जानकारी देते हुए प्रशिक्षक उमेश सिंह ठाकुर ने बताया कि पहली बारा राजधानी में इस तरह के बेल्ट का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अक्सर खिलाड़ी बास्केट करने में चूक जाते हैं जिसके कारण टीम को हार का सामना करना पड़ता है। अब शूटिंग बेल्ट का प्रयोग होने से खिलाडिय़ों को बास्केट करने में आसानी होगी। इस बेल्ट की वजह से खिलाडिय़ों की गलतियां भी पकड़ में आएंगी जिससे उनको सुधारने में आसानी होगी। इस बेल्ट को खिलाड़ी बहुत पसंद कर रहे हैं।
2 टिप्पणियां:
हमें तो सिखाया गया कि सही तरीके से एक हजार शूट रोज करो तो सिर्फ तीन महीने में परफेक्ट शूटिंग हो जाएगी। मैं इसे टैस्ट कर चुका हूं। अब भी लम्बे अर्से बाद कोर्ट पहुंचता हूं तो आराम से काउंट कर लेता हूं। मुझे लगता है प्रेक्टिस का कोई विकल्प नहीं है।
बैल्ट के बारे में जानकारी देने के लिए शुक्रिया। आपका ब्लॉग बहुत सुंदर है। और जानकारीपूर्ण भी।
शूटिंग बेल्ट से जरूर खिलाडिय़ों के खेल में निखार आएगा इसकी उम्मीद की जा सकती है। आपने अच्छी जानकारी दी है,
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