बुधवार, 6 मई 2009

पाइका के लिए केन्द्र के बजट का इंतजार

प्रदेश में पाइका योजना को प्रारंभ करने के लिए अब केन्द सरकार से मिले वाले बजट का इंजतार है। इस बजट को जल्द प्राप्त करने के लिए खेल विभाग का पूरा अमला जुटा हुआ है। इसी कड़ी में सभी जिलों के खेल अधिकारियों की एक बैठक खेल विभाग में होगी। इस बैठक में एक बार फिर से सभी जिलों के खेल मैदानों की समीक्षा की जाएगी। इस समीक्षा के बाद केन्द्र सरकार को मैदानों की सूची भेजी जाएगी। वैसे एक बार पहले सूची भेजी जा चुकी है। इस योजना के लिए इस सत्र में १७ करोड़ का बजट भी रखा गया है। जहां राज्य सरकार ने अपने हिस्से का बजट दे दिया है, वहीं केन्द्र से मिलने वाला बजट अब तक नहीं मिला है।

प्रदेश का खेल विभाग इन दिनों केन्द्र सरकार की पाइका योजना के लिए सभी जिलों के खेल मैदानों की सूची बनाने में लगा है। पहले चरण में एक बार सूची बनाकर केन्द्र सरकार को भेज दी गई है। अब फिर से एक बार सूची का अंतिम रूप देने के लिए सभी १८ जिलों के खेल अधिकारियों को सारी जानकारी के साथ खेल भवन बुलाया गया है, जहां नियमित होनी वाली समीक्षा बैठक होगी, वहीं पाइका योजना को लेकर भी समीक्षा बैठक होगी। इस बैठक में नए सिरे से खेल मैदानों की जानकारी लेकर केन्द्र सरकार को भेजी जाएगी ताकि वहां से मिलने वाला बजट जल्द से जल्द मिल सके।

केन्द्र सरकार ने पूर देश के गांवों को खेलों से जोडऩे के लिए पंचायत स्तर से खेलों के विकास के लिए पाइका योजना प्रारंभ की है। इस योजना के पहले चरण में हर राज्य के सभी जिलों के १० प्रतिशत गांवों को शामिल किया गया है। इन सभी गांवों में खेल मैदान विकसित करने के साथ खेलों का आगाज किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करने के लिए खेल विभाग ने काफी गंभीरता से पहल की है और विभाग की पहल पर प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए बजट भी पास कर दिया गया है। राज्य सरकार ने अपने बजट में दो करोड़ ६६ लाख रुपए रखे हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार से इसके लिए १४ करोड़ से ज्यादा की राशि मिलेगी। इस योजना के लिए खेल विभाग ने प्रदेश के हर जिले में खेल मैदानों का चिंहित करने का काम पूरा कर लिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों से उन गांवों को चिंहित करके सूची मंगाई गई जिन गांवों में मैदान हैं। खेल विभाग के पास इस समय ज्यादातर जिलों की जानकारी आ गई है।


इस जानकारी के मुताबिक रायपुर जिले में १५ विकासखंड़ों में १२ सौ गांव हैं उनमें पहले चरण में १२० मैदानों की जरूरत हैं लेकिन १५८ मैदान चिंहित किए जा चुके हैं। इसी तरह से राजनांदगांव में ९ विकासखंड़ों के ६७१ गांवों में ७३ मैदान, कांकेर के सात विकासखंड़ों के ३८९ गांवों में ३९ मैदान, कबीरधाम के चार विकासखंड़ों के ३७१ गांवों में ४१ मैदान, बिलासपुर के १० विकासखंड़ों के ८६४ गांवों में ७९ मैदान, दंतेवाड़ा के सात विकासखंड़ों के २४९ गांवों में २५ मैदान, बीजापुर के चार विकासखंड़ों के १६० गांवों में १५ मैदान, नारायणपुर के दो विकासखंड़ों के ६९ गांवों में ०७ मैदान, जगदलपुर के १२ विकासखंड़ों के ५८६ गांवों में ५९ मैदान, दुर्ग के १२ विकासखंड़ों के ९९८ गांवों में ९९ मैदान, कोरबा के पांच विकासखंड़ों के ३५४ गांवों में ३१ मैदान और जशपुर के आठ विकासखंड़ों के ४१७ गांवों में ५५ मैदानों को चिंहित किया गया है। इन मैदानों की एक बार सूची बनाकर केन्द्र को भेजी गई है। इस सूची के बारे में कहा जा रहा है कि यह सूची २००८-०९ को ध्यान में रखते हुए भेजी गई थी। अब बुधवार को होने वाली समीक्षा बैठक के बाद २००९-१० के हिसाब से नए सिरे से सूची बनाकर भेजी जाएगी।

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

अच्छी खबर है

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