गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

क्वार्टर फाइनल आज

अखिल भारतीय सिक्ख क्रिकेट में गुरुवार से क्वार्टर फाइनल मुकाबले प्रारंभ होंगे। बुधवार को खेले गए मैचों में डोंगरगढ़ और भिलाई ने अपने-अपने मैच जीते।
आउटडोर स्टेडियम में शहीद भाई तारु स्टडी सर्कल द्वारा आयोजित स्पर्धा में पहला मैच नवागढ़ और डोंगरगढ़ के बीच खेला गया। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए नवागढ़ की टीम 17.3 ओवरों में 63 रनों पर ही सिमट गई। मनिंदर सिंह ने 10 रन देकर चार विकेट लिए। 64 रनों की चुनौती डोंगरगढ़ ने 10.2 ओवरों में 4 विकेट खोकर प्राप्त कर ली। मलकीत सिंह ने 24 रनों की पारी खेली।
दूसरे मैच में सिंग इलेवन संबलपुर का सामना सिंग सूरमे भिलाई से हुआ। इस मैच में संबलपुर ने टॉस जीतकर पहले खेलते हुए 9 विकेट पर 150 रनों का स्कोर खड़ा किया। गुरप्रीत सिंह ने 60 रनों की पारी खेली और मैन आॅफ द मैच रहे। 151 रनों की चुनौती के सामने भिलाई की टीम 57 रनों पर ही ढेर हो गई। जितेन्द्र सिंह ने तीन, रॉबिन सिंह और वीरेन्द्र सिंह ने दो-दो विकेट लिए।

बुधवार, 29 दिसंबर 2010

राष्ट्रीय हैंडबॉल स्पर्धा के मुख्यमंत्री सरंक्षक

राजधानी रायपुर में होने वाली राष्ट्रीय हैंडबॉल स्पर्धा के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सरंक्षक होंगे। इसी के साथ वे समापन समारोह के मुख्यअतिथि भी होंगे।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरुचरण सिंह होरा ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उन्होंने मंगलवार को मंत्रालय में मुलाकात करके स्पर्धा के बारे में पूरी जानकारी देने के साथ उनसे स्पर्धा का सरंक्षक बनने का आग्रह किया। इसी के साथ उनसे समापन समारोह में मुख्यअतिथि बनने का भी निवेदन किया। मुख्यमंत्री ने दोनों आग्रह स्वीकार करते हुए स्पर्धा के सरंक्षक बनने के साथ समापन के मुख्यअतिथि भी बनने की सहमति दे दी है। श्री होरा ने बताया कि राष्ट्रीय स्पर्धा 27 जनवरी से 31 जनवरी तक राजधानी के इंडोर स्टेडियम में होगी। स्पर्धा में देश के 27 राज्यों की टीमें खेलने आएंगी। स्पर्धा बालिका वर्ग में होगी जिसमें 486 खिलाड़ी खेलने आएंगी। उन्होंने बताया कि इस स्पर्धा के दूरदर्शन में सीधे प्रसारण का भी प्रयास किया जा रहा है।

इंदौर-इलाहाबाद फाइनल में

राष्ट्रीय अधिवक्ता क्रिकेट में इंदौर और इलाहाबाद के बीच बुधवार को सुबह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में फाइनल मैच खेला जाएगा। दोनों टीमें ने मंगलवार को अपने-अपने सेमीफाइनल मैच जीते।
पहले सेमीफाइनल में इलाहाबाद ने सुप्रीम कोर्ट को रोमांचक मुकाबले में 8 रनों से परास्त किया। इस मैच में पहले खेलते हुए इलाहाबाद ने अनुराग श्रीवास्तव के 92 रनों के साथ नासिर अली के 33 रनों की मदद से 5 विकेट पर 2ॅ13 रन बनाए। आदित्य ने दो विकेट लिए। इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट की टीम 7 विकेट पर 205 रन ही बना सकी। आदित्य ने 74 रनों की पारी जरूर खेली लेकिन उनकी पारी से भी टीम जीत तक नहीं पहुंच सकी। रजनीश ने 39 रनों की पारी खेली।
दूसरे सेमीफाइनल में इंदौर ने उड़ीसा को 4 लिकेट से मात दी। इस मैच में पहले खेलते हुए उड़ीसा ने 172 रन बनाए। मोहन ने 42 और गिरजा ने 33 रनों की पारी खेली। जितेन्द्र, मनीष और राकेश ने दो-दो विकेट लिए। इंदौर ने जीत के 173 रनों का लक्ष्य 32वें ओवर में 6 विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। राकेश दुबे ने 42 और राकेश ने 43 रनों की पारी खेली।
स्पर्धा का फाइनल मैच अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में सुबह 9 बजे से खेला जाएगा। मैच के बाद शाम को 4 बजे होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि राज्यपाल शेखर दत्त होंगे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत उपस्थित रहेंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रॉबिन उथप्पा भी बुधवार को आएंगे।

रायपुर-दुर्ग की आसान जीत

अखिल भारतीय सिक्ख क्रिकेट में और दुर्ग की टीमों ने अपने-अपने मैच आसानी से जीत लिए।
स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में पहला मैच लाखेनरगर की न्यू कलगीदर इलेवन रायपुर ने खालसा क्लब राऊरकेला को 20 रनों से हराकर जीता। इस मैच में लाखेनगर ने अवतार सिंह ने 26 और जसपाल के 19 रनों की मदद से 131 रन बनाए। इस चुनौती के सामने राऊरकेला की टीम 111 रनों पर ही आउट हो गई। जसबीर ने 32 और शरणजीत सिंह ने 25 रन बनाए। तीन विकेट केले के साथ 19 रन बनाने वाले जसपाल मैन आॅफ द मैच रहे। दूसरे मैच में मेजबान शहीद भाई तारु सिंघ स्टडी सर्कल की बी टीम को 45 रनों से हार का सामना करना पड़ा। हमचाकर गोबिंद के दुर्ग की टीम ने पहले खेलते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 151 रन बनाए। मनप्रीत सिंह ने 39, जगजीत सिंह ने 29 और कमलजीत ने 20 रनों की पारी खेली। इसके जवाब में स्टडी सर्कल की टीम 18.3 ओवरों में 106 रनों पर ही ढेर हो गई। मनदीप सिंह ने 26 रन बनाए। गगन दीप ने तीन, मनिंदर सिंह और मनप्रीत ने दो-दो विकेट लिए। दो विकेट के साथ 18 रन बनाने वाले मनिंदर सिंह मैन आॅफ द मैच रहे।

मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

रायपुर की जीत में लक्की सिंह चमके

अखिल भारतीय सिक्ख क्रिकेट में मेजबान रायपुर की दोनों टीमों ने जीत दर्ज की। पहले मैच में हर्षदीप सिंह के हरफमनमौला खेल से गुरुनानक क्रिकेट क्लब रायपुर 6 विकेट से जीता। दूसरे मैच में लक्की सिंह ने भी हरफनमौला खेल दिखाते हुए अपनी टीम शहीद भाई तारू सिंघ स्टडी सर्कल रायपुर की ए टीम को 89 रनों से जीत दिलाई।
आउटडोर स्टेडियम में चल रही इस स्पर्धा में दूसरे दिन पहला मैच गुरुनानक क्रिकेट क्लब रायपुर का दशमेश इलेवन बिलासपुर के साथ खेला गया। इस मैच में बिलासपुर ने टॉस जीतकर पहले खेलते हुए संदीप सिंह के आतिशी 52 रनों की मदद से 6 विकेट के नुकसान पर 132 रन बनाए। संदीप सिंह ने 53 गेंदों का सामना करते हुए 6 चौके लगाए। रायपुर के लिए हर्षदीप सिंह ने दो विकेट लिए। 133 रनों की चुनौती के सामने रायपुर ने 16.4 ओवरों में 4 विकेट खोकर 137 रन बनाए और मैच 6 विकेट से जीत लिया। हर्षदीप सिंह ने महज 25 गेंदों में ही आतिशी 43 रन बनाए। उन्होंने पांच चौके लगाए। इसके अलावा गुरदीप सिंह ने 22 गेंदों का सामना करते हुए 28 रनों की पारी खेली। हर्षदीप मैन आॅफ द मैच रहे।
दूसरे मैच में मेजबान शहीद भाई तारू सिंघ स्टडी सर्कल ने टॉस जीतकर पहले खेलते हुए खालसा इलेवन बेमेतरा के खिलाफ 4 विकेट पर 175 रन बनाए। लक्की सिंह ने 38 गेंदों का सामना करके 9 चौकों की मदद से 56 रनों की पारी खेली। प्रभजोत सिंह ने 25 गेंदों पर ही तीन छक्कों और सात चौकों की मदद से 62 रनों की धमाकेदार पारी खेली। इसके जवाब में बेमेतरा की टीम 17.3 ओवरों में 86 रनों पर ही सिमट गई।
लक्की सिंह ने गेंदबाजी में भी दोरदार हाथ दिखाते हुए चार ओवरों में 13 रन देकर चार विकेट लिए। लक्की के साथ रवि सिंग ने भी धातक गेंदबाजी की और दो ओवरों में ही मात्र एक रन देकर चार खिलाड़ियों को पैवेलियन का रास्ता दिखाया। स्पर्धा में 28 दिसंबर को पहला मैच हम चाकर गोबिंद के दुर्ग और शहीद भाई तारू स्टडी र्स्कल बी के साथ और दूसरा मैच खालसा बॉयस राऊरकेला का न्यू गुरु कलगीधर क्रिकेट क्लब लाखेनगर रायपुर के साथ खेला जाएगा।

मेजबान सीएसीए बाहर

राष्ट्रीय अधिवक्ता क्रिकेट में मेजबान सीएसीए की टीम को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करके स्पर्धा से बाहर होना पड़ा। लंकाई चिते भी आज क्वार्टर फाइनल में मात खा गए। सेमीफाइनल मुकाबले मंगलवार को खेले जाएंगे। पहला सेमीफाइनल मैच इलाहाबाद और सुप्रीम कोर्ट के बीच सेक्टर 10 भिलाई में और दूसरा इंदौर और उड़ीसा के बीच अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेला जाएगा।
मेजबान सीएसीए का मुकाबला आज उड़ीसा से भिलाई में हुआ। इस मैच में उड़ीसा ने मेजबान को 57 रनों से करारी मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। पहले खेलते हुए उड़ीसा ने 7 विकेट के नुकसान पर 241 रनों का स्कोर खड़ा किया। मोहन कुमार साहू ने 72 रनों और गिरजा शंकर मिश्रा ने 49 रनों की नाबाद पारी खेली। 242 रनों की चुनौती के सामने मेजबान टीम कहीं भी ठहर नहीं सकी और उसकी पूरी पारी 184 रनों पर सिमट गई। किशोर मिश्रा ने 72 रनों की पारी खेली लेकिन उनकी यह पारी टीम के काम न आई। मोहन साहू ने घातक गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट भी चटकाए और मैन आॅफ द मैच रहे।
एक अन्य मैच में लंकाई चिते इंदौर से मात का गए। इस मैच में इंदौर से पहले बल्ले चलाते हुए 6 विकेट पर 238 रनों का स्कोर खड़ा किया। विजय नायडु ने 65 गेंदों पर 73 रन बनाए। राकेश पालीवाल ने 56 गेंदों पर 65 रन बनाए। इसके जवाब में लंकाई पारी 198 रनों पर सिमट गई और उसे मैच 40 रनों से हार कर खिताबी दौड़ से बाहर होना पड़ा। मनीष नायर ने तीन विकेट लिए।
तीसरे मैच में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को 7 विकेट से हराया। 173 रनों की चुनौती को सुप्रीम कोर्ट के बल्लेबाजों ने तीन विकेट खोकर ही प्राप्त कर लिया। अभिषेक अवस्थी ने 47 और सुमित शर्मा ने 37 रनों की पारी खेली। इसके पहले कर्नाटक के लिए बालगुरु ने 39 रनों की पारी खेली। चौथे मैच में इलाहाबाद ने लकनऊ को 6 विकेट से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। इस मैच में लकनऊ की टीम 99 रनों पर ही ढेर हो गई। अलोक ने तीन, राकेश और संतोष ने 2-2 विकेट लिए। 100 रनों का लक्ष्य इलाहाबाद ने 4 विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। वीरेन्द्र ने 60 और अनुराग ने 18 रनों की पारी खेली।

यंग स्टार माना-एवरग्रीन क्लब जीते

प्रहलाद राय आहूजा राज्य क्रिकेट में यंग स्टार क्लब माना और एवरग्रीन क्लब ने अपने-अपने मैच जीते। इसके पहले स्पर्धा का उद्घाटन मनोज कंदोई और गुरुचरण सिंह होरा ने किया।
शेरा क्लब द्वारा सप्रे स्कूल में आयोजित फ्लड लाइट क्रिकेट में यंग स्टार माना ने रायल स्पोर्टिंग क्लब को 30 रनों से हराया। मैन आॅफ द मैच दीपक ने 19 रनों की पारी खेली। दूसरे मैच में एवरग्रीन ने मोबीन के आतिशी 36 रनों की मदद से टर्मिनेटर को 10 विकेट से हराया। टर्मिनेटर से मिली 42 रनों की चुनौती एवरग्रीन ने बिना विकेट खोए प्राप्त कर ली। स्पर्धा के उद्घाटन अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि शशिकांत यादव के साथ प्रायोजक अमित आहूजा भी उपस्थित थे।


सोमवार, 27 दिसंबर 2010

खेल पुरस्कारों की संख्या बढ़ेगी

प्रदेश के खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले खेल पुरस्कारों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा खेलों के खिलाडिय़ों को फायदा हो सके। खेल पुरस्कारों के नियमों को भी सरल बनाने का काम खेल विभाग करने में जुटा है ताकि खिलाडिय़ों को नियमों की वजह से हो रही परेशानी से मुक्ति मिल सके।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राज्य के जूनियर और सीनियर खिलाडिय़ों के लिए राज्य के खेल पुरस्कार दिए जाते हैं। हर साल दिए जाने वाले पुरस्कारों में दोनों वर्गों के साथ शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार में भी पांच-पांच खेलों के खिलाडिय़ों को ही पुरस्कार के लिए चुना जाता है। इस बारे में खेल संचालक जीपी सिंह का मानना है कि पांच खेलों के पुरस्कार होने से कई खेलों के खिलाड़ी पुरस्कार से वंचित हो जाते हैं। लगातार खिलाडिय़ों और खेल संघों से मिल रहे सुङाावों को ध्यान में रखते हुए अब विभाग यह विचार कर रहा है कि क्यों न पुरस्कारों की संख्या बढ़ा दी जाए। पूछने पर उन्होंने कहा कि हर पुरस्कार के लिए कम से कम १० की संख्या तय की जा सकती है। किसी भी तरह का फैसला करने से पहले खेल संघों से भी चर्चा की जाएगी।
कम हो सकती है राशि
खेल पुरस्कारों की संख्या बढ़ाए जाने की स्थिति में खेल पुरस्कार में मिलनी वाली राशि में कमी आने की संभावना है। इस समय सीनियर खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले शहीद राजीव पांडे पुरस्कार में दो लाख पच्चीस हजार, जूनियर खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले शहीद कौशल यादव पुरस्कार में एक लाख और शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार में २५ हजार की राशि दी जाती है। राजीव पांडे और शहीद कौशल यादव पुरस्कारों की संख्या में इजाफा होता है तो पुरस्कार की राशि के आधे होने की संभावना है। इस दिशा में अभी खेल विभाग के आला अधिकारी खुलासा नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह की चर्चा खेल विभाग में चल रही है उससे यही मालूम होता कि पुरस्कार राशि में कमी आएगी।
अंकों पर आधारित होंगे नियम
पुरस्कारों को लेकर होने वाले विवादों से बचाने के लिए अब खेल विभाग ने मप्र की तर्ज पर पुरस्कारों के लिए अंक प्रणाली अपनाने का फैसला किया है। इसकी रुपरेखा भी तैयार कर ली गई है। नियमों को लागू करने से पहले खेल संचालक जीपी सिंह लगातार सुङााव ले रहे हैं कि कैसे नियमों को इतना मजबूत बनाया जाए कि खिलाडिय़ों को इसका फायदा मिल सके और किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके। मप्र की तरह पुरस्कारों में स्कूलों की राष्ट्रीय स्पर्धा के भी अंक जोडऩे की बात की जा रही है।

सीएसीए 6 विकेट से जीता

राष्ट्रीय अधिवक्ता क्रिकेट में सीएसीए की टीम ने वापसी करते हुए एपी को 6 विकेट से परास्त कर दिया। सीएसीए बी की टीम को लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा। लंगाई टीम ने अपना विजयक्रम जारी रखते हुए दूसरी जीत प्राप्त की।
सीएसीए का मैच एपी के साथ खेला गया। इस मैच में सीएसीए (काका) को 191 रन बनाने की चुनौती मिली थी। यह चुनौती उसने 4 विकेट के नुकसान पर पूरी कर ली। वजाहत रिजवी ने 69 रनों की पारी खेली और मैन आॅफ द मैच रहे। गुरमीत भोगल ने 48 रनों की पारी खेली।
इधर हाई कोर्ट बिलासपुर की टीम को लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा। उसे इंदौर ने 18 रनों से मात दी। इस मैच में 175 रनों की चुनौती के सामने सीएसीएबी की टीम 156 रनों पर ही सिमट गई। विजेता टीम के लिए जमील खान ने 7 रनों की पारी खेली।
अन्य मैचों में लंकाई टीम ने फिर से शानदार खेल दिखाते हुए औरंगाबाद को मात देकर मैच जीत लिया। इस मैच में औरंगाबाद की टीम 155 रन ही बना सकी। जीत का लक्ष्य लंकाई टीम ने 4 विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। विजेता टीम के लिए प्रियनाथ राजाप्रकाश ने 69 और एन. राजनायके ने 50 रनों की पारी खेली। स्पर्धा में आज सबसे बड़ी जीत इलाहाबाद को मिली। उसने पहले सबसे बड़ा 280 रनों का स्कोर खड़ा किया। वीरेन्द्र ने शतकीय पारी खेलते हुए 106 रन बनाए। 281 रनों के सामने जबलपुर की टीम 129 रनों पर ही सिमट गई और इलाहाबाद से मैच 151 रनों से जीता।

शनिवार, 25 दिसंबर 2010

कविता-अंकित को बास्केटबॉल टीम की कमान

राष्ट्रीय सीनियर बास्केटबॉल में खेलने जाने वाली प्रदेश टीमों में से महिला टीम का नेतृत्व भिलाई इस्पात संयंत्र की अंतरराष्टीय खिलाड़ी कविता को दिया गया है जबकि पुरुष टीम का नेतृत्व भिलाई इस्पात संयंत्र के अंकित पाणीग्रही को दिया गया है।
टीमों की घोषणा राजीव जैन अध्यक्ष प्रदेश बास्केटबाल संघ, एवं प्रदेश बास्केटबॉल संघ के महासचिव एवं महिला टीम के मुख्य प्रशिक्षक राजेश पटेल ने की। महिला टीम इस प्रकार है। कविता कप्तान, जेलना जौस, रंजीता कौर, धनिया, मन्जीता कौर, संगीता मंडल सभी भिलाई इस्पात संयंत्र, आकांक्षा सिंह, अरूणा किन्डो, एल दीपा, शोषण तिरकी सभी भिलाई इस्पात संयंत्र, पुजा देशमुख रायपुर, वाणी ङाा राजनांदगांव ,सहायक प्रशिक्षक सरजीत चक्रवर्ती बीएसपी तथा प्रबंधक निकिता गोदामकर दपू़मरे होंगे।पुरुष टीम इस प्रकार है:- अंकित पाणिग्रही, श्याम सुन्दर, समीर कुमार राय, पवन तिवारी, एस दुर्गेश राजु, क़े राजेश कुमार, जानकी रामनाथ, अजय प्रताप सिंह सभी भिलाई इस्पात संयंत्र, लुमेन्द्र साहु, मनोज, शिवेन्द्र निषाद सभी दपूम रेलवे बिलासपुर, सुनील सिंह ठाकुर रायपुर जिला, टीम के मुख्य प्रशिक्षक आरएस गौर (बीएसपी), सहायक प्रशिक्षक सूर्यप्रकाश (बीएसपी) तथा प्रबंधक अरूण मिक्षा होंगे। दोनों टीमों के जनरल मैनेजर बी. राजन्ना हैं। राजीव जैन ने बताया की पिछले वर्ष लुधियाना पंजाब में आयोजीत ६०वीं राष्टीय सीनियर बास्केटबाल स्पर्धा में प्रदेश की महिला टीम ने कांस्य पदक तथा पुरुष टीम ने ७वंा स्थान प्राप्त किया था। इस वर्ष भी टीम ने कड़ा अभ्यास किया है उम्मीद है की दोनों वर्गाे की टीमें पदक लाने में जरूर सफल होगी।

छत्तीसगढ़ की करारी हार

राष्ट्रीय अधिवक्ता क्रिकेट में मेजबान छत्तीसगढ़ की दोनों टीमों को करारी हार का सामना करना पड़ा।
छत्तीसगढ़ की पहली टीम सीएसीए (काका) को सुप्रीम कोर्ट की टीम ने पांच विकेटों से मात दी। काका की टीम पहले खेलते हुए १४५ रनों पर ही आउट हो गई। किशोर मिश्रा ने ३६ रन बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने जीत का लक्ष्य वेकट के नाबद ५८ रनों की मदद से ५ विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। दूसरे मैच में काका बी को लकनऊ ने ५६ रनों से मात दी। इस मैच में लखनऊ ने मनीषा मिश्रा के ६५ और निखिल श्रीवास्तव के ५१ रनों की मदद से १९४ रन बनाए। इसके जवाब में काकाबी की टीम १३८ रनों पर ही सिमट गई। चन्द्रशेखर मिश्रा ने ३ और मनीष मिश्रा ने दो विकेट लिए।
अन्य मैचों में औरंगाबाद ने इलाहाबाद से मिली १३३ रनों की चुनौती को आसानी से ६ विकेट खोकर प्राप्त कर लिया और मैच चार विकेट से जीता। लंकाई टीम ने कल ही हार से उबरते हुए जबलपुर को ६ विकेट से परास्त किया। इस मैच में जबलपुर ने १८० रन बनाए। इसके जवाब में लंकाई टीम ने ६ विकेट के नुकसान पर १८१ रन बनाकर मैच जीत लिया। कर्नाटक ने ग्वालियर को ३ विकेट से हराया। इस मैच में ग्वालियर ने १२९ रन बनाए थे।

फ्लट लाइट क्रिकेट का रोमांच कल से

शेरा क्रीड़ा समिति ने पहली बार राज्य स्तरीय टेनिस बॉल क्रिकेट का आयोजन २६ दिसंबर से किया है। फ्ल्लड लाइट में होने वाली यह स्पर्धा स्वर्गीय प्रहलाद राय आहूजा की स्मृति में होगी। स्पर्धा में विजेता टीम को ४१ हजार की नकद राशि दी जाएगी।
यह जानकारी देते हुए शेरा क्लब के मुश्ताक अली प्रधान के साथ स्पर्धा के प्रायोजक अमित आहूजा ने बताया कि २६ दिसंबर से होने वाली इस स्पर्धा का शाम को ६.३० बजे महापौर किरणममयी नायक उद्घाटन करेगी। कार्यकरम की अध्यक्षता नगर निगम के राजस्व विभाग के अध्यक्ष मनोज कंदोई करेंगे। विशेष अतिथि छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरुचरण सिंह होरा होंगे।
सप्रे स्कूल के मैदान में खेली जाने वाली इस स्पर्धा में विजेता टीम को ४१ हजार और उपविजेता टीम को ३१ हजार की नकद राशि दी जाएगी। रोज होने वाले मैचों में मैन ऑफ द मैच के खिलाडिय़ों को पुरस्कार दिया जाएगा। स्पर्धा में तीसरे स्थान की टीम के साथ साफ सुथरा खेल खेलने वाली टीम को फेयर प्ले ट्रॉफी से नवाजा जाएगा। श्री प्रधान ने बताया कि स्पर्धा में अब तक सद्भावना क्लब, एवरग्रीन क्लब, वाईसीसी क्लब, बीबीसी भाटागांव, नाज भिलाई, यूनिक क्लब, मून स्टार, यंग स्टार, बिलासपुर इलेवन, फ्रेडंस क्लब, ओम क्लब बिलासपुर, शेरा क्लब रायपपुर, हर्ष इलेवन, टोपाज भिलाई, चैंपियन क्लब को प्रवेश दिया गया है। श्री प्रधान ने बताया कि बाहर की टीमों की सुविधा को देखते हुए एक दिन में उनके लिए दो मैच रखे गए हैं। मैच ८-८ ओवर के खेल जाएंगे। सेमीफाइनल में १० ओवर और फाइनल मैत १२ ओवर का होगा।


शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

१५ खेलों की टीमें जाएंगी झारखंड

झारखंड में १२ फरवरी से होने वाले राष्ट्रीय खेलों में खेलने के लिए छत्तीसगढ़ के १५ खेलों की टीमें ही जाएंगी। इतने ही खेलों को खेलने की पात्रता मिली है। इन टीमों का २१ दिनों का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। संबंधित खेलों के संघों के पदाधिकारियों को १५ जनवरी तक खिलाडिय़ों के नाम देने के लिए खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा है।
खेल भवन में हुई बैठक में खेल संचालक के सामने छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहदम खान के साथ खेल संघों के पदाधिकारियों ने यह जानकारी रखी कि छत्तीसगढ़ के १५ खेलों जिनमें बास्केटबॉल, हैंडबॉल, नेटबॉल,तैराकी, कैनोइंग-कयाकिंग, एथलेटिक्स, कराते, मुक्केबाजी. ट्रायथलाल, भारात्तोलन, तीरंदाजी, जिम्नास्टिक. निशानेबाजी, बैडमिंटन और तलवारबाजी शामिल हैं को झारखंड के राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता है। इन खेलों में से तीरंदाजी के कैलाश मुरारका, ट्रायथलान के विष्णु श्रीवास्तव और मुक्केबाजी संघ से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। बास्केटबॉल संघ के राजेश पटेल. हैंडबॉल संघ के बशीर अहमद खान, जिम्नास्टिक से अश्वनी महेन्दु, कयाकिंग के बीएल साहू, एथलेटिक्स से आरके पिल्ले, भारोत्तोलन से सुखलाल जंघेल, कराते से हरिहर राव, निशानेबाजी से दुर्गेश वशिष्ठ तैराकी से साईराम जाखड नेटबाल से सुधीर वर्मा उपस्थित थे। बैठक में सभी खेल संघों के पदाधिकारियों से खेल संचालक जीपी सिंह ने जानकारी ली कि उनके खेल की क्या स्थिति है और उनके खेल से कितने खिलाडिय़ों का दल जाएगा। उनको बताया गया कि हैंडबॉल से ३६ खिलाड़ी और चार अधिकारी, बास्केटबॉल से २४ खिलाड़ी और चार कोच-मैनेजर, एथलेटिक्स से १० खिलाड़ी और तीन अधिकारी, जिम्मनास्टिक से ८ खिलाड़ी और ५ अधिकारी, तैराकी से ८ खिलाड़ी तीन अधिकारी, भारोत्तोलन से ४ खिलाड़ी और दो अधिकारी, निशानेबाजी से ८ खिलाड़ी और ४ अधिकारी जाएंगे। बाकी खेलों के पदाधिकारियों के न रहने से जानकारी नहीं मिल पाई।
खेल संचालक को खेल संघों के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण शिविर २१ दिनों का ही लग पाएगा, क्योंकि ज्यादातर खेलों की राष्ट्रीय स्पर्धाओं का आयोजन अगले माह होना है। ऐसे में खिलाड़ी वहां खेलने जाएंगे। खेल संचालक ने सभी खेल संघों से १५ जनवरी तक खिलाडिय़ों की सूची देने कहा है। खेल विभाग ने खिलाडिय़ों को दो किट देने का फैसला किया है। इसके लिए किट बनाने वाले अच्छी कंपनी से बात करने के लिए कहा गया है। श्री खान ने बताया कि किसी भी राष्ट्रीय खेलों से चह माह पहले आयोजित होने वाली सीनियर राष्ट्रीय स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली टीमों को पात्र माना जाता है।

लंकाई चीते चित

राष्ट्रीय अधिवक्ता क्रिकेट में लंकाई चीतों को अहमदाबाद की टीम ने चित कर दिया। अहमहाबाद से मिली २३४ रनों की चुनौती के सामने लंकाई टीम १५१ रनों पर ही ढेेर हो गई। अन्य मैचों में जबलपुर को २६ रन, मुंबई को ८६ रनों, उड़ीसा को सात विकेट, इंदौर को ३३ रनों और सुप्रीम कोर्ट को ८ विकेट से जीत मिली।
लंकाई टीम का मुकाबला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में अहमदाबाद से हुआ। इस मैच में टॉस जीतकर पहले खेलने वाली अहमदाबाद की टीम ने नासिर अली के नाबाद शतक ( ११८) के साथ वीरेन्द्र उपाध्यय के ६० रनों की मदद से २३३ रनों का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में लंकाई टीम १५१ रन ही बना सकी। एन. रत्नायका ने सबसे ज्यादा ५७ रन बनाए। विजय सिंह और अनिल पांडे ने दो-दो विकेट लिए।
औरंगाबाद और जबलपुर के बीच खेले गए मैच में जबलपुर ने पहले खेलते हुए दीपक तिवारी के ३२ और एनबी गरूण के २६ रनों की मदद से १३५ रन बनाए। प्रहलाद ने चार विकेट लिए। १३६ रनों की आसानी जी चुनौती के सामने औरंगाबाद की टीम १०९ रनों पर आउट हो गई। उदय पांडे ने ३९ और प्रसन्ना ने २१ रनों की पारी खेली। सचिन भट्ट ने तीन और अमल सारथी के साथ राहुल ने दो-दो विकेट लिए।
सुप्रीम कोर्ट ने एपी को ८ विकेट से मात दी। इस मैच में एपी की टीम १३९ रनों पर सिमट गई। सुनील कांत ने ५७ रनों की पारी खेली। जीत के १४० रनों का लक्ष्य सुप्रीम कोर्ट ने दो विकेट खोकर प्राप्त कर लिया। अभिषेक ने ५५ और आदित्य ने ३७ रनों की नाबाद पारी खेली।
मुंबई ने ग्वालियर को ८६ रनों से करारी मात दी। इस मैच में मुंबई ने पहले खेलते हुए सात विकेट पर १८६ रनों का स्कोर खड़ा किया। दीपक ठाकरे ने ६८ और राजेश सिंग ने ५२ रनों की पारी खेली। इस चुनौती के सामने ग्वालियर की टीम १०० रनों पर ही आलआउट हो गई। तुषार सिंघाटे ने चार और सचिन पांडे ने तीन विकेट लिए।
कर्नाटक और उड़ीसा के बीच खेले गए मैच में उड़ीसा ने सात विकेट से जीत प्राप्त की। इस मैच में कर्नाटक ने १६६ रन बनाए। अरविंद रेड्डी ने ५२ रनों की पारी खेली। उड़ीसा ने तीन विकेट के नुकसान पर १६७ रन बनाकर मैच सात विकेट से जीत लिया। गिरजा शंकर मिश्रा ने ६९ और ज्ञाने्र पांडे ने ४१ रनों की पारी खेली। अंतिम मैच में इंदौर ने लखनऊ को ३३ रनों से हराया। इस मैच में १६७ रन बनाने के बाद इंदौर ने लखनऊ की पारी को १३४ रनों पर समेट दिया। मनीष नायर ने घातक गेंदबाजी करके पांच विकेट लिए।

गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

मुकाबले आज से

राष्ट्रीय अधिवक्ता क्रिकेट का आगाज यहां पर बैंच और बार एसोससिएशन के बीच खेले गए प्रदर्शन मैच से हुआ। स्पर्धा का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मुकुंदकम शर्मा औरश्रीमती ज्ञानसुधा मिश्रा ने किया। स्पर्धा में २३ दिसंबर को छह मैच खेले जाएंगे।
छत्तीसगढ़ एडवोकेट क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित स्पर्धा का उद्घाटन कार्यक्रम परसदा के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में हुआ। मुख्यअतिथि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मुकुंदकम शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि क्रिकेट और वकीलों के पेशे में एक सबसे बड़ी समानता यह है कि क्रिकेट की तरह वकीलों के केशों का भी ठिकाना नहीं रहता है कौन सा केश किस मोड़ पर क्या करवट लेगा कोई नहीं जानता है, जब तक किसी केश का फैसला होता है, तब तक उसमें कई उतार चढ़ाव आ जाते हैं।
यही क्रिकेट के मैचों के साथ होता है। उन्होंने लंकाई टीम का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा देश एक कुटुब की तरह रहना जानता है और हम भाई चारे का संदेश देना जानते हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से विश्व में भाईचारे का संदेश जाएगा। श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा ने कहा कि मैंने कई स्टेडियम देखे हैं लेकिन यह स्टेडियम वास्तव में बहुंत सुंदर है। उन्होंने आयोजन के लिए सीएसीए को बधाई दी।
शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ का यह स्टेडियम एशिया में दूसरे नंबर का है। उन्होंने कहा कि इस स्टेडियम में आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर के आयोजन होंगे और हमारे खिलाड़ी राज्य का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगे। उन्होंने देश के कई राज्यों से आई वकीलों की टीम के खिलाडिय़ों से कहा कि आपका प्रभु राम की इस जन्म भूमि में स्वागत है। उन्होंने कहा कि यह वह छत्तीसगढ़ हैं जहां पर बस्तर में सबसे बड़ा जलप्रपात है। छत्तीसगढ़ में ही सबसे पुराने राष्ट्रीय थिटेटर है। उन्होंने वकील खिलाडिय़ों से कहा कि मौका मिले तो छत्तीसगढ़ का जरूर भ्रमण करें। पंचायत मंत्री राम विचार नेताम ने कहा कि आप लोग जिस स्टेडियम को देख रहे हैं, उनको पूरा करवाने वाले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी यहां बैठे है।
प्रियंका पर रिजवी का गाना भारी
उद्घाटन कार्र्यक्रम के लिए मुंबई से बुलाई गई गायिका प्रियंका श्रीवास्तव ने एक ही गाना ससुराल गेंदा फूल गाया, लेकिन उनका यह गाना दर्शकों पर कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाया। सूर कहीं तो ताल कहीं जैसी स्थिति हो गई थी। प्रियंका के बाद महापौर किरणमयी नायक ने जब पुराने दिनों को याद करते हुए इस गाने को गाने के लिए कांग्रेसी नेता और वकील इकबाल अहमद रिजवी को बुलाया तो उनके गाने ने सबका मन मोह लिया। उन्होंने यह गाना बिना किसी संगीत के गाया और बताया कि यही असल में वह गाना है जिसे बाद में एआर रहमान ने दिल्ली ६ में लिया था। श्री रिजवी ने एक छत्तीसगढ़ी ददरिया भी गाया। कार्यक्रम के अंत में बैंच और बार एसोमिएशन के बीच एक १०-१० औवरों का प्रदर्शन मैच खेला गया। स्पर्धा में २३ दिसंबर को चह मैच खेले जाएंगे।

अनुदान नियम बदलने की तैयारी

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग में खेल संघों को दिए जाने वाले अनुदान नियमों को बदलने की कवायद चल रही है। इसके लिए मप्र के नियम मंगाकर उनका अध्ययन किया जा रहा है। इसके पहले पुरस्कार नियमों के भी संशोधन की प्रक्रिया चल रही है।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के अनुदान नियम उतने सरल नहीं हैं जितने होने चाहिए। नियमों की जटिलता के कारण बहुत परेशानी होती है और विभाग को लगातार खिलाडिय़ों और खेल संघों से शिकायतें मिलती रहती हैं। इसी को देखते हुए विभाग ने मप्र के नियम मंगाए हैं जिनका अध्ययन किया जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि मप्र के नियम बहुत ही सरल हैं। उन्होंने बताया कि इन नियमों के अध्ययन के बाद अगर जरूरी लगेगा तो अन्य राज्यों के भी नियम मंगाकर उनका अध्ययन किया जाएगा। पूछने पर उन्होंने बताया कि प्रदेश के अनुदान नियम ऐसे बनाए जाने की तैयारी है जिससे किसी को परेशान न हो और इन नियमों का खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पुरस्कार नियमों में संशोधन की तैयारी चल रही है। इसके लिए भी मप्र के नियम मंगाए गए हैं। मप्र में अंकों पर आधारित प्रणाली से पुरस्कार दिए जाते हैं जो कि सही नियम है। छत्तीसगढ़ में भी पुरस्कारों को अंक पर आधारित बनाने की प्रक्रिया चल रही है।

बुधवार, 22 दिसंबर 2010

लटक सकता है फेडरेशन कप बास्केटबॉल

राज्य खेल महोत्सव की अंतिम कड़ी के रूप में राजधानी में होने वाले फेडरेशन कप बास्केटबॉल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब तक इस राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए हाईड्रोलिक बोर्ड का आर्डर ही नहीं दिया गया है। इस बोर्ड के लिए खेल मंत्रालय ने भिलाई स्टील प्लांट से मदद मांगी है, लेकिन वहां से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। हाईड्रोलिक बोर्ड बनाने वाली कंपनी कम से कम ४५ दिन पहले आर्डर मिलने पर ही बोर्ड देती है। ऐसे में यह तय है कि फेडरेशन कप का आयोजन ३ फरवरी से संभव नहीं होगा।
राज्य खेल महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा के अनुरूप फेडरेशन कप बास्केटबॉल की मेजबानी ली गई है। इसके लिए बनाए गए ६० लाख के बजट में से प्रदेश सरकार ने २० लाख के बजट की ही मंजूरी दी है और बाकी राशि खेल विभाग को प्रायोजकों से जुटाने के लिए कहा है। ऐसे में खेल विभाग ने हाईड्रोलिक बोर्ड सहित अन्य सामानों के करीब १५ लाख के बजट की मांग भिलाई स्टील प्लांट से करते हुए उससे सामान खरीदी के लिए एक पत्र लिखा है। यह पत्र खेल सचिव द्वारा लिखा गया है। इसके बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि विभाग से प्रदेश के खेल मंत्रालय को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए भिलाई स्टील प्लांट से मदद मांगने के लिए प्रस्ताव भेजा था जिसके बाद खेल सचिव ने वहां के एमडी को पत्र भेजा है। इस पत्र के जवाब में अब तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है।
४५ दिन पहले देने पड़ता है आर्डर
अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक और छत्तीसगढ़ बास्केटबॉल संघ के सचिव राजेश पटेल का साफ कहना है कि हाईड्रोलिक बोर्ड के लिए कंपनी को कम से कम ४५ दिन पहले आर्डर देना पड़ता है। अगर अभी तक आर्डर नहीं दिया गया है को यह बात तय है कि ३ फरवरी से आयोजन संभव नहीं होगा।
क्या बिना टेंडर खरीदी होगी
अब तक किसी भी कंपनी को आर्डर न देने के बाद यह सोचने वाली बात है कि क्या बिना टेंडर के खरीदी होगी। इस बारे में खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि बिना टेंडर के तो इतनी बड़ी खरीदी संभव नहीं है। कम से कम १५ दिनों के समय का टेंडर निकालना ही पड़ेगा। उन्होंने बताया कि हमारे विभाग ने नगर निगम रायपुर से भी हाईड्रोलिक बोर्ड के लिए मदद मांगी है, लेकिन वहां से भी अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
दिक्कत आएंगी तो देखेंगे: खेल सचिव
इस मामले में जब खेल सचिव सुब्र्रत साहू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हाईड्रोलिक बोर्ड के लिए कोई भी दिक्कत आएंगी तो देखेंगे। जब उनसे पूछा गया कि हाईड्रोलिक बोर्ड की खरीदी का आर्डर ४५ दिन पहले न देने पर ३ फरवरी से आयोजन संभव नहीं होगा, तो उन्होंने कहा कि इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।

आज होगा उद्घाटन

वकीलों के राष्ट्रीय क्रिकेट का उद्घाटन नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में २२ दिसंबर को सुबह ११.३० बजे होगा। उद्घाटन कार्यक्रम में मुंबई की गायिका प्रियंका अपने गीतों से शमा बांधेंगी। इसके बाद एक प्रदर्शन मैच होगा। स्पर्धा में मुकाबले २३ दिसंबर से खेले जाएंगे।
यह जानकारी देते हुए आयोजन समिति के सचिव भूपेन्द्र जैन ने बताया कि स्पर्धा में खेलने के लिए २१ दिसंबर को आन्ध्र प्रदेश, ग्वालियर, लखनऊ की टीमें तो सुबह आ गईं। रात को लंकाई टीम भी पहुंच गई। उन्होंने बताया कि स्पर्धा का उद्घाटन २२ दिसंबर को ११.३० बजे होगा। उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्यअतिथि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मुकुंदकम शर्मा और श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्ष शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। इस अवसर पर हाईकोर्ट बिलासपुर के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और मनीन्द श्रीवास्तव भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन अवसर पर बॉलीवुड की गायिका प्रियंका को बुलाया गया है जो कि अपने गीतों से शमा बांधने का काम करंेगी। गीत संगीत से उद्घाटन के बाद बैंच और बार एसोसिएशन के बीच एक प्रदर्शन मैच खेला जाएगा। यह मैच १५-१५ ओवरों का होगा।

मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

सुमीत छत्तीसगढ़ क्षेष्ठ

राज्य बॉडी बिल्डिंग में रायपुर के सुमीत राय चौधरी ने छत्तीसगढ़ क्षेष्ठ का खिताब जीता। छत्तीसगढ क्षेष्ठ बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप का आयोजन दल्ली राजहरा में किया गया था।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के संजय शर्मा ने बताया कि उक्त प्रतियोगिता का आयोजन छत्तीसगढ एमेच्चोर बॉडी बिल्डरर्स, एसोसिएशन एवं पावर जिम राजहरा माइन्स के संयुक्त तत्वाधान में आध्र समिति भवन मैदान में आयोजित किया गया । प्रतियोगिता में छत्तीसगढ के रायपुर, कांकेर, बिलासपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, दुर्ग, महासमुंद, जांजगीर-चांपा जिले के चुने गए ५० से अधिक उत्कृष्ठ खिलाडिय़ों ने भाग लिया। प्रतियोगिता ४ विभिन्न उंचाई-कद के अनुसार आयोजित थी। जिसमें अंतिम रूप से छत्तीसगढ क्षेष्ठ का खिताब रायपुर के सुमीत चौधरी ने जीता। विजेता को चार हजार रुपए नगद खिताब के साथ सम्मानित किया गया एवं अन्य वर्गो में स्थान प्राप्त खिलाडिय़ों को २० हजार रुपए से अधिक नगद पुरस्कार प्रदान किया गया । प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि राकेश यादव, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष थे। प्रतियोगिता के निर्णायक संजय शर्मा अंतरराष्टीय निर्णायक, डॉ. मेघेश तिवारी, कमल शानबाघ तामेश्वर बंजारे थे।
प्रतियोगिता के अन्य परिणाम निम्नानुसार है : शार्ट गुप, प्रथम सुमीत चौधरी रायपुर, द्वितीय तम्बी स्वामी रायपुर, तृतीय राजेश विश्वकर्मा दल्लीराजहरा, चर्तुर्थ रोहित शर्मा रायपुर, पांचवां पवन कुमार दल्ली राजहरा। मीडिल ग्रुप में प्रथम सुजीत कुमार, राजनांदगांव, द्वितीय विष्णु यादव, राजनांदगांव, तृतीय श्री भुवन राजनांदगांव, चतुर्थ मो़ ईर्शाद रायपुर, पांचवा हितेश बहादूर रायपुर। टॉल गु्रप- प्रथम टोनी जाब, रायपुर द्वितीय तेजराम राजनांदगांव, तृतीय नरसिंग कांकेर, चर्तुथ तामेश्वर दल्ली राजहरा, पांचवां बालेश्वर कवर्धा। सुपर टॉल गु्रप- प्रथम त्रतु कुमार दल्ली राजहरा, द्वितीय तरूण कुमार दल्ली राजहरा, तृतीय मो. तौफिक रायपुर, चतुर्थ राजेन्द्र कुमार रायपुर, पांचवां विरेन्द्र कुमार कवर्धा रहे।

क्रीड़ाश्री का प्रशिक्षण शिविर अगले माह

प्रदेश के ९८२ क्रीड़ाश्री को एक बार फिर से खेल विभाग प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है। इनका प्रशिक्षण शिविर अगले माह राजधानी में लगाएँ जाने की योजना है। पिछले साल राज्य के सात सौ क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण दिया गया था। इस बार दूसरे साल के क्रीड़ाश्री को तैयार करने की योजना है।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार की पायका योजना में दूसरे साल के लिए ९८२ गांवों में क्रीड़ाश्री बनाए गए हैं। अब इनको क्या काम करना है, इसकी जानकारी देने के लिए इनको प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारे विभाग ने पिछले साल पहले चरण के ९८२ क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने के लिए राजधानी में एक माह का प्रशिक्षण शिविर लगाया था। इस शिविर का फायदा यह हुआ कि गांवों के क्रीड़ाश्री को यह मालूम हुआ कि उनको क्या काम करना है। आज छत्तीसगढ़ में क्रीड़ाश्री इतना अच्छा काम कर रहे हैं कि जिन भी गांवों में क्रीड़ाश्री हैं, वहां से खिलाड़ी निकलने लगे हैं। उन्होंने बताया कि विकासखंड से लेकर जिला और राज्य स्तर पर गांवों के खिलाडिय़ों को खेलने का मौका मिल रहा है।
श्री सिंह ने पूछने पर बताया कि जनवरी में दूसरे चरण के क्रीड़ाश्री का प्रशिक्षण शिविर राजधानी में लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वैसे यह शिविर दिसंबर में लगाया जाना था, लेकिन दिसंबर में राज्य खेल महोत्सव के कारण यह शिविर नहीं लगाया जा सका है। उन्होंने बताया कि उनके विभाग की योजना है कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में इस शिविर का प्रारंभ किया जाए। इस शिविर में क्रीड़ाश्री को हर खेल की जानकारी के साथ उनके कार्य के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। इनको फिजिकल फिटनेस के बारे में भी विशेष रूप से बताया जाएगा, ताकि इनको गांवों में खिलाडिय़ों को तैयार करने में परेशानी न हो।

रविवार, 19 दिसंबर 2010

सचिव बनने में अब रुचि नहीं

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव पद में अब किसी की रुचि नहीं रह गई है। जब संघ के अध्यक्ष की कमान मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने संभाली थी तो सचिव बनने के लिए कई लोगों ने जोड़-तोड़ के साथ मुख्यमंत्री तक एप्रोच लगाने की कवायद प्रारंभ कर दी थी, लेकिन इधर जब से यह खबर आई है कि राज्य ओलंपिक संघ के मताधिकार भारतीय ओलंपिक संघ छीन रहा है, तब से सचिव पद को लेकर सभी ठंडे पड़ गए हैं।
प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जब चार दिनों पहले संघ की कार्यकारिणी जल्द घोषित करने की बात कही थी तो लगा था कि एक बार फिर से सचिव पद के लिए कवायद प्रारंभ हो जाएगी। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि अब राज्य ओलंपिक संघ का सचिव बनने से कुछ हासिल होना नहीं है। पहले इस पद के पीछे सभी खेल संघों के पदाधिकारी इसलिए पड़े थे क्योंकि भारतीय ओलंपिक संघ के चुनाव में अध्यक्ष के साथ सचिव को भी मत देने का अधिकार रहता है, लेकिन अब इस मताधिकार पर आईओए की नजरें टेढी हो गई हैं। आईओए तो राज्य ओलंपिक संघों को ही समाप्त करने पर तुला है, लेकिन इसके खिलाफ विरोध के स्वर पूरे देश में उठने लगे हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि भले राज्य ओलंपिक संघों को बनाए रखा जाए, लेकिन यह बात तय है कि आईओए राज्य ओलंपिक संघों के मताधिकार जरूर छिन लेगा।
जब मताधिकार देने का अधिकार ही नहीं रहेगा तो सचिव बनने से क्या फायदा ऐसा खेल संघों के पदाधिकारी सोच रहे हैं। पूर्व में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव पद के लिए लॉन टेनिस संघ के गुरुचरण सिंह होरा, वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान, स्क्वैश संघ के विष्णु श्रीवास्तव, नेटबॉल संघ के संजय शर्मा सहित कुछ खेल संघों से जुड़े आईएएस और आईपीएस के नाम सामने आए थे। लेकिन अब किसी भी तरह से किसी नाम की चर्चा नहीं हो रही है। सबका ऐसा मानना है कि मुख्यमंत्री जिसे चाहेंगे उनको सचिव बनना पड़ेगा।
कार्यकारिणी अभी लटकेगी
जानकारों की मानें तो इनका कहना है कि अभी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कार्यकारिणी घोषित नहीं करेंगे। भले उन्होंने ११ दिसंबर को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कार्यकारिणी जल्द घोषित कर दी जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचा दी गई है कि अभी आईओए में राज्य संघों के मताधिकार को लेकर कवायद चल रही है जिसकी वजह से अभी कार्यकारिणी घोषित करना ठीक नहीं है। जब तक आईओए राज्य संघों पर फैसला नहीं करता है, कार्यकारिणी घोषित करने का मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री ने इनकी बात मानी तो कार्यकारिणी का लटकना तय है।

अधिकारियों को स्मृति चिन्ह, कर्मकारियों को कुछ नहीं

छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव में खेल विभाग के पक्षपात से काम करने वाले कर्मचारी आहत हैं। एक तरफ तो खेल विभाग राज्य के हर जिले के जिलाधीश, पुलिस अधीक्षकों और जिला पंचायत के सीओ को स्मृति चिन्ह भेज रहा है, दूसरी तरफ दिन रात काम करके आयोजन को सफल बनाने वाले कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया गया है। इसी बात की नाराजगी कर्मचारियों में है। कर्मचारियों की मेहनत को समङाने का काम खेलमंत्री लता उसेंडी ने जरूर किया जिन्होंने सभी को अपने बंगले पर चाय पार्टी देकर धन्यवाद दिया।
राज्य खेल महोत्सव के निपटने के बाद अब खेल विभाग राजधानी के कई अधिकारियों के साथ सभी जिलों के जिलाधीशों, पुलिस अधीक्षकों के साथ पंचायन के सीओ को स्मृति चिन्ह भेजने में जुटा है। विभाग में थोक के भाव में स्मृति खरीदे गए हैं और सभी को खेल संचालक के एक धन्यवाद पत्र के साथ स्मृति चिन्ह भेजने का सिलसिला चल रहा है। स्मृति चिन्ह भेजे जाने के बारे में खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि यह जरूरी है ताकि इनको याद रह सके कि उन्होंने आयोजन में योगदान दिया है। उनकी बात ठीक तो है, लेकिन विभाग के कर्मचारी सवाल करते हैं कि क्या स्मृति चिन्ह के हकदार केवल अधिकारी हैं? क्या आयोजन को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले कर्मचारी किस स्मृति चिन्ह या एक टी-शर्ट के भी हकदार नहीं हैं। सबका एक स्वर में ऐसा कहना है कि क्या छोटे कर्मचारी विभाग के कर्मचारी होने के नाते सिर्फ काम करने के लिए होते हैं, क्या उनका कोई मान-सम्मान नहीं होता है। इसके पहले बैटन रिले में भी कर्मचारियों के साथ ऐसा ही पक्षपात किया गया था। बैटन रिले में अधिकारियों को ट्रेक शूट से नवाजा गया था और काम करने वाले कर्मचारियों को एक टी-शर्ट भी नहीं दी गई थी।
खेलमंत्री की चाय ने दी ताजगी
खेल विभाग के कर्मचारियों को कम से कम इस बात की खुशी है कि उनको भले खेल संचालक ने किसी लायक नहीं समङाा लेकिन खेलमंत्री ने जरूर उनकी मेहनत की कदर की और राज्य के आयोजन के बाद अपने बंगले में बुलाकर न सिर्फ चाय पिलाई बल्कि सभी को धन्यवाद दिया कि उनके सहयोग के कारण ही आयोजन सफल हुआ है। खेलमंत्री की चाय से कर्मचारियों को ताजगी का अहसास हुआ है।

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

सुरभि को दोहरा खिताब

राज्य टेबल टेनिस में सुरभि मोदी ने यूथ के साथ सीनियर वर्ग का भी खिताब जीत लिया। सुरभि युग में मात खाने के कारण तिहरे खिताब से जरूर चूक गई। यूथ बालक वर्ग में कुणाल देव ने खिताब जीता।
सप्रे टेबल हॉल में यूथ वर्ग के खिताबी मुकाबलेमें सुरभि मोदी ने सृष्टि तिवारी को ४-१ से मात दी। इसके पहले सुरभि ने सेमीफाइनल में प्रियंका सिंह को ४-१ और सृष्टि ने प्रियल गोरे को कड़े मुकाबले में ४-३ से हराया था। सीनियर वर्ग में सुरभि ने प्रियल गोरे को ४-१ से हराकर खिताब जीता। इसके पहले सेमीफाइनल में सुरभि ने सृष्टि को ४-१ और प्रियल ने निशा ङाा को ४-० से हराया था। युगल के फाइनल में सुरभि और प्रियल की जोड़ी सृष्टि और निशा की जोड़ी ने २-३ से मात खाकर खिताब गंवा बैठी।
पुरुष वर्ग के युगल में विनय बैसवाड़े और संदीप खंडेलवाल की जोड़ी ने विजय बैसवाड़े और सौरभ मोदी की जोड़ी नो ३-२ से हराया। यूथ बालकों के खिताबी मुकाबले में कुणाल देव ने पारितोष को ४-१ ेसे हराया। युगल में आदित्य और स्वप्निल राय ने साई प्रशांत और सौमित्र को हराया।
पुरुष वर्ग के पहले सेमीफाइनल में विनय बैसवाड़े ने सागर घाटगे को ४-० और दूसरे सेमीफाइनल में इमारान चारनिया ने विजय बैसवाड़े को कड़े मुकाबले में ४-३ से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया।


पहले दिन रायपुर का दबदबा

राज्य बैडमिंटन के पहले दिन मेजबान रायपुर के खिलाडिय़ों का दबदबा रहा। पहले चक्र के मुकाबलों में कोई उलटफेर नहीं हुआ और वरीयता वाले खिलाड़ी आसानी से अगले चक्र में पहुंच गए। राज्य स्पर्धा के साथ वेटरन में जिला स्तर के भी मुकाबले प्रारंभ हुए। इसके पहले स्पर्धा का उद्घाटन विवेक घांढ ने किया। यूनियन क्लब में शुक्रवार से प्रारंभ हुई स्पर्धा में पहले चक्र के मुकाबलों में आदित्य नायर (रायपुर) ने हर्षित अग्रवाल (भिलाई) को २१-१४, २१-१८, रायपुर के मानस मंधानी ने धमतरी के यश पवार को २१-७, २१-१५, रायपुर के संयम शुक्ला ने भिलाई के विक्रांत शर्मा को २१-११, २१-१०, भिलाई के विवेक साहू ने रायपुर के प्रखर दीक्षित को २१-१८, १७-२१, २१-१४, सरगुजा के हिमांशु वर्मा ने भिलाई के मुकुल पांडेय को २१-१२, २१-८, रायपुर के वैभव तांबे ने भिलाई के सौरभ मोदे को २१-१७, २१-१९, रायपुर के देवव्रत दास गुप्ता ने कवर्धा के सुंदर सलूजा को २१-३, २१-३, रायपुर के शिवम शर्मा ने कवर्धा के रोसी सलूजा को २१-१०, २१-१२, भिलाई के संजय मिश्रा ने कवर्धा के अनीस सलूजा को २१-७, २१-१० और भिलाई के सुरेन्द्र कटोले ने कवर्धा के युवराज को २१-१४, २१-१९ से मात देकर अगले चक्र में प्रवेश किया।
सीनियर चैंपियनशिप के साथ जिला स्तर की वेटरन स्पर्धा के भी मुकाबले शुक्रवार से प्रारंभ हुए। इसमें ३५ साल से ज्यादा में बॉबी चावला एवं शशांक शर्मा की जोड़ी ने राजीव और विनय की जोड़ी को २१-१३, २१-१४ से हराया। ४५ साल से ज्यादा के युगल में राज थारानी और गुरविंदर की जोड़ी ने अमित और मनीष की जोड़ी को २१-९, २१-१०, प्रकाश और विजय की जोड़ी ने परमजीत और अक्षय की जोड़ी को २१-८, २१-९, विवेक ढ़ांड और अनिल टूटेजा की जोड़ी ने प्रकाश और विजय की जोड़ी को २१-१२, २१-१२ से परास्त कर अगले चक्र में प्रवेश किया।
इसके पहले स्पर्धा का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के श्रम सचिव विवेक ढ़ांड ने किया। इस अवसर पर यूनियन क्लब के सचिव गुरुचरण सिंह होरा के साथ बैडमिंटन संघ के अनिल घगट, आयोजक मनोज गंगवानी, निर्णायक कविता, अनुराद दीक्षित सहित यूनियन क्लब के सदस्य और बैडमिंटन खिलाड़ी उपस्थित थे।

शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

मुक्केबाजी अकादमी सरकार बनाए

छत्तीसगढ़ की राजधानी में अगर मुक्केबाजी की अकादमी बनानी है तो इसके लिए सरकार खेल विभाग के माध्यम से खुद पहल करे इसके लिए मोनेट जैसी निजी कंपनी को जमीन देने की क्या जरूरत है।
ऐसा मानना है प्रदेश की खेल बिरादरी से जुड़े खेलों के जानकारों और खेल विशेषज्ञों का। जिस तरह से मोनेटे ने ओलंपियन विजेन्दर सिंह के साथ कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को बुलाकर उनका सम्मान एक कमरे में करवाया है, उससे प्रदेश की खेल बिरादरी खफा है कि किसी को भी मोनेट ने नहीं पूछा और यहां इतने स्टार खिलाडिय़ों को एक कमरे की ही शान बनाया गया। खेल के जानकार साफ कहते हैं कि खिलाड़ी सम्मान और प्रोत्साहन के भूखे होते हंै। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों को अगर राज्य खेल महोत्सव के बड़े मंच पर सम्मानित किया जाता तो इससे न सिर्फ प्रदेश के खिलाडिय़ों का हौसला अपने बीच स्टार मुक्केबाज को पाकर बढ़ता, बल्कि स्टार खिलाड़ी भी अपने को खिलाडिय़ों के बीच पाकर खुश होते। जब एक स्टेडियम में पांच हजार खिलाड़ी स्टार खिलाडिय़ों के लिए ताली बजाते तो इससे स्टार खिलाडिय़ों का हौसला भी और बढ़ता और उनको ओलंपिक में सफलता पाने के लिए और मेहनत करने की राह मिलती।
प्रदेश की खेल बिरादरी के साथ खेल विभाग के भी आला अधिकारियों का ऐसा मानना है सरकार को मोनेट को जमीन देने के स्थान पर खुद पहल करते हुए नई राजधानी में अकादमी खोलनी चाहिए। विशेषज्ञों की मानें तो अकादमी में सामानों के लिए जितनी राशि नहीं लगेगी उससे ज्यादा की तो जमीन देनी पड़ेगी। ऐसे में सरकार का कहीं नाम नहीं होना है। सरकार अगर खुद अकादमी खोलती है तो इसका फायदा प्रदेश के सभी मुक्केबाजों को मिल पाएगा।


राष्ट्रीय जूनियर हैंडबॉल भी अब राजधानी में

प्रदेश की राजधानी रायपुर में अब फेडरेशन कप बास्केटबॉल से पहले राष्ट्रीय जूनियर हैंडबॉल का आयोजन किया जाएगा। इस स्पर्धा के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंजूरी दे दी है। इस स्पर्धा के साथ एक इनामी राशि वाली सीनियर चैंपियनशिप का भी आयोजन किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश हैंडबॉल संघ के बशीर अहमद खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा के अनुरुप बास्केटबॉल की एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी ली गई है। ऐसे में जबकि यह चैंपियनशिप फरवरी में होनी है और इससे पहले छत्तीसगढ़ हैंडबॉल संघ को मिली राष्ट्रीय जूनियर बालिका हैंडबॉल का आयोजन होना है, तो इस स्पर्धा को भी राजधानी रायपुर में करवाने की मंशा हमारे संघ की थी। इस स्पर्धा को रायपुर में करवाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंजूरी दे दी है। अब इस स्पर्धा को भी राज्य खेल महोत्सव के साथ जोड़ दिया गया है। मुख्यमंत्री को इस स्पर्धा के साथ एक और सीएम ट्रॉफी के नाम से इनामी राशि वाली स्पर्धा करवाने के लिए भी प्रस्ताव दिया गया था जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया है।
श्री खान ने बताया कि सीनियर स्पर्धा में उन चार टीमों को बुलाया जाएगा जो इंदौर में २८ दिसंबर से होने वाली स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंचेगी। इस स्पर्धा में अगर छत्तीसगढ़ की टीम सेमीफाइनल में पहुंचती है तो ठीक है, अन्यथा मेजबान होने के नाते छत्तीसगढ़ की टीम को भी इस स्पर्धा में खिलाया जाएगा। ऐसे में पांच टीमों के बीच सुपर लीग मुकाबले होंगे।
उन्होंने पूछने पर बताया कि जूनियर बालिका टीम में २९ राज्यों की टीमें आती हैं। यह स्पर्धा २७ जनवरी से स्पोट्र्स कॉमपलेक्स में खेली जाएगी। स्पर्धा के पूर्व अगर इंडोर स्टेडियम तैयार हो गया तो मुकाबले वहां खेले जाएंगे, अन्यथा आउटडोर स्टेडियम में दो मैदान बनाकर मैच करवाए जाएंगे। श्री खान ने बताया कि राज्य खेल महोत्सव के आयोजन को देखते हुए ही उनके संघ ने यह पहल की कि राष्ट्रीय हैंडबॉल को भी इसका हिस्सा बना दिया जाए और इसके लिए मुख्यमंत्री सहमत भी हो गए हैं।

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

खेल शिक्षकों की भर्ती में आयु सीमा बढ़ाने की मांग

प्रदेश के खेल जगत से जुड़े बीपीएड और एमपीएड से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह को एक ज्ञापन सौंपकर खेल शिक्षकों के पद के लिए आयु सीमा बढ़ाने की मांग की है।
संभागीय शारीरिक शिक्षा संघ के रामप्रताप सिंह ने बताया कि मप्र के समय से १९९८ से खेल शिक्षकों की भर्जी बंद थी जिसे मुख्यमंत्री की पहल पर प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री की इस पहल का फायदा नए लोगों को तो मिल रहा है, लेकिन अपने प्रदेश में ऐसे कई खेल के जानकार हैं जो बीपीएड और एमपीएड करने के बाद ज्यादा उम्र होने की वजह से इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ये सभी पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से खेल की सेवा कर रहे हैं। ऐसे में इनकी मंशा खेल शिक्षक बनकर खेलों को आगे बढ़ाने की है, लेकिन ज्यादा उम्र की वजह से ये नौकरी से वंचित हो जा रहे हंै। उन्होंने बताया कि पूर्व में खेल शिक्षकों की आयु सीमा ३७ साल की गई थी, लेकिन अब फिर से ३५ साल कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हमारे संघ ने मुख्यमंत्री से शिक्षा कर्मी में खेल शिक्षकों की भर्ती में पांच साल की छूट देने की मांग की है।
इसी के साथ मुख्यमंत्री से यह भी मांग की गई है कि खेलों के जानकारों को मप्र की तर्ज पर प्रशिक्षक बनाने की पहल की जाए। मप्र ने एक साथ १२ सौ प्रशिक्षकों की भर्ती की है। ऐसे करने से वहां पर खेलों का तेजी से विकास हो रहा है। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ की मेजबानी में ३७वें राष्ट्रीय खेल होने हैं तो यह और भी जरूरी हो जाता है कि अपने राज्य में ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षकों की भर्ती की जाए। छत्तीसगढ़ में वैसे भी जहां प्रशिक्षकों की कमी है, वहीं खेल शिक्षकों की भी बहुत कमी है। अगर राज्य में खेल शिक्षक और प्रशिक्षक हो जाए तो यहां भी तेजी से खेलों का विकास होगा।

आयुषी दोहरे खिताब से एक जीत दूर

अखिल भारतीय अंडर १६ लॉन टेनिस में मेजबान छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी आयुषी चौहान दोहरे खिताब से एक जीत ही दूर हैं।
प्रदेश संघ द्वारा आयोजित स्पर्धा के एकल सेमीफाइनल में आयुषी चौहान ने शिखा दासानी को सीधे सेटों में ६-२, ६-१ से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। यहां उनका सामना गुरुवार को मप्र की ईशा बड़वाल से होगा। ईशा ने दूसरे सेमीफाइनल में तमिलनाडु की वी. सूर्यनारायणी को ६-३, ६-१ से हराया। युगल के पहले सेमीफाइनल में आयुषी और सूर्यनारायणी की जोड़ी ने योगिता और शिवानी जैदी की जोड़ी को कड़े मुकाबले में ३-५, ४-३, ४-१ से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। दूसरे सेमीफाइनल में मप्र ईशा बड़वाल ने एपी की निधी सुरपेनैनी के साथ मिलकर शिखा दासानी और श्रीजा रूदानी की जोड़़ी को ५-३, ४-२ से मात दी।
बालक वर्ग के एकल सेमीफाइनल में तुषार मांडलेकर ने अर्जुन पटनायक को ६-०, ६-१ और रिषी अग्रवाल ने युवराज बैंस को साढ़े तीन घंटे तक चले कांटे के मुकाबले में ७-५, ४-६, ६-३ से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। युगल वर्ग के फाइनल में तुषार मांडलेकर और रिषी अग्रवाल की जोड़ी ने यश यादव और युवराज को ६-०, ६-१ से परास्त कर खिताब जीत लिया। इसके पहले खेले गए सेमीफाइनल मैचों में तुषार और रिषी की जोड़ी ने छत्तीसगढ़ के पार्थ दीक्षित और सार्थक देवरस की जोड़ी को ६-०, ६-१ और यश यादव और युवराज की जोड़ी ने अविनाश और निशांत कुमार की जोड़ी को ६-३, ६-२ से हराया। फाइनल मैच गुरुवार की सुबह खेले जाएंगे। इसके बाद पुरस्कार वितरण होगा।

विनय, सौरभ की जीत से शुरुआत

राज्य रैंकिंग टेबल टेनिस में रायपुर के विय बैसवाड़े और सौरभ मोदी ने जीत से शुरुआत की।
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में बुधवार से शुरु हुई स्पर्धा में सीनियर वर्ग में विनय बैसवाड़े ने वी. विशाल को ११-५, ११-५, ११-६, सौरभ मोदी ने पंकज बोलर को ११-२, ११-९, ११-३, अंशुमन राय ने राहुल भगत को ३-०, सारंग बागडिकर ने हीरा सिंहानी को ११-८, ११-४, ११-४, वरूण पांडे ने दीपक टांक को ११-९, १०-१२, ११-८, रजनीश ओबेराय ने यमन निरापुरे को ११-९, १२-१०, ७-११, १६-१४, तौफीक अहमद ने देवव्रत तिवारी को ११-९, ११-७, ९-११, ११-८, संदीप पाटिल ने सूरत तिवारी को ११-७, १२-१०, ११-५, लोकेश सोनकर ने प्रणय गोयल को ११-४, ११-५, ११-४ से मात देकर अगले चक्र में स्थान बनाया।
महिला वर्ग में रेणुका साहू ने एश्वर्या चौरसिया को ११-३, ११-५, ११-९ और सराक्षी पांडे ने ममता बांधे को कड़े मुकाबले में १२-१०, ९-११, ११-८, ११-६ से परास्त कर अगले चक्र में प्रवेश किया। टीम खेल में रायपुर बी ने बिलासपुर बी को ३-० और बिलासपुर ए ने दुर्ग बी को ३-० से पराजित किया। इसके पहले स्पर्धा का उद् घाटन विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे ने किया। इस अवसर पर प्रदेश संघ के शरद शुक्ला, अमिताभ शुक्ला सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।

बुधवार, 15 दिसंबर 2010

राष्ट्रीय खेलों की अभी से तैयारी करें

छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव में प्रदेश के खिलाडिय़ों ने यह दिखा दिया है कि उनमें कितनी प्रतिभा है। अब राज्य के खिलाडिय़ों को छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी अभी से करनी चाहिए। अभी से तैयारी करने से ही मेजबान को पदक तालिका में अच्छा स्थान मिल पाएगा।
ये बातें यहां पर राज्य खेल महोत्सव के समापन अवसर पर राज्यपाल शेखर दत्त ने कहीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह का जोश राज्य के खिलाडिय़ों में दिख रहा है उससे यह बात तय है कि छत्तीसगढ़ में २०१३ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ को पदक तालिका में अच्छा स्थान मिल सकता है, लेकिन इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी। खिलाडिय़ों के लिए अच्छे प्रशिक्षकों की व्यवस्था भी खेल विभाग को अभी से करनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल विश्व की नंबर वन खिलाड़ी बन गई हैं। साइना की खबर को पूरे देश के मीडिया ने पहले पेज पर स्थान दिया है।
इसके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षक उपलब्ध करवा कर अब राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल के माध्यम से देश को यह बताना है कि छत्तीसगढ़ कितना विकसित राज्य है। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य के खिलाड़ी देश और दुनिया में राज्य का नाम रौशन करें। खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि आने वाले समय में हमारा प्रयास होगा कि हम राष्ट्रीय खेलों में शामिल सभी ३४ खेलों को राज्य खेल महोत्सव में शामिल कर सकें। इस बार १८ खेलों को ही इसलिए शामिल करना पड़ा क्योंकि यही खेल राज्य के १८ जिलों में खेले जाते हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि आने वाले समय में राज्य के सभी जिलों में ३४ खेल खेल जाएंगे। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने विजेता टीमों और खिलाडिय़ों को पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर संसदीय सचिव विजय बघेल, विधायक देवजी पटेल, जिला पंचायत की अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, निगम के सभापति संजय श्रीवास्तव, पूर्व महापौर सुनील सोनी के साथ खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
दुर्ग और रायपुर का दबदबा
१८ खेलों की स्पर्धा में टीमों खेलों की १० स्पर्धाओं में सबसे ज्यादा खिताब दुर्ग के खाते में गए। ओपन और स्कूली वर्ग को मिलाकर दुर्ग ने सबसे ज्यादा १३ खिताब जीते। दुर्ग के खिलाड़ी ११ वर्गों में उपविजेता रहे। दुर्ग ने वालीबॉल में में एक, बास्केटबॉल में दो, हैंडबॉल और खो-खो में तीन, फुटबॉल में दो, कबड्डी और हॉकी में एक-एक खिताब जीता। मेजबान रायपुर ने नेटबॉल में सभी चारों खिताब, वालीबॉल, साफ्टबॉल दो-दो, थ्रोबॉल, हैंडबॉल और फुटबॉल में एक-एक खिताब जीता। राजदगांव में बास्केटबॉल में दो, कबड्डी और हॉकी में एक-एक खिताब मिला। सरगुजा को हॉकी और वालीबॉल में एक-एक खिताब मिला। जशपुर के हाथ स्कूली फुटबॉल में बालिका वर्ग का खिताब लगा। बिलासपुर को कबड्डी, हॉकी में एक-एक खिताब मिला। बस्तर की बालिका खिलाडिय़ों ने स्कूली खो-खो का खिताब जीता। स्कूली एथलेटिक्स के बालिका वर्ग में जहां बस्तर की रमावती बेस्ट एथलीट बनीं, वहीं बस्तर ने ही एथलेटिक्स में ओवरआल चैंपियनशिप जीती। पुरुष वर्ग में दुर्ग के रणजीत पटेल बेस्ट एथलीट और दुर्ग की टीम ने ओवरआल चैंपियनशिप जीती।
खाने की तारीफ करते लौटे खिलाड़ी
खिलाडिय़ों को जहां इस बात की शिकायत रही कि खेल विभाग ने उनके रहने की व्यवस्था ठीक नहीं की थी, वहीं खिलाड़ी इस बात से खुश थे कि उनको खाना सबसे अच्छा मिला। स्कूली खिलाडिय़ों में खासकर इस बात की खुशी थी कि इतने कम पैसों में कैसे इतना अच्छा खाना मिला। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि खेल विभाग ने जो टेंडर दिया है उसमें ८९ रुपए में खाना दिया जाता है। इसमें सुबह का नाश्ता और दोनों समय का खाना शामिल है। स्कूली खिलाडिय़ों को १०० रुपए खाना का मिलता है, लेकिन इसके बाद भी वहां स्तरीय खाना नहीं मिलाता है। ८९ रुपए में न सिर्फ खिलाडिय़ों को अच्छा खाना मिला, बल्कि नाश्ता मैदानों में पहुंचा कर दिया गया। टेंडर में यह शर्त न होने के बाद भी राज्य में हो रहे इतने बड़े आयोजन को देखते हुए ही खाने का टेंडर लेने वालों ने खिलाडिय़ों की सुविधाओं को देख्रते हुए खेल विभाग की मदद की।
राज्यपाल से पुरस्कार न मिलने का अफसोस
राज्यपाल से जिन खिलाडिय़ों को पुरस्कार नहीं मिल पाया, वे अफसोस करते रहे कि काश उनको भी उनके हाथों सम्मानित होने का मौका मिलता। ज्यादा खेल होने की वजह से खेल विभाग से जहां कई खेलों के पुरस्कार मैदानों में ही वितरित करवा दिए, वहीं कई खेलों के पुरस्कार खासकर व्यक्तिगत खेलों के राज्यपाल के आने से पहले वनमंत्री विक्रम उसेंडी और खेलमंत्री लता उसेंडी के साथ खेल संघों के पदाधिकारियों के वितरित करवाए।
पुरस्कार राशि और ज्यादा होनी थी
खिलाडिय़ों को जो पुरस्कार राशि दी गई, उससे खिलाड़ी संतुष्ठ नहीं दिखे, ज्यादातर खिलाडिय़ों का कहना था कि ऐसे आयोजन में पुरस्कार राशि ज्यादा होनी चाहिए थी। पहले स्थान के खिलाडिय़ों को एक हजार पांच सौ रुपए और दूसरे स्थान के खिलाडिय़ों को एक हजार और तीसरे स्थान के खिलाडिय़ों को सात सौ पचास रुपए दिए गए। टीम खेलों में हो ही पुरस्कार दिए गए। इसमें भी तीसरे स्थान की टीमों को पुरस्कार देने की बात खिलाडिय़ों ने कही।

आयुषी-ईशा सेफा में

अखिल भारतीय लॉन टेनिस अंडर १६ में मेजबान छत्तीसगढ़ की आयुषी चौहान ने एकल के साथ युगल के भी सेमीफाइनल में स्थान बना लिया है। मप्र की ईशा बड़वाल भी अंतिम चार में पहुंच गई हैं।
छत्तीसगढ़ लॉन टेनिस संघ की मेजबानी में खेली जा रही स्पर्धा में बालिका वर्ग के पहले क्वार्टर फाइनल में छत्तीसगढ़ की आयुषी चौहान ने सीधे सेटों में वाईके राजिन्दर को ६-१, ६-१ से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। इसके बाद आयुषी ने युगल के क्वार्टर फाइनल में तमिलनाडु की वी. सूर्यनारायणी के साथ मिलकर शालिनी मिश्रा और ममता पांडे की जोड़ी को ४-०, ४-१ से परास्त किया।
बालिका एकल के अन्य मुकाबलों में मप्र की ईशा बड़वाल ने भी दोहरी सफलता प्राप्त की। पहले उन्होंने एकल के क्वार्टर फाइनल में अंडर १२ की शीर्ष वरीयता प्राप्त एपी की निधी सुरापेनैनी को ६-३, ६-४ से मात दी, फिर युगल में निधी के साथ मिलकर ही शैवलीन वर्मा और शिवांति वर्मा को ४-१, ४-० से हराया। एकल के अन्य क्वार्टर फाइनल मैचों में वी. सूर्यनारायणी ने श्रीजा रुदाली को ६-४, ६-३ और महाराष्ट्र की शिखा दासानी ने शिवानी जैदी को ६-३, ६-१ से परास्त कर सेमीफाइनल में स्थान बनाया।
बालकों के वर्ग में तुषार मांडलेकर ने मप्र के यश यादव को ६-१, ६-२ एपी के अर्जुन पटनायक ने नवतेज सिंह को कड़े मुकाबले में ४-६, ७-५, ६-१, युवराज बैंस ने अनिवाश मिश्रा को ६-२, ६-३ और रिषी अग्रवाल ने मप्र रे राधव जयसिंघानी को कांटे के मुकाबले में १-६, ७-६ (७-४) ६-१ से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। बालक वर्ग के युगल मैचों के क्वार्टर फाइनल में रिषी और तुषार की जोड़ी ने आशीष और अभिलाष नायर की जोड़ी को ४-१, ४-१ और यश एवं युवराज की जोड़ी ने नवतेस और राधव की जोड़ी को २-५, ४-२, ४-२ से मात देकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। प्रदेश संघ के विक्रम सिंह सिसोदिया नेबताया कि सेमीफाइनल मुकाबले १५ दिसंबर और फाइनल मुकाबले १६ दिसंबर को खेले जाएंगे।


मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

ओलंपियन का सम्मान बंद कमरे में क्यों

ओलंपियन विजेन्दर सिंह सहित अन्य मुक्केबाजों का सम्मान बंद कमरे में करने से प्रदेश की खेल बिरादरी नाराज है। सोमवार को ही राज्य खेल महोत्सव का समापन था। प्रदेश के खिलाड़ी ऐसा सोच रहे थे कि काश उनको भी अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की ङालक मिल जाती, लेकिन इन खिलाडिय़ों का सपना मोनेट ने पूरा होने नहीं दिया और अपने चंद लोगों की मौजूदगी में ही खिलाडिय़ों का सम्मान किया गया। खिलाडिय़ों से मिलने की ललक रखने वाले कुछ खेल प्रेमी होटल बेबीलोन पहुंचे थे, लेकिन उनको वहां जाने नहीं दिया गया। मीडिया को भी बड़ी मुश्किल से प्रवेश दिया गया। कार्यक्रम से पूरी तरह से प्रदेश ओलंपिक संघ के साथ सारे खेल संघों का दूर रखा गया। पूरे कार्यक्रम में बदइंतजामी का आलम रहा।
एशियाड में पदक जीतने वाले मुक्कबाजों के सम्मान की खबर लगने से प्रदेश के खिलाड़ी उत्साहित थे कि संभवत: उनको भी इन खिलाडिय़ों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। लेकिन इन खिलाडिय़ों का सपना मोनेट ने पूरा होने नहीं दिया। खेलमंत्री लता उसेंडी ने एक प्रयास किया भी था कि इन खिलाडिय़ों को खेल महोत्सव के मंच पर बुलाया जाए, लेकिन खेलमंत्री को मोनेट के अधिकारियों ने गलत जानकारी दी थी कि मुक्केबाज शाम को आएंगे, जबकि मुक्केबाज सुबह के विमान से आ गए थे। इतना होने के बाद भी मोनेट के अधिकारियों ने यह जरूरी नहीं समङाा कि मुक्केबाजों का सम्मान खिलाडिय़ों के बीच करवा जाए।
मोनेट द्वारा खिलाडिय़ों का सम्मान एक बंद कमरे में करवाए जाने से प्रदेश की खेल बिरादरी में भारी नाराजगी है। खेल संघों के पदाधिकारी और खिलाड़ी साफ कहते हैं कि मोनेट छत्तीसगढ़ में मुक्केबाजी को बढ़ाने की बात करता है, जब अंतररराष्ट्रीय मुक्केबाजों को खिलाडिय़ों से मिलवाने में परहेज किया गया तो कैसे मुक्केबाजी को बढ़ाने की बात की जा रही है। एक जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इन मुक्केबाजों को बुलाने की जानकारी प्रदेश के ओलंपियन राजेन्द्र प्रसाद के साथ प्रदेश मुक्केबाज संघ को भी नहीं दी गई।
कार्यक्रम में खेल संघों को बुलाया ही नहीं गया
प्रदेश की खेल बिरादरी में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ जब खेलमंत्री लता उसेंडी को खिलाडिय़ों के सम्मान के लिए बुलाया गया तो खेल संघों ंको क्यों आमंत्रित नहीं किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ सहित हर खेल के पदाधिकारियों को किनारे रखा गया। कुछ खेल प्रेमी जब अपने चहेते खिलाडिय़ों से मिलने पहुंचे तो उनको होटल में घुसने नहीं दिया गया। कार्यक्रम का कवरेज करने गए प्रेस फोटोग्राफरों और पत्रकारों को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। मीडिया से कहा गया कि किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं है। काफी मशक्कत के बाद मीडिया कर्मियों को अंदर जाने दिया गया। अंदर एक हॉल में चंद लोगों की मौजूदगी में ही अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम भी पूरी तरह से अव्यवस्थित था।

छत्तीसगढ़ के मुक्केबाजों को तराशने आऊंगा: विजेन्दर

ओलंपियन मुक्केबाज विजेन्दर सिंह का कहना है कि मुङो छत्तीसगढ़ में जब भी यहां के मुक्केबाजों को तराशने के लिए बुलाया जाएगा मैं जरूर आऊंगा। छत्तीसगढ़ आकर मुङो बहुत अच्छा लगा है। यहां की सादगी मुङो भा गई है।
सोमवार शाम को खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए ओलंपियन विजेन्दर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि इस राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खेलों की तरफ इतना ज्यादा ध्यान देते हैं कि उन्होंने एक मांग पर ही छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाजी अकादमी के लिए जमीन देने की मंजूरी दे दी। विजेन्दर ने कहा कि मैं चाहूंगा कि यहां के मुख्यमंत्री मुङो बार-बार बुलाएं और मैं यहां आऊं। उन्होंने पूछने पर कहा कि मुङो यहां के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने जब भी बुलाया जाएगा तो मैं जरूर आऊंगा। विजेन्दर ने कहा कि २००८ से भारत में खेलों की फिजा बदली है। पहले सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट की धूम रहती थी, लेकिन अब दूसरे खेलों की तरफ भी लोग ध्यान देने लगे हैं। दूसरे खेलों की सफलता ने यह बता दिया है कि वास्तव में दूसरे खिलाडिय़ों में भी दम है। विजेन्दर पूछने पर कहते हैं कि अगले ओलंपिक में अब स्वर्ण पदक ही लक्ष्य है। इस लक्ष्य के लिए अभी से प्रयास जारी है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों को अगर सुविधाएं मिलेगी तो पदक जरूर बरसेंगे। बकौल विजेन्दर १९८२ में क्रिकेट का विश्व जीतने के बाद ही भारत में क्रिकेट की फिजा बदली थी। मुक्केबाजी में इसी तरह से सफलता मिलती रही तो लोग इसके भी दीवाने हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि २०१२ के ओलंपिक की तैयारी चल रही है।


छत्तीसगढ़ में बनेगी मुक्केबाजी अकादमी

छत्तीसगढ़ में नई राजधानी के खेल परिसर में मुक्केबाजी की अकादमी बनाने के लिए प्रदेश सरकार मोनेट को जमीन जल्द देगी। इस अकादमी को जल्द प्रारंभ करने का काम किया जाए, ताकि यहां की प्रतिभाओं को भी इसका लाभ मिल सके।
ये बातें अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों के सम्मान समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि मोनेट छत्तीसगढ़ में मुक्केबाजी की अकादमी बनाना चाहता है। हम इसके लिए जमीन देने तैयार हैं। उन्होंने कहा कि नई राजधानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के आस-पास की जमीन हमने खेलों के लिए ही सुरक्षित रखी है। इसके पहले मोनेट के संदीप जाजोदिया से अकादमी के लिए जमीन मांगी थी। कार्यक्रम के अंत में एशियाड के स्वर्ण विजेता विजेन्दर सिंह के साथ विकास कृष्ण को तीन-तीन लाख, रजत विजेता वी. संतोष कुमार, दिनेश कुमार और मनप्रीत सिंह को दो-दो लाख रुपए, कांस्य पदक विजेता कविता गोयट को एक लाख नकद राशि के साथ सम्मानित किया गया। इस अवसर पर खेलमंत्री लता उसेंडी और शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी उपस्थित थे।


नवनी-आयुषी अंतिम १६ में

अखिल भारतीय लॉन टेनिस अंडर १६ के मुकाबलों में मेजबान छत्तीसगढ़ की नवनी सिसोदिया के साथ आयुषी चौहान ने अंतिम १६ में स्थान बना लिया है।
एनएच गोयल स्कूल में सोमवार से प्रारंभ हुई स्पर्धा में बालिका वर्ग में नवनी सिसोदिया ने अपने ही राज्य की अक्षया पाठक को ९-३ और आयुषी चौहान ने आर वैष्णवी को ९-१ से मात देकर अंतिम १६ में स्थान बनाया। अन्य मुकाबलों में स्वीकृति मोखा ने यशलीन खेत्रपाल को ९-७ से मात दी। प्रीक्वार्टर फाइनल के मैचों में श्रीजा कोडाली ने अनुपमा डहारे को ९-०, वी. सूर्यनारायणी ने शालिनी मिश्रा को ९-१, निधी सुरापेनैनी ने शेवलीनी वर्मा को ९-०, योगिता कुमारी ने ममता पांडे को ९-५ शिखा दासानी ने लिखिता लांडा को ९-४ से मात देकर क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया।
बालक वर्ग तुषार मांडलेकर ने युवराज रघुवंशी को ६-२, ६-१ को मात देकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। इसके पहले खेले गए मैचों में सार्थक देवरस ने रिषभ चोपकर को ९-३, यश यादव ने आशीष शर्मा को ९-१ से मात दी। सुबह को स्पर्धा का उद्घाटन प्रदेश लॉन टेनिस संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह सिसोदिया ने किया।


सोमवार, 13 दिसंबर 2010

अधिकारी मस्त-खिलाड़ी पस्त

साढ़े तीन करोड़ के बजट वाले राज्य खेल महोत्सव का आगाज तो हो गया है, पर उद्घाटन स्थल से लेकर खेल मैदानों तक अव्यवस्था का आलम है। इतने बड़े आयोजन को खेल विभाग ने गंभीरता से लिया ही नहीं और खेल संघों के पदाधिकारियों के सही तालमेल न होने के कारण हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। व्यवस्थाओं से खुद खेलमंत्री लता उसेंडी लगातार खफा हैं।
स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में सुबह को उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ही दुर्ग जिले के बास्केटबॉल खिलाड़ी आ धमके और कहने लगे कि उनके रहने की व्यवस्था ही नहीं की गई है। खिलाड़ी लगातार खेल विभाग के अधिकारियों से पूछते रहे कि उनके रहने की व्यवस्था कहां है पर उनको बताने वाला कोई नहीं था। उद्घाटन स्थल में चार हजार से ज्यादा खिलाडिय़ों को मार्च पास्ट के लिए सुबह से बुलाया गया था लेकिन खिलाडिय़ों के पीने के लिए पानी तक नहीं था। खिलाडिय़ों को स्टेडियम के बाहर अव्यस्थित खड़ा किया गया था।
उद्घाटन में दो विभागीय मंत्री ही आए
उद्घाटन में इस बात को लेकर प्रदेश की खेल बिरादरी में चर्चा होती रही कि उद्घाटन में आखिर प्रदेश के पूरे मंत्रिमंडल के मंत्रियों का नाम होने के बाद आखिर क्या करण रहा कि केवल खेल विभाग की मंत्री लता उसेंडी और शिक्षा विभाग के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ही आए, बाकी मंत्रियों के साथ नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे भी नहीं आए। महापौर किरणमयी नायक भी कार्यक्रम में बहुत विलंब से आईं। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा, देवजी पटेल, निगम के सभापति संजय श्रीवास्तव, डीजीपी विश्वरंजन उपस्थित थे।
खेल संघों में नाराजगी
उद्घाटन अवसर पर एक तो बहुत कम खेल संघों के पदाधिकारी आए। जो पदाधिकारी आए थे, उनमें इस बात को लेकर नाराजगी रही कि उनको खेल विभाग ने तवज्जो ही नहीं दी। ओलंपिक संघ के पदाधिकारी भी इसी बात से खफा रहे कि उनको भी खेल विभाग ने नहीं पूछा जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनने के बाद संघ के पदाधिकारियों के प्रस्ताव पर पहले मिनी ओलंपिक के नाम से आयोजन की घोषणा की थी, लेकिन बाद में इनका नाम बदल दिया गया।
तीरंदाजी में स्कूलों खेलों की जवावदारी नहीं
उद्घाटन अवसर पर तीरंदाजी संघ के सचिव कैलाश मुरारका ने स्कूली शिक्षा में विभाग के सहायक संचालक खेल एसआर कर्ष से यह साफ कह दिया कि उनके संघ की स्कूली तीरंदाजी करवाने की जवाबदारी नहीं है क्योंकि उनको किसी ने कुछ बताया नहीं है। उन्होंने कहा कि खेल संचालक जीपी सिंह ने उनको कहा था कि शिक्षा विभाग को अलग से बजट दिया गया है, वे अपना आयोजन अलग से करवा लेंगे। श्री कर्ष ने कहा कि हमें आयोजन के लिए कोई बजट नहीं दिया गया है खेल संचालक ने कहा था कि स्कूली आयोजन भी ओपन के साथ होगा।
हर तरफ अव्यवस्था
उद्घाटन के बाद जब खेलों का आयोजन दूसरे सत्र में प्रारंभ हुआ तो खेल विभाग की व्यवस्था की पोल खुल गई। रविशंकर विश्व विद्यालय के मैदान में जुडो के खिलाड़ी इंतजार करते रहे कि कब मुकाबले प्रारंभ होंगे। खिलाडिय़ों के साथ तकनीकी अधिकारियों ने बताया कि सामान की व्यवस्था न होने के कारण मुकाबले प्रारंभ नहीं हो पा रहे हैं। बाद में तकनीकी अधिकारियों को खुद खेल विभाग जाकर सामना लाना पड़ तब जाकर मुकाबले प्रारंभ हो सके। यहां पर हैंडबॉल और खोखो और एथलेटिक्स के मुकाबले भी काफी विलंब से प्रारंभ हुए। यूनियन क्लब में तैराकी के मुकाबलों के समय भी यही आलम रहा, वहां पर सामान की व्यवस्था न होने की शिकायत आयोजक करते रहे। नेताजी स्टेडियम में बारिश से खराब हुए मैदान में ही कबड्डी और नेटबॉल के मुकाबले करवाएं गए। हर मैदान में तकनीकी अधिकारियों से लेकर खिलाडिय़ों को इस बात की शिकायत रही कि पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं की गई है।
तकनीकी अधिकारियों को किट क्यों नहीं?
आयोजन के लिए इतना बड़ा बजट होने के बाद भी तकनीकी अधिकारियों को किट न दिए जाने पर भी सभी खेल संघों के पदाधिकारी और तकनीकी अधिकारी सवाल करते रहे कि खेल विभाग ने हमारे लिए किट का क्यों इंतजाम नहीं किया है।
रेलवे की किट में खेले
खेल विभाग ने किट के लिए हर जिले को एक खिलाड़ी के लिए पांच सौ रुपए का बजट ट्रैक शूट और किट के लिए दिया है, इसके बाद भी बास्केटबॉल में बिलासपुर के खिलाड़ी रेलवे की किट पहनकर मैच खेलते रहे। कई जिलों के खिलाडिय़ों ने यह भी शिकायत की है कि उनको बहुत निम्न स्तर की किट दी गई है।
नतीजों पर एक नजर
नेटबॉल ओपन में बालक वर्ग में दुर्ग ने राजनांदगांव को १७-६, रायपुर ने बिलासपुर को १४-७ से हराया। बालिका वर्ग में रायपुर ने बिलासपुर को २३-० से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। स्कूली वर्ग के बालकों के एक मैच में राजनांदगांव ने बस्तर को १३-० से हराया। हॉकी में महिला वर्ग के मैचों में रायपुर ने सरगुजा को ४-०, पुरुष वर्ग में दुर्ग ने राजनांदगांव को ६-३, स्कूली वर्ग में बिलासपुर ने रायपुर को ३-१ हराया। साफ्टबॉल शालेय बालक वर्ग में सरगुजा ने राजनांदगांव को १९-३ से थ्रोबॉल में बिलासपुर दुर्ग को २५-१७, २७-२५ से हैंडबॉल ओपन महिला में रायपुर ने बिलासपुर को १०-७ से, दुर्ग ने राजनांदगांव को १२-० से. वालीबॉल शालेय में रायपुर ने बस्तर को २५-१५, २५-२१ से, बास्केटबॉल महिला में दुर्ग ने राजनांदगांव को ६१-१७ से मात दी। एथलेटिक्स १५०० मीटर में ुुउमेश उरांव दुर्ग प्रथम, महेन्द्र उरांव दुर्ग द्वितीय, तुलसी साहू रायपुर तृतीय, महिला बालमति यादव राजनांदगांव प्रथम, विमला पटेल दुर्ग द्वितीय, उर्मिला पटेल तृतीय। १०० मीटर पीआर भगत बिलासपुर प्रथम, आशीष राजनांदगांव द्वितीय, अगेश्वर दुग्गा दुर्ग तृतीय। महिला चारूलता रायपुर प्रथम, भुनेश्वरी निषाद दुर्ग द्वितीय, सुनुति दुर्ग तृतीय। तवा फेंक अनवर पेंगल बिलासपुर प्रथम, सौरभ प्रधान राजनांदगांव द्वितीय, रिषभ तृतीय।

रविवार, 12 दिसंबर 2010

राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने की तैयारी करें

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हम राज्य खेल महोत्सव का प्रारंभ राज्य में इस आशा के साथ कर रहे हैं कि हमारे खिलाड़ी अपने राज्य की मेजबानी होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने की तैयारी में अभी से जुट जाएं। हमारे खिलाडिय़ों को पदक तालिका में पहले नंबर पर आकर यह बताना है कि छत्तीसगढ़ किसी से कम नहीं है। खिलाडिय़ों को जिस भी तरह की सुविधाओं की जरूरत होगी, वह सब हमारी सरकार देने को तैयार हैं। खिलाडिय़ों ने लिए कभी बजट की परेशानी नहीं होगा, यह मेरा वादा है।
ये बातें मुख्यमंत्री ने राज्य खेल महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य के दस वर्ष पूर्ण होने पर हमने एक नए संकल्प के साथ राज्य खेल महोत्सव का आयोजन किया है। इस आयोजन का पहला मकसद अपने राज्य की मेजबानी में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेल हैं। हमारा ऐसा सोचना है कि जब छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा तो हमारे खिलाड़ी पदक तालिका में पहले स्थान पर रहें। हम जानते हैं कि हमारे खिलाडिय़ों में बहुत दम है। हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धाओं में बास्केटबॉल, हैंडबॉल, नेटबॉल के साथ कई खेलों में लगातार पदक जीत रहे हैं। ये पदक बताते हैं कि हमारे खिलाड़ी आने वाले राष्ट्रीय खेलों में राज्य को पदक तालिका में शीर्ष पर पहुंचा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य खेल महोत्सव के लिए खेलमंत्री लता उसेंडी की तारीफ करते हुए कहा कि खेलमंत्री की पूरी टीम ने बता दिया है कि अगर हौसला हो, तो सब संभव है। दो दिनों तक बारिश होने के बाद लग रहा था कि आयोजन खटाई में पड़ सकता है, लेकिन खेलमंत्री की टीम ने दिन-रात मेहनत करके आयोजन करके दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि मैं वादा करता हूं कि खिलाडिय़ों के लिए कभी बजट की कमी नहीं आएगी। राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए खिलाडिय़ों के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में इंडोर स्टेडियम फरवरी में प्रारंभ हो जाएगा, इसी के साथ राज्य के हर जिले में खेलों की सुविधाओं की विस्तार किया जाएगा।
खेल का बजट ४० गुना बढ़ा
कार्यक्रम में खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि राज्य बनने के बाद पहले साल खेल का बजट एक करोड़ था, जो भाजपा शासन काल में ४० गुना बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की खेल के प्रति रूचि के कारण ही राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। उन्होंने इसके लिए तुरंत बजट की व्यवस्था की थी।
शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की खेलों के मामले में किसी से पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों के जज्बे के सामने प्रकिृत को भी ङाुकना पड़ा। दो दिन की बारिश के बाद यह आयोजन हो रहा है तो यह खिलाडिय़ों के हौसले से ही संभव हुआ है।
विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस आयोजन से गांवों के खिलाडिय़ों को मौका मिलेगा और वे अपनी राज्य के बाद राष्ट्रीय ,स्तर पर भी दिखा सकेंगे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने मशाल जलाकर उद्घाटन की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने मशाल अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों सबा अंजुम के साथ अजयदीप सारंग को सौंपी। ये खिलाड़ी मैदान का एक चक्कर लगाने के बाद वापस मंच में आए। उद्घाटन अवसर पर खिलाडिय़ो ने जहां मार्च पास्ट किया, वहीं कई रंगारंग कार्यक्रम भी हुए। नेहरू युवा केन्द्र ने राज्य के १८ जिलों के विभिन सांस्कृतिक दलों को बुलाया था ये दल मार्च पास्ट करने वाले खिलाडिय़ों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चल रहे थे। नवोदय विद्यालय के बच्चों के बैंड ने सबका मम मोह लिया। जंप रोप के खिलाडिय़ों ने भी आकर्षक प्रस्तुति दी।
ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी जल्द
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने उद्घाटन के बाद एक सवाल के जवाब में कहा कि अब विधानसभा का सत्र भी समाप्त हो गया है तो वे जल्द ही ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी की घोषणा कर देंगे।


शनिवार, 11 दिसंबर 2010

१८ खेलों की आज से धूम

छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव में राजधानी के मैदानों में शनिवार से १८ खेलों की धूम मचने वाली है। खेलों में धूम मचाने वाले राज्य के खिलाडिय़ों की टोलियां राजधानी पहुंच चुकी हैं। अब यह बात अलग है कि खेल विभाग इन खिलाडिय़ों के लिए साढ़े तीन करोड़ के बजट के बाद भी ठीक से व्यवस्था नहीं कर पाया है। स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के उद्घाटन स्थल को ठीक करने की कवायद देर रात चल चलती रही। दो दिनों तक हुई बारिश के बाद मैदान की हालत बहुत ज्यादा खराब है। मैदान की खराब स्थिति को देखते हुए खेलमंत्री लता उसेंडी शाम को मैदान का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों पर जमकर बरसीं।
राज्य खेल महोत्सव के १८ खेलों में शामिल होने के लिए सुबह से ही राज्य के कौने-कौने से खिलाड़ी साइंस कॉलेज के मैदान में पहुंचने लगे। स्कूली खेलों में सात जोन और ओपन वर्ग में चार जोन की टीमें खेलने आईं है। कुल मिलाकर चार हजार से ज्यादा खिलाड़ी और अधिकारी साइंस कॉलेज के मैदान में जुटे।
नाश्ते में चाय और बिस्कुट
रात को अपने-अपने जिलों से निकलकर सुबह साइंस कॉलेज मैदान में पहुंचने वाले खिलाडिय़ों को दोपहर के भोजन से पहले महज चाय और बिस्कुट ही नसीब हुए। कई जिलों के खिलाडिय़ों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि खेल विभाग ने नाश्ते का कोई इंतजाम नहीं किया है जबकि हम लोग रात का खाना खाने के बाद अब तक भूखे हैं। इधर खिलाडिय़ों का पंजीयन करने वाले खेल संघों और शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि उनके लिए भी खेल विभाग ने नाश्ते का कोई इंजताम नहीं किया है जबकि वे सभी सुबह सात बजे से यहां आए हैं।
चुनावी ड्यूटी या खेल
साइंस कॉलेज के मैदान में खेल संघों के पदाधिकारियों से लेकर खिलाड़ी इसी बात की चर्चा करते रहे कि यह खेल विभाग की कैसी व्यवस्था है। सबका कहना था कि यहां का माहौल देखकर तो लग रहा है कि यहां पर खिलाडिय़ों को खेलने के लिए नहीं बल्कि चुनावी ड्यूटी के लिए बुलाया गया है। सुबह से लेकर शाम तक सबको बिठाकर रखा गया है।
सुबह आए, शाम को मिला आशियाना
दूर-दराज से आए खिलाडिय़ों और उनके कोच-मैनेजर में इस बात को लेकर भारी नाराजगी रही कि वे सब इतनी दूर से आए हैं और उनको शाम तक यही बिठाकर रखा गया है। खिलाडिय़ों ने कहा कि उनको आते ही आवास स्थल के लिए भेजना था। लेकिन दोपहर के भोजन के बाद शाम तक खिलाडिय़ों को आवास स्थल के लिए भेजा गया। मैदान में खिलाड़ी अनमन मन से सुस्त बैठे थे।
बिछाने को गद्दा, ओढऩे को कुछ नहीं
खिलाडिय़ों के आवास स्थल में बिछाने के लिए गद्दा दिया गया है, लेकिन ओढऩे के लिए कुछ नहीं दिया गया है। इस संबंध में आवास प्रभारी राज्य खेल अधिकारी अजीत कुमार टोपो का कहना है कि खेल विभाग ने पहले ही यह कह दिया था कि खिलाडिय़ों को अपने साथ गर्म कपड़े लाने हैं। खिलाडिय़ों का कहना है कि उनके जिलों में न तो उनको खेल विभाग के किसी अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी,और न ही टीमों के कोच-मैनेजर ने ऐसा कुछ बताया है। खिलाडिय़ों ने कहा कि ओढऩे के लिए कुछ नहीं है तो ऐसी सर्द रात में वे कैसे सो पाएंगे।
मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
कार्यक्रम का उद्घाटन ११ दिसंबर को ११ बजे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक करेंगे। विशेष अतिथि सांसद रमेश बैस, प्रदेश के मंत्री नंनकीराम कंवर, बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, पुन्नूलाल मोहले, हेमचंद यादव, राजेश मूणत, लता उसेंडी, केदार कश्यप, दयालदास बधेल, विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल होंगे।

अधिकारियों पर बरसीं ख्रेलमंत्री
खेलमंत्री लता उसेंडी अचानक शाम को स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के मैदान में पहुंची और वहां की अव्यवस्था देखकर अधिकारियों पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि सुबह को उद्घाटन होना है और अब तक आपका न तो मंच तैयार हो सका है और न ही मैदान को सुखाया जा सका है। उन्होंने निगम आयुक्त ओपी चौधरी को भी फोन लगातर नाराजगी जताई कि निगम के अधिकारी इतने बड़े आयोजन में गंभीरता से काम नहीं कर रहे हैं। खेलमंत्री ने स्टेडियम के प्रभारी राजेश शर्मा को फोन लगाकर कहा कि आप लोग कोई काम ठीक से नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने मैदान की स्थिति को लेकर नाराजगी जताई। खेलमंत्री के आने की खबर खेल विभाग के अधिकारियों को भी नहीं थी, खबर लगने पर पहले खेल सचिव सुब्रत साहू और बाद में खेल संचालक जीपी सिंह पहुंचे। खेलमंत्री ने उद्घाटन कार्यक्रम की पूरी जानकारी वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से ली। उन्होंने स्टेडियम में खिलाडिय़ों के आवास स्थल का भी जायजा लिया।

इनामी राशि बढ़ी

छत्तीसगढ़ खेल राज्य महोत्सव में खिलाडिय़ों को मिलने वाली इनामी राशि में इजाफा कर दिया गया है। यह सब हरिभूमि की खबर के बाद खेलमंत्री लता उसेंडी की पहल पर हुआ है। अब पहले स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों को एक हजार पांच सौ रुपए, दूसरे स्थान के खिलाडिय़ों को एक हजार और तीसरे स्थान के खिलाडिय़ों को सात सौ पचास रुपए की इनामी राशि मिलेगी।
राज्य खेल महोत्सव में साढ़े तीन करोड़ के बजट के बाद राज्य स्पर्धा में खेलने वाले खिलाडिय़ों के लिए महज एक हजार का पहला पुरस्कार और साढ़े सात सौ का दूसरा पुरस्कार रखा गया था। इन पुरस्कारों को लेकर खिलाडिय़ों और खेल संघों के पदाधिकारियों की नाराजगी को हरिभूमि ने प्रमुखता से ३० नवंबर के अंक में प्रकाशित किया था। इसके बाद खेलमंत्री लता उसेंडी से भी पुरस्कार राशि को लेकर सवाल किया गया था कि पुरस्कार राशि इतनी कम क्यों? इसके बाद खेलमंत्री ने पहल करते हुए खेल विभाग को पुरस्कार बढ़ाने के निर्देश दिए। खेल विभाग ने पुरस्कार राशि में इजाफा कर दिया है। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि अब व्यक्तिगत खेलों में पहले स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों को एक हजार पांच सौ रुपए, दूसरे स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों को एक हजार और तीसरे स्थान के खिलाडिय़ों को सात सौ पचास रुपए दिए जाएंगे। पूर्व में तीसरे स्थान के लिए कोई पुरस्कार नहीं रखा गया था। टीम खेलों में पहले स्थान पर रहने वाली टीम के हर खिलाड़ी को एक हजार पांच सौ रुपए और दूसरे स्थान के खिलाडिय़ों को एक-एक हजार की नकद राशि मिलेगी। टीम खेलों में तीसरे स्थान के लिए पुरस्कार नहीं रखा गया है।

निधी की खिताबी जीत

अखिल भारतीय चैपियंस सीरिज लॉन टेनिस में शीर्ष वरीयता प्राप्त निधी सुरापेनैनी ने अंडर १२ का खिताब जील लिया। मेजबान छत्तीसगढ़ के हाथ कोई एकल खिताब नहीं लगा।
अंडर १२ के खिताबी मुकाबले में निधी सुरापेनैनी ने ईशा बड़वाव को ४-२, ४-१ से मात दी। बालक वर्ग में मप्र से यश यादव ने राधव जयसिंघानी को ५-४, (८-६), ४-१ से मात देकर खिताब जीता। अंडर १४ में मप्र ईशा बड़वाल ने अंडर १२ की हार का बदला लेते हुए निधी सुरापेनैनी को मात देकर खिताब जीता। बालक वर्ग में यही क्रम दोहरा गया। यहां राधव ने यश यादव को मात दी। अंडर १४ का युगल खिताब यश यादव और युवराज रघुवंशी की जोड़ी ने अमरनाथ अरोरा और अनुराग नेनवानी को ४-२, ४-० से परास्त कर जीता। अंडर १४ बालिका वर्ग के युगल में निधी और ईशा की जोड़ी ने छत्तीसगढ़ की जोड़ी नवनी सिसोदिया और आयुषी चौहान को ४-२, ४-१ से मात देकर खिताब जीता।
विजेता खिलाडिय़ों को विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर प्रदेश संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह सिसोदिया, सचिव गुरुचरण सिंह होरा उपस्थित थे।

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

बदहाल मैदानों पर होगा खेल

बारिश की चौतरफा मार के बाद राजधानी के सारे मैदान बदहाल हो गए हैं, लेकिन इसके बाद भी खेल विभाग छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव ११ दिसंबर से करवाने पर अड़ा है। खेल संघों के पदाधिकारी चाहते हैं कि आयोजन आगे बढ़ाया जाए, लेकिन विभाग मानने तैयार नहीं हैं। खेलमंत्री लता उसेंडी ने गुरुवार को आयोजन का जायजा लेने के लिए सभी खेल मैदानों का निरीक्षण किया और पाया कि मैदानों की हालत खराब है। एक तरफ खेलमंत्री से विभागीय अधिकारी यही कहते रहे कि आयोजन हो जाएगा, तो दूसरी तरफ खेल संघों के पदाधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि मैदानों की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि मौसम साफ होने के बाद भी मैदानों को ठीक होने पर दो से तीन दिन का समय लग जाएगा। इतना सब जानने के बाद भी अंतत: खेलमंत्री ने विभागीय अधिकारियों की बात मानी और आयोजन ११ दिसंबर से ही करने के निर्देश दे दिए हैं।
दो दिन से हो रही बारिश के कहर के बाद छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोसत्व के आयोजन पर नजर आ रहे संकट के बादलों के बीच गुरुवार को खेलमंत्री लता उसेंडी खुद राजधानी के मैदानों का जायजा लेने पहुंचीं। उन्होंने सबसे पहले स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में आयोजन के उद्घाटन स्थल का निरीक्षण किया। जैसे ही खेलमंत्री के स्टेडियम में पहुंचने की जानकारी खेल संघों के पदाधिकारियों को लगी तो थोड़ी ही देर में तीरंदाजी संघ के कैलाश मुरारका, वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान और ट्रायथलान संघ के विष्णु श्रीवास्तव भी वहां पहुंच गए। खेलमंत्री ने सबसे पहले खाने के लिए बनाए गए डोम का निरीक्षण किया। इसके बाद उनको स्टेडियम के पीछे का वह स्थान दिखाया गया जहां से खिलाडिय़ों को मार्च पास्ट के लिए अंदर प्रवेश करना है। इसके बाद जब मंत्री मैदान के अंदर पहुंची तो मैदान की हालत देखकर वह भी सोच में पड़ गई कि ऐसे मैदान में कैसे खेल हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि इस मैदान में कौन-कौन से खेल होने हैं। उनको बताया गया कि यहां पर महिला फुटबॉल के साथ हैंडबॉल का आयोजन होना है। मंत्री ने कहा कि इस मैदान में तो इतना ज्यादा पानी है और कीचड़ से मैदान इतना खराब है कि खिलाड़ी फिसल कर गिर जाएंगे। मंत्री को यह कहते हुए संतुष्ट करने का प्रयास अधिकारियों ने किया कि फुटबॉल तो बारिश में भी हो जाता है।
एक तरफ अधिकारी मंत्री को यह समङााने का प्रयास करते रहे कि आज बारिश रूक गई तो मैदान ठीक हो जाएंगे, वहीं खेल संघों के पदाधिकारी लगातार यह कहते रहे कि आयोजन की तिथि बढ़ाने में ही भलाई है। खेल संघों की मांग पर खेल विभाग के अधिकारियों का कहना था आयोजन की तैयारी पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए है। इसी के साथ खिलाडिय़ों के ठहारने के लिए जिन भवनों को लिया गया है, वे भवन बाद में नहीं मिल पाएंगे क्योंकि आगे शादियों का सीजन है।
अपनों के लिए भड़की खेलमंत्री
आउटडोर स्टेडियम में जोनल स्पर्धा के लिए नारायणपुर के खिलाडिय़ों को ठहरा गया है। मंत्री जब खिलाडिय़ों को ठहराने के स्थान को देखने के लिए अंदर गईं तो वहां पर गंदगी देखकर भड़क गईं। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। मंत्री को यह कहते हुए संतुष्ट करने की काशिश की जाने लगी कि खिलाड़ी बाथरुम में तोडफ़ोड़ कर देते जिससे गंदगी हो जाती है। इस पर मंत्री ने भड़कते हुए कहा कि खिलाडिय़ों को विदेशी कमोड देेंगे तो ऐसा ही होगा। ग्रामीण खिलाड़ी जानकारी के अभाव में बार-बार फ्लैश को दबाते हैं जिसके कारण टूट-फूट हो जाती है, कोई खिलाड़ी जानबूङाकर तोडफ़ोड़ नहीं करता है। मंत्री के तेवर देखकर विभाग के अधिकारी खबरा गए थे।
हर मैदान है खराब
खेलमंत्री ने आउटडोर स्टेडियम के बाद पुलिस मैदान का निरीक्षण किया, वहां पर कीचड़ में खिलाड़ी कबड्डी और खो-खो खेल रहे थे। मंत्री ने खिलाडिय़ों से बात की। मंत्री को वालीबॉल मैदान भी दिखाया गया जहां पर पानी भरा था। उनको बताया गया कि यहां मैच संभव नहीं थे, ऐसे में मैदान के पास में मैदान बनाकर मैच करवाए जा रहे हैं। पुलिस मैदान के बाद खेलमंत्री ने साइंस कॉलेज के उस मैदान का भी निरीक्षण किया जहां पर खिलाडिय़ों को १० दिसंबर को आकर पंजीयन करवाने के बाद ठहराए गए स्थानों के लिए रवाना होना है। मंत्री ने रविशंकर विश्वविद्यालय के उन मैदानों का भी निरीक्षण किया जहां पर एथलेटिक्स के साथ और कुछ खेल होने हैं। यहां पर अधिकारी लगातार यही कहते रहे कि मैदान ठीक है और एक दिन भी मौसम खुला तो मैदान ठीक हो जाएंगे।
खराब मौसम में आयोजन पैसों की बर्बादी
पूर्व मंत्री और छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा का कहना है कि ऐसे खराब मौसम में आयोजन के लिए अड़े रहने का मतलब है पैसों की बर्बादी। उन्होंने कहा तिथि को आगे बढ़ाने में क्या परेशानी है। इधर तीरंदाजी संघ के कैलाश मुरारका का कहना है कि हम लोगों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आग्रह किया था कि आयोजन की तिथि बढ़ाई जाए क्योंकि ऐसे मौसम में खेल संभव नहीं है। लेकिन खेल विभाग कोई बात सुनने तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तो आयोजन की तैयारी में कुछ ही लाख बर्बाद हुए हैं, लेकिन उद्घाटन के दिन बारिश हो गई और सारी टीमें आ गईं तब सरकार के कितने पैसों की बर्बादी होगी। उन्होंने कहा कि आयोजन की तिथि आगे बढ़ानी चाहिए। ऐसे मौसम में किसी भी कीमत पर खेल संभव नहीं है।

रायपुर का दबदबा

राज्य खेल महोत्सव के जोन स्तरीय आयोजन में ज्यादातर खेलों में मेजबान रायपुर का दबदबा रहा। बारिश के बीच ही खेलों का आयोजन किया और खिलाडिय़ों ने मैचों में भरपूर मजा लेते हुए मैच खेले।
राजधानी में लगातार दूसरे दिन भी बारिश का कहर जारी रहने के बाद जैसे ही मौसम कुछ साफ हुआ तो पुलिस मैदान में कबड्डी, खोखो, वालीबॉल के मैच करवाए गए। दूसरे मैदानों पर भी खेल प्रारंभ करवाया गया। हल्की फुहारों के बीच खिलाड़ी खेलते रहे। पहली बार खिलाडिय़ों को कीचड़ कबड्डी और खोखो का आनंद लेने का मौका मिला।
कबड्डी में महिला वर्ग का खिताब रायपुर के हाथ लगा तो पुरुष वर्ग में रायपुर की टीम महासमुन्द से से हार गई। महिला फाइनल में रायपुर ने महासमुन्द को २४-८ से मात दी। पहले हॉफ में विजेता टीम १३-२ से आगे थी। इसके पहले रायपुर ने जशपुर को २६-१३, और नारायणपुर को ४२-२१ से हराया था। महासमुन्द ने धमतरी को ३२-१५ से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया था। पुरुष वर्ग में रायपुर और महासमुन्द के बीच कांटे का मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में रायपुर की टीम महज एक अंक से खिताब से चूक गई। रायपुर की टीम २१ अंक बना पाई, जबकि महासमुन्द ने २२ अंक बनाए। इसके पहले रायपुर ने नारायणपुर को २२-१२, और जशपुर को २३-११ से हराया था। एक अन्य मैच में महासमुन्द ने धमतरी को ३९-१५ से मात दी।
हैॅडबॉल के महिला वर्ग में रायपुर ने महासमुन्द को ११-८ से हराया। पुरुष वर्ग में भी रायपुर ने महासमुन्द को हराकर खिताब जीता। फुटबॉल के पुरुष वर्ग में नायाराणपुर ने रायपुर को ५-० से हराकर खिताब जीता। बास्केटबॉल के महिला वर्ग में रायपुर ने रविशंकर विवि को मात देकर खिताब जीता। पुरुष वर्ग में रायपुर ने जशपुर को २३-१७ से हराया। हॉकी के खिताबी मुकाबले में रायपुर ने महासमुन्द को ४-१ से हराकर महिला वर्ग का खिताब जीता। पुरुष वर्ग में रायपुर की टीम रविव से १-० से हार गई।
खोखो पुरुष वर्ग के फाइनल में नारायणपुर ने रविवि को १५-९ से हराया। तीरंदाजी के ५० मीटर में मतवार सिंह प्रथम, मुकेश कुमार द्वितीय। ३० मीटर में योगेश कुमार प्रथम और मुकेश कुमार द्वितीय रहे। महिला वर्ग में सरोज खुसरो दोनों वर्गाे में पहले स्थान पर रहीं। ५० मीटर में मिनी मरकार दूसरे स्थान पर और ३० मीटर में रायपुर की जीसा जार्ज दूसरे स्थान पर रहीं। वालीबॉल के महिला वर्ग में रायपुर ने नारायणपुर को २४-२५, २५-१३, १५-९ से हराया। पुरुष वर्ग में धमतरी ने महासमुन्द को २५-२२, २५-१८, रायपुर ने नारायणपुर को २५-१३, २५-९ और जशपुर को २५-९, २५-१२ से मात दी। जोन स्पर्धा में टीम खेलों में जो टीमें विजेता बनीं है उनको और व्यक्तिगत खेलों में पहले और दूसरे स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों को राज्य स्पर्धा में खेलने का मौका मिलेगा।

गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

बारिश में खेल नहीं हुआ फेल

राज्य खेल महोत्सव में कलस्टर स्पर्धा में सुबह से हो रही बारिश के कारण खेलों में कुछ बाधा तो जरूर पड़ी, लेकिन बारिश के बाद भी खेल पूरी तरह से फेल नहीं हो सका और कुछ खेलों के मुकाबले करवा दिए गए हैं।
राजधानी में सुबह से हो रही बारिश के कारण खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ खेल संघों के पदाधिकारी परेशान रहे कि आखिर इस खराब मौसम में कैसे आयोजन किया जाए। लेकिन इतना होने के बाद भी इन्होंने हार नहीं मानी और व्यक्तिगत खेलों के मुकाबलों के लिए इंडोर हॉल की व्यवस्था की गई। इसी के साथ आउटडोर खेलों में तैराकी, नेटबॉल और फुटबॉल के मुकाबले भी करवाने में सफलता मिली।
नतीजों पर एक नजर
कराते:-५० किलो बालिका प्रथम निधी डहाके (रायपुर), द्वितीय निर्मला ध्रुव (महासमुन्द)। ५५-६० किलो प्रथम दीक्षा औसर (रायपुर), द्वितीय पूजा नेताम (महासमुन्द)। बालक- ५५ किलो प्रथम राजू धीवर (रायपुर), द्वितीय प्रवेश टेकाम (धमतरी), तृतीय हेमंत कुमार ध्रुव (महासमुन्द)। ५५-६० किलो प्रथम प्रेम कुमार नेताम (महासमुन्द), द्वितीय रवि यादव (रायपुर)। ६०-६५ किलो विजय निषाद (रायपुर), द्वितीय चन्द्रशेखर बांधे (धमतरी)। ६५-७० किलो- सूरज यादव (रायपुर)।
भारोत्तोलन- ५६ किलो प्रथम मधु सूदन जंघेल, द्वितीय भूपेन्द्र मार्कंडेय। ६२ किलो प्रथम केशव साहू, द्वितीय राजेन्द्र साहू। ६९ किलो प्रथम रुस्तम सारंग, द्वितीय सुंदर सारंग। ७७ किलो प्रथम अजय दीप सारंग, द्वितीय हिंगेश साहू। ९४ किलो प्रथम ललिल साहू। १०५ किलो प्रथम जितेश्वर सोनकर। १०५ से ज्यादा प्रथम शहबाज अली। महिला ४८ किलो प्रथम निशा निषाद, द्वितीय नूतन साहू। ५३ किलो प्रथम मनीषा रामटेके, द्वितीय चंदारानी साहू। ५८ किलो प्रथम भारती साहू।
तैराकी- फ्रीस्टाइल ५० मीटर प्रथम वीरसिंह फरिकार, द्वितीय नरेन्द्र धीवर। १०० मीटर प्रथम उमेश धीवर, द्वितीय वीरसिंह फरिकार। २०० मीटर और ४०० मीटर में प्रथम उमेश धीवर, द्वितीय विकास देवांगन। ८०० मीटर प्रथम उमेश फरिकार, द्वितीय डोमन फरिकार। बैक स्ट्रोक ५० मीटर प्रथम धनेश्वर फरिकार, द्वितीय राजेन्द्र यदु। १०० मीटर प्रथम राजेन्द्र यदु, द्वितीय धनेश्वर फरिकार। २०० मीटर प्रथम विकास देवांगन, द्वितीय धनेश्वर फरिकार। ब्रेस्ट स्ट्रोक ५० मीटर प्रथम गणेश यदु, द्वितीय अजय रंजन दास। १०० मीटर प्रथम कुशल धीवर, द्वितीय जय आदित्य सिंह। बटर फ्लाई ५० मीटर प्रथम वीरसिंह फरिकार, द्वितीय धनेश्वर फरिकार। १०० मीटर प्रथम वीरसिंह फरिकार, द्वितीय विपिन शर्मा। २०० मीटर प्रथम उमेश धीवर। व्यक्तिगत मिडले २०० मीटर प्रथम वीरसिंह फरिकार, द्वितीय विकास देवांगन। ४०० मीटर प्रथम विकास देवांगन, द्वितीय नरेन्द्र धीवर।
महिला- फ्रीस्टाइल ५० और १०० मीटर में- प्रथम शिवांगी ठाकुर, द्वितीय आयुशी शुक्ला। बैक स्ट्रोक ५० और १०० मीटर प्रथम आयुशी शुक्ला, द्वितीय प्रियंका पटेल। २०० मीटर प्रथम आयुशी शुक्ला। बेस्ट स्ट्रोक ५०, १०० और २०० मीटर प्रथम प्रियंका पटेल।
फुटबॉल: सप्रे स्कूल में खेले हए फुटबॉल मैचों में पहले मैच में जशपुर ने धमतरी को ५-० से मात दी। विजेता टीम के लिए रामकुमार और अनिल ने दो-दो और समीर ने एक गोल किया। दूसरे मैच में नारायणपुर ने महासमुन्द को ५-० से मात दी। फुटबॉल के संयोजक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि गुरुवार को एनआईटी का मुकाबला नारायणपुर से और रायपुर का जशपुर से होगा। दोनों टीमों की विजेता टीमों के बीच फाइनल मैच होगा। महिला वर्ग में रायपुर ने जशपुर को ३-० से मात देकर खिताब जीत लिया। विजेता टीम के लिए डाली क्षत्री ने दो और सुप्रिया कुकरेती ने एक गोल किया।



२०२० के ओलंपिक में होगा कबड्डी

कबड्डी को ओलंपिक में शामिल होने के लिए २०२० के ओलंपिक का इंतजार करना पड़ेगा। अभी विश्व में ३० देश ही इस खेल से जुड़े हैं। जिस दिन ५० देशो में कबड्डी खेला जाने लगेगा यह ओलंपिक में शामिल हो जाएगा। हमारा लक्ष्य २०२० का ओलंपिक है।
ये बातें भारतीय कबड्डी फेडरेशन के सचिव के. जगदीश्वर यादव कहते हैं। उन्होंने बताया कि यह भारत के लिए ऐतिहासिक है कि भारत ने इस बार एशियाड में कबड्डी में दोहरा स्वर्ण जीता। पहली बार ही महिला कबड्डी को शामिल किया गया और हमारी टीम स्वर्ण जीतने में सफल रही। उन्होंने पूछने पर बताया कि १९९० के बीजिंग एशियाड से लगातार भारत की पुरुष टीम लगातार स्वर्ण जीत रही है। श्री यादव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस समय ३० देश विश्व में इस खेल को खेलते हैं। ओलंपिक में कबड्डी को शामिल होने के लिए यह जरूरी है कि यह खेल ५० देशों में खेला जाए। इसके लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन के साथ भारतीय फेडरेशन भी यह प्रयास कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा देश इस खेल से जुड़े। भारतीय संघ विदेशी टीमों को अपने कोच भी उपलब्ध करवाने का काम कर रहा है। एशियाड में खेलने आईं ईरान, थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया की टीमों के कोच भारतीय थे।
एक सवाल के जवाब में श्री यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीमों को अब सफलता मिलने लगी है। यहां की सब जूनियर और जूनियर टीमें अच्छी है। छत्तीसगढ़ की बालिका खिलाडिय़ों में ज्यादा दम है। उन्होंने पूछने पर कहा कि अगर छत्तीसगढ़ संघ चाहेगा तो फेडरेशन यहां पर प्रशिक्ष्रण देने राष्ट्रीय कोच भेज सकता है।

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

नकद पैसों से बनेगा खेल का माहौल

राज्य खेल महोत्सव में खेलने वाले खिलाडिय़ों को ट्रेक शूट के साथ-साथ नकद राशि देने की भी मांग होने लगी है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी निर्णायक और पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी नीता डुमरे के साथ खेल के जानकारों का ऐसा मानना है कि खिलाडिय़ों को नकद पैसे देने से ही राज्य में खेल का माहौल बनेगा। नकद पैसे मिलने से खिलाडिय़ों को पेशेवर होने का अंदाज होगा और अपने देश में खिलाडिय़ों का पेशेवर होना जरूरी है। खेलों में पैसे न होने की वजह से ही अपने खिलाड़ी पीछे रह जाते हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव में जरूरत से ज्यादा बजट मिलने के कारण खेल विभाग बदहवास हो गया है। विभाग को साढ़े तीन करोड़ का बजट मिल गया है। ऐसे में शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग ने जितना बजट मांगा बिना सोचे समङो उसको दे दिया गया। अब जिनको बजट दिया गया है वे उसका उपयोग सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की ही बात की जाए तो उनको २२ लाख का बजट दिया गया है। इस बजट में से १२ लाख के ट्रेक शूट खरीदने की तैयारी चल रही है। स्कूली खिलाडिय़ों को ट्रेक शूट देने की पहल अच्छी तो है, लेकिन इसी के साथ यह भी जरूरी है कि खिलाडिय़ों को कुछ नकद राशि दी जाए।
राज्य खेल महोत्सव का पहला मकसद राज्य में खेलों का ३७वें राष्ट्रीय खेलों के लिए खेल का माहौल बनाना है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस आयोजन की घोषणा इसी मकसद से की है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी निर्र्णायक नीता डुमरे, फुटबॉल कोच मुश्ताल अली प्रधान, जंप रोप के कोच अखिलेश दुबे, फुटबॉल खिलाड़ी शिरीष यादव, सुमित तिवारी, कराते के कोच अजय साहू, नेटबॉल खिलाड़ी भावना खंडारे सहित खेल के जानकारों साफ कहते हैं कि अगर सरकार वास्तव में राज्य में खेल का माहौल बनाना चाहती है तो उसे पहले कदम पर ही यह फैसला कर लेना चाहिए कि खिलाडिय़ों को ट्रेक शूट के साथ नकद राशि दी भी जाए।
अगर खेल महोत्सव में खेलने वाले हर खिलाड़ी को पांच सौ रुपए की भी नकद राशि दे दी जाती है तो उसका असर यह होगा कि हर खिलाड़ी अपने शहर और गांव में जाकर यह बात अपने परिजनों और साथियों को बताएगा कि उनको खेलने पर नकद राशि मिली है। ऐसा होने से निश्चित ही पूरे राज्य में खेल का एक अलग तरह का माहौल बनेगा। अपने देश में वैसे भी खेल इसलिए पीछे है क्योंकि खिलाड़ी पेशेवर नहीं हैं। खिलाड़ी इसलिए पेशेवर नहीं हैं क्योंकि उनको खेलने के लिए पैसे नहीं मिलते हैं। जिस दिन हर खेल में खेलने के पैसे मिलेंगे, बिना बुलाए लोग खेलों में आने लगेंगे।
इनामी राशि क्यों नहीं बढ़ाते?
खेलों के जानकारों का साफ कहना है कि खेल विभाग क्यों कर तामङााम में पैसों की बर्बादी कर रहा है। अगर राज्य में खेल का माहौल बनाना है तो इनामी राशि बड़ी रखनी चाहिए, न कि तामङााम। जानकारों की मानें तो खेल विभाग का तामङााम में इसलिए ज्यादा ध्यान है, क्योंकि उसे खिलाडिय़ों की नहीं बल्कि उद्घाटन समारोह में आने वाले अतिथियों की चिंता ज्यादा है। वे अतिथियों के सामने यह जताना चाहते हैं कि विभाग कितान भव्य आयोजन कर रहा है। लेकिन विभाग यह भूल गया है कि तामङााम से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की वह मंशा कभी पूरी नहीं होने वाली है जो मंशा राज्य में खेल का माहौल बनाने की है। खेल विभाग को राज्य में खेल का माहौल बनाने और खिलाड़ी तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए।
कैसे मिलेंगी प्रतिभाएं
राज्य खेल महोत्सव में स्कूली खेलों की अंडर १९ और ओपन वर्ग की १९ साल से ज्यादा की स्पर्धाएं करवाई जा रही हैं। ऐसे में खेलों के जानकारों का साफ कहना है कि कैसे प्रतिभाओं का चयन उनको राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाली ३७वें राष्ट्रीय खेल किसी भी कीमत में २०१६-१७ से पहले नहीं होंगे। ऐसे में अगर आज १९ साल के खिलाडिय़ों का चयन राष्ट्रीय खेलों के लिए किया जाता है तो ये खिलाड़ी राज्य को पदक दिलाने में सफल होने वाले नहीं है। खेल विभाग ने खेलों के लिए आयु सीमा का चयन ही गलत किया है। इस बारे में खेलमंत्री लता उसेंडी के सामने भी यह बात रखी गई थी कि स्कूलों का आयोजन करना है तो अंडर १४ या अंडर १७ का आयोजन किया जाए, लेकिन इस दिशा में न खेलमंत्री ने ध्यान दिया और न खेल विभाग ने। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैसे इस आयोजन से प्रतिभाओं को तलाश कर राष्ट्रीय खेलों के लिए उनको तैयार किया जाएगा।

आयुशी-पार्थ अंतिम ८ में

चैंपियंस सीरिज लॉन टेनिस में मेजबान छत्तीसगढ़ की आयुशी चौहान के साथ पार्थ दीक्षित ने क्वार्टर फाइनल में स्थान बना लिया है। शीर्ष वरीयता प्राप्त निधी सुरपेनैनी ने भी अंतिम ८ में प्रवेश कर लिया है।
छत्तीसगढ़ लॉन टेनिस संघ द्वारा आयोजित स्पर्धा में अंडर १४ बालिका वर्ग में मेजबान छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी आयुशी चौहान ने शानदार खेल जारी रखते हुए आन्ध्र प्रदेश की कला पार्थी कौशिल्या को सीधे सेटों में ४-१, ४-० से मात देकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। अंडर १२ में मेजबान खिलाड़ी पार्थ दीक्षित ने आकाश पाटिल को ४-१, ४-१ से हराकर क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। छत्तीसगढ़ के सार्थक देवरस ने अपने की राज्य के कुंदन आहूजा को कड़े मुकाबले में ४-०, ५-४, ४-० से मात देकर अंडर १४ के अंतिम १६ में प्रवेश किया। इसी वर्ग में मप्र के राधव जयसिंधानी ने एपी के नजीर खान को ४-०, ४-२ से परास्त किया। नजीर खान पात्रता चक्र में जीतकर यहां तक पहुंचे थे।
अंडर १२ बालिका वर्ग की शीर्ष वरीयता वाली खिलाड़ी एपी की निधिी सुपरेनैनी ने अपना जलवा कायम रखते हुए स्नेहा राणाडे को ४-०, ४-१ से परास्त कर क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। एक अन्य मैच में वैभवी देशमुख ने भव्या रामानानी को कड़े मुकाबले में २-४, ४-०, ४-१ से परास्तक किया। मिहिका यादव ने कलापार्थी कौशिल्या को ४-१, ४-०, मानसी रेड्डी ने रूतवी को ५-३, ४-२, वी, सूर्यनारायणी ने छत्तीसगढ़ की यशलीन खेत्रपाल को ४-०-४-१ से हराया। बालकों के अंडर १२ में अमित दत्त ने अगस्तया देवनाथ को कड़े मुकाबले में ४-५, ४-२, ४-१, मप्र के यश यादव ने दुर्वीश हांडा को ४-१, ४-१ से मात दी। छत्तीसगढ़ के एस. स्वप्निल अंयगर ने चौथी वरीयता वाले युवराज सिंह रधुवंशी को अंडर १४ में ४-१, ५-४ से मात देकर खिताबी दौड़ से बाहर किया। अंडर १२ में छत्तीसगढ़ की नवनी सिसोदिया निकिता हांडा से ४-३, ४-२ हार गईं।

छत्तीसगढ़ की बिहार पर ख्रिताबी जीत

मेजबान छत्तीसगढ़ ने बिहार को आसानी से ९० रनों से परास्त कर अंडर २२ एसोसिएट ट्रॉफी क्रिकेट का खिताब जीत लिया। इस जीत से मेजबान छत्तीसगढ़ को बीसीसीआई के प्लेट ग्रुप में स्थान मिल गया है। इसके पहले मेजबान छत्तीसगढ़ ने अपनी मेजबानी में पिछले साल अंडर १९ का भी खिताब जीता था।
छत्तीसगढ़ और बिहार के बीच फाइनल मैच नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेला गया। आज मैच मौसम की खराबी के कारण देर से हुआ व निर्णायक आर विमाने व निखिल मेनन व मैच निर्णायक एसराउर ने मैच के ओवर घटा कर ३९ कर दिए। टॉस जीत बिहार के कप्तान मृदुल ने मौसम को देखते हुए पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया और यह निर्णय सही साबित हुआ जब उनके गेंदबाज कुंदन कुमार ७.४ ओवर में ४३ रनों पर ५ विकेट ले लिए। बची कसर छत्तीसगढ़ के ३ बल्लेबाज रन आउट हुए। एक समय में छत्तीसढ़ के ४ बहुमूल्य विकेट ३३ के रनों पर गिर गये थे। हरप्रीत सिंह ने सर्वाधिक ४४ रन ५८ गेंदों पर बनाए व छत्तीसगढ़ को १८९ के स्कोर तक ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हरप्रीत के अलावा विशाल कुशवाहा ने २७ रन २४ गेंदों पर दो चौकों की मदद से बनाए। छत्तीसगढ़ के कुल ३ खिलाड़ी रन आउट हुए। छत्तीसगढ़ ने बिहार के सामने ३९ ओवरों में १९० रनों का लक्ष्य रखा। परंतु बिहार की टीम कुल ३३.५ ओवरों में ९९ रनों पर ढेर हो गई। बिहार के बल्लेबाज छत्तीसगढ़ के कप्तान प्रखर रॉय की गेंदबाजी के सामने नत-मस्तक हो गए। प्रखर ने अपने ८ ओवरों में १ मेडन रखते हुए केवल २१ रनों पर ५ विकेट हासिल करके बिहार की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। बाकी विकटें अन्य गेंदबाजों ने आपस में बांटे। एक समय लग रहा था कि बिहार की टीम ५० रनों के अंदर ही आउट हो जाएगी तब उनका स्कोर ३४ रनों पर ७ विकेट था। बिहार के हरफ नमौला कुंदन गुप्ता ने जहां ५ विकेट लिए, वहीं बल्लेबाजी में भी नाबाद ४२ रनों की पारी खेली, पर वे बिहार को करारी हार से नहीं बचा पाए व पूरी टीम दूसरे छोर से पवेलियन पहुंच गई व बिहार ९९ रनों पर आउट हो गई और इस प्रतिष्ठित एसोसिएट कप पर छत्तीसगढ़ ने ९० रनों से जीत दर्ज की। छत्तीसगढ़ ने एसोसिएट कप जीत कर अगले सत्र में बीसीसीआई के प्लेट ग्रुप में खेलने की पात्रता हासिल करके आज के दिन को छत्तीगढ़ के क्रिकेट का एतिहासिक दिन बनाया है।
मैच के बाद पुरस्कार वितरण विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों के हौसले की दाद दी व कहा कि मौका मिलने से हमारे खिलाड़ी और बड़ी प्रतियोगिताओं में भी अच्छा प्रदर्शन करने की योग्यता रखते हैं। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने विजेता टीम को २१ हजार रुपए नगद देने की घोषणा की व छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने इस अवसर पर संघ के सभी सदस्यों को इस प्रतियोगिता के सफ लता पूर्वक आयोजन पर बधाई दी व प्रत्येक खिलाड़ी व टीम के कोच विकास अग्रवाल मैनेजर भूपेन्द्र पांड़े को ११-११ सौ रुपए नकद देने की घोषणा की।


मंगलवार, 7 दिसंबर 2010

नियमों में उलझे ३४ खेलों के मंसूबे

छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव में ३४ खेलों के आयोजन का खेलमंत्री लता उसेंडी का मंसूबा नियमों में उलझ कर रह गया है। खेलमंत्री लता उसेंडी ने माना कि वह तो चाहती थीं कि ३४ खेलों का आयोजन किया जाए, लेकिन विभाग ने जो नियम बनाए उसकी वजह से ऐसा नहीं हो सका है। उनका कहना है कि पुरस्कार राशि बढ़ाई जा सकती है। अभी साढ़े तीन करोड़ के बजट में एक हजार की ही पुरस्कार राशि दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव के आयोजन की तैयारी में खेल विभाग जुटा है। इसमें राज्य स्तर पर १८ खेलों को ही शामिल किया गया है। वैसे खेलमंत्री लता उसेंडी ने प्रारंभ से ही यह मंशा जताई थी कि राज्य खेल महोत्सव में ३४ खेल होने चाहिए। ३४ खेल इसलिए कि इतने ही खेल राष्ट्रीय खेलों में शामिल हैं, और ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी छत्तीसगढ़ ने ली है। राज्य खेल महोसत्व में राष्ट्रीय खेलों का ही पूर्वाभ्यास माना गया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जब इन खेलों की घोषणा की थी, तब उन्होंने साफ कहा था कि राज्य खेल महोत्सव को हम राष्ट्रीय खेलों की तैयारी की रूप में प्रारंभ कर रहे हैं।
खेलमंत्री लता उसेंडी से पूछा गया कि आपकी मंशा के अनुरूप क्यों कर ३४ खेलों का आयोजन नहीं हो पा रहा है, तो उन्होंने बताया कि खेल विभाग ने यह नियम बनाए हैं जिन जिलों में किसी भी खेल की कम से कम चार टीमें खेलेंगी और व्यक्तिगत खेलों में कम से कम ८ खिलाड़ी होंगे, उन्हीं खेलों को शामिल किया जाएगा। ऐसे में जिन १८ खेलों को शामिल किया गया है, वही खेल नियमों पर खरे उतरे हैं। जब उनसे पूछा गया कि ऐसे में कैसे राष्ट्रीय खेलों का पूर्वाभ्यास होगा, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।
मुख्यमंत्री की मंशा भी अधूरी ?
राज्य खेल महोत्सव के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा था कि यह आयोजन लगातार एक माह तक चलेगा और लगेगा कि राज्य में खेलों का कोई आयोजन हो रहा है, लेकिन खेल विभाग ऐसा कुछ नहीं कर पाया है। खेलमंत्री लता उसेंडी से जब इस बारे में पूछा गया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आयोजन क्यों नहीं हो रहा है तो उन्होंने कहा कि एक माह का आयोजन कैसे संभव था, उन्होंने कहा कि अलग-अलग हिस्सों में आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले विकासखंडों में आयोजन किए गए, इसके बाद जिलों में और अब पहले कलस्टर स्तर के आयोजन हो रहे हैं, इसके बाद राज्य स्तर का आयोजन होगा।
खेल संघ चुनेंगे प्रतिभाएं
राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए राज्य खेल महोत्सव से किस तरह से प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा, जबकि इसके लिए कोई समिति ही नहीं बनी है, के सवाल पर खेलमंत्री ने कहा कि प्रतिभाओं के चयन का जिम्मा खेल संघों को दिया गया है। खेल संघों के तकनीकी जानकारी ही आयोजन कर रहे हैं, ऐसे में उनसे कहा गया कि वे प्रतिभाओं का चयन करके खेल विभाग को इसकी जानकारी दें। खेल संचालक जीपी सिंह ने इस बारे में कहा कि हमने नोडल अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं कि वे तकनीकी अधिकारियों को प्रतिभाओं के चयन के लिए कहे।
एक-एक पैसे का हिसाब देंगे
खेलमंत्री लता उसेंडी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आयोजन के लिए जो साढ़े तीन करोड़ का बजट मिला है, उस बजट का सही उपयोग किया जाएगा, कहीं भी कोई फिजूलखर्ची नहीं होगी। हमारा विभाग एक-एक पैसे का हिसाब देगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि अगर लगता है कि एक हजार की पुरस्कार राशि कम है तो उसे बढ़ाया जा सकता है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि राज्य की खेल बिरादरी में इस बात को लेकर लगातार चर्चा चल रही है कि साढे तीन करोड़े के बजट में खिलाडिय़ों को बहुत कम इनामी राशि दी जा रही है। बजट का ज्यादातर पैसा ताम-ङााम पर खर्च किया जा रहा है। खेल के जानकारों को कहना है कि ताम-ङााम से किसका भला होना है। खिलाडिय़ों को अगर इनाम सही नहीं मिलेगा तो उनमें उत्साह कैसे आएगा। जानकार कहते हैं कि टीम खेलों में प्रथम पुरस्कार ३० हजार, द्वितीय २० हजार और तृतीय कम से कम १० हजार होना चाहिए। व्यक्तिगत खेलों में पांच हजार प्रथम, तीन हजार द्वितीय और दो हजार रुपए तृतीय पुरस्कार होना चाहिए।

चैंपियंस सीरिज टेनिस का आगाज

चैंपियंस सीरिज लॉन टेनिस का आगाज राजधानी रायपुर में किया गया। इस स्पर्धा में कई राज्यों के अंडर १२ और १४ के बालक-बालिका खिलाड़ी खेल रहे हैं। स्पर्धा का उद्घाटन खेलमंत्री लता उसेंडी ने किया।
एमएच गोयल स्कूल में स्पर्धा का उद्घाटन करते हुए खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि लॉन टेनिस में अपने देश के सोमदेव बर्मन ने एशियाड में इतिहास रचते हुए दोहरा स्वर्ण जीतकर देश का मान बढ़ाया है। यहां जो देश की नई पौध खेलने आई है, वह भी आगे चलकर देश के लिए खेलेगी, इसकी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हम राज्य में खेल और खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने का काम कर रहे हैं।
लॉन टेनिस संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह सिसोदिया ने बताया कि उनका राज्य संघ लगातार राजधानी में आयोजन कर रहा है। पहले राष्ट्रीय अंडर १४ और १६ की चैंपियनशिप आयोजित की गई, फिर छत्तीसगढ़ क्लब में एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया और अब चैंपियंस सीरिज का आयोजन कर रहे हैं। संघ के सचिव गुरुचरण सिंह होरा ने कहा कि काफी कम समय में हमारे संघ ने राज्य के खिलाडिय़ों के लिए दो बड़े आयोजन किए हैं। अब हमारा संघ जल्द ही गोंडवाना चैंपियनशिप का आयोजन अगले साल करने वाला है।
सबा अंजुम का सम्मान
चैंपियंस सीरिज लॉन टेनिस के उद्घाटन अवसर पर प्रदेश लॉन टेनिस संघ ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सबा अंजुम का सम्मान किया। इस अवसर पर सबा ने बताया कि उनकी टीम एशियाड में तो पदक नहीं जीत सकी, लेकिन अब भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक के पात्रता चक्र के मुकाबलों की तैयारी में है। सबा का कहना है कि अगर पूल सही मिला तो हमारी टीम ओलंपिक में खेलने की पात्रता प्राप्त कर सकती है। हमारी टीम इसके लिए रणनीति बनाकर मैच खेलेगी।

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ का पात्रता चक्र में दबदबा

चैंपियंस सीरिज लॉन टेनिस के पात्रता चक्र में मेजबान छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों का दबदबा रहा। दो वर्गों के लिए जीते १६ में से ९ खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के हैं। मुख्य ड्रा के मुकाबले ६ दिसंबर से प्रारंभ होंगे। पात्रता चक्र के मुकाबले एनएच गोयल स्कूल में खेले गए। इन मुकाबलों के बाद अंडर १२ और अंडर १४ के लिए ८-८ खिलाडिय़ों का चयन किया गया। अंडर १४ में चुने गए खिलाडिय़ों में Ÿोयांस मेहता, परमजीत होरा, नील शुक्ला, हिमांशु मोर्या (छत्तीसगढ़), अर्जुन पटनायक, करीम खान, नाजीर खान (एपी) एवं दुर्वीश हांडा (दिल्ली शामिल हैं। अंडर १२ में रिषभ अंसारी, अनुरंजन, राज्यवर्धन सिंग, प्रांजल गोलछा देवापी सिंग (छत्तीसगढ़) शामिल हैं। इन खिलाडिय़ों का चयन मैचों में जीत के आधार पर किया गया। अंडर १२ में २६ और अंडर १४ में २५ खिलाड़ी पात्रता चक्र के मुकाबलों में मैदान में थे।
प्रदेश लॉन टेनिस संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह सिसोदिया ने बताया कि ६ दिसंबर से होने वाली स्पर्धा में बालक से साथ बालिका वर्ग में भी ३२-३२ का ड्रा बनना है। उन्होंने बताया कि मुख्य ड्रा में २० खिलाड़ी वरीयता वाले होते हैं। इसके बाद ४ खिलाडिय़ों को वाइल्ड कार्ड से प्रवेश दिया जाता है। बचे ८ खिलाडिय़ों के लिए पात्रता चक्र के मैच होते हैं। अगर खिलाडिय़ों की संख्या ८ होती है तो पात्रता चक्र के मुकाबलों की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन इससे ज्यादा खिलाड़ी होने पर मैच करवाने पड़ते हैं। यहां भी अंडर १२ और १४ के बालक वर्ग में ८-८ खिलाडिय़ों से ज्यादा खिलाड़ी होने की वजह से पात्रता चक्र के मुकाबले करवाने पड़े। उन्होंने बताया कि ६ दिसंबर को होने वाले मुख्य ड्रा के मुकाबलों का उद्घाटन सुबह को ९.३० बजे एनएच गोयल स्कूल में खेलमंत्री लती उसेंडी करेंगी। इस दिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सबा अंजुम का सम्मान लॉन टेनिस संघ द्वारा किया जाएगा।

रविवार, 5 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ दोहरे खिताब से एक जीत दूर

राष्ट्रीय शालेय नेटबॉल में मेजबान छत्तीसगढ़ अपना विजयक्रम जारी रखते हुए बालक के साथ बालिका वर्ग के भी फाइनल में स्थान बना लिया है। अब यहां रविवार को उसका खिताबी मुकाबला बालिका वर्ग में हरियाणा और बालक वर्ग में दिल्ली से होगा।
नेताजी सुभाष स्टेडियम में खेली जा रही स्पर्धा में सुबह के सत्र में सेमीफाइनल मुकाबले खेले गए। मेजबान छत्तीसगढ़ की बालिका टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए पंजाब को कड़े मुकाबले में २१-१८ से मात दी। पहले हॉफ में छत्तीसगढ़ १२-८ से आगे था। इस मैच में छत्तीसगढ़ को संघर्ष इसलिए करना पड़ा क्योंकि मेजबान टीम की कोच ने एक बार फिर से अच्छी खिलाडिय़ों को मैदान में उतरना जरूरी नहीं समङाा। कोच की गलती की वजह से रायपुर की खिलाडिय़ों को मैच की जानकारी ही नहीं थी। शिक्षा विभाग के सहायक संचालक खेल एसआर कर्ष ने जब रायपुर की खिलाडिय़ों को मैदान में नहीं देखा तो उन्होंने उनको फोन करके बुलाया तब मालूम हुआ कि खिलाडिय़ों को कोच ने मैच के बारे में जानकारी ही नहीं दी थी जिसके कारण खिलाड़ी सुबह मैदान नहीं आई थी। इन खिलाडिय़ों के साथ पहले दिन से ही पक्षपात किया जा रहा है।
बालिका वर्ग के दूसरे सेमीफाइनल में हरियाणा ने दिल्ली को कांटे के मैच में २३-१९ से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया
बालक वर्ग के पहले सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ ने पंजाब को २४-१६ और दूसरे मैच में दिल्ली ने कर्नाटक को २२-१४ से परास्तक कर फाइनल में स्थान बनाया। फाइनल मुकाबले रविवार की सुबह होंगे। शाम के सत्र में पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर देश के ११ राज्यों से आए खिलाडिय़ों को शनिवार को सुबह के सत्र में मैच के बाद गंगरेल बांधा धुमाने ले जाया गया। शाम को खिलाडिय़ों को पुरखोती मुक्तांगन का भ्रमण करवाया गया।

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