गुरुवार, 11 फ़रवरी 2010

हर गांव के लिए मिलेंगे दो हजार

पायका के लिए जानकारी जुटाने अब नहीं होगी परेशानी


पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान योजना यानी पायका के लिए गांव-गांव से जानकारी जुटने में खेल अधिकारियों की हालत पलती हो रही है। इस मामले का खुलासा खेल अधिकारियों की बैठक में होने पर खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि जानकारी जुटाने में आ रही परेशानियों को देखते हुए केन्द्र सरकार से विशेष आग्रह करके हर गांव के लिए दो-दो की राशि मंजूर करवा ली गई है। अब किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। बैठक में जिले के खेल अधिकारियों की क्लास लेते हुए खेल संचालक ने सभी से पायका के लिए मिले पैसों का उपयोगिता प्रमामपत्र मांगा। इसी के साथ कई और मुद्दों पर बैठक में चर्चा हुई।

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग में आज जब सभी जिलों के खेल अधिकारियों की बैठक हुई तो इस बैठक में कुछ खेल अधिकारियों ने यह मामला रखा कि पायका के लिए जानकारी जुटाने में उनको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस योजना में क्योंकि जमीनी स्तर पर जानकारी एकत्रित करनी है, ऐसे में न तो गांवों तक जाने कोई साधन है, और न ही जिला कार्यालयों में फोन और फैक्स के साथ किसी भी तरह के वाहनों की व्यवस्था है। जिन जिलों में कम्प्यूटर हैं वहां पर इनको चलाने वाले आपरेटर ही नहीं हैं। एक-एक जिले को कम से कम २०० से २५० पृष्ठों की जानकारी बनानी पड़ रही है। इतनी जानकारी को टाइप करने के लिए बाहर भी कोई तैयार नहीं हो रहा। सबसे बड़ी बात यह कि जानकारी एकत्रित करने के लिए किसी भी तरह का बजट नहीं है।

जब बजट वाली बात सामने आई तो खेल संचालक जीपी सिंह ने सभी को बताया कि बजट तो है हो सकता है इसके बारे में आप लोगों को जानकारी न हो। सिंह ने इस बारे में हरिभूमि से भी चर्चा करते हुए बताया कि उनके पास पहले से ही यह जानकारी रही है कि जानकारी जुटाने के लिए अलग से बजट न होने के कारण परेशानी हो रही है। ऐसे में दिल्ली में जब पायका की बैठक हुई थी तो हमने इन परेशानियों को केन्द्रीय खेल मंत्रालय के सामने रखा और सारी जानकारी से अवगत होने के बाद केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने पायका के लिए जो पहले से बजट दिया है, उसी बजट में से हर गांव के लिए दो-दो हजार की राशि खर्च करने की मंजूरी दे दी है। इस राशि से ही अब गांवों की जानकारी एकत्रित करने का खर्च करने के लिए सारी कागजी कार्रवाई भी करनी है।

उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा

बैठक में आए सभी जिला खेल अधिकारियों से उनको पायका के लिए दिए गए बजट का उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा गया। केन्द्र सरकार से जो बजट इस योजना के लिए मिला है, उसका सारा हिसाब केन्द्र सरकार को भेजना है। इस हिसाब के साथ हर जिले के गांवों में जो भी पैसे जिस मद में खर्च किए जा रहे हैं, उसका एक उपयोगिता प्रमाणपत्र केन्द्र सरकार के प्रारूप में ही देना है। श्री सिंह ने बताया कि कई जिलों से यह प्रमाणपत्र मिल गया है। जिन जिलों से यह प्रमाणपत्र नहीं मिला है, उनको जल्द देने कहा गया है। इसी के साथ जिनको इसका प्रारूप समङा नहीं आ रहा था, उनको प्रारूप के बारे में जानकारी भी दी गई।

हर ब्लाक के लिए पांच लाख रुपए

खेल संचालक ने बताया कि पायका के पहले चरण में ९८२ गांवों को खेलों से जोड़ा गया है। इन गांवों के साथ प्रदेश के १४६ ब्लाकों के १० प्रतिशत ब्लाकों को भी शामिल किया गया है। केन्द्र सरकार ने एक ब्लाक के लिए पांच-पांच लाख रुपए की राशि दी है। इस राशि में से एक लाख का एक जिम लगाया जा रहा है, बाकी राशि का उपयोग किस तरह से करना है, इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि जिन ९८२ गांवों में क्रीड़ाश्री बनाए गए हैं, उनको नियुक्ति पत्र देने पर भी चर्चा हुई। ज्यादातर क्रीड़ाश्री को नियुक्ति पत्र दे दिए गए हैं। जिनको नहीं दिए गए हैं, उनको जल्द पत्र देने कहा गया है। इसी के साथ कई जिलों ने अपने-अपने जिलों के क्रीड़ाश्री की सूची भी सौंपी। गांव के क्रीड़ाश्री को पांच-पांच सौ रुपए और ब्लाक के क्रीड़ाश्री को एक हजार का मानदेय केन्द्र सरकार की तरफ दिया जा रहा है। इस मानदेय की राशि भी सभी जिलों को दे दी गई है।

अगले दो चरणों की जानकारी मांगी गई

खेल संचालक ने बताया कि केन्द्र सरकार को २००८-०९ और २०१०-११ की जानकारी भेज दी गई है। इन दो साल की योजनाओं के लिए जानकारी जुटाने का काम सभी जिले कर रहे हैं। कई जिलों से जानकारी दे दी है, बाकी जिलों से जानकारी जल्द देने कहा गया है। शुरुआती दौर में तो केन्द्र को सभी जिलों के उन गांवों की सूची भेजी गई है जिन गांवों को शामिल किया गया है, अब केन्द्र सरकार को उन गांवों के बारे में सारी जानकारी भेजनी है कि कहां पर मैदान है और उस मैदान की स्थिति क्या है। श्री सिंह ने बताया कि बैठक में सभी जिलों ने उन विकासखंड और जिला स्तर के आयोजनों की जानकारी भी ली गई जो आयोजन पायका के अंतर्गत किए गए हैं। इसी के साथ राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने वाले खिलाडिय़ों की जानकारी के साथ पदक विजेता खिलाडिय़ों की जानकारी भी जिलों ने दी है।

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