राष्ट्रीय सीनियर हैंडबॉल में छत्तीसगढ़ की टीम ने जोरदार खेल दिखाते हुए खिताबी मुकाबले में सेना को मात देकर ६ साल बाद खिताब जीता। इसके पहले छत्तीसगढ़ के हाथ २००३ में खिताब लगा था।
कोलकाता में खेली गई इस चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का फाइनल में सेना की मजबूत टीम से मुकाबला हुआ। कांटे के इस मुकाबले में पहले हॉफ में दोनों टीमें १५-१५ की बराबरी पर थीं। इस हॉफ में काफी उतार-चढ़ाव वाला मुकाबला हुआ। दूसरे हॉफ में फिर से कांटे का मुकाबला शुरू हुआ। मैच के अंत तक यह कहना मुश्किल था कि बाजी किसके हाथ लगेगी। कभी छत्तीसगढ़ की टीम एक-दो अंकों से आगे हो जाती तो कभी सेना की टीम। अंत में छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने जोरदार प्रदर्शन किया और महज दो अंकों से मुकाबला अपने नाम कर लिया। छत्तीसगढ़ को २९-२७ से जीत मिली। इस जीत के साथ ही छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी मैदान में दौड़ पड़े और अपने खिलाडिय़ों को बधाई देने लगे।
छत्तीसगढ़ हैंडबॉल संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ को २००३ के बाद खिताब जीतने का मौका मिला है। छत्तीसगढ़ बनते ही छत्तीसगढ़ की पुरुष टीम ने २००१ में खिताब जीता था। इसके एक साल बाद फिर से २००३ में खिताब मिला। लेकिन इसके बाद टीम फाइनल में तो पहुंच जाती थी, लेकिन खिताब हाथ से फिसल जाता था, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों खिताब को हाथ से जाने नहीं दिया और खिताब अपने नाम कर लिया। श्री खान ने कहा कि छत्तीसगढ़ की खिताब जीतने की राह में वापसी इस लिहाज से भी अच्छी है कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। यह खेल यहां पर २०१३-१४ में होने हैं। इसी के साथ ङाारखंड के राष्ट्रीय खेलों में भी छत्तीसगढ़ को खेलने का मौका मिलेगा। यह खेल कई बार स्थगित हो चुके हैं, इनका आयोजन संभवत: अगले साल होगा।
श्री खान ने बताया कि कोलकाता की स्पर्धा के लिए चुनी गई टीम का को भिलाई में गहन प्रशिक्षण दिया गया था। टीम को निखारने के बाद यहां से भेजा गया। टीम से किसी ने किसी पदक की उम्मीद भी थी, लेकिन टीम स्वर्ण पदक जीतने का कमाल करेगी इसकी उम्मीद कम थी।
टीम इस प्रकार है- अनिल कौशिक, अनिल निर्मलकर, कुणाल, बीनू वासू, फिरोद अहमद खान, जफर हुसैन, एस. नागेश, एसएन दुबे, शरद तकावले, विश्वजीत कलीटा, ज्योति कुमार, आनंद एनएस, प्रेम कुमार, अनिल कुमार, मो. इमरान। प्रशिक्षक शेख मौला और प्रबंधक बशीर अहमद खान हैं।
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