रविवार, 7 फ़रवरी 2010

पुरस्कार मिले-चेहरे खिले



गांव के खिलाडिय़ों के चेहरे उस समय खुशी से खिल उठे जब सप्रे शाला के मैदान में लोक खेलों के विजेताओं के नाम पुकारने के साथ उद्घोषिका खुशबू सोनी ने यह बताया कि विजेताओं को पुरस्कार में खेल विभाग की तरफ से नकद राशि भी दी जा रही है। यह पहला ही मौका था जब लोक खेलों के खिलाडिय़ों को नकद इनामी राशि मिली है। सभी खिलाड़ी नकद इनाम पाकर काफी खुश हुए। खिलाडिय़ों ने यह उम्मीद भी जताई कि अब उनको राजधानी में कम से कम साल में एक बार ही सही यहां आने का मौका मिलेगा और उनको अपने खेल के जौहार दिखाने के बदले में नकद राशि भी मिलेगी।

खेल विभाग ने पहली बार राजधानी में अपनी खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी के निर्देश पर लोक खेलों के लिए खेल मड़ई का आयोजन किया। इस आयोजन को जिस तरह की सफलता मिली उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। राज्य के करीब १० जिलों से आए खिलाडिय़ों ने यहां पर दो दिनों तक कई खेलों में अपने जौहर दिखाए और नकद इनाम प्राप्त किए। खिलाड़ी जब यहां खेलने आए थे तब उनको यह मालमू नहीं था कि उनको विजेता बनने पर इनाम में नकद राशि भी मिलेगी। लेकिन पुरस्कारों की घोषणा की गई तो जैसे ही पहले खेल के रूप में फुगड़ी में तीसरा स्थान पाने वाली रायपुर की खिलाड़ी पूजा धीवर का नाम पुकारा गया और बताया गया कि इस खिलाड़ी को पुरस्कार के रूप में खेल विभाग की तरफ से पांच सौ रुपए का नकद इनाम दिया जा रहा है तो सभी खिलाडिय़ों में एक अलग ही उत्साह का संचार हुआ। सभी तालियां बजाने लगे। इसके बाद दूसरे स्थान की खिलाड़ी दुर्ग की माधुरी बाग को बुलाया गया और इनको सात सौ पचास रुपए दिए गए। पहले स्थान पर रहने वाली दुर्ग की ही कल्पना चन्द्रवंशी को एक हजार की राशि मिली।

व्यक्तिगत खेलों में खिलाडिय़ों को इतनी राशि और टीम खेलों के खिलाडिय़ों को पहले स्थान पर रहने पर दो हजार, दूसरे स्थान वालों को एक हजार पांच सौ औपर तीसरे स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों को एक हजार की नकद राशि दी गई। राज्य खेल अधिकारी अजीत कुमार टोपो ने बताया कि कुल २७ हजार रुपए की नकद राशि खिलाडिय़ों को दी गई।

रायपुर का दबदबा

दो दिनों की इस खेल मड़ई में रायपुर के खिलाडिय़ों का ही दबदबा रहा। टीम खेलों में तुवे लंगरची में रायपुर की टीम विजेता बनी। इस टीम में रूचि, मीनू, जेमिन, योगमाया, पिंकी, नेमबाई, रेखा, महेश्वरी, एवं चित्रकला थीं। दूसरे स्थान पर रहने वाली धमतरी की टीम में दुगेश्वरी, दिव्या, भावना, वंदना, रेणुका, शिखा, टिवंकल, ममता, शैली देवांगन थी। तीसरा स्थान पाने वाली दुर्ग की टीम में सुमन, मेघा, कल्पना, नीलम, मोना, माधुरी, उपासना, ज्योति रंजन।

भिर्री में पहला स्थान रायपुर (टीम राजेन्द्र वर्मा, नीरज पाल, यशवंत, चन्द्रेश, योगेश), दूसरा स्थान दुर्ग (टीम भूपेन्द्र, राज, नरसिंग, कृष्णा एवं रोहित), तीसरा स्थान धमतरी (टीम मनीष, सौरभ, मुकुल यादव, दुर्गेश साहू एवं आवेश वर्मा) को मिला। पिट्टूल में रायपुर की तिकड़ी संतु साहू, मनमोहन साहू और तरूण यादव प्रथम रहे। दूसरे स्थान पर धमतरी के अतुल, राहुल सिंग और मनीष रहे। तीसरा स्थान राजनांदगांव के योगेश वर्मा, यशवंत साहू और कुवेर साहू की टीम को मिला।

पुधव पुक में राजनांदगांव के अनिल वर्मा पहले, जांजगीर के आकाश दूसरे और राजनांदगांव के सत्यप्रकाश तीसरे स्थान पर रहे। एक नए खेल के रूप में शामिल गेढ़ी फुटबॉल जिसे गेंगे का नाम दिया गया है, इसमें धमतरी की टीम जिसमें जितेन्द्र साहू, चन्द्रशेखर साहू, ङाुमुक यादव, गुलाब साहू, सेवन साहू, मोहनीश, डुलेश हेमेन्द्र, देवेन्द्र शामिल थे े पहला स्थान प्राप्त कर दो हजार की नकद राशि प्राप्त की। दूसरे स्थान पर रायपुर की टीम रही। इस टीम में रमेश, भपेन्द्र, लखन, देवानंद तुलेश्वर, गणेश, यशवंत, मनोहर और रमेश यादव शामिल थे।


गिल्ली डंडा में जगदलपुर के आदिवासी खिलाडिय़ों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में धमतरी को मात देकर खिताब जीता। विजेता टीम में ईश्वरी लाल ध्रुव, दुर्गेश पाल, शांतनु ध्रुव, पप्पू निषाद और बलराम निषाद थे। उपविजेता टीम में उमेश्वर हिरवानी, देवेन्द्र देवांगन, सरवण यादव, खिलेश्वर साहू और देवश्री साहू थे।


लोक खेलों का गांव-गांव में प्रचार करें

आज फाइनल मुकाबलों के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि खेल संचालक जीपी सिंह थे। उन्होंने कहा कि खेल विभाग ने लोक खेलों का आयोजन करके इसको एक मंच देने का प्रयास किया है। अब यहां खेलने आए खिलाडिय़ों का यह कत्र्तव्य बनता है कि वे इन खेलों का अपने जिलों में प्रचार करे। उन्होंने कहा कि लोक खेलों में जैसा लचीलापन है वैसा आधुनिक खेलों में नहीं है। आधुनिक खेलों के तो नियमों में हमेशा बदलाव होते रहता है। उन्होंने खिलाडिय़ों से पूछा कि कितने खिलाड़ी ऐसे हैं जो पहली बार रायपुर आए हैं तो करीब ३० फीसदी खिलाडिय़ों ने हाथ उठाकर बताया कि वे पहली बार रायपुर आए हैं। उन्होंने खिलाडिय़ों ने कहा कि वे पहली बार आए हैं तो रायपुर को जरूर देखें। अंत में खेल संचालक ने पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर लोक खेल संघ के चन्द्रशेखर चकोर के साथ राज्य खेल अधिकारी अजीत टोपो सहित लोक खेल संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे। दो दिनों चले इस कार्यक्रम का संचालक खुशबू सोनी ने किया। उन्होंने हर खेलों के मुकाबलों की कमेंट्री भी की।

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