छत्तीसगढ़ की नई खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने खेल नीति में व्यापक फेरबदल की बात कही है। वर्तमान खेल नीति में जिन बिन्दुओं पर अमल नहीं हो रहा है और जो बिन्दु काम के नहीं है उनको समीक्षा करके हटाया जाएगा। प्रदेश की खेल नीति में काफी समय से बदलाव की मांग हो रही है। इस खेल नीति को बनाने के बाद एक बार भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछले साल इसकी समीक्षा करके इसमें बदलाव किए जाने की बात सामने आई थी, लेकिन इसकी समीक्षा नहीं हो सकी और जिसके कारण इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इधर प्रदेश में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनने पर सुश्री लता उसेंडी को खेल मंत्री बनाया गया है। उन्होंने खेल मंत्री बनने के बाद खेलों की दिशा में काफी गंभीरता से ध्यान देना प्रारंभ किया है। पहले कदम पर उन्होंने प्रदेश में खेलों के विकास के लिए खेल संघों के पदाधिकारियों से चर्चा की। इस कड़ी में आगे भी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से भी चर्चा की जानी है। खेल मंत्री का खेल नीति के बारे में ऐसा मानना है कि इतने ज्यादा बिन्दुओं की खेल नीति का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खेल नीति में करीब 45 बिन्दु रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि इतने बिन्दुओं पर एक तो अमल नहीं हो पाएगा, दूसरे इन बिन्दुओं में कई बिन्दु काम के नहीं हैं। कौन से बिन्दु काम के नहीं हैं, पूछने पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी समीक्षा करके ली जाएगी और फिर इन बिन्दुओं को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खेल नीति कम से कम बिन्दुओं की बनाई जाएगी ताकि हर बिन्दु पर अमल हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश को खेलॊ में कैसे राष्ट्रीय स्तर पर नंबर वन बनाया जाए इसको ध्यान में रखते हुए उनका विभाग काम करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा देना हमारी सरकार का पहला मकसद है।
1 टिप्पणी:
जानकारी के लिए धन्यवाद.....खेल नीति में परिवर्तन के बाद खिलाडियों की स्थिति सुधरी ....तो इसे वाकई काबिले तारीफ कदम माना जाएगा
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