रविवार, 3 मई 2009

स्केटिंग का जादू-खिलाड़ी बेकाबू


राजधानी के पुलिस मैदान के स्केटिंग मैदान में शाम का समय महज चार साल के दीपक कुमार नारंग से लेकर बड़ी उम्र के खिलाड़ी बड़ी लगन से स्केटिंग करने में लगे हैं। स्केटिंग करने वाले ज्यादातर खिलाड़ी नए हैं और पहली बार आए हैं। इस समय १०० से ज्यादा खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। अभी खिलाडिय़ों के आने का सिलसिला जारी है। स्केटिंग के प्रति ऐसी दीवानगी देखकर कोच दलजीत सिंह ज्यादा हैरान नहीं हैं। उनको इस बात का पहले से भरोसा था कि रायपुर में स्केटिंग के चाहने वाले ज्यादा हैं। उनको इस बात की भी खुशी है कि नए खिलाडिय़ों में से ६० खिलाडिय़ों ने नियमित खेलने का मन बनाया है।

रायपुर में पहली बार लगे स्केटिंग के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण लेने आए खिलाडिय़ों दिव्या कृष्णनानी, स्वाति प्रेमचंदानी, अंशुल मलेवार, हिमांशु सिंहा, सिमरन अष्पालया, शांतुन वैष्णव, सर्वेश तिवारी, अनवीश कर्वे, मनुहार राज चौबे, संभवी शर्मा, शेख महराज, सैय्यद इमरान, रिषभ पोकरन, मोहित भारद्वाज, रिषभ सहगल, अमित अग्रवाल, पलक अग्रवाल, आयुश मिश्रा, मुकेश चौहान, अभिनंदन तिवारी, राधव शर्मा, आदित्य कंकड़, दक्ष कृष्णनानीस रजत खंडेलवाल, धैर्य मेहता, सोर्या खंडेलवाल, दिलराज कौर, वैभव साव, स्नेहील राज चौबे, पिंकी साहू, पूमनम नागरे, अनुराग, आकाश ने एक स्वर में कहा कि वे पहली बार स्केटिंग का प्रशिक्षण लेेन आएं हैं लेकिन चाहते हैं कि अब उनको नियमित रूप से प्रशिक्षण मिले ताकि वे एक खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना सके। खिलाडिय़ों ने बताया कि बहुत कम समय में उनको बहुत कुछ सीखने को मिला है। इन खिलाडिय़ों ने बताया कि जब वे यहां आए थे तो टेनासिटी से अभ्यास प्रारंभ किया था, पर अब वे क्वाट्स वर्ग में अभ्यास करने में जुटे हैं ताकि आने वाले समय में चैंपियनशिप हो तो वे उसमें खेल सके।

ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं

खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले कोच दलजीत सिंह का कहना है कि वैसे तो उनको इस बात का पूरा भरोसा था कि रायपुर में अगर प्रशिक्षण शिविर लगेगा तो यहां पर बहुत ज्यादा खिलाड़ी आएंगे। उनकी उम्मीद के मुताबिक अभी जहां १०० से ज्यादा खिलाड़ी आ रहे हैं, वहीं लगातार पालक अपने बच्चों को भेजने के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं। रोज प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या बढ़ते जा रही है। बकौल दलजीत सिंह उन्होंने खेल के प्रति ऐसी दीवानगी नहीं देखी है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर खिलाड़ी बहुत कम समय में ही परिपक्व हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उनको इस बात की सबसे ज्यादा खुशी है कि यहां पर जो खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं उनमें से करीब ६० खिलाडिय़ों ने नियमित रहने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि स्केटिंग में जब खिलाड़ी टेनासिटी से क्वाट्स में आ जाता है तो इसका मतलब होता है कि अब खिलाड़ी नियमित हो गया है। क्यों? के सवाल पर उन्होंने कहा कि टेनासिटी का स्केटिंग तो महज पांच सौ रुपए में आ जाता है, पर क्वाट्स का स्केटिंग पांच हजार रुपए का आता है। इतना महंगा स्केटिंग खरीदने का मतलब ही होता है कि खिलाड़ी नियमित रहना चाहता है। उन्होंने बताया कि सबसे महंगा स्केटिंग इनलाइन का आता है। इसके स्केटिंग ३२ हजार रुपए से प्रारंभ होते हैं, लेकिन कंपनी वालों से बात करके पहली बार १० हजार रुपए कीमत के स्केटिंग लांच करवाए गए हैं। ऐसा ही एक स्केटिंग रायपुर के एक खिलाड़ी ने खरीदा है। उन्होंने बताया कि वे खिलाडिय़ों को जो बेसिक जानकारी दे रहे हैं उसको खिलाड़ी ध्यान से कर ले तो महज दो से ढाई घंटे में ही वह स्केटिंग करने लगेगा।

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