शनिवार, 31 जुलाई 2010

अनिल वर्मा लडऩा चाहेंगे तो लडूंगा

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा द्वारा दायरे किए गए मानहानि के मुकदमे में पूर्व महासचिव बशीर अहदम खान
को यहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संगीता नवीन तिवारी की अदालत में जमानत लेनी पड़ी। बशीर अहमद खान का कहना है कि अगर डॉ. वर्मा लडऩा चाहते हैं तो मैं लडऩे के लिए तैयार हूं और अगर वे समझौते की पहल करते हैं तो मैं समझौता करने भी तैयार हूं।
२९ जुलाई को मानहानि के मुकदमे में बशीर अहमद खान को आज न्यायालय में पेश होना पड़ा जहां उनको सात हजार की जमानत लेने का आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद एक खेल संघ के पदाधिकारी ने उनकी जमानत ली। जमानत लेने के बाद जब इस मामले में बशीर अहमद खान से बात की गई तो पहले तो उन्होंने इस मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया लेकिन बाद में कहा कि मैं इस मामले को पूरी तरह से डॉ. अनिल वर्मा के ऊपर छोड़ रहा हूं अगर वे लडऩा चाहते हैं तो मैं इसके लिए तैयार हूं अगर वे समङाौते की बात करते हैं तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।
न्यायालय में डॉ. अनिल वर्मा द्वारा दायर किए गए मुकदमे में बताया गया है कि २४ मई को बशीर अहमद खान द्वारा रायपुर के एक दैनिक समाचार पत्र में यह खबर प्रकाशित करवाई गई कि डॉ. वर्मा ने संघ को मिले दो लाख रुपए का गबन कर लिया है। इस खबर के खिलाफ डॉ. वर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि उनको जो दो लाख का चेक मिला था, इस चेक को देने वाले ने और ज्यादा रकम देने की बात कहते हुए चेक वापस ले लिया था। इसके बाद दो लाख की रकम के स्थान पर २ लाख ५१ हजार का चेक दिया गया। यह चेक २१ मई २०१० को भारतीय स्टेट बैंक का संघ को मिल चुका है। इस चेक को जमा करने की प्रक्रिया ही शेष है। सारी जानकारी होने के बाद भी श्री खान ने किसी र्दुभावनावश भिलाई में कुछ खेल संघों की बैठक करके डॉ. वर्मा पर दो लाख रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए खबर प्रकाशित करवा दी। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद डॉ. वर्मा ने खबर का खंडन करते हुए श्री खान को तीन दिनों में माफी मांगने के लिए कहा था और चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
श्री खान के माफी न मांगने पर डॉ. वर्मा ने रायपुर के न्यायालय में श्री खान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था। इस मुकदमे में न्यायालय ने श्री खान को २९ जुलाई को पेश होने के आदेश दिए था जिसके परिपेक्ष में उनको आज पेश होना पड़ा।
इधर जिस तरह से ओलंपिक संघ का विवाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद थम गया था उसके बाद लगा था कि अब पूर्व अध्यक्ष और पूर्व महासचिव के बीच चल रही खींचतान समाप्त हो जाएगी और मानहानि का मुकदमा भी समझौते के तहत सुलझा लिया जाएगा, लेकिन आज बशीर खान को जिस तरह से जमानत लेनी पड़ी है उससे लगता नहीं है कि यह मानहानि का मामला समाप्त होगा।

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