गुरुवार, 30 अप्रैल 2009

क्लब नेशनल गेम्स छत्तीसगढ़ में

भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा प्रारंभ किए जा रहे क्लब नेशनल गेम्स में जोनल नेशनल चैंपियनशिप की मेजबानी छत्तीसगढ़ को दी है। इस चैंपियनशिप में सात खेलों को नए तरह से खेला जाएगा। चैंपियनशिप में सेंट्रल जोन की पांच राज्यों की टीमें शामिल होंगी। प्रदेश ओलंपिक संघ ने इस आयोजन को करने के लिए प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग को पत्र लिखा है। अब खेल विभाग इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजेगा और इसके लिए बजट की मांग करेगा।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ ने पूरे देश में खेलों का क्लब कल्चर विकसित करने के लिए एक नई योजना बनाई है। इस योजना में सात खेलों वालीबॉल, फुटबॉल, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, हॉकी और खो-खो को शामिल किया गया है। इन सात खेलों की जो क्लब चैंपियनशिप होगी वह कुछ इस तरह से होगी कि इन खेलों के लिए अलग तरह से छोटे मैदान बनाए जाएंगे। इसी के साथ हर खेल में जो खिलाड़ी रहते हैं वे भी कम होंगे। वालीबॉल में तीन खिलाड़ी, दो अतिरिक्त खिलाड़ी के साथ एक अधिकारी होंगे। इसी तरह से फुटबॉल में ५ खिलाडिय़ों की टीम बनेगी। इसमें पांच खिलाड़ी अतिरिक्त रहेंगे। हैंडबॉल में चार खिलाडिय़ों की टीम बनेगी। इसमें तीन खिलाडिय़ों को अतिरिक्त रखा जाएगा। बास्केटबॉल टीम में तीन खिलाड़ी, तीन खिलाड़ी अतिरिक्त, कबड्डी में ५ खिलाड़ी, दो खिलाड़ी अतिरिक्त, हॉकी में ११ के स्थान पर ६ खिलाडिय़ों की टीम बनेगी। खो-खो में पांच खिलाडिय़ों की टीम रहेगी। ज्यादातर खेलों में मुख्य खेल की तुलना में आधे ही खिलाड़ी टीम में रहेंगे और इन खिलाडिय़ों को कुछ नए नियमों से छोटे मैदान में खिलाया जाएगा।

पांच राज्यों की टीमें खेलेंगी- श्री खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ को जो सेंट्रल जोन की मेजबानी मिली है इसमें मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ मप्र, दिल्ली, उत्तराखंड और उप्र की टीमें शामिल होंगी। कुल मिलाकर ६ जोन बनाए गए हैं। सबसे बड़ा नार्थ-ईस्ट जोन है जिसमें ८ राज्यों को रखा गया है। तीन जोन में जहां ६-६ राज्यों की टीमें शामिल हैं, वहीं तीन जोन में पांच-पांच राज्य रखे गए हैं। छत्तीसगढ़ में होने वाली चैंपियनशिप २००९ के अंत में होगी। उन्होंने बताया कि सेंट्रल जोन की मेजबानी छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ को दी गई है। लेकिन यह आयोजन राष्ट्रीय खेलों की तरह ही प्रदेश सरकार आयोजित करेगी। ऐसे में एक पत्र लिखकर इसकी जानकारी खेल विभाग को दी गई है। अब खेल विभाग की भारतीय ओलंपिक संघ को सूचना देगा कि वह यह आयोजन करने के लिए तैयार है।

आयोजन के लिए अलग बजट मांगेगे- खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि उनके पास प्रदेश ओलंपिक संघ का एक पत्र आया है। इस पत्र के बाद अब प्रदेश ओलंपिक संघ को एक पूरी योजना बनाकर देने के लिए कहा गया है ताकि इस योजना के साथ सरकार से चैंपियनशिप के लिए बजट मांगा जाए। उन्होंने कहा कि यह नए तरह का आयोजन है जिसको खेल विभाग जरूर करवाना चाहेगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में क्लब कल्चर से प्रदेश में खेलों का विकास होगा। इस आयोजन से प्रदेश में खेलों के क्लब बनेंगे और पहले चरण में कम से कम उन सात खेलों का विकास होगा जो इस आयोजन में शामिल हैं।

बुधवार, 29 अप्रैल 2009

नए खिलाडिय़ों में सचिन-धोनी बनने की धुन

सप्रे स्कूल के मैदान में क्रिकेट के छोटे-बड़े खिलाड़ी काफी लगन से क्रिकेट के गुर सीखने में लगे हैं। हर खिलाड़ी का अपना एक अलग सपना है। इस समय ज्यादातर खिलाडिय़ों में सचिन और धोनी बनने की धुन सवार है। खिलाड़ी कहते हैं कि उनको भी इन स्टार खिलाडिय़ों की तरह भारतीय टीम से खेलकर देश का नाम रौशन करना है।
ब्लू स्टार क्रिकेट अकादमी द्वारा राजधानी के क्रिकेटरों के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में इस समय करीब ८० खिलाड़ी सुबह शाम क्रिकेट की बारीकियां सीखने में लगे हैं। विकेट कीपर के साथ बल्लेबाजी का भी प्रशिक्षण लेने वाले सार्थक ठाकुर, सागर ज्ञवाली, राहुल सिंहा, तुषार मंडावी और हर्षल सोनी कहते हैं कि उनकी तमन्ना भी अपने देश के स्टार भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की तरह बनने की है। विकेट कीपरों में ये लोग धोनी के साथ एडम गिलक्रिस्ट का नाम भी लेते हैं।

एक खिलाड़ी कहता है कि उसको मैकुअलम की तरह बनना है। इधर गेंदबाजी के गुर सीखने वाले पुष्पराज सिंग, मिहीर राजिमवाले, दीनानाथ यादव और निर्भय सदानी कहते हैं कि वे जहीर खान, ईशांत शर्मा और इरफान पठान की तरह ही तेज गेंदबाज बनना चाहते हैं। पूछने पर ये खिलाड़ी कहते हैं कि आज जमाना तेज गेंदबाजों का है। ऐसे में स्पिनर बनने का कोई मतलब नहीं है। खिलाड़ी कहते हैं कि भारत के बाहर तो विकेट ज्यादातर तेज गेंदबाजों को ही मदद करने वाले होते हैं। बल्लेबाजी के गुर सीखने वाले राव आदित्य विक्रम सिंह, प्रखर जैन, अमन मंडावी, प्रियंशु यादव, करण गाड, शैफ अली, ओजस अग्रलाल, उत्कर्ष अग्रवाल, तुषार रुपरेला, कहते हैं कि उनकी इच्छा भारत के स्टार सचिन तेंदुलकर की तरह बनने की है। जो भी खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं उन सभी खिलाडिय़ों में सचिन और धोनी का क्रेज ज्यादा है।

२० साल से चल रहा है प्रशिक्षण देने का सिलसिला- खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले कोच चिंतामणी पद्मवार बताते हैं कि उनकी अकादमी पिछले २० सालों से रायपुर में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दे रही है। उनसे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ५० से ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। वे बताते हैं कि खिलाडिय़ों की फिटनेस पर ध्यान दिया जाता है। इसी के साथ खिलाडिय़ों को खेल में परिपूर्ण करने के लिए शाम के सत्र में टीमें बनाकर मैच भी करवाए जा रहे हैं। मैच होने से बल्लेबाजी, गेंदबाजी के साथ क्षेत्ररक्षण का भी अभ्यास हो जाता है।

उन्होंने पूछने पर बताया कि पिछले सत्र में सेंटर जोन के कप्तान प्रवीण हिगणीकर को बुलाया गया था। इस साल भी उनके आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में खिलाडिय़ों को उम्र के हिसाब से चार वर्गों में बांटा गया है। श्री पद्मवार ने बताया कि उनकी अकादमी की टीमें पंजाब, चेन्नई, दिल्ली, हरियाणा, नैनीताल जाकर वहां की टीमें से मैच खेलती हैं ताकि अकादमी के खिलाडिय़ों का खेल निखर सके। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद ऐसे खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा जो अकादमी में नियमित प्रशिक्षण लेना चाहते हैं।

मंगलवार, 28 अप्रैल 2009

हैंडबॉल के ८ खिलाड़ी जाएंगे एनआईएस का कोर्स करने

प्रदेश हैंडबॉल संघ द्वारा ८ खिलाडिय़ों को एनआईएस का कोर्स करने के लिए संघ के खर्च पर भेजने का फैसला किया गया है। ये खिलाड़ी अगले माह कोर्स करने मुंबई जाएंगे। यह जानकारी देते हुए प्रदेश हैंडबॉल संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि एनएमडीसी हैंडबॉल प्रोत्साहन समिति एवं हैंडबॉल संघ द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं खिलाडिय़ों को एनआईएस का सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए भेजे जाने का फैसला किया गया है। इस कोर्स के किए एक खिलाड़ी का खर्च १० हजार रुपए आएगा। संघ से प्रदेश् के ८ खिलाडिय़ों जितेन्द्र तिवारी (जांजगीर चांपा), सैय्यद इमरान अली (महासमुन्द), वाजिद खान (कांकेर), संजय पाल (सरगुजा), शेख मौला (भिलाई), ए। प्रभाष (भिलाई), संजय सिंह (दुर्ग( एवं मुकेश मंडल ( दंतेवाड़ा) का चयन किया है। ये सभी खिलाड़ी और अधिकारी १८ मई से २६ जून तक भारतीय खेल प्राधिकरण के साई ट्रेनिंग सेंटर अकुर्ली रोड कांदिवली मुंबई में कोर्स करने के लिए जाएंगे। श्री खान ने बताया कि संघ खिलाडिय़ों को एनआईएस कोर्स इसलिए करवा रहा है ताकि प्रदेश केहर जिले में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देेने में आसानी हो।

रविवार, 26 अप्रैल 2009

नन्हें-मुन्हें सीख रहे हैं फुटबॉल के गुर

सप्रे शाला के मैदान में नन्हें-मुन्हें फुटबॉल खिलाडिय़ों फुटबॉल के गुर सीखने में काफी लगन से लगे हुए हैं। नन्हें खिलाडिय़ों के साथ जूनियर और सीनियर खिलाड़ी भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनको फुटबॉल की बारीकियां सीखाने का काम कोच मुश्ताक अली प्रधान कर रहे हैं। हर खिलाड़ी काफी गंभीरता से सीखने में लगा है।
शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा यहां पर १० अप्रैल से सप्रे शाला के मैदान में ८२ दिनों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में पहले दिन से हर उम्र के खिलाडिय़ों को कोच मुश्ताक अली प्रधान ड्रिब्लिंग के साथ पासिंग और बॉल लेकर खिलाडिय़ों को छकाते हुए आगे बढऩे के गुर के साथ फिटनेस के लिए रनिंग भी करवा रहे हैं । श्री प्रधान ने पूछने पर बताया कि प्रशिक्षण शिविर में हर वर्ग सब जूनियर, जूनियर और सीनियर खिलाड़ी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि १४ अप्रैल को परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अब खिलाडिय़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय करीब १०० खिलाड़ी आने लगे हैं। कॉलेज की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद खिलाड़ी बढ़ेंगे और यह संख्या १५० के करीब पहुंच जाएगी। पिछले साल जो खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविर में आए थे उन खिलाडिय़ों में जहां २८ खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेले, वहीं ७० खिलाडिय़ों ने जिले की टीम में स्थान बनाकर राज्य चैंपियनशिप में खेलने में सफलता प्राप्त की। बकौल मुश्ताक अली खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण शिविर में इस तरह से तैयार किया जाता है कि कोई भी नया खिलाड़ी थोड़ी सी मेहनत करके कम से कम जिले की टीम में जगह बना ही सकता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन करीब ४५-५० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा जिनको साल भर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बिहार की टीम आएगी क्रिकेट खेलने

छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने अपने ग्रीष्मकालीन क्रिकेट कार्यक्रम की घोषणा कर दी जिसके तहत राजनांदगांव और दुर्ग में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन और रायपुर में मैचों का आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ बिहार की टीम मैच खेलने रायपुर और छत्तीसगढ़ की टीम मैच खेलने बिहार जाएगी। इसके अलावा सीनियर टीम अगले माह से राजनांदगांव में शुरु होने वाली अखिल भारतीय रानी सूर्यमुखी क्रिकेट स्पर्धा में शिरकत करेगी।
सचिव राजेश दवे ने बताया कि अगले वर्ष भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के तैयार होने वाले खेल कैलेंडर को देखते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है और आने वाले प्रतियोगिताओं में छत्तीसगढ़ की टीम उतारने का यह आगाज है। उन्होंने बताया कि बिहार की अंडर १९ टीम छत्तीसगढ़ में खेलने के लिए आएगी और छत्तीसगढ़ की अंडर १६ टीम बिहार खेलने जाएगी। इस दौरान दोनों ही प्रांतों के बीच ३ एक दिवसीय और ३ दो दिवसीय मैच खेले जाएंगे, इसके अलावा अंतर जिला सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता भी अगले माह प्रारंभ होगी जिसका फायनल १७ मई को खेला जाएगा। अंडर १९ चयन ट्रायल २६ अप्रैल को होगा तथा चुने गए संभावित २५ खिलाडिय़ों का प्रशिक्षण शिविर ६ मई से १९ मई तक राजनांदगांव में आयोजित किया गया है। २६ मई से बिहार की टीम छत्तीसगढ़ के दौरे पर आएगी। बिहार के साथ होने वाले सभी मैच रायपुर में खेले जाएंगे। अंडर १६ के लिए चयन ट्रायल ३० अप्रैल को रखा गया है, संभावित खिलाडिय़ों को १ से १२ मई तक दुर्ग में प्रशिक्षण दिया जाएगा। १३ मई को छत्तीसगढ़ की टीम बिहार दौरे पर रवाना हो जाएगी।
अंतर जिला सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता १० मई से प्रारंभ होगी १७ मई को इस प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला जाएगा। यह प्रतियोगिता राज्य के सभी १६ जिलों में होगी। १८ मई से राजनांदगांव में प्रारंभ होने वाली अखिल भारतीय रानी सूर्यमुखी देवी क्रिकेट प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की टीम शिरकत करेगी।

शनिवार, 25 अप्रैल 2009

नहीं रूकेगा क्रिकेट-मशीन से बनेगा विकेट

राजधानी की रियाज क्रिकेट अकादमी ने अपने खिलाडिय़ों को नियमित क्रिकेट का अभ्यास देने के लिए अब तीन लाख पच्चीस हजार की रोलर मशीन खरीद ली है। इस मशीन के आने के बाद क्रिकेट पर ब्रेक नहीं लगेगा और नियमित रूप से क्रिकेट होते रहेगा। पहले विकेट बनाने के लिए अभ्यास को रोकना पड़ता था, लेकिन अब इसकी नौबत नहीं आएगी। इस मशीन की शुरुआत मैदान में पूजा-अर्चना के साथ की गई। अब अकादमी अगले कदम में खिलाडिय़ों को सुविधाएं देने के लिए जिम बनाने जा रही है। इसी के साथ बालिंग मशीन भी ली जाएगी।
यह जानकारी देते हुए अकादमी के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि अकादमी में इस समय समर कैम्प में करीब २०० बच्चे आए हैं। इन बच्चों का जब कैम्प के लिए पंजीयन किया गया था तो उनसे पहला सवाल यही किया गया था कि वे महज समर कैम्प के हिसाब से प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं या फिर आगे नियमित खेलेंगे। इसके जवाब में ७० प्रतिशत बच्चों ने नियमित रहने की बात कही थी। इस बातों को ध्यान में रखते हुए ही यह फैसला किया गया कि अब रोलर मशीन लेनी जरूरी है। वैसे तो अकादमी काफी पहले से यह चाह रही थी कि उसके पास अपनी रोलर मशीन हो। लेकिन इसके महंगे होने की वजह से हिम्मत नहीं जुटाई जा रही थी। लेकिन अब जबकि यह लगने लगा कि अकादमी में ज्यादा खिलाड़ी हो जाएंगे और विकेट बनाने में समय लगेगा तो इससे खिलाडिय़ों के अभ्यास में बाधा आएगी। इसलिए अकादमी ने अपने सदस्यों की मदद से तीन लाख पच्चीस हजार की मशीन ली है। यह मशीन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मान्यता प्राप्त कंपनी से ही ली गई है। यह एक टन क्षमता वाली हाईड्रोलिक हापो कंपनी की मशीन है जिसका ब्रांड टाइगर है। इस मशीन से अब काफी कम समय में विकेट ठीक हो जाएंगे। श्री नचरानी ने बताया कि अकादमी में पांच विकेट हैं जिन पर खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।
अमय खुरासिया आएंगे प्रशिक्षण देने- श्री नचरानी ने बताया कि इस समय प्रशिक्षण शिविर में आ रहे २०० खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम केविन कास्टर, विजय नायडु, जसपाल धाड़ीवाल, विजय होतवानी, अजय रामनानी एवं एसपी सिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मप्र के अमय खुरासिया से बात हो गई है, वे कुछ दिनों के लिए खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने आएंगे। इसी के साथ सेंट्रल जोन टीम के कप्तान रहे प्रवीण हेगणीकर भी एक सप्ताह के लिए खिलाडिय़ों को क्रिकेट की बारीकियां बताने आएंगे। उन्होंने पूछने पर बताया कि १५ अप्रैल से प्रारंभ हुआ प्रशिक्षण शिविर ५ जून तक चलेगा।
अब बनेगा जिम और आएगी बालिंग मशीन- श्री नचरानी ने बताया कि अकादमी खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के प्रयास में है। उन्होंने कहा कि हमारा ऐसा प्रयास है कि हमारी अकादमी देश की नामी अकादमी के रूप में जानी जाए। उन्होंने बताया कि अकादमी के पास जो १० हजार फीट जमीन है उसमें अब जिम बनाने का काम प्रारंभ होने वाला है। इसके लिए सांसद रमेश बैस ने अपनी सांसद निधि से १० लाख रुपए दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिम के लिए बनने वाले हॉल में एक बड़ा कांफ्रेस हाल भी रहेगा जहां खिलाडिय़ों को विडियो रिकार्डिंग से खेल की बारीकियों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अकादमी एक बालिंग मशीन भी लेने वाली है ताकि खिलाडिय़ों को अभ्यास में सुविधा हो।

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009

हमको भी बनना है चैंपियन

सप्रे टेबल टेनिस हॉल में मशीन से दनादन गेंदें बाहर आ रही हैं और खिलाड़ी एक-एक करके इन गेंदों को खेल रहे हैं। टेबल टेनिस के गुर सीखने वाले दो दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी नए हैं। इन सभी का यहां आने का मकसद महज समर कैम्प नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के नंबर वन खिलाड़ी विनय बैसवाड़े की तरह चैंपियन बनना है। सभी खिलाड़ी एक स्वर में कहते हैं कि हमको भी चैंपियन बनना है।
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में १६ अप्रैल से टेबल टेनिस का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। इस शिविर में ३० से ज्यादा बच्चे नए आएं हैं जो टेबल टेनिस में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। प्रशिक्षण लेने के लिए कई छोटे-छोटे बच्चे भी आए हैं। सभी खिलाडिय़ों संजय खंडेलवाल, नमन बरडिया, तन्य घाटगे, अंतु कृण्णन पिल्ले, सागरिका दास गुप्ता, नवजोत सिंह भाटिया, संजना जैन, प्रखर जैन, शंशाक अहीराव, महिला राजिमवाले, रसमीत कौर भाटिया, सौम्या रायजादा, अदिति जाधवानी, कागज खंडेलवाल, कुमारी पलक, अभिषेक श्रीवास्तव, कुशल रस्तोगी, कार्तिक खरे, कुणाल पेढ़कर ने एक स्वर में कहा कि वे पहली बार यहां टेबल टेनिस के गुर सीखने आए हैं और अब चाहते हैं कि उनको नियमित प्रशिक्षण मिले ताकि वे भी अपने राज्य के चैंपियन विनय बैसवाड़े की तरह चैंपियन बनकर अपने राज्य और देश का नाम रौशन कर सकें। सभी खिलाडिय़ों ने पूछने पर बताया कि मशीन से सीखने में आसानी रही है। खिलाडिय़ों ने बताया कि उनको मशीन के माध्यम से बैकहैंड, फोरहैंड, रिटर्न आदि के गुर सीखाएं जा रहे हैं। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले राष्ट्रीय खिलाडिय़ों सौरभ मोदी एवं विजय बैसवाड़े ने बताया कि खिलाडिय़ों को खेल के गुर सीखने के साथ ही उनकी फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन्होंने बताया कि मशीन से एक मिनट में ९० बॉल निकलती है। इन्होंने कहा कि ज्यादा खिलाड़ी होने के कारण सभी पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है ऐसे में मशीन कारगर साबित हो रही है। इन्होंने बताया कि इस समय शिविर में ३० नए और करीब २० पुराने खिलाड़ी हैं। पूछने पर इन्होंने कहा कि खिलाड़ी बढ़ते हैं तो प्रदेश संघ जरूर और ज्यादा मशीनों का इंतजाम करेगा। फिलहाल एक मशीन पर्याप्त है।

गुरुवार, 23 अप्रैल 2009

हैंडबॉल के आदिवासी खिलाडिय़ों को निखारने की पहल

छत्तीसगढ़ के हैंडबॉल संघ के प्रदेश में हैंडबॉल के आदिवासियों खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय मंच देने के लिए उनको निखरने की एक पहल की है। प्रदेश के आदिवासी खिलाडिय़ों को हैंडबॉल की बारीकियों से अवगत करवाने के लिए प्रदेश हैंडबॉल संघ ने एक राष्ट्रीय कोच बुलाने का फैसला किया है। एयरफोर्स के ये कोच छत्तीसगढ़ के कई जिलों में करीब 45 दिनों तक प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। प्रदेश संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि हैंडबॉल संघ ने एनएमडीसी के सहयोग से प्रोत्साहन समिति बनाई है। इस समिति के माध्यम से प्रदेश में पहली बार आदिवासी खिलाडिय़ों को हैंडबॉल से जोडऩे के लिए एक योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत ही त्रिवेन्द्रम के एयरफोर्स के एनआईएस कोच बीआर दास को यहां पर 45 दिनों के लिए बुलाया गया है। कोच के रहने खाने के साथ उनको शुल्क देेने का खर्च प्रोत्साहन कोष से किया जाएगा। श्री दास यहां आने के बाद सबसे पहले 22 से 30 मई तक जगदलपुर में चुने हुए खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। वहां के बाद वे दंतेवाड़ा, कांकेर और बीजापुर में भी खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देंगे। इन सभी जिलों का प्रशिक्षण शिविर एक स्थान पर लगाने की योजना है। बस्तर के आदिवासी खिलाडिय़ों के साथ जांजगीर एवं राजनांदगांव के ग्रामीण खिलाडिय़ों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्री खान ने बताया कि उनका संघ चाहता है कि हैंडबॉल में ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण खिलाड़ी शामिल हों ताकि जब प्रदेश की टीमें बनें तो उन टीमों में शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के भी खिलाड़ी शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर होता यही है कि प्रदेश की टीमों में शहरी खिलाड़ी रखे जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्रामीण खिलाड़ी तकनीक में मात खा जाते हंै। उन्होंने कहा कि ग्रामीण खिलाडिय़ों की फिटनेस तो लाजवाब होती है, बस उनको खेल की बारीकियां बताने की जरूरत है। इसीलिए राष्ट्रीय कोच को बुलाया गया है ताकि विशेष प्रशिक्षण शिविर में खिलाडिय़ों को निखारा जा सके।

संतोष ट्रॉफी में खेलेगी छत्तीसगढ़ की टीम

देश की प्रतिष्ठित फुटबॉल चैंपियनशिप संतोष ट्रॉफी में खेलने के लिए छत्तीसगढ़ की टीम भी जाएगी। वहां जाने से पहले यहां पर प्रदेश स्तर पर एक चैंपियनशिप का आयोजन होगा जिसमें खेल के आधार पर प्रदेश की टीम बनेगी। संतोष ट्रॉफी में खेलने जाने वाली प्रदेश की सीनियर टीम का चयन करने के लिए भिलाई में 28 अप्रैल से राज्य चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है। इस चैंपियनशिप में प्रदेश के सभी 18 जिलों की टीमें शामिल होंगी। प्रदेश फुटबॉल संघ के जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि देश की प्रतिष्ठित संतोष ट्रॉफी चैंपियनशिप का आयोजन चेन्नई में 24 मई से 24 जून तक किया गया है। इस एक माह तक चलने वाली चैंपियनशिप के लिए प्रदेश की टीम का चयन भिलाई में किया जाएगा। वहां पर 28 अप्रैल से होने वाली राज्य चैंपियनशिप में प्रदेश के 18 जिलों के दिग्गज खिलाड़ी शामिल होंगे और अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित करके टीम में स्थान बनाने का प्रयास करेंगे। यहां पर सबसे पहले प्रदेश की संभावित टीम तय की जाएगी जिसका 21 दिनों का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। इस शिविर के अंतिम दिन टीम तय की जाएगी जो खेलने जाएगी।

बुधवार, 22 अप्रैल 2009

बीएसपी ने चौथी बार उड़ाया खिताब

अंतर इस्पात बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भिलाई स्टील प्लांट की टीम ने लगातार चौथा खिताब उड़ाया। फाइनल में भिलाई ने मेजबान राउरकेला की टीम को कड़े मुकाबले में ८८-७२ से मात दी। राउरकेला में खेली गई इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए बीएसपी के सहायक प्रबंधक और अंतरराष्ट्रीय कोच राजेश पटेल ने बताया क भिलाई की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में स्थान बनाया। यहां पर उसका सामना मेजबान टीम से हुआ। फाइनल में विजेता टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्रथम सिंह ने सबसे ज्यादा २० अंक बनाए। इसके अलावा किरणपाल सिंह ने १६, पवन तिवारी ने १२, साजी टीम थामस, अंकित पाणिग्रही एवं दुर्गेश राजु ने १०-१० अंक बनाए। फाइनल से पहले भिलाई ने सेमीफाइनल में इस्को बर्नपुर को ७८-४२, पूल मैचों में विशाखापट्नम को ६४-२१, टाटा स्टील को ८४-६१ एवं दुर्गापुर को ५९-२६ से मात दी।

राष्ट्रीय तैराकी के लिए टीम में स्थान बनाने होगी मशक्कत

राष्ट्रीय तैराकी में शामिल होने के लिए प्रदेश के तैराक भिलाई में जुटेंगे। प्रदेश तैराकी संघ की नई कार्यकारिणी ने सब जूनियर और जूनियर राज्य चैंपियनशिप का आयोजन खेल विभाग की मदद से भिलाई में करने का फैसला किया है। यह चैंपियनशिप ९ से ११ मई तक होगी। प्रदेश तैराकी संघ की सामान्य सभा की बैठक में जहां पिछले सत्र के आय-व्यय का हिसाब पेश किया गया, वहीं नए सत्र के बजट का अनुमोदन भी किया गया। बैठक में प्रदेश का एक खेल कैलेंडर भी तय किया गया। इस कैलेंडर के मुताबिक ही राज्य की सब जूनियर और जूनियर चैंपियनशिप के लिए भिलाई का नाम तय किया गया। ये दोनों चैंपियनशिप खेल विभाग द्वारा आयोजित की जाती है। इन दोनों चैंपियनशिप के अलावा राज्य की सीनियर चैंपियनशिप प्रदेश संघ करवाएगा। अभी इसकी मेजबानी तय नहीं की गई है। इधर प्रदेश संघ के सचिव के पद से जीएस सक्सेना द्वारा त्यागपत्र दिए जाने के कारण उनके स्थान पर सहीराम जाखड़ को नया सचिव बनाया गया। श्री सक्सेना को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।

रविवार, 19 अप्रैल 2009

राष्ट्रीय कबड्डी रायपुर में

राष्ट्रीय जोनल कबड्डी चैंपियनशिप का आयोजन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किया जाएगा। इसकी मेजबानी रायपुर को देने का फैसला प्रदेश कबड्डी संघ की बैठक में किया गया। इस बैठक में प्रदेश की कबड्डी टीमों में चुने जाने के बाद भी प्रशिक्षण शिविर में लगातार न आने वाले रेलवे और पुलिस के खिलाडिय़ों के कारण प्रदेश के दूसरे प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों के हो रहे नुकसान को देखते हुए संघ ने एक कड़ा कदम उठाया है। प्रदेश संघ की बैठक में सर्वसम्मति सेयह फैसला किया गया है कि अगर रेलवे और पुलिस के खिलाडिय़ों को यही क्रम जारी रहा तो टीमों की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। पहले कदम पर दोनों टीमों को नोटिस दिया जाएगा। बैठक में राष्ट्रीय जोनल चैंपियनशिप की मेजबानी रायपुर को देने के साथ राज्य सीनियर वर्ग की मेजबानी दंतोवाड़ा का काफी विचार-विमर्श के बीद दी गई। दंतेवाड़ा के नक्सली क्षेत्र होने के कारण वहां चैंपियनशिप के आयोजन को लेकर संदेह है। इसके बाद भी दंतेवाड़ा जिला संघ द्वारा लगातार मांग करने पर अंतत: सभी जिला संघों ने वहां पर आयोजन के लिए हामी भर दी।
प्रदेश कबड्डी संघ की बैठक में राष्ट्रीय जोनल चैंपियनशिप की मेजबानी का भी फैसला किया गया। इस चैंपियनशिप सेंट्रल जोन की आठ टीमें शामिल होंगी। इस चैंपियनशिप को लेने के लिए रायपुर के साथ कोरबा ने भी प्रस्ताव रखा था। इन प्रस्तावों पर चर्चा के बार अंत: में इसकी मेजबानी रायपुर को देने का फैसला किया गया। यह चैंपियनशिप दिसंबर में या फिर अगले साल जनवरी में होगी। बैठक में एक अहम फैसला यह भी किया गया कि अब रेलवे और पुलिस टीमों के खिलाडिय़ों की मनमर्जी बर्दाश्त नहीं जाएगी। यहां पर यह बताना लाजिमी है कि हमेशा इन दोनों टीमों के खिलाड़ी प्रदेश की टीमों में चुने जाने के बाद छुट्टी न मिलने की बात कहते हुए प्रशिक्षण शिविरों में नहीं आते हैं। ऐसे में संघ ने ऐसे खिलाडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बनाया और इस मुद्दे को सामान्य सभा की बैठक में रखा गया। बैठक में सभी जिलों से आए अध्यक्ष और सचिवों ने ऐसे खिलाडिय़ों को टीम में ही न रखने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद यह तय किया गया कि पहले कदम पर रेलवे और पुलिस टीमों के संघों को चेतावनी के रूप में नोटिस दिया जाए और उनसे जवाब मांगते हुए उनकी मान्यता समाप्त करने की बात की जाए। इस बात पर सबकी सहमति बनी। इसी के साथ यह भी कहा गया कि जिलों की टीमों में चुने जाने वाले ऐसे किसी भी खिलाड़ी से घोषणापत्र लिए जाएंगे जिनके बारे में आशंका रहेगी कि वह प्रदेश की टीम में चुने जाने पर प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं होगा।
नक्सली क्षेत्र में राज्य चैंपियनशिप- राज्य चैंपियनशिपों की मेजबानी के फैसलों में दंतेवाड़ा को भारी मशक्कत के बाद अंतत: सीनियर वर्ग की मेजबानी मिली। दंतेवाड़ा की मेजबानी पर पहले तो कई जिलों संघों ने यह कहते हुए आपति की कि दंतेवाड़ा का क्षेत्र नक्सली क्षेत्र है और वहां जाकर खेलना सभी टीमों के लिए खतरनाक होगा। दंतेवाड़ा को मेजबानी से वंचित रखने के लिए पाकिस्तान में श्रीलंका टीम पर हुए हमले का उदाहरण भी दिया गया। लेकिन अंत में जब सभी जिला संघों को दंतेवाड़ा कबड्डी संघ के सचिव डी. साहू ने यह भरोसा दिलाया कि जहां पर चैंपियनशिप का आयेजन होने है, वहां कभी नक्सली घटनाएं नहीं हुईं है तब जाकर सभी संघों से हामी भरी। अन्य चैंपियनशिप में धमतरी को सब जूनियर चैंपियनशिप दी गई। यह चैंपियनशिप १० से १५ सितंबर के बीच होगी क्योंकि एक अक्टूबर से राष्ट्रीय चैंपियनशिप होने है। जूनियर वर्ग की मेजबानी भिलाई को दी गई। भिलाई को जहां अगले साल की बीच कबड्डी की भी मेजबानी दी गई, वहीं इस साल का बीच कबड्डी का आयोजन बिलसपुर की अअरपा नदी के किनारे होगा। यह चैंपियनशिप २२ से २४ मई तक होगी। बैठक में प्रदेश कबड्डी संघ के महासचिव रामबिसाल साहू के साथ उपाध्यक्ष डीडी साहू. बंसत शर्मा, संगठ सचिव बंसत अंचल, रेफरी बोर्ड के चेयरमैन शंकर यादव, तकनीकी कमेटी के चेयरमैन ओपी जायसवाल, चयन समिति के चेयरमैन जीपी सिंह के साथ सभी मान्यता प्राप्त जिला संघों के अध्यक्ष एवं सचिव उपस्थित थे।

शनिवार, 18 अप्रैल 2009

प्रदेश में अच्छे अंपायर तैयार करने लगी क्लास

प्रदेश में अच्छे अंपायर तैयार करने के लिए राज्य के ५५ अंपायरों की क्लास शनिवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल में शुरू हुई। इन नवोदित अंपायरों को क्रिकेट के नियमों से अवगत कराने का काम अंतरराष्ट्रीय अंपायर गिरीधरन कर रहे हैं। पहले दिन अंपायरों की क्लास के बाद अब दूसरे दिन रविवार को उनकी परीक्षा होगी।
छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मान्यता मिलने के बाद उससे मिली ५० लाख की सहायता राशि के बाद अब तेजी से प्रदेश में क्रिकेट के विकास के लिए काम करना प्रारंभ किया है। इसी कड़ी में सबसे पहले राज्य से ज्यादा से ज्यादा अच्छे अंपायर बनाने के लिए यहां पर दो दिनों की क्लास लगाने का काम किया गया है। इस क्लास को लेने का जिम्मा अंतरराष्ट्रीय अंपायर एवं बीसीसीआई के मान्यता प्राप्त तथा छत्तीसगढ़ के लिए अधिकृत गिरीधरन को दिया गया है। उनके साथ एक और अंतरराष्ट्रीय अंपायर टी. रामचन्द्रन भी शामिल हैं। शनिवार को लगी क्लास के बारे में जानकारी देते हुए गिरीधरन ने बताया कि प्रदेश संघ राज्य में अच्छे अंपायर बनाना चाहता है ताकि यहां पर स्तरीय क्रिकेट हो सके। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के ऐसे वरिष्ठ खिलाडिय़ों को यहां बुलाया गया है जिनकी रूचि अंपायरिंग में है। ऐसे ५५ लोग यहां आए हैं जिनको आज अंपायरिंग के बारे में जानकारी दी गई। इनको बताया गया है कि क्रिकेट के नियमों के मुताबिक किस तरह से खिलाडिय़ों को आउट दिया जाता है। नवोदित अंपायरों को क्रिकेट के ४२ नियमों के बारे में पूरी जानकारी देने के साथ उनको मैदान में ले जाकर प्रैक्टिकल भी कराया गया और बताया गया कि कैसे रन आउट, पगबाधा, क्लीन बोल्ड, कैच आउट आदि दिया जाता है। गिरीधरन ने बताया कि अगर उनको अंपायरिंग के बारे में जानकारी देने के लिए किसी भी जिले में जाना पड़ेगा तो वे जरूर राज्य संघ की तरफ जाएंगे। गिरीधरन ने बताया कि अब इन अंपायरों की लिखित परीक्षा रविवार को होगी।
उन्होंने बताया कि यहां पर अंपायरों की परीक्षा और क्लास लेने के लिए वही बीसीसीआई से अधिकृत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे अभी मुंबई में लेबल दो अंपायरों की क्लास में गए थे। यहां पर आस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ आए थे जिन्होंने जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड के साथ बीसीसीआई का एक समाङाौता है जिसके तहत उनके विशेषज्ञ यहां आते हैं। इस क्लास में शामिल होने वाले गिरीधरन छत्तीसगढ़ से अकेले थे। वैसे देश भर से इस क्लास में २० अंपायर शामिल हुए थे।

चयन के बाद न आने वाले खिलाडिय़ों की अब खैर नहीं

प्रदेश कबड्डी संघ की रविवार को होने वाली सामान्य सभा में एक बड़ा फैसला किया जाने वाला है। संघ ने फैसला किया है कि प्रदेश की टीमों में चुने जाने के बाद प्रशिक्षण शिविरों में न आने वाले खिलाडिय़ों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभा में राज्य चैंपियनशिपों के साथ जोनल राष्ट्रीय चैंपियनशिपी की मेजबानी का भी फैसला किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के महासचिव रामबिसाल साहू ने बताया कि संघ की सामान्य सभा की वार्षिक बैठक रविवार को सुबह ११ बजे होटल शुभ में होगी। इस बैठक में सभी जिला संघों के पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में अहम मुद्दे के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अक्सर यह देखा जा रहा है कि प्रदेश की टीमों में चुने जाने के बाद भी खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविर में नहीं आते हैं। ऐसे में दूसरे प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों का नुकसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे खिलाडिय़ों के खिलाफ अब संघ ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। बैठक में तय किया जाएगा कि ऐसे खिलाडिय़ों के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए। इसी के साथ बैठक में जोनल राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी तय की जाएगी। दिसंबर में होने वाली इस चैंपियनशिप का जिम्मा छत्तीसगढ़ को मिला अब इसको कराने के लिए कौन सा जिला तैयार होता है यह फैसला रविवार के होगा। इस चैंपियनशिप में आठ राज्यों छत्तीसगढ़ के साथ मप्र, गोवा, राजस्थान, विदर्भ, महाराष्ट्र एवं गुजरात की टीमें भाग लेंगी। इस चैंपियनशिप के साथ ही राज्य की सब जूनियर, जूनियर, यूथ और सीनियर चैंपियनशिप के साथ बीच कबड्डी चैंपियनशिप के आयोजन के मेजबान भी तय होंगे।

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

छत्तीसगढ़ में गोल्फ कोर्स बनाने की तैयारी

प्रदेश की नई राजधानी में एक बड़ा गोल्फ कोर्स बनाने की तैयारी चल रही है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के खेल प्रेमियों को एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देने के बाद प्रदेश में आने वाले बड़े-बड़े उद्योगों के अधिकारियों के साथ विदेशी निवेशकों को ध्यान में रखते हुए सबसे महंगे खेल गोल्फ की तरफ भी ध्यान दिया है। इसका मैदान बनाने के लिए नई राजधानी में सौ एकड़ जमीन रखी गई है। इस मैदान की पूरी योजना भी बन गई है।
छत्तीसगढ़ बनने के बाद यहां पर कई नए खेलों के लिए सरकार ने काफी कुछ किया है। एक तरफ जहां पुराने खेलों के लिए सरकार काफी कुछ कर रही है और खेलमंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर जहां नई राजधानी में सौ करोड़ की लागत का क्रिकेट स्टेडियम बन गया है, वहीं नए खेलों के भी मैदान बनाने में कोई कसर नहीं रखी जा रही है। पुलिस लाइन में रोलर स्केटिंग का एक मैदान बना दिया गया है। इधर प्रदेश में लगातार बड़े-बड़े उद्योग घरानों के साथ विदेशी उद्योग घराने भी आने लगे हैं उसके बाद से यहां पर एक गोल्फ कोर्स की कमी महसूस की जाने लगी थी। इस मैदान के लिए वर्तमान राजधानी में तो कोई ऐसा स्थान बचा ही नहीं है जहां पर मैदान बन सके। गोल्फ के मैदान के लिए काफी बड़ी जगह की जरुरत होती है। ऐसे में नई राजधानी की योजना में इसको शामिल किया गया है। इसका काम भी नई राजधानी को बनाने वाली कंपनी के हवाले हैं। इस मैदान के लिए सौ एकड़ जमीन रखी गई है। इस मैदान की तरफ सरकार ने ध्यान देना प्रारंभ किया है। इसको बनने में हालांकि काफी समय लगेगा लेकिन गोल्फ के मैदान की योजना की जानकारी से ही इस खेल के शौकीनों में काफी उत्साह है। गोल्फ खेलने वालों में केन्द्र सरकार के कई विभागों से जुड़े आला अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के कई आला अधिकारियों के अलावा बड़े उद्योग घरानों से जुड़े लोग इस खेल का शौक रखते हैं। लेकिन प्रदेश में इस खेल का मैदान न होने के कारण अपना शौक लोग पूरा नहीं कर पाते हैं। कई अधिकारी और गोल्फ के शौकीन अपनी छुट्टियों के अलावा जब अपने काम से मप्र या फिर दिल्ली जाते हैं तो वहां पर अपना शौक पूरा करते हैं। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में कार्यरत एक अधिकारी अशोक सिंह जो कि प्रदेश सायकल पोलो संघ के अध्यक्ष भी हैं वे कहते हैं कि प्रदेश में गोल्फ का एक मैदान तो होना ही चाहिए। गोल्फ खेलने का अपना एक अलग मजा होता है, गोल्फ कोर्स में कई बड़े उद्योगपति अपनी कई योजनाएं भी बनाते हैं। गोल्फ के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह फिटनेस के लिए भी कारगर रहता है। इस खेल की तरफ कपिल देव जैसे खिलाड़ी ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब रूख किया था। भारत में इस समय इस खेल के लिए सबसे अच्छे खिलाड़ी के रूप में उड़ान सिख मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा सिंह जाने जाते हैं। वैसे गोल्फ के भारत में भी काफी अच्छे खिलाड़ी हैं। लेकिन इसके देश में काफी कम मैदान होने के कारण इस खेल के खिलाड़ी नहीं निकल पाते हैं। अब छत्तीसगढ़ में इसका मैदान बन रहा है तो यहां से भी उम्मीद की जा सकती है कि यहां से भी जीव मिल्खा सिंह जैसे खिलाड़ी निकल सकेंगे।

मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

इटली में लहराया तिरंगा

इटली में भारत की युवा वालीबॉल टीम से धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए भारत का तिरंगा लगराया दिया और अंतरराष्ट्रीय वालीबॉल चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में जर्मनी को मात देकर खिताब जीत लिया। इटली में खेली गई इस चैंपियनशिप के बारे में टीम के मैनेजर मो. अकरम खान ने दूरभाष पर जानकारी देते हुए बताया कि फाइनल मुकाबला आशा के विपरीत उतना कड़ा नहीं रहा और हमारी युवा टीम के लड़कों ने आसानी से जर्मनी को सीधे सेटों में २५-१७, २५-२९ और २५-२१ से मात देकर खिताब जीत लिया। भारतीय टीम के कप्तान हरियाणा के गुरजंत सिंह बेस्ट अटैकर और कर्नाटक के रवि कुमार को बेस्ट प्लेयर का खिताब मिला। चैंपियनशिप में भारत ने अपने विजय अभियान की शुरुआत पहले मैच में फोर दे नैनो को २५-२३, २५-२०, २५-२३ से हराया। दूसरे मैच में भारत ने मोदेना को २५-१५, २५-२१, २५-१५ से और तीसरे मैच आस्ट्रिया को २५-१२, २५-९, २५-८ से परास्त कर क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। यहां पर उसका मुकाबला स्लोवेनिया से हुआ। इस मैच में भारतीय टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए २५-१५, २५-१३, २५-२२ से जीत प्राप्त कर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। सेमीफाइनल में भारत ने इटली की टीम को कड़े मुकाबले में २६-२४, २६-२४, २५-१५ से मात दी थी। चैंपियनशिप में मेजबान इटली की कुछ टीमों के साथ चाइना, हंगरी, ईरान और यूएसए की कुछ टीमों सहित कुल १६ टीमें ने भाग लिया। भारतीय टीम में दो खिलाड़ी संतोष कुमार और हेमेन्द्र कुमार छत्तीसगढ़ के थे। अब यह टीम यहां इटली के पौलेंड जाएगा जहां पर वह १५ से १९ अप्रैल तक पौलेंड और ब्राजील के साथ टेस्ट खेलेगी। भारतीय टीम का यह दौरा विश्व कप की तैयारी के लिए है। टीम के कोच श्रीधरन ने बताया कि उनकी टीम के प्रदर्शन से यह आशा हो गइ है कि टीम विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि अब टीम का लक्ष्य पौलेंड और ब्राजील से टेस्ट मैच में जीतना है।

सोमवार, 13 अप्रैल 2009

भारत फाइनल में

इटली में चल रही अंतरराष्ट्रीय वालीबॉल चैंपियनशिप में भारत की युवा टीम ने मेजबान इटली को सीधे सेटों में ३-० से मात देकर फाइनल में स्थान बना लिया है। अब यहां पर उसका सामना जर्मनी से होगा। भारत को जीत दिलाने में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी हेमेन्द्र का अहम योगदान रहा। इस टीम में छत्तीसगढ़ के दो खिलाड़ी खेल रहे हैं। चैंपियनशिप के बारे में इटली से जानकारी देते हुए भारतीय टीम के मैनेजर मो. अकरम खान ने बताया कि भारतीय टीम का सामना सेमीफाइनल में मेजबान से हुआ। इस कांटे के मुकाबले में पहले दो सेट रोमांचक रहे। दोनों सेटों में भारत ने २६-२४, २६-२४ से बाजी मारी। तीसरे सेट में भारत ने आसानी से २५-१५ से जीत प्राप्त कर फाइनल में स्थान बना लिया। भारत को जीत दिलाने में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी हेमेन्द्र के ब्लाग ने अहम भूमिका निभाई। भारत को जीत तक पहुंचाने में उन भारतीय खेल प्रेमियों का भी हाथ रहा जो इटली में रहते हैं और मैच देखने आए थे। इन खेल प्रेमियों से भारतीय टीम का उत्साह बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भारत का खिताबी मुकाबला जर्मनी से होगा।

गए गिल-हॉकी गई खिल

भारतीय हॉकी के लिए रविवार का दिन स्वर्णिम दिन था जब भारत ने 13 साल बाद अजलान शाह कप जीता। यह सब तब हुआ है जब भारतीय हॉकी संघ से केपीएस गिल हटे हैं। इस समय भारतीय महासंघ की कमान पांच सदस्यों वाली एक कमेटी के पास है और इस कमेटी में पूरी तरह से पूर्व ओलंपिक खिलाडिय़ों का कब्जा है। कमेटी की कमान खिलाडिय़ों के हाथ में जब से आई है तभी से हॉकी फिर से शिखर की तरफ लौट रही है। सबका एक स्वर में मानना है कि गिल का जाना भारतीय हॉकी के लिए सुखद रहा है। खिलाडिय़ों की भावना को खिलाड़ी प्रशासक ही समझ सकते हैं।
अजलान शाह कप हॉकी का खिताब उड़ाकर भारतीय हॉकी टीम से यह बता दिया है कि भारत हॉकी अभी चूकी नहीं है। भारत की इस जीत से पूरे देश में उत्साह है। हर कोई इस जीत को अमूल्य बता रहा है। भारत की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पांच सदस्यों की कमेटी के एक सदस्य हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के पुत्र पूर्व ओलंपियन अशोक कुमार ने कहा कि वास्तव में यह खुशी की बात है कि भारत के हाथ १३ साल बाद इतनी बड़ी सफलता लगी है। उन्होंने कहा हमारी कमेटी तो हॉकी को निखारने के लिए हर संभव प्रयास रही है। उन्होंने कहा कि इस जीत से जरूर टीम का उत्साह बढ़ेगा और टीम आगे ज्यादा अच्छा करेगी। पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी नीता डुमरे ने कहा कि भारतीय टीम के कप्तान संदीप ने जो कहा वह कर दिखाया। उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद अजलान शाह कप जीतना सुखद है। उन्होंने कहा कि यह जीत भारतीय हॉकी के लिए आक्सीजन का काम करेगी। बकौल नीता हॉकी को जिंदा रखने के लिए अब लगातार जीत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वैसे भी अब भारतीय टीम का प्रदर्शन लगातार निखर रहा है। इसके पीछे उन्होंने भी भारतीय संघ का खिलाडिय़ों के हाथ में आना माना।
जूनियर विश्व कप की संभावित टीम में शामिल छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मृणाल चौबे ने कहा कि भारत की जीत से सभी खिलाडिय़ों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि सीनियर खिलाडिय़ों की यह जीत हम जूनियर खिलाडिय़ों को प्रेरणा देगी और हमारी टीम जून में होने वाले विश्व कप में कमाल करने का प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि अजलान शाह कप जीतने वाली टीम से ही हमारी जूनियर टीम का भोपाल में एक मैच होने वाला है। यह टीम वहां से सीधे यहां आने वाली है। मृणाल के भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में शामिल टीम के कप्तान उत्तर प्रदेश के दिवाकर राम के साथ जय करण और उड़ीसा के अमददीप इक्का ने कहा कि भारत की जीत ने साबित कर दिया है कि भारतीय हॉकी में अभी बहुत दम है।
हॉकी के कोच और राष्ट्रीय अंपायर नोमान अकरम हामिद ने कहा कि अब यह बात साबित हो गई है कि भारतीय संघ की कमान पांच सदस्यों जफर इकबाल, अशोक कुमार, धनराज पिल्ले, अजीत पाल सिंह और असलम शेर खान के हाथों में आने से ही हॉकी फिर से निखरने लगी है। उन्होंने कहा कि होना तो यही चाहिए कि भारतीय संघ खिलाडिय़ों के पास ही रहे। इसी तरह की बातें हॉकी के कोच मुश्ताक अली प्रधान ने भी कहीं। उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत की जीत हॉकी खिलाडिय़ों की जीत है। इस जीत के लिए संघ की कमान संभाल रहे उन खिलाडिय़ों को बधाई देनी चाहिए जिनके कारण आज भारतीय टीम के चयन में राजनीति नहीं हो रही है। अगर सही खिलाडिय़ों का चयन होगा तो भारतीय हॉकी को आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता है।

रविवार, 12 अप्रैल 2009

भारत सेमीफाइनल में

भारत की यूथ वालीबॉल टीम ने इटली में चल रही अंतरराष्ट्रीय चैन्पियानाशिप के सेमीफाइनल में स्थान बना लिया। टीम से अपने पूल में सभी मैच जीतने के बाद क्वार्टर फाइनल में स्लोवेनिया को हराकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। भारतीय टीम में दो खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भी खेल रहे हैं। इटली में चल रही चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय टीम के मैनेजर एवं छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान ने बताया कि चैंपियनशिप में भारत ने पहले मैच में फोर दे नैनो को २५-२३, २५-२०, २५-२३ से हराया। दूसरे मैच में भारत ने मोदेना को २५-१५, २५-२१, २५-१५ से और तीसरे मैच आस्ट्रिया को २५-१२, २५-९, २५-८ से परास्त कर क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। यहां पर उसका मुकाबला स्लोवेनिया से हुआ। इस मैच में भारतीय टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए २५-१५, २५-१३, २५-२२ से जीत प्राप्त कर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। यहां अब उसका सामना पोदोवा से होगा। चैंपियनशिप में मेजबान इटली की कुछ टीमों के साथ चाइना, हंगरी, ईरान और यूएसए की कुछ टीमों सहित कुल १६ टीमें भाग ले रही हैं। मो. अकरम ने बताया कि भारत की टीम को विश्व कप से पहले अनुभव देने के लिए भारतीय वालीबॉल फेडरेशन ने कई देशों की यात्रा करवाने का कार्यक्रम बनाया है। इसी कार्यक्रम के तहत भारतीय टीम इटली और पौलेंड के दौरे पर गई है। भारतीय टीम के साथ पहली बार छत्तीसगढ़ के दो खिलाडिय़ों संतोष कुमार और हेमेन्द्र कुमार भी गए हैं। उन्होंने बताया कि इटली में १३ अप्रैल तक होने वाली चैंपियनशिप के बाद भारतीय टीम पौलेंड जाएगी जहां पर वह १५ से १९ अप्रैल तक पौलेंड और ब्राजील के साथ टेस्ट खेलेगी।

ट्रायल के बाद ही मौका मिलेगा प्रशिक्षण शिविर में

ब्लू स्टार क्रिकेट अकादमी के प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए खिलाड़ी ट्रायल देने में जुटे हैं। ट्रायल के बाद ही खिलाडिय़ों का अंतिम चरण किया जाएगा। जो खिलाड़ी मापदंड़ पर खरे उतरेंगे उनको ही रखा जाएगा। इस समय ट्रायल देने के लिए करीब ५० खिलाड़ी सप्रे स्कूल में सुबह-शाम प्रयास कर रहे हैं। यह जानकारी देते हुए अकादमी के संस्थापक और कोच चिंतामणी पद्मवार ने बताया कि उनकी अकादमी द्वारा हर साल खिलाडिय़ों को निखारने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाया जाता है। लेकिन प्रशिक्षण शिविर में आने वाले हर खिलाड़ी को शामिल नहीं किया जाता है। सबसे पहले यह देखा जाता है कि वास्तव में प्रशिक्षण लेने आए खिलाड़ी में उतना दम है या नहीं। इसके लिए आने वाले खिलाडिय़ों को जहां रनिंग में आजमाया जाता है, वहीं उनको बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी करवाई जाती है। इसी के साथ उनको क्षेत्ररक्षण में भी परखा जाता है। जो खिलाड़ी पूरी तरह से खरे उतरते हैं उन्हीं को मौका दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस समय सप्रे स्कूल के मैदान में खिलाडिय़ों को सुबह के समय ६ से ८ बजे तक और शाम को ४.३० से ७ बजे तक परखने का काम हो रहा है। इन खिलाडिय़ों को १४ अप्रैल तक परखा जाएगा इसके बाद १५ अप्रैल से प्रारंभ होने वाले मुख्य प्रशिक्षण शिविर के लिए खिलाड़ी तय किए जाएंगे। खिलाडिय़ों को मुख्य प्रशिक्षण शिविर में हर क्षेत्र में निपुण करने के साथ खिलाडिय़ों की टीमें बनाकर आपस में मैच भी करवाएं जाएंगे।

फुटबॉल के गुर सीखने लगा खिलाडिय़ों का जमावड़ा

सप्रे शाला के मैदान में शाम के समय छोटे-बड़े फुटबॉल खिलाडिय़ों का जमावड़ा लगा है और उनको फुटबॉल की बारीकियां सीखाने का काम कोच मुश्ताक अली प्रधान कर रहे हैं। हर खिलाड़ी काफी गंभीरता से सीखने में लगा है। पहले दिन से ही यहां पर ६० से ज्यादा खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। इन खिलाडिय़ों में दो दर्जन से ज्यादा नए खिलाड़ी हैं। शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा यहां पर १० अप्रैल से सप्रे शाला के मैदान में ८२ दिनों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में पहले दिन से आए ६० से ज्यादा खिलाडिय़ों को कोच मुश्ताक अली प्रधान ड्रिब्लिंग के साथ पासिंग, हेङ्क्षडग और बॉल लेकर खिलाडिय़ों को छकाते हुए आगे बढऩे के गुर के साथ फिटनेस के लिए रनिंग भी करवा रहे हैं। श्री प्रधान ने पूछने पर बताया कि प्रशिक्षण शिविर में हर वर्ग सब जूनियर, जूनियर और सीनियर खिलाड़ी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल के प्रशिक्षण शिविर में १३५ खिलाड़ी शामिल हुए थे। इस बार १५० से ज्यादा खिलाडिय़ों के शामिल होने की संभावना है। इन खिलाडिय़ों में बालिका खिलाड़ी भी शामिल रहेंगी। उन्होंने बताया कि १४ अप्रैल तक परीक्षाएं होने के कारण अभी खिलाड़ी कम आएं हैं। परीक्षाएं होते ही १५० ेज्यादा खिलाड़ी हो जाएंगे। उन्होंने पूछने पर बताया कि पिछले साल जो खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविर में आए थे उन खिलाडिय़ों में जहां २८ खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेले, वहीं ७० खिलाडिय़ों ने जिले की टीम में स्थान बनाकर राज्य चैंपियनशिप में खेलने में सफलता प्राप्त की। बकौल मुश्ताक अली खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण शिविर में इस तरह से तैयार किया जाता है कि कोई भी नया खिलाड़ी थोड़ी सी मेहनत करके कम से कम जिले की टीम में जगह बना ही सकता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन करीब ४५-५० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा जिनको साल भर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

शनिवार, 11 अप्रैल 2009

फेडरेशन कप हैंडबॉल की मेजबानी छत्तीसगढ़ को

24वें फेडरेशन कप हैंडबॉल की मेजबानी छत्तीसगढ़ संघ को मिली है। इसका आयोजन भिलाई में किया जाएगा। इसी के साथ एक अखिल भारतीय आमंत्रण चैंपियनशिप का आयोजन बचेली में किया जाएगा। इन चैंपियनशिपों की मेजबानी के साथ राज्य चैंपियनशिपों की मेजबानी का फैसला भी प्रदेश संघ की बैठक में किया गया। यह जानकारी देते हुए प्रदेश हैंडबॉल संघ के सचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि राष्ट्रीय फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ संघ को फेडरेशन कप की मेजबानी दी है। इस मेजबानी के मिलने के बाद इसके आयोजन के लिए सभी जिला संघों से पूछा गया था। ऐसे में भिलाई के संघ ने इसकी मेजबानी लेने की सहमति दी जिसके कारण यह आयोजन भिलाई को दिया गया है। यह आयोजन इस साल के अंत में या फिर 2010 के पहले माह में किया जाएगा। इस चैंपियनशिप में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली 8 टीमों के साथ सर्विसेज, रेलवे, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और नेशनल हैडबॉल अकादमी की टीमें शामिल होंगी। श्री खान ने बताया कि एक अखिल भारतीय आमंत्रण चैंपियनशिप का आयोजन बचेली में 18 से 20 मई को किया जाएगा। इसमें चुनी हुई पुरुष वर्ग की 8 टीमॊ के साथ महिला वर्ग में चार टीमें शामिल होंगी। इन चैंपियनशिप के अलावा 8वीं मिनी राज्य बालक-बालिका चैंपियनशिप के साथ जूनियर चैंपियनशिप भी जांजगीर में 1 से 3 मई को, 8वीं सब जूनियर चैंपियनशिप जगलपुर में 22 से 24 मई, सीनियर चैंपियनशिप कोरबा में 16 से 18 अक्टूबर एवं राज्य बीच चैंपियनशिप आरंग में 4 एवं 5 जुलाई को होगी।

चार हजार खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा

राजधानी रायपुर के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने इस बार ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में रायपुर जिले के सभी 15 ब्लाकॊ को जोड़कर करीब चार हजार खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। पिछले सत्र में छह ब्लाकॊ सहित राजधानी में लगाए गए प्रशिक्षण शिविरों में दो हजार से ज्यादा खिलाड़ियों को 19 खेलों में प्रशिक्षण दिया गया था। यह जानकारी देते हुए वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि विभाग ने इस बार पाइका योजना को देखते हुए जिले के सभी विकासखंडों में खेलों का प्रशिक्षण शिविर लगाने की योजना बनाई है। इस योजना के लिए बड़े बजट की जरूरत पड़ेगी जो विभाग से मांगा जा रहा है। विभागीय मंजूरी के बाद इस योजना की तैयारी जोर-शोर से की जाएगी। श्री डेकाटे ने बताया कि योजना को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में राजधानी में जहां 19 खेलों फुटबॉल, साफ्टबॉल, हैंडबॉल, वालीबॉल, जूडो, कराते, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, नेटबॉल, बास्केटबॉल, टेनीक्वाइट, ताइक्वांडो, भारोत्तोलन,मुक्केबाजी, जंप रोप और म्यू-थाई का प्रशिक्षण शिविर 33 स्थानों पर लगाया गया था, वहीं भाटापारा में बास्केटबॉल, नेटबॉल, जूडो, कराते, तिल्दा में वालीबॉल, बैकुंठ में बास्केटबॉल, फुटबॉल, गरियाबंद में वालीबॉल, नेटबॉल फुटबॉल, कसडोल में फुटबॉल, वालीबॉल, धरसीवां में वालीबॉल, फुटबॉल का प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था। इन शिविरों में राजधानी के शिविरों में ही 18 सौ खिलाड़ियॊ से प्रशिक्षण लिया था। कुल मिलाकर पिछले साल दो हजार से ज्यादा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया था। इन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए जहां सामना विभाग से दिया गया था, वहीं करीब एक लाख 50 हजार का खर्च आया था। श्री डेकाटे ने बताया कि पिछले सत्र में मिली सफलता से उत्साहित होकर ही इस बार जिले के सभी 15 ब्लाकों में प्रशिक्षण शिविर लगाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि चार हजार खिलाड़ियॊ को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है जिस पर करीब चार लाख का खर्च आएगा। इस बार खर्च ज्यादा इसलिए भी आएगा क्योंकि इस बार विभाग के पास खेल सामान नहीं है। पिछली बार खेल सामान रहने के कारण खर्च कम पड़ा था। इस बार करीब एक लाख का खेल सामान ही लग जाएगा। उन्होंने बताया कि खेल संचालनालय से इसकी मंजूरी मिलने पर योजना पर काम प्रारंभ हो जाएगा।

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

कई खेलों में जंग कराने की तैयारी

प्रदेश के खेल विभाग ने नए सत्र के लिए खेल कैलेंडर को अंतिम रूप दे दिया है। इस कैलेंडर में इस बार कुछ नए खेलों को भी रखा गया है। इस बार खेल विभाग ने सभी खेल संघों से अपने खेलों को जुड़वाने का अनुरोध भी किया था। इस कैलेंडर को अब अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रालय भेजा गया है। वहां से इसको मंजूरी मिलते ही खेल कैलेंडर घोषित कर दिया जाएगा। खेल विभाग सब जूनियर के साथ जूनियर वर्ग की चैंपियनशिप का भी आयोजन करता है। वैसे अब विभाग ने यूथ की चैंपियनशिप भी करवाने का प्रस्ताव रखा है, इसको मंजूरी मिल गई तो इस बार इस वर्ग की चैंपियनशिप भी होगी। विभाग के पास वैसे सीनियर वर्ग की चैंपियनशिप करवाने का भी प्रस्ताव है, लेकिन इस पर फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है। प्रदेश के खेल विभाग ने परीक्षाओं के बाद खेलों के आयोजनों को लेकर खेल कैलेंडर पूरी तरह से तैयार कर लिया है। इस बार इस कैलेंडर में कुछ नया है। जहां कुछ नए खेलों को जोड़ा गया है, वहीं यूथ चैंपियनशिप का भी प्रस्ताव है। विभाग पिछले तीन सालों से कई खेलों की राज्य चैंपियनशिप का आयोजन दो स्तर सब जूनियर और जूनियर वर्ग पर कर रहा है। पहले पहल २००६-७ में सब जूनियर वर्ग की चैंपियनशिप से ही आगाज किया गया था। इस आयोजन को मिली सफलता के बाद विभाग ने खेल संघों की मांग पर ही जूनियर वर्ग की चैंपियनशिप का भी आयोजन पिछले साल से प्रारंभ किया है। पिछले साल आयोजन के समय यह बात सामने आई थी कि कुछ खेल संघ वाले यह कहते रहे कि हमारे खेलों की चैंपियनशिप का आयोजन नहीं किया गया। ऐसे में इस बार अब खेल विभाग ने उन सभी खेल संघों से आव्हान किया था जो अपने खेलों की चैंपियनशिप करवाना चाहते हैं कि वे अपने खेलों के नाम जरूर आकर विभाग में जुड़वा लें। इसका फायदा यह मिला कई खेल संघों ने जहां अपने खेलों को जोडऩे के लिए विभाग को पत्र लिखा, वहीं विभाग की मांग पर विभाग को यह भी बताया कि वे किस चैंपियनशिप को कहां करवाना चाहते हैं। विभाग ने खेलसंघों की मांग के अनुरुप ही चैंपियनशिप के स्थान तय किए हैं। सारी तैयारी के बाद अब खेल कैलेंडर को अंतिम रूप देने के लिए मंत्रालय भेजा गया है, वहां से इसकी मंजूरी मिलती ही सभी खेल संघों के पास जानकारी भेजी जाएगी, कि कौन से खेल कब और कहां होंगे।

मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

अकरम अब मैनेजर

इटली और पौलेंड के दौरे पर बुधवार को रवाना होने वाली भारतीय वालीबॉल टीम का मो. अकरम को अचानक मैनेजर बना दिया गया है। पूर्व में उनको टीम के साथ तकनीकी अधिकारी के रूप में भेजा जा रहा था। टीम के साथ दो खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भी जा रहे हैं। विशाखापट्नम से टीम के साथ रवाना होने के लिए पहुंचे छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ के महासचिव मो. अकरम को वहां पहुंचने पर मालूम हुआ कि उनको टीम के साथ अब मैनेजर के रूप में भेजा जा रहा है। उन्होंने फोन पर यह जानकारी देते हुए बताया कि अंतिम समय में टीम के मैनेजर बनकर जाने वाले पदाधिकारी का जाना टल गया जिसकी वजह से उनको यह जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि टीम यहां से बुधवार को पहले दिल्ली जाएगी, फिर वहां से इटली के लिए रवाना होगी। उन्होंने बताया कि भारत की टीम को विश्व कप से पहले अनुभव देने के लिए भारतीय वालीबॉल फेडरेशन ने कई देशों की यात्रा करवाने का कार्यक्रम बनाया है। इसी कार्यक्रम के तहत इटली और पौलेंड के दौरे के लिए टीम का चयन किया गया है। इस चुनी गई टीम में पहली बार छत्तीसगढ़ के दो खिलाडिय़ों संतोष कुमार और हेमेन्द्र कुमार का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि इटली में १० से १३ अप्रैल तक होने वाली एक चैंपियनशिप में भारतीय टीम शामिल होगी। इस चैंपियनशिप में एक दर्जन से ज्यादा देशों की टीम खेलेंगी। इस चैंपियनशिप के बाद भारतीय टीम पौलेंड जाएगी जहां पर वह १५ से १९ अप्रैल तक पौलेंड और ब्राजील के साथ टेस्ट खेलेगी।

म्यू-थाई खिलाडिय़ों ने साल भर में ५४ पदक जीते

प्रदेश के म्यू-थाई खिलाडिय़ों ने साल भर में जोरदार प्रदर्शन करते हुए विभिन्न राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ५४ पदक जीते। इन पदकों में २२ स्वर्ण २२ रजत और १० कांस्य पदक शामिल हैं। यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अध्यक्ष विजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि २००८-०९ में प्रदेश की जिन टीमों से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया, उन टीमों का प्रदर्शन जोरदार रहा। सब वर्ग जूनियर में प्रदेश की बालक टीम ने ३ स्वर्ण, ५ रजत और दो कांस्य पदक जीते। इस वर्ग में बालिका टीम ने ६ स्वर्ण, ३ रजत और एक कांस्य पदक जीता। जूनियर बालक वर्ग में २ स्वर्ण, ३ रजत और ४ कांस्य पदक, बालिका वर्ग में ५ स्वर्ण, २ रजत पदक मिले। सीनियर वर्ग में पुरुष खिलाडिय़ों ने ४ स्वर्ण, ५ रजत महिला खिलाडिय़ों ने २ स्वर्ण, ४ रजत और एक कांस्य पदक जीता। श्री अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद से अब तक खिलाडिय़ों ने १२२ स्वर्ण, ८९ रजत आर २७ कांस्य पदक जीते हैं। संघ को खेल विभाग की तरफ से पिछले सत्र में दो लाख २६ हजार दो सौ रुपए का अनुदान मिला है। इसी के साथ २००७-०८ में राष्ट्रीय उपलब्धियॊ के आधार पर एक लाख की प्रेरणा निधि भी मिली है।

प्रदेश की फुटबॉल टीम चेन्नई जायेगी

राष्ट्रीय यूथ चैंपियनशिप में खेलने जाने वाली प्रदेश की फुटबॉल टीम का चयन ८ अप्रैल से बिलासपुर में होगा। यहां पर चलने के बाद टीम का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। इसके बाद टीम यहां से १८ अप्रैल को चेन्नई के लिए रवाना होगी। यह जानकारी देते हुए प्रदेश फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि अंडर २१ साल की यूथ फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन चेन्नई में २० अप्रैल से किया गया है। इस चैंपियनशिप में खेलने जाने वाली प्रदेश की फुटबॉल टीम का चयन ट्रायल बिलासपुर में ८ से १० अप्रैल तक किया गया है। इस ट्रायल में रायपुर के साथ बिलासपुर, कोरबा, कोरिया एवं दुर्ग के करीब ५० से ज्यादा खिलाड़ी शामिल होंगे। श्री प्रधान ने बताया कि चूकि इस समय कॉलेज की परीक्षाएं चल रही हैं ऐसे में खिलाडिय़ों के कम आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि टीम से संभावित खिलाडिय़ों के चयन के बाद प्रशिक्षण शिविर बिलासपुर में ही लगाया जाएगा। अंतिम टीम का चयन १८ अप्रैल को करने के लिए टीम चेन्नई के लिए रवाना होगी।

रविवार, 5 अप्रैल 2009

वालीबॉल दल में मो. अकरम तकनीकी अधिकारी

पहली बार छत्तीसगढ़ के दो वालीबॉल खिलाडिय़ों संतोष कुमार और हेमेन्द्र कुमार को भारत की युवा टीम में शामिल किया गया है। यह टीम १० अप्रैल से इटली और पौलेंड का दौरा करेगी। भारतीय दल में छत्तीसगढ़ के मो. अकरम को तकनीकी अधिकारी के रूप में शामिल किया गया है। यह जानकारी देते हुए प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो. अकरम खान ने बताया कि इस समय भारत की संभावित युवा टीम विश्व कप की तैयारी में जुटी हुई है। भारत की संभावित टीम का प्रशिक्षण शिविर विशाखापट्नम में चल रहा है। भारत की टीम को विश्व कप से पहले अनुभव देने के लिए भारतीय वालीबॉल फेडरेशन ने कई देशों की यात्रा करवाने का कार्यक्रम बनाया है। इसी कार्यक्रम के तहत इटली और पौलेंड के दौरे के लिए टीम का चयन किया गया है। इस चुनी गई टीम में पहली बार छत्तीसगढ़ के दो खिलाडिय़ों संतोष कुमार और हेमेन्द्र कुमार का चयन किया गया है। ये दोनों खिलाड़ी छह फीट से भी ज्यादा लंबे हैं जिसके कारण इनका चयन टीम में किया गया है। वैसे प्रशिक्षण शिविर में छत्तीसगढ़ के तीन खिलाड़ी शामिल हैं। श्री अकरम ने बताया भारतीय टीम विशाखापट्नम से ८ अप्रैल को इटली के लिए रवाना होगी जहां पर वह १० से १३ अप्रैल तक होने वाली एक चैंपियनशिप में शामिल होगी। इस चैंपियनशिप में एक दर्जन से ज्यादा देशों की टीम खेलेंगी। इस चैंपियनशिप के बाद भारतीय टीम पौलेंड जाएगी जहां पर वह १५ से १९ अप्रैल तक पौलेंड और ब्राजील के साथ टेस्ट खेलेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारत की टीम ने पिछले साल श्रीलंका में हुई यूथ एशियनन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। वहां पर इरान की टीम चैंपियन बनी थी जबकि दूसरा स्थान जापान को मिला था। उन्होंने बताया कि भारतीय टीम के कोच जीई श्रीधरन को भरोसा है कि भारत की टीम विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने बताया कि टीम अच्छा प्रदर्शन कर सकें इसके लिए भारत सरकार की मदद से ही टीम का ८ माह का लंबा प्रशिक्षण शिविर लगाया गया है, साथ ही सरकार के खर्च पर टीम को कई देशों में खेलने के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने पूछने पर बताया कि भारतीय फेडरेशन का लक्ष्य२०१२ के ओलंपिक में खेलने की पात्रता पाना भी है।

राजधानी रायपुर में पहली बार स्केटिंग का प्रशिक्षण

प्रदेश की राजधानी रायपुर में पहली बार स्केटिंग का प्रशिक्षण पुलिस लाइन के स्केटिंग मैदान में देने की तैयारी की जा रही है। प्रशिक्षण का प्रारंभ तो हो गया है, पर इसका विधिवत उद्घाटन १० अप्रैल से किया जाएगा। यहां पर राजधानी के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम राष्ट्रीय प्रशिक्षक दलजीत सिंह करेंगे। प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी देते हुए प्रशिक्षक दलजीत सिंह ने बताया कि राजधानी का यह मैदान देश का सबसे बड़ा मैदान है और यहां पर पहली बार प्रशिक्षण शिविर लगाने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया दिसंबर में यहां पर राज्य चैंपियनशिप का आयोजन किया था तब इस चैंपियनशिप में राजधानी के भी बहुत खिलाड़ी आए थे। इन खिलाडिय़ों के साथ ही और कई बच्चे ऐसे थे जो स्केटिंग के बारे में जानना चाहते थे। उसी समय यह तय किया गया था कि इस बार प्रशिक्षण शिविर रायपुर में लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे कई सालों से भिलाई में प्रशिक्षण शिविर लगाते रहे हैं जहां पर ग्रीष्मकालीन शिविर में ३०० से ज्यादा खिलाड़ी आ जाते हैं। बकौल दलजीत सिंह भिलाई में तो कई स्थानों पर शिविर लगते हैं। उन्होंने रायपुर के शिविर के बारे में बताया कि यहां पर इसकी तैयारी कर ली गई है और शनिवार से ही आने वाले खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनका पंजीयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिविर का विधिवत उद्घाटन १० अप्रैल को किया जाएगा। शिविर में टेनासिटी के साथ क्वाट्र्स और इन लाइन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में खिलाडिय़ों को फिजिकल के साथ स्केटिंग के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ज्यादातर खिलाड़ी टेनासिटी से संबंधित हैं। इस वर्ग के स्केटिंग क्योंकि महंगे नहीं आते हैं ऐसे में खिलाड़ी इसी को चुनना ज्यादा पसंद करते हैं। बाकी वगों के स्केटिंग दो हजार से लेकर ४० हजार तक आते हैं। उन्होंने बताया कि उनको उम्मीद है कि रायपुर में १५० के आस-पास खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविर में आ जाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए शुल्क लिया जाएगा लेकिन यह शुल्क काफी कम होगा।

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009

मेट्रो कोलकाता-बिलासपुर नाकआउट में

अखिल भारतीय अंतर जोन रेलवे क्रिकेट में पटियाला को अपने अंतिम मैच में भी हारा का सामना करना पड़ा। बेंगलूर ने पटियाला को पहले महज ९४ रनों पर समेट दिया, फिर जीत के ९५ रन एक विकेट खोकर ही प्राप्त कर लिए। चैंपियनशिप में एसीसीआर रेलवे बिलासपुर और मेट्रो कोलकाता की टीमों ने अपने सभी मैच जीतकर दिल्ली में होने वाली नाकआउट चैंपियनशिप के लिए पात्रता प्राप्त कर ली। डब्ल्यूआरएस के मैदान पर शुक्रवार को खेले गए मैच में बेंगलूर की टीम ने टॉस जीतकर पटियाला को पहले खेलने के लिए आमंत्रित किया। पटियाला की टीम २०.१ ओवरों में ९४ रनों पर ही सिमट गई। पटियाला के दो बल्लेबाज ही दहाई के अंकों तक पहुंच सके। इन्द्रजीत ने २४ गेंदों पर ३१ रन और जयप्रकाश ने १० गेंदों पर १३ रन बनाए। मनोज केएच ने १० ओवरों में ४० रन देकर सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। अक्षय ने २२ रनों के एवज में तीन विकेट और एम. नागराज ने १९ रन देकर दो विकेट लिए। ९५ रनों का आसान सा लक्ष्य बेंगलूर ने अक्षय (०८) का विकेट खोकर ९.४ ओवरों में ही प्राप्त कर लिया। मंगेश रेड्डी ने ३१ गेंदों पर ९ चौकों की मदद से ४६ रन बनाए। योगेश के बल्ले से २८ रन निकले। योगेश ने २६ गेंदों का सामना किया और चार चौके जड़े। आज का मैच जीतने के बाद भी बेंगलूर की टीम नाकआउट चक्र में नहीं पहुंच सकी। दिल्ली में होने वाले नाकआउट चक्र में खेलने की पात्रता एसीसीआर रेलवे बिलासपुर और मेट्रो कोलकाता को मिली। बिलासपुर ने अपने सभी मैच जीते, जबकि कोलकाता के खाते में पांच जीत के साथ एक ट्राई मैच आया। आज के मैच में चार विकेट लेने वाले मनोज मैन ऑफ द मैच रहे। मैच के अंपायर वासुदेवन और विजय प्रसाद थे। स्कोरर सचिन टांक और अभिषेक जैन थे। समापन मैच में मैन ऑफ द मैच खिलाड़ी को वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक मनोज कुमार सिंह से पुरस्कार दिया।

गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

राष्ट्रीय फुटबॉल की मेजबानी मांगी छत्तीसगढ़ ने

छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ ने राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी मांगी है। यह मेजबानी करने का इच्छुक रायपुर फुटबॉल संघ है। संघ रायपुर में अंडर १६ साल बालक या फिर अंडर १३ साल बालिका वर्ग की चैंपियनशिप करवाना चाहता है। यह जानकारी देते हुए फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि रायपुर जिला फुटबॉल संघ की बैठक में यह तय किया गया है कि संघ यहां पर एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश फुटबॉल संघ ने सभी जिलों संघों को पत्र लिखा था कि संघ को एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी मिल सकती है, अगर कोई जिला संघ अपने जिले में यह चैंपियनशिप करवाने का इच्छुक हो तो सूचना दे। श्री प्रधान ने बताया कि सबसे पहले हमारे जिला संघ ने प्रदेश संघ के पत्र के जवाब में उनको पत्र लिखा कर कहा है कि उनका संघ अंडर १६ साल बालक या फिर अंडर १३ साल बालिका वर्ग की चैंपियनशिप करवाना चाहता है। उन्होंने बताया कि इस चैंपियनशिप की मेजबानी का जिम्मा प्रदेश संघ को मिला तो चैंपियनशिप रायपुर में होगी। उन्होंने बताया कि चैंपियनशिप में १४ से १५ लाख का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि चैंपियनशिप की मेजबानी मिलने पर सभी मैच राजकुमार कॉलेज के मैदान में करवाएं जाएंगे। इस मैदान के अलावा शहर में और कोई मैदान राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लायक नहीं है।

नंदी के बल्ले से निकली जीत

अखिल भारतीय अंतर जोन रेलवे क्रिकेट में मेट्रो कोलकाता ने सलामी बल्लेबाज ए. नंदी की ९९ रनों की आतिशी पारी की मदद से लखनऊ को ९ विकेट से मात देकर अपनी चौथी जीत दर्ज की। कोलकाता की टीम अब तक अपने सभी मैच जीतकर टॉप पर है। लखनऊ की टीम को पहले कोलकाता ने महज १२२ रनों पर समेट दिया। इसके बाद जीत का लक्ष्य एक विकेट खोकर ८.४ ओवरों में प्राप्त कर एक बोनस अंक भी प्राप्त किया। डब्ल्यूआरएस के मैदान में दो दिनों के विश्राम के बाद गुरुवार को चैंपियनशिप में लखनऊ का सामना मेट्रो कोलकाता की उस टीम से हुआ जिसने अब तक के अपने तीनों मैच जीते थे। लकनऊ ने टॉस जीतकर पहले बल्ले चलाने का फैसला किया, लेकिन उनका यह फैसला सही साबित नहीं हुआ और कोलकाता के गेंदबाजों के सामने लखनऊ के बल्लेबाज टिक नहीं पाएं और पूरी पारी १२२ रनों पर सिमट गई। चेतन सचदेव ने सबसे ज्यादा ३५ रन बनाए। उन्होंने ८७ गेंदों का सामना किया। दूसरे सफल बल्लेबाज रवि कनौजिया रहे। उन्होंने ५५ गेंदों पर ३२ रनों की नाबाद पारी खेली। कोलकाता के लिए एस. सान्याल ने १३ रन देकर एस. सिल ने २२ रन देकर और ए. मजूमदार ने ८ रन देकर दो-दो विकेट लिए। एक विकेट केएच मंडल ने लिया। लखनऊ की टीम १० खिलाडिय़ों के खेली उनका एक खिलाड़ी बीमार पड़ गया। १२२ रनों की चुनौती के सामने कोलकाता की पारी का आगाज शफी अहमद और ए. नंदी की जोड़ी ने किया। एक तरफ जहां शफी आराम से खेल रहे थे, वहीं दूसरी तरफ नंदी ने लखनऊ के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। नंदी ने महज ३६ गेंदों पर ही १८ चौकों के साथ एक छक्के की मदद से ९९ रनों की नाबाद पारी खेली और मैन ऑफ मैच रहे। शफी १२ गेंदों पर १७ रन बनाकर आउट होने वाले एक मात्र बल्लेबाज रहे। दूसरे नाबाद बल्लेबाज एस. सिल रहे जिन्होंने दो रन बनाए। कोलकाता ने ८.४ ओवरों में ही १२६ रन बनाकर मैच जीत लिया। यह कोलकाता की रायपुर में चौथी जीत है। इसी के साथ कोलकाता की टीम चैंपियनशिप में अपने सभी मैच जीतकर शीर्ष पर चल रही है। चैंपियनशिप के अंतिम दिन शुक्रवार को बेंगलूर का सामना पटियाला की उस कमजोर से होगा जिसने अपने सभी मैच गंवाए हैं।

बुधवार, 1 अप्रैल 2009

राउरकेला की खिताबी जीत

जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड रायगढ़ की मेजबानी में आयोजित ऑल इंडिया इंटर स्टील प्लांट हॉकी चैम्पियनशिप में विजेता का खिताब राउरकेला स्टील प्लांट ने जीत लिया है। उसने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में भिलाई स्टील प्लांट को २-१ से पराजित किया। पहले हॉफ तक परिणाम १-१ था। पहले हाफ तक परिणाम १-१ था। पहले हाफ में पहला गोल भिलाई स्टील प्लांट कं ए.हनीफ ने किया और इसके जवाब में राउरकेला स्टील प्लांट के एम.एक्का ने गोल दागा। दूसरे हॉफ में राउरकेला स्टील प्लांट के विकास टोपो ने गोल मारकर अपनी टीम को खिताब दिला दिया। फाइनल मैच देखने आए समापन एवं पुरस्कार वितरण के विशिष्ट अतिथि हॉकी के पूर्व ओलंपियन अशोक कुमार ध्यानचंद ने कहा कि भारत में हाकी का भविष्य बहुत ही उज्जवल है। बस इसे बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में हॉकी प्रतिभा की कमी नहीं है। हर गांव, हर शहर में हॉकी की प्रतिभाएं उभर रहीं हैं, उन्हें आगे लाने, प्रोत्साहन देने और उन्हें समुचित सुविधा एवं संरक्षण देने की जरूरत है। अभी भी हमारे पास ऐसी प्रतिभाएं हैं, जिनके बूते भारत हॉकी का वल्र्ड पावर बन सकता है।

लगी लाइट- होगी मैचों की फाइट

सप्रे स्कूल के फुटबॉल मैदान में हाई मास्क लाइट लगाने का काम नगर निगम ने किया है। इस लाइट के लगने से जहां अब रात में भी मैच हो सकेंगे, वहीं यहां पर लगने वाला असामाजिक तत्वों का जमावड़ा नहीं लगेगा। मैदान में लाइट लगते ही शेरा क्रीड़ा समिति ने जहां एक रात्रिकालीन फुटबॉल चैंपियनशिप करवाने की तैयारी प्रारंभ कर दी है, वहीं अपने प्रशिक्षण शिविर को भी रात में चलाने का फैसला किया है। सप्रे स्कूल के मैदान को लंबे समय से नगर निगम व्यवस्थित करने की कवायद कर रहा था। इस मैदान को बनाने के लिए गैलरी भी बना दी गई है, लेकिन मैदान में अभी घास लगाने का काम नहीं किया गया है। वैसे मैदान में घास भी लगाई जाएगी। फिलहाल मैदान को सुरक्षित करने के लिए हाई मास्क लाइट लगाने का काम किया गया है। शेरा क्रीड़ा समिति के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि ३४ सालों से राजधानी में सक्रिय हमारा क्लब करीब दो दशक से सप्रे स्कूल में फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन कर रहा है। समिति ने लगातार सभापति रतन डागा से मांग की थी कि मैदान को ठीक करवाया जाए और यहां पर लाइट की व्यवस्था की जाए ताकि जहां रात में भी यहां पर मैच हो सके और यहां पर रात में अंधेरे के कारण होने वाली अवैधानिक गतिविधियों पर विराम लग सके। उन्होंने बताया कि समिति की मांग को गंभीरता से लेते हुए ही इस लाइट को लगाने का काम सभापति रतन डागा के निर्देश किया गया है। अब मैदान के पास बूढ़ातालाब की तरफ के स्थान में पार्क भी बनाया जाएगा ताकि लोग रात में यहां टहल सकें। अब होंगे रात में मैच :- श्री प्रधान ने बताया कि मैदान में हाई मास्क लाइट लगने के बाद अब समिति ने यहां पर सेवन-ए-साइड रात्रिकालीन चैंपियनशिप का आयोजन करने का फैसला किया है। इसी के साथ अब १० अप्रैल से शुरू होने वाले फुटबॉल के सबसे लंबे प्रशिक्षण शिविर में रात को भी खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक ६० से ज्यादा खिलाडिय़ों ने पंजीयन करवा लिया है। इस बार शिविर में दल्लीराजहरा और चरौदा के खिलाड़ी भी आ रहे है। श्री प्रधान ने बताया कि मैदान में फुटबॉल के साथ क्रिकेट के मैच भी रात में हो सकेंगे। वैसे भी यहां पर ठंड़ के दिनों में क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजन किया जाता है। इसके लिए अलग से लाइट लगानी पड़ती है।

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