भी श्री खान ने किसी र्दुभावनावश भिलाई में कुछ खेल संघों की बैठक करके डॉ. वर्मा पर दो लाख रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए खबर प्रकाशित करवा दी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद डॉ. वर्मा ने खबर का खंडन करते हुए श्री खान को तीन दिनों में माफी मांगने के लिए कहा था और चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्री खान के माफी न मांगने पर डॉ. वर्मा ने रायपुर के न्यायालय में श्री खान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया है। इस मुकदमे में न्यायालय ने श्री खान को २९ जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं।

राज्य फुटबॉल की तैयारी जोरों पर

राजधानी के सबसे पुराने फुटबॉल शेरा क्लब द्वारा आयोजित स्वर्गीय वीके चौबे स्मृति अंतर शालेय फुटबॉल स्पर्धा के आयोजन की जोरदार तैयारी चल रही है। इस स्पर्धा में राज्य की १२० टीमों को प्रवेश दिया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए शेरा क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि क्लब द्वारा पिछले साल से प्रारंभ की गई इस स्पर्धा का पहला साल जिला स्तर का था, लेकिन इस बार इसका आयोजन राज्य स्तर पर किया जा रहा है। इस बार भी अंडर १४, १७ और १९ साल के वर्ग में मुकाबले होंगे। हर वर्ग में ४०-४० टीमों को प्रवेश दिया जाएगा। बालिका वर्ग में ८ टीमों को रखा जाएगा। इनके बीच लीग मुकाबले होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के कई जिलों की स्कूली टीमों से संपर्क किया जा रहा है। कई टीमों ेने खेलने के लिए संपर्क किया है जिनको प्रवेश दिया जा रहा है।

मंगलवार, 20 जुलाई 2010

सतपाल से मिले जंप रोप खिलाड़ी

मेरठ में चल रहे भारतीय जंप रोप टीम के प्रशिक्षण शिविर के खिलाडिय़ों ने पद्मश्री और स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सतपाल सिंह से मुलाकात की। जंप रोप टीम में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ी शामिल हैं। टीम विश्व कप में खेलने जाएगी।
यह जानकारी देते हुए जंप रोप संघ के महासचिव अखिलेश दुबे ने बताया कि मेरठ में विश्व कप की तैयारी में जुटे टीम के खिलाडिय़ों ने सतपाल सिंह से मुलाकात की। उनको खिलाडिय़ों के प्रदर्शन के बारे में बताया गया। भारतीय टीम में कई खिलाड़ी स्कूलों के है। भारतीय टीम में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ी राजदीप सिंह हरगोत्रा, पूजा हरगोत्रा के साथ श्वेता कुर्रे शामिल हैं। इन खिलाडिय़ों को पद्मश्री सतपाल सिंह से मिलना अच्छा लगा। इन्होंने कहा कि उनको उम्मीद नहीं थी कि ऐसे महान खिलाड़ी से उनको मिलने का मौका मिलेगा। इन खिलाडिय़ों ने बताया कि सतपाल सिंह ने खिलाडिय़ों से अपने देश के लिए पदक जीतने के लिए मेहनत करने के लिए कहा।

महाविद्यालयीन क्रिकेट-एथलेटिक्स की मेजबानी रायपुर को

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले महाविद्यालयीन खेलों की राज्य स्पर्धा में क्रिकेट के साथ एथलेटिक्स की मेजबानी रायपुर को मिली है। राज्य स्पर्धाओं के साथ रायपुर सेक्टर के खेलों के आयोजन की तिथि और उसके मेजबान तय कर दिए गए हैं।
रायपुर सेक्टर के आयोजनों की तिथि और स्थान तय करने के लिए एक बैठक का आयोजन साइंस कॉलेज में किया गया था। इस बैठक में रायपुर सेक्टर के १२ खेलों की १६ स्पर्धाओं की तिथि तय की गई। इन खेलों में से जहां शतरंज और टेबल टेनिस के रायपुर सेक्टर की स्पर्धाएं हो चुकी हैं, वहीं अभी राज्य स्पर्धाएं बाकी हैं। शतरंज का आयोजन २१ जुलाई से स्वरूपानंद कॉलेज दुर्ग में होगा। टेबल टेनिस की राज्य स्पर्धा सीएमडी कॉलेज बिलासपुर में २५ जुलाई से होगी।
खो-खो पुरुष वर्ग रायपुर सेक्टर स्पर्धा २२ जुलाई से अभनपुर में, राज्य स्पर्धा में अभनपुर में २८ जुलाई। महिला खो-खो ३ से ५ अगस्त तक अभनपुर और राज्य स्पर्धा १० अगस्त से अंबागढ़ चौकी में। बैडमिंटन महिला और पुरुष ६ अगस्त से प्रगाति कॉलेज में राज्य स्पर्धा १७ अगस्त से महिला महाविद्यालय जगदलपुर में। फुटबॉल पुरुष २६ अगस्त से विप्र कॉलेज में, राज्य स्पर्धा ३ सितंबर से डोंगरगढ़ में। बास्केटबॉल (पुरुष) ६ सितंबर से दुर्गा कॉलेज, राज्य स्पर्धा १३ सितंबर से जांजगीर चांपा में। वालीबॉल (महिला) ८ सितंबर से डिग्री गल्र्स कॉलेज रायपुर में राज्य स्पर्धा १६ से १८ सितंबर भाईलाला महाविद्यालय भिलाई में। हैंडबॉल (पुरुष) २० सितंबर से राजिम में, राज्य स्पर्धा २३ सितंबर से मंशा कॉलेज दुर्ग में। हैंडबॉल (महिला) २२ सितंबर से डिग्री गल्र्स कॉलेज रायपुर में, राज्य स्पर्धा २६ सितंबर से बिलासपुर में।
बास्केटबॉल (महिला) २८ सिंतबर से दुर्गा कॉलेज रायपुर में, राज्य स्पर्धा ४ अक्टूबर से साइंस कॉलेज बिलासपुर में। कबड्डी (पुरुष) ७ अक्टूबर से भखारा (धमतरी) में राज्य स्पर्धा १२ अक्टूबर से बलौदाबाजार में। क्रिकेट (पुरुष) १९ अक्टूबर से विप्र कॉलेज रायपुर में राज्य स्पर्धा २८ अक्टूबर से विप कॉलेज रायपुर में। कबड्डी (महिला) १० नवंबर से नवीन कन्या महाविद्यालय रायपुर में राज्य स्पर्धा १४ नवंबर से सांई कॉलेज अम्बिकापुर में। एथलेटिक्स (महिला और पुरुष) १८ नवंबर से शंकर नगर कॉलेज रायपुर में राज्य स्पर्धा २२ नवंबर से साइंस कॉलेज रायपुर में। वालीबॉॅल १ दिसंबर से साइंस कॉलेज रायपुर में राज्य स्पर्धा ७ दिसंबर से पीजी कॉलेज चांपा में होगी।

गलत पूल के कारण हारी छत्तीसगढ़ फुटबॉल टीम

राष्ट्रीय जूनियर बालिका फुटबॉल में छत्तीसगढ़ की टीम को गलत पूल में होने के कारण हारा का सामना करना पड़ा और टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंचने से चूक गई। छत्तीसगढ़ के पूल में पिछले साल की उपविजेता टीम को रखा गया था जिसे जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान गलत बता रहे हैं।
चंडीगढ़ में खेली जा रही इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ को जिस पूल में रखा गया था उस पूल में पिछले साल की उपविजेता टीम मणिपुर के साथ दिल्ली की टीम थी। छत्तीसगढ़ की टीम ने दिल्ली को तो ३-० से मात देने में सफलता प्राप्त कर ली, लेकिन मणिपुर से छत्तीसगढ़ की टीम ०-७ से हार गई। मणिपुर की टीम जिस तरह से पिछले १० साल से खिताब जीतते रही है, उससे छत्तीसगढ़ की टीम और ज्यादा गोल से हारती अगर मणिपुर के खिलाफ रक्षात्मक खेलने की रणनीति का उसको प्रशिक्षण नहीं दिया गया होता। रायपुर में प्रशिक्षण के समय यह रणनीति बनाई गई थी कि मणिपुर की टीम को ड्रा पर रोकना है, लेकिन इसमें छत्तीसगढ़ को सफलता नहीं मिली।
इधर छत्तीसगढ़ की टीम को गलत पूल में रखने की बात कहते हुए फुटबॉल के कोच और जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान कहते हैं कि टीम को उस पूव में नहीं रखना था जिस पूल में पिछले साल की विजेता टीम थी, उन्होंने कहा कि पहले से जानकारी होने के बाद भी प्रदेश संघ ने इस मामले में आपति नहीं कि जिसके कारण टीम को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा समय रहते आपति करने पर पूल बदला जा सकता था।

विवेकानंद कॉलेज विजेता

परिक्षेत्र स्तरीय टेबल टेनिस में विवेकानंद कॉलेज ने खिताब पर कब्जा कर लिया। इसी के साथ राज्य स्पर्धा के लिए टीम घोषित कर दी गई है।
संस्कृत कॉलेज की मेजबानी में हुई इस स्पर्धा में जहां विवेकानंद कॉलेज की टीम विजेता बनी, वहीं प्रगति कॉलेज को फाइनल में मात खाने के कारण उपविेजोता का खिताब मिला। स्पर्धा में ट्रायल के बाद राज्य स्पर्धा के लिए पुरुष और महिला टीम बना ली गई है। पुरुष टीम में अंशुमन राय, आदित्य कुलकर्णी, स्वाप्निल राय, परमिंदर सिंह खुराना, दीपक पी. पौलुष। महिला वर्ग में शल्किी श्रीवास्तव, रीतिका जोशी, जशमीन मेस, दीपिका मुदलियार को रखा गया है। आयोजक संस्कृत कॉलेज के क्रीड़ा अधिकारी प्रमोद मेने ने बताया कि स्पर्धा का उद्घाटन प्राचार्य श्रीमती मुक्ति मिश्रा ने किया था। रूपेन्द्र चौहान मुख्य निर्णायक थे। राज्य स्पर्धा २५ जुलाई को सीएमडी कॉलेज बिलासपुर में होगी।

सोमवार, 19 जुलाई 2010

नजरें टॉप सात पर

कामनवेल्थ की संभावित नेटबॉल टीम में शामिल छत्तीसगढ़ की प्रीति बंछोर के साथ नेहा बजाज का कहना है कि अब उनका मकसद अंतिम १२ में शामिल होना नहीं बल्कि टॉप सात में आना है ताकि अपने देश के लिए कामनवेल्थ में हर मैच खेल सकें। इन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से उनको लगातार दो साल से ज्यादा समय से चल रहे प्रशिक्षण शिविर में मौका मिल रहा है उससे लगता है कि हम दोनों को जरूर अंतिम १२ की टीम में तो स्थान मिल ही जाएगा।
दिल्ली में चल रहे अंतिम प्रशिक्षण शिविर से कुछ दिनों का अवकाश लेकर अपने घर आई इन खिलाडिय़ों ने आज यहां पर नेताजी स्टेडियम में चर्चा करते हुए कहा कि उनको इस बात की उम्मीद थी कि उनका चयन अंतिम १७ की टीम में हो जाएगा। इसमें सफलता मिलने के बाद अब सबसे पहले अंतिम १२ में स्थान पाना प्राथमिकता है। इसी के साथ अब बचे हुए दिनों में अपने खेल में इतना निखार लाना है कि हमें पहली सात खिलाडिय़ों में स्थान मिल सके ताकि हम लोग हर मैच खेलने का मौका प्राप्त कर सके।
इन्होंने पूछने पर बताया कि कामनवेल्थ में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहेगा जरूर कहा जा सकता है। अब लगातार हमारी टीम में निखार आ रहा है। पहली बार पिछले माह दिल्ली में हुई एशियन यूथ स्पर्धा में भारत की टीम चौथे स्थान पर रही। ३० सालों के इतिहास में भारतीय टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची। सेमीफाइनल में हमारी टीम विजेता बनी मलेशिया की टीम से मात खा गई। तीसरे और चौथे स्थान के मैच में हमारी टीम को सिंगापुर से मात खानी पड़ी। इस स्पर्धा में खेलने वाली नेहा बजाज ने बताया कि उनको इस स्पर्धा में गोल अटैक, गोल शूटर के साथ गोलकीपर की भी भूमिका निभानी पड़ी। नेहा ने बताया कि वह अब तक चार बार अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारतीय टीम से खेली हैं। पहली बार उनको श्रीलंका में २००६ में तीन देशों की शृंखला में खेलने का मौका मिला। इसके बाद वह २००८ में हांगकांग में यूथ एशियन चैंपियनशिप और २००९ में मलेशिया में सीनियर चैंपियनशिप में खेली। और अब उनको पिछले माह दिल्ली में एशियन यूथ स्पर्धा में खेलने का मौका मिला।
प्रीति बंछोर ने बताया कि वह पहली बार २००४ में सिंगापुर में सीनियर स्पर्धा में खेलीं। इसके बाद २००६ में यूथ एशियन चैंपियनशिप भारत में हुई तो वह टीम की कप्तान थीं। इसी साल वह श्रीलंका में तीन देशों की शृंखला में खेली। पिछले साल जब भारत की संभावित कामनवेल्थ टीम आस्ट्रेलिया के दौरे पर गई तो इस दौरे में प्रीति भी गई थीं। अब भारतीय टीम जब कामनवेल्थ की तैयारी में जुटी हैं तो प्रीति के साथ नेहा को भरोसा है कि उनको अंतिम टीम में मौका जरूर मिलेगा। इसके लिए दोनों मेहनत करने की बात करती हैं।

रविवार, 18 जुलाई 2010

खिलाडिय़ों ने भी लगाए पौधे


हरियर छत्तीसगढ़ -हरियर नया रायपुर के लिए नई राजधानी में पौधे लगाने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग की पहल पर राजधानी के सभी खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ खिलाड़ी बड़ी संख्या में पहुंचे और वहां पर गाजे-बाजे के साथ जोरदार रैली निकालकर आयोजन स्थल पर गए।
नई राजधानी में जैसे ही दो बसों के साथ कई वाहनों में भरकर जैसे ही खिलाड़ी और खेल संघों के पदाधिकारी पहुंचे वहां एक एक अलग ही माहौल नजर आने लगा। यह सब इसलिए हुआ कि खिलाडिय़ों ने वहां पहुंचते हुए गाजे-बाजे साथ एक रैली निकाली और आयोजन स्थल की त्रप रवाना हुए। जैसे ही ढोल बजने प्रारंभ हुए सबकी नजरें उसी तरफ चली गई। अलग-अलग ट्रेक शूट में खिलाड़ी नजर आ रहे ते जिससे सबको मालूम हो गया कि खिलाडिय़ों की टोली आई है।
खिलाडिय़ों ने आयोजन स्थल में एक अलग तरह का ही शमा बांध दिया। कार्यक्रम के अंत में खेल विभाग कके अधिकारियों के साथ सभी खिलाडिय़ों ने अपने खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ पौध लगाए। खेल विभाग, खेल संघों के पदाधिकारियों में और खिलाडिय़ो में प्रमुख से रूप से उपसंचालक ओपी शर्मा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, प्रदेश ओलंपिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा, नेटबॉल की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नेहा बजाज, प्रीति बंछोर, संघ के सचिव संजय शर्मा, कोच सुधीर वर्मा, वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान, टेबल टेनिस संघ के अमिताभ शुक्ला, विनय बैसवाड़े, विजय बैसवाड़े, सुरभि सौरभ मोदी, कबड्डी संघ के रामबिसाल साहू, जंप रोप संघ के अखिलेश दुबे, साफ्ट टेनिस संघ के प्रमोद सिंह ठाकुर, कुश्ती संघ के बाबूलाल, कैरम संघ के विजय कुमार. ट्रायथलान संघ के विष्ण्ु श्रीवास्तव, पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी नीता डुमरे, शेरा क्लब के मुश्ताक अली प्रधान. एनआईएस कोच गजेन्द्र पांडे, निंगराज रेड्डी, छत्तीसगढ़ खेल पत्रकार संघ के राजकुमार ग्वालानी सहित कई खेलों के बालक और बालिका खिलाडिय़ों ने पौधे लगाए। पौधे लगाते समय जब ङामाङाम बारिश होने लगी तो ढोल की धुन पर खिलाडिय़ों के साथ खेल संघों के कई पदाधिकारी भी नाचने लगे।


शनिवार, 17 जुलाई 2010

अनिल वर्मा ही अध्यक्ष

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के अध्यक्ष तो डॉ. अनिल वर्मा ही हैं। खेल विभाग को संघ ने अब तक किसी भी तरह से बदलाव की जानकारी नहीं दी है और न ही कोई चुनाव हुए हैं तो ऐसे में किसी और को अध्यक्ष कैसे माना जा सकता है।
यह कहना है खेल सचिव सुब्रत साहू का। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे विभाग के पास अब तक ओलंपिक संघ ने इस बात की कोई सूचना और जानकारी नहीं दी है कि संघ में किसी तरह का बदलाव किया गया है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि ओलंपिक संघ में लंबे समय से अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा और सचिव बशीर अहमद खान के बीच चल रहे विवाद के चलते भिलाई में पहले संघ की बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अध्यक्ष बनाने की बात की गई, लेकिन मुख्यमंत्री से सहमति न मिलने के बाद अचानक एक विशेष बैठक का आयोजन करके डॉ. अनिल वर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर उनको हटा दिया गया। इसी के साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है। इधर इस बैठक के बारे में जानकारी होने पर संघ के सहसचिव शरद शुक्ला की अपील पर छत्तीसगढ़ फम्र्स रजिस्टार सोसायटी ने इस बैठक को अवैध घोषित कर दिया था। फम्र्स सोसायटी के पंजीयक अब तक इस बैठक को अवैध ही मान रहे हैं। वैसे उन्होंने एक बात यह भी कही है कि बैठक के बारे में ओलंपिक संघ ने अपना पक्ष रख दिया है, इसका परीक्षण करवाया जा रहा है। परीक्षण के बाद फैसला न्यायालय में होगा।
ओलंपिक संघ ने अपनी बैठक को मान्य मानते हुए अध्यक्ष को हटाने का काम तो कर दिया, लेकिन इसकी किसी भी तरह की सूचना खेल विभाग को नहीं दी गई है। खेल विभाग से ओलंपिक संघ मान्यता प्राप्त है ऐसे में किसी भी तरह के बदलाव की उसको सूचना देनी चाहिए, ऐसा खेल विभाग के आला अधिकारी कहते हैं। सूचना न देने के कारण और बैठक के अवैध घोषित होने की वजह से खेल विभाग के साथ प्रदेश सरकार भी डॉ. अनिल वर्मा को ही अध्यक्ष मानती है।
इस मामले में संघ के सचिव बशीर अहमद खान का कहना है कि बैठक के बारे में फम्र्स सोसायटी को १४ दिनों के अंदर सूचना देनी रहती है ऐसे में उसे सूचना दे दी गई है। इसी के साथ संघ में बदलाव की जानकारी भारतीय ओलंपिक संघ को भी भेज दी गई है। खेल विभाग को सूचना देना औपचारिकता मात्र है। उसको भी सूचना भिजवा रहे हैं।

७० लाख का बजट कहां खर्च होगा?

बैटन रिले के लिए प्रदेश के खेल विभाग से सरकार से ७० लाख का बजट मांगा है। इतना बजट होने के बाद भी जिस तरह से राजधानी में खेल संघों से बैठकों में अपने-अपने पाइंट में मंच बनाने के लिए कहा जा रहा है, उससे खेल संघों में नाराजगी देखी जा रही है। कई खेल संघों के पदाधिकारी एक ही सवाल कर रहे हैं कि जब ७० लाख का बजट मांगा गया है तो फिर खेल संघों से मंच बनाने क्यों कहा जा रहा है। खेल संघों की बैठक में नेटबॉल संघ के संजय शर्मा ने यह सवाल भी उठाया कि खेल विभाग इस बात को साफ करें कि पाइंट में मंच बनाने और बैनर और पोस्टर बनाने का जो काम संघों को दिया गया है उसका खर्च कौन करेगा। इस मामले में खेल विभाग कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रहा है। खेल संचालक जीपी सिंह का इस बारे में कहना है कि यह देखा जाएगा कि इस मामले में क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जहां पर लगेगा कि खेल विभाग को खर्च करना चाहिए, वहां पर खेल विभाग जरूर खर्च करेगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि ७० लाख का बजट अगर सरकार से मांगा गया है तो इसका यह मतलब नहीं है कि इसको पूरा खर्च करना है। हो सकता है कि आयोजन में २० लाख का ही खर्च हो। एक योजना बनाई गई है जिसमें ७० लाख का खर्च अनुमानित है उसी को सरकार के पास भेजा गया है, वैसे इसके लिए ७० लाख की मंजूरी मिल गई है ऐसा नहीं है। उन्होंने पूछने पर बताया कि बैटन के मार्ग में जो तीन बड़े मंच बनाए जा रहे हैं उसका खर्च बैटन रिले के प्रायोजक हीरो होंडा को करना है। इन्ही सब बातों को लेकर ही खेल संघ लगातार सवाल कर रहे हैं कि आखिर ७० लाख के बजट को कहां खर्च किया जाएगा।

८० धावकों को मिलेगा मौका

राजधानी रायपुर में होने वाली बैटन रिले के लिए अब धावकों का कोटा ५० से बढ़कर ८० हो गया है। इतने धावकों के लिए कामनवेल्थ समिति से टी-शर्ट और लोवर भी आ गए हैं। पूर्व में १३० धावकों के लिए ड्रेस आनी थी, लेकिन अब १७० ड्रेस भेजी गई है। इसी के साथ वालेंटियर और अधिकारियों के लिए भी ज्यादा टी-शर्ट भेजी गई है। यह सब छत्तीसगढ़ में रिले को ऐेतिहासिक बनाने की तैयारियों की जानकारी होने के कारण संभव हो सका है।
बैटन रिले में बैटन थामने को लेकर लंबे समय से गहमागहमी का माहौल है। इसके लिए पूर्व में जिले के खेल विभाग ने जो सूची तैयार की थी, वह सूची तो अब काम की नहीं रह गई हैं क्योंकि इस सूची में २०० से ज्यादा धावकों को दावेदारों में शामिल किया गया था। इस सूची की अहमियत उस समय समाप्त हो गई थी जब यह बात सामने आई कि रायपुर के लिए तो कामनवेल्थ समिति ने महज ५० धावकों के लिए सहमति जताई है। इस जानकारी के बाद राज्य समिति की यहां पर जो २८ जून को खेलमंत्री लता उसेंडी की अध्यक्षता में बैठक हुई उसमें यह तय किया गया कि एक खेल से एक ही पात्र खिलाड़ी को लिया जाएगा। ऐसे में सभी खेल संघों को अपने अपने खेल से एक अंतरराष्ट्रीय या फिर पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी का नाम भेजने के लिए कहा गया। इसी बैठक में यह तय किया गया था कि ५० के कोटे में ३० धावकों खिलाडिय़ों और खेल संघों में से होंगे, बाकी वीआईपी और अन्य रखे जाएंगे।
इधर दिल्ली में कामनवेल्थ समिति की बैठक में जब सभी राज्यों को बुलाया गया तो इसी बैठक में यह बात सामने आई कि सबसे तेजी के साथ और अच्छे तरीके से अगर किसी राज्य में बैटन रिले की तैयारी चल रही है तो वह राज्य छत्तीसगढ़ है। इसी बैठक में धावकों के लिए तय प्रतिशत को भी ओलंपिक संघ ने किनारे करते हुए यह कह दिया कि छत्तीसगढ़ में ओलंपिक संघ और सरकार के बीच में बहुत अच्छा तालमेल है ऐसे में सरकार ही तय करेगी कि बैटन धावक कौन होंगे। बैठक में सरकार के लिए ६० और ओलंपिक संघ के लिए ४० प्रतिशत का कोटा तय किया गया था। छत्तीसगढ़ में कोटे को लेकर एक बार फिर से आयोजन समिति के सामने मांग रखी गई थी कि छत्तीसगढ़ के कोटे में इजाफा किया जाए क्योंकि राज्य में बहुत ज्यादा अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के साथ पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी हैं। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि रायपुर के रिले के लिए ७१ पुरस्कार प्राप्त और अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के साथ २४ पात्र खिलाड़ी दूसरे जिलों के दावेदारों की सूची में शामिल हैं। अब इतने दावेदारों में से ३० खिलाडिय़ों का चयन करना खेल संघों के साथ खेल विभाग के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे समय में जबकि खेल संघ और खेल विभाग में परेशानी में हैं तो इनके लिए यह खबर राहत देने वाली है कि कामनवेल्थ समिति से छत्तीसगढ़ के कोटे में ४० धावकों का इजाफा करते हुए १७० का कोटा न सिर्फ मंजूर किया है, बल्कि इनके लिए ड्रेस भी खेल विभाग में भेज दी है।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि धावकों के लिए टी-शर्ट के साथ लोवर आ गए हैं जिसकी संख्या १७० है। इस संख्या में ८० का कोटा रायपुर के लिए ६० दुर्ग-भिलाई और ३० राजनांदगांव के लिए है। उन्होंने बताया कि रायपुर के कोटे में जहां ३० धावकों का इजाफा हुआ है, वहीं राजनांदगांव के लिए भी १० धावकों का कोटा बढ़ा है। पूर्व में वहां के लिए २० धावकों की संख्या तय की गई है। एक तरफ जहां धावकों का कोटा बढ़ा है, वहीं वालेंटियर और अधिकारियों के लिए आई टी-शर्ट में भी इजाफा हुआ है। पूर्व में दोनों के लिए १००-१०० का कोटा तय था, लेकिन अब वालेंटियरों के लिए १४० और अधिकारियों के लिए १४५ टी-शर्ट आई हैं। इसके अलावा १५० टोपियां और १०० बैनर भी आए हैं।

शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी जिले के ट्रायल में

रायपुर जिले की बालिका फुटबॉल टीम के चयन ट्रायल में जहां दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ट्रायल दे रही हैं, वहीं एक ऐसी खिलाड़ी हैं जो भारत की संभावित टीम में रही हैं।
सप्रे स्कूल में रायपुर की जूनियर बालिका टीम का चयन करने के लिए ट्रायल चल रहा है। इस ट्रायल में रायपुर की ६० से ज्यादा खिलाड़ी टीम में स्थान पाने के लिए मशक्कत कर रही हैं। इन खिलाडिय़ों में भारतीय टीम से श्रीलंका में खेली निकिता स्विसपन्ना के साथ सुप्रिया कुकरेती भी शामिल हैं। इन खिलाडिय़ों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के बाद भी जिले की टीम में स्थान पाने के लिए ट्रायल देनी आई हैं। दोनों खिलाड़ी कहती हैं कि जिले की टीम में ट्रायल देने आने में क्या बुराई है। इनका कहना है कि हमारा खेल अच्छा था तो हमें भारतीय टीम में स्थान मिला, अब अगर हमारा खेल अच्छा कायम रहेगा तभी तो आगे जिले की टीम में स्थान मिलेगा और फिर राज्य की टीम में स्थान बनाने में सफल होंगे। इन खिलाडिय़ों के अलावा एक और खिलाड़ी वंदना ध्रुव भी ट्रायल में शामिल हैं। वंदना भारत की संभावित टीम में पिछले साल शामिल थीं। उस साल टीम बाहर खेलने नहीं जा सकी अन्यथा वंदना का चयन जरूर भारतीय टीम में हो जाता ऐसा उनकी कोच सरिता कुजूर का कहना है। इधर जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान कहते हैं कि हमारे संघ में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और नए खिलाड़ी सब बराबर है। अगर जिले की टीम में स्थान पाना है तो ट्रायल तो देना ही पड़ेगा किसी को भी सीधे टीम में नहीं रखा जाता है।

बैठक वैध या अवैध फैसला न्यायलय में

प्रदेश ओलंपिक संघ की जिस बैठक में अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा को अविश्वास प्रस्ताव के साथ हटाया गया था उस बैठक के वैध या अवैध होने का फैसला छत्तीसगढ़ फम्र्स रजिस्टार सोसायटी के न्यायलय में होगा। एक तरफ जहां इस बैठक को संघ के सहसचिव शरद शुक्ला की अपील पर अवैध करार दिया गया था, वहीं संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बैठक को वैध बताते हुए अपना पक्ष पंजीयक के सामने रख दिया है।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक में पिछले एक माह से भारी घमासन चल रहा है। संघ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा एवं महासचिव बशीर अहमद खान में चल रही अनबन के बीच डॉ. वर्मा को हटाने के लिए एक विशेष बैठक का आयोजन पिछले माह १७ जून को भिलाई में किया गया था। बैठक की सूचना खेल संघों को नियमानुसार १५ दिन पहले न देने की बात कहते हुए ओलंपिक संघ के सहसचिव शरद शुक्ला की अपील पर बैठक को फम्र्स रजिस्टार सोसायटी ने अवैध घोषित कर दिया था। बैठक के अवैध घोषित होने के बाद बैठक का आयोजन करके डॉ. वर्मा को हटा दिया गया और चुनाव होने तक वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है। बैठक को वैध बताते हुए फम्र्स सोसायटी को संघ ने जवाब भी भेज दिया है।
पंजीयक संजीव बख्शी का इस मामले में कहना है कि बैठक को अवैध करार दिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ का जवाब आया है। उन्होंने कहा कि जवाब का परीक्षण करवाने के बाद ही न्यायलय में यह तय होगा कि वह बैठक वैध थी या अवैध। वर्तमान में तो हम बैठक को अवैध ही मान रहे हैं।
बैठक अवैध मानी तो हाईकोर्ट जाएंगे
संघ महासचिव बशीर अहमद खान का कहना है कि बैठक को हमारा पक्ष रखे जाने के बाद भी अगर अवैध घोषित किया जाता है तो इस मामले में संघ होई कोर्ट जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने अपने संघ के संविधान के मुताबिक ही १० स के तहत बैठक की जिसकी सूचना ८ दिन पहले सभी को भेजी गई थी। १० अ के तहत सामान्य सभा की बैठक की सूचना १५ दिन पहले देनी पड़ती है न कि विशेष बैठक की।
अध्यक्ष को पद सौंप दूंगा
कार्यकारी अध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा का कहना है कि संघ का अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बनाया जाता या उनके किसी प्रतिनिधि को तो वे उनको अध्यक्ष का पद सौंप देंगे। उनका कहना है कि मैं तो कार्यकारी हूं तब तक जब तक कोई अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है।
बैठक तो अवैध थी
डॉ. अनिल वर्मा का इस मामले में कहना है कि जब बैठक को पंजीयक ने अवैध घोषित कर दिया था तो उस बैठक में किए गया फैसला कैसे वैध हो सकता है।

गुरुवार, 15 जुलाई 2010

बैटन थामने का सवाल अब मचेगा बवाल

राजधानी रायपुर में आयोजित बैटन रिले में बैटन थामने के लिए बवाल मचने की पूरी संभावना है। रायपुर में खिलाडिय़ों के लिए ३० का कोटा तय है जबकि यहां पर रायपुर के ७१ पात्र खिलाडिय़ों के साथ बाहर से २४ पात्र खिलाडिय़ों की सूची तैयार की गई थी। अब इस सूची को हटाकर दूसरी सूची तैयार करने का काम किया जा रहा है। इस बार सूची बनाने का जिम्मा खेल संघों को दिया गया है। खेल संघ अपनी तरफ से नाम तो भेज रहे हैं कि लेकिन उनमें भी इस बात को लेकर भय है जिसका नाम वे नहीं भेंजेगे वही खिलाड़ी नाराज होंगे।
कामनवेल्थ बैटन रिले के लिए रायपुर के लिए कामनवेल्थ समिति ने ५० धावकों का कोटा तय किया है। इस कोटे के तय होने से पहले ही रायपुर में जो तैयार की गई थी उसमें २०० से ज्यादा धावकों के नाम तय किए गए थे। लेकिन अब सूची को भले किनारे कर दिया गया है लेकिन इस सूची पर गौर किया जाए तो इस सूची में रायपुर के ही ७१ खिलाड़ी पात्र है। इन खिलाडिय़ों में राज्य से शहीद राजीव पांडे पुरस्कार प्राप्त २४, शहीद कौशल यादव पुरस्कार प्राप्त १८, हनुमान सिंह पुरस्कार वाले ३, पंकज विक्रम पुरस्कार वाले ५, खेल विभूति सम्मान वाले ८, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त दो खिलाड़ी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले १४ और विक्रम पुरस्कार प्राप्त दो खिलाड़ी शामिल हैं।
रायपुर के रिले के लिए बाहर के जिलों से जिन खिलाडिय़ों का चयन किया गया है उनकी संख्या २४ हैं। कुल मिलाकर ९५ खिलाड़ी पात्र हैं। अब इन खिलाडिय़ों में से जिनको मौका नहीं मिलेगा उनका नाराज होना स्वाभाविक है। इधर खेल संघ भी परेशानी में है कि वे किसका नाम भेजे और किसका छोड़े। ऐसे में कई खेल संघों ने एक नाम के स्थान पर ज्यादा नाम भेज दिए हैं। अब खेल विभाग ही तय करेगा कि कौन धावक बैटन पकड़ेगा।

रिले मार्ग ८ जोन में बांटा गया

बैटन रिले के लिए तय मार्ग को आज बैठक में आठ जोन में बांटने के साथ इन जोनों के लिए कॉलेजों के क्रीड़ा अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है। नेताजी स्टेडियम में के मुख्यालय में हुई बैठक में पहले जोन के लिए डॉ. अतुल शुक्ला, अनिल दीवान, प्रेमशंकर, दूसरे के लिए विपिन शर्मा, बीएस चंदेल, आशा बेलसरे, तीसरे के लिए रूपेन्द्र सिंह चौहान, प्यारेलाल साहू, असीम कादरी, चौथे के लिए प्रमोद मेने, विजय शर्मा, रेबेका बेन, पांचवें के लिए रामानंद यदु, एयाज अहमद, छटे के लिए सेवराम साहू, राजेश जंघेल, सातवें के लिए आलोक दुबे, रिंकू तिवारी और आठवें के लिए विष्णु श्रीवास्तव, ममता साहू और कुलदीप दुबे को प्रभारी बनाया गया है। राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया इन प्रभारियों को खेल संघों और स्कूलों के साथ तालमेल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। ये सभी प्रभारी पाइंटों का निरीक्षण करेंगे और कमी होगी तो उसकी जानकारी देंगे।

बैटन रिले का समापन सप्रे में

राजधानी रायपुर में होने वाली बैटन रिले के समापन का स्थान बदलकर अब सप्रे स्कूल कर दिया गया है। खेल विभाग ने यह फैसला आउटडोर स्टेडियम के मैदान को देखते हुए लिया है कि वह खराब न हो। इधर आज बैटन रिले के मुख्यालय में हुई बैठक में खेल संघों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई।
रायपुर में १२ अगस्त को होने वाली बैटन रिले के लिए पूर्व में स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम को समापन के लिए चुना गया था। इसी के साथ बैटन को सदर बजार से होकर वहां तक पहुंचना था। लेकिन खेलमंत्री लता उसेंडी द्वारा बैटन रिले के मार्ग का निरीक्षण करने के बाद जहां सदर बाजार को मार्ग से अलग कर दिया गया है, वहीं अब सप्रे स्कूल को समापन स्थल बनाया गया है।
इधर आज बैटन रिले के नेताजी स्टेडियम में स्थित मुख्यालय में हुई बैठक में खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ एडीएम डोमन सिंह के साथ वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने चर्चा करके उनको जानकारी दी कि उनको किस पाइंट पर रहना है। बैठक में करीब तीन दर्जन से ज्यादा खेल संघों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में प्रदेश ओलंपिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा ने सुङााव दिया कि रिले में पाइंटों पर राजधानी के खेल क्लबों के साथ सामाजिक और व्यापारिक संस्थाओं को रखा जाए। इस पर श्री डेकाटे ने बताया कि इस संबध में राज्य समिति की बैठक में फैसला किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तो २५ पाइंट तय किए गए हैं लेकिन ३० जुलई को होने वाली रिहर्सल से पहले इतने ही पाइंट और तय कर दिए जाएंगे। बैटन धावकों की संख्या जितनी होगी उतने पाइंट होंगे। रायपुर के लिए ५० धावकों का कोटा मिला है। पाइंट बढऩे के बाद जिस पाइंटों में खेल संघों, पीटीआई के साथ स्कूलों बच्चों को रखना है उनका बटवारा कर दिया जाएगा।
१७ को खेलगांव में वृक्षारोपण
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह १७ जुलाई को नई राजधानी में वृक्षारोपण का कार्यक्रम कर रहे हैं। ऐसे में जहां पर राष्ट्रीय खेलों के लिए खेल गांव बनाया जाने वाला है, वहां वृक्षारोपण करने का जिम्मा खेल विभाग के माध्यम से खेल संघों को दिया गया है। इस दिन सुबह १० बजे सभी खेल संघों के पदाधिकारियों से वृक्षारोपण करने आने की अपील की गई है।

पदक जीतकर ही लौंटे

विश्व जंप रोप में खेलने जा रहे छत्तीसगढ़ के तीन खिलाडिय़ों राजदीप सिंग हरगोत्रा, पूजा हरगोत्रा के साथ श्वेता कुर्रे से खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि वे जरूर वहां से अपने देश और राज्य के लिए पदक लेकर लौंटे। विश्व जंप में जाने से पहले मेरठ में लगने वाले प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने जाने से पहले इन खिलाडिय़ों ने खेलमंत्री से मुलाकात करके उनको अपनी तैयारियों के बारे में जब जानकारी दी तो खेलमंत्री ने इनकी तैयारियों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनको भी यह उम्मीद है कि हमारे राज्य के ये खिलाड़ी जरूर विश्व कप में छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने इनका प्रदर्शन यहां पर विश्व रिकॉर्ड २४ घंटे में ३६ सिटी माल में देखा है, वास्तव में अपने राज्य के खिलाडिय़ों में बहुत दम है। उन्होंने खिलाडिय़ो से कहा कि वे शिविर में खूब मेहनत करें ताकि पदक मिल सके।

बुधवार, 14 जुलाई 2010

पदक जीतने जा रहे हैं

विश्व जंप रोप में खेलने जा रहे छत्तीसगढ़ के तीन खिलाडिय़ों राजदीप सिंग हरगोत्रा, पूजा हरगोत्रा के साथ श्वेता कुर्रे का एक स्वर में कहना है कि हम लोग अपने राज्य और देश के लिए पदक जीतने ही जा रहे हैं। हमें भरोसा है कि हम लोग पदक लेकर ही आएंगे।
ये बातें यहां चर्चा करते हुए इन तीनों खिलाडिय़ों ने कहीं। इन्होंने बताया कि इनको विश्व कप में सात मुकाबलों में भाग लेना है और इन मुकाबलों में से किसी ने किसी में पदक जरूर हाथ लगेगा। पांच राष्ट्रीय स्पर्धा में ३२ पदक जीत चुके राजदीप सिंग का कहना है कि उन्होंने विश्व कप के लिए खासकर ३० सेंकेड के मुकाबले में जोरदार तैयारी की है। राजदीप बताते हैं कि विश्व रिकॉर्ड ९८ का और वे अब तक ९१ जंप करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में जरूर वे इसको ९५ तक पहुंचा लेंगे। अगर ऐसा हो गया तो पदक जरूर मिल जाएगा। इसके अलावा उन्होंने दूसरे मुकाबलों में भी पदक की उम्मीद है।
पूजा हरगोत्रा पूछने पर बताती है कि वह अब तक तीन राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अलग-अलग मुकाबलों में १८ पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उनको विश्व कप में सात मुकाबलों में खेलने का मौका मिलेगा। पूजा को टीम मुकाबलों पदक की उम्मीद है। पूजा बताती हैं कि उन्होंने भी ३० सेंकेड वर्ग के लिए भी तैयारी की है। तीसरी खिलाड़ी श्वेता कुर्रे ने पांच राष्ट्रीय स्पर्धा में २८ पदक जीते हैं। श्वेता कहती हैं कि उनको फ्री स्टाइल वर्ग में पदक की उम्मीद है। इन्होंने बताया कि भारतीय टीम में शामिल १२ खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण शिविर १४ जुलाई से मेरठ में लग रहा है। वहीं से टीम २५ जुलाई को यूके के लिए रवाना होगी।
खेलने कर्ज लेना पड़ा
छत्तीसगढ़ के इन खिलाडिय़ों को खेल से कितना प्यार है इसका सबूत इस बात से भी मिलता है कि इन्होंने खेलने जाने के लिए जहां कर्ज लिया है, वहीं अपने बीमे के पैसे भी निकाल लिए हैं। राजदीप बताते हैं कि उन्होंने अपने पढ़ाई के बीमे से ३० हजार लेने के साथ ५० हजार का कर्ज लिया। इधर प्रदेश जंप रोप संघ ने भी एक लाख बीस हजार का कर्ज लिया है। पूजा ने भी जहां अपने बीमे से ३० हजार का कर्ज लिया है, वहीं श्वेता को ुुउनकी मम्मी ने ३० हजार रुपए का इतंजाम करके दिया है। एक खिलाड़ी के लिए एक लाख चालीस हजार का खर्च लग रहा है।

पदकों पर ध्यान दें: लता

छत्तीसगढ़ को ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी के लिए अब सबसे पहला लक्ष्य अपनी मेजबानी में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने का होना चाहिए। इसी के साथ कामनवेल्थ की बैटन छत्तीसगढ़ में आए तो सभी खिलाडिय़ों को इस मौके का फायदा उठाते हुए इसमें शामिल होना चाहिए। ऐसा मौका जिंदगी में खिलाड़ी को एक बार ही मिलता है।
ये बातें यहां पर प्रदेश की खेलमंत्री लता उसेंडी ने फुटबॉल खिलाडिय़ों को सम्मानित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह राज्य के एक सुखद बात है कि यहां पर कम सुविधाएं होने के बाद भी हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ को ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है तो छत्तीसगढ़ के हर खेल के खिलाड़ी को यह प्रयास अभी से करना चाहिए कि वह अपने राज्य के लिए पदक जीत सके। अगर सभी खिलाड़ी इस दिशा में ध्यान देंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि छत्तीसगढ़ को अपनी मेजबानी में ंज्यादा पदक मिलेंगे। खेलमंत्री ने कामनवेल्थ की बैटन का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है कि बैटन का यहां पर ११ अगस्त आगमन हो रहा है। इसके बाद अगले दिन यहां पर बैटन रिले का आयोजन होगा। यह आयोजन ऐसा है जिसमें शामिल होने के लिए हर खिलाड़ी को आना चाहिए। एक तो पहली बार भारत में कामनवेल्थ खेल हो रहे हैं। इसके बाद कभी आगे ऐसा मौका मिलेगा या नहीं कहा नहीं जा सकता है।
खेलमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार खेलों में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अपने वादे के मुताबिक उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को नौकरी देने का काम प्रारंभ कर दिया है, जल्द ही खिलाडिय़ों को नौकरी मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में खेलमंत्री ने शेरा क्लब के प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए २५० खिलाडिय़ों में से ९५ खिलाडिय़ों का पुरस्कार देकर सम्मान किया। क्लब के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि खिलाडिय़ों से शिविर में जहां कोई शुल्क नहीं दिया गया, वहीं प्रतिभाशाली २५ खिलाडिय़ों को पुरस्कार के रूप में स्कूल ड्रेस दी गई। इस अवसर पर जिला फुटबॉल संघ के दिवाकर थिटे के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

मंगलवार, 13 जुलाई 2010

बस एक मैदान चाहिए खेलने के लिए..

आदिवासी क्षेत्र कांकेर के खेल परिसर में रहकर पढऩे वाली फुटबॉल खिलाडिय़ों को इस बात का मलाल है कि उनके परिसर में फुटबॉल की दो दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी रहने के बाद भी कोई मैदान नहीं है। इस परिसर की तीन खिलाड़ी राज्य की संभावित टीम में शामिल हैं। इधर जशपुर की खिलाडिय़ों को मैदान तो नसीब है, पर उनको खेल के गुर बताने वाला कोई अच्छा कोच नहीं है।
सप्रे स्कूल के मैदान में इन दिनों राज्य की अंडर १९ बालिका टीम का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। इस शिविर में शामिल कांकेर के खेल परिसर की खिलाड़ी बाम्लेर कोमरा जो तीन बार राष्ट्रीय स्पर्धा में खेल चुकी हैं। खिलेश्वरी नेताम और सुनीता राना ये दोनों खिलाड़ी भी दो बार राष्ट्रीय स्पर्धा में खेल चुकी हैं। ये तीनों खिलाड़ी एक बार फिर से प्रदेश की टीम से खेलने के लिए तैयार हैं। इन्होंने पूछने पर बताया कि वे कांकेर के ग्रामीण क्षेत्र से आई हैं और खेल परिसर में खेल के साथ पढ़ाई कर रही है। एक सवाल के जवाब में इन खिलाडिय़ों ने काफी ङिाङाक और डर के साथ बताया कि उनके खेल परिसर में फुटबॉल की ३० खिलाड़ी हैं, लेकिन सबसे अफसोसजनक यह है कि वहां पर फुटबॉल का मैदान ही नहीं है। यही नहीं इनको बिना गोल पोस्ट के अभ्यास भी करना पड़ता है। इन्होंने पूछने पर बताया कि फुटबॉल खिलाडिय़ों को राजेन्द्र ठाकुर प्रशिक्षण देते हैं। वहां सुबह के समय ६ से ८ और शाम को ५ से ७ बजे तक अभ्यास होता है। इनका कहना है कि अगर परिसर में या फिर कांकेर में कहीं भी फुटबॉल का एक मैदान हो जाए तो वहां से बहुत खिलाड़ी निकल सकती हैं।
इघर जशपुर से आईं प्रांशु प्रिया के साथ तनुजा कुजूर कहती हैं कि उनके यहां मैदान तो है, पर बालिका फुटबॉल खिलाडिय़ों के लिए महिला कोच होनी चाहिए। दोनों खिलाड़ी कुनकुरी की हैं। इनका कहना है कि उनके गांव में खिलाडिय़ों की भरमार है, वहां पर एक साई का हास्टल होना चाहिए।
गांवों में हो कोचिंग की सुविधा
फुटबॉल की एनआईएस कोच सरिता कुजूर का कहना है कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि कांकेर और जशपुर की खिलाड़ी बहुत अच्छी हैं। वास्तव में सही प्रतिभाएं गांवों में होती हैं। गांवों में ज्यादा से ज्यादा कोचिंग की सुविधा होनी चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्र में राज्य अकादमी हो
फुटबॉल का पिछले चार दशक से प्रशिक्षण देने वाले मुश्ताक अली प्रधान का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों खासकर जशपुर और बस्तर में राज्य सरकार को राज्य अकादमी खोलनी चाहिए। कम से कम पांच-पांच खेलों का चयन करके अगर आदिवासी क्षेत्रों में अकादमी बना दी जाए तो वहां से हर खेल के खिलाड़ी निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुनकुरी वास्तव में खिलाडिय़ों की खान है, वहां पर तो सरकार को एक अकादमी बनानी ही चाहिए।

प्रदेश की बालिका टीम तय

राष्ट्रीय जूनियर बालिका फुटबॉल में खेलने जाने वाले प्रदेश की टीम तय कर दी गई है। २० सदस्यों वाली यह टीम यहां से १२ जुलाई को चंडीगढ़ के लिए रवाना होगी। वहां पर १५ जुलाई से स्पर्धा प्रारंभ होगी। अभी टीम का यहां पर प्रशिक्षण शिविर चल रहा है।
यह जानकारी देते हुए जिला फुटबॉल संघ के दिवाकर थिटे के साथ मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि चंडीगढ़ में होने वाली स्पर्धा के लिए प्रदेश की टीम को तैयार करने का काम यहां पर २५ जून से चल रहा है। इस टीम को प्रशिक्षण देने का काम एनआईएस कोच सरिता कुजूर कर रही है। प्रशिक्षण शिविर के लिए २५ खिलाडिय़ों का चयन किया गया था जिसमें से दो खिलाड़ी नहीं आ पाई थी। २३ खिलाडिय़ों में से तीन खिलाडिय़ों को टीम में स्थान नहीं मिल सका है, बाकी २० खिलाड़ी टीम के लिए चुनी गई हैं। टीम इस प्रकार है- कल्याणी महापात्र, दिव्या दीप, सुमन वर्मा, ज्योति पांडे, दीक्षा वर्मा, प्रतिभा चन्द्राकर, जागेश्वरी यादव, सरिता यादव, शालिनी यादव, पूनम दीप, देवयंती निषाद, नेहा निषाद, (सभी रायपुर), बाम्लेश , खिलेश्वरी नेताम (कांकेर), सुमन राज (कोरबा), प्रांशु प्रिया, तनुजा कुजूर (जशपुर), सरिता शिंदेस अर्चना और पूजा सिंह (दुर्ग)। टीम की कोच सरिता कुजूर और मैनेजर शीरिष यादव हैं।

सोमवार, 12 जुलाई 2010

एनजीओसी में होंगे सभी खेल संघ

छत्तीसगढ़ में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों के लिए राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति बनाने का प्रस्ताव खेल मंत्रालय को भेज दिया गया है। इस समिति में भारतीय ओलंपिक संघ के साथ प्रदेश ओलंपिक संघ के ज्यादा से पदाधिकारियों और हर खेल संघ के पदाधिकारियों को रखा जाएगा। यह राष्ट्रीय ख्रेलों की तैयारी की दिशा में दूसरा बड़ा अहम कदम होगा। इसके पहले राष्ट्रीय खेल सचिवालय का पंजीयन करवा लिया है। इस सचिवालय के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अध्यक्ष बनाए गए हैं।
छत्तीसगढ़ को २०१३-१४ के ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। इसकी तैयारी अभी से खेल विभाग ने प्रारंभ कर दी है। इसके पहले चरण में राष्ट्रीय खेल सचिवालय का पंजीयन करवा लिया गया है। अब खेल विभाग ने एजीओसी यानी नेशनल गेम्स आर्गेनाइजेशन कमेटी के बनाने के लिए खेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। इसके बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस समिति को बनाने के लिए असम, हैदराबाद और झारखंड में बनी समितियों की जानकारी बनाकर भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इस समिति में भारतीय ओलंपिक संघ के साथ छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इस समिति में हर खेल संघ के पदाधिकारियों को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समिति में किनको-किनको रखना है, ओलंपिक संघ के साथ मिलकर तय किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इस आयोजन समिति में दो सौ भी ज्यादा सदस्य हो सकते हैं।

रायपुर की टीम में स्थान पाने जुटीं खिलाड़ी

राजधानी रायपुर में जूनियर बालिका फुटबॉल खिलाडिय़ों की कितनी भरमार है इसका नमूना आज सप्रे स्कूल में शाम को तब देखने को मिला जब जूनियर अंडर १७ साल की रायपुर की टीम में स्थान पाने के लिए ५० से ज्यादा खिलाड़ी जुटीं। आज से पांच साल पहले राज्य की टीम के लिए १५ खिलाड़ी ही नहीं जुट पाती थीं।
सप्रे स्कूल के मैदान में शाम को एक लाइन से ५० से ज्यादा खिलाड़ी थीं और जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान के साथ एनआईएस कोच सरिता कुजूर खिलाडिय़ों के नाम लिखने में व्यस्त थे। ये खिलाड़ी यहां पर रायपुर की अंडर १७ साल की टीम में स्थान पाने के लिए ट्रायल देने आई थीं। इतनी ज्यादा खिलाड़ी वो भी रायपुर ज्लिे की टीम में स्थान पाने के लिए वास्तव में हैरानी की बात है। मुश्ताक अली के साथ सरिता कुजूर का कहना है कि यह सब तो रायपुर में खिलाडिय़ों को दिए जा रहे प्रशिक्षण का नतीजा है जो इतनी ज्यादा खिलाड़ी अब फुटबॉल से जुड़ गई है। इन्होंने बताया कि पांच साल पहले २००५ में ही जब राज्य की टीम बनाने के लिए चयन ट्रायल का आयेजन किया जाता था तो रायपुर क्या पूरे राज्य के जिलों से १५ खिलाड़ी जुट नहीं पाई थी बड़ी मुश्किल से टीम बनाकर राज्य स्पर्धा में खेलने भेजते थे। आज राजधानी में हालत यह है कि हर कौने में खिलाड़ी हैं। ट्रायल में शंकर नगर, खम्हराडीह, कंचना, भावना नगर के साथ शांति नगर स्कूल, पैलोटी, न्यू शांति नगर स्कूल, होलीक्रास स्कूल, बीपी पुजारी स्कूल, कैपियन स्कूल, विवेक विद्यालय की खिलाड़ी ट्रायल देने आई हैं।
मुश्ताक अली ने बताया कि जितनी खिलाड़ी रायपुर में जूनियर वर्ग के अंडर १७ में हैं उससे ज्यादा खिलाड़ी तो अंडर १३ साल की टीम में है। उन्होंने बताया कि रायपुर की दो खिलाडिय़ों सुप्रिया कुकरेती के साथ निकिता स्विसपन्ना के अंडर १३ साल की भारतीय टीम में खेलने के बाद रायपुर में फुटबॉल के क्रेज लड़कियों में और ज्यादा बढ़ा है। रायपुर की दो खिलाडिय़ों का भारतीय टीम से चुना जाना अपने आप में एक इतिहास है क्योंकि इससे पहले कभी मप्र की भी किसी खिलाड़ी को भारतीय टीम से मौका नहीं मिला था।
जिला फुटबॉल संघ के दिवाकर थिटे ने बताया कि राज्य स्पर्धा का आयोजन डोंगरगढ़ में २३ जुलाई से किया गया है। वहां टीम के जाने से पहले चुनी गई टीम का यहां पर प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। रायपुर की टीम पिछले साल दुर्ग में हुई स्पर्धा में विजेता बनी थी। इस बार भी टीम विजेता बने ऐसी टीम का चयन करने के साथ टीम को तैयार करने का काम किया जाएगा। टीम को तैयार करने का जिम्मा मुश्ताक अली प्रधान के हाथों रहेगा। टीम को सरिता कुजूर की सेवाएं नहीं मिल पाएगी वह जूनियर टीम लेकर बाहर जा रही है।

रविवार, 11 जुलाई 2010

कल पीटीआई, परसो खेल संघों के साथ होगी चर्चा

राजधानी में होने वाली बैटन रिले के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। इस दौर की कड़ी में १२ जुलाई को जहां खेल शिक्षकों (पीटीआई) के साथ तो १३ जुलाई को खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। यह चर्चा रायपुर के एडीएम डोमन सिंह करेंगे।
कामनवेल्थ की बैटन रिले का आयोजन रायपुर में १२ अगस्त को होना है। इससे पहले ३० जुलाई को एक रिहर्सल होगी। इन दोनों की तैयारी खेल विभाग कर रहा है। नेताजी स्टेडियम में बैटन रिले का मुख्यालय बनाया गया है। यहां पर ४८ स्कूलों के प्राचार्यों से एडीएम चर्चा करके उनको उनकी जिम्मेदारी से अवगत करवा चुके हैं। अब १२ जुलाई को राजधानी के साथ आस-पास के स्कूलों के करीब ५० से ज्यादा खेल शिक्षकों की एक बैठक रखी गई है। इस बैठक में खेल शिक्षकों को बताया जाएगा कि बैटन रिले के मार्ग में किस पाइंट में किसको रहना है। इसी तरह से १३ जुलाई की बैठक के लिए ४१ ख्रेल संघों जिनमें टेनिस, नेटबॉल, तीरंदाजी, वालीबॉल, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन, हॉकी, साफ्टबॉल, कबड्डी, कैरम, थांग-ता, ट्रायथलान, स्क्वैश, जंप रोप, थ्रो बाल, खेल पत्रकार संघ, टेनीक्वाइट, वुळू, बैडमिंटन, कुश्ती, पावरलिफ्टिंग, हिन्द स्पोर्टिंग क्लब, प्रगति क्रीड़ा समिति, एथलेटिक क्लब, शेरा क्लब, बास्केटबॉल संघ, हैंडबॉल, कराते, रियाज अकदामीस न्यू स्टार क्रिकेट अकादमी, फारेस्ट स्पोट्र्स क्लब शामिल हैं के पदाधिकारियों को बुलाया गया है।
वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि खेल संघों के पदाधिकारियों की बैठक भी एडीेएम लेंगे। संघों के पदाधिकारियों को भी बताया जाएगा कि वे और उनके संघों के पदाधिकारी और खिलाड़ी किस पाइंट पर रहेंगे। अब जो जिम्मेदारी तय होगी वह रिसर्हल के साथ बैटन रिले के भी होगी।

आयुशी सेफा में हारीं

सुपर सीरीज लॉन टेनिस के युगल में सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ की आयुशी चौहान को हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ उनकी युगल में भी चुनौती समाप्त हो गई।
गुवाहाटी में चल रही स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए आयुशी के कोच और पिता रुपेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि आयुशी ने अपनी साथी खिलाड़ी प्रोतिक्षा शर्मा के साथ शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल में कल एंजल रमन और डी. ललिता की जोड़ी को आसानी से ८-२ से मात दी थी। आज सेमीफाइनल में आयुशी और प्रोतिमा की जोड़ी का सामना तमिलनाडु की जोड़ी एस. प्रणिता और ए. दीपिका से हुआ। इस जोड़ी के अनुभव के सामने आयुशी और प्रोतिमा की मात खा गई। इस हार के साथ ही आयुशी की चुनौती समाप्त हो गई। इसके पहले आयुशी का अंडर १४ साल के एकल वर्ग में प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा।

सीख लें कुछ गुर तो मिले जीत के सुर

सप्रे स्कूल के मैदान में शाम के समय दो दर्जन बालिका खिलाड़ी लाइन से खड़ी हैं और बड़े ही ध्यान से वह सब सुन रही हैं जो उनकी कोच सरिता कुजूर उनको बना रही है। खिलाडिय़ों को मालूम है कि उनको खेल के जो गुर बताए जा रहे हैं, वहीं राष्ट्रीय स्पर्धा में काम आने वाले हैं। ये गुर काम करेंगे तभी उनको जीत के सूर सुनने का मौका मिलेगा।
यह एक दिन की बात नहीं है यह सिलसिला यहां पर २५ जून से चल रहा है और यह सिलसिला अभी १२ जुलाई तक चलना है। इसके बाद ही यहां से टीम चंडीगढ़ के लिए रवाना होगी जहां पर राष्ट्रीय स्पर्धा होनी है। राष्ट्रीय स्पर्धा में इस बार छत्तीसगढ़ को बड़ा ही कठिन पूल मिला है। उनके पूल में पिछले साल की उपविजेता और एक दशक से चैंपियन रहने वाली मणिपुर है। छत्तीसगढ़ का पहला ही मैच मणिपुर से है। ऐसे में अपनी खिलाडिय़ों को एनआईएस कोच सरिता कुजूर इसके लिए तैयार कर रही हैं कि कम से कम मणिपुर से टीम हारे न और अपनी सुरक्षा करते हुए उसे कम से कम ड्रा पर रोकने में कामयाब हो जाए ताकि अगले मैच में दिल्ली को ज्यादा गोलों से मात देकर छत्तीसगढ़ की टीम क्वार्टर फाइनल में स्थान बना सके। हालांकि यह राह उतनी आसान नहीं है, फिर भी टीम को इसी रणनीति के तहत तैयार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन पिछले साल किया था और टीम तीसरे स्थान पर आई थी, उससे टीम की कोच को उम्मीद है कि अगर खिलाडिय़ों ने मेहनत की और सब कुछ ठीक रहा तो मणिपुर को ड्रा पर रोका जा सकता है। यह हो गया तो जरूर इससे टीम की खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ेगा और फिर दिल्ली से जीतने के लिए टीम की खिलाड़ी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। खिलाडिय़ों को मालूम है कि उनको किस रणनीति से खेलना है।

शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

राज्य स्पर्धाएं फिर खेल संघों के हवाले होंगी

प्रदेश का खेल विभाग अब एक बार फिर से राज्य स्पर्धाओं का आयोजन करने का जिम्मा खेल संघों को देने वाला है। खेल विभाग आयोजनों को लेकर लंबे समय से परेशानी में है, लेकिन वह इस दिशा में कोई पहल नहीं कर पा रहा था, लेकिन अब यह तय हो गया है कि अगले सत्र से विभाग की बजाए खेल संघ ही आयोजन करेंगे और उनको पूर्व में दी जाने वाली ५० हजार की राशि को बढ़ाकर दिया जाएगा। खेल विभाग के आयोजन से हाथ खिंचने का कारण विभाग तौर पर जहां स्टाप की कमी बताया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जानकार इसके पीछे आयोजन में भारी गड़बडिय़ों को बता रहे हंै। इन गड़बडिय़ों की शिकायत खेलमंत्री तक पहुंचने के कारण ही खेल विभाग के हाथ से आयोजन छिने गए हैं।
खेल विभाग ने करीब चार पहले उस समय के खेलमंत्री बृजमोहन अग्रवाल के कार्यकाल में राज्य में सब जूनियर और जूनियर खेल स्पर्धाओं का आयोजन खेल संघों के साथ मिलकर करने का सिलसिला प्रारंभ किया था। उस समय खेल आयुक्त राजीव श्रीवास्तव थे जिनके निर्देशन में यह योजना बनी थी। इस योजना को सभी खेल संघों ने हाथों हाथ लिया था क्योंकि उनको जहां भारी कागजी कार्यवाही से मुक्ति मिल गई है, वहीं उनको आयोजन के लिए बाहर से चंदा भी लेना नहीं पड़ रहा है। आयोजन का सारा खर्च खेल विभाग कर रहा है इसी के साथ खिलाडिय़ों को भी नकद इनाम दिया जा रहा है। ऐसे में खिलाड़ी भी काफी खुश हैं।
खेल विभाग द्वारा सभी मान्यता प्राप्त खेलों के आयोजन किए जाते हैं। ऐसे में इन आयोजन के लिए विभाग को संचालनालय से अधिकारियों को भेजना पड़ता है। यहां यह बताना लीजिमी होगा वैसे ही खेल विभाग में स्टाप की कमी है ऐसे में आयोजनों के लिए लगातार अधिकारियों को भेजने के कारण विभाग का काम भी प्रभावित हो रहा है। इस बात को महसूस करने के बाद वर्तमान खेल संचालक जीपी सिंह ने यह सोचा कि फिर से इस आयोजन को खेल संघों को दिया जाए। एक तरफ जहां खेल संचालक की यह सोच रही है, वहीं खेल विभाग के आयोजन पर खेल संघों के पदाधिकारी यदा-कदा यह भी आरोप लगाते रहे हैं कि अब खेल विभाग आयोजन कर रहा है तो कैसे लाखों खर्च किए जा रहे हैं जबकि खेल संघों को महज ५० हजार की अनुदान राशि दी जाती थी। इस के साथ आयोजन के नाम पर खेल विभाग के अधिकारियों पर आयोजन के बजट में पैसों की गड़बड़ी की भी लगातार चर्चा रही है। इस बात की शिकायत खेलमंत्री तक भी की गई है।
जानकारों का ऐसा मानना है कि खेलमंत्री ने ही इस मामले की गंभीरता को देखते हुए खेल संचालक से आयोजनों को फिर से खेल संघों के हवाले करने की बात कही और यह योजना बनी कि अब आयोजन फिर से खेल संघों के हवाले किए जाएंगे। खेल संघों के हवाले फिर से आयोजन करने के लिए नए सिरे से योजना बनाई जा रही है ताकि न तो खेल संघों को परेशानी हो और न ही खिलाडिय़ों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती हो।
इनामी राशि मिलती रहेगी
खेल संघों के हवाले फिर से आयोजन होने पर खिलाडिय़ों को मिलने वाली इनामी राशि का क्या होगा यह अहम सवाल है। इसके बारे में खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि खिलाडिय़ों को मिलने वाली नकद इनामी राशि मिलती रहेगी। यही नहीं खेल विभाग यह राशि देने के साथ खिलाडिय़ों के आने जाने का भी खर्च देते रहेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि खेल संघों को पूर्व में मिलने वाली अनुदान की ५० हजार की राशि में इजाफा किया जाएगा। यह राशि कितनी होगी अभी तय नहीं है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक यह राशि एक लाख या फिर एक लाख पचास हजार भी हो सकती है।
मुख्यमंत्री की घोषणा का क्या होगा
खेल विभाग अगर आयोजन का जिम्मा फिर से खेल संघों को दे देता है तो एक सवाल यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उस घोषणा का क्या होगा जिसमें उन्होंने सीनियर वर्ग की स्पर्धाओं का भी आयोजन खेल विभाग को करने के निर्देश दिए थे। खेल संघों ने लगातार खेल विभाग के साथ खेलमंत्री और फिर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने यह मांग रखी थी कि संघों को सबसे ज्यादा परेशानी सीनियर वर्ग की राज्य स्पर्धा के आयोजन में आती है ऐसे में यह स्पर्धा भी खेल विभाग और खेल संघों के संयुक्त तत्वावधान में हो। इस मांग के बाद मुख्यमंत्री ने पिछले साल यह घोषणा की थी कि अब सीनियर स्पर्धा भी खेल विभाग करवाएगा। इस घोषणा के बाद अब तक खेल विभाग ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की है। इस घोषणा पर अमल न होने का कारण बजट को बताया गया है। लेकिन अब तो खेल विभाग ने सब जूनियर और जूनियर स्पर्धाओं के आयोजन से ही हाथ खींचने का मन बना लिया है ऐसे में सीनियर वर्ग की स्पर्धा करवाने का तो सवाल ही नहीं उठता है। इस स्पर्धा के लिए भी अनुदान की राशि में इजाफा किया जाने की संभावना है।

राज्य खेल पुरस्कारों के रायपुर में २१ दावेदार

राज्य के खेल पुरस्कारों के लिए रायपुर जिले के २१ दावेदारों ने अपने आवेदन जमा किए हैं। इसी के साथ खेलवृत्ति के लिए १७० और नकद राशि पुरस्कार के लिए ७२ खिलाडिय़ों ने आवेदन किए हैं।
प्रदेश का खेल विभाग राज्य के जूनियर खिलाडिय़ों को शहीद कौशल यादव, सीनियर खिलाडिय़ों को शहीद राजीव पांडे, प्रशिक्षकों को वीर हनुमान सिंह, के साथ सीनियर खिलाडिय़ों को पंकज विक्रम और ५५ साल से ज्यादा के खिलाडिय़ों को खेल विभूति पुरस्कार देता है। इन पुरस्कारों के लिए खिलाड़ी और प्रशिक्षक अपने-अपने खेल संघों के माध्यम से आवेदन करते हैं। रायपुर जिले से इस साल के पुरस्कारों के लिए जो आवेदन आए हैं उनमें राजीव पांडे पुरस्कार के लिए तो महज एक ही दावेदार ने आवेदन किया है। शहीदा कौशल यादव पुरस्कार के लिए सात खिलाडिय़ों ने, शहीद पंकज विक्रम के लिए ८ खिलाडिय़ों ने प्रशिक्षकों के लिए चार प्रशिक्षकों ने और खेल विभूति के लिए एक खिलाड़ी ने आवेदन किया है।
इन पुरस्कारों के साथ खेलवृत्ति के लिए जिले के १७० खिलाडिय़ों ने आवेदन किए हैं। खेल विभाग जूनियर और सीनियर खिलाडिय़ों को जो नकद राशि इनाम देता है उसमें खेल शिखर, खेल गौरव और खेल अंकुर के लिए ७२ खिलाडिय़ों ने आवेदन किए हैं। अब इन खिलाडिय़ों में से पात्र खिलाडिय़ों का चयन करके खेल संचालनालय भेजा जाएगा। विभाग पात्र खिलाडिय़ों की सूची चयन समिति के सामने रखेगा। चुने गए खिलाडिय़ों को खेल दिवस के दिन २९ अगस्त को सम्मानित किया जाएगा।

गुरुवार, 8 जुलाई 2010

बैटन रिले का सीधा प्रसारण होगा

प्रदेश की खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि राजधानी रायपुर में होने वाली बैटन रिले को ऐतिहासिक बनाने के लिए दूरदर्शन से इसका सीधा प्रसारण करवाने के प्रयास किए जाएंगे। इसी के साथ बैटन के बारे में गांव-गांव के लोग जान सकें इसके लिए प्रदेश के कई गांवों में बड़ी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण दिखाए जाने की व्यवस्था करने के भी प्रयास होंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए गंभीर हैं। ऐसे में किसी भी तरह से कोई परेशान नहीं होगी ऐसा कहा जा सकता है।
खेलमंत्री लता उसेंडी ने आज अपने निवास में खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि बैटन रिले के दूरदर्शन से सीधा प्रसारण करवाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनको भी यह मालूम है कि जिस समय बैटन रिले का आयोजन होना है उस समय दूरदर्शन पर रायपुर के कार्यक्रमों का प्रसारण होता है, ऐसे में रायपुर दूरदर्शन से बात करके ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि इसका सीधा प्रसारण हो सके। वैसे इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन का और कई चैनल सीधा प्रसारण करेंगे इसकी भी संभावना है। छत्तीसगढ़ के चैनल जी २४ घंटे के साथ स्थानीय चैनल तो इसका सीधा प्रसारण करेंगे ही। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जरूर इस बात के भी प्रयास किए जाएंगे कि बैटन रिले का जब सीधा प्रसारण हो तो प्रदेश के अधिक से अधिक गांवों में बड़ी स्क्रीन लगाकर इसका प्रसारण दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचायन विभाग की मदद ली जाएगी। खेलमंत्री ने बताया कि बैटन के बारे में प्रदेश के हर गांव के कम से कम स्कूली बच्चे जाने इसी बात को ध्यान में रखते हुए गर गांव में क्वीज का आयोजन किया गया है।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति का समावेश होगा
खेलमंत्री ने कहा कि बैटन रिले में छत्तीसगढ़ की संस्कृति का समावेश करने का प्रयास चल रहा है। इसमें बस्तर से लेकर सरगुजा की संस्कृति को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाया जाएगा। ११ अगस्त को तो बैटन का आगमन होगा इस दिन तो किसी भी तरह का आयोजन संभव नहीं होगा, लेकिन अगले दिन जिस दिन बैटन रिले का आयोजन होगा उस रात को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से परिपूर्ण कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। इसी के साथ बैटन रिले के मार्ग में भी कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। सुश्री उसेंडी ने कहा कि आयोजन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की महिलाओं के साथ स्वसहायता समूहों की महिलाओं को भी जोड़ा जा रहा है। स्कूलों को तो आयोजन से पहले ही जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग का इसमें प्रतिनिधित्व हो इसके प्रयास किए जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आयोजन के लिए ७० लाख का बजट रखा गया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खुद इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए गंभीर हैं ऐसे में बजट की कमी नहीं होगी। पहला धावक कौन होगा के सवाले पर उन्होंने कहा कि अभी यह तय नहीं है कि बैटन लेक पहले कौन दौड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी समय है यह सब बाद में तय किया जाएगा।
खेल विभूति सम्मान अब वीके चौबे के नाम
खेलमंत्री ने बताया कि ५५ साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों को खेल विभाग द्वारा दिए जाने वाले खेल विभूति सम्मान का नाम शहीद वीके चौबे के नाम से कर दिया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की स्वीकृत मिल गई है, एक-दो दिनों में इसके आदेश भी जारी हो जाएगा।
पुरस्कार के नियम बदल सकते हैं
खेलमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य के खेल पुरस्कारों में अगर किसी भी तरह की विसगतियां हैं तो उनको दूर करे के लिए नियमों में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में नियमों के कारण कुछ ही खेलों को खेल पुरस्कारों का लाभ मिल पा रहा है तो इसका परीक्षण करवाने के बाद नियमों में जैसा भी जरूरी होगा संशोधन किया जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि इस बार भी खेल पुरस्कारों के चयन में कोई भी गड़बड़ी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएग। उन्होंने कहा कि पिछली बार मीडिया की सजगता के कारण पुरस्कारों के चयन में किसी भी तरह का विवाद नहीं हुआ था इस बार भी ऐसे ही प्रयास होंगे कि चयन समिति सही बने और पात्र खिलाडिय़ों का चयन हो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उत्कृष्ठ खिलाडिय़ों को नौकरी देने के लिए सामान्य प्रशासन में नियम बन रहे हैं जल्द ही इनके जारी होने पर खिलाडिय़ों को नौकरी मिलेगी।

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