बुधवार, 29 अप्रैल 2009

नए खिलाडिय़ों में सचिन-धोनी बनने की धुन

सप्रे स्कूल के मैदान में क्रिकेट के छोटे-बड़े खिलाड़ी काफी लगन से क्रिकेट के गुर सीखने में लगे हैं। हर खिलाड़ी का अपना एक अलग सपना है। इस समय ज्यादातर खिलाडिय़ों में सचिन और धोनी बनने की धुन सवार है। खिलाड़ी कहते हैं कि उनको भी इन स्टार खिलाडिय़ों की तरह भारतीय टीम से खेलकर देश का नाम रौशन करना है।
ब्लू स्टार क्रिकेट अकादमी द्वारा राजधानी के क्रिकेटरों के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में इस समय करीब ८० खिलाड़ी सुबह शाम क्रिकेट की बारीकियां सीखने में लगे हैं। विकेट कीपर के साथ बल्लेबाजी का भी प्रशिक्षण लेने वाले सार्थक ठाकुर, सागर ज्ञवाली, राहुल सिंहा, तुषार मंडावी और हर्षल सोनी कहते हैं कि उनकी तमन्ना भी अपने देश के स्टार भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की तरह बनने की है। विकेट कीपरों में ये लोग धोनी के साथ एडम गिलक्रिस्ट का नाम भी लेते हैं।

एक खिलाड़ी कहता है कि उसको मैकुअलम की तरह बनना है। इधर गेंदबाजी के गुर सीखने वाले पुष्पराज सिंग, मिहीर राजिमवाले, दीनानाथ यादव और निर्भय सदानी कहते हैं कि वे जहीर खान, ईशांत शर्मा और इरफान पठान की तरह ही तेज गेंदबाज बनना चाहते हैं। पूछने पर ये खिलाड़ी कहते हैं कि आज जमाना तेज गेंदबाजों का है। ऐसे में स्पिनर बनने का कोई मतलब नहीं है। खिलाड़ी कहते हैं कि भारत के बाहर तो विकेट ज्यादातर तेज गेंदबाजों को ही मदद करने वाले होते हैं। बल्लेबाजी के गुर सीखने वाले राव आदित्य विक्रम सिंह, प्रखर जैन, अमन मंडावी, प्रियंशु यादव, करण गाड, शैफ अली, ओजस अग्रलाल, उत्कर्ष अग्रवाल, तुषार रुपरेला, कहते हैं कि उनकी इच्छा भारत के स्टार सचिन तेंदुलकर की तरह बनने की है। जो भी खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं उन सभी खिलाडिय़ों में सचिन और धोनी का क्रेज ज्यादा है।

२० साल से चल रहा है प्रशिक्षण देने का सिलसिला- खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले कोच चिंतामणी पद्मवार बताते हैं कि उनकी अकादमी पिछले २० सालों से रायपुर में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दे रही है। उनसे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ५० से ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। वे बताते हैं कि खिलाडिय़ों की फिटनेस पर ध्यान दिया जाता है। इसी के साथ खिलाडिय़ों को खेल में परिपूर्ण करने के लिए शाम के सत्र में टीमें बनाकर मैच भी करवाए जा रहे हैं। मैच होने से बल्लेबाजी, गेंदबाजी के साथ क्षेत्ररक्षण का भी अभ्यास हो जाता है।

उन्होंने पूछने पर बताया कि पिछले सत्र में सेंटर जोन के कप्तान प्रवीण हिगणीकर को बुलाया गया था। इस साल भी उनके आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में खिलाडिय़ों को उम्र के हिसाब से चार वर्गों में बांटा गया है। श्री पद्मवार ने बताया कि उनकी अकादमी की टीमें पंजाब, चेन्नई, दिल्ली, हरियाणा, नैनीताल जाकर वहां की टीमें से मैच खेलती हैं ताकि अकादमी के खिलाडिय़ों का खेल निखर सके। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद ऐसे खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा जो अकादमी में नियमित प्रशिक्षण लेना चाहते हैं।

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