गुरुवार, 18 अगस्त 2011

छोटे से काम में अटका सवा दो करोड़ का हास्टल

साइंस कॉलेज के मैदान में सवा दो करोड़ की लागत से बने 100 बिस्तरों वाले हास्टल का उद्घाटन छोटे-मोटे कामों के कारण नहीं हो रहा है। खेलमंत्री लता उसेंडी ने इन कामों के लिए अधोसंरचना मद से राशि देने की बात तो कही है, पर इसे अभी तक खेल मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल पाई है। इधर विभाग से हास्टल की बाऊंड्री के लिए एक 22 लाख का भी प्रस्ताव बनाकर भेजा है।

खेल विभाग साइंस कॉलेज के मैदान में मिली 34 एकड़ जमीन को खेल हब के रुप में विकसित करने में लगा है। यहां पर तीन खेलों हॉकी, तीरंदाजी और स्क्वैश की अकादमी बनाने की तैयारी है। इन अकादमियों में रखे जाने वाले खिलाड़ियों के लिए विभाग के पिछले साल ही यहां पर दो करोड़ 31 लाख की लागत से एक हास्टल का निर्माण प्रारंभ किया था। लोक निर्माण विभाग ने हास्टल का काम तो पूरा कर दिया है, लेकिन हास्टल में बिजली के काम के साथ इंटीरियल का काम शेष है। इंटीरियल के काम पर 6 लाख और बिजली पर 13 लाख का खर्च आना है। इस खर्च के लिए जब वित्त विभाग ने हाथ खड़े कर दिए तो एक प्रस्ताव बनाकर खेलमंत्री लता उसेंडी के सामने रखा गया। खेलमंत्री ने इस प्रस्ताव पर मौखिक मंजूरी तो पिछले माह दे दी थी, पर अब तक लिखित मंजूरी नहीं मिल पाई है जिसके कारण बचा काम प्रारंभ नहीं हो रहा है। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि विभागीय प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद है कि जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी और बचा काम प्रारंभ करके हास्टल का उद्घाटन कर लिया जाएगा।

बाऊंड्री के लिए 22 लाख का प्रस्ताव

खेल संचालक ने बताया कि हास्टल को सुरिक्षत रखने के लिए बाऊंडी बनाने का एक प्रस्ताव भेजा गया है। इस पर करीब 22 लाख का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि हास्टल के पास ही हॉकी, वालीबॉल और तीरंदाजी के मैदान है। यहां पर अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षकों से जानकारी मिली है कि सुबह और शाम के समय लोग मैदान को ओपन शौचालय के रुप में प्रयोग करने लगते हैं जिससे परेशानी होती है, ऐसे में हास्टल के लिए बाऊंड्री जरूरी है जिसका प्रस्ताव भेजा गया है।

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