मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009
विकलांग कैरम खिलाड़ी फारूख खान का कमाल
प्रदेश के एक विकलांग कैरम खिलाड़ी ने कमाल करते हुए राष्ट्रीय चैंपियनशिप में छठा स्थान प्राप्त कर भारत की संभावित टीम में स्थान बना लिया है। इस खिलाड़ी के अब भारतीय दल में भी शामिल होने की उम्मीद है। विशाखापट्नम में आयोजित 38वीं सीनियर राष्ट्रीय कैरम चैंपियनशिप में जब छत्तीसगढ़ की टीम खेलने गई तो यह कोई नहीं जानता था कि यहां का एक खिलाड़ी बड़ा कमाल करने वाला है। लेकिन प्रदेश के एक विकलांग खिलाड़ी फारूख खान जो कि न तो बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं। उन्होंने चैंपियनशिप में दिग्गज खिलाड़ियों को मात देते हुए चैंपियनशिप में छठा स्थान प्राप्त कर लिया। इसी के साथ उन्होंने देश की रैंकिंग में आठवां स्थान भी बना लिया। उनके इस स्थान पर आने के कारण उनको भारत के संभावित दल में स्थान मिल गया है। अब जब भी भारत की संभावित टीम का प्रशिक्षण शिविर लगेगा तो इस शिविर में फारूख भी शामिल रहेंगे। इस शिविर के बाद भारत की टीम 14वीं सार्क या तीसरी एशियन चैंपियनशिप में खेलने जाएगी। प्रदेश कैरम संघ के सचिव विजय कुमार का ऐसा मानना है कि फारूख में इतनी प्रतिभा है कि वे जरूर भारत के दल में स्थान बना लेंगे और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में फारूख के प्रदर्शन के बारे में बताया कि फारूख ने अपने पहले मैच में राजु भैसारे को 25-5, 25-10 से मात दी। इसके बाद के मैचों में उन्होंने तमिलनाडु के विजयन को कड़े मुकाबले में 25-12, 15-25, 25-8 से आसाम के चन्द गुप्ता को 25-19, 25-12 से हराया। उन्होंने कुल पांच मैच जीतने के बाद क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। यहां पर उनको अनुभव की कमी के कारण विश्व के दो नंबर के खिलाड़ी एम. नटराज से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हारने के बाद भी कम से छत्तीसगढ़ के खेल प्रेमियों का दिल जरूर जीत लिया है। विजय कुमार ने बताया फारूख करीब एक दशक से कैरम खेल रहे हैं। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से वे लगातार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि फारूख के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय कैरम के साथ भारतीय कैरम संघके सचिव एस. के. शर्मा ने पहली बार परंपरा से हटकर फारूख को पुरस्कार दिया।
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