सोमवार, 15 फ़रवरी 2010

अखाड़ों के दिन गए-गांवों में भी जिम लग रहे

शहर से लेकर गांवों तक खिलाडिय़ों को अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए एक समय अखाड़ों का सहारा लेना पड़ता था। आज भी राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश के कई गांवों में अखाड़े गुलजार हैं, लेकिन इन अखाड़ों की अब उतनी पूछ-परख नहीं होती है। आज अखाड़ों का स्थान आधुनिक मल्टी जिम ले चुके हैं। ऐसे ही मल्टी जिम से प्रदेश के ९८२ गांवों को गुलजार करने की योजना प्रदेश के खेल विभाग की है। ये जिम केन्द्र सरकार की पायका योजना के तहत पहले चरण में लगाए जाने है। इसकी सारी तैयारी भी कर ली गई है। विभाग ने जिन गांवों में जिम लगाने है, वहां पर भवनों की तलाश प्रारंभ कर दी है।

खेलों में आज आधुनिक मल्टी जिम का एक अलग स्थान हो गया है। इस जिम के सहारे खिलाड़ी अपने को फिट रखने का काम करते हैं। अगर हम मल्टी जिम आने से पहले की बात करें तो खिलाडिय़ों को अपने को फिट रखने के लिए अखाड़ों का सहारा लेना पड़ता था। हालांकि अखाड़ों से ज्यादा करीब का रिश्ता कुश्ती के पहलवानों का रहा है, पर फिर भी कई खेलों के खिलाड़ी अपनी फिटनेस के लिए पहलवानों की शरण में ही जाते थे। लेकिन अब यह सब गुजरे दिनों की बातें हो गई हैं। आज के आधुनिक जमाने में कई सालों से अखाड़ों का स्थान मल्टी जिम ने ले लिया है। ये मल्टी जिम अब शहरों के बाद गांवों तक पहुंच गए हैं। वैसे मल्टी जिम इतना महंगा रहता है कि गांवों में लगाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। ऐसे में प्रदेश के खेल विभाग ने यह फैसला किया है कि पंचायत युवा क्रीड़ा अभियान यानी पायका के तहत केन्द्र सरकार से एक गांव के लिए मिलने वाली एक लाख की राशि ने गांवों में जिम लग दिए जाए।

ऐसे में प्रदेश के १८ जिलों के ९८२ से ज्यादा गांवों में जिम लगाने की कवायद प्रांरभ हो गई है। पायका योजना के तहत लगने वाले जिम के लिए खेल संचालक जीपी सिंह ने सभी जिला खेल अधिकारियों को उन गांवों के उन स्कूलों से सहमति पत्र लाने के निर्देश दिए हैं जिन स्कूलों के मैदानों में ये जिम लगने हैं। प्रदेश में करीब दस हजार गांव हैं। इन गांवों में से पहले चरण में १० प्रतिशत गांवों को शामिल किया गया है। ऐसे में पहले चरण में ९८२ गांवों जिम लग जाएंगे। खेल संचालक ने सभी जिला खेल अधिकारियों को उन सभी गांवों के स्कूलों या फिर पंचायत से सहमति पत्र लाने कहा है जहां पर मल्टी जिम के लिए कमरा दिया जाना है। जिन गांवों से कमरा दिए जाने की सहमति मिलेगी, वहां पर जल्द से जल्द जिम लगाने की तैयारी की जाएगा। गांवों के साथ ब्लाकों में भी जिम लगाए जाएंगे।

पायका योजना में चिंहित हर गांव के लिए केन्द्र सरकार से खेल मैदानों के लिए एक-एक लाख रुपए का अनुदान मिलना है, ऐसे में खेल विभाग यह योजना बनाने में लगा है कि इन पैसों का ज्यादा से ज्यादा अच्छा उपयोग किस तरह से किया जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने यह योजना बनाई है कि क्यों ने हर गांव में एक-एक जिम बना दिया जाए। इसके लिए वे लगातार उन चिंहित गांवों के खेलों से जुड़े लोगों से बात भी कर रहे हैं और यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि जिम लगाने से खिलाडिय़ों को कितना फायदा होगा। अब तक जो बातें सामने आईं है उससे यही लगता है कि हर उस गांव के खिलाड़ी और खेल से जुड़े लोग इस बात से खुश है कि उनके गांव में जिम लगने वाला है। ग्रामीण खिलाडिय़ों को जिम देखना तभी नसीब होता है जब उनका शहर आना होता है। ऐसे में ग्रामीण खिलाडिय़ों से हमेशा से मंशा रही है कि काश उनके गांव में भी ऐसा जिम होता। ग्रामीण खिलाडिय़ों की इस मंशा को साकार करने का काम खेल विभाग करने जा रहा है।

वैसे भी पायका के लिए पहले चरण में प्रदेश के १८ जिलों के जिन ९८२ गांवों को चिंहित किया गया है, उन गांवों के मैदानों में ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। ऐसे में यही सोचा गया कि मैदानों में बिना वजह पैसे खर्च करने की बजाए यदि सभी गांवों में जिम लगा दिए जाए तो इसका बहुत ज्यादा फायदा खिलाडिय़ों को मिलेगा।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

सही कह रहे हैं..गांवों में जिम हो जाये तो वहाँ के खिलाड़ी आगे आयेंगे.

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