गुरुवार, 8 जुलाई 2010

बैटन रिले का सीधा प्रसारण होगा

प्रदेश की खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि राजधानी रायपुर में होने वाली बैटन रिले को ऐतिहासिक बनाने के लिए दूरदर्शन से इसका सीधा प्रसारण करवाने के प्रयास किए जाएंगे। इसी के साथ बैटन के बारे में गांव-गांव के लोग जान सकें इसके लिए प्रदेश के कई गांवों में बड़ी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण दिखाए जाने की व्यवस्था करने के भी प्रयास होंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए गंभीर हैं। ऐसे में किसी भी तरह से कोई परेशान नहीं होगी ऐसा कहा जा सकता है।
खेलमंत्री लता उसेंडी ने आज अपने निवास में खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि बैटन रिले के दूरदर्शन से सीधा प्रसारण करवाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनको भी यह मालूम है कि जिस समय बैटन रिले का आयोजन होना है उस समय दूरदर्शन पर रायपुर के कार्यक्रमों का प्रसारण होता है, ऐसे में रायपुर दूरदर्शन से बात करके ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि इसका सीधा प्रसारण हो सके। वैसे इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन का और कई चैनल सीधा प्रसारण करेंगे इसकी भी संभावना है। छत्तीसगढ़ के चैनल जी २४ घंटे के साथ स्थानीय चैनल तो इसका सीधा प्रसारण करेंगे ही। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जरूर इस बात के भी प्रयास किए जाएंगे कि बैटन रिले का जब सीधा प्रसारण हो तो प्रदेश के अधिक से अधिक गांवों में बड़ी स्क्रीन लगाकर इसका प्रसारण दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचायन विभाग की मदद ली जाएगी। खेलमंत्री ने बताया कि बैटन के बारे में प्रदेश के हर गांव के कम से कम स्कूली बच्चे जाने इसी बात को ध्यान में रखते हुए गर गांव में क्वीज का आयोजन किया गया है।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति का समावेश होगा
खेलमंत्री ने कहा कि बैटन रिले में छत्तीसगढ़ की संस्कृति का समावेश करने का प्रयास चल रहा है। इसमें बस्तर से लेकर सरगुजा की संस्कृति को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाया जाएगा। ११ अगस्त को तो बैटन का आगमन होगा इस दिन तो किसी भी तरह का आयोजन संभव नहीं होगा, लेकिन अगले दिन जिस दिन बैटन रिले का आयोजन होगा उस रात को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से परिपूर्ण कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। इसी के साथ बैटन रिले के मार्ग में भी कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। सुश्री उसेंडी ने कहा कि आयोजन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की महिलाओं के साथ स्वसहायता समूहों की महिलाओं को भी जोड़ा जा रहा है। स्कूलों को तो आयोजन से पहले ही जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग का इसमें प्रतिनिधित्व हो इसके प्रयास किए जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आयोजन के लिए ७० लाख का बजट रखा गया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खुद इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए गंभीर हैं ऐसे में बजट की कमी नहीं होगी। पहला धावक कौन होगा के सवाले पर उन्होंने कहा कि अभी यह तय नहीं है कि बैटन लेक पहले कौन दौड़ेगा। उन्होंने कहा कि अभी समय है यह सब बाद में तय किया जाएगा।
खेल विभूति सम्मान अब वीके चौबे के नाम
खेलमंत्री ने बताया कि ५५ साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों को खेल विभाग द्वारा दिए जाने वाले खेल विभूति सम्मान का नाम शहीद वीके चौबे के नाम से कर दिया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की स्वीकृत मिल गई है, एक-दो दिनों में इसके आदेश भी जारी हो जाएगा।
पुरस्कार के नियम बदल सकते हैं
खेलमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य के खेल पुरस्कारों में अगर किसी भी तरह की विसगतियां हैं तो उनको दूर करे के लिए नियमों में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में नियमों के कारण कुछ ही खेलों को खेल पुरस्कारों का लाभ मिल पा रहा है तो इसका परीक्षण करवाने के बाद नियमों में जैसा भी जरूरी होगा संशोधन किया जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि इस बार भी खेल पुरस्कारों के चयन में कोई भी गड़बड़ी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएग। उन्होंने कहा कि पिछली बार मीडिया की सजगता के कारण पुरस्कारों के चयन में किसी भी तरह का विवाद नहीं हुआ था इस बार भी ऐसे ही प्रयास होंगे कि चयन समिति सही बने और पात्र खिलाडिय़ों का चयन हो। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उत्कृष्ठ खिलाडिय़ों को नौकरी देने के लिए सामान्य प्रशासन में नियम बन रहे हैं जल्द ही इनके जारी होने पर खिलाडिय़ों को नौकरी मिलेगी।

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