शनिवार, 17 जुलाई 2010

७० लाख का बजट कहां खर्च होगा?

बैटन रिले के लिए प्रदेश के खेल विभाग से सरकार से ७० लाख का बजट मांगा है। इतना बजट होने के बाद भी जिस तरह से राजधानी में खेल संघों से बैठकों में अपने-अपने पाइंट में मंच बनाने के लिए कहा जा रहा है, उससे खेल संघों में नाराजगी देखी जा रही है। कई खेल संघों के पदाधिकारी एक ही सवाल कर रहे हैं कि जब ७० लाख का बजट मांगा गया है तो फिर खेल संघों से मंच बनाने क्यों कहा जा रहा है। खेल संघों की बैठक में नेटबॉल संघ के संजय शर्मा ने यह सवाल भी उठाया कि खेल विभाग इस बात को साफ करें कि पाइंट में मंच बनाने और बैनर और पोस्टर बनाने का जो काम संघों को दिया गया है उसका खर्च कौन करेगा। इस मामले में खेल विभाग कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रहा है। खेल संचालक जीपी सिंह का इस बारे में कहना है कि यह देखा जाएगा कि इस मामले में क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जहां पर लगेगा कि खेल विभाग को खर्च करना चाहिए, वहां पर खेल विभाग जरूर खर्च करेगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि ७० लाख का बजट अगर सरकार से मांगा गया है तो इसका यह मतलब नहीं है कि इसको पूरा खर्च करना है। हो सकता है कि आयोजन में २० लाख का ही खर्च हो। एक योजना बनाई गई है जिसमें ७० लाख का खर्च अनुमानित है उसी को सरकार के पास भेजा गया है, वैसे इसके लिए ७० लाख की मंजूरी मिल गई है ऐसा नहीं है। उन्होंने पूछने पर बताया कि बैटन के मार्ग में जो तीन बड़े मंच बनाए जा रहे हैं उसका खर्च बैटन रिले के प्रायोजक हीरो होंडा को करना है। इन्ही सब बातों को लेकर ही खेल संघ लगातार सवाल कर रहे हैं कि आखिर ७० लाख के बजट को कहां खर्च किया जाएगा।

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