बुधवार, 1 जून 2011

छोटे बच्चे भी बास्केटबॉल के दीवाने

Justify Fullबास्केटबॉल की दीवानगी छोटे-छोटे बच्चों के भी सिर चढ़कर बोल रही है। पुलिस मैदान में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में दूसरी क्लास से लेकर 12 वींं क्लास तक की छात्राएं प्रशिक्षण ले रही हैं। ये छात्राएं महज समर कैम्प के लिए नहीं आईं हैं बल्कि बास्केटबॉल नियमित खेलना चाहती हैं।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे 21 खेलों के प्रशिक्षण शिविरों में से बास्केटबॉल का प्रशिक्षण शिविर पुलिस मैदान में चलाया जा रहा है। इस शिविर में 60 से ज्यादा लड़कियों प्रशिक्षण लेने आ रही हैं। प्रशिक्षण लेने वाली खिलाड़ी हर उम्र की हैं। इन खिलाड़ियों में दूसरी क्लास की भी छात्राएं हैं। आलविया परवीन, जागृति और पायल दीप दूसरी की छात्राएं हैं। इसी तरह से काजल तीसरी, रोमा यादव चौथी छात्रा हैं। अन्य खिलाड़ियों में तानिया यादव, शैबी सुकैन खान, आस्था गोलछा, अन्नु थामस, शारदा बारले. सुकन्या यादव, रौशनी खनूजा, अपूर्वा जैन, मनीषा ध्रुव शामिल हैं। ये सारी की सारी खिलाड़ी पहली बार प्रशिक्षण शिविर में आई हैं और इनका कहना है कि अब वे नियमित रूप से बास्केटबॉल खेलना चाहती हैं।
खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने वाली सीनियर ज्योति सिंह बताती हैं यह बास्केटबॉल के लिए काफी अच्छी बात है कि कम उम्र की खिलाड़ी खेलने आ रही हैं, लेकिन इनको प्रशिक्षण देना आसान नहीं है। बास्केटबॉल लंबे खिलाड़ियों का खेल माना जाता है, ऐसे में कम उम्र की खिलाड़ियों के लिए बास्केट करना कठिन है, इसके बाद भी इनको प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इन्होंने पूछने पर बताया कि खिलाड़ियों को बास्केटबॉल के बैस के बारे में बताया जा रहा है। खिलाड़ियों को ड्रिब्लिंग, पासिंग और शूटिंग सिखाई जा रही है। खिलाड़ियों की टीमें बनाकर उनके बीच मैच भी करवाए जा रहे हैं। खिलाड़ियों के फिटनेस के लिए जहां मैदान के बाहर एक चक्कर लगाने कहा जाता है, वहीं मैदान के पांच चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्होंने बताया कि शिविर के लिए सारा सामाना खेल विभाग ने दिया है। खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने में सीनियर खिलाड़ी सुष्मिता बुंदेल और दिपाली मतेलकर भी मदद कर रही हैं। पुलिस मैदान का प्रशिक्षण शिविर शाम को 5 बजे से प्रारंभ होता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में