गुरुवार, 23 अप्रैल 2009

हैंडबॉल के आदिवासी खिलाडिय़ों को निखारने की पहल

छत्तीसगढ़ के हैंडबॉल संघ के प्रदेश में हैंडबॉल के आदिवासियों खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय मंच देने के लिए उनको निखरने की एक पहल की है। प्रदेश के आदिवासी खिलाडिय़ों को हैंडबॉल की बारीकियों से अवगत करवाने के लिए प्रदेश हैंडबॉल संघ ने एक राष्ट्रीय कोच बुलाने का फैसला किया है। एयरफोर्स के ये कोच छत्तीसगढ़ के कई जिलों में करीब 45 दिनों तक प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। प्रदेश संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि हैंडबॉल संघ ने एनएमडीसी के सहयोग से प्रोत्साहन समिति बनाई है। इस समिति के माध्यम से प्रदेश में पहली बार आदिवासी खिलाडिय़ों को हैंडबॉल से जोडऩे के लिए एक योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत ही त्रिवेन्द्रम के एयरफोर्स के एनआईएस कोच बीआर दास को यहां पर 45 दिनों के लिए बुलाया गया है। कोच के रहने खाने के साथ उनको शुल्क देेने का खर्च प्रोत्साहन कोष से किया जाएगा। श्री दास यहां आने के बाद सबसे पहले 22 से 30 मई तक जगदलपुर में चुने हुए खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। वहां के बाद वे दंतेवाड़ा, कांकेर और बीजापुर में भी खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देंगे। इन सभी जिलों का प्रशिक्षण शिविर एक स्थान पर लगाने की योजना है। बस्तर के आदिवासी खिलाडिय़ों के साथ जांजगीर एवं राजनांदगांव के ग्रामीण खिलाडिय़ों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्री खान ने बताया कि उनका संघ चाहता है कि हैंडबॉल में ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण खिलाड़ी शामिल हों ताकि जब प्रदेश की टीमें बनें तो उन टीमों में शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के भी खिलाड़ी शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर होता यही है कि प्रदेश की टीमों में शहरी खिलाड़ी रखे जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्रामीण खिलाड़ी तकनीक में मात खा जाते हंै। उन्होंने कहा कि ग्रामीण खिलाडिय़ों की फिटनेस तो लाजवाब होती है, बस उनको खेल की बारीकियां बताने की जरूरत है। इसीलिए राष्ट्रीय कोच को बुलाया गया है ताकि विशेष प्रशिक्षण शिविर में खिलाडिय़ों को निखारा जा सके।

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