शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2009
भिलाई की राष्ट्रीय हैंडबॉल अकादमी में टेराफैक्ट कोर्ट
छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय हैंडबॉल अकादमी में बनने वाले इंडोर स्टेडियम को लेकर एक बार फिर से कवायद प्रारंभ हो गई है। इस स्टेडिमय का अगर निर्माण किया जाता है तो इसमें टेराफैक्ट कोर्ट लगाने का काम भारतीय खेल प्राधिकरण करेगा। इस कोर्ट पर 50 से 60 लाख का खर्च आएगा। यह जानकारी देते हुए प्रदेश हैंडबॉल संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि भिलाई की राष्ट्रीय हैंडबॉल अकादमी में काफी समय से हैंडबॉल का इंडोर स्टेडियम बनाने की योजना है। यह योजना 1992 में पहली बार बनी थी तब से लेकर अब तक किसी न किसी बाधा के कारण इसका काम नहीं हो सका है। इसके लिए डेंटर भी बुलाया गया था लेकिन लागत अधिक होने के कारण बात नहीं बनी। दो साल पहले जब इस्तात मंत्री रामविलास पासवान भिलाई आए थे तो उन्हॊने इस्पात मंत्रालय से स्टेडियम के लिए चार करोड़ रुपए देने की भी बात कही थी। इसके बाद से ही इस स्टेडियम की तरफ ध्यान दिया जाने लगा है। हाल ही में जब भारतीय खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु का छत्तीसगढ़ दौर हुआ तो वे भिलाई की राष्ट्रीय हैंडबॉल अकादमी में भी गए। उनके सामने जब अकादमी में स्टेडियम बनाने की योजना की जानकारी रखी गई तो उन्होंने कहा कि अगर स्टेडियम का निर्माण किया जाता है तो साई यहां पर टेराफैक्ट कोर्ट लगाने का काम करेगा। श्री खान ने बताया कि यह कोर्ट 50 से 60 लाख की लागत का आता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि स्टेडियम के निर्माण के लिए जमीन अकादमी को काफी पहले दे दी गई है। यह जमीन जयंती स्टेडियम के पीछे है।
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1 टिप्पणी:
क्रिकेट के हो-हल्ले से अलग अगर ऐसे कुछ प्रयास अन्य खेलों के लिए किए जा रहे हैं, तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए।
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