गुरुवार, 8 अक्तूबर 2009

स्कूलों में खेल अनिवार्य हो: नरसिम्हन

प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने देश भर से आए स्कूली खिलाडिय़ों से कहा कि आप ही भारत का आज और कल हैं। खेलों से ही जीवन में अनुशासन का पाठ मिलता है, ऐसे में यह जरूरी है कि स्कूलों में खेलों को अनिवार्य किया जाए। स्कूलों में खेलों के नाम से होने वाली खानापूर्ति को बंद करना चाहिए।

राज्यपाल ने ये बातें यहां पर पुलिस मैदान में राष्ट्रीय शालेय खेलों का उद्घाटन करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि इंसान को जीवन में मानसिक और शारीरिक अनुशासन खेलों से ही मिलता है। जो भी इंसान बचपन से खेलों से जुड़ा रहता है उसका भविष्य बहुत अच्छा होता है। खेल हमें समय की कद्र करना भी सिखाते हैं। खेलों के नियमों का पालन करने कारण जीवन में नियमों का महत्व समङा में आता है। समय का सदउपयोग जरूरी है। खेल ही जीवन में प्रतिस्पर्धा की भावना जगाने के साथ हार-जीत को एक ही रूप में लेने की प्ररेणा देते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूली खेल ही खेलों की जड़ हैं ऐसे में यह जरूरी है कि स्कूलों में खेलों को अनिवार्य रूप से लागू करना चाहिए। खेलों को खानापूर्ति के रूप में लेना बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि आज देश को एकता की जरूरत है और एकता के सूत्र में बांधने का काम खेल में ज्यादा अच्छी तरह से होता है। उन्होंने कहा कि खेलों में सुविधाएं देने की भी जरूरत है।

इसके पहले शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को बने हुए अभी ९ साल ही हुए हैं और हमारे राज्य ने अब राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का साहस किया है। वैसे अपने राज्य में राज्य बनने के बाद से ही लगातार राष्ट्रीय खेलों के आयोजन हो रहे हैं और ये सारे आयोजन सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां राष्ट्रीय स्कूली खेलों में देश भर से आए कई राज्यों के खिलाडिय़ों से हमारे खिलाड़ी भी प्रेरणा लेंगे और अपना खेल सुधारने का काम करेंगे।
विशेष अतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी ने इस अवसर पर कहा कि खेल ही संगठन के गुर सीखता है इसी के साथ खेल ही जीवन में अनुशासन में रहने ेकी बात बताता है। उन्होंने कहा कि यहां पर स्कूली खेलों में नेटबॉल का भी आयोजन हो रहा है, मैं बाहर के आए खिलाडिय़ों को बताना चाहूंगी कि छत्तीसगढ़ की कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेली है। कार्यक्रम के एक और विशेष अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज ने भी खिलाडिय़ों को संबोधित किया।

आर्कषक मार्च पास्ट

इसके पहले कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों के स्वागत के बाद मशाल प्रज्लवन का कार्यक्रम किया गया। दानी स्कूल की फुटबॉल की राष्ट्रीय खिलाडिय़ों मिनी कन्नोजे, रूचि, नेहा निषाद और शालिनी यादव मशाल लेकर दौड़ीं और अंत में शालिनी ने मशाल मुख्यअतिथि राज्पपाल ईएसएल नरसिम्हन को सौंपी उन्होंने मशाल प्रज्जलवित की। इसके बाद मार्च पास्ट का आयोजन किया गया। इसमें सबसे अच्छा मार्च पास्ट करने का काम हिमाचल के खिलाडिय़ों ने किया। उनका मार्च पास्ट देखकर सभी दर्शकों ने उनका तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया। इसके अलावा नवोदय विद्यालय और विद्याभारती के खिालडिय़ों का मार्च पास्ट पसंद किया गया। आन्ध्र प्रदेश के आधे खिलाडिय़ों ने नंगे पांव मार्च पास्ट किया। मार्च पास्ट के बाद हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में मायाराम सुरजन स्कूल और पिपरोद स्कूल की छात्राओं ने नृत्य प्रस्तुत किया।

छत्तीसगढ़ की जीत से शुरुआत

राष्ट्रीय शालेय स्कूलों में दोपहर के सत्र में प्रारंभ हुए मुकाबलों में नेटबॉल में बालक के साथ बालिका वर्ग में भी मेजबान ने जीत से शुरुआत की। बालक वर्ग में छत्तीसगढ़ ने मप्र को आसानी से २८-३ से मात दी। इस मैच में पहले हॉफ में विजेता टीम १८-१ से आगे थी। विजेता टीम के लिए पलास और विक्की का खेल सबसे अच्छा रहा। बालग वर्ग के अन्य मैचों ेंमें दिल्ली ने कर्नाटक को २४-१६ से हराया। बालिका वर्ग के पहले मैच में छत्तीसगढ़ ने एपी को आसानी से २४-०३ से मात दी। इस मैच में विजेता टीम पहले हॉफ में ११-२ से आगे थी। इस मैच में मेजबान टीम की आस्मा खान, खुशबू और साक्षी का खेल सबसे अच्छा रहा। इस वर्ग के एक अन्य मैच में पंजाब ने चंडीगढ़ को १३-२ से हराया। कबड्डी अंडर १४ साल के बालक वर्ग में गुजरात ने राजस्थान को ३७-३५, मप्र ने नवोदय को ३५-२६ और उप्र ने उत्तराखंड को ८४-२३ से मात दी। बालिका वर्ग में उप्र ने दिल्ली को २७-१९ से हराया।

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