खेल के ४२वें मिनट में पाम्पोस को जब पेनाल्टी कॉर्नर मिला तो सभी दर्शकों की नजर गोल पोस्ट पर लग गई और सभी उम्मीद करने लगे की अब गोल जरूर हो जाएगा। आशा के मुताबिक अमोल तिर्की ने गोल कर दिया और इसी के साथ तय हो गई पाम्पोस की जीत। अमोल तिर्की ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने का एक और काम किया और पाम्पोस ने रूढ़की पर २-० से जीत प्राप्त कर खिताब जीत लिया।
ये नजारा आज यहां पर अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी में नेता स्टेडियम में देखने को मिला। खिताबी मुकाबले में जब पाम्पोस का सामना रूढ़की से हुआ तो इस मैच में पहला हॉफ गोल रहित बराबर रहा। इस हॉफ में पाम्पोस को पेनाल्टी कॉर्नर तो मिले, लेकिन किसी को गोल में नहीं बदला जा सका। मैच देखकर ऐसा लगने लगा था कि फाइनल मैच का फैसला भी सेमीफाइनल की तरह ही गोल्डन गोल से न करना पड़े। ऐसे में जब दूसरे हॉफ के सातवें मिनट में पाम्पोस को पेनाल्टी कॉर्नर मिला तो इसको गोल में बदलने में खिलाडिय़ों ने कोई गलती नहीं की। अमोल तिर्की ने जब गेंद को गोलपोस्ट में पहुंचा दिया तो रूढ़की का गोलकीपर हैरान रह गया और काफी देर तक सोचता रहा कि आखिर ये कैसे हो गया। इधर पाम्पोस हास्टल के खेमे में इस गोल से खुशी की लहर दौड़ गई।
पाम्पोस को दूसरा गोल करने का मौका भी पेनाल्टी कॉर्नर से मिला। ये कॉर्नर उसे खेल के ५६वें मिनट में मिला। एक बार फिर से साथियों खिलाडिय़ों से मिले पास का भरपूर फायदा उठाते हुए अमोल तिर्की ने गोलकीपर को चकमा देते हुए गेंद को गोलपोस्ट में पहुंचाने का काम किया। इस गोल के बाद जहां पाम्पोस ने हमले और तेज कर दिए, वहीं रूढ़की ने भी पूरा जोर लगाया, लेकिन रूढ़की के खिलाड़ी गेंद पर कब्जा ही नहीं कर पा रहे थे, ज्यादा समय गेंद पर पाम्पोस का ही कब्जा रहा। अंत में पाम्पोस ने यह मैच २-० से जीतने के साथ नेहरू स्वर्ण कप के साथ ५० हजार की नकद राशि पर भी कब्जा कर लिया। उपविजेता टीम के खाते में ट्रॉफी और ३१ हजार रुपए आए। मैच में पाम्पोस को ९ और रूढ़की को तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले। विजेता टीम के लिए इनाम राशि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने और उपविजेता टीम के लिए ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष गुरुचरण सिंह होरा ने दी।
खिलाडिय़ों को सुविधाएं दे रहे हैं: लता
मैच के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में खेल और खिलाडिय़ों को बढ़ाने के लिए हर तरह की सुविधाएं दे रही हैं। हमारी सरकार ने राज्य में खेलों का विकास करने के लिए ही ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी भी ली है। उन्होंने कहा कि सरकार हर खेल में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के प्रयास में है। उन्होंने कहा कि यहां पर राज्य के अंतररराष्ट्रीय खिलाड़ी मृणाल चौबे भी हैं। हमारा ऐसा मानना है कि राज्य में मृणाल चौबे जैसे और खिलाड़ी होने चाहिए। उन्होंने विजेता टीम के साथ उपविजेता टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह समय ज्यादा बोलने का नहीं है। सभी खिलाडिय़ों की नजरें ट्रॉफी पर हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री महेन्द्र कर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजनों से राज्य के खिलाडिय़ों को सिखने का मौका मिलता है। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी भारतीय टीम के गोलकीपर मृणाल चौबे, खेल संचालक जीपी सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अनिल वर्मा, गुरुचरण सिंह होरा, जिंदल स्टील के उपाध्यक्ष प्रदीप टंडन, आयोजक एथलेटिक क्लब के अध्यक्ष गजराज पगारिया, सचिव हफीज यजदानी के साथ सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।
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