मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ के मुक्केबाजों को तराशने आऊंगा: विजेन्दर

ओलंपियन मुक्केबाज विजेन्दर सिंह का कहना है कि मुङो छत्तीसगढ़ में जब भी यहां के मुक्केबाजों को तराशने के लिए बुलाया जाएगा मैं जरूर आऊंगा। छत्तीसगढ़ आकर मुङो बहुत अच्छा लगा है। यहां की सादगी मुङो भा गई है।
सोमवार शाम को खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए ओलंपियन विजेन्दर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि इस राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खेलों की तरफ इतना ज्यादा ध्यान देते हैं कि उन्होंने एक मांग पर ही छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाजी अकादमी के लिए जमीन देने की मंजूरी दे दी। विजेन्दर ने कहा कि मैं चाहूंगा कि यहां के मुख्यमंत्री मुङो बार-बार बुलाएं और मैं यहां आऊं। उन्होंने पूछने पर कहा कि मुङो यहां के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने जब भी बुलाया जाएगा तो मैं जरूर आऊंगा। विजेन्दर ने कहा कि २००८ से भारत में खेलों की फिजा बदली है। पहले सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट की धूम रहती थी, लेकिन अब दूसरे खेलों की तरफ भी लोग ध्यान देने लगे हैं। दूसरे खेलों की सफलता ने यह बता दिया है कि वास्तव में दूसरे खिलाडिय़ों में भी दम है। विजेन्दर पूछने पर कहते हैं कि अगले ओलंपिक में अब स्वर्ण पदक ही लक्ष्य है। इस लक्ष्य के लिए अभी से प्रयास जारी है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों को अगर सुविधाएं मिलेगी तो पदक जरूर बरसेंगे। बकौल विजेन्दर १९८२ में क्रिकेट का विश्व जीतने के बाद ही भारत में क्रिकेट की फिजा बदली थी। मुक्केबाजी में इसी तरह से सफलता मिलती रही तो लोग इसके भी दीवाने हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि २०१२ के ओलंपिक की तैयारी चल रही है।


कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में