बुधवार, 3 फ़रवरी 2010

रब्बानी कामठी की पुणे पर खिताबी जीत

चारों तरफ दर्शकों से खचा-खचा भरा मैदान। पुणे फुटबॉल क्लब का एक खिलाड़ी रब्बानी कामठी के खिलाडिय़ों को छकाते हुए बॉल लेकर आगे बढ़ता है। जैसे ही खिलाड़ी शाट लगाता है दर्शकों की सांसें थम जाती हंै और सभी यह सोचने लगते हैं कि अब बॉल जाल में चली जाएगी और गोल हो जाएगा। लेकिन रब्बानी के गोलकीपर फैजान अख्तर बॉल से भी तेज निकलते हैं और बॉल को रोकने में सफल हो होते हैं। यह मौका एक बार नहीं कई बार आता है और हर बार रब्बानी के गोलकीपर भारी पड़ते हैं। अंत में रब्बानी को सडनडेथ में जो जीत मिलती है उसके हीरो भी गोलकीपर साबित होते हैं और दो गोल रोककर अपनी टीम को ६-५ से जीत दिला देते हैं। इस रोमांचक मैच के दूसरे हॉफ का आनंद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी लिया। वे मैच से इतने रोमांचित हुए कि उन्होंने अगली बार पूरा मैच देखने का वादा किया।

यह नजारा आज लाखेनगर के मैदान में नजर आया जहां पर अखिल भारतीय हिन्द स्पोर्टिंग के फाइनल में रब्बानी कामठी और पुणे फुटबॉल क्लब पुणे के बीच फाइनल मैच खेला गया। यह मैच पहले हॉफ से ही रोमांचक और संघर्षपूर्ण रहा। इस मैच में पहले हॉफ में करीब सात बार ऐसे मौके आए जब लगा कि अब पुणे के खिलाड़ी गोल करने में सफल हो जाएंगे। शानदार मूव बनाकर जब भी खिलाड़ी गोल करने के लिए पहुंचे रब्बानी के मुस्तैद गोलकीपर के आगे किसी भी खिलाड़ी की दाल नहीं गली। पुणे के खिलाड़ी रब्बानी की रक्षापंक्ति को तो भेदने में सफल हो रहे थे, पर इसका क्या किया जाए कि गोलकीपर को चकमा देने में कोई खिलाड़ी सफल नहीं हो सका और पहले हॉफ के बाद दूसरा हॉफ भी निकल गया लेकिन कोई गोल नहीं हो सका। रब्बानी की तरह की पुणे के गोलकीपर को भी चकमा देने में रब्बानी का कोई खिलाड़ी सफल नहीं हुआ।

मैच का फैसला करने जब पहले टाईब्रेकर का सहारा लिया गया तो यहां पहले से तय लग रहा था कि रब्बानी को अपने गोलकीपर के दम पर जीत मिल जाएगी। लेकिन पहले तीन गोल रोकने में रब्बानी के गोलकीपर सफल नहीं रहे तो एक बार लगा कि शायद रब्बानी की किस्मत खराब है। लेकिन जब पुणे के लिए चौथा गोल करने के लिए श्रीकांत आए तो इस गोल को रोककर रब्बानी के गोलकीपर एक बार फिर से दर्शकों के बीच में हीरो बन गए। रब्बानी के गोलकीपर की तरह से रब्बानी के खिलाड़ी शकील अंसारी का गोल रोककर पुणे के गोलकीपर ने अपनी टीम को ४-४ की बराबरी पर ला खड़ा किया। ऐसे मेें मैच का फैसला करने के लिए जब सडनडेथ का सहारा लिया गया तो यहां पर पुणे के लिए निशांत ने पहला गोल किया। इधर रब्बानी के लिए मकसूद अहमद ने भी गोल कर दिया। जब दूसरा गोल मारने के लिए पुणे के खिलाड़ी सूरज तोनसीन आए तो इनके शाट को रब्बानी के गोलकीपर ने रोक लिया। इसके बाद रब्बानी के मो. यासिन ने जैसे ही गोल किया, रब्बानी की टीम जीत की खुशी से ङाूम उठी। इसके पहले रब्बानी के लिए आसिफ अंसारी, एस. अख्तर और आई आलम ने गोल किए थे। पुणे के लिए पहले तीन गोल आसिफ शेख, रोलीगसन और रविराज ने किए थे। मैच के साथ खिताब पर रब्बानी ने ६-५ से कब्जा किया। विजेता टीम को ट्रॉफी के साथ नकद एक लाख रुपए और उपविजेता टीम को ट्रॉफी के साथ ५० हजार रुपए दिए गए। संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर मानी गई नागपुर ब्लूज और एमआरसी जमालपुर को २५-२५ की हजार रुपए की राशि देने का फैसला किया गया।

फुटबॉल के लिए उत्साह कायम है

फाइनल मैच में पहले हॉफ का खेल समाप्त होने के बाद ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ लोकनिर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल आ गए थे। मुख्यमंत्री ने दूसरे हॉफ का पूरा खेल दिखा। मैच के बाद पुरस्कार वितरण करने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मैच समाप्त होने के ४० मिनट में पहले ही मैं यहां आ गया था और मैंने आज दूसरे हॉफ का मैच देखा। मैं वादा करता हूं कि अगली बार मैं पूरा मैच देखने आऊंगा। उन्होंने कहा कि मैदान में इतने ज्यादा दर्शक देखकर मैं तो यही कह सकता हूं कि राजधानी रायपुर में फुटबॉल के लिए उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रब्बानी की टीम ने अच्छा खेल दिखाया। पुणे का खेल भी अच्छा रहा, पर जीत उसके हाथ नहीं लग सकी। अंत में मुख्यमंत्री के साथ बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर के विधायक कुलदीप जुनेजा और कसडोल के विधायक राजकमल सिंघानिया ने विजेता टीमों को पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर हिन्द स्पोर्टिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष दुबे, सचिव आशीष दीवान के साथ सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

आभार खबर का.

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