डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि आज जबकि राष्ट्रीय खेल हॉकी आर्थिक अभाव के कारण संकट में है तो ऐसे में छत्तीसगढ़ की तरफ से एक छोटी सी पहल करके राष्ट्रीय हॉकी को संवारने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब पुरुष हॉकी खिलाडिय़ों द्वारा पुणे में भारतीय हॉकी टीम के शिविर का बहिष्कार करने के बाद भोपाल में विश्व कप की तैयारी में जुटी महिला टीम ने भी अपने भुगतान के लिए विरोध स्वरूप काली पट्टी लगाकर शिविर में अपना विरोध जताया और इसी के साथ भोपाल में एक खाता खोलकर देश से आर्थिक मदद का अनुरोध किया तो छत्तीसगढ़ के उद्योगपति वीरसेन सिंधु ने इस दिशा में पहल करते हुए हमसे बात करके खिलाडिय़ों की मदद करने के लिए १० लाख की राशि देने की मंशा जाहिर की। ऐसे में मैंने सबसे पहले खेल संचालक जीपी सिंह से संपर्क किया और इसके बाद संयुक्त रूप से भारतीय हॉकी टीम से बात की गई। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी से चर्चा की गई तो इनके निर्देश पर यह तय किया गया कि केवल १० लाख की सम्मान राशि खिलाडिय़ों को भेजने की बजाए उनको अपने राज्य में ससम्मान आमंत्रित करके एक आयोजन किया जाए। ऐसे में इस आयोजन की योजना बनी और यह तय किया गया कि खिलाडिय़ों को छत्तीसगढ़ बुलाकार जन सामान्य से जोडऩे के लिए एक मैच का आयोजन किया जाए।
श्री द्विवेदी ने कहा कि यहां पर हॉकी के प्रदर्शन मैच को करवाने का मकसद जन सामान्य में हॉकी के प्रति ललक पैदा करना है। उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ बनने के बाद छत्तीसगढ़ की जमीं पर हॉकी टीम की खिलाडिय़ों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि यह तो महज एक शुरुआत है हॉकी को एक नया जीवन देने की। इसके आगे अपने राज्य के दूसरे उद्योगपति भी चाहे तो हॉकी की मदद करने आगे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने जरूर दूसरे राज्यों को भी प्ररेणा मिलेगी। इसी के साथ छत्तीसगढ़ में हॉकी के प्रति रूङाान भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हॉकी के विकास के लिए एस्ट्रो टर्फ भी जरूरी है। श्री द्विवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हॉकी खिलाडिय़ों को बुलाकर सम्मान करने के पीछे एक कारण यह भी है कि इन खिलाडिय़ों को इस बात का अफसोस नहीं होना चाहिए कि उन्होंने हॉकी स्टिक क्यों थामी थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हॉकी की स्थिति के लिए मीडिया को दोष देना गलत है। मीडिया ने हॉकी को भी उतना ही महत्व दिया है जितना क्रिकेट को दिया जाता है। हॉकी में जब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिली है, उसको भी पहले पेज में स्थान जरूर मिला है।
एक सवाल के जवाब में खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि नेताजी स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ तकनीकी खामी के कारण नहीं लग पा रहा है। उन्होंने पूछने पर कहा कि खेल विभाग हर खेल को बराबरी की नजर से देखता है और सभी खेल संघों को समान रूप से अनुदान दिया जाता है।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल पुसदकर ने कहा कि अपना छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है जिसने हॉकी को मजबूत करने की दिशा में ऐसी पहल की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें