रविवार, 24 मई 2009

गेंद अब साई के पाले में

भारतीय खेल प्राधिकरण और प्रदेश सरकार के बीच में राजनांदगांव के खेल परिसर को लेकर एमओयू हो गया है। अब इस एमओयू के बाद गेंद पूरी तरह से साई के पाले में है। साई को जहां पहले ही खेल परिसर के लिए १५ एकड़ जमीन दे दी गई है, वहीं अब सरकार ने खेल परिसर बनाने के लिए भी साई के पास अपनी मंजूरी के सारे कागज भेज दिए हैं। साई राजनांदगांव में बहुत जल्द काम प्रारंभ करेगा।
भारतीय खेल प्राधिकरण राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से एक बड़ा खेल परिसर भी बनाने जा रहा है। इस खेल परिसर में एक दर्जन से ज्यादा खेलों को रखा जाएगा। इसी के साथ यहां पर १०० खिलाडिय़ों के रहने की भी व्यवस्था रहेगी। साई के इस सेंटर का जमीन का अधिग्रहण तो फरवरी में तब हो गया था जब यहां पर साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडू अपने साथियों संयुक्त संचालक राजिंदर सिंह और योजना प्रभारी शहनवाज खान के साथ यहां आए थे। सरकार ने साई को वहां पर १५ एकड़ जमीन दे दी है। अब इस परिसर के लिए साई के साथ एमओयू को अंतिम रूप देकर खेल विभाग ने एमओयू साई के भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिया है। वहां एमओयू पहुंच भी गया है ऐसे खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है।

खेल परिसर में जहां हॉकी का सुपर एस्ट्रो टर्फ लगाया जाएगा, वहीं एथलेटिक्स के लिए ४०० मीटर का ट्रेक भी लगाया जाएगा। इन दोनों योजनाओं पर करीब ८ से १० करोड़ का खर्च आएगा। इसके अलावा परिसर में एक मल्टीप्लेक्स हॉल बनेगा। इस हाल में कई खेलों जैसे बास्केटबॉल, हैंडबॉल, वालीबॉल, जूडो, कुश्ती, जिम्नास्टिक बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कबड्डी के साथ मार्शल आर्ट से जुड़े खेलों के लिए मैदान रहेंगे। उन्होंने बताया कि इंडोर में इन मैदान के साथ ही आउटडोर में भी बास्केटबॉल और वालीबॉल के अलावा फुटबॉल के मैदान बनाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के १५ खेलों ने राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता प्राप्त की है, उन खेलों का समावेश तो यहां रहेगा ही इसके अलावा उन खेलों पर भी ध्यान दिया जाएगा जिनमें पदक की संभावना है। इस पूरी योजना पर करीब ४० करोड़ खर्च आएगा जो साई करेगा। परिसर में तीरंदाजी को लेकर विशेष योजना प्रारंभ की जाएगी। इस खेल में छत्तीसगढ़ से काफी अच्छे खिलाड़ी निकल सकते हैं। यहां के आदिवासी क्षेत्र बस्तर और सरगुजा में इन खेलों की प्रतिभाएं हैं। साई चाहता है कि ओलंपिक में देश के तीरंदाज पदक दिलाने का काम करें। इसके लिए लिम्बाराम को प्रशिक्षक बनाया गया है। उनको यहां प्रशिक्षण देने के लिए भेजा जाएगा।

राजनांदगांव के खेल परिसर का काम इस माह के अंत तक या फिर अगले माह के प्रारंभ में हो जाएगा। इस परिसर को पूरा करने के लिए तीन चरणों में काम होगा। पहले चरण में एस्ट्रो टर्फ के साथ अन्य मैदानों को बनाने की योजना है ताकि प्रशिक्षण का काम प्रारंभ हो सके। पहला चरण अगले साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में मल्टीप्लेक्स को पूरा किया जाएगा। तीसरे और अंतिम चरण में वहां रहने के लिए मकानों का निर्माण होगा। जल्द से जल्द इसको पूरा करना ही हमारा लक्ष्य होगा। पहले चरण का काम तो १८ माह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगले चरणों के लिए भी एक समय सीमा तय की जाएगी।

खेल परिसर में रखे जाने वाले प्रशिक्षकों के बारे में श्री नायडु पहले ही खुलासा कर चुके हैं सभी प्रशिक्षक स्थानीय होंगे। छत्तीसगढ़ में कई खेलों के एनआईएस कोच हैं। जिन खेलों में नहीं हैं उनमें अगर छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी एनआईएस बन जाते हैं तो उनको पहली प्राथमिकता मिलेगी।

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