मंगलवार, 6 अक्तूबर 2009

ये हैं रेसर नंबर वन


राष्ट्रीय सुपर क्रास बाइक रेसिंग में अपनी कलाबाजी से दर्शकों के चहेते बने टीवीएस टीम के सदस्य अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी केपी अरविंद और एचके प्रदीप ही राजधानी में खिलाड़ी नंबर वन साबित हुए। इन जांबाज बाइक रेसरों की नजरें अब राष्ट्रीय चैंपियनशिप के साथ एशियाई चैंपियनशिप पर हैं।
यहां पर रेस के बाद हरिभूमि से बात करते हुए नंबर वन रेसर अरविंद ने पूछने पर बताया कि वे पिछले ६ सालों से रेसिंग की दुनिया में हैं और अब तक राष्ट्रीय स्तर पर आधा दर्जन खिताब जीत चुके हैं। इसी के साथ उन्होंने दो माह पहले श्रीलंका में हुई अंतरराष्ट्रीय रेसिंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वे बताते हैं कि वे बचपन में जब टीवी पर बाइक रेसरों को कलाबाजी दिखाते देखते थे तो उनकी भी तमन्ना होती थी कि वे भी ऐसा कुछ कर सके। अब उनका यह सपना पूरा हो गया है तो अब वे चाहते हैं कि अपने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करें। उन्होंने पूछने पर बताया कि छत्तीसगढ़ में तो ५० फीट लंबा ही टेबल टॉप था, लेकिन वे अभ्यास में ७० फीट से भी ज्यादा लंबाई को अपनी बाइक से नाप चुके हैं। वे बताते हैं कि हवा में बाइक को ५० फीट की ऊंचाई तक ले जाना उनके लिए कठिन नहीं है। वे कहते हैं कि पहले तो देश की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में विजेता बनने का सपना है। इस समय ६ चक्रों में तीन चक्रों के बाद वे पहले चार में स्थान बनाए हुए हैं। इस राष्ट्रीय चैंपियनशिप के बाद अगला पड़ाव एशियाई चैंपियनशिप होगी।


जितना बड़ा जिगर उतनी लंबी छलांग

चैंपियनशिप के दूसरे जाबांज रेसर एचके प्रदीप पूछने पर कहते हैं कि हवा में बाइक को कितना ऊपर ले जाने का सवाल है तो आपके जिगर के ऊपर निर्भर करता है कि आपका जिगर कितना बड़ा है। आपका जिगर जितना बड़ा हो आप उतनी ऊंचाई या फिर लंबाई तक बाइक को ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे भी अब तक राष्ट्रीय स्तर पर ६ खिताब जीत चुके हैं। इसी के साथ श्रीलंका में दो माह पहले खेली गई अंतरराष्ट्रीय रेसिंग में वे तीसरे स्थान पर रहे। पूछने पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के दर्शक बहुत अच्छे हैं, उन्होंने जिस तरह से खिलाडिय़ों का उत्साह बढ़ाया वैसा नजारा बहुत देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने मैदान बनाने के लिए बहुत मेहनत की। अगर बारिश नहीं होती तो इस मैदान पर और ज्यादा रोमांच देखने का मौका मिलता। उन्होंने बताया कि वे तीन साल पहले भी छत्तीसगढ़ आए थे और राष्ट्रीय डर्ट ट्रैक मुकाबले में विजेता बने थे।

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