शिक्षा विभाग में सहायक संचालक खेल के पद पर प्रभारी के स्थान पर पदोन्नत कर भेजे गए पीडी मिश्रा को १० दिनों बाद भी प्रभार नहीं दिया गया है। प्रभारी एसआर कर्ष अब तक पद पर बने हुए हैं और कार्यविभाजन की बात कर रहे हैं, जबकि विभाग में सहायक संचालक खेल का एक ही पद है।
प्रदेश के शिक्षा विभाग में सहायक संचालक खेल का एक पद है। इस पद पर काफी लंबे समय से प्रभारी एसआर कर्ष काबिज हैं। इस पद के लिए शासन की अनुमति के बाद डीपीसी करके इस पद पर पेड्रा के शासकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य पीडी मिश्रा की नियुक्ति की गई है। इस नियुक्ति का आदेश २६ अक्टूबर को निकाला गया और श्री मिश्रा ने ३ नवंबर को शिक्षा विभाग में जाकर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है, पर उनको अब तक जिस पद के लिए नियुक्त किया गया है उसका प्रभार प्रभारी सहायक संचालक खेल एसआर कर्ष द्वारा नहीं दिया गया है। इस बात को लेकर जहां एक तरफ श्री मिश्रा परेशान हैं, वहीं इस बारे में श्री कर्ष का कहना है कि उनको पद से हटाया नहीं गया है और उनके तबादले का कोई आदेश भी नहीं आया है। श्री कर्ष का कहना है कि श्री मिश्रा को लेकर अभी कार्य विभाजन किया जाना है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि शिक्षा संचालनालय में सहायक संचालक खेल का एक मात्र पद है और इसी पद के लिए श्री मिश्रा की नियुक्ति का स्पष्ट आदेश है। शिक्षा संचालनालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब सहायक संचालक खेल का एक मात्र पद है तो उसमें कार्यविभाजन का सवाल कहां उठता है, नियुिक्त आदेश के बाद श्री मिश्रा को आते ही प्रभार दे देना चाहिए था, लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया है यह वास्तव में आश्चर्यजनक है।
इधर जानकारों का ऐसा कहना है कि प्रभारी सहायक संचालक (खेल)श्री कर्ष इस जुगत में हैं कि उनके पास खेल का प्रभार बने रहे और श्री मिश्रा को कोई दूसरा काम दे दिया जाए। इस बात की भी चर्चा है कि श्री मिश्रा को मौखिक रूप से संस्कृत बोर्ड का काम देखने के लिए कहा गया है।
वापस आने पर ही मामले की जानकारी दे पाऊंगा: अपर संचालक
इस मामले में जब जानकारी लेने के लिए शिक्षा संचालक के आर पिस्दा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो मालूम हुआ कि वे दिल्ली गए हुए हैं। बार-बार मोबाइल पर संपर्क करने के बाद भी उनसे बात नहीं हो सकी। अपर संचालक एलएस मरावी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीडी मिश्रा को विभाग में सहायक संचालक बनाया गया है और उनको पदभार दे दिया गया है। जब उनको बताया गया कि श्री मिश्रा को सहायक संचालक खेल बनाया गया है और उनको अब तक प्रभार नहीं दिया गया है तो उन्होंने कहा कि इस बारे में कार्यालय आने के बाद ही वस्तु स्थिति के बारे में बता पाऊंगा। उन्होंने बताया कि वे पिछले चार दिनों से बाहर है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में तो पद भार देने के लिए नोटशीट बना दी गई है, उसमें संचालक के हस्ताक्षर होने ही शेष थे। अब तक मामला क्यों लटका हुआ है यह कार्यालय आने के बाद ही मालूम होगा।
1 टिप्पणी:
लेखनी प्रशस्त है, बांधती है, भाषा पठनीय है। रचना को पूरी पढ़ने की रुचि जगाती है। आपको साधुवाद।
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