सोमवार, 26 अक्तूबर 2009

बजट कम-मैराथन का निकलेगा दम

प्रदेश के खेल विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली मैराथन में रायपुर मैराथन का दम निकलता नजर आ रहा है। इस स्पर्धा के लिए विभाग से पूर्व के सालों की तुलना में आधा बजट भी नहीं दिया है जिसकी वजह से स्पर्धा को न करवा पाने की बात कहते हुए जिले के खेल विभाग ने संचालनालय से स्पर्धा करवाने में असमर्थतता जताते हुए इसको स्थगित कर दिया है। विभाग ने इसके लिए इस बार महज ४६ हजार का बजट दिया है जबकि पिछले तीन सालों से इसके लिए एक लाख से ज्यादा का बजट मिलता रहा है। इससे कम बजट में १५ विकासखंड़ों के खिलाडिय़ों का यह आयोजन संभव नहीं है।

प्रदेश का खेल विभाग राज्य के हर जिले में जिला मैराथन का आयोजन करता है, इसके बाद राज्य मैराथन का आयोजन होता है जिसमें एक लाख का नकद इनाम दिया जाता है। इस बार रायपुर मैराथन का आयोजन कसडोल में १४ नवंबर से किया जाना था। इसके लिए जिले के खेल विभाग ने पूर्व के वर्षां की तरह ही करीब एक लाख २० हजार का बजट मांगा था, पर विभाग ने महज ४६ हजार रुपए का बजट दिया है। इस बारे में राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने संपर्क करने पर बताया कि उनको जो बजट दिया गया है, उसमें आयोजन करवाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बजट में २३ हजार ५०० रुपए तो नकद पुरस्कार में चले जाएंगे, बाकी के २२ हजार ५०० रुपए में आयोजन का होना संभव ही नहीं है। उन्होंने बताया कि १५ विकासखंड़ों से करीब ३०० खिलाड़ी आएंगे, इसी के साथ रायपुर के खिलाड़ी और मेजबान के खिलाडिय़ों को मिलाकर करीब १०० खिलाड़ी और हो जाएंगे। इसी के साथ करीब ५० अधिकारी टीमों के साथ आएंगे। ४५० लोगों की भागीदारी वाला यह आयोजन २२ हजार ५०० रुपए में कैसे हो सकता है?

उन्होंने पूछने पर बताया कि इसके पूर्व जब २००६-७ में तिल्दा में आयोजन किया गया था तो वहां के लिए एक लाख एक हजार, आरंग के २००७-०८ के आयोजन के लिए एक लाख सात हजार और २००८-०९ के मैनपुर के आयोजन के लिए एक लाख २४ हजार रुपए मिले थे। इस बार भी पिछले आयोजन जितना ही बजट मांगा गया था, पर इस बजट से काफी कम ४६ हजार ही मिले हैं। ऐसे में जिले के खेल प्रभारी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार से चर्चा के बाद संचालनालय को लिखा गया है कि और ८० हजार का बजट मिलने पर ही आयोजन संभव होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल १४ नवंबर को होनी वाली स्पर्धा को स्थगित कर दिया गया है। बजट मिलने पर इसकी तिथि तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि विकासखंड़ों के आयोजन निर्धारित तिथियों पर ही होंगे।

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