राज्य जूनियर बालिका फुटबॉल में रायपुर की टीम को हरवाने के लिए ही एक ही दिन सेमीफाइनल के बाद फाइनल मैच करवा दिया गया। प्रदेश संघ ने अपनी मर्जी से फिक्चर तैयार किया। यह सीधा आरोप प्रदेश संघ के ही जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान ने लगाया है।
दुर्ग में खेली गई इस स्पर्धा में की गई मनमर्जी से छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ के जोनल सचिव मुश्ताक अली प्रधान बहुत ज्यादा खफा हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह बात तय थी कि रायपुर की टीम ही खिताब जीतती, ऐसे में रायपुर की टीम को खिताब से वंचित करने के लिए एक साजिश के तहत सबसे पहले रायपुर को कठिन पूल में रखा गया, और मेजबान दुर्ग को आसान पूल दिया गया। इतना होने के बाद भी रायपुर की टीम ने सबसे तगड़ी टीम जशपुर को सेमीफाइनल में मात देकर फाइनल में स्थान बना लिया। ऐसे में आयोजक छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ के पदाधिकारियों ने सेमीफाइनल के दो घंटे बाद ही फाइनल मैच करवा दिया। खिलाडिय़ों को आराम करने का भी मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जब स्पर्धा २२ से २४ अक्टूबर तक थी, तो फाइनल मैच एक दिन पहले ही क्यों करवाया गया। उन्होंने बताया कि संघ के जोनल सचिव होने के बाद भी उनके पास स्पर्धा की जानाकारी भी नहीं भेजी गई जबकि स्पर्धा उनकी देखरेख में होनी थी। उन्होंने रायपुर टीम के साथ गए कोच अर्स उल्ला खान के हवाले से बताया कि फिक्चर के लिए चीट निकाली जाती है, पर आयोजकों ने अपनी मर्जी से टीमों को पूलों में बांटा।
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