छत्तीसगढ़ में पहली बार कामनवेल्थ सायकल पोलो का आयोजन भिलाई में होने जा रहा है। इसकी तैयारी अभी से प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिए भिलाई में जहां एक अतंरराष्ट्रीय स्तर का मैदान बना लिया गया है, वहीं इसके कुछ मैच रायपुर में भी करवाए जाने हैं। यह आयोजन 3 से 6 दिसंबर तक होगा। इसमें करीब एक दर्जन देश शामिल होंगे। इसी के साथ भारत सहित चार देशों के बीच महिलाओ के प्रदर्शन मैच होंगे।
भारत में जब सायकल पोलो की कामनवेल्थ चैंपियनशिप का आयोजन करने की बात चली तो इस अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन में सबसे पहले रूचि दिखाने वाला छत्तीसगढ़ रहा। छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य रहा है जिसके खाते में सायकल पोलो को ऊंचाई पर ले जाने का लगातार रिकार्ड रहा है। सबसे पहले यहां पर 2002 में संघ का गठन होने के बाद ही विश्व कप में खेलने जाने वाली भारतीय टीम का प्रशिक्षण शिविर भी लगा जो टीम फ्रांस में खेलने गई थी। इसके बाद से छत्तीसगढ़ का संघ लगातार ऐसे आयोजन कर रहा है जैसे आयोजन कोई नहीं कर सका है। छत्तीसगढ़ के खाते में ही फेडरेशन कप को प्रारंभ करने का श्रेय जाता है। फेडरेशन कप का जब भिलाई में आयोजन किया गया तो उस समय इसके साथ तीन राष्ट्रीय चैंपियनशिप का भी आयोजन किया गया था। फेडरेशन कप के सफल आयोजन के बाद जब सायकल पोलो को स्कूली खेलों में शामिल करवाने की बारी आई तो इसमें भी छत्तीसगढ़ की भूमिका अहम रही। इन खेलों का आयोजन करने का जिम्मा जब कोई नहीं उठा रहा था तो छत्तीसगढ़ ने इसकी मेजबानी ली। पहली चैंपियनशिप का जब आयोजन राजनांदगांव में किया गया तो इसमें महज चार टीमों से भाग लिया। लेकिन जब दूसरा आयोजन 2007 में फिर से राजनांदगांव में किया गया तो इस बार इस चैंपियनशिप में मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ उप्र, महाराष्ट्र, केरल, आन्ध्र प्रदेश, मप्र, चंडीगढ़, नवोदय विद्यालय, विद्या मंदिर की टीमें शामिल हुईं। छत्तीसगढ़ का सायकल पोलो को बढ़ाने में कितना अहम हाथ रहा है इसको भारतीय सायकल पोलो फेडरेशन के सचिव केके रैना भी मानते हैं की छत्तीसगढ़ के कारण आज सायकल पोलो की पहचान बढ़ी है। अब तो इस खेल को राष्ट्रीय खेलों के साथ एशियाड में भी शामिल करवाने के प्रयास हो रहे हैं।
1986 में हुई भारत में शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में एक समय हार्स पोलो का काफी नाम था, वैसे आज भी इस खेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों में खेला जाता है, लेकिन अब इस खेल को टक्कर देने वाला एक खेल सायकल पोलो भी आ गया है। इस खेल की शुरुआत भारत में 1986 से हुई है, लेकिन अब जाकर इस खेलों को कुछ आयाम मिल सका है। पहले इस खेल को खेलने वाले काफी कम राज्य थे लेकिन आज यह खेल देश के ज्यादातर राज्यों में खेला जा रहा है। जिन राज्यों में यह खेल खेला जाता है, उन राज्यों में आज छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर आता जा रहा है। छत्तीसगढ़ सिर्फ खेलों में ही नहीं बल्कि मेजबानी में भी नंबर वन है।
छत्तीसगढ़ मेजबान नंवर वन
यहां पर जब भी कोई राष्ट्रीय चैंपियनशिप हुई है उसकी सबने तारीफ की है। ऐसे में जब भिलाई में प्रदेश के सायकल पोलो संघ ने एक साथ एक नहीं बल्कि तीन राष्ट्रीय चैंपियनशिप का एक साथ आयोजन करके सायकल पोलो में एक नया इतिहास रचा तो देश भर से आए सभी खिलाडिय़ों ने आयोजन की जमकर तारीफ की और सबने एक स्वर में माना की वास्तव में छत्तीसगढ़ मेजबान नंबर वन है। भिलाई के आयोजन को संवारने में जहां संघ के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कोई कसर नहीं छोड़ी। छत्तीसगढ़ ने यह जो सफल आयोजन किया उसी का परिणाम रहा की उसको भारत-पाक टेस्ट शृंखला के एक मैच की मेजबानी भी मिली। यह मैच जब यहां पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित किया गया तो इस मैच में खेलने आए पाकिस्तान के खिलाड़ी भी छत्तीसगढ़ की मेजबानी के कायल होकर लौटे। भारत-पाक टेस्ट के बाद छत्तीसगढ़ ही ऐसा पहला राज्य बना जिसने यहां पर तकनीकी सेमीनार का आयोजन किया । इस सेमीनार में आए देश भर के खिलाडिय़ों ने छत्तीसगढ़ के इस आयोजन की तारीफ
कामनवेल्थ में शामिल न होने से बनी
अलग आयोजन की योजना
भारत में कामनवेल्थ सायकल पोलो के आयोजन की योजना कैसे बनी इसका खुलासा करते हुए अशोक सिंह बताते हैं की भारत में दो साल बाद 2110 में कामनवेल्थ खेलों का आयोजन होने जा रहा है। इन खेलों में काफी पहले से सायकल पोलो को शामिल करने की कवायद चल रही थी। इस बात की पूरी संभावना थी की सायकल पोलो को कामनवेल्थ खेलों में शामिल कर लिया जाएगा। इस संभावना का एक सबसे बड़ा कारण यह था की कामनवेल्थ में खेलने वाले सभी देश सायकल पोलो खेलते हैं। कामनवेल्थ खेलों में सायकल पोलो को स्थान भी मिल जाता, लेकिन इन खेलों का कार्यक्रम काफी पहले से बन गया था ऐसे में इन खेलों में सायकल पोलो को शामिल करना संभव नहीं हो सका । ऐसे में जहां यह प्रयास किए जा रहे हैं की कामनवेल्थ में सायकल पोलो को एक प्रदर्शनी खेल के रूप में शामिल कर लिया जाए, वहीं अब विश्व सायकल पोलो फेडरेशन ने भारतीय सायकल पोलो फेडरेशन के साथ मिलकर यह योजना बनाई की भारत में ही कामनवेल्थ खेलों से ठीक सायकल पोलो की कामनवेल्थ चैंपियनशिप का आयोजन किया जाए। इस योजना को अंतिम रूप भी दे दिया गया है। कामनवेल्थ सायकल पोलो का आयोजन भारत में किया जाना है और इसकी मेजबानी छत्तीसगढ़ के हाथ लगी है। छत्तीसगढ़ में इस चैंपियनशिप का आयोजन 3 से 6 दिसंबर तक किया जाएगा।
भिलाई में बना अंतरराष्ट्रीय मैदान
कामनवेल्थ सायकल पोलो के लिए भिलाई में अंतरराष्ट्रीय स्तर का मैदान बनकर तैयार हो गया है। भिलाई होटल के पास यह मैदान भिलाई स्टील प्लांट की मदद से बनाया है। इसके बारे में प्रदेश संघ के अशोक सिंह बताते हैं की यह मैदान राष्ट्रीय तकनीकी कमेटी के चेयरमैन पीबी कृष्णाराव के मार्गदर्शन में बना। मैदान 120 गुणा ८0 मीटर का है। इस मैदान को ऐसा बनाया गया है जिसमें रात को भी मैच हो सकेगे। इस मैदान पर इस चैंपियनशिप के मैचों के साथ ही कुछ मैच राजधानी रायपुर में भी होंगे। भिलाई के मैदान का तो उद्घाटन जनवरी में 16 से 22 जनवरी तक खेली गई तीन राष्ट्रीय चैंपियनशिपों फेडरेशन कप के साथ सीनियर और जूनियर चैंपियनशिप से हो भी चुका है।
चार देशों की महिला टीमों के बीच होंगे प्रदर्शन मैच
कामनवेल्थ चैंपियनशिप में हो तो पुरुष खिलाडिय़ों के लिए रही है, लेकिन इस चैंपियनशिप में भारत के साथ ही इंग्लैंड, स्काटलैंड और आयरलैंड की महिला टीमें भी आ रही हैं। इनके बीच प्रदर्शन मैच होंगे।
7 टिप्पणियां:
sundar soochana dene ke liye badhai ho.blog ki is duniya me apka swagat hai
चलिए देर आए दुरुस्त आए , कम से कम आप ब्लॉग जगत पर आए तो सही।
शुभकामनाओं के साथ स्वागत है छत्तीसगढ़ ही से आपका हिंदी ब्लॉगजगत पर!!
अच्छी जानकारी है।आभार।
अच्छी जानकारी
thanx for information
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
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A very Good news from you
Thanx
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majedar, thx aapki khel bhavna ko. narayan naraayn
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