प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में १४ नवंबर को बाल दिवस के दिन से सप्रे स्कूल में पांच तरह से एडवेंचर स्पोट्र्स के साथ क्वीज का भी आयोजन किया गया है। इन आयोजनों में प्रदेश के १५० से ज्यादा स्कूलों के हजारों विद्यार्थी शामिल होंगे। यह आयोजन बाल कल्याण परिषद की मांग पर उनके एक कार्यक्रम के साथ किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि बाल कल्याण परिषद द्वारा १४ नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन तीन दिनों का है। इस आयोजन में स्कूली बच्चों को खेलों से जोडऩे की मांग पर खेल विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए एडवेंटर स्पोट्र्स को चुना है। उन्होंने बताया कि एडवेंचर स्पोट्र्स को इसलिए चुना गया है ताकि स्कूली बच्चों को यह न लगे कि उनको यहां पर खेलने के लिए ही बुलाया गया है। एडवेंटर स्पोट्र्स का रोमांच ही सबको अपनी तरफ खींच लाता है। उन्होंने बताया कि राज्योत्सव में भी खेल विभाग के स्टाल में एडवेंटर स्पोट्र्स के दो तरह के आयोजन किए गए थे, एक तरफ जहां चार चक्कों वाली मोटर सायकल लाई गई थी जिसको चलाने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे और देर रात तक इसको चलाने के रोमांच से लोग दो चार होते रहे। इसी तरह से नदी को रोप वे के माध्यम से कैसे क्रास किया जाता है, इसका भी आयोजन किया गया था। कई लोग इस आयोजन के रोमांच से भी दो-चार हुए। इस आयोजन में भी देर रात तक लोग जुटे रहते थे। खासकर इस आयोजन को युवाओं ने बहुत ज्यादा पसंद किया।
अब सप्रे स्कूल में बाल कल्याण परिषद के कार्यक्रम के साथ जहां नदी को क्रास करने के रोमांच से स्कूली बच्चों को दो-चार होने का मौका मिलेगा, वहीं फलाइंग फाक्स, सीलिंगरिंग, रोप वाकिंग वाल क्याइमिंग साथ जारविंग का भी खेल रहेगा। इस खेल में बॉल के अंदर जाकर बाल को चलाने का काम किया जाता है।
श्री सिंह ने पूछने पर बताया कि आयोजन में बाल कल्याण परिषद ने करीब १५० स्कूलों के ३० हजार बच्चों के आने की संभावना जताई है। इन बच्चों में से जो जिस समय खाली रहेंगे अपनी रूचि के हिसाब से एडवेंचर स्पोट्र्स का मजा ले सकेंगे। इस आयोजन का मजा रात को भी लिया जा सके इसकी भी व्यवस्था की जा रही है। इसी के साथ एक क्वीज का भी आयोजन किया गया है। इसके लिए हर स्कूल के पांच बच्चों को शामिल होने की इजाजत रहेगी। इस क्वीज में जो विजेता बनेंगे उनको तीन से चार दिनों के लिए दिसंबर या फिर जनवरी में भ्रमण पर ले जाया जाएगा। यह भ्रमण भौरमदेव की तरफ होगा। यहां पर भी भ्रमण पर जाने वाले बच्चों को एडवेंटर स्पोट्र्स से अवगत करवाया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें