भारतीय हॉकी टीम के सितारों को छत्तीसगढ़ की जमीं पर उतारने का काम करने वाले प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि की पहल को सभी ने एक स्वर में सराहा है। हॉकी खिलाडिय़ों से लेकर प्रदेश के हर खेल संघ के पदाधिकारी का यही कहना है कि ऐसी पहल से यह संभव ही नहीं है कि हॉकी को नया जीवन न मिले। इसी के साथ सभी का ऐसा मानना है कि ऐसी ही पहल प्रदेश के हर उद्योगपति को करनी चाहिए। अगर हर उद्योगपति खेलों के लिए इसी तरह से उदार हो जाए तो ेछत्तीसगढ़ में खेलों के विकास को पर लग सकते हैं।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी नीता डुमरे कहतीं हैं कि वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि ने जो पहल की है, उससे जरूर प्रदेश की हॉकी को एक नया जीवन मिलेगा। प्रदेश की हॉकी खिलाड़ी भी इस बात से उत्साहित हैं कि उनको अपने राज्य में भारतीय टीम की सितारों का खेल दिखने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि काश हमारे राज्य में एक भी एस्ट्रो टर्फ होता तो हमारा संघ हर साल भारतीय हॉकी टीम को यहां बुलाता और उनके साथ प्रदेश की टीम का मैच करवाता।
राष्ट्रीय अंपायर नोमान अकरम कहते हैं कि राजधानी में पहली बार ऐसा मैच हो रहा है। उन्होंने भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाडिय़ों की सराहना करते हुए कहा कि एक तरफ पुरुष खिलाडिय़ों ने प्रशिक्षण शिविर का बहिष्कार करके अपना विरोध जताया था तो दूसरी तरफ महिला खिलाडिय़ों ने शिविर से किनारा किए बिना काली पट्टी लगाकर ही विरोध किया था और यह बताया था कि उनके दिल में हॉकी के प्रति कितना सम्मान है।
हॉकी के निर्णायक डॉ। क्यूए वाहिद ने कहा कि राजधानी वासियों को यहां एक अच्छा मैच देखने का मौका हरिभूमि ने दिया है। सैय्य कादिर अली ने कहा कि हरिभूमि की तरह राज्य में और पहल करने की जरूरत है। पूर्व हॉकी खिलाड़ी विश्वजीत मित्रा ने कहा कि मानसिक और आर्थिक रूप से जूङा रही भारतीय टीम को वीरसेन सिंधु ने मदद करके देश में एक मिसाल पेश की है। अजीज यजदानी ने कहा कि अन्य उद्योगपतियों को भी आगे आना चाहिए।
भारतीय वालीबॉल संघ के सह सचिव और प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो। अकरम खान ने कहा कि वीरसेन सिंधु के साथ हरिभूमि परिवार को हमारे प्रदेश वालीबॉल संघ ही नहीं बल्कि भारतीय वालीबॉल संघ परिवार की तरफ से साधुवाद है कि उन्होंने एक ऐसी पहल की है जो देश के लिए मिसाल साबित होगी। इस पहल से प्ररेणा लेते हुए प्रदेश के हर उद्योगपति को अब प्रदेश के खेलों को बढ़ाने के लिए भी आगे आना चाहिए।
कल के मैच में अंपायरिंग करने वाली राष्ट्रीय खिलाड़ी और अंपायर रश्मि तिर्की कहती हैं कि ऐसा पहल जिसके बारे में मेरे पास कहने के लिए शब्द ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं तो बहुत ज्यादा उत्साहित हूं कि मुङो भारतीय टीम की खिलाडिय़ों के मैच में अंपायरिंग करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ऐसी ही कहीं नहीं जाती है, यह तो हरिभूमि के ही बस में था जिसने ऐसा कर दिखाया है।
भारतीय टीम की खिलाडिय़ों के खिलाफ राष्ट्रीय सीनियर स्पर्धा में खेलने वाली रायपुर की राष्ट्रीय खिलाड़ी मोनिका और दीपिका वैरागढ़े को इस बात का अफसोस है कि उनको खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा रहा है। इन्होंने जहां यह कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला खिलाडिय़ों के लिए भी अखिल भारतीय स्पर्धा होनी चाहिए, वहीं यह भी कहा कि राज्य में एस्ट्रो टर्फ भी लगाया चाहिए। एस्ट्रो टर्फ न होने के कारण ही हम लोग राष्ट्रीय स्पर्धा में क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाती हैं। सुरभि मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साई का हास्टल होने से यहां की हॉकी खिलाडिय़ों को आगे बढऩे का मौका मिलेगा और उनको भी भारतीय टीम में स्थान बनाने का मौका मिलेगा।
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