शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

बैठक वैध या अवैध फैसला न्यायलय में

प्रदेश ओलंपिक संघ की जिस बैठक में अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा को अविश्वास प्रस्ताव के साथ हटाया गया था उस बैठक के वैध या अवैध होने का फैसला छत्तीसगढ़ फम्र्स रजिस्टार सोसायटी के न्यायलय में होगा। एक तरफ जहां इस बैठक को संघ के सहसचिव शरद शुक्ला की अपील पर अवैध करार दिया गया था, वहीं संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बैठक को वैध बताते हुए अपना पक्ष पंजीयक के सामने रख दिया है।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक में पिछले एक माह से भारी घमासन चल रहा है। संघ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा एवं महासचिव बशीर अहमद खान में चल रही अनबन के बीच डॉ. वर्मा को हटाने के लिए एक विशेष बैठक का आयोजन पिछले माह १७ जून को भिलाई में किया गया था। बैठक की सूचना खेल संघों को नियमानुसार १५ दिन पहले न देने की बात कहते हुए ओलंपिक संघ के सहसचिव शरद शुक्ला की अपील पर बैठक को फम्र्स रजिस्टार सोसायटी ने अवैध घोषित कर दिया था। बैठक के अवैध घोषित होने के बाद बैठक का आयोजन करके डॉ. वर्मा को हटा दिया गया और चुनाव होने तक वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है। बैठक को वैध बताते हुए फम्र्स सोसायटी को संघ ने जवाब भी भेज दिया है।
पंजीयक संजीव बख्शी का इस मामले में कहना है कि बैठक को अवैध करार दिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ का जवाब आया है। उन्होंने कहा कि जवाब का परीक्षण करवाने के बाद ही न्यायलय में यह तय होगा कि वह बैठक वैध थी या अवैध। वर्तमान में तो हम बैठक को अवैध ही मान रहे हैं।
बैठक अवैध मानी तो हाईकोर्ट जाएंगे
संघ महासचिव बशीर अहमद खान का कहना है कि बैठक को हमारा पक्ष रखे जाने के बाद भी अगर अवैध घोषित किया जाता है तो इस मामले में संघ होई कोर्ट जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने अपने संघ के संविधान के मुताबिक ही १० स के तहत बैठक की जिसकी सूचना ८ दिन पहले सभी को भेजी गई थी। १० अ के तहत सामान्य सभा की बैठक की सूचना १५ दिन पहले देनी पड़ती है न कि विशेष बैठक की।
अध्यक्ष को पद सौंप दूंगा
कार्यकारी अध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा का कहना है कि संघ का अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बनाया जाता या उनके किसी प्रतिनिधि को तो वे उनको अध्यक्ष का पद सौंप देंगे। उनका कहना है कि मैं तो कार्यकारी हूं तब तक जब तक कोई अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है।
बैठक तो अवैध थी
डॉ. अनिल वर्मा का इस मामले में कहना है कि जब बैठक को पंजीयक ने अवैध घोषित कर दिया था तो उस बैठक में किए गया फैसला कैसे वैध हो सकता है।

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