बुधवार, 28 सितंबर 2011

शह और मात का खेल शुरू

अंतर कॉलेज शतरंज में खेलने के लिए महंत कॉलेज में रायपुर सेक्टर के कॉलेजों के खिलाड़ी बहुत ज्यादा संख्या में जुटे हैं। कॉलेज के ज्यादातर खेलों में खिलाड़ियों का टोटा होता है, लेकिन शह और मात का खेल खेलने में कॉलेज के विद्यार्थियों की रुचि ज्यादा है। स्पर्धा का उद्घाटन पंडित रविशंकर विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शिव कुमार पांडे ने किया। पहले दिन नाकआउट में एक ही चक्र का मुकाबला हुआ।
महंत कॉलेज में सुबह के ही खिलाड़ियों का जमावड़ा लगा। पुरुष वर्ग में 80 और महिला वर्ग में 28 खिलाड़ी मैदान में है। स्पर्धा में खिलाड़ियों की ज्यादा संख्या को देखते हुए पहले दिन नाकाआउट मुकाबले कराए गए। अब दूसरे दिन बुधवार को तीन चक्रों के मुकाबले होंगे।
स्पर्धा का उद्घाटन करके हुए रविवि के कुलपति शिव कुमार पांडे ने कहा कि शतरंज भारत का सबसे पुराना खेल है। इस खेल को तो जंग के रूप में खेला जाता था। राजा-महाराजा मोहरों के स्थानों पर अपने सिपाही रखकर खेलते थे। शतरंज का खेल पूरी तरह के बौद्धिक खेल है। इस खेल के बुद्धि का विकास होता है। यह रविशंकर विश्व विद्यालय के लिए अच्छा बात है कि बहुत कॉलेजों के छात्र-छात्राओं की रुचि इस खेल में नजर आ रही है। खिलाड़ियों की संख्या बता रही है कि कॉलेज के विद्यार्थी एकाग्रत होकर इस खेल को खेलने में रुचि लेते हैं।

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