रविवार, 28 फ़रवरी 2010

कराते खिलाडिय़ों का हुआ था पहली बार बीमा

प्रदेश में खिलाडिय़ों के यात्रा बीमा करने का एक अच्छी पहल प्रारंभ हो गई है। इस पहल को नए सिरे से प्रारंभ करने का काम नेटबॉल ने किया है, लेकिन प्रदेश में सबसे पहले खिलाडिय़ों का बीमा कराने का काम कराते संघ ने पांच साल पहले किया था।
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश कराते संघ के अजय साहू ने बताया कि उनके संघ ने पांच साल पहले राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने जाने वाले २५ खिलाडिय़ों को एक-एक लाख की बीमाा करवाया था। इसके बाद इस पहल को आगे जारी नहीं रखा जा सका।

इधर अब पांच साल बाद नेटबॉल संघ ने एक पहल करते हुए अपने खिलाडिय़ों का बीमा करवाया है। संघ ेसचिव संजय शर्मा कहते हैं कि अब हमारी कोई भी टीम बिना बीमा के खेलने नहीं जाएगी। खिलाडिय़ों का बीमा करवाने की बात वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान भी कहते हैं। वे कहते हैं कि वास्तव में हर खेल में टीमों के खेलने जाने से पहले बीमा करवाना ही चाहिए।

शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

पाम्पोस की रूढ़की पर खिताबी जीत

खेल के ४२वें मिनट में पाम्पोस को जब पेनाल्टी कॉर्नर मिला तो सभी दर्शकों की नजर गोल पोस्ट पर लग गई और सभी उम्मीद करने लगे की अब गोल जरूर हो जाएगा। आशा के मुताबिक अमोल तिर्की ने गोल कर दिया और इसी के साथ तय हो गई पाम्पोस की जीत। अमोल तिर्की ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने का एक और काम किया और पाम्पोस ने रूढ़की पर २-० से जीत प्राप्त कर खिताब जीत लिया।

ये नजारा आज यहां पर अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी में नेता स्टेडियम में देखने को मिला। खिताबी मुकाबले में जब पाम्पोस का सामना रूढ़की से हुआ तो इस मैच में पहला हॉफ गोल रहित बराबर रहा। इस हॉफ में पाम्पोस को पेनाल्टी कॉर्नर तो मिले, लेकिन किसी को गोल में नहीं बदला जा सका। मैच देखकर ऐसा लगने लगा था कि फाइनल मैच का फैसला भी सेमीफाइनल की तरह ही गोल्डन गोल से न करना पड़े। ऐसे में जब दूसरे हॉफ के सातवें मिनट में पाम्पोस को पेनाल्टी कॉर्नर मिला तो इसको गोल में बदलने में खिलाडिय़ों ने कोई गलती नहीं की। अमोल तिर्की ने जब गेंद को गोलपोस्ट में पहुंचा दिया तो रूढ़की का गोलकीपर हैरान रह गया और काफी देर तक सोचता रहा कि आखिर ये कैसे हो गया। इधर पाम्पोस हास्टल के खेमे में इस गोल से खुशी की लहर दौड़ गई।

पाम्पोस को दूसरा गोल करने का मौका भी पेनाल्टी कॉर्नर से मिला। ये कॉर्नर उसे खेल के ५६वें मिनट में मिला। एक बार फिर से साथियों खिलाडिय़ों से मिले पास का भरपूर फायदा उठाते हुए अमोल तिर्की ने गोलकीपर को चकमा देते हुए गेंद को गोलपोस्ट में पहुंचाने का काम किया। इस गोल के बाद जहां पाम्पोस ने हमले और तेज कर दिए, वहीं रूढ़की ने भी पूरा जोर लगाया, लेकिन रूढ़की के खिलाड़ी गेंद पर कब्जा ही नहीं कर पा रहे थे, ज्यादा समय गेंद पर पाम्पोस का ही कब्जा रहा। अंत में पाम्पोस ने यह मैच २-० से जीतने के साथ नेहरू स्वर्ण कप के साथ ५० हजार की नकद राशि पर भी कब्जा कर लिया। उपविजेता टीम के खाते में ट्रॉफी और ३१ हजार रुपए आए। मैच में पाम्पोस को ९ और रूढ़की को तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले। विजेता टीम के लिए इनाम राशि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने और उपविजेता टीम के लिए ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष गुरुचरण सिंह होरा ने दी।

खिलाडिय़ों को सुविधाएं दे रहे हैं: लता

मैच के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में खेल और खिलाडिय़ों को बढ़ाने के लिए हर तरह की सुविधाएं दे रही हैं। हमारी सरकार ने राज्य में खेलों का विकास करने के लिए ही ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी भी ली है। उन्होंने कहा कि सरकार हर खेल में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के प्रयास में है। उन्होंने कहा कि यहां पर राज्य के अंतररराष्ट्रीय खिलाड़ी मृणाल चौबे भी हैं। हमारा ऐसा मानना है कि राज्य में मृणाल चौबे जैसे और खिलाड़ी होने चाहिए। उन्होंने विजेता टीम के साथ उपविजेता टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह समय ज्यादा बोलने का नहीं है। सभी खिलाडिय़ों की नजरें ट्रॉफी पर हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री महेन्द्र कर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजनों से राज्य के खिलाडिय़ों को सिखने का मौका मिलता है। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी भारतीय टीम के गोलकीपर मृणाल चौबे, खेल संचालक जीपी सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अनिल वर्मा, गुरुचरण सिंह होरा, जिंदल स्टील के उपाध्यक्ष प्रदीप टंडन, आयोजक एथलेटिक क्लब के अध्यक्ष गजराज पगारिया, सचिव हफीज यजदानी के साथ सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

सबा छत्तीसगढ़ से खेलेगी

प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सबा अंजुम अब अपने राज्य छत्तीसगढ़ से खेलने की इच्छुक हैं। उन्होंने अपनी इस इच्छा से मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह को अवगत कराने के साथ सरकार से नौकरी की भी मांग की है। सबा इस समय रेलवे में कार्यरत हैं और रेलवे के लिए ही खेलती हैं। सबा को ममता खरब की तरह ही डीएसपी बनाने की मांग भारतीय टीम के मुख्य कोच एमके कौशिक कर चुके हैं।

भारतीय हॉकी टीम से एक दशक से खेल रहीं दुर्ग की खिलाड़ी सबा अंजुम अब छत्तीसगढ़ लौटना चाहती हैं और अपना बचा हुआ खेल जीवन अपने राज्य के नाम करने की इच्छुक हैं। उन्होंने अपनी इस इच्छा से सबसे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अवगत कराया है। सबा कहती हैं कि उनको ऐसा लगता है कि अब अपने बचे हुए खेल जीवन को राज्य के नाम करने का समय आ गया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी इच्छा बताने के साथ राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से नौकरी की मांग करते हुए उनको एक आवेदन भी दे दिया है। सबा कहती हैं उनको जैसे ही प्रदेश सरकार की नौकरी मिलेगी वह यहां आ जाएंगी। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि जब भारतीय टीम रायपुर में हरिभूमि द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन मैच खेलने आई थी तब टीम के मुख्य कोच एमके कौशिक ने खुद से पंजाब की ममता खरब का उदाहरण देते हुए कहा था कि जब पंजाब सरकार ने ममता खरब को डीएसपी का पद दिया है तो छत्तीसगढ़ की सबा को भी ऐसा पद क्यों नहीं दिया जा सकता है। अगर सबा को प्रदेश सरकार सम्मान जनक पद दे तो यह खिलाड़ी अपने राज्य के लिए खेलेंगी।
श्री कौशिक की मांग पर प्रदेश सरकार कितना गौर करती है, यह अलग बात है, लेकिन अब कम से कम यह बात तय है कि अगर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सबा अंजुम को नौकरी देते हैं तो जहां इस खिलाड़ी के छत्तीसगढ़ से खेलने से प्रदेश की टीम मजबूत हो जाएगी, वहीं प्रदेश की खिलाडिय़ों को भी सबा से बहुत कुछ सिखने का मौका मिलेगा। वैसे भी सबा जब दुर्ग आती हैं तो वहां की खिलाडिय़ों के साथ अपने अनुभव बांटने का काम करती हैं। प्रदेश की सभी खिलाडिय़ों को सबा के छत्तीसगढ़ लौटने का इंतजार है।

रूढ़की-पाम्पोस में आज खिताबी भिड़ंत

अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी में शुक्रवार को बीईजी रूढ़की और पाम्पोस हास्टल उड़ीसा के बीच दोपहर तीन बजे खिताबी भिड़ंत होगी। मैच के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पुरस्कार वितरित करेंगे। विजेता टीम को ५१ हजार और उपविजेता टीम को ३१ हजार की नकद राशि भी दी जाएगी। आज खेले गए सेमीफाइनल मैचों में रूढ़की के साथ पाम्पोस को भी गोल्डन गोल में जीत मिली। रूढ़की ने जहां बीआरसी दानापुर को हराया वहीं पाम्पोस ने एसएसबी गुवाहाटी को मात दी।
ेएथलेटिक क्लब द्वारा नेताजी स्टेडियम में आयोजित स्पर्धा में आज पहला सेमीफाइनल मैच रूढ़की और बीआरसी दानापुर के बीच खेला गया। इस मैच में कांटे के मुकाबले के बाद कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई। ऐसे में पहली बार मैच का फैसला करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया। इस अतिरिक्त समय के चौथे मिनट में ही रूढ़की के ए. गुप्ता ने गोल करके अपनी टीम को गोल्डन गोल से जीत दिला दी।
दूसरे सेमीफाइनल में पाम्पोस और एसएसबी गुवाहाटी के बीच भी कांटे का मुकाबला हुआ। इस मैच में पाम्पोस के लिए पहला गोल खेल के २१ वें मिनट में बीके कुजूर ने किया। यह गोल पेनाल्टी कार्नर से हुआ। इस गोल के दो मिनट बाद ही गुवाहाटी ने एक पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर बराबरी प्राप्त कर ली। यह गोल आर सिंग ने किया। इसके बाद पहले हॉफ और फिर दूसरे हॉफ में भी कोई गोल नहीं हो सका। मैच का फैसला करने के लिए इस मैच में भी अतिरिक्त समय दिया गया। इस अतिरिक्त समय के ११वें मिनट में केके सिंग ने गोल करके पाम्पोस को फाइनल में स्थान दिला दिया। इस मैच में पाम्पोस को सात पेनाल्टी कॉर्नर मिले जिसमें से एक को गोल में बदला गया गुवाहाटी को एक मात्र पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसे गोल में बदला गया।
एथलेटिक क्लब के अध्यक्ष गजराज पगारिया और सचिव हफीज यजदानी ने बताया कि स्पर्धा में कल फाइनल मैच दोपहर को तीन बजे खेला जाएगा। मैच के बाद होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। विशेष अतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी, हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी, खेल संचालक जीपी सिंह और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मृणाल चौबे होंगे। विजेता टीम को ट्रॉफी के साथ ५१ हजार और उपविजेता टीम को ट्रॉफी के साथ ३१ हजार की नकद राशि दी जाएगी।

गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010

रूपेन्द्र छत्तीसगढ़ किशोर

राज्य कुश्ती स्पर्धा में जय बजरंग व्यायाम शाला के रूपेन्द्र साहू को छत्तीसगढ़ किशोर का खिताब मिला।

यह जानकारी देते हुए जय बजरंग व्यायाम शाला के बजरंग सिंह ने बताया कि भाटागांव में आयोजित कुश्ती में महेन्द्र सिंह ठाकुर को ३९ किलो वर्ग में छत्तीसगढ़ कुमार का खिताब मिला। इस वर्ग में विकास सिंह ठाकुर दूसरे और करण यादव तीसरे स्थान पर रहे। स्पर्धा पांच खिताबों के लिए हुए मुकाबलों में राज्य के कई जिलों के पहलवान आए थे। छत्तीसगढ़ किशोर वर्ग में प्रशांत गोयल दूसरे और त्रितिय राजा ध्रुव तीसरे स्थान पर रहे। छत्तीसगढ़ अर्जुन का खिताब बाबी ठाकुर ने जीता। नरेन्द्र ध्रुव दूसरे और देव कुमार सहू तीसरे स्थान पर रहे। छत्तीसगढ़ भीम का खिताब राजेन्द्र सोनकर को मिला। दूसरे स्थान पर मनीष ढीमर और तीसरे स्थान पर प्रफुल ठाकुर तीसरे स्थान पर रहे। छत्तीसगढ़ चैंपियन का खिताब जितेन्द्र साहू ने जीता। दूसरे स्थान पर संदीप गुज्जर और तीसरे स्थान पर जैन्त देवांगन रहे।

आमंत्रण वालीबॉल हर साल करेंगे

प्रदेश क राजधानी रायपुर में पहली बार आयोजित की गई अखिल भारतीय आमंत्रण वालीबॉल स्पर्धा के बारे में प्रदेश संघ के सचिव मो. अकरम खान का कहना है कि हर साल यह आयोजन किया जाएगा।
मलेरिया मैदान में आयोजित स्पर्धा के समय चर्चा करते हुए सचिव मो. अकरम खान ने कहा कि चूंकि छत्तीसगढ़ में ३७वें राष्ट्रीय खेल होने हैं, ऐसे में हमारे संध ने फैसला किया है कि हर साल यहां पर राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में राष्ट्रीय टीमों का खेल खिलाडिय़ों को देखने का मौका मिल सके यही सोचते हुए अखिल भारतीय आमंत्रण स्पर्धा राष्ट्रीय खेलों के होने तक आयोजित करवाने का फैसला किया गया है। इस स्पर्धा से प्रदेश के वालीबॉल खिलाडिय़ो में निखार आएगा और उनका खेल अच्छा होगा इसकी पूरी संभावना है।

बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

पाम्पोस-रूड़की क्वार्टर फाइनल में

अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी में पाम्पोस हास्टल उड़ीसा के साथ बीईजी रूड़की ने अपने-अपने मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। आज बेमौसम हुई बारिश के कारण सारे क्वार्टर फाइनल मैच रद्द करने पड़े। अब चारों क्वार्टर फाइनल मैच २४ फरवरी को खेले जाएंगे।
एथलेटिक क्लब द्वारा नेताजी स्टेडियम में आयोजित स्पर्धा में आज पहला प्रीक्वार्टर फाइनल मैच बीईजी रूड़की और बिहार पुलिस पटना के बीच खेला गया। इस मैच में हुए कड़े मुकाबले में रूड़की ने ३-२ से जीत प्राप्त कर क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया। मैच का पहला गोल रूड़की के राजेश केरकेटा ने खेल के २४वें मिनट में किया। इसके सात मिनट बाद ही पी. टोपनो ने गोल करके अपनी टीम को २-० से आगे कर दिया। पहले हॉफ में रूड़की की टीम २-० से आगे थी।
दूसरे हॉफ का खेल प्रारंभ होने पर पटना ने बराबरी पाने जोर लगाया और लगातार हमले किए। इसके फलस्वरूप खेल के दूसरे मिनट में ही पी. हंस ने गोल करके रूड़की की बढ़त कम कर दी। लेकिन गोल करने की खुशी पटना के खेमे में ज्यादा समय तक नहीं रही और एक मिनट बाद ही ३८वें मिनट में संतलाल ने गोल करके रूड़की को ३-१ से आगे कर दिया। खेल के ५०वें मिनट में डी के अंदर पटना के खिलाड़ी को बाधा पहुंचाने के कारण पेनाल्टी दी गई। इसे गोल में बदलने में प्रभात ने कोई गलती नहीं की। इसके बाद पटना ने पूरा प्रयास किया कि उसे ३-३ की बराबरी मिल जाए, पर उसके खिलाड़ी अंत तक रूड़की की रक्षापंक्ति को भेदने में सफल नहीं हुए और रूड़की ने मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया। रूड़की को मैच में ९ पेनाल्टी कॉर्नर मिले जिसमें से एक गोल में बदला गया।
दूसरे मैच में पाम्पोस हास्टल और बीईजी पुणे के बीच भी कांटे का मुकाबला हुआ। इस मैच में पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने का जलवा देखने को मिला। मैच का पहला होल पाम्पोस के लिए ए. तिर्की ने १०वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर से किया। इसके पांच मिनट बाद ही पुणे के एस. कुंडला ने भी पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर अपनी टीम को बराबरी दिला दी। खेल के ३०वें मिनट में पाम्पोस के वी. मिंज ने मैदानी गोल करके अपनी टीम को २-१ से बढ़त दिला दी। यह बढ़त पहले हॉफ के बाद दूसरे हॉफ में भी १५ मिनट तक कायम रही। खेल के ५०वें मिनट में एस. कुंडला ने गोल करके पुणे को २-२ की बराबरी पर ला खड़ा। लेकिन यह बराबरी महज दो मिनट तक ही रही। खेल के ५२वें मिनट में एक बार फिर से ए. तिर्की ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर अपनी टीम को ३-२ से आगे कर दिया। इसके दो मिनट बाद ही पाम्पोस के ए. दास ने भी पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर अपनी टीम को ४-२ से आगे कर दिया। दो गोलों से पीछे होने के बाद पुणे ने बराबरी पाने जोर लगाया उसे एक गोल करने में मैच समाप्त होने के तीन मिनट पहले सफलता मिली। कुलदीप सिंग ने पेनाल्टी कॉर्नर से यह गोल किया। इसके बाद कोई गोल नहीं हो सका और पुणे की टीम स्पर्धा से बाहर हो गई। इस मैच में पांच गोल पेनाल्टी कॉर्नर से हुए।

फाइनल मुकाबला आज

अखिल भारतीय आमंत्रण वालीबॉल में सेमीफाइनल मैचों के साथ फाइनल मैच २४ फरवरी को शाम खेला जाएगा। बारिश के कारण आज वालीबॉल के मैच भी प्रभावित हुए।
प्रदेश वालीबॉल संघ द्वारा राजधानी में पहली बारल आयोजित इस स्पर्धा में ईस्ट कोस्ट विशाखापट्नम की टीम ने छत्तीसगढ़ पुलिस को सीधे सेटों में २८-२६, २५-१७, २५-२० से मात दी। दूसरे मैच में कर्नाटक पुलि ने नागपुर को २५-१५, २५-१८, २५-१५ से हराया।
पहला मैच हारने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम ने वापसी करते हुए दूसरे मैच में नागपुर को मात दी। मैच का पहला सेट कांटे का रहा और कई मौकों पर बराबरी के बाद अंत में यह सेट छत्तीसगढ़ पुलिस ने २६-२४ से जीता। दूसरे सेट में भी कुछ रोमांचक मुकाबला हुआ और यह सेट छत्तीसगढ़ पुलिस के खाते में २५-२१ से आया। तीसरे सेट में नागपुर की टीम ज्यादा संघर्ष नहीं कर सकी और यह सेट छत्तीसगढ़ पुलिस ने २५-१६ से जीतने के साथ मैच ३-० से जीत लिया।
कल पहले मैच में मात खानी वाली जिंदल स्टील की टीम ने भी आज वापसी करते हुए दूसरे मैच में जबलपुर को कड़े मुकाबले में ३-१ से मात दी। मैच का पहला सेट जिंदल ने कड़े संघर्ष के बाद २२-२५ से गंवा दिया, लेकिन इसके बाद तीनों सेट २५-१७, २५-२०, २५-१६ से जीत लिए।
एक अन्य मैच में विशाखापट्नम और कर्नाटक के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिला। यह मैच पांच सेटों तक चला। मैच विशाखापट्नम ने २६-२४, २४-२६, २५-१५, १६-२५ और १५-१२ से जीता।
आयोजन समिति के अध्यक्ष सतेन्द्र पांडे ने बताया कि स्पर्धा में कल सुबह के सेमीफाइनल मैच होंगे और शाम के सत्र में फाइनल मैच होगा। फाइनल मैच के बाद पुरस्कार वितरण होगा। आज मैच में बारिश के कारण बाधा पड़ी और मैदान खराब होने की वजह से मैच पुलिस मैदान में करवाए गए।

सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

भोपाल, दानापुर क्वार्टर फाइनल में

अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी में साई भोपाल और बीआरसी दानापुर की टीमें अपने-अपने मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं। भोपाल ने तमिलनाडु पुलिस चेन्नई को १-० और बीआरसी दानापुर ने ङाारखंड पुलिस को २-० से मात दी। एक अन्य मैच में बिहार पुलिस पटना ने जिंदल स्टील रायगढ़ को २-१ से मात दी। स्पर्धा में कल एक प्रीक्वार्टर फाइनल मैच के साथ चारों क्वार्टर फाइनल मैच खेले जाएंगे।
एथलेटिक क्लब द्वारा नेताजी स्टेडियम में आयोजित स्पर्धा में पहला मैच आज बिहार पुलिस पटना और जिंदल स्टील रायगढ़ के बीच खेला गया। इस मैच में पहला गोल रायगढ़ के एम. सोरेन ने खेल के ११वें मिनट में किया। इस गोल के दो मिनट बाद ही पटना के सुधीर केरकेटा ने गोल करके अपनी टीम को बराबरी दिला दी। पहले हॉफ में मुकाबला १-१ से बराबर रहा। मैच के दूसरे हॉफ के दूसरे ही मिनट में सुधीर ने फिर से एक गोल दाग दिया और अपनी टीम को २-१ से आगे कर दिया। अंत में मैच का फैसला इसी स्कोर पर हुआ और पटना ने मैच जीतकर अंतिम १६ में स्थान बना लिया। मैच में रायगढ़ को १० पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन एक भी गोल में नहीं बदला जा सका। अब पटना का कल बीईसी रूड़की से मुकाबला होगा।
आज का दूसरा मैच साई भोपाल और तमिलनाडु पुलिस चेन्नई के बीच खेला गया। इस मैच का फैसला एक मात्र गोल से हुआ। यह गोल खेल के १०वें मिनट में भोपाल के विक्टर मिंज ने किया। इस मैच में विजेता टीम को तीन और पराजित टीम को चार पेनाल्टी कॉर्नर मिले। आज का मैच जीतकर साई भोपाल ने क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया।
तीसरे मैच में बीआरसी दानापुर ने ङाारखंड पुलिस को आसानी से २-० से मात दी। इस मैच में पहला गोल खेल के सातवें मिनट में एसपी तिर्की ने किया। दूसरा गोल २१वें मिनट में एम लकड़ा ने किया। यह मैच इसके बाद पूरी तरह से नीरस रहा। मैच में दानापुर को दो और ङाारखंड को एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला।
एथलेटिक क्लब के सचिव हफीज यजदानी ने बताया कि स्पर्धा में कल २३ फरवरी को पांच मैच खेले जाएंगे। पहला मैच जो की प्रीक्वार्टर फाइनल मैच होगा सुबह ८ बजे बीईसी रूड़की और बिहार पुलिस पटना के बीच खेला जाएगा। इसके बाद पहला क्वार्टर फाइनल मैच एमईजी बेंगलोर और बीआरसी दानापुर के बीच होगा। दूसरा क्वार्टर फाइनल मैच बीईसी पुणे और साई भोपाल के बीच तीसरा क्वार्टर फाइनल सेंट्रल रेलवे नागपुर और सशस्त्र सीमा बल गुवाहाटी के बीच और चौथा क्वार्टर फाइनल मैच को ऑफ सिग्नल जालंधर का प्रीक्वार्टर फाइनल मैच की विजेता टीम से होगा।

पहला मैच जबलपुर ने जीता

आमंत्रण वालीबॉल के पहले मैच में जबलपुर रेलवे ने कड़े मुकाबले में बिलासपुर रेलवे को ३-२ से मात देकर पहला मैच जीत लिया। दूसरा मैच तमिलनाडु ने जिंदल स्टील रायगढ़ को ३-० से मात देकर जीता।
प्रदेश वालीबॉल संघ द्वारा पहली बार आयोजित इस राष्ट्रीय स्पर्धा में पहला मैच जबलपुर और बिलासपुर के बीच खेला गया। यह मैच कांटे का रहा। पहला सेट जबलपुर ने २५-२३ से जीता, दूसरा बिलासपुर ने २५-१६ से तीसरे सेट पर बिलासपुर ने २५-२१ से कब्जा किया तो चौथा सेट बिलासपुर ने २५-१८ से हासिल कर लिया। पांचवें और निर्णायक सेट में जोरदार मुकाबलेके बाद जबलपुर ने यह सेट १५-१३ से जीतकर मैच ३-२ से जीत लिया।

स्पर्धा में दूसरा मैच जिंदल स्टील रायगढ़ और तमिलनाडु के बीच खेला गया। यह मैच एकतरफा रहा और इसमें जिंदल को सीधे सेटों में ०-३ से मात खानी पड़ी। तमिलनाडु ने यह मैच २५-२०, २५-२१, २५-२३ से जीता। स्पर्धा में ८ टीमें खेल रहीं है।
स्पर्धा का शाम के सत्र में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने उद्घाटन किया और कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रदेश में खेलों का विकास होगा। उन्होंने आयोजन के लिए प्रदेश संघ को बधाई दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर किरणमयी नायक ने की। विशेष अतिथि धरसीवां के विधायक देवजी पटेल थे। इस अवसर पर प्रदेश वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान, सतेन्द्र पांडे, नितिन पांडे सहित संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।

खुशाल, भरत, प्याली बने चैंपियन

विकलांग कैरम के फाइनल मैचों में खुशाल बॉग, भरत और प्याली ने अपने -अपने मैच जीतकर चैंपियन बनने का कमाल दिखाया।
प्रदेश कैरम संघ द्वारा पहली बार आयोजित इस तरह की स्पर्धा में १४ साल वर्ग के फाइनल में खुशाल बॉग ने प्रवीण को कड़े मुकाबले में २०-१७ से परास्त कर खिताब जीत लिया। इसके पहले खुशाल ने नावेल बागड़ी को १५-६ प्रवीण ने अजय को १०-० से हराया।
मंदबुद्धि बालक वर्ग के फाइनल में आकाश गुरुंग ने दीपक यादव को १७-१० से परास्त किया। मानसिक पक्षघात के बालक वर्ग में भरत ने लीलाधर को १५-०६ से परास्त कर खिताब जीता।
मानसिक रूप से अविकसित बालिका वर्ग के फाइनल में प्याली मुखर्जी ने शालनी को २०-१४ से मात देकर खिताब जीता। बालक वर्ग के फाइनल में थानेश्वर ने नंदकुमार को २०-१३ से हराया। इसके पहले सेमीफाइनल में नंदकुमार ने लोचन को १४-१३ से हराया। स्पर्धा के निर्णायक रवि सोनी, विजय महानंद, गौरव खांडेकर, सम्राट सोनी, मो. फारूख थे।
कैरम संघ के विजय कुमार ने बताया कि पहली बार आयोजित की गईथी, लेकिन स्पर्धा में खिलाडिय़ों ने काफी उत्साह से भाग लिया।

सुनहरी यादें लेकर लौंटी हॉकी इंडिया टीम



भारतीय हॉकी टीम आज शाम को भोपाल के लिए वापस लौट गई। टीम ने दो दिनों के छत्तीसगढ़ प्रवास में बहुत सी सुनहरी यादें अपनी ङाोली में समेटीं। टीम की खिलाड़ी यह कहती हुईं यहां से लौंटी की जब भी छत्तीसगढ़ आने का मौका मिलेगा, हम जरूर आएंगी। पहले दिन खेले गए मैच की थकान मिटाने खिलाडिय़ों ने जहां माई नेम इज खान फिल्म देखी, वहीं शहर भ्रमण भी किया। अब खिलाड़ी भोपाल वापस पहुंच कर फिर से विश्व कप की तैयारी में लग जाएगीं। विश्व कप अगस्त में होगा, इसके पहले टीम को कुछ देशों के साथ टेस्ट मैच खेलने हैं।
वीरेसन सिंधु के साथ हरिभूमि की पहल पर पहली बार छत्तीसगढ़ आई भारतीय हॉकी टीम का दो दिनों का छत्तीसगढ़ प्रवास बहुत ही सुखद रहा। टीम की कप्तान सुरिन्द्रर कौर के साथ छत्तीसगढ़ की सबा अंजुम टीम की स्टार खिलाड़ी ममता खरब, योगिता, सुभद्रा प्रधान, जोयदीप कौर, दीपिका ठाकुर, टीएच रंजीता, रानी देवी, रौशलीन डुंगडुंग, अनुराधा, जसजीत कौर, दीपिका मूर्ति, बिनीता टोपो, इती श्रीवास्तव, मुक्ता बारला, किरणदीप कौर, रितु रानी, सुनीता लकड़ा, चानचन देवी, मोनिका बारला, पूनम रानी के साथ टीम के कोच एमके कौशिक, वासु थपलियाल, फिजियोथेरपिस्ट विशाल धवन ने एक स्वर में कहा हमने सोचा नहीं था कि हमारी टीम को यहां पर इतना ज्यादा सम्मान मिलेगा। इन्होंने कहा कि मैच में राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के साथ खेल मंत्री लता उसेंडी सहित कई मंत्रियों और अफसरों का रहना सुखद रहा। आज सुबह राज्यपाल से हुई मुलाकात को भी इन्होंने यादगार बताते हुए कहा कि उनके यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि राज्यपाल खेल के इतने अच्छे जानकार है। इन्होंने कहा कि हम लोगों को उस समय बहुत ज्यादा खुशी होती है जो खेल का जानकार मिलता है। श्री कौशिक ने बताया कि राज्यपाल से उनका बरसों पुराना नाता है।
सभी खिलाडिय़ों ने कहा कि वास्तव में ऐसे समय में हमें वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि परिवार से छत्तीसगढ़ बुलाकर सम्मानित किया और प्रोत्साहन दिया जिसकी हमें बहुत ज्यादा जरूरत थी। इन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि इस सम्मान के बाद हम लोगों का मनोबल बढ़ा है और अब हमारी टीम जरूर विश्व कप में कुछ करने के जज्बे के साथ उतरेगी। मैच के बारे में खिलाडिय़ों ने कहा कि एक दोस्ताना मैच में इतनी ज्यादा भीड़ की उम्मीद नहीं थी। पूछने पर खिलाड़ी कहती हैं कि कुछ स्थानों इन्होंने पहले भी दोस्ताना मैच खेले हैं, पर इतनी भीड़ इसके पहले कभी नहीं देखीं। सभी ने एक स्वर में कहा कि जब भी छत्तीसगढ़ फिर से आने का मौका मिलेगा हम लोग जरूर आएंगी।


छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी अच्छी हैं

टीम की कप्तान ने छत्तीसगढ़ की उन १० खिलाडिय़ों के बारे में कहा कि वास्तव में यहां की खिलाड़ी अच्छी है, अगर इनको अच्छे कोच से प्रशिक्षण मिले और इनको एस्ट्रो टर्फ की सुविधा मिल जाए तो छत्तीसगढ़ की एक नहीं कई खिलाड़ी भारतीय टीम में स्थान बना सकती है। उन्होंने कहा कि यहां की खिलाडिय़ों को सुविधाएं दिलाने का काम सरकार को करना चाहिए।

हॉकी का सम्मान करने वाले सिंधु का सम्मान

भारतीय महिला हॉकी टीम को १० लाख की सम्मान राशि देने की पहल करने वाले छत्तीसगढ़ के उद्योगपति वीरसेन सिंधु की पहल को अनुकरणीय मानते हुए उनका सम्मान राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने किया। श्री सिंध ुकी पहल की चौतरफा सराहना हो रही है। प्रदेश सरकार लेकर खेल संघों में इस बात की खुशी है कि छत्तीसगढ़ के पास भी ऐसे उद्योगपति हैं जो देश के खेलों का सम्मान करना जानते हैं। अब ऐेसा माना जा रहा है श्री सिंधु की पहल से छत्तीसगढ़ के साथ देश के उद्योगपतियों को एक प्रेरणा मिलेगी और छत्तीसगढ़ के खेल जगत को भी एक नई राह मिलेगी।

देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी को संकट की घड़ी में एक नई राह दिखाने का काम करने वाले प्रदेश के जाने-माने उद्योगपति वीरसेन सिंधु द्वारा भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाडिय़ों को दी गई १० लाख की राशि की पहल को शानदार मानते हुए श्री सिंधु का सम्मान श्रीफल और शाल देकर किया गया। यह सम्मान नेताजी स्टेडियम में प्रदर्शन मैच के बाद प्रदेश के राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने किया। श्री सिंधु की पहल की राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खुले दिल ने तारीफ की और उम्मीद जताई कि इस पहल से अन्य उद्योगपतियों की भी प्ररेणा मिलेगी।
इधर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक जीपी सिंह ने कहा कि प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु ने देश के राष्ट्रीय खेल के लिए जो पहल की है, उसकी मिसाल का मिलना मुश्किल है। श्री सिंधु ने यह बताया है कि अगर देश के उद्योगपति आगे आएं तो देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी की बात हो या फिर किसी और खेल की, उसको संकट की घड़ी में मदद की जा सकती है। श्री सिंह ने कहा कि श्री सिंधु की पहल के बाद खेल विभाग ने भी इस पहल में भागीदारी करते हुए भारतीय हॉकी टीम की सितारा खिलाडिय़ों को छत्तीसगढ़ लाने में मदद की, औैर इन खिलाडिय़ों ने यहां आकर एक ऐतिहासिक मैच खेला। इस मैच के रोमांच के बारे में क्या कहा जा सकता है। भारतीय खिलाडिय़ों का आकर्षण इतना गजब का रहा कि सभी ने इनके खेल का मजा लिया। खेल विभाग के लिए भी यह गर्व की बात है कि वह भारतीय टीम के खिलाडिय़ों को छत्तीसगढ़ लाने और उनको सम्मान राशि देने के कार्यक्रम में सहभागी बना।

श्री सिंह ने बताया कि हमारा विभाग वैसे भी प्रारंभ से खेलों के विकास में उद्योग जगत की मदद लेते रहा है। हॉकी को भी खेल विभाग की पहल पर पूर्व में छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल ने गोद लेकर मदद की थी। और भी कुछ खेलों को उद्योगपति मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि श्री सिंधु की पहल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के उद्योगजगत को खेल और खिलाडिय़ों की मदद करने की एक नई राह दिखाएगी।
श्री सिंधु की पहल को प्रदेश के सभी खेल संघों ने शानदार बताते हुए उम्मीद जताई है कि अब इस पहल के बाद प्रदेश के दूसरे उद्योगपति भी जागेंगे और जरूर छत्तीसगढ़ में खेलों की फिजा बदलेगी और छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों को मदद मिलने की एक नई राह मिलेगी। ऐसी मदद हर खेल में मिलने लगे तो जरूर छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी हर खेल की राष्ट्रीय टीम में नजर आएंगे।

रविवार, 21 फ़रवरी 2010

रायगढ़ ने मैकान रांची को टाईब्रेकर में दी ६-५ से मात

अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी में आज रायगढ़ ने मैकान रांची को टाईब्रेकर में ६-५ से मात दी। अन्य मैचों में बिहार पुलिस पटना ने आन्ध्र हॉकी एसोसिएन गुंटुर को २-१ और साई भोपाल ने सेल रांची को ३-० से मात दी।
नेताजी स्टेडियम में खेले गए पहले मैच में रायगढ़ की टीम के लिए पहला गोल खेल के १०वें मिनट में विकास टोपो ने किया। इसके छह मिनट बाद ही रांची को विमल मिंज ने बराबरी दिला दी। इसके बाद मैच में कोई गोल न होने पर मैच का फैसला करने के लिए टाईब्रेकर का सहारा लिया गया। इसमें रायगढ़ के लिए डी. खाको, विकास टोपो, जेवियर इक्का, रमेश लकड़ा, अनिक खाका ने गोल किए। रांची के लिए विमल ङ्क्षमंज, ललित इक्का, दिलीप खाका, याकूब ङ्क्षकंडो ने गोल किए जबकि सुमन तिर्की गोल नहीं कर पाए।
दूसरे मैच में बिहार पुलिस पटना ने आन्ध्र हॉकी एसोसिएशन को २-१ से हराया। इस मैच में पहला गोल पटना के लिए दीपक ने चौथे मिनट में किया। ३६वें मिनट में राजेश ने बराबरी का गोल किया। खेल के ४७वें मिनट में वीएस राणा ने पेनाल्टी कॉर्नर से गोल करके अपनी टीम की जीत तय कर दी।
तीसरे मैच में साई भोपाल ने सेल रांची को एकतरफा मुकाबले में ३-० से हराया। मैच का पहला गोल खेल के २४वें मिनट में रवि पारीख ने किया। इसके बाद ५४वें मिनट में आलम बेग और ५८वें मिनट में जुनेद अंसारी ने गोल किए। इस मैच में साई के खिलाडिय़ों के आग रांची के खिलाड़ी कहीं भी ठहर नहीं सके। मैच में रांची की टीम पूरी तरह से बिखरी हुई नजर आई। मैच के तकनीकी निदेशक डॉ. क्यूए वाहिद ने बताया कि आज के मैचों के अंपायर देवेश शुक्ला, थम्बू राज, परवेज शुकीलुद्दीन, इकबाल अहमद, जावेद शेख और अब्दुल नियाज थे।

अभा वालीबॉल आज से

अखिल भारतीय आमंत्रण वालीबॉल का प्रारंभ २२ फरवरी से राजधानी रायपुर के मलेरिया मैदान में होगा। स्ुधर्धा में पहले दिन चार मैच खेले जाएंगे।
यह जानकारी देते हुए आयोजन समिति के नितिन पांडेय ने बताया कि रायपुर में पहली बार अखिल भारतीय स्पर्धा का आयोजन किया गया है। इस स्पर्धा में आईसीएफ तमिलनाडु, कर्नाटक पुलिस, ईस्ट कोस्ट रेलवे विशाापट्नम, नागपुर जिला, जबलपुर रेलवे, दपू रेलवे बिलासपुर, जिंदल स्टील एंड पावर लि. रायगढ़, छत्तीसगढ़ पुलिस की टीमें खेलेंगी। स्पर्धा लीग कम नाकआउट आधार पर खेली जाएगी। स्पर्धा के पहले दिन चार मैच होंगे दूसरे दिन ८ मैच और तीसरे और अंतिम दिन चार मैच होंगे। स्पर्धा में कल मैच तीन बजे से खेले जाएंगे। स्पर्धा का औपचारिक उद्घाटन शाम को सात बजे शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। अध्यक्षता महापौर किरणमयी नायक करेंगी। विशेष अतिथि धरसीवां के विधायक देवजी पटेल, खेल संचालक जीपी सिंह, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के पूर्व अध्यक्ष सुभाष राव होंगे।

खिलाडिय़ों का बाजे-गाजे से साथ जोशीला स्वागत



अमरकंटक एक्सप्रेस जैसे ही राजधानी रायपुर के प्लेटफार्म नंबर एक पर आती नजर आई, ढोल बचने लगे। इसके बाद जैसे ही भारतीय हॉकी टीम की सितारा खिलाडिय़ों के कदम प्लेटफार्म पर पड़े उन पर फूलों की वर्षा होने लगी। खिलाडिय़ों को ढोल-बाजे के के साथ स्टेशन के बाहर लाया गया और यहां पर प्रारंभ हुआ उनके स्वागत का सिलसिला। खिलाडिय़ों के स्वागत के लिए हरिभूमि परिवार के मुखिया प्रबंध संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ हरिभूमि परिवार से सदस्य, खेल संचालक जीपी सिंह, खेल विभाग विभाग के अधिकारी, प्रदेश महिला हॉकी संघ , एथटेलिक क्लब के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारी आए थे।


स्टेशन के बाहर खिलाडिय़ों का सबसे पहले तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इसके बाद खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए डॉ। हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि यहां पर आप सभी भारतीय टीम के सितारों को बुलाने का मकसद महज एक मैच करवाना और सम्मान राशि देना नहीं है। हमारी ऐसी सोच रही है कि आप लोग जो कि देश की शान हैं और देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी की कमान संभालकर रखी है तो आप लोगों को इस बात का कभी मलाल न हो कि आप लोगों ने आखिर हॉकी स्टिक क्यों थामी। हम लोगों का ऐसा प्रयास रहेगा कि आप लोग दो दिन के छत्तीसगढ़ प्रवास में ऐसी सुखद यादें लेकर लौंटे कि आप को हॉकी स्टिक थामने पर गर्व महसूस हो और आप लोग हॉकी जगत में देश का नाम और ऊंचा करें।


खेल संचालक जीपी सिंह ने इस मौके पर कहा कि यह एक अच्छी बात है कि हरिभूमि ने देश के राष्ट्रीय खेल को एक नया जीवन देने के लिए पहल करते हुए आप लोगों को यहां आमंत्रित किया है। आप लोगों से मिलने और आपका खेल देखने के लिए प्रदेश के राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह के साथ सभी बेताब हैं। उन्होंने कहा कि आप देखेंगी कि आपका जब यहां पर मैच होगा तो उस मैच को देखने के लिए कितने लोग आएंगे।


उद्बोधन के बाद खिलाडिय़ों को गुलाब देकर डॉ. हिमांशु के साथ जीपी सिंह और खेल संघों के लोगों ने स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नीता डुमरे, हॉकी संघ के नोमान अकरम, हॉकी खिलाड़ी रश्मि तिर्की, मोनिका, दीपिका वैरागढ़े, खेल विभाग के उपसंचालक ओपी शर्मा, राज्य खेल अधिकारी अजीत कुमार टोपो, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, एनआईएस कोच गजेन्द्र पांडे, सरिता कुजूर, सुधा कुमार, संजय पाल, मुकेश यादव, रश्मि सुबा, वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान, सतेन्द्र पांडे, रवीन्द्र कुमार, नेटबॉल संघ के संजय शर्मा, कैरम संघ के विजय कुमार, रवि सोनी, जंप रोप संघ के अखिलेश दुबे, एथलेटिक क्लब के मंसूर अहमद, हफीज यजदानी, परवेज शकीलुद्दीन निराला, हरिभूमि परिवार से प्रशांत तिवारी, संजय बनवासी, अंनत राम साहू, राजकुमार सोनी, राजकुमार ग्वालानी, वरूण झा, तिलकेश्वरी पठारे, दिनेश कुमार उपस्थित थे।

हॉकी के दिन लौटेंगे: सीएम



मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश के बीच खेले गए हॉकी के प्रदर्शन मैच के बाद मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने कहा कि जिस तरह से हरिभूमि ने यहां पर एक पहल की है, वह सराहनीय है। उन्होंने भरोसा जताया कि हॉकी के पुराने दिन जरूर लौटेंगे और भारतीय महिला हॉकी टीम विश्व में सरताज बनेगी। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष की टीम हार रही थी तो वे कह रहे थे कि मैं टीम को कुछ टिप्स देना चाहता हूं। लेकिन मैंने उनको रोक लिया, अगर वे खिलाडिय़ों के बीच चले जाते तो मेरी टीम हार जाती।


पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल ने कहा कि हरिभूमि परिवार ये यहां जो आयोजन किया है, वह सराहनीय है। इसका जरूर दूसरे लोग भी अनुशरण करेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ३७वें राष्ट्रीय खेल होने वाले हैं, ऐसे आयोजन से खेलों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खेलों को प्रोत्साहन करने का काम कर रही है।


छत्तीसगढ़ में हॉकी में भी करंट पैदा करने की क्षमता है: अभिमन्यु

मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश के बीच खेले गए हॉकी के प्रदर्शन मैच के बाद कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित हरिभूमि के प्रधान संपादक कैप्टन अभिमन्यू ने कहा कि छत्तीसगढ़ को बिजली के उत्पादन के लिए जाना जाता है। मैं कहना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ केवल बिजली पैदा करना ही नहीं जानता है बल्कि हॉकी में करंट पैदा करने की भी क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय खेल पर संकट के बादल मडंराए तो खिलाडिय़ों की मदद करने के लिए छत्तीसगढ़ के उद्योगपति और पूर्व राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी वीरसेन सिंधु सामने आए। उन्होंने १० लाख की राशि खिलाडिय़ों को देने की मंशा जताई और हरिभूमि परिवार ने इस राशि को देने के लिए यह आयोजन किया। उन्होंने कहा कि हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि जब भी देश के राष्ट्रीय खेल पर किसी भी तरह का संकट आएगा तो छत्तीसगढ़ के उद्योगपति हमेशा आगे आएंगे। उन्होंने आयोजन के लिए हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ। हिमांशु द्विवेदी के प्रयासों की सराहना की।


खिलाडिय़ों की दी गई सम्मान राशि

कार्यक्रम के अंत में भारतीय टीम की २२ खिलाडिय़ों सबा अंजुम, योगिता बाली, सुभद्रा प्रधान, जोयदीप कौर, दीपिका ठाकुर, टीएच रंजीता, ममता खरब,रानी देवी, रौशलीन डुंगडुंग, अनुराधा, जसजीत कौर, सुरिन्द्रर कौर, दीपिका मूर्ति, बिनीता टोपो, इती श्रीवास्तव, मुक्ता बारला, किरणदीप कौर, रितु रानी, सुनीता लकड़ा, चानचन देवी, मोनिका बारला, पूनम रानी को ४०-४० हजार का सम्मान राशि स्मृति चिंह दिया गया। इसी के साथ टीम के भारतीय टीम के साथ राष्ट्रीय कोच एमके कौशिक, वासु थपलियाल (कोच) एवं विशाल धवन (फिजियोथेरपिस्ट) को २१-२१ की राशि दी गई। छत्तीसगढ़ की दस खिलाडिय़ों रेणुका राजपूत, पूनम सोना, शोभा वर्टी, योगिता, लावेन पूजा राजपूत , वर्षा देवांगन, सेवंती कुसरे, माया, प्रियंका को पांच-पांच हजार की सम्मान राशि अतिथियों द्वारा दी गई। छत्तीसगढ़ की पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नीता डुमरे को हरिभूमि की तरफ से ११ हजार रुपए देकर सम्मानित किया गया।


इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, खेल मंत्री लता उसेंडी, महापौर किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के बलदेव सिंह भाटिया, प्रदेश ओलंपिक संघ के डॉ. अनिल वर्मा, संस्कृति विभाग के आयुक्त राजीव श्रीवास्तव, खेल संचालक जीपी सिंह, विधानसभा सचिव देवेन्द वर्मा, रवि तिवारी, प्रदेश ओलंपिक संघ के बशीर अहमद खान, मो. अकरम खान, गुरुचरण सिंह होगा, एथलेटिक क्लब के गजराज पगारिया सहित खेल विभाग के अधिकारी और खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ खेलों में होगा अव्वल:शेखर दत्त


राज्यपाल शेखर दत्त ने कहा कि छत्तीसगढ़ जिस तरह से अर्थव्यवस्था में आगे है, वैसे ही खेलों में भी आगे होगा। यह राज्य के लिए गौरव की बात है कि देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी में छत्तीसगढ़ के दो खिलाड़ी सबा अंजुम और मृणाल चौबे भारतीय टीम से खेलते हैं। अन्य खेलों में यहां के खिलाड़ी प्रदेश के साथ देश का नाम रौशन कर रहे हैं।

राज्यपाल ने ये बातें यहां पर नेताजी स्टेडियम में हरिभूमि द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश के बीच खेले गए हॉकी के प्रदर्शन मैच के बाद कहीं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ अर्थव्यवस्था के मामले में काफी आगे है। मेरे को जो जानकारी है उसके मुताबिक भारतीय हॉकी टीम में छत्तीसगढ़ के मृणाल चौबे के साथ सबा अंजुम खेल रही हैं। अन्य खेलों में भी यहां के खिलाड़ी भारतीय टीम से खेल रहे हैं। ऐसे में यह बात तय है कि छत्तीसगढ़ खेलों में भी अव्वल होगा।


उन्होंने कहा कि उनको यहां पर हॉकी का मैच देखने का मौका मिला यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वे भारतीय टीम के कोच एमके कौशिक को बरसों से जानते हैं। वे ओलंपिक में खेले हैं और कई सालों से भारतीय महिला हॉकी टीम को निखारने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी महिला टीम ने कामनवेल्थ के साथ एशियाई खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।

रायपुर के दर्शकों की तारीफ करे हुए राज्यपाल ने कहा कि यह सुखद है कि यहां पर इतने ज्यादा दर्शक आए और उन्होंने खिलाडिय़ों के खेल की तारीफ की। बकौल राज्यपाल किसी भी खेल में खिलाडिय़ों को मिलने वाली दाद उनके खेल को निखारने का काम करती है। दाद मिले बिना खिलाड़ी प्रोत्साहित नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी जब किसी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीतते हैं तो उनके लिए राष्ट्रगान बजाया जाता है। कामनवेल्थ में जब खिलाडिय़ों के पदक जीतने पर राष्ट्रगान बज रहा था तो वहां पर उपस्थित भारतीय दर्शक अपने देश के तिरंगे को निहार रहे थे। यह बड़े गर्व की बात होती है।

सीएम ने कहा जीतो और जीत गई टीम


नेताजी स्टेडियम के खचा-खच भरे मैदान में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने टॉस करने के बाद अपनी टीम की कप्तान सबा अंजुम से कहा कि मैच जीतो और उनकी टीम ने रोमांचक मुकाबले में विधानसभा अध्यक्ष एकादश को टाईब्रेकर में ५-२ से मात दे दी। जीत से खुश मुख्यमंत्री ने मैच में खेलने वाली सभी खिलाडिय़ों को ११-११ हजार की राशि और तीन गोल बचाने वाली अपनी टीम की गोलकीपर योगिता को २१ हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की। मैच के बाद भारतीय हॉकी टीम की खिलाडिय़ों को प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु द्वारा १० लाख की सम्मान राशि दी गई। इस राशि का वितरण राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के साथ अन्य अतिथियों ने किया।

नेताजी स्टेडियम में हरिभूमि द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश के लिए जब टॉस करने मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह मैदान में गए तो उन्होंने टॉस किया। टॉस के बाद मुख्यमंत्री ने अपनी टीम की कप्तान सबा अंजुम से कहा कि मैच जीतना है। संभवत: मुख्यमंत्री की मंशा को सबा अंजुम ही नहीं उनकी टीम की सभी खिलाड़ी समङा भी गईं और मैच में पूरी जान लगा दी। मैच के चौथे मिनट में ही मुख्यमंत्री एकादश की तरफ से जसजीत कौर ने गोल करके अपनी टीम को १-० से आगे कर दिया। इस गोल के बाद विधानसभा अध्यक्ष एकादश की टीम ने बराबरी पाने के लिए पूरा जोर लगा दिया। ८वें मिनट में उसे एक पेनाल्टी कॉर्नर भी मिला, लेकिन इसे गोल में नहीं बदला जा सका। इसके बाद मैच के १२वें मिनट में विधानसभा अध्यक्ष एकादश के लिए चनचन देवी ने गोल करके अपनी टीम को १-१ की बराबरी पर ला खड़ा किया। मुख्यमंत्री एकादश की टीम भी जवाबी हमले कर रही थी। मैच के ३१वें मिनट में मुख्यमंत्री एकादश को एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे गोल में नहीं बदला जा सका। पहला हॉफ १-१ की बराबरी पर समाप्त हुआ।


दूसरे हॉफ का खेल प्रारंभ होने पर एक बार फिर से विधानसभा एकादश की टीम ने हमले किए जिसके फलस्वरूप टीम को ४२वें और ४८वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन मुख्यमंत्री की रक्षापंक्ति को विधानसभा अध्यक्ष एकादश की टीम की खिलाड़ी चकमा नहीं दे पाईं। इधर मुख्यमंत्री एकादश की टीम ने हमले करके अपनी टीम को २-१ से बढ़त दिलाने में तब सफलता प्राप्त कर ली, जब रानी देवी ने खेल के ५०वें मिनट में गोल कर दिया। इस गोल से मुख्यमंत्री एकादश टीम में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन यह खुशी ज्यादा समय नहीं रही और चार मिनट बाद ही मोनिका बारला ने गोल करके विधानसभा अध्यक्ष एकादश टीम को बराबरी पर ला खड़ा किया। इसके बाद निर्धारित समय तक गोल न होने पर मैच का फैसला करने के लिए टाईब्रेकर का सहारा लिया गया। टाईब्रेकर में मुख्यमंत्री एकादश टीम की गोलकीपर योगिता से जहां गजब का बचाव करते हुए तीनों गोल रोक लिए, वहीं टीम की खिलाडिय़ों रंजीता, अनुराधा और रानी देवी ने गोल करके अपनी टीम को जीत दिला दी। मैच के अंपायर जावेद और छत्तीसगढ़ की रश्मि तिर्की थीं।


मैच जीतने के बाद मुख्यमंत्री ने खुश होकर जहां मैच खेलने वाली सभी खिलाडिय़ों को ११-११ हजार देने की घोषणा की, वहीं तीन गोल बचाने वाली गोलकीपर योगिता को २१ हजार देने की घोषणा की।

शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

गुवाहाटी ने रोका यंग तूफान को

नेहरू स्वर्ण हॉकी में तीन मैच जीतकर तूफान मचाने वाली रायपुर की यंग तूफान क्लब के तूफान पर सशस्त्र सीमा बल गुवाहाटी ने विराम लगा दिया। गुवाहाटी ने यह मैच ७-१ से जीता। एक अन्य मैच में तमिलनाडु ने स्पोट्र्स हास्टल सुंदरगढ़ को ३-१ से मात दी

नेताजी स्टेडियम में चल रही स्पर्धा में आज पहला मैच यंग तूफान क्लब और गुवाहाटी के बीच खेला गया। यह मैच पूरी तरह से एकतरफा रहा और गुवाहाटी की टीम पूरे समय मैच में छाई रही। मैच का पहला गोल पेनाल्टी कॉर्नर ने अजीत सिंग ने किया। दूसरा गोल १५वें मिनट में एसआर सिंग ने तीसरा गोल २३वें मिनट में एसआई शमीम ने, चौथा गोल ३५वें मिनट में किशोर लकड़ा ने पेनाल्टी कार्नर से किया। पांचवां गोल राम हूमान ने ३५वें मिनट में, छठा और सातवां गोल आरिफ अंसारी ने ४३वें और ५०वें मिनट में किया। यंग तूफान की तरफ से एक मात्र गोल ३७वें मिनट में पी। वर्मा ने किया।

दूसरे मैच में तमिलनाडु ने स्पोट्र्स हास्टल सुंदरगढ़ को ३-१ से परास्त किया। मैच में पेनाल्टी कॉर्नर से दो दोल आर वोहनी ने किए। पहला गोल २५वें और दूसरा ४४वें मिनट में हुआ। इसके पहले वीएस खान ने खेल के ३९वें मिनट में मैदानी गोल किया। सुंदरगढ़ की तरफ से जी. सारन ने खेल के ४८वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर से गोल किया।

सिंधु और हरिभूमि की पहल को सबने सराहा

भारतीय हॉकी टीम के सितारों को छत्तीसगढ़ की जमीं पर उतारने का काम करने वाले प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि की पहल को सभी ने एक स्वर में सराहा है। हॉकी खिलाडिय़ों से लेकर प्रदेश के हर खेल संघ के पदाधिकारी का यही कहना है कि ऐसी पहल से यह संभव ही नहीं है कि हॉकी को नया जीवन न मिले। इसी के साथ सभी का ऐसा मानना है कि ऐसी ही पहल प्रदेश के हर उद्योगपति को करनी चाहिए। अगर हर उद्योगपति खेलों के लिए इसी तरह से उदार हो जाए तो ेछत्तीसगढ़ में खेलों के विकास को पर लग सकते हैं।

पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी नीता डुमरे कहतीं हैं कि वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि ने जो पहल की है, उससे जरूर प्रदेश की हॉकी को एक नया जीवन मिलेगा। प्रदेश की हॉकी खिलाड़ी भी इस बात से उत्साहित हैं कि उनको अपने राज्य में भारतीय टीम की सितारों का खेल दिखने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि काश हमारे राज्य में एक भी एस्ट्रो टर्फ होता तो हमारा संघ हर साल भारतीय हॉकी टीम को यहां बुलाता और उनके साथ प्रदेश की टीम का मैच करवाता।

राष्ट्रीय अंपायर नोमान अकरम कहते हैं कि राजधानी में पहली बार ऐसा मैच हो रहा है। उन्होंने भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाडिय़ों की सराहना करते हुए कहा कि एक तरफ पुरुष खिलाडिय़ों ने प्रशिक्षण शिविर का बहिष्कार करके अपना विरोध जताया था तो दूसरी तरफ महिला खिलाडिय़ों ने शिविर से किनारा किए बिना काली पट्टी लगाकर ही विरोध किया था और यह बताया था कि उनके दिल में हॉकी के प्रति कितना सम्मान है।

हॉकी के निर्णायक डॉ। क्यूए वाहिद ने कहा कि राजधानी वासियों को यहां एक अच्छा मैच देखने का मौका हरिभूमि ने दिया है। सैय्य कादिर अली ने कहा कि हरिभूमि की तरह राज्य में और पहल करने की जरूरत है। पूर्व हॉकी खिलाड़ी विश्वजीत मित्रा ने कहा कि मानसिक और आर्थिक रूप से जूङा रही भारतीय टीम को वीरसेन सिंधु ने मदद करके देश में एक मिसाल पेश की है। अजीज यजदानी ने कहा कि अन्य उद्योगपतियों को भी आगे आना चाहिए।

भारतीय वालीबॉल संघ के सह सचिव और प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो। अकरम खान ने कहा कि वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि परिवार को हमारे प्रदेश वालीबॉल संघ ही नहीं बल्कि भारतीय वालीबॉल संघ परिवार की तरफ से साधुवाद है कि उन्होंने एक ऐसी पहल की है जो देश के लिए मिसाल साबित होगी। इस पहल से प्ररेणा लेते हुए प्रदेश के हर उद्योगपति को अब प्रदेश के खेलों को बढ़ाने के लिए भी आगे आना चाहिए।

कल के मैच में अंपायरिंग करने वाली राष्ट्रीय खिलाड़ी और अंपायर रश्मि तिर्की कहती हैं कि ऐसा पहल जिसके बारे में मेरे पास कहने के लिए शब्द ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं तो बहुत ज्यादा उत्साहित हूं कि मुङो भारतीय टीम की खिलाडिय़ों के मैच में अंपायरिंग करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ऐसी ही कहीं नहीं जाती है, यह तो हरिभूमि के ही बस में था जिसने ऐसा कर दिखाया है।

भारतीय टीम की खिलाडिय़ों के खिलाफ राष्ट्रीय सीनियर स्पर्धा में खेलने वाली रायपुर की राष्ट्रीय खिलाड़ी मोनिका और दीपिका वैरागढ़े को इस बात का अफसोस है कि उनको खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा रहा है। इन्होंने जहां यह कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला खिलाडिय़ों के लिए भी अखिल भारतीय स्पर्धा होनी चाहिए, वहीं यह भी कहा कि राज्य में एस्ट्रो टर्फ भी लगाया चाहिए। एस्ट्रो टर्फ न होने के कारण ही हम लोग राष्ट्रीय स्पर्धा में क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाती हैं। सुरभि मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साई का हास्टल होने से यहां की हॉकी खिलाडिय़ों को आगे बढऩे का मौका मिलेगा और उनको भी भारतीय टीम में स्थान बनाने का मौका मिलेगा।

हम भी बनेंगी भारतीय टीम की शान

भारतीय टीम के साथ मैत्री मैच में खेलने वाली छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी उत्साहित हैं और उनको विश्वास है कि एक दिन वह भी भारतीय टीम की शान बनेंगी। इसके लिए बस एक ही दरकार है कि अपने राज्य में एस्ट्रो टर्फ लगा दिया जाए।

मुख्यमंत्री एकादश के साथ विधानसभा अध्यक्ष एकादश टीम में शामिल छत्तीसगढ़ की खिलाडिय़ों रायपुर की पूनम सोना, शोभा वर्टी, दुर्ग की वर्षा देवांगन, सेवंती कुसरे और राजनांदगांव की पूजा राजपूत और रेणुका राजपूत ने एक स्वर में कहा कि हमें तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि हमें भारतीय टीम की खिलाडिय़ों के साथ खेलने का मौका मिल रहा है। इन्होंने एक स्वर में कहा है कि अब तो हम लोग भी ठान लिया है कि भारतीय खिलाडिय़ों से कुछ सिखने के बाद हम भी खूब मेहनत करेंगी और भारतीय टीम में स्थान बनाकर अपने राज्य और देश का नाम रौशन करेंगी। इन्होंने कहा कि हम लोग बस छत्तीसगढ़ सरकार से इतनी मदद चाहती हैं कि हमारे राज्य में एस्ट्रो टर्फ की कमी को दूर कर दिया जाए। हमारी टीम जब भी राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने जाती है तो एस्ट्रो टर्फ की कमी के कारण क्वार्टर फाइनल से आगे हमारी टीम बढ़ नहीं पाती है।

सभी खिलाडिय़ों ने एक स्वर में कहा कि इस आयोजन के लिए हम प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि की भी आभारी है जिनके कारण हमें भारतीय खिलाडिय़ों के साथ खेलने का मौका मिल रहा है।

दुर्ग का खिलाडिय़ों वर्षा और सेवंती ने बताया कि हमारे शहर की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सबा अंजुम भारतीय टीम की शान हैं और वह जब भी आती हैं हमें उनसे बहुत कुछ सिखने का मौका मिलता है।
राजनांदगांव की रेणुका भारतीय की संभावित टीम में रहीं है। उनको भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में पिछले साल जाने का मौका मिला था। वह कहतीं है कि इस बार मैं और ज्यादा मेहनत करके भारतीय टीम में स्थान बनाने का प्रयास करूंगी।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010

हॉकी के रोमांच की धूम होगी आज राजधानी में

छत्तीसगढ़ के खेल जगत के इतिहास में २० फरवरी को एक नया अध्याय जुडऩे जा रहा है, जब भारतीय हॉकी टीम के सितारों के साथ छत्तीसगढ़ की १० राष्ट्रीय खिलाडिय़ों से सजीं टीमें नेताजी स्टेडियम में दोपहर को ३.३० बजे आमने-सामने होंगी। इन टीमों को मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश का नाम दिया गया है। मैच प्रारंभ होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक अपनी-अपनी टीमों के साथ रहेंगे। इस मैच की सारी तैयारी कर ली गई है और हर तरफ बस उत्साह और उमंग का माहौल है। राजधानी का हर खेल प्रेमी उन खिलाडिय़ों को अपने शहर के मैदान में खेलते देखने के लिए बेताब है जिन खिलाडिय़ों को देखने का मौका अब तक सिर्फ टीवी पर मिला है।
छत्तीसगढ़ में भारतीय हॉकी टीम को लाने का रास्ता उस समय खुला जब भारतीय हॉकी टीम की खिलाडिय़ों ने आर्थिक अभाव के चलते भोपाल में एक खाता खोलकर देश भर में मदद की अपील की। इसी अपील का असर छत्तीसगढ़ के उद्योगपति वीरसेन सिंधु पर हुआ और उन्होंने भारतीय टीम को १० लाख रुपए देने की पहल की। इसी पहल ने भारतीय टीम को छत्तीसगढ़ की जमीं पर लाने का काम किया है। इस पहल के बाद हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और खेल मंत्री लता उसेंडी से चर्चा करके भारतीय टीम को छत्तीसगढ़ बुलाने की योजना बनाई और खेल विभाग, छत्तीसगढ़ हॉकी संघ, एथलेटिक क्लब के साथ प्रदेश के सभी खेल संघों को साथ में जोड़कर हॉकी टीम को यहां बुलाया गया है। अब जबकि इस टीम के कदम कल यानी २० फरवरी को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पडऩे वाले हैं, तो हर तरफ बस उत्साह और उमंग का माहौल है।
जोरदार स्वागत की तैयारी
भारतीय टीम के सितारे कल सुबह को सात बजे अमरकंटक एक्सप्रेस से आएंगे। इन सितारों के रेलवे स्टेशन में जोरदार स्वागत की तैयारी हरिभूमि के साथ खेल विभाग और प्रदेश के सभी खेल संघों ने की है। सुबह बैंड-बाजे के साथ खिलाडिय़ों का स्वागत किया जाएगा। खिलाडिय़ों के स्वागत के लिए विशेष थाल भी सजाया गया है। खिलाडिय़ों के स्वागत के लिए होड़ लगी है। खेल विभाग का पूरा अमला लगा हुआ है। हॉकी संघ के साथ एथलेटिक क्लब ने भी स्वागत की तैयारी की है।
हर कोई मैच देखने बेताब
मैच के आयोजन के बारे में जानकारी होने पर राजधानी का हर खेल प्रेमी मैच देखने के लिए बेताब है। लोग मैच के बारे में दिन भर चर्चा करते रहे कि मैच के एक दिन पहले ही नेहरू स्वर्ण कप हॉकी में भीड़ का जो सैलाब देखने को मिला उससे यह अंदाज हो रहा है कि कल के मैच में क्या होगा। आज के मैच में हर दर्शक कल के मैच की ही चर्चा करते नजर आया। सभी अपने-अपने मित्रों से यही कह रहे थे कि कल का मैच जरूर देखने आया है।
टीमों के खिलाडिय़ों पर एक नजर
मुख्यमंत्री एकादश:-सबा अंजुम (कप्तान), योगिता बाली, सुभद्रा प्रधान, जोयदीप कौर, दीपिका ठाकुर, टीएच रंजीता, ममता खरब,रानी देवी, रौशलीन डुंगडुंग, अनुराधा, जसजीत कौर (भारतीय टीम की खिलाड़ी) पूजा राजपूत , वर्षा देवांगन, सेवंती कुसरे, माया, प्रियंका (छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी)।
विधानसभा अध्यक्ष एकादश की टीम: सुरिन्द्रर कौर, (कप्तान), दीपिका मूर्ति, बिनीता टोपो, इती श्रीवास्तव, मुक्ता बारला, किरणदीप कौर, रितु रानी, सुनीता लकड़ा, चानचन देवी, मोनिका बारला, पूनम रानी (भारतीय टीम की खिलाड़ी), रेणुका राजपूत, पूनम सोना, शोभा वर्टी, योगिता, लावेन (सभी छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी)।
भारतीय टीम के साथ राष्ट्रीय कोच एमके कौशिक, वासु थपलियाल (कोच) एवं विशाल धवन (फिजियोथेरपिस्ट) भी आएंगे।

प्रदेश के खिलाडिय़ों को पांच-पांच हजार की सम्मान राशि

भारतीय हॉकी टीम की खिलाडिय़ों के साथ मैत्री मैच में खेलने वाले प्रदेश की १० खिलाडिय़ों को पांच-पांच हजार की राशि देकर सम्मानित किया जाएगा। इसी के छत्तीसगढ़ की पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नीता डुमरे को हरिभूमि की तरफ से ११ हजार की राशि देकर सम्मानित किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ। हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि ऐसे में जबकि भारतीय हॉकी के सितारों का यहां सम्मान किया जा रहा है और उनको ४०-४० हजार की सम्मान राशि दी जा रही है, ऐसे में छत्तीसगढ़ की उन हॉकी खिलाडिय़ों को भी प्रोत्साहन देने के लिए पांच-पांच हजार की सम्मान राशि देकर सम्मानित किया जाएगा जो खिलाड़ी भारतीय खिलाडिय़ों के साथ टीमों में शामिल होकर मैच खेलेंगी। छत्तीसगढ़ की १० खिलाड़ी हैं जिनको सम्मान राशि दी जाएगी। ये खिलाड़ी हैं- रेणुका राजपूत, पूनम सोना, शोभा वर्टी, योगिता, लावलेन,पूजा राजपूत , वर्षा देवांगन, सेवंती कुसरे माया, प्रियंका।

इन खिलाडिय़ों के साथ ही छत्तीसगढ़ की शान कही जाने वाले छत्तीसगढ़ की पहली अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नीता डुमरे को भी सम्मानित किया जाएगा। इनको हरिभूमि की तरफ से ११ हजार की नकद राशि दी जाएगी। नीता ने भारतीय टीम का ६ सालों तक प्रतिनिधित्व किया है। वह १९८८ से १९९४ तक वह लगातार भारतीय टीम से खेलीं। नीता इस दरमियान हमेशा भारत की नंबर वन गोलकीपर रहीं।

मैच की तैयारियों का लिया जायजा



छत्तीसगढ़ की जमीं पर पहली बार आ रही भारतीय हॉकी टीम के खिलाडिय़ों का यहां पर नेताजी स्टेडियम में होने वाले मैच की तैयारियों का जायजा सुबह को हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ खेल संचालक जीपी सिंह ने लिया। इन्होंने वहां पर उपस्थित खेल विभाग, महिला हॉकी संघ के साथ एथलेटिक क्लब के सदस्यों के साथ हरिभूमि परिवार के सदस्यों की बैठक लेकर चर्चा करने के बाद उनको मुख्य जिम्मेदारी सौंपी।
प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु की पहल पर यहां बुलाई जा रही भारतीय हॉकी टीम की २२ खिलाडिय़ों का एक प्रदर्शन मैच २० फरवरी को नेताजी स्टेडियम में होना है। इसी मैच की तैयाारियों के संदर्भ में सुबह को १० बजे नेताजी स्टेडियम में हरिभूमि के प्रबंध संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ खेल संचालक जीपी सिंह ने आयोजन के संबंध में स्टेडियम का जायजा लेकर चर्चा की।


वहां पर उपस्थित खेल विभाग के अधिकारियों के साथ महिला हॉकी संघ के पदाधिकारियों और एथलेटिक क्लब के सदस्यों से चर्चा करके तय किया गया कि आयोजन को सफल बनाने के लिए कैसी तैयारी करनी है। बैठक व्यवस्था से लेकर खिलाडिय़ों के रहने-खाने और उनके ड्रेसिंग रूम के बारे में भी चर्चा की गई। किस गेट से वीआईपी आएंगे और किस गेट से आम जनता को प्रवेश दिया जाएगा। इसी के साथ बैठक व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। खिलाडिय़ों को स्टेशन से लाने की जिम्मेदारी के साथ अन्य कामों की जिम्मेदारी अलग-अलग लोगों को दी गई है।


खेल संचालक जीपी सिंह ने आयोजन को गरिमामय बनाने के लिए अपने विभाग के उपसंचालक ओपी शर्मा को आयोजन का प्रभार देते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इसी के साथ विभाग के अधिकारियों में राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, राज्य खेल अधिकारी अजीत टोपो, एनआईएस कोच गजेन्द्र पांडे, सरिता कुजूर के साथ सुधा कुमार और सुंशात पाल को भी आयोजन से जोड़ा गया है।
इधर महिला हॉकी टीम की पूर्व गोलकीपर और छत्तीसगढ़ हॉकी संघ की सचिव नीता डुमरे अपने प्रदेश संघ के सदस्यों के साथ आयोजन में जुटीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की ५० से ज्यादा महिला हॉकी खिलाड़ी भी मैच देखने के लि आ रही हैं। मैच से ये खिलाड़ी कुछ सीखना चाहती हैं। एथलेटिक क्लब के सदस्य हाजी कुतुहुद्दीन, नोमार अकरम हामिद, हफीज यजदानी, इदरीश बारी, परवेज शकीलुद्दीन, मो।फारूक कादरी, सैय्यद नासिर अली, अजीज यजदानी, मंसूर अहमद खान भी तैयारी में लगे हैं। एथलेटिक क्लब के सदस्यों को भी कई जिम्मेदारियां दी गई है।


बैठक में हरिभूमि परिवार के चन्द्रकांत शुक्ला, प्रशांत तिवारी, संजीव धीमान, संजय बनवासी, नीलेश द्विवेदी, नरोत्तम सिंह तोमर, वीरेन्द्र सोनी, अंनत राम साहू, शशिकांत चतुर्वेदी, कमल बांदर, अजय श्रीवास्तव, अर्निबन गुप्ता, कौशिक सेन गुप्ता, राजकुमार सोनी, राजकुमार ग्वालानी, सतीश पांडेय उपस्थित थे।

हॉकी को मजबूत करने छत्तीसगढ़ की एक पहल

डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि आज जबकि राष्ट्रीय खेल हॉकी आर्थिक अभाव के कारण संकट में है तो ऐसे में छत्तीसगढ़ की तरफ से एक छोटी सी पहल करके राष्ट्रीय हॉकी को संवारने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब पुरुष हॉकी खिलाडिय़ों द्वारा पुणे में भारतीय हॉकी टीम के शिविर का बहिष्कार करने के बाद भोपाल में विश्व कप की तैयारी में जुटी महिला टीम ने भी अपने भुगतान के लिए विरोध स्वरूप काली पट्टी लगाकर शिविर में अपना विरोध जताया और इसी के साथ भोपाल में एक खाता खोलकर देश से आर्थिक मदद का अनुरोध किया तो छत्तीसगढ़ के उद्योगपति वीरसेन सिंधु ने इस दिशा में पहल करते हुए हमसे बात करके खिलाडिय़ों की मदद करने के लिए १० लाख की राशि देने की मंशा जाहिर की। ऐसे में मैंने सबसे पहले खेल संचालक जीपी सिंह से संपर्क किया और इसके बाद संयुक्त रूप से भारतीय हॉकी टीम से बात की गई। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी से चर्चा की गई तो इनके निर्देश पर यह तय किया गया कि केवल १० लाख की सम्मान राशि खिलाडिय़ों को भेजने की बजाए उनको अपने राज्य में ससम्मान आमंत्रित करके एक आयोजन किया जाए। ऐसे में इस आयोजन की योजना बनी और यह तय किया गया कि खिलाडिय़ों को छत्तीसगढ़ बुलाकार जन सामान्य से जोडऩे के लिए एक मैच का आयोजन किया जाए।
श्री द्विवेदी ने कहा कि यहां पर हॉकी के प्रदर्शन मैच को करवाने का मकसद जन सामान्य में हॉकी के प्रति ललक पैदा करना है। उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ बनने के बाद छत्तीसगढ़ की जमीं पर हॉकी टीम की खिलाडिय़ों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि यह तो महज एक शुरुआत है हॉकी को एक नया जीवन देने की। इसके आगे अपने राज्य के दूसरे उद्योगपति भी चाहे तो हॉकी की मदद करने आगे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने जरूर दूसरे राज्यों को भी प्ररेणा मिलेगी। इसी के साथ छत्तीसगढ़ में हॉकी के प्रति रूङाान भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हॉकी के विकास के लिए एस्ट्रो टर्फ भी जरूरी है। श्री द्विवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हॉकी खिलाडिय़ों को बुलाकर सम्मान करने के पीछे एक कारण यह भी है कि इन खिलाडिय़ों को इस बात का अफसोस नहीं होना चाहिए कि उन्होंने हॉकी स्टिक क्यों थामी थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हॉकी की स्थिति के लिए मीडिया को दोष देना गलत है। मीडिया ने हॉकी को भी उतना ही महत्व दिया है जितना क्रिकेट को दिया जाता है। हॉकी में जब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिली है, उसको भी पहले पेज में स्थान जरूर मिला है।
एक सवाल के जवाब में खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि नेताजी स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ तकनीकी खामी के कारण नहीं लग पा रहा है। उन्होंने पूछने पर कहा कि खेल विभाग हर खेल को बराबरी की नजर से देखता है और सभी खेल संघों को समान रूप से अनुदान दिया जाता है।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल पुसदकर ने कहा कि अपना छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है जिसने हॉकी को मजबूत करने की दिशा में ऐसी पहल की है।

भारतीय महिला हॉकी टीम का मैच कल राजधानी में

देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी को जन सामान्य से जोडऩे के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतीय महिला टीम की खिलाडिय़ों के एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया है। इसी के साथ खिलाडिय़ों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जाने-माने उद्योगपति वीरसेन सिंधु की तरफ से भारतीय हॉकी टीम को १० लाख की सम्मान राशि दी जा रही है। नेताजी स्टेडियम में २० फरवरी को दोपहर ३.३० बजे मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश के बीच होने वाले मैच में खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित, विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक प्रदेश के कई मंत्री, नेता और अधिकारी उपस्थित रहेंगे। मैच के आयोजन में खेल एवं युवा कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ महिला हॉकी, एथलेटिक क्लब के साथ प्रदेश के खेल संघों की मदद ली जा रही है।
यह जानकारी देते हुए हरिभूमि के प्रबंध संपादक हिमांशु द्विवेदी, खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि देश में राष्ट्रीय खेल हॉकी की खराब स्थिति को देखते हुए ऐसा महसूस हो रहा है कि हॉकी के स्वर्णिम दिनों को वापस लाने के लिए हॉकी को जन सामान्य से जोडऩे की पहल जरूरी है। ऐसे में जबकि अपने देश के हॉकी खिलाड़ी आर्थिक स्थिति से भी जुङा रहे हैं तो देश के जाने-माने उद्योगपति वीरसेन सिंधु ने एक पहल करते हुए भारतीय महिला हॉकी टीम की मदद करने के साथ छत्तीसगढ़ में एक मैत्री मैच का आयोजन करने की पहल की है,ताकि हॉकी को जन सामान्य से जोड़ा जा सके। इसी पहल के तहत २० फरवरी को नेताजी स्टेडियम में मुख्यमंत्री एकादश और विधानसभा अध्यक्ष एकादश के बीच एक मैच दोपहर ३.३० बजे आयोजित किया गया है। इस मैत्री मैच के लिए भारतीय टीम की २२ खिलाडिय़ों के साथ छत्तीसगढ़ की १० खिलाडिय़ों को शामिल करके १६-१६ खिलाडिय़ों की दो टीमें बनाई जाएंगी। मैच के बाद भारतीय टीम को १० लाख की सम्मान राशि दी जाएगी। इस समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह होंगे। अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक करेंगे। विशेष अतिथि नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे, खेल मंत्री लता उसेंडी एवं महापौर किरणमयी नायक होंगी। इसी से साथ मैच देखने और खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ाने प्रदेश के कई मंत्री, अधिकारी और खेल संघों जुड़े पदाधिकारी भारी संख्या में उपस्थि रहेंगे।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ की जमीं पर भारतीय हॉकी टीम के सभी सितारे आ रहे हैं। इन सितारों को लेकर यहां जो मैच का आयोजन किया जा रहा है, उस ऐतिहासिक आयोजन में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के साथ अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी का आयोजन करने वाले एथलेटिक क्लब, छत्तीसगढ़ महिला हॉकी संघ सहित प्रदेश के सभी खेल संघों के साथ राजधानी की अन्य समाज सेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है।
मुख्यमंत्री एकादश:-सबा अंजुम (कप्तान), योगिता बाली, सुभद्रा प्रधान, जोयदीप कौर, दीपिका ठाकुर, टीएच रंजीता, ममता खरब,रानी देवी, रौशलीन डुंगडुंग, अनुराधा, जसजीत कौर (भारतीय टीम की खिलाड़ी) पूजा सिंह, वर्षा, सेवंती, माया, प्रियंका (छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी)।
विधानसभा अध्यक्ष एकादश की टीम: सुरिन्द्रर कौर, (कप्तान), दीपिका मूर्ति, बिनीता टोपो, इती श्रीवास्तव, मुक्ता बारला, किरणदीप कौर, रितु रानी, सुनीता लकड़ा, चानचन देवी, मोनिका बारला, पूनम रानी (भारतीय टीम की खिलाड़ी), रेणुका राजपूत, सुषमा, शोभा वेर्टी, योगिता, लावेन (सभी छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी)।
भारतीय टीम के साथ राष्ट्रीय कोच एमके कौशिक, वासु थपलियाल (कोच) एवं विशाल धवन (फिजियोथेरपिस्ट) भी आएंगे।

गुवाहाटी ने की गोलों की बारिश

नेहरू स्वर्ण हॉकी में पहली बार खेलने आई सशस्त्र सीमा बल गुवाहाटी ने जिला हॉकी संघ कटनी के खिलाफ गोलों की बारिश करते हुए उसे ११-० से रौंद दिया। एक अन्य मैच में तमिलनाडु ने बिलासपुर को ८-० से मात दी।
नेताजी स्टेडियम में चल रही स्पर्धा में गुवाहाटी ने एसवाई शमीम की तिकड़ी सहित चार गोलों के साथ देवांग सिंह, आरिफ, एलवी सिंग, एल. लकड़ा, एल सुरेश, एलरे सिंग और एच सिंह के गोलों की मदद से ११-० से मैच जीत लिया। गुवाहाटी को ६ पेनाल्टी कार्नर मिले जिसमें से दो को गोलों में बदला गया।
आज के दूसरे मैच में तमिलनाडु ने जिला हॉकी संघ बिलासपुर को ८-० से मात दी। इस मैच में पहला गोल एस। कान ने पेनाल्टी कार्नर से किया। इसके बाद गोलों की बारिश हो गई। आर कृष्णा ने दो गोल किए, जबकि आर. वोहानी, ए. डेविड, के. किल्ली, वी. शांताराम, वी. राजेश ने एक-एक गोल किया। इस मैच में बिलासपुर को तीन और तमिलनाडन को ६ पेनाल्टी कार्नर मिले।

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

मंजूरी मिलते ही प्रारंभ कर देंगे रायपुर का साई सेंटर

प्रदेश की राजधानी रायपुर में खुलने वाले भारतीय खेल प्राधिकरण के साई प्रशिक्षण सेंटर को अब बस दिल्ली के मुख्यालय से मंजूरी का इंतजार है। इसकी मंजूरी मिलते ही इस सेंटर को प्रारंभ कर दिया जाएगा। साई के क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु का कहना है दिल्ली से बहुत जल्द मंजूरी मिलने वाली है। पूर्व में ऐसी खबर थी कि कामनवेल्थ खेलों के कारण इस सेंटर का इस साल प्रारंभ होना संभव नहीं है।

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग की पहल पर राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में साई का सेंटर प्रारंभ करने की पहल पिछले साल ही की गई थी। इस सेंटर को प्रारंभ करने में आई सारी बाधाओं को दूर करने के बाद पिछले साल ही नगर निगम चुनाव के पहले आउटडोर स्टेडियम साई को सौंपने के लिए नगर निगम और साई के बीच एमओयू भी हो चुका है। इस एमओयू के बाद साई के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के निदेशक आरके नायडु ने कहा था कि अब जल्द ही इस सेंटर को प्रारंभ कर दिया जाएगा। इस सेंटर के दिसंबर में प्रारंभ होने की संभावना जताई गई थी। लेकिन अब तक यह प्रारंभ नहीं हो सका है। सेंटर के प्रारंभ न होने का कारण जानने जब साई के निदेशक आरके नायडु से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि इस सेंटर के लिए पूरी योजना बनाकर साई के दिल्ली कार्यालय को भेज दी गई है, वहीं से मंजूरी मिलते ही सेंटर प्रारंभ हो जाएगा।

एक सवाल के जवाब में श्री नायडू ने कहा कि मुख्यालय से बजट मिले या न मिले सेंटर को हम क्षेत्रीय कार्यालय के बजट से प्रारंभ कर देंगे, बाद में दिल्ली से बजट आते रहेगा। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि कुछ समय पहले जानकारों ने बताया था कि भले साई के भोपाल कार्यालय ने दिल्ली को योजना बनाकर भेज दी है, लेकिन दिल्ली में इस साल होने वाले कामनवेल्थ खेलों के कारण इस सेंटर का अभी प्रारंभ होना संभव नहीं है। जानकार बताते था कि सारा का सारा बजट कामनवेल्थ खेलों के लिए दे दिया गया है, ऐसे में जबकि बजट ही नहीं है तो सेंटर कैसे प्रारंभ होगा। लेकिन बजट वाले मामले को क्षेत्रीय कार्यालय ने सुलङाा लिया है और अब सेंटर के जल्द प्रारंभ होने का रास्ता साफ हो गया है।

अभा वालीबॉल की तैयारी जोरों पर

प्रदेश की राजधानी रायपुर में पहली बार अखिल भारतीय वालीबॉल स्पर्धा का आयोजन किया गया है। इस स्पर्धा में देश की कई जानी -मानी टीमों को बुलाया गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान ने बताया कि प्रदेश में वालीबॉल को बढ़ाने के लिए ऐेसे आयोजन किए जाने हैं ऐसे में यह पहल हमारे संघ ने की है। उन्होंने बताया कि मलेरिया मैदान में २२ से २४ तक स्पर्धा होगी। इसके लिए आयोजन समिति का अध्यक्ष सतेन्द्र पांडे और सचिव नितिन पांडे को बनाया गया है। स्पर्धा में छत्तीसगढ़ की भी कुछ टीमों को प्रवेश दिया गया है।

बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

गोलों की झड़ी-मिली जीत बड़ी

नेताजी स्टेडियम के मैदान में यंग तूफान क्लब के तूफानी खिलाड़ी बॉल पर कब्जा करके लगातार विमल क्लब नागपुर के गोलपोस्ट पर हमले कर रहे हैं और दे दना-दन गोलों की बारिश किए जा रहे हैं। एक तरफ जहां नागपुर की रक्षापंक्ति असहाय लग रही है, वहीं गोलकीपर के पास भी करने को कुछ नहीं है। यंग तूफान ने यह मैच ८-० से जीता। इसके पहले खेले गए पहले मैच में जिम खाना क्लब रायपुर ने भी गोलों की बारिश करते रौशन इक्का की हैट्रिक की मदद से फस्ट माइल स्टोन क्लब जगदलपुर को ५-० से मात दी।

एथलेटिक क्लब रायपुर द्वारा आयोजित अखिल भारतीय स्वर्ण कप हॉकी में शाम के सत्र में दूसरा मैच यंग तूफान क्लब रायपुर और विमल क्लब नागपुर के बीच खेला गया। यह मैच पूरी तरह से यंग तूफान के नाम रहा। मैच के शुरू होते ही खिलाडिय़ों ने जो हमले बोले तो वो हमले मैच समाप्त होते तक जारी रहे। मैच में यंग तूफान ने गोलों का तूफान मचाते हुए दनादन गोल दागे। गोल दागने की शुरुआत मैच के ५वें मिनट में तब हुई जब यंग तूफान के खिलाड़ी को डी के अंदर बाधा पहुंचाने का काम नागपुर के खिलाडिय़ों ने किया। ऐसे में अंपायर ने पेनाल्टी दे दी। इसे गोल में बदलने का काम कमल ने किया। इस गोल के बाद खेल के १४वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को बी। दास ने गोल में बदलकर अपनी टीम को २-० से आगे कर दिया। मैच का तीसरा गोल पी. वर्मा ने खेल के २८वें मिनट में किया। पहले हॉफ में यंग तूफान की टीम ३-० से आगे रही।

दूसरे हॉफ में खेल के ४३वें मिनट में तौफीक खान ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदला और टीम को ४-० से आगे कर दिया। इसके दो मिनट बाद ही यंग तूफान को एक और पेनाल्टी मिल गई। इसे गोल में बदलने का काम बी। दास ने किया। इसके तीन मिनट बाद ही पी. वर्मा ने अपना दूसरा और मैच का छठा गोल किया। मैच के अंतिम दो गोल रूमटा ने खेल के ४९ और ५८वें मिनट में किए। नागपुर के लिए एक मात्र गोल फ्रांसीस ने ५९वें मिनट में किया। इस मैच के अंपायर नियाज (केरल) और थंबू राज (चेन्नई) थे।

इसके पहले खेल गए पहले मैच में जिम खाना क्लब रायपुर ने फस्ट माइल स्टोन जगदलपुर को ५-० से मात दी। इस मैच में रौशन इक्का ने स्पर्धा की पहली हैट्रिक बनाई। मैच का पहला गोल रौशन इक्का ने खेल के छठे मिनट में किया। इसके बाद खेल के ११वें मिनट में नीलेश तिर्की ने मैच का दूसरा गोल दागा। पहले हॉफ के समाप्त होने से पहले रौशन इक्का ने खेल के १९वें मिनट में अपना दूसरा और मैच का तीसरा गोल किया। दूसरे हॉफ के ३७वें और ४४ वें मिनट में रौशन इक्का ने गोल करके अपनी हैट्रिक पूरी की। इस मैच के अंपायर इंसान अली और देवेश शुक्ला थे। मुख्य निर्णायक डॉ. क्यूए वहीद (भिलाई) हैं।

गुवाहाटी की टीम पहली बार आई

अखिल भारतीय नेहरू स्वर्ण कप हॉकी के साथ कई अध्याय जुटे हुए हैं, इन अध्यायों में आज एक और नया अध्याय उस समय जुड़ गया जब स्पर्धा में खेलने के लिए पहली बार सशस्त्र सीमा बल गुवाहाटी की टीम यहां पहुंची। टीम ने पहुंचते ही शाम को जमकर अभ्यास किया। टीम के कोच बंसता भारतीय टीम के संभावितों में शामि रहे हंै। इसी के साथ औार कई खिलाड़ी संभावित टीम से सदस्य रहे हैं। टीम को यहां अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। यह टीम पहली बार छत्तीसगढ़ आई है।

नेताजी स्टेडियम में शाम को मैचों के समाप्त होते ही एक टीम मैदान में अभ्यास करने उतरी। इस टीम के बारे में जानने पर मालूम हुआ कि यह टीम सशस्त्र सीमा बल गुवाहाटी की है। इस टीम के कोच बंसता नेबात करने पर बताया कि यह पहला ही मौका है जब उनकी टीम छत्तीसगढ़ में किसी स्पर्धा में खेलने आई है। कापी लंबा सफर तय करके आने के बाद भी टीम के खिलाड़ी जिस तरह से शाम का अभ्यास करने में जुटे उससे यह भी पता चलता है कि टीम के खिलाड़ी किसी भी स्पर्धा को हल्के में नहीं लेते हैं। टीम के कोच कहते हैं कि हम यहां पर जीतने के इरादे से ही आए हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। यहां की मेहमानवाजी उनको पसंद आई है।

गुवाहाटी का पहला मैच अभी १८ फरवरी को होने है। इसके बाद भी कोच बंसता कहते हैं कि हमें अभी मालूम नहीं है कि हमें किसी टीम के साथ खेलना है, ऐेस में आज और कल के समय में अपनी पूरी तैयारी करके रखना चाहते हैं। हम यहां के खेल प्रेमियों को अच्छा खेल दिखानेके इरादे से मैदान में उतरेंगे। टीम में बहुच अच्छे खिलाड़ी होने की बात कोच कहते हैं।

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2010

यंग रायपुर की तूफानी जीत

खेल में महज तीन मिनट ही शेष है और सिटी क्लब भिलाई की हार जब लगभग तय लग रही है तो टीम के खिलाड़ी एकजुट होकर यंग तूफान क्लब रायपुर के गोलपोस्ट पर धावा बोल देते हैं और गोल करने में सफल हो जाते हैं। मुकाबला बराबर होने के बाद जब टाईब्रेकर की संभावना पैदा दो जाती है ऐसे में रायपुर के सुनील भाई भिलाई के खिलाडिय़ों को छकाते हुए शानदार गोल करके अपनी टीम की जीत तय कर देते हैं। इसी के साथ रायपुर के खिलाडिय़ों में खुशी ही लहर दौड़ जाती है।

यह नजारा देखने को मिला आज नेताजी स्टेडियम में जहां पर अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी के पहले दिन पहला मैच खेल गया। यह मैच यंग तूफान क्लब रायपुर और सिटी क्लब भिलाई के बीच खेला गया। मैच प्रारंभ होते ही हरी जर्सी में सजी रायपुर की टीम ने हमले बोलने प्रारंभ कर दिए। खेल के दूसरे ही मिनट में रायपुर को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, पर इसे गोल में बदला नहीं जा सका। रायपुर को गोल करने का पहला अवसर तब मिला जब ताल-मेल से पी. वर्मा ने खेल के ९वें मिनट में गोल कर दिया। इस गोल के बाद रायपुर को कई और मौके गोल करने के मिले, पर उसके खिलाड़ी गोल करने में सफल ही नहीं हुए। पहले हॉफ में रायपुर की टीम १-० से आगे रही।

दूसरे हॉफ का खेल प्रारंभ होने पर भिलाई ने मैच में बराबरी पाने पूरा जोर लगाया। दूसरी तरफ रायपुर की टीम ने भी गोल करने के कई प्रयास किए। रायपुर के खिलाडिय़ों ने कई शानदार अवसर गंवाए। खेल में जब महज तीन मिनट का ही समय शेष था और रायपुर की जीत तय मान ली गई थी ऐसे में अनाचक भिलाई के खिलाडिय़ों ने बेहतरीन ताल-मेल दिखाते हुए गोल करने में सफलता प्राप्त कर ली। मैच का यह गोल खेल के ६७वें मिनट में गिरजा ने किया। इस गोल के होते ही भिलाई के खिलाड़ी खुशी से ङाूम उठे। अब तो यही लगा कि मैच का फैसला टाईब्रेकर में होगा। लेकिन रायपुर के खिलाडिय़ों ने जवाबी हमला करते हुए शानदार खेल दिखाया और एक मिनट बाद ही खेल के ६८वें मिनट में सुनील भाई ने गोल करके भिलाई की खुशियों पर विराम लगा दिया। इस गोल के साथ ही रायपुर के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। मैच के अंतिम दो मिनट में जोरदार संघर्ष हुआ। भिलाई ने मैच में बराबरी पाने जोर तो पूरा लगाया पर उसके खिलाड़ी रायपुर की रक्षापंक्ति को भेदने में सफल नहीं हो सके। रायपुर ने मैच २-१ से जीत लिया। इस मैच के अंपायर इंसान अली और परवेज शकीलुद्दीन निराला थे। मुख्य निर्णायक डॉ. क्यूए वाहिद और अतिरिक्त अंपायर अमीनुद्दीन थे।

स्टेडियम में शेड बनवा देंगे: महापौर

दोपहर को स्पर्धा का उद्घाटन करते हुए रायपुर नगर निगम की महापौर किरणमयी नायक ने कहा कि स्टेडियम में एक शेड बनवाने की मांग एथलेटिक क्लब द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि निगम के पास एक प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए तो शेड बनवा दिया जाएगा। उन्होंने स्पर्धा के बारे में कहा कि इस स्पर्धा से जरूर राजधानी के खिलाडिय़ों को प्ररेणा मिलेगी। महापौर ने कहा कि आयोजन के लिए निगम से जो भी मदद होगी की जाएगी। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्ष खेल संचालक जीपी सिंह ने की। विशेष अतिथि हरिभूमि के मुख्य महाप्रबंधक अचिन माहेश्वरी, जिंदल स्टील के उपाध्यक्ष प्रदीप टंडन, छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया, हीरा ग्रुप के बजरंग अग्रवाल के साथ एथलेटिक क्लब के गजराज पगारिया, हफीज यजदानी के साथ क्लब के पदाधिकारी और खिलाड़ी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिंह भेंट किए गए।

किरणपाल भी थे पदक विजेता भारतीय टीम में

सैफ खेलों में बास्केटबॉल का रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम में भिलाई के खिलाड़ी किरणपाल सिंह भी थे।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष राजीव जैन के साथ महासचिव राजेश पटेल ने बताया कि ढाका में खेले गए सैफ खेलों में भारत ने पदकों की बारिश करते हुए कई खेलों में पदक जीते। ऐसे में जबकि भारतीय बास्केटबॉल टीम ने वहां फाइनल में स्थान बनाकर रजत पदक जीता तो इस टीम में भिलाई के जूनियर खिलाड़ी किरणपाल सिंह भी शामिल थे। भारत की टीम महज एक अंक से स्वर्ण पदक से चूक गई। भारत को अफागानिस्तान ने ७९-७८ से हराया।
भारतीय टीम से खेले किरणपाल सिंह इसके पहले भी ८ बार भारतीय टीम से खेल चुके हैं। राजेश पटेल ने बताया कि किरण पाल सिंह के दो बहनें आकांक्षा सिंह के साथ सीमा सिंह भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। किरण पाल के कोच भिलाई के आरएस गौर हैं।

सोमवार, 15 फ़रवरी 2010

अखाड़ों के दिन गए-गांवों में भी जिम लग रहे

शहर से लेकर गांवों तक खिलाडिय़ों को अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए एक समय अखाड़ों का सहारा लेना पड़ता था। आज भी राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश के कई गांवों में अखाड़े गुलजार हैं, लेकिन इन अखाड़ों की अब उतनी पूछ-परख नहीं होती है। आज अखाड़ों का स्थान आधुनिक मल्टी जिम ले चुके हैं। ऐसे ही मल्टी जिम से प्रदेश के ९८२ गांवों को गुलजार करने की योजना प्रदेश के खेल विभाग की है। ये जिम केन्द्र सरकार की पायका योजना के तहत पहले चरण में लगाए जाने है। इसकी सारी तैयारी भी कर ली गई है। विभाग ने जिन गांवों में जिम लगाने है, वहां पर भवनों की तलाश प्रारंभ कर दी है।

खेलों में आज आधुनिक मल्टी जिम का एक अलग स्थान हो गया है। इस जिम के सहारे खिलाड़ी अपने को फिट रखने का काम करते हैं। अगर हम मल्टी जिम आने से पहले की बात करें तो खिलाडिय़ों को अपने को फिट रखने के लिए अखाड़ों का सहारा लेना पड़ता था। हालांकि अखाड़ों से ज्यादा करीब का रिश्ता कुश्ती के पहलवानों का रहा है, पर फिर भी कई खेलों के खिलाड़ी अपनी फिटनेस के लिए पहलवानों की शरण में ही जाते थे। लेकिन अब यह सब गुजरे दिनों की बातें हो गई हैं। आज के आधुनिक जमाने में कई सालों से अखाड़ों का स्थान मल्टी जिम ने ले लिया है। ये मल्टी जिम अब शहरों के बाद गांवों तक पहुंच गए हैं। वैसे मल्टी जिम इतना महंगा रहता है कि गांवों में लगाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। ऐसे में प्रदेश के खेल विभाग ने यह फैसला किया है कि पंचायत युवा क्रीड़ा अभियान यानी पायका के तहत केन्द्र सरकार से एक गांव के लिए मिलने वाली एक लाख की राशि ने गांवों में जिम लग दिए जाए।

ऐसे में प्रदेश के १८ जिलों के ९८२ से ज्यादा गांवों में जिम लगाने की कवायद प्रांरभ हो गई है। पायका योजना के तहत लगने वाले जिम के लिए खेल संचालक जीपी सिंह ने सभी जिला खेल अधिकारियों को उन गांवों के उन स्कूलों से सहमति पत्र लाने के निर्देश दिए हैं जिन स्कूलों के मैदानों में ये जिम लगने हैं। प्रदेश में करीब दस हजार गांव हैं। इन गांवों में से पहले चरण में १० प्रतिशत गांवों को शामिल किया गया है। ऐसे में पहले चरण में ९८२ गांवों जिम लग जाएंगे। खेल संचालक ने सभी जिला खेल अधिकारियों को उन सभी गांवों के स्कूलों या फिर पंचायत से सहमति पत्र लाने कहा है जहां पर मल्टी जिम के लिए कमरा दिया जाना है। जिन गांवों से कमरा दिए जाने की सहमति मिलेगी, वहां पर जल्द से जल्द जिम लगाने की तैयारी की जाएगा। गांवों के साथ ब्लाकों में भी जिम लगाए जाएंगे।

पायका योजना में चिंहित हर गांव के लिए केन्द्र सरकार से खेल मैदानों के लिए एक-एक लाख रुपए का अनुदान मिलना है, ऐसे में खेल विभाग यह योजना बनाने में लगा है कि इन पैसों का ज्यादा से ज्यादा अच्छा उपयोग किस तरह से किया जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने यह योजना बनाई है कि क्यों ने हर गांव में एक-एक जिम बना दिया जाए। इसके लिए वे लगातार उन चिंहित गांवों के खेलों से जुड़े लोगों से बात भी कर रहे हैं और यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि जिम लगाने से खिलाडिय़ों को कितना फायदा होगा। अब तक जो बातें सामने आईं है उससे यही लगता है कि हर उस गांव के खिलाड़ी और खेल से जुड़े लोग इस बात से खुश है कि उनके गांव में जिम लगने वाला है। ग्रामीण खिलाडिय़ों को जिम देखना तभी नसीब होता है जब उनका शहर आना होता है। ऐसे में ग्रामीण खिलाडिय़ों से हमेशा से मंशा रही है कि काश उनके गांव में भी ऐसा जिम होता। ग्रामीण खिलाडिय़ों की इस मंशा को साकार करने का काम खेल विभाग करने जा रहा है।

वैसे भी पायका के लिए पहले चरण में प्रदेश के १८ जिलों के जिन ९८२ गांवों को चिंहित किया गया है, उन गांवों के मैदानों में ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। ऐसे में यही सोचा गया कि मैदानों में बिना वजह पैसे खर्च करने की बजाए यदि सभी गांवों में जिम लगा दिए जाए तो इसका बहुत ज्यादा फायदा खिलाडिय़ों को मिलेगा।

रविवार, 14 फ़रवरी 2010

टेबल टेनिस में राष्ट्रीय खेलों में खेलने की मिली पात्रता

छत्तीसगढ़ की पुरुष टेबल टेनिस टीम ने गुवाहाटी में इतिहास रचते हुए राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता प्राप्त कर ली।
प्रदेश टेबल टेनिस संघ के महासचिव अमिताभ शुक्ला ने बताया कि प्रीक्वार्टर फाइनल में छत्तीसगढ़ की टीम भले हरियाणा से मात खाकर सीधे क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंच सकी, लेकिन इसके बाद ९ से १६ वे स्थान के लिए हुए मुकाबलों में छत्तीसगढ़ ने पहले दिल्ली को ३-० से और फिर मप्र को कड़े मुकाबले में ३-२ से मात देकर ९ से १० वें स्थान में प्रवेश कर लिया है। ९वें स्थान के लिए छत्तीसगढ़़ का मुकाबला अब तमिलनाडु से होना। इस मैच में हार मिलने के बाद भी छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता मिल जाएगी। क्वार्टर फाइनल में पहुंची ८ टीमों में दो टीमें पेट्रोलियम बोर्ड और देना बैंक की है। राष्ट्रीय खेलों में संस्थानों की टीमों को खेलने की पात्रता न होने के कारण आगे के स्थान वाली टीमों को खेलने की पात्रता मिलती है। ऐसे में छत्तीसगढ़ की टीम को यह पात्रता मिल गई है। यह पहला मौका है जब प्रदेश की टेबल टेनिस टीम को राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता मिली है। प्रदेश की टीम गुवाहाटी में विनय बैसवाड़े की कप्तानी में खे रही है।

नेहरू हॉकी कल से

अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी का प्रारंभ १५ फरवरी से नेताजी स्टेडियम में होगा। इस स्पर्धा में विजेता टीम को ५१ हजार और उपविजेता टीम को ३१ हजार की नकद राशि दी जाएगी।
यह जानकारी पत्रकार वार्ता में देते हुए आयोजक एथलेटिक क्लब के अध्यक्ष गजराज पगारिया और सचिव हफीज यजदानी ने बताया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पं। जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद देश में उनके नाम से आयोजित की जाने वाली यह पहली अखिल भारतीय स्पर्धा है। इस बार स्पर्धा में कुल ३६ टीमों को प्रवेश दिया गया है। इनमें से ९ टीमें छत्तीसगढ़ की हैं। इन टीमों के बीच ही सबसे पहले १५ फरवरी से मुकाबला प्रारंभ होगा। इन टीमों में अच्छे प्रदर्शन के बाद छत्तीसगढ़ की एक टीम बनाई जाएगी जो मुख्य स्पर्धा में खेलेगी। स्पर्धा में न्यू स्टार बडनेरा, रेलवे जबलपुर, बीईजी रूढ़की, साई चेन्नई, तमिलनडु पुलिस, एमईवाई बेेंगलूर, शस्त्र सीमा बल गुवाहाटी, मैकान रांची, साई कटक, बिहार पुविलस पटना, ङाारखंड पुलिस, इस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर, बीईजी पूना, साई भोपाल, ईमएई जालंधर, सिग्नल जालंधर, आसीएफ मुंबई, एएससी बेंगलूर की टीमें शामिल हैं।

पहले चरण में छत्तीसगढ़ की टीमों में होने वाले मुकाबलों के लिए एथलेटिक क्लब रायपुर, जीमखाना क्लब रायपुर, यंग तूफान रायपुर, सिटी क्लब भिलाई, जिंदल स्टील भिलाई, जिला हॉकी संघ बिलासपुर, साई सेंटर राजनांदगांव, जिला हॉकी संघ राजनांदगांव फस्र्ट माइल स्टोन जगदलपुर की टीमें शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय नेटबाल के क्वार्टर फाइनल में

राष्ट्रीय सब जूनियर नेटबॉल में छत्तीसगढ़ की बालकों के साथ बालिका टीम भी क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है।

नासिक में आज से प्रारंभ हुई इस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ के संजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बालकों की टीम का आज दिल्ली को १७-१४ और महाराष्ट्र को १८-५ से परास्त कर अंतिम ८ में स्थान बनाया। इसके पहले छत्तीसगढ़ ने गोलों की ङाड़ी लगाते हुए मप्र को २८-३ से हराया। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों का खेल इतना शानदार रहा कि मप्र के खिलाड़ी गोल करने में सफल ही नहीं हो रहे थे। दूसरे मैच में छत्तीसगढ़ ने तमिलनाडु को १७-७ से मात दी थी।

बालिका वर्ग के छत्तीसगढ़ ने अज मणिपुर को २२-२ से परास्त कर क्वार्टर फाइनल मेंस्थान बनाया। इसके पहले छत्तीसगढ़ ने आन्ध्र प्रदेश को आसानी से एकतरफा मुकाबले में २८-५ से मात दी। इस मैच में भी छत्तीसगढ़ की खिलाडिय़ों की दबदबा रहा और छत्तीसगढ़ के सामने आन्ध्र के खिलाडिय़ों की दाल नहीं गल सकी। दूसरे मैच में छत्तीसगढ़ ने दादर नगर हवेली को भी आसानी से १९-७ से मात देकर दूसरी जीत प्राप्त की। क्वार्टर फाइनल मुकाबले कल होंगे।

शनिवार, 13 फ़रवरी 2010

राजधानी में ६ खेल संघ ही मान्यता प्राप्त

में खेल विभाग से राज्य के ३८ मान्यता प्राप्त संघ हैं। लेकिन आश्चर्यजनक यह है कि राजधानी रायपुर में महज ६ खेल संघों ने जिला स्तर की मान्यता ली है। खेल विभाग से मान्यता लेने वाले संघों को खेल विभाग से अनुदान के साथ और भी बहुत सारी सुविधाएं मिलती हैं, इतना सब होने के बाद खेल संघों का मान्यता न लेना समङा से परे है। खेल संघों की मांग पर ही खेल विभाग ने मान्यता के नियमों में शीथिलता भी लाई है, लेकिन उसके बाद भी हालत यह है कि संघ मान्यता लेने में रूचि नहीं लेते हैं।

प्रदेश में खेलों संघों को खेल एवं युवा कल्याण विभाग से मान्यता लेने पर जहां सामान्य अनुदान मिलता है, वहीं किसी भी स्पर्धा में खेलने जाने पर आने-जाने का खर्च मिलता है। विभाग ने राज्य संघों के लिए यह नियम बना रखा है कि कम से कम ११ जिलों में जिला संघ होने पर ही राज्य संघों को मान्यता मिलेगी। ऐसे में प्रदेश के ३८ खेल संघों ने राज्य स्तर की मान्यता इस आधार पर ले रखी है कि उनके ११ जिलों में संघ है। ११ जिलों में संघ होने की बात करते हुए मान्यता लेने वाले संघों पर नजरें डालने से एक आश्चर्यजनक बात का खुलासा होता है कि इन संघों ने दूर-दराज के जिलों तो मान्यता ले ली है, पर राजधानी में मान्यता लेने जरूरी नहीं समङाा है। राजधानी में मान्यता प्राप्त कितने खेल संघ है इसकी जानकारी लेने राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि महज ६ खेल संघ जिनमें बैडमिंटन, कबड्डी, कैरम, टेबल टेनिस, जिम्नास्टिक और फुटबॉल शामिल हैं, इन खेल संघों ने ही मान्यता ली है। प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेलों बास्केटबॉल, हैंडबॉल, हॉकी, भारोत्तोलन, वालीबॉल के साथ कई खेल संघों ने जिनको राज्य स्तर पर मान्यता है जिला संघों को मान्यता दिलाना जरूरी नहीं समङाा।

मान्यता न होने से खिलाडिय़ों से लिए जाते हैं पैसे

राज्य संघों की मान्यता होने के बाद भी जिला संघों की मान्यता न होने का नुकसान खिलाडिय़ों को उठाना पड़ता है। खेल विभाग राज्य स्तर की स्पर्धा में खेलने जाने वाले खिलाडिय़ों को आने-जाने का खर्च देता है। लेकिन मान्यता न होने वाले संघों को यह फायदा न मिल पाता है। ऐसे संघों के पदाधिकारी राज्य स्पर्धा में टीमें भेजने के लिए खिलाडिय़ों ने पैसे लेते हैं। खिलाड़ी यदा-कदा इसकी शिकायत भी करते हैं, लेकिन वे खुलकर इसलिए नहीं बोल पाते हैं क्योंकि उनको मालूम है कि अगर वे बोले तो टीम से उनका पत्ता कट कर दिया जाएगा।

कागजों में तो चल रहे हैं खेल संघ

जानकारों की मानें तो राज्य संघों ११ जिलों में खेल संघ होने की जानकारी देकर खेल विभाग से मान्यता ली है, उनके ज्यादातर जिला संघ कागज में चल रहे हैं। अगर ऐसा नहीं है तो राजधानी में इन संघों ने जिला संघों को क्यों नहीं मान्यता दिलाई है। राजधानी के बारे में सभी जानते हैं कि यहां पर किसी तरह का फर्जीवाडा नहीं चल सकता है। यही कारण है कि यहां पर खेल संघों को मान्यता दिलाने से राज्य खेल संघ कतराते हैं।

खेल संचालक भी अजरज में

इस बारे में जब खेल संचालक जीपी सिंह से बात की गई और उनको बताया गया कि राजधानी में महज ६ खेल संघों ने ही मान्यता ली है तो वे भी अचरज में पड़ गए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मान्यता प्राप्त ३८ खेल संघों को जिला स्तर पर मान्यता लेकर खेल विभाग से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल संघों की मांग पर ही ११ जिलों के स्थान पर ८ जिलों का भी नियम बनाया गया है ताकि ऐसे खेलों को परेशानी न हो जो खेल नए हैं। किसी भी खेल संघ का कम से कम राजधानी में मान्यता प्राप्त संघ तो अनिवार्य रूप से होना चाहिए।

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2010

सोनाडीह का क्रिकेट के खिताब पर कब्जा

अंतर सीमेंट प्लांट क्रिकेट में सोनाहीह ने फाइनल मुकाबले में लाफार्ज को परास्त कर खिताब पर कब्जा कर लिया।

छत्तीसगढ़ सीमेंट निर्माता संघ द्वारा आयोजित स्पर्धा के फाइनल में सोनाडीह ने पहले बल्लेबाजी करते हुए १२ ओवरों के मैच में ५७ रन बनाए। इसके जवाब में लाफार्ज अरसमेटा की टीम महज ३७ रनों पर सिमट गई और सोनाडीह से २० रनों से मैच जीतकर खिताब भी जील लिय।
फाइनल मैच के पहले सेमीफाइनल मैचों में लाफार्ज सोनाडीह ने सेंचुरी सीमेंट बैंकुठ को १७ रनों से और लाफार्ज सीमेंट अरसमेटा ने अल्टाट्रैक हिरमी को ४५ रनों से हराया था। फाइनल मैच के बाद किरण डी. पाटिल और रवि तिवारी ने विजेता टीमों के खिलाडिय़ों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

गुरुवार, 11 फ़रवरी 2010

हर गांव के लिए मिलेंगे दो हजार

पायका के लिए जानकारी जुटाने अब नहीं होगी परेशानी


पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान योजना यानी पायका के लिए गांव-गांव से जानकारी जुटने में खेल अधिकारियों की हालत पलती हो रही है। इस मामले का खुलासा खेल अधिकारियों की बैठक में होने पर खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि जानकारी जुटाने में आ रही परेशानियों को देखते हुए केन्द्र सरकार से विशेष आग्रह करके हर गांव के लिए दो-दो की राशि मंजूर करवा ली गई है। अब किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। बैठक में जिले के खेल अधिकारियों की क्लास लेते हुए खेल संचालक ने सभी से पायका के लिए मिले पैसों का उपयोगिता प्रमामपत्र मांगा। इसी के साथ कई और मुद्दों पर बैठक में चर्चा हुई।

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग में आज जब सभी जिलों के खेल अधिकारियों की बैठक हुई तो इस बैठक में कुछ खेल अधिकारियों ने यह मामला रखा कि पायका के लिए जानकारी जुटाने में उनको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस योजना में क्योंकि जमीनी स्तर पर जानकारी एकत्रित करनी है, ऐसे में न तो गांवों तक जाने कोई साधन है, और न ही जिला कार्यालयों में फोन और फैक्स के साथ किसी भी तरह के वाहनों की व्यवस्था है। जिन जिलों में कम्प्यूटर हैं वहां पर इनको चलाने वाले आपरेटर ही नहीं हैं। एक-एक जिले को कम से कम २०० से २५० पृष्ठों की जानकारी बनानी पड़ रही है। इतनी जानकारी को टाइप करने के लिए बाहर भी कोई तैयार नहीं हो रहा। सबसे बड़ी बात यह कि जानकारी एकत्रित करने के लिए किसी भी तरह का बजट नहीं है।

जब बजट वाली बात सामने आई तो खेल संचालक जीपी सिंह ने सभी को बताया कि बजट तो है हो सकता है इसके बारे में आप लोगों को जानकारी न हो। सिंह ने इस बारे में हरिभूमि से भी चर्चा करते हुए बताया कि उनके पास पहले से ही यह जानकारी रही है कि जानकारी जुटाने के लिए अलग से बजट न होने के कारण परेशानी हो रही है। ऐसे में दिल्ली में जब पायका की बैठक हुई थी तो हमने इन परेशानियों को केन्द्रीय खेल मंत्रालय के सामने रखा और सारी जानकारी से अवगत होने के बाद केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने पायका के लिए जो पहले से बजट दिया है, उसी बजट में से हर गांव के लिए दो-दो हजार की राशि खर्च करने की मंजूरी दे दी है। इस राशि से ही अब गांवों की जानकारी एकत्रित करने का खर्च करने के लिए सारी कागजी कार्रवाई भी करनी है।

उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा

बैठक में आए सभी जिला खेल अधिकारियों से उनको पायका के लिए दिए गए बजट का उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा गया। केन्द्र सरकार से जो बजट इस योजना के लिए मिला है, उसका सारा हिसाब केन्द्र सरकार को भेजना है। इस हिसाब के साथ हर जिले के गांवों में जो भी पैसे जिस मद में खर्च किए जा रहे हैं, उसका एक उपयोगिता प्रमाणपत्र केन्द्र सरकार के प्रारूप में ही देना है। श्री सिंह ने बताया कि कई जिलों से यह प्रमाणपत्र मिल गया है। जिन जिलों से यह प्रमाणपत्र नहीं मिला है, उनको जल्द देने कहा गया है। इसी के साथ जिनको इसका प्रारूप समङा नहीं आ रहा था, उनको प्रारूप के बारे में जानकारी भी दी गई।

हर ब्लाक के लिए पांच लाख रुपए

खेल संचालक ने बताया कि पायका के पहले चरण में ९८२ गांवों को खेलों से जोड़ा गया है। इन गांवों के साथ प्रदेश के १४६ ब्लाकों के १० प्रतिशत ब्लाकों को भी शामिल किया गया है। केन्द्र सरकार ने एक ब्लाक के लिए पांच-पांच लाख रुपए की राशि दी है। इस राशि में से एक लाख का एक जिम लगाया जा रहा है, बाकी राशि का उपयोग किस तरह से करना है, इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि जिन ९८२ गांवों में क्रीड़ाश्री बनाए गए हैं, उनको नियुक्ति पत्र देने पर भी चर्चा हुई। ज्यादातर क्रीड़ाश्री को नियुक्ति पत्र दे दिए गए हैं। जिनको नहीं दिए गए हैं, उनको जल्द पत्र देने कहा गया है। इसी के साथ कई जिलों ने अपने-अपने जिलों के क्रीड़ाश्री की सूची भी सौंपी। गांव के क्रीड़ाश्री को पांच-पांच सौ रुपए और ब्लाक के क्रीड़ाश्री को एक हजार का मानदेय केन्द्र सरकार की तरफ दिया जा रहा है। इस मानदेय की राशि भी सभी जिलों को दे दी गई है।

अगले दो चरणों की जानकारी मांगी गई

खेल संचालक ने बताया कि केन्द्र सरकार को २००८-०९ और २०१०-११ की जानकारी भेज दी गई है। इन दो साल की योजनाओं के लिए जानकारी जुटाने का काम सभी जिले कर रहे हैं। कई जिलों से जानकारी दे दी है, बाकी जिलों से जानकारी जल्द देने कहा गया है। शुरुआती दौर में तो केन्द्र को सभी जिलों के उन गांवों की सूची भेजी गई है जिन गांवों को शामिल किया गया है, अब केन्द्र सरकार को उन गांवों के बारे में सारी जानकारी भेजनी है कि कहां पर मैदान है और उस मैदान की स्थिति क्या है। श्री सिंह ने बताया कि बैठक में सभी जिलों ने उन विकासखंड और जिला स्तर के आयोजनों की जानकारी भी ली गई जो आयोजन पायका के अंतर्गत किए गए हैं। इसी के साथ राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने वाले खिलाडिय़ों की जानकारी के साथ पदक विजेता खिलाडिय़ों की जानकारी भी जिलों ने दी है।

छत्तीसगढ़ की दोनों टीमों की जीत से शुरुआत

राष्ट्रीय सब जूनियर नेटबॉल में छत्तीसगढ़ की बालकों के साथ बालिका टीम ने भी जीत से शुरुआत की।
नासिक में आज से प्रारंभ हुई इस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ के संजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढट के बालकों की टीम का पहला मैच मप्र से हुआ। इस मैच में छत्तीसगढ़ के सामने मप्र की टीम ठहर ही नहीं सकी और छत्तीसगढ़ ने गोलों की ङाड़ी लगाते हुए यह मैच २८-३ से जीत लिया। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों का खेल इतना शानदार रहा कि मप्र के खिलाड़ी गोल करने में सफल ही नहीं हो रहे थे। दूसरे मैच में छत्तीसगढ़ ने तमिलनाडु को १७-७ से मा दी।
बालिका वर्ग के पहले मैच में छत्तीसगढ़ ने आन्ध्र प्रदेश को आसानी से एकतरफा मुकाबले में २८-५ से मात दी। इस मैच में भी छत्तीसगढ़ की खिलाडिय़ों की दबदबा रहा और छत्तीसगढ़ के सामने आन्ध्र के खिलाडिय़ों की दाल नहीं गल सकी। अभी लीग मैच चल रहे हैं। लीग मैचों के बाद नाकआउट मुकाबले हांगे। स्पर्धा में १८ राज्य खेल रहे हैं।

टेटे मैच का केबल में प्रसारण न होने से खेल प्रेमी निराश

राष्ट्रीय टेबल टेनिस मैचों का प्रसारण केबल वालों द्वारा न किए जाने से राजधानी के खेल प्रेमी निराश हैं। गुवाहटी में चल रही स्पर्धा में छत्तीसगढ़ की टीम प्रीक्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है।

गुवाहाटी में चल रही स्पर्धा में प्रदेश की सीनियर टीम प्रीक्वार्टर में पहुंच गई है। आज छत्तीसगढ़ का हरियाणा से महत्वपूर्ण मुकाबला हो रहा था। इस मुकाबले का सीधा प्रसारण दूरदर्शन के खेल चैनल पर किया जा रहा था। लेकिन अफसोल की राजधानी के केबल आपरेटर दूरदर्शन का यह चैनल दिखाते ही नहीं है। टेबल टेनिस के कई खेल प्रेमियों के साथ टेबल टेनिस संघ से जुड़े पदाधिकारियों और खिलाडिय़ोंके पालकों ने इस बात प रोष व्यक्त किया कि केबल आपरेटर दूरदर्शन का खेल चैनल दिखाते ही नहीं हंै। इनका कहना है कि जब क्रिकेट का मैच होता है तो ऐसे चैनलों का प्रसारण प्रारंभ कर दिया जाता है जो उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। खेल प्रेमियों का कहना है कि केब आपरेटरों के लिए नियम है दूरदर्शन के मुख्य तीन चैनलों को दिखाना अनिवार्य है लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है। ऐसे आपरेटरों पर जिलाधीश को कार्रवाई करनी चाहिए।

खिलाडिय़ों की यात्रा बीमा कराना जरूरी नहीं समझते खेल संघ

प्रदेश के खेल संघों के साथ स्कूल और कॉलेज की जितनी भी टीमें राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने जाती हैं किसी भी टीम का बीमा कराने की जहमत कोई नहीं उठाता है। खेल विभाग में बीमा कराने के लिए पैसे देने का प्रावधान है और विभाग पैसे तैयार भी है। ऐसे में जबकि सारे खेल संघ इस दिशा में निष्क्रिय बैठे हैं, प्रदेश के नेटबॉल संघ ने एक पहल करते हुए अपनी टीम का बीमा कराने की पहल की है। संघ के सचिव संजय शर्मा बताते हैं कि हमने करीब ३१ लाख का बीमा कराया। एक खिलाड़ी का बीमा कराने के लिए महज ५०-६० रुपए ही लगते हैं, इसके बाद भी कोई बीमा नहीं करता है।

राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में खेलने के लिए प्रदेश की टीमें कई स्तरों पर जाती हैं। खेल संघों की जो टीम खेलने जाती हैं, उन टीम के खिलाडिय़ों को बीमा कराने के नियम प्रदेश के खेल विभाग ने अपने २००५ के प्रोत्साहन नियम में बनाएं हैं। इन नियमों के बनने के पांच साल बाद भी कोई खेल संघ खिलाडिय़ों का बीमा करना जरूरी नहीं समङाता है। भले अब तक किसी खिलाड़ी के साथ कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, लेकिन जब खेल विभाग पैसे देने तैयार है तब भी क्यों कर खेल संघ बीमा नहीं कराते हैं यह बात समङा से परे हैं।
एक तरफ जहां सारे खेल संघ निष्क्रिय बैठे हैं, वहीं नेटबॉल संघ ने एक पहल करते हुए अपने खिलाडिय़ों को ३१ लाख का बीमा करवा लिया है। संघ से संजय शर्मा बताते हैं कि एक खिलाड़ी का बीमा करावने के लिए महज ५० से ६० रुपए खर्च होते हैं, और यह बीमा एक साल काम आता है। उन्होंने बताया कि कल ही हमारी सब जूनियर टीम नासिक खेलने गई है। इस टीम का भी हमने बीमा करवाया है।

प्रदेश वालीबॉल संघ के मो। अकरम खान ने पूछने पर कहा कि अब तक उनके संघ ने खिलाडिय़ों का बीमा नहीं करवाया है, पर अब कोई भी टीम बिना बीमा करवाए नहीं जाएगी।

खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि हमारा विभाग पैसे देने तैयार है, खेल संघों को बीमा करवाके ही टीमें भेजनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारा विभाग खेल संघों को जो अनुदान देता है उस अनुदान के साथ ही यह नियम बनाया है कि राष्ट्रीय स्पर्धाओं में जो भी टीमें खेलने जाएंगी उनका बीमा खेल संघों को करवाना है। वे पूछने पर कहते हैं कि खेल संघों पर कड़ाई करना तो संभव नहीं होगा, लेकिन उनसे इस दिशा में गंभीरता से ध्यान देने के लिए जरूर कहा जाएगा। उन्होंने नेटबॉल संघ की पहल की तारीफ करते हुए कहा कि इस संघ का सभी संघों को अनुशरण करना चाहिए।

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

खेल मंत्री का नागरिक अभिनंदन

प्रदेश की खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी का प्रदेश ओलंपिक संघ के साथ सभी खेल संघों ने नागरिक अभिनंदन किया। यह अभिनंदन खेल मंत्री द्वारा राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने पर किया गया।

यह जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ ओलंपकि संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि भिलाई में आयोजिय राष्ट्रीय यूथ वालीबॉल चैंपियनशिप के समापन अवसर पर उपस्थित खेल मंत्री लता उसेंडी का ओलंपिक संघ के साथ सभी खेल संघों ने नागरिक अभिनंदन किया। इस अभिनंदन में खेल मंत्री को एक शाल, चांदी का श्रीफल भेंट किया गया। इसी के साथ एक बड़ा सा हार भी उनको पहनाया गया।

श्री खान ने बताया कि खेल संघों का ऐसा मानना है कि आज अगर छत्तीसगढ़ को ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है तो इसका पहला Ÿोय खेल मंत्री को जाता है। उन्होंने ही इस दिशा में पहल करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को इसकी विस्तार से जानकारी लेकर उनकी मंजूरी ली थी। मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद ही राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की पहल की गई जिसमें सफलता मिली और छत्तीसगढ़ अब ३७वें राष्ट्रीय खेलों का मेजबान बन गया है।

खेल मंत्री के अभिनंदन समारोह में प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान, उपाध्यक्ष मो. अकरम खान (महासचिव प्रदेश वालीबॉल संघ), गोपाल खंडेलवाल, ओलंपियन मुक्केबाज राजेन्द्र प्रसाद, बास्केटबॉल संघ के राजेश पटेल, जूडो संघ के अरूण द्विवेदी, पावरलिफ्टिंग संघ के कृष्णा साहू, बैडमिंटन संघ के संजय मिश्रा, तैराकी संघ के सहीराम जाखड़, सहित कई खेलों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

गांवों की खेल प्रतिभाओं को तरासेगा खेल विभाग

प्रदेश के खेल विभाग ने गांव-गांव में दस्तक देकर खेल की प्रतिभाओं को तलाश कर तरासने की योजना बनाई है। इस योजना में स्कूल स्तर के साथ विकासखंड और जिले के बाद राज्य स्तर पर प्रतिभाओं को परखने के बाद ही चुना जाएगा। चुनी गई सभी प्रतिभाओं को उनकी रूचि के मुताबिक खेलों में प्रशिक्षण दिलाने का काम सरकार करेगी। इस योजना के पहले चरण के अंत में कम से कम ५० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। इन खिलाडिय़ों को भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई की मदद से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए साई से भी सहमति दे दी है। यह योजना विकासखंड और जिला स्तर पर प्रारंभ भी कर दी गई है।

इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की खेल नीति में ही ग्रामीण प्रतिभाओं को तरासने की बात है। ऐेसे में प्रतिभा खोज योजना के तहत प्रदेश के हर गांव में प्रतिभाएं तलाशने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है। इस योजना के अंत में राज्य स्तर पर चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना चार चरणों में होगी। पहले चरण में स्कूल स्तर को रखा गया है, इसके बाद विकासखंड स्तर फिर जिला स्तर और अंत में राज्य स्तर है। इस योजना में ८ से १४ साल के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि बच्चा किसी खेल से जुड़ा हो, लेकिन उसकी खेलों में रूचि होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जो खिलाड़ी सब जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं उनको सीधे प्रवेश की पात्रता होगी।

स्कूल स्तर पर प्रतिभाओं के चयन के लिए जिम्मा स्कूलों के प्रधान पाठक को दिया गया है। विकासखंड स्तर पर चयन का जिम्मा विकासखंड अधिकारियों को दिया गया है। स्कूल स्तर और विकासखंड स्तर से आने वाले खिलाडिय़ों की प्रतिभाओं को परखने के लिए जिला स्तर पर आयोजन किया जाएगा। हर जिले में यह जिम्मा जिले के खेल अधिकारियों का होगा। इस योजना का प्रारंभ स्कूल, विकासखंड और जिला स्तर पर कई जिलों में हो चुका है।

हर जिले से हर वर्ग के जो बच्चे चुनकर आएंगे उनके लिए एक चयन स्पर्धा का आयोजन राजधानी रायपुर में किया जाएगा। दो दिनों की इस प्रतिस्पर्धा में पूरे राज्य से कम से कम ४०० प्रतिभागी शामिल होंगे। इन प्रतिभागियों में से हर वर्ग में ५-५ खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा, यानी कम से कम ५० प्रतियोगियों का अंतिम चयन होगा। यहां पर चयन प्रक्रिया कुछ ज्यादा कठिन होगी। राज्य स्तर का चयन नवंबर माह में करवाने की योजना है। प्रतियोगियों के चयन के बाद उनकी खेलों में रूचि के हिसाब से उनको प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था खेल विभाग करेगा। इस योजना में हर साल प्रतिभाओं की खोज की जाएगा।

खेल संचालक ने बताया कि चुने गए खिलाडिय़ों को अच्छा प्रशिक्षण दिलाने के लिए साई से भी मदद ली जाएगी। इसके लिए खेलमंत्री लता उसेंडी की पहल पर साई से चर्चा कर ली गई है। साई प्रदेश में रायपुर, बिलासपुर और बस्तर सहित कुछ स्थानों में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए भी सहमत हो गया है। साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने इस बारे में संपर्क करने पर बताया कि छत्तीसगढ़ की इस योजना के लिए साई ने अलग से विशेष योजना तैयार की है। इस योजना में ८ से १४ साल के प्रतिभागियों का चयन होगा और इनके प्रशिक्षण का सारा खर्च साई करेगा।

प्रदेश की नेटबॉल टीम नासिक रवाना

राष्ट्रीय नेटबॉल स्पर्धा में खेलने के लिए प्रदेश की टीम यहां से आज नासिक के लिए रवाना हुई।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के संजय शर्मा ने बताया कि नासिक में १० से १४ फरवरी तक १५वीं सब जूनियर राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया गया है। इस स्पर्धा में खेलने के लिए प्रदेश की जो टीम गई है उस टीम में बालक वर्ग में अभिनव श्रीवास्तव, चंदन, परमजीत, शुभम चौधरी, नीलू ताड़ी, मनोज, संजय, प्रकाश, हर्ष विक्रम, विपिन तिर्की, अनुराग चौधरी, अमित पिल्लई। प्रशिक्षक कमले लाल, मैनेजर अमित तिवारी। बालिका टीम आश्मा खान, लोकेश्वरी, अलिसा, लीजा, आकांक्षा, बिन्दु, संध्या, ज्योति साहू, मनीषा, ज्योति कल्लम, सुमित्रा, प्रकृति। प्रशिक पूर्ति तिवारी और मैनेजर चन्द्रिका साहू हैं।

स्वर्ण वीरों को विशेष वेतनवृद्धि

वन मंत्री क्रिम उसेण्डी ने न विभाग में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आज अनेक सुविधाओं का ऐलान किया है। राष्ट्रीय वन खेल-कूद प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को अब राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली पुरस्कार राशि में दो-गुनी वृध्दि के साथ ही स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को एक विशेष वेतनवृध्दि दी जाएगी। सीधी भर्र्ती के पदों पर नौकरियों में भी उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को प्राथमिकता दी जाएगी।

श्री उसेण्डी भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल कर आये विजयी खिलाडिय़ों से मुलाकात के दौरान यह ऐलान किया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर।के.शर्मा और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनूप भल्ला के नेतृत्व में विजयी खिलाडिय़ों ने वन मंत्री श्री उसेण्डी से मुलाकात की और भोपाल में जीती गई चमचमाती ट्राफी और शील्ड उन्हें सौंपी। उल्लेखनीय है कि भोपाल में दो से छह फरवरी तक आयोजित अठारहीं राष्ट्रीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की टीम ने एक बार फिर प्रथम स्थान हासिल किया है। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने इस प्रतियोगिता में ३३ स्र्ण, १९ रजत, १६ कांस्य और पन्द्रह स्पर्धाओं में चौथे स्थान के साथ २८१ अंक अर्जित कर पदक तालिका में प्रथम स्थान बनाया। इस तरह छत्तीसगढ़ की टीम ने लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान हासिल कर जीत की तिकड़ी बनाई है।

श्री उसेण्डी ने खिलाडिय़ों के शानदार प्रदर्शन पर खुशी प्रकट करते हुए जीत के लिए सभी खिलाडिय़ों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों की लगन और मेहनत के कारण ही हमें यह सफलता मिली है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की टीम ने इस प्रतियोगिता में पिछले वर्ष के मुकाबले चौंतीस अंक अधिक प्राप्त कर अपने प्रदर्शन में और सुधार किया है। इस बार राज्य ने टीम खेलों में पहली बार क्रिकेट प्रतियोगिता जीती और बास्केटबॉल ट्राफी पर पुन: कब्जा जमाया । जिनमें श्रीमती संगीता राजगोपालन ने बेडमिंटन और लॉन टेनिस स्पर्धाओं में अकेले नौ स्वर्ण पदक जीतकर संपूर्ण प्रतिभागियों में सबसे अधिक पदक जीतने ाली महिला खिलाड़ी बनीं। इसी तरह सुश्री चारूलता गजपाल को संपूर्ण प्रतियोगिता की महिला एथलीट के खिताब से नाजा गया। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में तीन स्र्ण और दो रजत पदक हासिल किए। ए.जे. मिंज को प्रतियोगिता का वेटरन एथलीट घोषित किया गया। श्री मिंज ने दो स्वर्ण और तीन रजत पदक प्राप्त किए। भारोत्तोलन में मण्डलाधिकारी सत्यप्रकाश मसीह ने तीन स्वर्ण और एक रजत पदक हासिल कर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। इसी वर्ग में तेजा साहू और राजेन्द्र सिंग ठाकुर को दो-दो स्वर्ण पदक मिले है। सुखनंदन धु्रव द्वारा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में दो स्वर्ण एंव एक रजत पदक प्राप्त किया गया। इसी तरह तैराकी प्रतियोगिता में राज्य के एकमात्र प्रतिभागी मणिराम आदिले द्वारा तीन रजत और एक कांस्य पदक प्राप्त किया है।

सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

चार दिन रस्सी कूदी और मिल गया पदक

स्कूली खेलों में शामिल एक नए खेल रोप स्कीपिंग के लिए महज चार दिनों तक ही रस्सी कूदने के बाद दानी स्कूल की तीन खिलाडिय़ों को कांस्य पदक मिल गया। इस नए खेल की राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन राजनांदगांव में किया गया था। इस स्पर्धा में हॉकी का स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रदेश की टीम में भी एक खिलाड़ी दानी स्कूल की थीं। पहली बार में ही कांस्य पदक जीतने वाली खिलाडिय़ों में उत्साह है और अब वे इस खेल में और आगे बढऩा चाहती हैं।

राष्ट्रीय स्कूली खेलों में पहली बार शामिल किए गए रोप स्कीपिंग की मेजबानी छत्तीसगढ़ को मिली थी। इस खेल से प्रदेश के खिलाड़ी पूरी तरह से अंजान थे। ऐसे में जब पहली बार तिल्दा में राज्य स्पर्धा का आयोजन किया गया तो इस स्पर्धा के लिए रायपुर जोन की टीम में जिन ६ खिलाडिय़ों का चयन किया गया वो सभी खिलाड़ी दानी स्कूल की थीं। इन खिलाडिय़ों को इस खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में इन खिलाडिय़ों को इस खेल से परिचित कराने का पहला काम स्कूल की खेल शिक्षिका ज्योति बजाज ने किया। उन्होंने खिलाडिय़ों को बताया कि रोप स्कीपिंग औैर कुछ नहीं बल्कि रस्सी कूद है जो हर खिलाड़ी अपनी फिटनेस के लिए करता है। अपनी खेल शिक्षिका से इस खेल के बारे में जानकारी लेकर जब खिलाड़ी राज्य स्पर्धा में खेलने उतरीं तो यहां पर रायपुर की टीम विजेता बन गई। ऐसे में दानी स्कूल की तीन खिलाडिय़ों पूनम दीप, सीमा सेन और मंजु ध्रुर्वे का चयन प्रदेश की टीम में हो गया। तीन अन्य खिलाड़ी राजनांदगांव और जशपुर के साथ दुर्ग की भी एक-एक खिलाड़ी को टीम में रखा गया।

प्रदेश की टीम को तकनीकी जानकारी देने का काम पिताम्बर पटेल ने किया। इसके बाद जब राजनांदगांव में राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन किया गया तो वहां पर प्रदेश की जिस रिले टीम ने डबल डज में कांस्य पदक जीता, उस टीम में दानी स्कूल की यही तीन खिलाड़ी शामिल थीं। ये खिलाड़ी पूछने पर बताती हैं कि उनको यकीन ही नहीं हुआ कि महज चार दिनों के अभ्यास में ही हमारे हाथ पदक लग गया। इनका कहना है कि यह खेल उनको अच्छा लगा है, अब इस खेल से नाता बनाए रखेंगी। पूनम पूछने पर कहती हैं कि वैसे तो वह फुटबॉल की खिलाड़ी हैं, पर इस खेल को भी खेलेंगी। यही बात कहते हुए सीमा बताती हैं कि वह बास्केटबॉल की खिलाड़ी हैं। मंजु पहली बार किसी खेल से जुड़ी हैं। वैसे उनको रग्बी में रूचि है और वह कहती हैं कि अब वह रग्बी भी खेलेंगी। इन खिलाडिय़ों का कहना है कि उनको अपने स्कूल में खेल शिक्षिका ज्योति बजाज के साथ प्राचार्य विजय कुमार खंडेलवाल का प्रोत्साहन हमेशा मिलता है।

बस एक मैदान चाहिए खेलने के लिए

राष्ट्रीय स्कूली खेलों की अंडर १४ साल की हॉकी स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली प्रदेश टीम की सदस्य रहीं रूचि बुंदेल का कहना है कि हमारी टीम ने राजनांदगांव में जोरदार प्रदर्शन किया और फाइनल में ङाारखंड में को मात देकर स्वर्ण जीता। उन्होंने बताया कि हमारी टीम ने विद्याभारती की टीम को १८-० से पीटा था। कक्षा ८ वीं की यह छात्रा पूछने पर बताती हैं कि वह तीन सालों से हॉकी खेल रही हैं। पुलिस मैदान में एनआईएस कोच रश्मि तिर्की से नियमित प्रशिक्षण लेने वाली यह खिलाड़ी कहती हैं कि राजधानी रायपुर में मैदान की कमी सबसे ज्यादा खलती है। हम बालिका खिलाडिय़ों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। बालकों को तो नेताजी स्टेडियम में अभ्यास करने का मौका मिल जाता है, पर हमारे लिए कोई मैदान है ही नहीं। उन्होंने कहा कि एक मैदान की व्यवस्था तो करनी ही चाहिए सरकार को।

रविवार, 7 फ़रवरी 2010

पुरस्कार मिले-चेहरे खिले



गांव के खिलाडिय़ों के चेहरे उस समय खुशी से खिल उठे जब सप्रे शाला के मैदान में लोक खेलों के विजेताओं के नाम पुकारने के साथ उद्घोषिका खुशबू सोनी ने यह बताया कि विजेताओं को पुरस्कार में खेल विभाग की तरफ से नकद राशि भी दी जा रही है। यह पहला ही मौका था जब लोक खेलों के खिलाडिय़ों को नकद इनामी राशि मिली है। सभी खिलाड़ी नकद इनाम पाकर काफी खुश हुए। खिलाडिय़ों ने यह उम्मीद भी जताई कि अब उनको राजधानी में कम से कम साल में एक बार ही सही यहां आने का मौका मिलेगा और उनको अपने खेल के जौहार दिखाने के बदले में नकद राशि भी मिलेगी।

खेल विभाग ने पहली बार राजधानी में अपनी खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी के निर्देश पर लोक खेलों के लिए खेल मड़ई का आयोजन किया। इस आयोजन को जिस तरह की सफलता मिली उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। राज्य के करीब १० जिलों से आए खिलाडिय़ों ने यहां पर दो दिनों तक कई खेलों में अपने जौहर दिखाए और नकद इनाम प्राप्त किए। खिलाड़ी जब यहां खेलने आए थे तब उनको यह मालमू नहीं था कि उनको विजेता बनने पर इनाम में नकद राशि भी मिलेगी। लेकिन पुरस्कारों की घोषणा की गई तो जैसे ही पहले खेल के रूप में फुगड़ी में तीसरा स्थान पाने वाली रायपुर की खिलाड़ी पूजा धीवर का नाम पुकारा गया और बताया गया कि इस खिलाड़ी को पुरस्कार के रूप में खेल विभाग की तरफ से पांच सौ रुपए का नकद इनाम दिया जा रहा है तो सभी खिलाडिय़ों में एक अलग ही उत्साह का संचार हुआ। सभी तालियां बजाने लगे। इसके बाद दूसरे स्थान की खिलाड़ी दुर्ग की माधुरी बाग को बुलाया गया और इनको सात सौ पचास रुपए दिए गए। पहले स्थान पर रहने वाली दुर्ग की ही कल्पना चन्द्रवंशी को एक हजार की राशि मिली।

व्यक्तिगत खेलों में खिलाडिय़ों को इतनी राशि और टीम खेलों के खिलाडिय़ों को पहले स्थान पर रहने पर दो हजार, दूसरे स्थान वालों को एक हजार पांच सौ औपर तीसरे स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों को एक हजार की नकद राशि दी गई। राज्य खेल अधिकारी अजीत कुमार टोपो ने बताया कि कुल २७ हजार रुपए की नकद राशि खिलाडिय़ों को दी गई।

रायपुर का दबदबा

दो दिनों की इस खेल मड़ई में रायपुर के खिलाडिय़ों का ही दबदबा रहा। टीम खेलों में तुवे लंगरची में रायपुर की टीम विजेता बनी। इस टीम में रूचि, मीनू, जेमिन, योगमाया, पिंकी, नेमबाई, रेखा, महेश्वरी, एवं चित्रकला थीं। दूसरे स्थान पर रहने वाली धमतरी की टीम में दुगेश्वरी, दिव्या, भावना, वंदना, रेणुका, शिखा, टिवंकल, ममता, शैली देवांगन थी। तीसरा स्थान पाने वाली दुर्ग की टीम में सुमन, मेघा, कल्पना, नीलम, मोना, माधुरी, उपासना, ज्योति रंजन।

भिर्री में पहला स्थान रायपुर (टीम राजेन्द्र वर्मा, नीरज पाल, यशवंत, चन्द्रेश, योगेश), दूसरा स्थान दुर्ग (टीम भूपेन्द्र, राज, नरसिंग, कृष्णा एवं रोहित), तीसरा स्थान धमतरी (टीम मनीष, सौरभ, मुकुल यादव, दुर्गेश साहू एवं आवेश वर्मा) को मिला। पिट्टूल में रायपुर की तिकड़ी संतु साहू, मनमोहन साहू और तरूण यादव प्रथम रहे। दूसरे स्थान पर धमतरी के अतुल, राहुल सिंग और मनीष रहे। तीसरा स्थान राजनांदगांव के योगेश वर्मा, यशवंत साहू और कुवेर साहू की टीम को मिला।

पुधव पुक में राजनांदगांव के अनिल वर्मा पहले, जांजगीर के आकाश दूसरे और राजनांदगांव के सत्यप्रकाश तीसरे स्थान पर रहे। एक नए खेल के रूप में शामिल गेढ़ी फुटबॉल जिसे गेंगे का नाम दिया गया है, इसमें धमतरी की टीम जिसमें जितेन्द्र साहू, चन्द्रशेखर साहू, ङाुमुक यादव, गुलाब साहू, सेवन साहू, मोहनीश, डुलेश हेमेन्द्र, देवेन्द्र शामिल थे े पहला स्थान प्राप्त कर दो हजार की नकद राशि प्राप्त की। दूसरे स्थान पर रायपुर की टीम रही। इस टीम में रमेश, भपेन्द्र, लखन, देवानंद तुलेश्वर, गणेश, यशवंत, मनोहर और रमेश यादव शामिल थे।


गिल्ली डंडा में जगदलपुर के आदिवासी खिलाडिय़ों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में धमतरी को मात देकर खिताब जीता। विजेता टीम में ईश्वरी लाल ध्रुव, दुर्गेश पाल, शांतनु ध्रुव, पप्पू निषाद और बलराम निषाद थे। उपविजेता टीम में उमेश्वर हिरवानी, देवेन्द्र देवांगन, सरवण यादव, खिलेश्वर साहू और देवश्री साहू थे।


लोक खेलों का गांव-गांव में प्रचार करें

आज फाइनल मुकाबलों के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि खेल संचालक जीपी सिंह थे। उन्होंने कहा कि खेल विभाग ने लोक खेलों का आयोजन करके इसको एक मंच देने का प्रयास किया है। अब यहां खेलने आए खिलाडिय़ों का यह कत्र्तव्य बनता है कि वे इन खेलों का अपने जिलों में प्रचार करे। उन्होंने कहा कि लोक खेलों में जैसा लचीलापन है वैसा आधुनिक खेलों में नहीं है। आधुनिक खेलों के तो नियमों में हमेशा बदलाव होते रहता है। उन्होंने खिलाडिय़ों से पूछा कि कितने खिलाड़ी ऐसे हैं जो पहली बार रायपुर आए हैं तो करीब ३० फीसदी खिलाडिय़ों ने हाथ उठाकर बताया कि वे पहली बार रायपुर आए हैं। उन्होंने खिलाडिय़ों ने कहा कि वे पहली बार आए हैं तो रायपुर को जरूर देखें। अंत में खेल संचालक ने पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर लोक खेल संघ के चन्द्रशेखर चकोर के साथ राज्य खेल अधिकारी अजीत टोपो सहित लोक खेल संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे। दो दिनों चले इस कार्यक्रम का संचालक खुशबू सोनी ने किया। उन्होंने हर खेलों के मुकाबलों की कमेंट्री भी की।

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