भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई ने देश की महिला खिलाड़ियॊ के लिए एक नई खेलवृत्ति योजना प्रारंभ की है। इस योजना में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली खिलाड़ियों को हर साल 18 हजार रुपए की खेलवृत्ति दी जाएगी। इस योजना का पहले साल में प्रदेश की काफी कम खिलाड़ियों को लाभ मिल पा रहा है क्योंकि योजना की जानकारी विलंब से आने के कारण खिलाड़ियों तक इसकी सूचना नहीं पहुंच सकी है।
साई द्वारा देश के खिलाड़ियॊ के लिए कई तरह की खेलवृत्ति देने की योजना चलाई जाती है। इन योजनाओं में एक नई योजना को शामिल किया गया है। नई योजना देश के किसी भी राज्य की ऐसी महिला खिलाड़ियॊ के लिए है जिनकी उम्र 19 साल से ज्यादा है और जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं। जिन खेलों को इस योजना में शामिल किया गया है उन खेलों में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्बेबाजी, साइक्लिंग, जिम्नास्टिक, जूडो, रोइंग, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन, कुश्ती, कराते, शतरंज, गोल्फ, कयाकिंग एवं कैनोइंग, बॉलिंग, स्नूकर, बिलियर्ड, कैरम, घुड़सवारी, पावरलिफ्टिंग, ताइक्वांडो, तलवारबाजी, स्क्वैश एवं नौका विहार शामिल हैं। इन खेलों में 2007 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली सभी खिलाड़ियॊ ने साई ने 28 फरवरी तक आवेदन मंगाए हैं। इसके बाद मिलने वाले किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। साई की नई योजना की सूचना प्रदेश के खेल विभाग में काफी विलंब से आने के कारण प्रदेश की ज्यादातर खिलाड़ियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। साई ने खेल विभाग को 10 फरवरी को पत्र भेजा। यह पत्र यहां पर आते-आते एक सप्ताह का समय हो गया। वैसे खेल विभाग ने उसी दिन सभी जिला खेल अधिकारियों को यह पत्र भेज दिया। जिला खेल अधिकारियों से अपने स्तर पर खिलाड़ियों को सूचना देने का काम किया लेकिन इसके बाद भी नई योजना की सूचना ज्यादातर खिलाड़ियों तक नहीं पहुंच सकी है। इस योजना के पहले साल में 28 फरवरी तक ही आवेदन देने हैं और ये आवेदन इस तारीख तक साई के मुख्यालय पटियाला पहुंचने अनिवार्य है। ऐसे में ज्यादातर खिलाड़ियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। फिर भी खिलाड़ी इस बात से खुश हैं कि इस नई योजना से उसको मिलने वाली राशि उनके खेल के काम आएगी।
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