सोमवार, 24 जनवरी 2011

विवादित कराते संघ के खिलाड़ी झारखंड जाने वाली टीम में

झारखंड के राष्ट्रीय खेलों में खेलने जाने वाले छत्तीसगढ़ के दल में जिन कराते खिलाड़ियों को रखा गया है, वे खिलाड़ी विवादित कराते संघ से संबंध रखते हैं। इस संघ पर दिल्ली हाई कोर्ट में रोक लगाई गई। राष्ट्रीय स्तर पर इस समय तीन कराते संघ हैं और संघों ने राष्ट्रीय खेलों में अपने-अपने खिलाड़ी भेजने के लिए कोर्ट की सरण ले रखी है।
झारखंड के राष्ट्रीय खेलों के लिए कराते के जिन खिलाड़ियों को प्रदेश के दल में शामिल किया गया है, उस संघ के बारे में दूसरे संघ से जुड़े प्रदेश संघ के सचिव अजय साहू ने बताया कि चेन्नई के आर. त्यागराजन की अध्यक्षता वाले इस संघ के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 मार्च तक स्टे दे रखा है। उन्होंने बताया कि इस संघ को भारत सरकार के साथ भारतीय ओलंपिक संघ ने भी मान्यता दे रखी है। इसी के खिलाफ पीआर रमेश के सचिव वाले संघ ने दिल्ली हाई कोर्ट में मामला लगाया है जिसके एवज में कोर्ट ने पहले त्यागराजन वाले संघ पर 14 दिसंबर तक स्टे लगाया था, इसके बाद इसको 21 मार्च तक बढ़ा दिया गया है।
राजस्थान के रामेश्वर निर्वाण की अध्यक्षता वाले संघ के संबंध रखने वाले अजय साहू ने बताया कि हमारे राष्ट्रीय संघ ने मुंबई हाई कोर्ट में मामला लगाया है। इस मामले का फैसला जल्द होने वाला है। उन्होंने बताया कि भारतीय कराते संघ का मुख्य पंजीयन मुंबई से ही है, बाद में चेन्नई से इसका पंजीयन करवा दिया गया जिसके कारण विवाद प्रारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि मुंबई हाई कोर्ट ने तो रामेश्वर निर्वाण को ही भारतीय कराते संघ का अध्यक्ष माना है।
एक जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्तर के तीनों संघों ने झारखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में अपने-अपने खिलाड़ी शामिल करवाने के लिए कोर्ट की शरण ली है और वहां अपने-अपने खिलाड़ियों की सूची जमा कर रखी है। पीआर रमेश वाले संघ ने 21 से 24 जनवरी तक बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया है इसके बाद ही इनकी सूची का फैसला होगा।
संघ के पास खिलाड़ी कम
जिस प्रदेश कराते संघ को खेल विभाग ने मान्यता दे रखी है, उसके बारे में कहा जाता है कि उनके पास बहुत कम खिलाड़ी हैं। यही वजह है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए महज दो खिलाड़ी ही पात्रता प्राप्त कर सके हैं। इस संध के बारे में जानकार बताते हैं कि इस संघ के अध्यक्ष और सचिव का राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग संघों से संबंध हैं। लेकिन ये बात यहां पर इनके पदाधिकारी मानने को तैयार नहीं है।
खिलाड़ियों का होगा नुकसान
संघों के झगड़े के कारण ही प्रदेश के खिलाड़ियों को नुकसान होने की बात की जा रही है। कराते से जुड़े लोग कहते हैं कि संघों के झगड़े के कारण ही खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है। इनका कहना है कि यह अपने आप में शर्मनाक बात है कि राज्य के दो ही खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता मिली है, जबकि राज्य में कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ कई राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। अगर एक जुटता के साथ प्रदेश की टीम बनती तो जरूर यहां के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी टीम में स्थान बनाते और राज्य के लिए राष्ट्रीय खेलों में पदक लाने में सफल होते।

भारतीय ओलंपिक संघ के निर्देशों का पालन करेंगे
इस मामले में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव बश्ीर अहमद खान का कहना है कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे भारतीय ओलंपिक संघ से मिले निर्देशों का पालन करेंगे। वे कहते हैं कि भारतीय ओलंपिक संघ से जिस संघ को मान्यता होगी उसी संघ के खिलाड़ियों को छत्तीसगढ़ के दल में रखा जाएगा। वे कहते हैं कि उनको इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि जिस संघ को भारतीय ओलंपिक संघ ने मान्यता दे रखी है, उसके खिलाफ हाई कोर्ट ने स्टे दे रखा है।

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