बुधवार, 2 दिसंबर 2009

खेल संचालक-खेल अधिकारियों में ठनी

सेटअप को लेकर विवाद

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग में सेटअप को लेकर खेल संचालक और खेल अधिकारियों में ठन गई है। खेल अधिकारियों का जो सेटअप स्वीकृत हुआ है उससे खेल संचालक सहमत नहीं हंै, जिसकी वजह से खेल अधिकारियों को नए वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में विभाग की एक बैठक में सभी खेल अधिकारियों ने एका करके अपनी नाराजगी से खेल संचालक को अवगत भी करा दिया है। नए वेतनमान के बारे में मप्र का राजपत्र उपलब्ध करवाते हुए बताया गया है कि खेल अधिकारियों का वेतनमान काफी पहले से तय किया गया है, अब उसको यहां लागू करने की पहल करनी है जो नहीं की जा रही है। इसी के साथ नए सेटअप में जो पद भरे जाने हैं वो भी साल भर से नहीं भरे गए हैं। इसके लिए भर्ती नियम बनाने मंत्रालय से मंजूरी लेनी है जो नहीं ली जा रही है।
प्रदेश के खेल विभाग में कार्यरत खेल अधिकारी नए वेतनमान को लेकर लामबंद हो गए हैं। इन अधिकारियों को इस समय ४५०० रुपए का वेतन मिलता है। नए सेटअप में इनका वेतनमान ६५०० किया गया है। इस वेतनमान को लेकर ही खेल संचालक से खेल अधिकारियों की ठन गई है। संचालक का कहना है कि नए सेटअप में कई विसंगतिया हैं। इनके अनुसार नए सेटअप में खेल अधिकारियों का वेतनमान तो बढ़ावा लिया गया, पर प्रशिक्षकों का वेतन ४५०० रुपए ही रखा गया है। इसके बारे में खेल अधिकारी बताते हैं कि खेल अधिकारियों का वेतनमान मप्र के २००० के राजपत्र में प्रकाशित वेतनमान ६५०० जितना ही किया गया है। जहां तक प्रशिक्षकों के वेतनमान का सवाल है तो इनके वेतनमान को बढ़ाने से छत्तीसगढ़ की ब्रम्हस्वरूप समिति ने इंकार कर दिया था। यह समिति प्रदेश में विभागों का वेतनमान तय करने के लिए ही बनाई गई थी। अगर वेतनमान निर्धारित करने वाली समिति ही वेतनमान बढ़ाने सहमत नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं।
खेल अधिकारियों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि खेल संचालक फिर से नए सिरे से सेटअप बनाना चाहते हैं। इस नए सेटअप में युवा समन्वयक के पद समाप्त करने की बात की जा रही है। इसके स्थान पर विभाग में बिजली कर्मचारी, उपयंत्री, और ग्रंथपाल के पद मांगने की तैयारी है। अधिकारी कहते हैं कि विभाग में कौन सा बिजली का इतना काम होता है कि बिजली कर्मचारी की जरूरत है। इसी के साथ कोई निर्माण कार्य नहीं होता है कि उपयंत्री रखा जाए। विभाग में ग्रंथालय ही स्वीकृत नहीं है तो ग्रंथपाल का क्या काम। अधिकारियों का कहना है कि विभाग का नया सेटअप बृजमोहन अग्रवाल के खेल मंत्री रहते और संजय पिल्ले के संचालक रहते तय किया गया था, यह सेटअप काफी सोच विचार के बाद तय किया गया है।

नए सेटअप में ९३ पद स्वीकृत

प्रदेश सरकार ने विभाग के नए सेटअप के लिए १५ जनवरी २००९ को ९३ पद स्वीकृत किए थे। इन पदों मेंं संचालक का एक पद है। इसी के साथ संयुक्त संचालक का एक पद है। सहायक संचालक के ८ पद हैं। खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी के २५ पद हैं। इसी पद के वेतनमान को लेकर विवाद चल रहा है। इस पद के बारे में खेल अधिकारी बताते हैं कि मप्र के सेटअप में खेल अधिकारी और युवा कार्य अधिकारी के पद हैं और इन दोनों का वेतनमान ६५०० है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में इन दोनों पदों को जोड़कर खेल एवं युवा कार्य अधिकारी का पद बनाया गया है और इनका वेतनमान ६५०० रखा गया है। वतर्मान में वरिष्ठ खेल अधिकारी के ३ पद और खेल अधिकारियों ने १३ पद हैं जिनका वेतनमान ५५००-१७५-९००० है। नए सेटअप में इन पदों को २५ किया गया है। प्रदेश में २५ खेल अधिकारी होंगे तो इनमें से १८ तो हर जिले में रहेंगे और चार संभागों में चार अधिकारी रहेंगे। बाकी बचे तीन अधिकारी संचालनालय में रहेंगे।

नए सेटअप में २५ युवा समन्वयक के पद भी हैं। इनका वेतमान भी ६५०० रखा गया है। इसके अलावा सहायक ग्रेड एक का एक पद, सहायक ग्रेड दो के सात पद, सहायक ग्रेड तीन के तीन पदों के साथ डाटा एंट्री आपरेटर के १९ पद स्वीकृत किए गए हैं। इसी के साथ प्रशिक्षकों के १० पद स्वीकृत किए गए हैं। इन सारे पदों को स्वीकृत हुए साल भर होने को हंै, लेकिन अब तक इसके भर्ती नियम नहीं बन पाए हैं। भर्ती नियम न बनने के कारण न तो भर्ती हो पा रही है और ही खेल अधिकारियों को नए वेतनमान का लाभ मिल पा रहा है। खेल अधिकारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि खेल संचालक इस स्वीकृत सेटअप के लिए प्रयास करने की बजाए एक नया सेटअप बनवाना चाहते हैं। ऐसे में पुराना सेटअप तो लटक जाएगा और नए सेटअप को कब मंजूरी मिलेगी कहा नहीं जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में